माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

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The Romantic
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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 30 Oct 2014 13:32

गतांक आगे ...................

फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी चूत मे घुसा दी। और उसे दो उंगलियो से उसकी चूत चोदने लगा। रीमा अब जोर जोर से चिल्लाने लगी हाय रे आप ने तो मुझे मार ही डाला बहुत मजा आ रहा है आपके हाथो से और करो न उंगली। गाँडू पति साले दो उंगली घुसा दी मेरी चूत में मजा दे भोसडचोद चोद जोर से घुसा दे पूरा हाथ मेरी चूत मे बहनचोद। मैं जोर जोर से उसकी चूत मे उंगली करने लगा। मेरी उंगलियाँ रीमा के चूत रस से भींग गयी। मैंने अपनी उगलियाँ उसकी चूत से निकाली और उसकी घुंडी पर उसके चूत का रस मलने लगा। उंगलियो मे लगा रस उसकी घुंडी पर लगा कर बाकी का बचा रस मैंने उसकी दूसरी चूची पर लगा कर अपनी उंगलियाँ साफ कर दी जैसे उसकी चूची कोई टिशू पेपर हो और मैं अपने गीले हाथ उससे साफ कर रहा हूँ। फिर मैं रीमा की चूची जो मैंने अभी उसके चूत रस से गीली करी थी उस चूची की तरफ आकर लेट गया। जो चूची मैं चूस रहा था उसकी घुंडी और आस पास का हिस्सा मेरे चूसे जाने के कारण लाल हो गया था जिसे देख चूत रस से गीली चूची को चाटने की मेरी इच्छा और बढ गयी और अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूची पर लगा रस चाट कर पीने लगा। और अपने दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मे घुसा दी। और दूसरे हाथ से उसकी चूत चोदने लगा। रीमा के गर्म चूची चाटने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था क्योकी उसकी चूची पर चूत रस जो लगा हुआ था।

अब मैं उसकी चूची पर लगा रस चाट कर पी चूका था पर घुंडी पर अभी भी रस लगा हुआ था। मैंने उसकी घुंडी को अपने मुँह मे भर लिया और उसकी चूत को दो उंगलियो से चोदने हुये उसकी घुंडी चूसने का मजा लेने लगा। मैं अपनी उंगली घुमा घुमा कर उसकी चूत चोद रहा था। उसकी चूची को मुँह मे भरकर जोर जोर से चूसने लगा जैसे बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है। मैंने अपना अंगूठा रीमा के चूत के दाने पर रगड रहा था और उसको और गर्म कर रहा था। उसकी घुंडी को अपने होंठो मे पकड कर अपनी जीभ उसकी घुंडी के चारो और घुमाता तो कभी जोर जोर से चूसने लगता। तो कभी उसकी घुंडी पर सिर्फ अपनी जीभ बाहर निकाल कर जोर जोर से रगडता। मेरा हर प्रयास रीमा के बदन का मजा लेना और उसका मजा देने का था। रीमा भी मस्ती मे गर्म होकर गालियाँ बक रही थी। माँ के लौडे बहनचोद क्या कर दिया तूने मेरे पूरी बदन मैं आग लग गयी है जोर जोर से चोद मेरी चूत झडा मुझे ओह्ह आह्ह्ह खा जा मेरी चूची काट ले मेरी घुंडियो को अपने प्यार के निशान बना दे मेरी चूचीयो पर कुतिया की औलाद चोद रे मरी रे मैं तो। रीमा ने शरीर पर गहने पहन रखे थे। उसकी चूडीयाँ मस्ती मे खनक रही थी। और उसकी पायल भी बज रही थी। जैसे वह अपने पिया को बुला रही हो। आओ मेरे राजा मेरी सरताज मेरे भरपूर नंगे नशीले बदन के मालिक मेरी चूत के रखवाले आओ भोगो अपनी इस पत्नी को। मैंने अपना ये गहनो से लदा बदन बिस्तर पर आपके लिये ही परोसा है आओ और मसल डालो मेरी इस सुंदरता को रौंद दो मुझे अपने नीचे। मैं तो जैसे मस्ती मै पागल हो चुका था पर रीमा थी भी बहुत सुंदर कई जन्म भी उस्के बदन कि सुंदरता को भोगने के लिये काफी नंही थे और मेरे पास तो एक ही जन्म था। फिर मैंने चूची एक बडा भाग मुँह मे भर लिया और चूसने लगा। उसकी भरपूर गुदाज चूचीयाँ चूसने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसकी चूची चाट कर उसकी चूत का सारा रस पी लिया और उसकी चूची को चाट कर अपने थूक से गीला कर दिया।

