बीवी की पसंद_Biwi Ki Pasand

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

बीवी की पसंद_Biwi Ki Pasand

Unread post by sexy » 25 Jul 2015 11:07

लेखक - अनजान

मेरा नाम अमित है और बीवी का नाम शालिनी है। मैं 29 साल का हूँ और शालिनी की उम्र 26 साल है। मेरी बीवी एक बहुत ही खूबसूरत, 36-25-38, और सेक्सी औरत है। मेरा घर एक झील के किनारे एकांत में है। यह बात उन दिनों की है जब मेरे चाचा का लड़का छुट्टी में घर जा रहा था। मेरा कज़िन जब छुट्टी में घर जा रहा था तो अपने कुत्ते, बाबी, को मेरे घर में देख-भाल के लिये छोड़ गया। बाबी एक एलसेशियन कुत्ता था और बहुत ही बड़ा था।

हमने उस कुत्ते को अपने आउट-हाऊस में रख दिया। अगले दिन सुबह जब हम दोनों उस कुत्ते से मिलने गये तो वो अपनी पूँछ हिलाते हुए हमसे मिला और हम लोगों से उसकी दोस्ती हो गयी। रात को हम लोग खाना खाकर व्हिस्की का एक-एक पैगे लेके अपने बेडरूम में कुत्ते को लेकर बैठ गये। उस दिन शनिवार था और हमलोगों का प्रोग्राम जमकर चुदाई करने का था।

मैंने अपनी एक टी-शर्ट और शालिनी ने एक हल्के गुलाबी रंग की नाईटी पहन रखी थी। बाबी हमारे पास ही घूम रहा था और बार-बार हमारे पास दुम हिलाते हुए आ रहा था।

शालिनी उसके सर पर अपने हाथ फिरा रही थी। कुछ समय के बाद बाबी अपना सर शालिनी की गोद में रखकर लेट गया। कुछ समय के बाद बाबी अपने नथुने शालिनी की जाँघों के बीच रगड़ने लगा। शायद उसको शालिनी की चूत की खुशबू आ रही थी। बाबी धीरे-धीरे अपने नथुने शालिनी की चूत के पास ला रहा था और धीरे-धीरे उसका लण्ड खड़ा हो रहा था।

मैंने शालिनी को उसका लण्ड दिखाया तो वो हँस पड़ी और बोली- “शायद यह भी हमारी तरह चुदासा है…”

करीब दस मिनट के बाद शालिनी ने बाबी को घर से बाहर निकालना चाहा क्योंकी वो बार-बार शालिनी की चूत के पास अपने नथुने रगड़ रहा था। शालिनी और मैंने एक-एक पैग और व्हिस्की पिया। शालिनी ने अपने पैर उठाकर अपनी नाईटी के अंदर कर लिये थी। बाबी अब भी कमरे में घूम रहा था। हमारे पलंग और शालिनी के पैर के बीच कुछ जगह छूट गयी होगी और बाबी जल्दी से आया और शालिनी की चूत को चाटने लगा। शालिनी इस तरह अचानक बाबी से चूत चुसवाने के लिये तैयार नहीं थी और वो उछल पड़ी। बाबी का लण्ड अब बिल्कुल खड़ा हो गया था और अंदर से बाहर निकल आया था।

हम लोग अब बिल्कुल गरम हो गये थे और चुदाई के लिए तैयार हो चुके थे। मुझे बहुत जोर से पेशाब लगी थी और मैं बाथरूम में मूतने चला गया। तभी शालिनी को पता लगा कि उसके कान के बुंदे निकल गये हैं और वोह पलंग के नीचे घुटने के बल अपने कान के बुंदे ढूँढ़ने के लिए घुस गयी। मैं अभी मूत रहा था कि मुझे शालिनी की चीख सुनाई दी।

मैं दौड़कर कमरे में आया और देखा कि शालिनी का कमर से ऊपर का शरीर पलंग के अंदर है और बाबी उसके पीछे से कमर के ऊपर चढ़कर शालिनी की चूत अपने लण्ड से चोदने की कोशिश कर रहा है। यह देखकर मेरी हँसी छूट गयी और मैं हँसने लगा।

तभी शालिनी बोली- “हँसना बाद में पहले बाबी को मेरे ऊपर से अलग करो…”

मैं जब बाबी को अलग करने गया तो बाबी गुर्राने लगा। मैं पीछे हट गया और देखने लगा कि उसका लण्ड जो अब करीब 9” लम्बा और 4” मोटा हो चला था और शालिनी की चूत के अंदर घुसाने की कोशिश कर रहा था।

