गन्ने की मिठास--37
गतान्क से आगे......................
मम्मी की मॅक्सी को धीरे से मैने थोड़ा सा उपर कर दिया और अब मेरी रंडी मम्मी की गोरी गोरी गुदाज पिंदलिया और उनकेघुटने तक का हिस्सा मेरे सामने था और मैं उनकी गोरी गोरी पिंदलियो को सहलाता हुआ मज़े ले रहा था,
मम्मी बराबर टीवी देखे जा रही थी और मैने सोचा कि मम्मी तो मॅक्सी के नीचे पॅंटी पहनी नही है पूरी
नंगी है क्यो ना थोड़ा उनका पेर उठा कर उनकी फूली चूत देखने की कोशिश की जाय और मैने मम्मी के पेरो को
थोड़ा सा मोड़ कर थोड़ा फैला दिया और जैसे ही मैने मम्मी की मॅक्सी के अंदर देखा तब उनकी गुदाज मोटी
मखमल जैसी जंघे जो इतनी मोटी थी की उनका पेर चौड़ा करने के बाद भी उनकी भरी हुई जंघे एक दूसरे से
चिपकी थी,
तब मैने उनके पेरो को थोड़ा और मोड़ दिया और जब फिर से मैने मॅक्सी के अंदर देखा तो मेरे होश
उड़ गये, मम्मी की पाव रोटी की तरह फूली हुई चूत और बीच मे एक बड़ी सी गहरी लकीर देख कर मेरा लंड
झटके देने लगा, मम्मी की चूत तो सुधिया की चूत से भी ज़्यादा मासल और गुदाज लग रही थी और फूली इतनी लग
रही थी कि पूरी हथेली खोल कर अपने पंजो मे दबोचना पड़े,
मैं तो अपनी मम्मी की मस्तानी चूत देख कर मस्त हो गया और उनकी गोरी टाँगो को खूब कस कस कर मसल्ने
लगा,
जब मैं उनकी टाँगो को दबाता तब उनकी पायल ऐसे बजने लगती जैसे किसी औरत की चूत मारते हुए पायल बजती
है, जब मैने देखा की मम्मी ने अब आँखे बंद कर ली है तब मैने उनकी जाँघो को धीरे से अपने हाथो मे
भर कर दबाया तो उनकी मोटी जाँघो के स्पर्श से एक बार तो ऐसा लगा कि अभी मेरे लंड से पानी निकल आएगा,
तभी मम्मी ने आँखे खोली और कहा बेटे मुझे नींद सी आ रही है जा अब तू भी सो जा और मैं भी सोने जा
रही हू,
मैने कहा आप कहो तो और पेर दबा दू आपके
रति- नही बेटे अब रहने दे मुझे सच मुच झपकी आने लगी है,मैने मायूस होकर कहा ठीक है मम्मी और
फिर मैं वहाँ से अपने रूम मे आ गया और लेट गया, मुझे नींद नही आ रही थी और मैने सोचा चलो थोड़ी
देर अपनी सेक्स बुक ही पढ़ा जाए और मैने जैसे ही तकिये के निच्चे हाथ डाला मुझे वहाँ कुच्छ नही मिला और
मैं उठ कर बैठ गया और जल्दी से तकिया हटा कर देखने लगा लेकिन किताब वहाँ नही थी,
तभी मेरे दिमाग़ मे
यह बात आई कि कही मम्मी के हाथ तो नही लग गई और शायद मम्मी उस किताब वो पढ़ भी चुकी थी जिसमे खूब
बेटे द्वारा अपनी मा को चोदने की कहानिया लिखी हुई थी और कुच्छ कहानिया ऐसी भी थी जिसमे मा खुद अपने बेटे
को अपनी चूत दिखा दिखा कर उत्तेजित करती है और फिर उससे अपनी चूत खूब मरवाती है,
मैं चुपके से अपने रूम से बाहर आ गया और दबे पाँव मम्मी के रूम के बाहर जाकर खिड़की से अंदर
देखा तो मेरा शक बिल्कुल सही निकला मम्मी अंदर वही किताब खोल कर पढ़ रही थी और संगीता घोड़े बेच कर
उसके बगल मे लेटी हुई थी, मम्मी किताब पढ़ते हुए अपनी मॅक्सी के उपर से अपनी चूत धीरे धीरे सहला रही थी,
यह सब नज़ारा देख कर मैं एक दम से खुश हो गया और सोचने लगा कि मेरी मम्मी की चूत तो खूब पानी
छ्चोड़ रही है, इसको चोदने मे तो ज़्यादा परेशानी आनी नही चाहिए, क्या गजब का माल है मेरी मम्मी, जब
मुझसे एक बार चुद जाएगी तब फिर रंडी को दिनभर घर मे नंगी ही रखूँगा और नंगी ही घर के सारे काम
करवाउँगा,
और जब मन होगा उसकी गंद मे अपना लंड डाल कर उसे खूब कस कस कर चोदुन्गा,
गन्ने की मिठास compleet
Re: गन्ने की मिठास