अब मेरे दूसरे हाथ की ऊंगलियाँ भी उसके चूत के रस मे भीग गयी थी। मैंने उसकी चूत के रस से भरी उंगलियाँ निकाली और उसकी दूसरी चूची पर रस लगा दिया। उसकी दूसरी चूची उसके चूत रस से गीली हो गयी। अब मैं उसकी दूसरी चूची पर लगा रस भी पीना चाहाता था। फिर मैंने अपने दोनो हाथ उसके अर्ध नग्न बदन के दोनो और रखे और अपने हाथो के सहारे उसके बदन के उपर झुक गया और अपना मुँह उसकी दूसरी चूची पर लगा दिया। ऐसा करने से मेरा लंड रीमा की चूत के उपर झूलने लगा और उसकी झाँट, पेन्टी और चूत से टकराने लगा। मैंने रीमा की चूची को जीभ से चाटने लगा और उसकी चूची पर लगा रस पीने लगा। हाय रे पति देव ये क्या कर दिया अपना लंड मेरी चूत पर रगड रहे हो मेरी चूत मे कुछ कुछ होता है जानू और तुम्हारा ये लंड तो देखो अपने पानी से मेरी पेंटी गीली कर रहा है ओह आप ने तो मेरी चूत और चूची दोनो पर एक साथ ही वार किया है मजा आ गया और चूसीये इन चूचीयो को बहुत मस्ती चढती है आपकी बेटा चोद पत्नी को चूची चुसवाने मे।

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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 30 Oct 2014 13:32

फिर रीमा ने अपने हाथ मेरी कमर पर रखे और मेरे चूतडो पर अपने हाथ प्यार से फिराने लगी। मुझे उसके कोमल मुलायम हाथ अपने चूतडो पर बहुत अच्छे लग रहे थे। मेरे चूतड भी मेरी निप्पल्स की तरह बडे संवेदनशील थे। इसलिये उसका इसतरह प्यार से हाथ फिराना मुझे और उत्तेजित कर रहा था। अपनी जीभ रीमा के चूची पर जोर जोर से फिर रहा था। अपनी जीभ की नोक उसकी चूची मे गडा कर जोर जोर से रगडता तो कभी प्यार से उसकी चूची को चाटता। मेरा लंड जब भी रीमा के पेट या पेन्टी से टकराता तो एक सिरहन होती मेरे बदन में। मन करता कि घुसा दूं अपना लंड रीमा की चूत में पर रीमा ने कहा था चूत नंही मारने देगी आज बस यही सोच कर अपने आप को रोक लेता था पर मेरा लंड धीरे धीरे मेरे नियंत्रण से दूर हो रहा था पता नंही कब मैं उसके बदन पर टूट पडने वाला था।

