पति,पत्नी,सास ,ससुर की रासलीला

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: पति,पत्नी,सास ,ससुर की रासलीला

Unread post by sexy » 06 Sep 2015 10:47

बबुजीबोला, “आरे चुदाई करते वक़्त क्यों माथा पाछे कर रहो? अभी हम बाप बेटे मिल कर दोनो कि छूट और गंद पच्छी किये देता हूँ.” एह्कः कर बाबुजी ने नुपुर कि छूट से अपना लुंड निकला और उसको फिरसे नुपुर कि गंद मी एक झटके से दल दिया. नुपुर अपनी गंद मेबबुजी का लुंड एक झटके से दुल ने से चीख उठी और फिर शांत होगये और कहने लगी, “है ससुरजी, एक ही झटके मी पुरा पुरा कलुन्द मेरी सुखी गंद मी उतर दिया, खैर कोई बात नही. अब आप् मंलगा कर अपनी प्यारी बहु कि गंद और छूट आराम से छोडिये.” एह देखकर मेरी मा कुझ्से बोली, “बेटा, तेरा बाप और तेरी औरत तो फिर सेजवानी का खेल खेलना शुरू कर दिया है, क्या तू अभी भी मेरी चूत्मे मुह दल कर पर रहेगा? चल जल्दी मेरी छूट से मुह हटा औरुसमे अपना लुंड दल कर मेरी चुदाई शुरू कर दे.” मैं मा सेबोला, “मा अभी तो मैंने तुम्हारी छूट मारी, अब तुम्हारी गंद मर्नेकी इच्छा है. बोलो क्या अपने बेटे का लुंड अपने गंद मी लोगी?” मेरी मा ने मुझसे कही, “बेटा अब तो हमारी और तुम्हारी शादी हो गयीहाई और इसलिए एह शारीर अब तुम्हारा है, तुम चाहे मेरी छूट चोदोया मेरी गंद मरो या अपना लुंड मेरी मुह मी दल उसको चुस्वाओ, मुझेसब मंजूर है. अब हट मुझे पट लेटने दे और फिरतु मेरी गंद अपनालुन्द पेल कर मेरी गंद मरना शुरू कर.”इसके बाद मा बिस्तर पर नुपुर के बगल मी पट लेट गयी और अप्निदोनो हाथों से अपनी चुतर को खींच कर अपनी गंद कि छेद को खोला.तब मैंने ढेर सारा कोल्ड करें उनके गंद कि छेद मी अपनी ऊँगली सेंदर और बाहर लगाया. इसके बाद मैं मा के उपर चार गया और अप्निहथों से उनकी चुन्ची को पाकर कर मसलने लगा. थोरी देर्चुन्ची मसलने के बाद मा ने अपनी चूतर नीचे से उपर कि तरफुचालने लगी. मैं समझ गया कि अब मा गंद मरवाने के लिए गरम्हो गयी है. मैंने तब ढेर सारा ठुक लेके अपने लौरे मर माला और अपना लुंड का सुपर मा कि गंद कि छेद पर रख दिया. मा तब धिरेसे बोली, “शुरू मी धीरे धीरे लुंड पलना, नही तो बहुत दर्धोगा.” मैंने अपनी मा कि चुन्ची कि घुंडी को मसलते हेबोला, “बिल्कुल मत घरों, मैं बहुत धीरे धीरे तुम्हारी गंद मी अपनालुन्द घुसेरुन्गा, तुमको कोई तकलीफ नही होगी.” “ठीक है, चल्लुन्द मेरी गंद मी दल” मा बोली. मैंने अपनी कमर को धीरे धिरेआगे करते हुए अपना सुपर मा कि गंद मी दल दिया. गंद मी मेरालुन्द घुसते ही मा सिस्किया लेनी शुरू कर दी और मुझसे बोली, “बेतातु वाकई ही एक मर्द है. अभी तुने मेरा छूट को छोडा और फिर तुमेरी गंद मर रह है. तेरे लुंड मी बहुत ताकत है. मैं तेरे लुन्द्पर कुर्बान हो गयी हूँ. बोल तू अब मुझ को रोज़ चोदेगा और मेरी गंद्मारेगा?” मैं मा कि गंद मी लुंड अन्दर बाहर करते हुए बोला, “आरेमेरी चुदासी मा, क्यों