नौकरी हो तो ऐसी

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: नौकरी हो तो ऐसी

Unread post by The Romantic » 27 Dec 2014 21:42


मालंबंती ने फिरसे मुझे गोद मे बिठा ने कहा और मैने पालती मार के उसे गोद मे बिठा लिया उधर नसरीन ने अपनी कमीज़ निकाल दी…. वाह क्या नज़ारा बन रहा था उसने कमीज़ निकाली और उसके वो मस्त संतरे जैसे दूध एक दम सख़्त अवस्था मे थे…. वो निपल्स अपने गुलाबी लाल रंग से मुझे मदहोश करने लगे…


मेरा कहानी सुनाना अभी भी जारी था… और कहानी मे एक से एक सुरीले पड़ाव लाके सुना रहा था….


मालंबंती की गोरी गोरी जंघे मेरी जाँघो पे घिस रही थी और मेरे हाथोसे नसरीन के कोमल स्थान… मालंबति की गांद के बीच की दारर मे मेरा लंड फिट बैठ था और संभोग पूर्व पानी छोड़ रहा था…. नसरीन से रहा नही गया उसने मेरे गालो पे चूमना शुरू किया इसका असर ये हुवा कि मेरा बोलना बंद हो गया… कहानी रुक गयी और हक़ीकत रंग लाने लगी… नसरीन के कोमल होठ मेरे गालो पे फूल के अनुभव जैसा रोमांच पैदा कर रहे थे… मेरे गोद मे मालंबंती गरमा हो हो के लावा बन चुकी थी.. उसका पूरा चेहरा काम वासना से भर गया था…. और नसरीन अभी मेरी छाती को चूमे जा रही थी….

उतने मे मैने कहा – चलो अभी कुछ अलग करते है

नसरीन – अलग…. अलग क्या?

मैं – अलग मतलब कुछ …तुम्हे पता है जैसे…

मालंबंती – जैसे ??... जैसे तैसे क्या… ये मस्त है


मैं – ये तो है ही पर इससे भी कुछ अच्छा है… अगर तुम चाहो तो?

नसरीन – हाँ हाँ हमे चाहिए बताओ ना और क्या और क्या ….

मैं – वो जो तुम्हारी बुर है उसमे ….

मालंबंती – उसमे क्या…. उसमे तो मेरी उंगली भी नही जाती…. और उधर बहुत कुछ होता है

मैं – हाँ वो जो होता है… उससे भी ज़्यादा मज़ा आता है ….

नसरीन – नही पर उधर नही… उधर उंगली डालने पे बहुत दुखता है… इससे अच्छा आप हमे बस गोद मे बिठा के कहानी सूनाओ

मालंबंती – हाँ हमे आप की गोद मे ही मज़ा आता है….

मैं इन दोनो लड़कियो को कैसे समझाऊ कि जो तुम कर रहे हो वो तो बस काम क्रीड़ा की पहली सीढ़ी है… पर समझाना इतना आसान नही लग रहा था क्यू कि ये तो उधर उंगली डालने को भी नही दे रही थी… मैने कुछ सोचा और उनकी तरफ मूड के बोला

मैं – ठीक है…. पर उधर अगर तुम्हे दर्द होता है तो और …

मालंबति – और क्या…..???

मैं – और एक जगह है जहा तुम्हे उंगली डालने से कम दर्द होगा..

नसरीन – कहाँ कहाँ…..???

मैने मालंबंती को थोड़ा सा उपर उठाया और उसकी गांद के छेद पे उंगली रख के दोनो से कहा यहाँ

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: नौकरी हो तो ऐसी

Unread post by The Romantic » 27 Dec 2014 21:43


दोनो एक साथ बोली – यहाँ …. यहाँ कैसे…. यहा तो कुछ छेद दिखता भी नही


मैं – पर तुम लोगोने कभी यहा उंगली डाल के देखा है


दोनो – नही तो …

मैं – इसलिए तुम्हे पता नही ….

दोनो – क्या???

मैं – यही कि इधर उंगली डालने से बहुत कम दर्द होता है और मज़ा भी बहुत आता है …. और इससे तुम्हारा जो उपर वाला जो छेद है उसको भी खोलने की ज़रूरत नही ….मालंबती के छेद के उपर हाथ रखते हुए कहा


नसीन – पर ये कैसे होगा …इधर तो कुछ छेद है ही नही ???

मैं – मैं दिखाता हू ना तुम्हे ….

मैने मालंबंती को घोड़ी के जैसी अवस्था मे झुकाया.. नसरीन को उसके चूतरो को फैलाने को कहा और मालंबंती की नाज़ुक गोरी लाल लाल गांद के छेद पे नसरीन को बोला


मैं – ये देखो…. है ना छेद


नसरीन – पर ये तो बहुत छोटा है …इधर उंगली कैसे जाएगी


मैं – यहा उंगली नही मेरा लंड भी जाएगा

मालंबनती – क्या तुम इधर अपना लंड डालोगे?

मैं – हां… और तुम्हे सबसे ज़्यादा मज़ा आएगा

मालंबंती – नही नही नही बाबा मुझे नही इतना बड़ा लंड अपने इतने छोटे से छेद मे डलवाना है मेरा दिल बोल रहा है कि इसमे आप की कोई चाल है


नसरीन – अगर इसमे बहुत मज़ा है तो आप मेरी गाड़ के छेद मे ये लंड डाल दो… पर मज़ा आएगा ना बहुत …जैसे गोद मे बैठने से आया था (मालंबती नसरीन की हिम्मत और तंग शरीर की तरफ देखती रह गयी)


मैं – (नसरीन की चुचियाँ हाथ मे मसलते हुए)हाँ तुम्हे बहुत मज़ा आएगा पर उससे पहले हमे कुछ करना पड़ेगा…

मालंबती – क्या करना पड़ेगा…

मैं – तुम कपड़े पहेन कर जाओ … और किचन से तेल की शीशी लेके आओ

मालंबनती – क्यू तेल क्यू…

मैं – इसमे लगाने के लिए …तभी तो मेरा लंड इसमे जाएगा….. नहितो फिर दर्द होगा…


नसरीन – नही नही दर्द नही होना चाहिए… मालू तू जा गुपचुपसे किचन से तेल की सीशी लेके आजा

मैं – पर ख़याल रहे चुपके से लाना और किसिको नही बताना….. और कोई पूछ भी ले तो बोलना कि पाव मे मोच आई है इसलिए लगाने लेके जा रही हू

क्रमशः...................


Post Reply