अभी मैं यही सब खड़ा खड़ा सोच रहा था और अपने लंड को मसल रहा था तभी मम्मी ने एक बार संगीता की
ओर देखा और फिर अपनी गंद लेटे लेटे उठा कर अपनी मॅक्सी अपनी गुदाज मोटी गंद को उठा कर उसने उपर चढ़ा
लिया और जब उसने अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत पर मेरे सामने हाथ फेरा तो मेरा लंड
इतना कड़ा हो गया कि मुझे उसे अपनी लूँगी से बाहर निकालना पड़ा और उसे खूब कस कस कर सहलाना पड़ा,
मेरी मम्मी अपनी चूत मे एक उंगली धीरे धीरे सरकाती हुई किताब पढ़ रही थी और उसका चेहरा पूरा लाल नज़र आ
रहा था, मैं मम्मी की चूत और नंगी भरी गंद को देख कर खूब ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था और अपने
ख्यालो मे अपनी मम्मी को चोद रहा था, आज तक अपनी मम्मी की नंगी चूत और गंद मैने देखा नही था
इसलिए मुझे उनका ज़्यादा ख्याल कभी आया ही नही लेकिन अब मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी मम्मी को ही चोदने का मन
हो रहा था और मैं बस उसे चोद्ते हुए उसके रसीले होंठ गुलाबी गालो को चूमना चाटना चाहता था,
कुच्छ देर बाद मैने देखा मम्मी की चूड़ियो की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से आने लगी थी क्यो कि मम्मी अब अपनी चूत मे
ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली पेलने लगी थी, तभी वह एक दम से बिस्तेर पर मूतने की स्टाइल मे बैठ गई और जब उसका
भोसड़ा खुल कर मेरी आँखो के सामने आया तो मम्मी की बड़ी सी बिना बालो वाली चिकनी गुलाबी चूत देख कर
मेरे मूह मे पानी आ गया और ऐसा लगने लगा कि जाकर अपनी मम्मी की चूत मे मूह डाल कर खूब उसकी चूत
चूस लू,
मम्मी अब तेज़ी से अपनी उंगली चला रही थी और मैं भी उसकी चूत देख कर अपना लंड हिला रहा था, तभी
अचानक मुझे ध्यान नही रहा और मेरे पास मे एक छ्होटा सा गमला रखा हुआ था और मेरे हाथ का धक्का
उस गमले मे लग गया मैने उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गमला धदाम से गिर कर टूट गया और मेरे
होश उड़ गये, आवाज़ सुन कर मम्मी एक दम से रुक गई और उसने आवाज़ लगाई कौन है वहाँ,
ओर देखा और फिर अपनी गंद लेटे लेटे उठा कर अपनी मॅक्सी अपनी गुदाज मोटी गंद को उठा कर उसने उपर चढ़ा
लिया और जब उसने अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत पर मेरे सामने हाथ फेरा तो मेरा लंड
इतना कड़ा हो गया कि मुझे उसे अपनी लूँगी से बाहर निकालना पड़ा और उसे खूब कस कस कर सहलाना पड़ा,
मेरी मम्मी अपनी चूत मे एक उंगली धीरे धीरे सरकाती हुई किताब पढ़ रही थी और उसका चेहरा पूरा लाल नज़र आ
रहा था, मैं मम्मी की चूत और नंगी भरी गंद को देख कर खूब ज़ोर ज़ोर से लंड हिला रहा था और अपने
ख्यालो मे अपनी मम्मी को चोद रहा था, आज तक अपनी मम्मी की नंगी चूत और गंद मैने देखा नही था
इसलिए मुझे उनका ज़्यादा ख्याल कभी आया ही नही लेकिन अब मुझे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी मम्मी को ही चोदने का मन
हो रहा था और मैं बस उसे चोद्ते हुए उसके रसीले होंठ गुलाबी गालो को चूमना चाटना चाहता था,
कुच्छ देर बाद मैने देखा मम्मी की चूड़ियो की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से आने लगी थी क्यो कि मम्मी अब अपनी चूत मे
ज़ोर ज़ोर से अपनी उंगली पेलने लगी थी, तभी वह एक दम से बिस्तेर पर मूतने की स्टाइल मे बैठ गई और जब उसका
