उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, Novel

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 16:59

Best quotes-

We think in generalities, but we live in details.

---Alfred North Whitehead (1861-1947)


जाकोब स्टेलाके घरमें सोफेपर बैठा हूवा था. उसके कंधेपर स्टेलाका सर टीका हूवा था और उसका सर थपथपाकर वह उसे दिलासा देनेकी कोशीश कर रहा था. पथरीली गुंफामें एक पत्थरके सिरेको अटका हूवा कपडा गिब्सनके शर्टका है यह जानने के बाद उसपर दुखका पहाड टूट पडा था.

'' अबभी उम्मीद मत खोना '' जाकोब उसे ढांढस बंधानेकी कोशीश कर रहा था.

स्टेलाने उसके कंधेसे अपना सर उठाया और वह अब उसके आंखोमे देखते हूए बोली,

'' वह एकही आशा थी जिसपर मै जी रही थी. ''

जाकोबभी अब उसकी आंखोमें देखने लगा. एक दुसरेकी तरफ देखते हूए उनके आंखोही आंखोमें कुछ बाते हूई, कुछ इशारे हूए. वे एकदुसरेके और करीब खिसक गए. जाकोबने उसका चेहरा उपने हांथोमें लिया और वह उसकी तरफ एकटक देखने लगा. जाकोबको एहसास हो रहा था की उसके होंठ अब थरथराने लगे है. वही कंपन उसे स्टेलाके होठोंमेभी दिखाई दिया. उसने धीरे धीरे अपने थरथराते गरम होंठ उसके कांपते हूए होठोंपर रख दिए.

उसी वक्त स्टेलाके घरके बाहर एक कार आकर रुक गई. सुझान और डॅनियल कारसे उतर गए. हनीमुनके लिए गए वे हालहीमें भारतसे लौटे थे. दुल्हा दुल्हनका नयापन अबभी बरकरार लग रहा था. वे एकदुसरेको छेडते हूए स्टेलाके घरकी तरफ बढने लगे.

'' कितने दिन हूए है हम उसे नही मिले है ?'' डॅनियलने पुछा.

'' 15 दिनसे जादा हूए होगे. ...'' सुझानने कहा.

'' और आशा करते है की मेरे भाईके शोधकार्यमें कुछ तरक्की हूई हो ...'' सुझानने गंभीर होते हूए कहा.

स्टेला और जाकोब अब भावविभोर होकर एकदुसरेपर चुंबनोंकी बरसात कर रहे थे. स्टेलाके शरीरसे खेलते हूए जाकोबके हाथ धीरे धीरे स्टेलाका टॉप निकालनेमें व्यस्त होगए. स्टेलाभी अब जाकोबके शर्टकी बटन्स खोलने लगी. जाकोबने स्टेलाका टॉप निकालनेके बाद वह उसके उरोजोंको धीरेसे स्पर्ष करने लगा. और अब उसका दुसरा हात उसके स्कर्टसे छेडछाड करने लगा.

सुझान और डॅनियल स्टेलाके घरके सामने जो बगीचा था उससे चलने लगे थे.

'' शादीके पार्टीमें ब्रॅट तुमसे क्या खुसुरफुसुर कर रहा था ?... मै तुम्हे पुछूं कहते हूए देखो अब मुझे याद आ गया. '' डॅनियलने कहा.

'' वैसा कुछ खास नही ... वह सिर्फ मुझे कुछ शक होनेपर या कुछ खास जानकारी मिलनेपर फोन करनेके लिए बोल रहा था ... ऐसा लग रहा था की उसका शक स्टेलाके बारेमें कुछ जादाही गहरा गया लग रहा था '' सुझानने कहा.

'' तुम्हे क्या लगता है ? .. स्टेलाके बारेमें '' डॅनियलने पुछा.

'' यहां मेरे लगनेका ना लगनेका सवालही कहा पैदा होता है ? ... सच क्या है यह ब्रॅटने पता लगाना चाहिए '' सुझान कंधे उचकाती हूई बोली.

इधर घरमें स्टेला और जाकोब दोनों निर्वस्त्र हो गए थे और एकदूसरेपर चुंबनोंका वर्षाव कर रहे थे. जाकोब उसपर धीरेसे झुक गया. वह उसमें शारीरीक, आत्मीक रुपसे पुरी तरह समानेके लिए मचल रहा था. तभी अचानक स्टेलाको क्या हूवा पता नही, उसने उसे जोरसे धकेलते हूए अपनेसे अलग किया.

'' प्लीज... कृपा करके यहांसे चले जावो '' स्टेला अपना नग्न शरीर ढंकते हूए, अपना मुंह दुसरी तरफ फेरकर बोली.

जाकोब उसकी तरफ आश्चर्यसे देख रहा था. उसे उससे इस तरहके व्यवहार की उम्मीद नही थी.

' लिव मी अलोन'' उसका गला भर आया था और आंखोसे आंसू छलक पडे.

