मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi

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sexy
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Re: मारवाड़ की मस्त मलाई - indian long sex story hindi

Unread post by sexy » 07 Oct 2015 08:14

वो जब मेरे लंड पे उछलती तो उसकी चुचियाँ डॅन्स करने लगती. थोड़ी देर तक वो मेरे ऊपेर ही उछलती रही और मेरे लंड को चोद ती रही. अब मेरी बारी थी, मैं ने उसको पलटा के नीचे पीठ के बल लिटा दिया और उसको टाइट पकड़ लिया उसकी टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और मैं पूरी ताक़त से लक्ष्मी की टाइट चूत को चोद रहा था. वो फुल मस्ती मे आवाज़ें निकाल निकाल के चुदवा रही थी और बोल रही थी चोद डालो मेरी चूत को यह साली मुझे बोहोत सता ती है फाड़ डालो यह मदरचोड़ रंडी की चूत को आअहह ऊऊईईई म्*म्माआअ आओउर्र ज़्ज़ूओरर ससीए आहह आऐईइसससी हहिईिइ म्*म्मार्ररूव ब्बबाआबबुउउउ. मैं पूरे आधे घंटे तक उसको फुल स्पीड से चोदता रहा और वो शाएद 5 या 6 बार झाड़ चुकी थी जिस की वजह से उसकी चूत एक दम से गीली हो गयी थी और अब मेरा इतना बड़ा और मोटा मूसल लंड उसकी चूत मे बोहोत आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. लंड को पूरा सूपदे तक बाहर खेच के निकाल निकाल के चोद रहा था और फिर एक बोहोत ही ज़ोर से झटका मारा तो लक्ष्मी के मूह से ज़ोर से ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईई म्*म्म्ममाआआअ निककला और मैं उसकी
बचे दानी के अंदर अपने लंड को घुसेड के गरम गरम गाढ़ी गाढ़ी पिचकारियाँ चोदने लगा. उस रात मैं ने लक्ष्मी को 3 बार और चोदा. उसके बाद हम दोनो एक ही बेड पे नंगे सो गये.
सुबह जब मैं तकरीबन 10 बजे उठा तो मुझे अपने आप को नंगा देख कर अचानक रात लक्ष्मी की चुदाई याद आई. देखा तो लक्ष्मी जा चुकी थी. मैं फ्रेश हो कर नीचे आया और डाइरेक्ट किचन मे चला गया जहा लक्ष्मी ब्रेकफास्ट को रेडी कर चुकी थी और टेबल पे लगाने की तय्यरी कर रही थी. मैं ने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके कड़क बूब्स को दबाने लगा और उसके नेक पे किस किया तो वो मस्त हो गयी और फिर हाथ नीचे डाल के उसकी चूत का मसाज किया तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और अपना हाथ पीछे कर के मेरे आकड़े हुए लंड को पकड़ लिया और दबाने लगी. बाहर से पायल और शांति की बातो की आवाज़ आई तो मैं ने लक्ष्मी को छोड़ दिया और बाहर आ गया और वो दोनो को देख के गुड मॉर्निंग हनिमून कपल बोला तो दोनो मुस्कुरा दिए और हम टेबल पे बैठ के नाश्ता करने लगे. नाश्ते के दोरान मैं ने उनको पूछा के तुम लोग रातो को सोते भी हो या जागते ही रहते हो तो शांति और पायल दोनो मुस्कुरा दिए पर पायल की खामोश और खोई खोई सी मुस्कुराहट बोहोत कुछ बयान कर रही थी मैं ने दोनो को चियर अप किया कुछ जोक्स सुनाए कुछ अपने और शांति के स्कूल और कॉलेज की नट खाट बातें बताई और उस दिन पायल बोहोत हसी तो मैं ने कहा के देखो हस्ती हुई पायल कितनी अछी लगती है तो इस टाइम जब पायल मुस्कुराइ तो मैं समझ गया के यह रियल वाली खुशी की हँसी है और अब पायल सच मे एंजाय कर रही है. मे नाश्ता करते करते दोनो को अपने जोक्स और इधर उधर के क़िस्सो से एंटरटेन करता रहा. दोनो बिंदास हस्ते रहे. . नाश्ता करके हम कॉफी पी रहे थे उसके बाद कुछ गेम्स खेलने का प्रोग्राम बना. घर मे एक अछा ख़ासा बड़ा जिम भी था जहा एक कोने मे टेबल टेन्निस की टेबल भी पड़ी हुई थी, 6 – 8 बॅट्स और बॉल्स के 2 डिब्बे साइड की अलमारी मे रखे हुए थे. कॅरोम बोर्ड भी एक टेबल पे रखा हुआ था और भी बोहोत सारे इनडोर गेम्स थे, शटली कॉक का कोर्ट भी बना हुआ था. मैं टेबल टेन्निस बोहोत अछा खेलता था और कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन तो था ही साथ मे टेबल टेन्निस को भी अपने इंटर कोलीजिट मे रेप्रेज़ेंट कर चुका था और यह मेरा वन ऑफ दा फॅवुरेट गेम्स मे से एक था.
To be continued… :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen: :mrgreen:

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