मैं ज्यादा देर तक अपने हाथो पर खडा न रह सका और अपना भार रीमा के शरीर पर डाल दिया। मेरा लंड रीमा की जाँघो के बीच घुस गया। रीमा ने मेरी कमर को अपनी बाँहो मे जकड लिया। मैंने रीमा की चूची चाट कर साफ कर दी थी बस अब उसकी घुडी साफ करने को बची थी। मैंने रीमा के घुंडी अपने मुँह मे भर ली और चूसने लगा। रीमा ने अपनी जाँघे कस के बंद कर ली जिससे मेरा पहले से तडपता लंड उसकी उसकी गोरी गुदाज जाँघो मे कैद हो गया। लो जी कैद कर लिया मैंने आपके लंड राज को बडा परेशान कर रहा था मुझे इतनी देर से अब देखती हूँ की ये मेरी कैसे नंही सुनता मेरी चूत की रगड के इसने हालत खराब कर दी अब मैं अपनी कैद में इस मोटे लंड की खबर लूंगी। रीमा कस कर अपनी जाँघे आपस मे रगड रही थी। और मेरे लंड को मसलने की कोशिश कर रही थी जैसे उसकी जाँघे चूत हो और मेरा लंड उस चूत के कैद मे हो। मैंने काफी बडा भाग उसकी चूची का मुँह मे भर कर चूसने लगा। रीमा अभी भी अपने प्यारे हाथ मेरे चूतडो पर फिरा रही थी और कभी कभी मेरे चूतड अपने हाथो से मसल भी देती थी। रीमा ने मेरा लंड जोर से अपनी जाँघो मे जकड रखा था। मैंने अपने चूतड धीरे से आगे पीछे चलाने शुरु कर दिये। जैसे मे उसकी चूत मार रहा हूँ। उसने भी अपनी टाँगे सिकोड कर अपनी जाँघो से चूत जैसा बना दिया और मैं उसकी चूची पीते हुये उसकी जाँघे चोदने लगा। उसकी जाँघे उसकी चूत से बहते रस के कारण गीली और चिकनी हो गयी थी। जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी जाँघो मे आसानी से फिसल रहा था। उसकी चूची से काफी देर तक चाट कर उसकी चूत का सारा रस मैंने पी लिया। अब रीमा की दोनो चूची मेरे थूक से सन चूकी थी और रोशनी मे चमक रही थी।

पार्ट २४

अब मुझसे कुछ भी बर्दाश्त नही हो रहा मेरे पति देव कुछ करो मेरी मस्ती झडा दे मेरे मादरचोद पति। मेरा पानी गिरा दो मेरा पूरा बदन जल रहा है चूत की गर्मी से मेरी जान झडा दो मुझे मेरे पति कुछ करो न जी। अभी करता हूँ मेरी जान अभी तुम्हारी मस्ती झडाता हूँ तुम चिंता मत करो। अभी तुम्हारी चूत चाट कर तुम्हारी चूत का सारा रस मैं पी जाउँगा मेरी रानी। अपनी जीभ को तुम्हारी चूत के अंदर घुसा कर उसे अपनी जीभ से चोदूंग और तुम्हारे चूत के दाने को जीभ से रगड रगड कर तुम्को झडा कर मजा दूंगा तो मादरचोद फिर दे न ये बक बक क्या कर रहा है तंग कर रखा है इतनी देर से मेरी चूत को मेरी सहेलियाँ तो कहती थी सुहाग रात मे बहुत मजा आता है पर तू तो सिर्फ तडपा रहा है इतनी देर से मुझे बहनचोद। लो रानी अभी लो कह कर मैं रीमा के उपर से उतर कर बिस्तर पर लेट गया। मैंने अपने सर के नीचे तकिया लगा लिया। आ मेरी रानी अब मेरे मुँह पर रख कर अपनी चूत चटवाओ और मजा लो साथ ही साथ मेरा लंड चाट कर लंड का मजा लो मेरी रानी। सुहाग रात मै जैसे मर्द औरत की चूत चाट कर उसे मर्द के लंड के धक्के झेलने के लिये तैयार करता है उसी तरह ये पत्नी का भी फर्ज है कि वह पति के लंड को चूस कर उसे अपनी चूत की रगडायी के लिये तैयार करे। ओह मेरे राजा क्या अच्छा ख्याल है मजे लेने का। हाँ माँ अब हम दोनो मिल कर ६९ का मजा लेंगे आ जाओ माँ अब मैं भी तुम्हारी चूत का रस पीने के लिये तडप रहा हूँ मैं तुम्हारी चूत का अमृत पीना चाहाता हूँ। रीमा उठ कर मेरे शरीर के बगल मे खडी हो गयी। उसकी चूची मेरे थूक से सनी हुयी थी और लाईट मे चमक रही थी। सारे गहने ब्रा पेंटी उसको और सुन्दर बना रहे थे।