'' सच कहूं तो मुझे तुम्हे एक महत्वपुर्ण बात बतानी थी '' जाकोब अपने कपडे इकठ्ठा करते हूए बोला.

इतनेमें डोअर बेल बजी. उन्होने एक दूसरेकी तरफ देखा और वे अपने अपने कपडे जल्दी जल्दी पहनने लगे. .

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 16:59

Precious thoughts -

Twenty years from now you will be more disappointed by the things you didn't do than by the ones you did. So throw off the bowlines, Sail away from the safe harbor. Catch the trade winds in your sails. Explore. Dream.

---- Mark Twain [Samuel Langhornne Clemens] (1835-1910)


सुझानने स्टेलाके मकानकी डोअरबेल दबाई. डॅनियल उसके बगलमेंही खडा था. वे दोनो अब दरवाजा खुलनेका इंतजार करते हूए वही खडे रहे. दरवाजा खुलनेतक सुझानने पिछे मुडकर एक बार आसपासके बगीचेपर अपनी नजर दौडाई.

'' देखो कुछ पौधे कैसे मर रहे है '' सुझानने कुछ सुख रहे छोटे छोटे पौधोंकी तरफ डॅनियलका ध्यान आकर्षीत कर कहा.

'' स्टेलाको उनकी तरफ ध्यान देनेमें वक्त नही मिलता होगा... उसका खुदका जिवनवृक्ष ऐसे उजडनेके बाद बेचारी इन छोटे छोटे पौधोंकी तरफ क्या ध्यान दे पायेंगी. ?'' डॅनियलने कहा.

इतनेमें स्टेलाके घरका दरवाजा खुला. दारवाजेमें स्टेला खडी थी.

'' सुझान !... डॅनियल! ... कैसे हो ... कब वापस आगए आप लोग ?'' उन दोनोंको अचानक दरवाजेमें खडे देखकर स्टेला आश्चर्यसे बोली.

खुशीके मारे सुझान और स्टेला एक दुसरेसे लिपट गई.

स्टेला सुझानको और डॅनियलको घरके अंदर ले गई. काफी दिनोंसे मिलनेकी वजहसे अंदर आते हूए एक दुसरेका हाथ हाथमें लेकर उनका बाते करना, हंसना जारी था. अंदर हॉलमें आतेही सुझानने अपना हाथ स्टेलाके हाथसे छूडा लिया. उसका हंसता खिलखिलाता चेहरा अचानक गंभीर हो गया. अंदर हॉलमें सोफेपर जाकोब बैठा हूवा था. उसके बाल बिखरे हूए और कपडे मसले हूए दिख रहे थे. स्टेलाको क्या बोला जाए कुछ समझमें नही आ रहा था. स्टेला कुछ बोलनेके पहलेही वह अपने चेहरेके भाव ठिक करनेका प्रयास करते हूए उठ खडा हो गया और सुझान और डॅनियलका स्वागत करनेके लिए सामने आ गया.

'' हॅलो सुझान '' जाकोब अपना हाथ आगे करते हूए बोला.

सुझानने जानबुझकर उसकी तरफ देखा अनदेखा किया. सुझानके चेहरेसे साफ झलक रहा था की उसे जाकोबका वहा होना बिलकूल अच्छा नही लगा था. बादमें जाकोबने डॅनियलके साथ हस्तांदोलन किया और उसके कंधेपर अपना हाथ रखकर बोला, '' हाय डॅनियल... हनिमून कैसा रहा ?''

'' एकदम झकास'' डॅनियल एक नजर सुझानकी तरफ डालते हूए बोला.

उसे अपेक्षीत था की सुझान उसके इस कमेंटसे शरमाएगी या कुछ प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी. लेकिन वैसा कुछभी नही हूवा. सुझानने डॅनियलकी कमेंटकी तरफ ध्यान नही दिया. जाकोबको वहां देखकर उसका मुड एकदम खराब हूवा ऐसा लग रहा था. सुझान पैर पटकती हूई सिधे घरमें जाने लगी.

'' स्टेला हम अंदर है '' सुझानने रुक्ष स्वर मे कहा और वह अंदर चली गई.

डॅनियलभी स्टेला और जाकोबको वही छोडकर उसके पिछे पिछे अंदर चला गया.

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 16:59

Quote of the day -

In life we all have an unspeakable secret, an irreversible regret, an unreachable dream and an unforgettable love.

---Diego Marchi


जाकोबने वहां बगलमें रखा अपना ओव्हरकोट पहन लिया और वह वहांसे जानेके लिए तैयार हो गया. स्टेला अबभी वही खडी थी. उन दोनोंमे एक अजिब चूप्पी. एक अजिब सन्नाटा छाया हूवा था. वातावरणमेंभी तनाव महसूस किया जा सकता था.

'' ओके.. तो मै चलता हूं '' जाकोब किसी तरह बोला.