शालिनी ने चिल्लाकर पूछा- “क्या देख रहे हो अब कुछ करो भी…”

मैंने कहा- “रुको…” और मैं दौड़कर एक शीशा ले आया और शालिनी को बाबी के मोटे लण्ड से उसकी चूत की चुदाई का नज़ारा दिखाया।

शालिनी यह देखकर चौंक गयी और चिल्लाई- “बाबी को मेरी चूत से हटाओ…”

बाबी अब तक शालिनी की चूत के अंदर अपना लण्ड डालने में सफ़ल हो गया था और उसकी चूत चोद-चोदकर उसका भुर्ता बना रहा था। अब तो शालिनी की नाईटी भी उसकी कमर तक उठ गयी थी और गोरे-गोरे चूतड़ और खूबसूरत गाण्ड साफ़-साफ़ दिख रही थी।

मैंने शालिनी से कहा- “रुको मैं अभी एक डंडा लेकर आता हूँ और बाबी को भगाता हूँ। बिना डंडे के बाबी तुम्हारी चूत को नहीं छोड़ेगा…”

मैं बाहर गया और बाहर जाकर मुझे एहसास हुआ कि शालिनी और बाबी की चुदाई देखकर मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया है। मैं बाहर जाकर डंडा ढूँढ़ने लगा पर डंडा नहीं मिला तो मैं खिड़की से अंदर का नज़ारा देखने लगा। खिड़की पलंग के पास ही थी और मुझको अंदर का नज़ारा साफ़-साफ़ दिख रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं कमरे में घुसा तो देखा कि शालिनी का पूरा मुँह लाल हो गया है और वो अपनी चूत की चुदाई से बहुत खुश लग रही है।

मैंने शालिनी से कहा- “बाहर कोई डंडा नहीं मिल रहा है…”

शालिनी बोली- “कुत्ता मुझे खूब रगड़-रगड़ के चोद रहा है और मेरी चूत की चटनी बना रहा है…”

मैंने शालिनी से पूछा- “क्या तुम्हारी चूत में दर्द हो रहा है?”

तो वो बोली- “जैसे ही बाबी का लण्ड मेरी चूत में पहली बार घुसा तो मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था और इस कारण अब मुझे मजा आ रहा है और चूत बहुत चुदासी हो गयी है और खूब पानी छोड़ रही है…”

मैं उससे बोला- “बाबी का लण्ड मेरे लण्ड से बहुत बड़ा है और तेरी चूत उससे चुदवाने से और फैल जायेगी और उसका लण्ड और अंदर तक चला जायेगा। बाबी को जल्दी हटाना पड़ेगा, क्योंकी अगर उसका लण्ड तेरी चूत में फूलकर फँस गया तो तू उसके लण्ड के साथ फँसी रह जायेगी…”

शालिनी बोली- “इसका क्या मतलब?”

मैं बोला- “मैंने सुना है कि कुत्ता जब कुतिया को चोदता है तब कुछ देर के बाद उसका लण्ड नीचे से फूल जाता है और वो कुतिया की चूत में फँस जाता है। क्या तूने रास्ते में कुत्ता और कुतिया को गाण्ड से गाण्ड मिलाकर चिपके हुए नहीं देखे हैं…”

शालिनी बोली- “हाय जल्दी कुछ करो नहीं तो तुम्हरी बीवी भी बाबी की गाण्ड से गाण्ड मिलाकर फँसी रह जायेगी और तुम अपना लण्ड थामे देखते रह जाओगे और मुठ मारोगे…”

मैं फिर से बाहर गया और खिड़की से देखने लगा। मुझे हैरानी हुई यह देखकर कि शालिनी अब अपनी गाण्ड को पीछे को धकेल रही है और बड़ी मस्ती से बाबी के लण्ड का धक्का अपनी चूत में बड़े आराम से लगवा रही है। धीरे-धीरे बाबी ने अपना पूरा 9” इन्च लम्बा लण्ड शालिनी की चूत के अंदर पेल दिया। मुझे खिड़की से साफ़-साफ़ दिख रहा था कि शालिनी की चूत से सफ़ेद-सफ़ेद पानी निकलकर जमीन पर टपक रहा था और उसकी गाण्ड का छेद खुल और बंद हो रहा था।

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: बीवी की पसंद_Biwi Ki Pasand

