इधर सरोज की नींद
अचानक खुल गयी उसे ज़ोर की प्यास लगी थी वो अपने बेड
उठते हुए कमरे का दरवाज़ा खोल कर
किचन की ऑर जाने लगी उसे उसके मम्मी पापा के कमरे से
उसकी मा की आवाज़े सुनाई दी आवाज़ें सिसकारियाँ जैसी
थीं वो समझ गयी कि अंदर क्या चल रहा है वो जानती
थी उसकी मा कितनी चुड़क्कड़ औरत है और रात को रोज उसके
पापा उसकी मम्मी की चुदाई करते हैं वो वहीं पास की
खिड़की से अंदर झाँकने की कोशिश करने लगी परदा थोड़ा
हटा हुआ था वो उससे अंदर का सीन बिल्कुल सॉफ सॉफ दिख
रहा था उसने देखा की उसकी मा टांगे चौड़ी किए
लेटी है और उसका बाप अपने मोटे और कड़क लंड से उसे
पूरे जोश के साथ चोद रहा है. सरोज की चूत भी अब रस
टपकाने लगी थी. आपने आप उसका हाथ नाइटी के उपर से ही
चूत के उपर चली गया और अपनी चूत को रगड़ने लगी.
इधर सूरज अंकल अपने कड़क लंड को लगातार अपनी पत्नी की
चूत में अंदर बाहर किए जा रहे थे. कोमल मस्ती में
चिल्ला रही थी और अपने गर्दन इधर उधर कर रही थी
हां मेरे राज्जा फाड़ डालो मेरी चूत को और ज़ोर से चोदो
मुझे तुमहरा लंड क्या मस्त है ऊओह क्या कड़क लॉडा
है तुम्हारा मेरे चुड़दकड़ पति कोमल बके जा रही थी
हां मेरी रानी दिन बा दिन तुम बहुत मस्त होती जा रही हो बहुत
मस्ती में तुम चुद्वाती हो कोई भी जवान लंड तुम्हे देख
कर अभी भी बेकाबू हो सकता है मेरी जान" सूरज अंकल भी
मस्ती में बोले जा रहे थे आअज तेरी गांद भी मारूँगा
मारने दोगि ना अपनी गांद बहुत मस्त है तुम्हारी गांद"
सूरज अंकल नें पूछा हां मेरे राज्जा मार लेना
रोज़ तो मारते पर आज क्यों पूछ रहे हो कभी तुम्हे मना
किया है अचानक कोमल आंटी काँपने लगी और झटके
मारने लगी मेरी तो झदने वाली है राजा और ज़ोर से चोदो
मुझे अओर ओर से हां ऐसे ही वाह क्या लंड है तुम्हारा ये
कह कर कोमल आंटी ज़ोर से झदने लगी उनकी चूत अपना पानी
अपने पति के लंड पर छोड़े जा रही
क्रमशः.............