भोसड़ा खुल कर मेरी आँखो के सामने आया तो मम्मी की बड़ी सी बिना बालो वाली चिकनी गुलाबी चूत देख कर
मेरे मूह मे पानी आ गया और ऐसा लगने लगा कि जाकर अपनी मम्मी की चूत मे मूह डाल कर खूब उसकी चूत
चूस लू,
मम्मी अब तेज़ी से अपनी उंगली चला रही थी और मैं भी उसकी चूत देख कर अपना लंड हिला रहा था, तभी
अचानक मुझे ध्यान नही रहा और मेरे पास मे एक छ्होटा सा गमला रखा हुआ था और मेरे हाथ का धक्का
उस गमले मे लग गया मैने उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की लेकिन वह गमला धदाम से गिर कर टूट गया और मेरे
होश उड़ गये, आवाज़ सुन कर मम्मी एक दम से रुक गई और उसने आवाज़ लगाई कौन है वहाँ,
Re: गन्ने की मिठास
मेरी तो गंद फट गई
और मैं चुपके से वहाँ से भाग कर अपने रूम मे आ गया,
मैं बहुत देर तक जागता रहा कि शायद मम्मी मुझे देखने आएगी लेकिन मम्मी नही आई तब मुझे कुच्छ
राहत हुई और मैं सो गया, जब सुबह हुई तो मैने देखा संगीता चाइ लेकर खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी, मैने
उससे धीरे से पूछा मम्मी कहाँ है,
संगीता- मम्मी बाथरूम मे पूरी नंगी होकर नहा रही है
राज- हस्ते हुए तुझे सुबह से ही मस्ती चढ़ि है क्या
संगीता- मेरे लंड को लूँगी के उपर से पकड़ कर दबाते हुए, जिसकी चूत मे इतना मोटा लंड घुसने लगेगा उसको
सुबह से मस्ती नही चढ़ेगी तो क्या होगा, और आप सुबह सुबह मम्मी को क्यो याद कर रहे हो कही यह मूसल
मम्मी को चोदने के ख्वाब देख कर तो नही तना हुआ है,
राज- हस्ते हुए क्यो तेरे भैया का लंड अगर मम्मी की चूत मे घुसेगा तो तुझे बुरा लगेगा क्या
संगीता- हस्ते हुए मुझे क्यो बुरा लगेगा, अच्छा है बेचारी मम्मी भी जब से पापा हमे छ्चोड़ कर गये
है तब से खूब चुदने के लिए तड़पति होगी, सच भैया एक बार जो तुम अपने इस मूसल से मम्मी को पूरी नंगी
करके चोद दो तो सचमुच मम्मी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो जाएगी और दिन रात तुम्हारे लंड के लिए अपनी
चूत उठाए घूमेगी,
मैने संगीता की बात सुन कर उसके मोटे मोटे दूध को पकड़ उसे अपनी गोद मे बैठा कर पकड़ लिया और उसके दूध
दबाते हुए कहा मेरी रंडी बहना मैं अगर तुझे और मम्मी को दोनो को दिन भर घर मे नंगी रख कर
दोनो को एक साथ चोदु तो,
संगीता- फिर तो मज़ा आ जाएगा भैया, मैं भी देखना चाहती हू कि तुम मम्मी को कैसे पूरी नंगी करके
चोद्ते हो, मम्मी पूरी नंगी बड़ा मस्त माल लगती है उसकी चूत चूस कर ही तुम तो मस्त हो जाओगे, मैने संगीता
की चूत को च्छू कर देखा तो उसमे से पानी बह रहा था मैने उसे चूमते हुए कहा गुड़िया रानी आज दोपहर मे
ही मैं आ जाउन्गा फिर तेरी चूत का पानी चाटूँगा अभी मुझे जल्दी से चाइ बना कर दे दे तब तक मैं तैयार हो
जाता हू उसके बाद मैं तैयार हो गया और जब मम्मी मेरा खाना लेकर आई तो उनका चेहरा काफ़ी तनाव मे लग
रहा था और शायद वह कुच्छ कहना चाहती थी,
रति- संगीता जा मैने कपड़े जो धोकर रखे है उन्हे ज़रा छत पर डाल कर आ जा,
संगीता वहाँ से चली गई और मैं चाइ पीने लगा,
राज- क्या बात है मम्मी आप कुच्छ परेशान लग रही है,
रति- बेटे मुझे तुझसे कुच्छ पुच्छना था,
राज- बोलो ना मम्मी
रति- बेटे कल रात मेरे रूम के बाहर तू ही था ना
मम्मी की बात सुन कर मैं एक दम से सकपका गया और मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं अपनी नज़रे नीचे करके
केवल इतना ही कह सका सॉरी मम्मी,
रति- बेटे तुझे अपनी मम्मी को नंगी नही देखना चाहिए था, तूने यह ग़लत किया है,