Unread post by sexy » 25 Jul 2015 11:07

मुझे अपनी और शालिनी की चुदाई के अनुभव से लग रहा था की शालिनी की चूत फिर से पानी छोड़ रही है। थोड़ी देर के बाद बाबी अपनी कमर को खूब जोर से हिलाने लगा और अपना 9” इन्च का लण्ड शालिनी की चूत के अंदर-बाहर बड़ी ज़ोरों से करने लगा।

शालिनी के मुँह से सिसकारी निकल रही थी और वो अनाप-शनाप बोले जा रही थी, जैसे कि- “हाय मेरी माँ, मेरी चूत फट गयी है। कोई आकर देखे एक कुत्ता कैसे मेरी चूत की चुदाई कर रहा है… हाय और जोर से चोदो… फाड़ दो मेरी चूत… हाय मेरी चूत की खाल निकाल दो। हाय अमित देखो कैसे एक कुत्ता तुम्हारे ही सामने तुम्हारी बीवी को अपने मोटे लण्ड से चोद रहा है… हाय बड़ा मज़ा आ रहा है… हाय बाबी और जोर से चोद मुझे… आज फाड़ दे मेरी चूत को… बुझा दे मेरी चूत की गरमी को…”

बाबी ने थोड़ी देर शालिनी की चूत को खूब जोर-जोर से चोदा और फिर झड़कर सुस्त हो गया।

इतने समय तक शालिनी की चूत की चुदाई देखते-देखते मैं भी अपना लण्ड हाथ में थामे-थामे झड़ गया। मैं जल्दी से कमरे के अंदर भागकर गया तो देखा कि शालिनी की चूत अब बहुत फैल चुकी है और उसमें से बाबी के लण्ड की झड़न निकल रही है। शालिनी बाबी की चुदाई से थक गयी थी और हाँफ़ रही थी।

मैं उसके पास गया और बोला- “मैं अब बाबी को लात मारकर भगा देता हूँ…”

शालिनी बोली- “नहीं, अभी वो भी सुस्त हो गया है और थोड़ी देर के बाद जब उसका लण्ड मेरी चूत से छूटेगा तो वो अपने आप ही चला जायेगा…”

करीब दस मिनट के बाद बाबी का लण्ड मुरझा गया। शालिनी की चूत का छेद अब काफ़ी बड़ा हो गया था और काफ़ी सूज सा गया था। उसकी चूत से अब भी बाबी का माल बूँद-बूँद करके निकल रहा था। मैंने धीरे से शालिनी को पकड़कर खड़ा किया।

शालिनी मुझे शरमाई आँखों से देखने लगी और शरमा के बोली- “आज तक मेरी चूत इस कदर कभी नहीं चुदी, बाबी के लण्ड से मेरी चूत बिल्कुल भर सी गयी थी। बाबी के लण्ड ने मेरी चूत की खूब चुदाई करी और मैं पाँच बार झड़ी…” उसके बाद शालिनी अपनी नाईटी और सैण्डल उतारकर बाथरूम में गयी और अच्छी तरह से रगड़-रगड़कर नहाई।

शालिनी बाहर आकर नंगी ही बिस्तर पे बैठ गयी, और मुझसे बोली- “आओ अमित अब तुम मुझे चोदो, मेरी चूत तुम्हारा लण्ड खाने के लिए प्यासी है, आओ जल्दी से अपना मोटा लण्ड मेरी चूत में पेल दो और जोर-जोर से धक्के मार-मारकर खूब अच्छी तरह से चोदो…” इतना बोलकर शालिनी मेरे हाथों को अपनी चूची पर ले गयी और मेरा खड़ा लण्ड अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी।

मैंने अपनी एक उँगली शालिनी की चूत के अंदर पेल दी और अंदर-बाहर करने लगा।

शालिनी बोली- “क्यों टाइम बबार्द कर रहे हो, जल्दी से उँगली हटाकर अपना लण्ड मेरी चूत में पेलो…”

मैंने भी उठकर अपने लण्ड का सुपाड़ा शालिनी की चूत के छेद पर लगाया और एक जोरदार धक्का मारकर पूरा का पूरा लण्ड एक झटके के साथ शालिनी की चूत में घुसेड़ दिया। शालिनी की चूत थोड़ी देर पहले बाबी का 9” इन्च लम्बा और 4 इन्च मोटा लण्ड खा चुकी थी और इसीलिए उसकी चूत अब तक फैली हुई थी जिससे कि मुझे शालिनी को चोदने में मज़ा नहीं आ रहा था। फिर भी मैंने शालिनी की चूत को चोदा और उसकी चूत को अपनी झड़न से भर दिया और फिर मैं और शालिनी सो गये।

अगले दिन सनडे था और सुबह बाबी हमारे कमरे के अंदर आया तो शालिनी ने प्यार से उसके सर पर हाथ फिराया और मुझे आँख मारती हुई धीरे से बोली- “आज क्या करना है?”

