
मैं अपने पति से दिन में २ से ३ बार छोड़ने के लिए कहती, पर वो मुझे चोद नही पाटा था, तब से मैं घर से बाहर तलाश करने लगी जो की मेरी वासना की भूख को शांत कर सके.मेरे फ्लैट के ऊपर के फ्लोर पे एक लड़का रहता था वो उत्तर प्रदेश का रहने बाला था, नाम था विनोद, अभी अभी शादी कर के दिल्ली आया था, उसकी पत्नी भी उसके साथ आई थी, देखने में बहुत ही खूबसूरत था, मुझे विनोद से चुदने का मन करने लगा, मैं लगी उसे पटाने सबसे पहले मैंने उसके वाइफ से अच्छी दोस्ती कर ली, दोस्त भी बहुत ही जल्दी बन गयी क्यों की दिल्ली में वो नयी नयी थी, बात चित होने लगी, दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।फिर क्या था, शाम को ठण्ड में हम चारो मैं पति पत्नी और वो दोनों देर रात तक ठण्ड के दिन में एक ही रजाई में बैठ कर मूंगफली खाया करते थे, कभी कभी मैं अपना पैर विनोद को छुआती और हलके हलके रगड़ती,मैंने ऐसे कैसे कह दू की मैं तुमसे प्यार करती हु, और चुदना चाहती हु, तो मैंने एक दिन उसके पत्नी को बताया की, मेरा पति मुझे संतुष्ट नहीं कर सकता है, वो तीन चार महीने में एक बार मुझे चोद पाटा है, शायद विनोद की पत्नी ने विनोद को ये बात बता दिया फिर क्या था वो मुझे घूरने लगा,
फिर ऐसे ही देखते देखते समय निकल गया होली आ गई थी, होली के दिन मुझे रंग लगाते हुए विनोद ने मेरे बूब्स को दबाने लगा और मैं भी शांत हो गयी उस समय कमरे में कोई नहीं था, तो मैंने भी उससे अपनी चूचियाँ दबबा ली, उसने मेरे चूत को ही साडी के ऊपर से ही सहलाने लगा था फिर होठ को किश करने लगा था, मैं सिर्फ यही बोल पायी छोडो ना प्लीज कोई देख लेगा पर ये तो सिर्फ ऊपर ऊपर से कह रही थी मन तो कर रहा था की उसका लण्ड अपने चूत में घुसा लू,थोड़े दिन बाद मैं वह से खली कर के कोई और मकान में आ गयी, दो तीन दिन बाद ही विनोद मुझसे अकेले ही मिलने आ गया, सुबह के दस बज रहे थे, मेरे घर में कोई नहीं था, पति ड्यूटी गया था और बच्चे स्कूल, और नया मकान भी मेरा ऐसा था की मैं ही उसमे थी, तो कोई देखने बाला भी नहीं था, वो आके दरवाजा खटखाया मैं निकली, दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।वो मुझे देख के बोला हाय क्या लग रही हो, ऐसा कहने का रीज़न भी था क्यों की मैं ब्रा नहीं पहनी थी नाईट भी चिकना कपडा था था वो की मेरे शरीर में चिपका हुआ था इस वजह से मेरे शरीर के सारे अंग साफ़ साफ़ दिख रहा था, चूच का निप्पल तक पता चल रहा था कपडे पर से.
मैंने बोली इस समय? तो बोला हां आपकी याद आ रही थी, वो अंदर आ गया, और मुझे अपनी बाहों में भर लिया, मैंने अपना पेंटी खोल दी और पलंग पे लेट गयी, वो भी ऊपर चढ़ के नाईटी को ऊपर कर दिया और मेरे बूब्स को पिने लगा मेरा बूब भी बड़ा बड़ा था, वो एक हाथ से दबा रहा था एक हाथ से मेरे चूत में ऊँगली दाल दिया और फिर दांत से मेरे चूच के निप्पल को हलके हलके काट रहा था, उसकी ये अदा मुझे भा गई, आज तक मुझे ऐसा फिल नहीं हुआ था, फिर वो ऊँगली घुसा घुसा के मेरे चूत से पानी निकाल दिया, मैं आह आअह के अलावा और कुछ भी नहीं कह रही थीमेरे ऊपर चढ़ के अपना लण्ड मेरे चूत पे लगा के एक धक्का लगाया, और लास्ट तक पंहुचा दिया, और चोदने लगा, करीब २ घंटे तक चोदा फिर ड्यूटी गया, अब वो मेरे यहाँ रोज आ जाता था और चोद के मुझे जात्ता था, दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।अब मुझे विनोद भी अच्छा नहीं लगने लगा, हद तो तब हो गयी जब मैं एक दिन कबाड़ी बाले से चुद गयी, उसके बाद फिर मैं अपने मकान मालिक से, फिर मैं अख़बार बाले से, मुझे अब हरेक दस दिन में मर्द बदलना काफी अच्छा लगने लगा था, और मैं इस तरह से चुदने लगी थी,
तभी मेरे पति का तबादला हो गया और हमलोग गुजरात चले गए, वह जाके मैं गैर मर्द से ना चुदने का कसम खा ली, और ठीक रहा भी मैंने अपने पति के अलावा मैं किसी को साथ नहीं सोई, पर क्या बताऊँ, पिचेल महीने फिर वापस दिल्ली आ गई हु, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, मैं फिर से गैर मर्द से चुदाई के लिए तैयार हु, अभी मैं देख रही हु, जो की मेरे साथ रिश्ता बना सके. कैसी लगी गैर मर्द से चुदाई की कहानी , रिप्लाइ जररूर करना , अगर कोई मेरी चूत की चुदाई करना चाहते हैं तो जोड़ना Facebook.com/UrmilaSharma