घबराते हो, अब हम एक फ्री सेक्स फमिली केमेम्बेर हैं. इसलिए मैं नही तो और कोई तुम्हारी छूट और गंद दोनो मरेगा. तुम्हारी छूट और गंद खली नही रहेगा. अब देखो न नुपुर्कल या परसों तक सुंदर और सुधा को भी पता कर हमारे फ्री सेक्स्ग्रौप मी शामिल कर लेगी, फिर तुम्हारी छूट और गंद कि चुदैसुन्दर कि लौरे से होगी और मैं अपना लुंड सुधा कि छूट और गंद मेपेलूँगा और बाबुजी अपना लुंड नुपुर और उसकी मा कि छूट मेदालेंगे.” इतना कह कर मैंने मा कि दोनो चुन्ची को दोना हाथों सेक्स कर पाकर लिया और जोर जोर से उनकी गंद मी अपना लुंड डालने लगा.थोरी देर के बाद मैं और मा दोनो एक साथ झर गए. झरने के बद्मा ने मेरा लुंड को अपनी मुह मी भर कर चाट चाट कर चूस चूस कर्सफ़ कर दिया.इधर मैं अपनी मा कि गंद मर रह था और उधर बाबुजी और नुपुर दोनो बहुत जबरदस्त चुदाई मी जुटे हुए थे. इस समय नुपुर बबुजीके ऊपर बैठ कर उनका लुंड अपने छूट से छोड़ रही थी. वो जबुचल उचल कर धक्के मर रही थी तो उसकी चुन्ची हवा मी उचाल्राहे थे और वो जोर जोर सिसकी मर कर बुबुजी के लुंड पर अप्निचुतर उचल कर अपनी छूट चुद्वा रही थी. हमलोग को फारिग होतेदेख कर नुपुर ने मेरे और अपनी मा से बोली, “देखो, देखो बेटा और्दमद चूड़ी रंदिओं देखो, कैसे मेरे ससुर का लुंड मेरी छूट कंदर बाहर हो रह है. इस समय मैं तो सत्येन असमान उर रही हूँ.तुमलोग कि छूट का क्या हल है.” मेरी ससुमा ने तब बोली, “सबश्बेती सबश, तू मेरे नाम रोशन करेगी. अपनी जवानी मी मैं भी खूब लुंड अपने छूट और गंद मी पिल्वाया है. आज तुझको अपने ससुर कयूप्पेर चार कर उनकी लुंड को अपने छूट से छोड़ते हुए देख कर बहुताच्छा लगा. तुझको देख कर मुझे अपनी जवानी कि यद् आ गयी. मैबोला, “क्या सासु मा क्या यद् अ गया?” तब मेरी सासु मा बोली, “आरेयद क्या आया, मेरी तो छूट पूरी तरह से गीली ho gayee. मैं भी इसितारह से अपनी शादी के बाद अपनी ससुर और जेठ को छोडती थी, और्वो लोग नीचे से अपनी कमर उचल उचल कर मेरी छूट मी अपना अपनालुन्द पेल्लेट थे और दोनो हाथों से मेरी चुन्ची को मसला कर्तेठे.” “आरे वह, मा तुम तो मुझसे भी जयादा चुद्दक्र थी,” नुपुर्बबुजी को छोड़ते हुए बोली.तब मेरी मा बोली, “आरे बेटी एह तो कुछ भी नही. मैं जब शादी केबाद अपनी ससुराल मी गयी तो सुहाग रात के बाद से घर के सरे मर्द्बरी बरी से हमे छोड़ते थे. एक मेरे उपर से उतरा नही कि दुस्रापना लुंड खरा किये मेरे उपर अ जाता था और मैं पैर फैलाये सुब के लुंड अपने छूट मी पिल्वाती थी. और तो और, कभी कभी तो घरके दो दो मर्द एक साथ मेरी चुदाई करता था, एक खरे खरे मेरिचूतर पाकर कर मेरी छूट मी अपना लुंड डालता था और दूसरा मेरेपीचे आ कर मेरी चुन्ची पाकर कर मेरी गंद मी अपना लुंड पेल्ताथा. शादी के बाद करीब ५६ साल तक मुझको ठीक से कपरे पहन्नेका मौका नही मिल क्यों कि हर वक़्त कोई न कोई मुझको नंगी कर केकिसी न किसी असं से छोड़ता