हम दोनों ने नाश्ता किया और झील में नहाने के लिए तैयार हो रहे थे। हम लोग जब कपड़े बदल रहे थे तो शालिनी ने कहा- “देखो, यह क्या है?”

मैं झुक कर शालिनी की बाबी के लण्ड से चुदी चूत की तरफ़ देखने लगा। मैंने देखा कि शालिनी की चूत से अब भी बाबी के लण्ड की झड़न रिस-रिस कर निकल रही है।

शालिनी ने धीरे से अपनी चूत को पोंछ डाला और बोली- “मैंने कल रात करीब चार-पाँच बार उठकर अपनी चूत को साफ़ किया है। बाबी ने कल रात की एक चुदाई से अपने लौड़े का माल तुम्हारे माल से करीब तीन-चार गुना ज्यादा मेरी चूत में डाला है और वो अभी तक निकल रहा है…”

हम लोग सुबह-सुबह झील के किनारे गये और एक दरी बिछाकर उसपे लेट गये। बाबी हमारे बीच घूम फिर रहा था और बारबार शालिनी की तरफ़ घूर रहा था। शालिनी बाबी के सिर पर हाथ फिरा कर बोली- “हाय, तूने कल बहुत मज़ा दिया…”

बाबी ने जल्दी से अपने नथुने शालिनी की चूत पर रख दिये लेकिन शालिनी ने अपने चूतड़ हिलाकर अपनी चूत बाबी के नथुने से अलग कर दी। शालिनी ने अपने सारे कपड़े उतार दिये थे लेकिन अपनी चड्डी पहन रखी थी और मैंने सिर्फ़ एक जाँघिया पहन रखा था।

मैं शालिनी से बोला- “क्यों ना हम अपने सारे कपड़े उतार दें क्योंकी यह सुनसान प्राइवेट सी जगह है और आस-पास कभी कोई आता-जाता भी नहीं है…” कल बाबी से चुदाई के बाद मुझे शालिनी का रिएक्शन देखना था।

शालिनी मेरा कहना मान गयी और पूरी तरह नंगी हो गयी। शालिनी को नंगी देखकर बाबी के कान खड़े हो गये और वो शालिनी की चूत की तरफ़ देखने लगा।

मैंने शालिनी से पूछा- “क्या बाबी को भगा दिया जाये?”

तो शालिनी बोली- “नहीं कल रात बाबी ने मुझे ना तो काटा और ना ही कोई नुकसान पहुँचाया, बस मेरी चूत को जमकर चोदा…”

मैं मज़ाक में शालिनी से बोला- “काश… मेरा भी लण्ड बाबी के जैसा मोटा और लम्बा होता…”

शालिनी बोली- “नहीं तुम्हारा लण्ड बहुत बड़ा है लेकिन कुत्ते का लण्ड तो कुत्ते का ही है…”

मैं शालिनी से बोला- “शायद तुम पहली या आखिरी औरत नहीं हो जिसकी चूत कुत्ते के लण्ड से चुदी हो…”

शालिनी बोली- “मैं मैगज़ीन और किताबों में पढ़ चुकी हूँ कि औरतें कुत्ते से चुदवाना पसंद करती हैं…”

मुझे शालिनी की बात सुनकर बहुत ताज्जुब हुआ और सोचने लगा कि शालिनी ऐसा क्यों कह रही है। हम लोग लेटे हुए बात कर रहे थे।

बाबी बारबार शालिनी के पास आ रहा था और अपना नथुना शालिनी की चूत के पास ला रहा था, लेकिन शालिनी बार-बार उसको हटा रही थी। बाबी का लण्ड अब खड़ा होने लगा था और वो फूलकर लटक रहा था। बाबी का मोटा खड़ा लण्ड देखकर शालिनी अपने होंठ चाट रही थी। अब तक धूप काफ़ी निकल आयी थी और मुझको गरमी लग रही थी।

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: बीवी की पसंद_Biwi Ki Pasand

Unread post by sexy » 25 Jul 2015 11:08

इसलिए मैं शालिनी से बोला- “मैं घर के अंदर जाता हूँ, क्या तुम भी आना चाहती हो?”