तुझे अपनी मम्मी पर
ऐसी नज़रे नही रखना चाहिए, तू एक समझदार लड़का है और तुझे सोचना चाहिए कि मैं तेरी मम्मी हू फिर
भले ही मैं तुझे कितनी ही सेक्सी और जवान लगू लेकिन किसी बेटे को अपनी मम्मी पर ऐसी नज़रे नही डालना चाहिए,
अगर मैं तेरे जैसे सोचने लागू तो ना जाने कितने ग़लत कदम उठा चुकी होती
और मैं चुपके से वहाँ से भाग कर अपने रूम मे आ गया,
मैं बहुत देर तक जागता रहा कि शायद मम्मी मुझे देखने आएगी लेकिन मम्मी नही आई तब मुझे कुच्छ
राहत हुई और मैं सो गया, जब सुबह हुई तो मैने देखा संगीता चाइ लेकर खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी, मैने
उससे धीरे से पूछा मम्मी कहाँ है,
संगीता- मम्मी बाथरूम मे पूरी नंगी होकर नहा रही है
राज- हस्ते हुए तुझे सुबह से ही मस्ती चढ़ि है क्या
संगीता- मेरे लंड को लूँगी के उपर से पकड़ कर दबाते हुए, जिसकी चूत मे इतना मोटा लंड घुसने लगेगा उसको
सुबह से मस्ती नही चढ़ेगी तो क्या होगा, और आप सुबह सुबह मम्मी को क्यो याद कर रहे हो कही यह मूसल
मम्मी को चोदने के ख्वाब देख कर तो नही तना हुआ है,
राज- हस्ते हुए क्यो तेरे भैया का लंड अगर मम्मी की चूत मे घुसेगा तो तुझे बुरा लगेगा क्या
संगीता- हस्ते हुए मुझे क्यो बुरा लगेगा, अच्छा है बेचारी मम्मी भी जब से पापा हमे छ्चोड़ कर गये
है तब से खूब चुदने के लिए तड़पति होगी, सच भैया एक बार जो तुम अपने इस मूसल से मम्मी को पूरी नंगी
करके चोद दो तो सचमुच मम्मी तो तुम्हारे लंड की दीवानी हो जाएगी और दिन रात तुम्हारे लंड के लिए अपनी
चूत उठाए घूमेगी,
मैने संगीता की बात सुन कर उसके मोटे मोटे दूध को पकड़ उसे अपनी गोद मे बैठा कर पकड़ लिया और उसके दूध
दबाते हुए कहा मेरी रंडी बहना मैं अगर तुझे और मम्मी को दोनो को दिन भर घर मे नंगी रख कर
दोनो को एक साथ चोदु तो,
संगीता- फिर तो मज़ा आ जाएगा भैया, मैं भी देखना चाहती हू कि तुम मम्मी को कैसे पूरी नंगी करके
चोद्ते हो, मम्मी पूरी नंगी बड़ा मस्त माल लगती है उसकी चूत चूस कर ही तुम तो मस्त हो जाओगे, मैने संगीता
की चूत को च्छू कर देखा तो उसमे से पानी बह रहा था मैने उसे चूमते हुए कहा गुड़िया रानी आज दोपहर मे
ही मैं आ जाउन्गा फिर तेरी चूत का पानी चाटूँगा अभी मुझे जल्दी से चाइ बना कर दे दे तब तक मैं तैयार हो
जाता हू उसके बाद मैं तैयार हो गया और जब मम्मी मेरा खाना लेकर आई तो उनका चेहरा काफ़ी तनाव मे लग
रहा था और शायद वह कुच्छ कहना चाहती थी,
रति- संगीता जा मैने कपड़े जो धोकर रखे है उन्हे ज़रा छत पर डाल कर आ जा,
संगीता वहाँ से चली गई और मैं चाइ पीने लगा,
राज- क्या बात है मम्मी आप कुच्छ परेशान लग रही है,
रति- बेटे मुझे तुझसे कुच्छ पुच्छना था,
राज- बोलो ना मम्मी
रति- बेटे कल रात मेरे रूम के बाहर तू ही था ना
मम्मी की बात सुन कर मैं एक दम से सकपका गया और मेरी चोरी पकड़ी जा चुकी थी मैं अपनी नज़रे नीचे करके
केवल इतना ही कह सका सॉरी मम्मी,
रति- बेटे तुझे अपनी मम्मी को नंगी नही देखना चाहिए था, तूने यह ग़लत किया है,
तुझे अपनी मम्मी पर
ऐसी नज़रे नही रखना चाहिए, तू एक समझदार लड़का है और तुझे सोचना चाहिए कि मैं तेरी मम्मी हू फिर
भले ही मैं तुझे कितनी ही सेक्सी और जवान लगू लेकिन किसी बेटे को अपनी मम्मी पर ऐसी नज़रे नही डालना चाहिए,
अगर मैं तेरे जैसे सोचने लागू तो ना जाने कितने ग़लत कदम उठा चुकी होती