उनकी एकदूसरेसे नजरे मिलानेकीभी हिम्मत नही हो रही थी. फिरभी एक पलके लिए क्यों ना हो उन्होने एक दूसरेकी तरफ देखा. जादा देर वह एकदूसरेसे नजरे नही मिला सके. स्टेलाने झटसे अपनी गर्दन झूकाई तो जाकोब वहांसे चले जानेका बहाना बनाकर दरवाजेकी तरफ मुड गया. एक पलकाभी समय ना गवांते हूए वह लंबे लंबे कदम भरते हूए वहांसे चला गया. जाए या ना जाए इस दुविधामें स्टेला उसके पिछे पिछे दरवाजेतक जाने लगी, लेकिन वह बिचमेंसेही वापस अंदर आ गई.

जाकोब जाते हूए उसकी तरफ मुडकर देखते हूए बोला, '' बाय.''

उसने मुडकर दरवाजेकी तरफ देखा. तो वह जा चूका था. स्टेला फिरसे दरवाजेके पास गई और उसने दरवाजा बंद कर दिया. दरवाजा बंद कर वह अंदर सुझान और डॅनियलकी तरफ जाने लगी थी तभी उसका ध्यान सोफेकी तरफ गया. सोफेपर कुछ पडा हूवा था.

शायद जाकोब भूल गया होगा ...

उसने सोफेके पास जाकर देखा तो वह जाकोबकी डायरी थी. जाकोब शायद भूल गया होगा. वह डायरी उठाकर जल्दी जल्दी दरवाजा खोलकर वह घरके बाहर निकल गई.

शायद जाकोब अबभी गया नही होगा...

बाहर आनेके बाद वह आसपास कही जाकोब दिखता है क्या यह देखने लगी. वह कही नही दिख रहा था. वह और सामने गेटतक चली गई और बाहर देखने लगी. लेकिन जाकोब नही दिख रहा था. आखिर वह नही मिल रहा है यह देखकर वह घरके अंदर वापस आने लगी.

घरमें वापस आते हए वह यूंही जाकोबकी डायरी खोलकर उसके पन्ने पलटने लगी. चलते हूए वह एकदम रुक गई. डायरी पढकर उसे एक के उपर एक आश्चर्यके धक्के बैठ रहे थे. उसकी आंखे आश्चर्यसे बडी हो गई थी और चेहरेपर डर, चिंता और आश्चर्यके भाव कभी एक साथ तो कभी एक के बाद एक ऐसे आ रहे थे. डायरी पढते हूए वह घरके अंदर आ गई. घरमें हॉलमें आनेके बाद उसे एहसास हो गया की उसके पैरोकी शक्ती खत्म होकर उसके पैर एकदम क्षीण हो गए है. वह एकदमसे सोफेपर बैठ गई.

पहले घटे हूए कुछ प्रसंग एक एक कर उसकी आंखोकी सामनेसे जाने लगे. -


....उसे याद आगया. एक बार कॉफी हाऊसमे वे दोनों एक दूसरेके सामने बैठे हूए थे और जाकोब दोनोंके लिए कॉफी बना रहा था. उसने उसके अपने कपमें दो चमच चिनी डाली और स्टेलाके कपमें चिनी ना डालते हूए उसका कप उसको थमा दिया था.

'' मै बिना चिनीकी कॉफी लेती हूं यह तूम्हे कैसे पता ?'' उसने पुछा था.

'' मुझे ऐसी और काफी बाते पता है '' जाकोब मुस्कुराते हूए गुढतासे बोला था.

'' तुम्हे गिब्सनने बताया होगा कभी '' वह बोली थी.

और जाकोब रहस्यमय ढंगसे सिर्फ मुस्कुराया था .....


स्टेला सोफेपर बैठकर जाकोबके डायरीके और पन्ने पलटने लगी. इतनेमें सुझान वहां आ गई. उसने स्टेलाकी तरफ घूरकर देखा. लेकिन स्टेलाका ध्यान उसकी तरफ नही था. स्टेलाको और एक प्रसंग याद आ गया -


.....स्टेला जब उस खतरनाक ब्लॅकहोलमें छलांग लगानेवाली थी तब कैसे अचानक जाकोबने उसपर झपटकर उसे पकडकर कैसे पिछे खिंचा था......


स्टेला अबभी उस डायरीके पन्ने पलट रही थी. उसके चेहरेपर अबभी कभी आश्चर्याके, कधी डरके तो कभी चिंताके भाव दिखने लगे थे. वहा खडी होकर सुझान वह सब देख रही थी.

'' स्टेला ... क्या हूवा ?... किसकी डायरी है वह ?'' सुझान अपने आपको रोक नही पाई.

स्टेलाने कुछ जवाब नही दिया. वह अबभी डायरी पढनेमें मग्न थी. अचानक उसने डायरी बंद की, निश्चयके साथ वह उठकर खडी हो गई और जल्दी जल्दी घरसे बाहर निकल गई. डायरी उसके साथही थी.

सुझान आश्चर्यसे उसे घरसे बाहर जाते हूए देख रही थी. स्टेलाके मनमें क्या चल रहा था यह सुझानको कुछ समझ नही आ रहा था.


क्रमश:...

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