शालिनी बोली- “नहीं मैं बाहर ही रहूँगी…”

मैंने फिर पूछा- “क्या मैं बाबी के लेकर जाऊँ?”

तो शालिनी बोली- “नहीं रहने दो। इसको बाहर ही रहने दो…”

मैं एक पेड़ के पीछे जाकर छाँव में बैठ गया और सोने की तैयारी करने लगा। शालिनी मुझको मुड़-मुड़कर देख रही थी। मैं समझ गया वो मुझको सोते देखना चाहती है। इसलिए मैं आँख बंद करके सो गया।

करीब पाँच मिनट के बाद उसने मेरा नाम पुकारा लेकिन मैं चुप रहा और सोने का बहाना करता रहा। फिर शालिनी भी एक पेड़ के नीचे जाकर लेट गयी और अपने सैंडल से बाबी का लण्ड, जो कि अभी तक पूरा खड़ा नहीं हुआ था, छूने लगी। बाबी अब शालिनी के और पास गया। शालिनी ने तब बाबी को और पास खींच लिया और उसका लण्ड अपने हाथ से पकड़कर हिलाने लगी। सिर्फ़ दो मिनट के बाद बाबी का लण्ड खड़ा हो गया और चूत में घुसने के लिए तैयार हो गया।

बाबी जल्दी से शालिनी के ऊपर चढ़ गया। शालिनी चित्त लेटी हुई थी।

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि शालिनी कैसे चित्त लेटकर बाबी से चुदवायेगी।

शालिनी ने बाबी को अपने और ऊपर खींच लिया। अब बाबी का खड़ा लण्ड शालिनी की चूची के ऊपर था। शालिनी ने बाबी को और ऊपर खींचा। अब बाबी का लण्ड ठीक शालिनी के मुँह के ऊपर था। शालिनी ने अपनी जीभ निकालकर धीरे से बाबी के मोटे खड़े लण्ड को चाटा। अब शालिनी ने धीरे से बाबी का लण्ड अपने मुँह के अंदर लिया और उसको जोर-जोर से बड़े मज़े से चूसने लगी और साथ-साथ अपने एक हाथ से अपनी चूत में उँगली डालकर अंदर-बाहर कर रही थी।

थोड़ी देर बाद शालिनी ने अपने मुँह से बाबी का लण्ड निकाला और बाबी का लण्ड अपनी चूची पर रगड़ने लगी और दूसरे हाथ से उसके गोल-गोल गोटे सहलाने लगी। बाबी ने बड़ी जोर से एक बार अपनी कमर हिलाई और शालिनी की चूची, मुँह और चेहरे पे झड़ने लगा। शालिनी धीरे से अपनी जीभ निकालकर अपने मुँह और चेहरे पर गिरा बाबी का माल चाटने लगी।

मुझे यह देखकर बड़ी हैरानी हुई क्योंकी आज तक शालिनी ने इतने जोश और इच्छा से कभी मेरा लण्ड मुँह में लेकर नहीं चूसा था, लेकिन आज वो बाबी का लण्ड बड़े मजे से चूस रही थी। अब शालिनी धीरे से नीचे सरक कर अपनी चिकनी चूत बाबी के मुँह के पास ले गयी।

बाबी अब शालिनी की गाण्ड से लेकर उसकी चूत की घुंडी तक चाटने लगा। बाबी के चूत चाटने से शालिनी झड़ गयी और बड़ी हसरत भरी निगाहों से बाबी के लण्ड की तरफ़ देखने लगी। सिर्फ़ दो-तीन मिनट के बाद ही बाबी का लण्ड फिर से खड़ा होने लगा और अब मुझको समझ में आने लगा कि शालिनी बाबी को एक बार झड़ा लेना चाहती थी जिससे कि बाबी खूब देर तक शालिनी की चूत की अपने लण्ड से चुदाई कर सके।

अब शालिनी अपने हाथ-पैर के बल झुक कर कुतिया जैसी हो गयी। अब कुत्ता पीछे से आकर शालिनी कि चूत सूँघकर फिर से चाटने लगा और फिर शालिनी के ऊपर चढ़ गया। अब बाबी का लण्ड शालिनी की चूत के छेद के सामने था और शालिनी ने अपना हाथ पीछे लेजाकर बाबी का लण्ड अपनी चूत के छेद से मिला दिया।