रीमा ने मेरे बदन के दोनो और अपने पैर रखे और मेरी और चूतड कर के खडी हो गयी। फिर उसने झुक कर अपने दोनो घुटने मेरे कंधे के दोनो और जमा कर अपनी बालो वाली चूत को मेरे चहरे के सामने कर दिया। और आगे मेरे लंड पर झुक गयी। मेरा लंड रीमा के चहरे के पास था मैं अपने लंड पर उसकी गर्म सांसे महसूस कर रहा था। और रीमा के खुली चूत मेरे सामने थी। रीमा ने अपनी टाँगे फैला कर अपनी चूत ठीक मेरे सामने कर दी। उसकी नंगी चूत देख कर मैं तो मचल पडा और उसके चूतडो पर अपने हाथ रख कर उसकी चूत का एक चुम्बन ले लिया। रीमा ने भी अपने होंठो से मेरे लंड का एक चुम्बन ले लिया। मैंने अपनी जीभ निकाली और रीमा के चूत के उपर चलाने लगा। अपनी जीभ मे थूक भरता और उसकी चूत पर लगा देता। और फिर चाट कर उसके अपना थूक पी जाता।

रीमा भी मेरे लंड को प्यार करने मे लगी थी। उसने मेरे लंड को हाथ मे नंही पकडा था बस अपने होंठो से मेरे लंड का चुम्बन ले रही थी। मेरा लंड उसके होठो को छू कर और भी गुस्से मे आ गया था। मैंने रीमा के चूतडो पर जोर लगा कर उसकी चूत को और अपने मुँह के पास कर लिया अब उसकी गाँड का गुलाबी छेद भी मेरे सामने था। मैंने अपनी जीभ कडी करके रीमा की चूत की दरार पर चलाने लगा। रीमा की चूत पहले से ही गीली थी जिससे मेरी जीभ रीमा की चूत के अंदर चली गयी। मैं उसकी चूत मे धीरे धीरे अपनी जीभ चला रहा था। रीमा ने मेरे लंड का सुपडा अपने होंठो के बीच पकड लिया और अपनी जीभ मेरे लंड के टोपे पर चलाने लगी। मेरे लंड के टोपे को वह अपने थूक से गीला कर रही थी। अपनी जीभ मेरे लंड के सुपाडे के चारो और चलाती तो कभी अपनी जीभ कडी कर के मेरे मूत्र के छिद्र मे घुसा देती। मूत्र छिद्र मे जीभ जाने से मुझे बडा मजा आता।

क्रमशः ..............................

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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 30 Oct 2014 13:33

गतांक आगे ...................

फिर मैंने अपने हाथ से रीमा की चूत खोली और उसके अंदर का लाल हिस्सा दिखायी देने लगा। अपनी जीभ रीमा की चूत के अंदर डाल कर मैं घुमाने लगा। रीमा की चूत चाटने मे मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने रीमा के चूत के एक फाँक मुँह मे पकड ली और जोर जोर से चूसने लगा। मीठे पके आम जैसी रसीली थी रीमा के चूत। और मैं उसको चूस कर मजा ले रहा था। रीमा मेरे लंड को पूरी मस्ती के साथ चूस रही थी। मेरे लंड के सुपाडे पर अपना थूक लगाती फिर जीभ निकाल कर अपनी जीभ की नोक से थूक को चाटती। जीभ की नोक लगने से मेरा लंड मचल उठता। मेरे मुँह से मस्ती मे आवाज निकलती पर क्योकी मेरा मुँह रीमा की चूत पर लगा हुया था इसलिये सिर्फ गो गो कि आवाज निकल कर रह जाती। मैंने रीमा के दूसरी फाँक को मुँह मे लिया और चूसने लगा। रीमा भी मेरा लंड चूसते हुये ओह ओह आह की आवाजे निकाल रही थी। ओह बहुत अच्छा चूसता है रे तू मेरे लाल चूस और चूस मेरी चूत तेरे लंड का सुपाडा तो देख कैसे फूल गया है लगता है बहुत माल जमा है तेरे लंड मे मेरे लिये। कह कर रीमा ने फिर से मेरा लंड अपने मुँह मे भर कर जोर जोर से चूसना शुरु कर दिया कुछ ही घंटो मे मैं रीमा की चूत का दिवाना हो गया था। और उसकी पूरा मजा देकर खुश करना चाहाता था। रीमा के चूत गीली करके मैं रीमा के चूत के दाने को चूमा। चूत के दाने को चूमते ही रीमा सिहर उठी। रीमा की चूत का दाना बहुत ही संवेदन शील था और मेरे चूमते ही इसका असर उसके पूरे बदन पर हुआ।