था. मैं करीब करीब उन्दिनो घर कंदर नंगी ही बिस्टर पर परी रहती थी और घर का कोई न कोइमार्ड आकर हमारे उपर, नीचे और पीछे कि मुह से हमे अपना लुन्द्खिला जाता था. मेज़ कि बात तो एह था कि घर के सभी औरतों कोमेरी लगातार चुदाई कि बात मालूम थी क्योंकि कभी कभी जब कोई घर का आदमी हमे छोड़ता था तो उनकी बीवी भी हमरा पलंग के पस्खारी रहती थी और वो अपने आदमी को जोश दिला दिला कर मेरिचूत और गंद कि चूड़ी करवाती और फिर हंस कर अपने कमरे मेचाली जाती थी.एक बार कि बात है जब कि घर के सरे लोग दुस्रेगओं मी गए हुए थे और घर पर सिर्फ मैं और मेरी सास थी. ताभिघर का दो नौकर आकार मेरी सास और मेरी साड़ी उठा कर हमे चोद्दिया. मेरे आँखों के सामने मेरी सास ने उस दिन दिल खोल अपनी चूत्घर के नौकर से मर्वई, फिर हमे बाद मी मालूम चला कि मेरी सासुस नौकर से पहले से ही चुद्वाती थी और अपनी बात छिपाने केलिए उन्होने मेरी छूट भी दुसरे नौकर से चुद्वा दिया. एह सिल्सिलाकफी दिनों तक चला और बाद मी मुझको मालूम हुआ कि घर कि सरिलार्केँ और औरतों कि छूट और गंद से इन नौकरों की लुंड खातीथी. फिर तो एक दिन जब घर पर कोई नही था, हम सब औरतों नेमिल कर एक ही कमरे मी अपनी छूट उन नौकरों से चुद्वाया और अपने सामने लटकों कि गंद मर्वई.मैं अपनी सास और मा कि बातें सुन कर बहुत गर्नमा गया और मेरालौरा तन्ना गया. एह देख कर मेरी सास झट मेरे सामने बैठ गयीऔर मेरे लुंड अपनी मुह मी घुसा कर जोर जोर से चूसने लगी. तब माभी मेरे सास के पीछे बैठ कर उनकी छूट से अपनी मुह मिल दियौर उनकी छूट को अपनी जीव से चाटने लगी. जब मेरा लौरा तन्तानागाया तो मेरी सास बैठे बैठे ही पलता गयी और मेरी तरफ अप्निगंद कर दिया और्मै भी अपना खरा लुंड उनके गंद मी दल दिया.बाबुजी तब नुपुर से बोले, “जा चिनार, जाकर सुन्दर और्सुधा को भिबुला ला. आज हमलोग उनलोगों को भी अपनी फ्री सेक्स फमिली मी शमिलकर लेटा हूँ.” एह सुन कर नुपुर ने अपने बदन पर एक साड़ी लप्पेट ली और मुस्कुराती हुई चल दी. थोरी देर के बाद नुपुर अपने साथ्सुन्दर और सुधा को साथ लेकर कमरे आई. जब सुन्दर और सुधाकमारे मी आई तब मैं मा को गोदी पर बैतः कर उनकी छूट मी डालकर उनकी चुन्ही मसल रह था और बौजी मेरे सास को घोडी बनाकर पीछे उनकी छूट मी लुंड दल कर उनको छोड़ रहे थी. एह सब्देख कर सुन्दर अनर सुधा कि आंखे पहिली कि पहली रह गयी. तब्मा मेरे गोदी से उठ कर सुन्दर के पास गयी और उसके कपरों कयूप्पेर से उसका लुंड पाकर कर मसलने लगी. सुंदर का लुंड पर अप्नेमाल्किन हाथ परते ही खरा होने लगा था. सुधा भी हमारी समुहिक्चुदै देख कर गरमा गयी थी और वो आगे बढ़ कर मेरे लुंड अप्नेहाथ माँ पाकर लिया और थोरी देर उसको मसलने बाद झिक कर मेरा लुन्द्का सुपर निकल कर चूसने लगी और मैं भी ब्लौसे के उप्पर से सुधा कि चुन्ची पाकर कर दबाने लगा.एह सब देख कर बबुजीहुमारे पास ई और सुधा के पीछे खरे हो गए और उसकी साड़ी और्पेत्तिकोअत् उठा लार अपना लुंड सुधा कि छूट मी एक ही झटके से उतर्दिया.