अब बाबी अपनी कमर को धीरे-धीरे से चलाकर अपना लण्ड धीरे-धीरे शालिनी की चूत के अंदर डालने लगा और धीरे-धीरे शालिनी की चूत को चोदने लगा। कुत्ते का लण्ड शालिनी के चूत-रस से भीगकर बहुत चमक रहा था। बाबी के मोटे लण्ड से शालिनी की चूत का छेद बहुत फैल गया था और मुझको लग रहा था कि कल रात की चुदाई से शालिनी का छेद बाबी का लण्ड आसानी से भीतर ले लेगा। बाबी अब अपने मोटे लण्ड को करीब 5” इन्च बाहर निकाल रहा था और पूरे जोर से अंदर पेल रहा था।

मुझे अब साफ़-साफ़ शालिनी की चूत से चुदाई की आवाज सुनाई पड़ रही थी। बाबी ने करीब 15 मिनट तक शालिनी की चूत का मंथन किया और इतने समय में शालिनी करीब 5 बार झड़ी क्योंकी शालिनी हर बार झड़ने के साथ बहुत बड़बड़ा रही थी।

आखिरकार बाबी अब ठंडा पड़ चुका था पर उसक लण्ड शालिनी की चूत में फँस गया था। बाबी शालिनी की पीठ से अपने आगे के पैर हटाकर मुड़ गया और अब दोनों की गाण्ड से गाण्ड चिपकी हुई थी और दोनों हाँफ रहे थे। जब शालिनी की साँसें सामान्य हुई और वो गर्दन घुमाकर देखी तो मुझसे नजरें टकरा गयी।

वो हँसकर बोली- “बाबी का लण्ड बहुत मोटा और लम्बा है और कल रात की चुदाई से मेरी चूत लण्ड की ठोकर खाने के लिए तड़प रही थी। फिर यह कुत्ता तो कल चला ही जायेगा इसलिए मैंने इसके लण्ड से फिर एक बार अपनी चूत मरवा ली। क्या बताऊँ बहुत ही मज़ा आया। जब बाबी धक्के मारता है तो लगता है उसका लण्ड मेरे मुँह से निकलकर बाहर आ जायेगा। मैं तो अब इससे गाण्ड भी मरवाना चाहती हूँ…”

इतनी देर में कुत्ते का लण्ड प्लाप की आवाज के साथ शालिनी की चूत से निकल आया। मुझे शालिनी की चूत का फ़ैला हुआ छेद अब साफ़-साफ़ दिख रहा था और उसमें से बाबी का माल टपक रहा था। शालिनी की चूत का मटर-दाना (क्लिट) और चूत की पपड़ी बिल्कुल फूलकर लाल पड़ चुकी थी।

मैंने शालिनी से झील में जाकर नहाने के लिए बोला।

तो वो मेरा लौड़ा पकड़कर बोली- “चलो तुम भी नहा लो क्योंकी तुम मेरी चुदाई देखकर गरम हो गये हो और अब तो तुम्हारे कज़न का भी आने का समय हो गया है…”

मैं बोला- “जब तुम बाबी से इतनी अच्छी तरह से चुदवा सकती हो तो मैं आज रात को तुमसे अपना लण्ड चुसवाऊँगा और तुम्हारी गाण्ड भी मारूँगा…”

शालिनी बोली- “ठीक है, पहले मैं तुम्हारा लौड़ा चूसूँगी और फिर तुम मेरी गाण्ड में अपना लण्ड पेलकर मेरी गाण्ड फाड़ देना। बस अब चलो नंगे होकर झील में नहाते हैं…”

मेरा चचेरा भाई शाम को हमारे घर आया और हमसे बोला- “मैं 6 महीने के लिए विदेश जा रहा हूँ और बाबी को किसी के हाथ बेचकर जाऊँगा…”

शालिनी मेरी तरफ़ तिरछी नज़रों से देखने लगी लेकिन कुछ बोली नहीं। मैं शालिनी की तरफ़ देखते हुए भाई से बोला- “अगर सिर्फ़ 6 महीने की बात है तो हम लोग बाबी को अपने पास रख लेंगे क्योंकी हमारा घर भी बड़ा है और हम लोग बिल्कुल अकेले रहते हैं…”

शालिनी मेरी तरफ़ देखकर मुश्कुराई और आँखों से मुझे धन्यवाद दिया।
.
.
***** THE END समाप्त *****

Post Reply