फिर मैंने उसके चूत का दाना होंठो मे पकड कर जोर जोर से चूसने लगा। रीम मचल उठी और जोर जोर से अपने चूत मेरे मुँह पर दबाने लगी । रीमा ने मेरा लंड अपने हाथ मे पकडा और मुठ्ठ मारने लगी।चूस मादरचोद चूस मेरे चूत के दाने को चूस ले निकाल दे मेरा रस मेरी चूत से मेरे राजा मेरे रसीया मेरी जान बहुत मजा आ रहा है मुझे देख साले गाँडू तेरे लंड भी मस्ता गया है। वह अपने चूतड गोल गोल घुमा रही थी। मैंने उसके अपनी जीभ उसके चूत के दाने पर रख दिया और रगडने लगा। रीमा को बहुत मजा आ रहा था और जोश मे आकर रीमा ने मेरा लंड पूरा अपने मुँह मे घुसा लिया। मेरा सुपाडा रीमा के गले मे उतर गया। मैं भी मचल उठा और अपने चूतड को उछाल कर जोर से उसके मुँह मे धक्का मारा। मेरा लंड और उसके गले मे उतर गया। रीमा ने मेरा पूरा लंड गले मे रहने दिया और अपने गले से मेरे लंड को दबाने लगी। मुझे भी बहुत मजा आने लगा।

रीमा अपने गले का इस्तमाल बहुत अच्छे ढंग से मेरे लंड पर कर रही थी। मैं अपना लंड इतनी जोर से चूसे जाने से मचल उठा और रीमा के चूत के दाने को जोर जोर से चाटने लगा। कभी तेजी से उस पर अपनी जीभ चलाता तो कभी चूसने लगता। रीमा के चूत पूरी गीली हो चुकी थी। मेरी नाक रीमा के चूत के सामने थी उसकी चूत से रिस कर चूत रस मेरी नाक पर गिरकर उसको भी गीला कर रहा था। मेरी नाक के नोक उसकी चूत पर रगड रही थी। फिर जोश मे आकर रीमा ने अपनी चूत मेरे चहरे पर दबायी मेरी नाक गीली होने से पूरी नाक उसके चूत मे घुस गयी। नाक चूत मे घुसते ही रीमा सिहर उठी और उसको अच्छा भी लगा। रीमा अपने चूतड कस के मेरे चहरे पर दबा कर गोल गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी चूत मेरे नाक से चुदने लगी। रीमा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और फिर से जीभ से चाटने लगी। अपनी जीभ से मेरे लंड को उपर से नीचे तक ले जाकर मेरे लंड को चाटती और लंड को थूक से गीला करके फिर से मुँह मे भर कर गले तक उतार लेती और अपने गले के दबाव से मेरे लंड को तडपाती। रीम कभी चूतड घुमा कर तो कभी उछाल कर मेरी नाक से चुद रही थी। मैंने अपना मुँह खोल कर साँस ले रहा था। बीच मे अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत का दाना भी कभी कभी चाट लेता।


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