सुधा वैसे ही एक बहुत ही कामुक औरत थी. अपने छूट मी बबुजीका लुंड घुसते ही सुधा अपना सर घुमा कर बाबुजी को देखा और्मुस्कुरा कर बोली, “बाबुजी मैं जानती हूँ कि आप् बहुत अच्छे तरिकेसे छोड़ते है और आपका लुंड बहुत मोट और लुम्बा है. छोडिये बबुजीमेरी छूट खूब जोर जोर से धक्के मर कर छोडी. मैं इस समय बहुत्गार्मा गयी हूँ, क्योंकि जब बीबीजी (नुपुर) हमारे कमरे मी गयीथी उस समय हम चुदाई कि तयारी कर रहे थे. इसलिए मैं कफिगार्मा गयी थी और इन्ह आ कर आप् लोगो कि चुदाई देख कर मैं तो आपे से बाहर हो गयी हूँ. इस समय आप् कुछ मत कही बस मेरिचूत मी अपना लुंड पेलते रहिये. जितना बात हो वो सब बाद मी कर्लेंगे.” बबुज्जे भी सुधा के कहने अनुसार सुधा कि चुतर को अप्नेहथों से पाकर कर उसको छोड़ते रहे. उधर मा अबतक सुन्दर का लुन्द्चुस चूस कर चुदाई के टायर कर लिया था और सिंदर मा को घोरिबना कर पीछे से उनकी छूट छोड़ रह था. इन लोगो कि चुदाई देखकर मेरी सास गरमा गयी और चुदास से भर उठीं. वो मेरे को चित्लेता कर मेरे उप्पर चार कर मेरा लुंड अपनी छूट मी ले लिया और्नुपुर भी मेरे उपर चार कर मेरे मुह से अपनी छूट भीरा दिया और्बोली, “चाटो मेरे रजा, मेरी छूट चाटो. इस समय तो तुम्हारी मापने नौकर का लुंड अन्दर ले रही है और तुम्हारा लुंड मेरी मा नेअपनी छूट मी घुसेर लिया है. अब तुम अपने बाप कि चूड़ी मेरी छूट को चाटो और अपनी जीव से छोडो.” मैं भी नुपुर कि छूट मी अपनाजीव घुसेर दिया और अपना कमर उठा उठा कर सास कि छूट को अप्नेलुन्द छोड़ना शुरू कर दिया. पूरे कमरे मी चुदाई कि फच फच्पकत पकट कि आवाज गूंज रही थी और पुरा कमरा चुदाई कि महोलसे भरा हुआ था. जमीन पर मा को सुंदर और सुधा को बबुजीघोरी बना कर ढाका धक् छोड़ रहे थी और मा और सुधा कि मुह सेसिस्कारी निकल रही थी. सुधा कभी कभी अपनी हाथ बारह कर माकी चुन्ची मसल रही थी.थोरी देर के बाद बाबुजी और सुंदर दोनो झर गए और उन्होने अपनापन लुंड छूट के अन्दर से निकल लिया. लुंड निकलते ही मा और्सुधा कि छूट से सफ़ेद सफ़ेद घर पानी निकलने लगा. एह देख कर मा और सुधा ने एक दुसरे कि छूट मी अपना मुह लगा चाटना शुरू करदिया और दोनो ने एक दुसरे कि छूट चाट चाट कर साफ कर दिया. फिर्दोनो ने सुंदर और बाबुजी का लुंड को चूस कर साफ कर दिया. इधाराब्तक मेरी सास और नुपुर भी अपनी अपनी छूट का पानी निकल चुकिथी. अब सुधा और नुपुर बिना कोई कपर पहने नंगे ही कित्चें मजा कर चाय और नाश्ता बना कर कमरे मी आईं और हम पंचो नेमिल कर नंगे ही चाय पिया और नाश्ता किया. नाश्ता करते वक़्त चरोनौरतें एक लीन से नंगी हो कर पैर फैलाये हमारे सामने बैठेथी. उनकी इस तरह से बैठने से उनकी छूट कि पत्तियन काफी खुलिहुई थी और हमलोगों को उनकी गुलाबी छूट अन्दर तक साफ साफ दिख्रह था. वो जब आपस मी या हमसे बात कर रही थी तो उन्किचुन्ची हिल रही थी. एह सब एख कर हम लोगो कि खरा होना शुरुहो गया और हमने अपनी लुंड को सहलाने लगे. एह सब देख कर औरतों का मन अब खराब होने लगा और वो उठ कर हम लोगों के पास आ गयी.सुधा और मेरी मा मेरे पास, नुपुर बाबुजी के पास और मेरी सस्सुंदर के पास आ कर खरी हो गयी. हमने सुधा कि नंगी चुन्चीपर अपना हाथ रख कर उसकी चुन्ची को अपने हाथों से धीरे धिरेदाबने लगा.सुधा हमसे बोली, “क्या भैयाजी औरतों कि चुन्ची धीरे धिरेनाही दबाया जाता. उनको तो जोर जोर से मसलन चैहिये. मैंने सुधासे पूछा, “औरतों के साथ और क्या क्या करना चैहिये?” तब सुधाबोली, “आरे मेरे भोले रजा, तुम्हे मैं क्या क्या बातों कि औरतों केसाथ क्या क्या करना कहिये. आरे औरतों का शारीर से खूब जम खेल्नाचैहिये. उनकी चुन्ची और चुतर को दम लगा कर मसलन चाहिऐ, उनकी चुन्ची को मुह मी ले कर चूसना चाहिऐ, उनकी बुर को को हथोंसे दबाना, मसलन और जीव से चाटना चाहिऐ, फिर उनके बुर मी अपनागाधे जैस लुंड दल जम कर छोड़ना चाहिऐ. अब समझे कि औरतों सेक्य क्या करना चाहिऐ.” मैं तब सुधा कि एक चुन्ची अपने हाथ सेक्स कास कर मसलने लगा और दुसरी चुन्ची को अपने मुह मी भर कर्चुसने लगा. सुधा अपनी चुन्ची मसलने और चूसने से बहुत गर्मगाई और मेरा लुंड पाकर उसकी सुपर को खोलने और बंद करने लगी.मैं जब अपना कमर उपर को उठाया तो सुधा झुक कर मेरे सुपर कोअपने मुह मी भर कर चूसने लगी. सुधा को झुकते देख कर मैं नापना हाथ उसकी पीठ पर से ले जा कर उसकी चुतर को सहलाने लगौर फिर अपनी एक उंगली उसकी गंद कि छेद पर रख दिया और दुस्राहाथ उसके चुन्ची पर से हाथ कर उसकी छूट पर रख दिया. अप्निगंद और छूट पर मेरा हाथ परते ही सुधा मेरी तरफ देखी और्मुस्कुरा दिया और अपनी कमर हिला हिला कर मुझको इशारा करे लगीकी मैं उसकी छूट और गंद को अपनी उंगली से खोडून. मैं भी सुधा कि इशारे के मुताबिक उसकी छूट और गंद मी अपना उंगली पेल करंदर बाहर करने लगा. सुधा अपनी छूट और गंद मी मेरा उन्ग्लीपिलवा कर बहुत गर्म हो गयी और मुझसे बोली, “भैयाजी अप्किउन्गली काफी मोती और लुम्बी है, मेरी छूट और गंद दोनो अप्किउन्गली से फैल गयी है. जब अक लुंड इनमे घुसेगा तो न जाने क्याहोगा.मुझे तो आप् अपनी उंगली से ही छोड़ कर खलास कर दोगे।” मैताब बोला, “साली रंडी कुटिया चिनल सुधा अभी तो मैं तेरी गंद और्चूत मी सिर्फ अपनी उंगली ही डाला है तो अपनी कमर चलाना शुरुकर दिया. जब मैं अपना लुंड तेरी आगे और पीछे के छेद मी दलुन्गातो तेरी छूट ऎंड गंद दोनो फट जायेगी.”इतना कह कर मैंने पाना लुंड उसकी मुह से कींच कर निकला और उस्केप्पीचे आ गया. मेरा लुंड सुधा कि ठुक से काफी गिला हा गया था और मैं अपना लुंड उसकी छूट के दरवाजे पर रह कर एक हल्का धक्कामारा तो मेरा सुपर उसकी छूट मी धंस गया. मेरा लुंड काफी मोताहोने के कारन सुधा को तकलीफ हो रही थी और वो मुझ्सेबोली, “प्लेस इस को बाहेर निकालो मुझे दर्द हो रह.” मैंने उसकी बातको न सुनते हुए उसकी छूट मी पाना लुंड धीरे धीरे अन्दर दल्नेचालू किया. सुधा जोर जोर से चीकें मर्नाय्लागी, “आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ, प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़, बहर्निकलूऊऊऊऊऊऊऊऊओ, प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज़ बोहत दर्द होता हैईईईईईईप्ल्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्” लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और जोर जोर से उस्किचूत मी लुंड पेल कर उसकी छूट मरने लगा.” थोरी देर बाद सुधाको भी मज़ा आने लगा और उसकी मुह से मजेदार आवाजें निकालना शुरू हो गयी, “ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ, और जोर से, अंदर करो, प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़ और्जोरे से, और आगय्य्य्य्य, प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज़ और जोर से मरो, अआज पहाड़ केरख दो मेरी चूऊऊओत्त्त्त्त्, आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्, प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़ और जोर से,”इन आवाजों से मैं और गरम हो गया और मैं जोर जोर से धक्का मर्नेलगा फिर करीब १० मिनुतेस के बाद सुधा झरने को हुई और वो अप्निचूत चुद्वाते हुए बोली, “जल्दी कर गंडू, तेज़ी से मार, मेंचूत्ने वाली हू, जल्दी कर, और जोर से कर,” और करीब दोमिनुतेस के बाद हम दोनो एक साथ खलास हो गयी. मैंने अपना मॉल सेसुधा कि छूट छूट पूरी तरह से भर दिया और उसके उप्पर लेट कर्हफ्ने लगा. करीब २० मिनुतेस के बाद हमलोग शांत हुए और मेरा लुन्द्सुधा कि छूट के अन्दर फिर से खरा होने लगा.तब मैंने सुधा से बोला, “एक बार फिर.” सुधा बोली, “ठीक है” तब हमने सुधा से बोला, “इस दफा तुम्हारी गंद मरू गा”. सुधाबोली, “नही प्लेस, छूट मार लो लेकिन गंद मत मरो, तुम्हारा लुन्द्बहुत लुम्बा और मोटा है बोहुत दर्द हो गा, मेरी गंद फट जायेगी”.मैंने सुधा से मिन्नत करने लगा तो सुधा मन गयी और मैं उस्कोघोरी बना कर पलंग के किनारे लेटा दिया और बाथरूम से तेल किशिशी लेकर उसकी गंद और मेरे लुंड खूब तेल लगाया.उसके बाद मैनेअपने लुंड पर थोरा सा ठुक लगाया और सुपर को उसकी गंद कि चेद्मे रख कर हल्का सा धक्का दे कर सुपर को सुधा कि गंद के चेद्के अन्दर कर दिया. सुधा चिल्लाने लगी लेकिन मैं उसकी एक न सुन्तेहुए अपना पुरा पुरा का लुंड उन्सी गंद मी दल दिया. फिर हम सुधाकिचूतर को पाकर कर उसकी गंद छोड़ने लगा. मुझको सुधा कि गंद्चोड़ने मी बहुत अच्छा लग रह ठौर मैंने सुधा से बोला, “तुम्हारिगंद तो तुम्हारी छूट से बोहत जिअदा मज़ा दे रही है, दिल केर्ताहाई कई तुम्हारी गंद ही मरता राहू”. फिर मैंने अपनी स्पीड बर्हाकर उसकी गंद को जोर जोर से छोड़ता रह और थोरी देर के बाद मेरेलुन्द ने उसकी गंद के अन्दर अपना पानी चोर दिया.

Post Reply