जुली को मिल गई मूली compleet

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raj..
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Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 04 Nov 2014 14:31

उन्होने मुझे अपनी मज़बूत बाहों मे उठाया और बेडरूम मे ला कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया. मुझे नंगी बिस्तर पर लिटा कर वो मेरे पास बैठ गये और मेरे नंगे बदन को देखने लगे. वो तो हमेशा ही मेरे सेक्सी नंगे बदन को काफ़ी देर तक देखते हैं जैसे मुझे पहली बार नंगा देख रहे हो. फिर धीरे धीरे वो मेरे पास आए और मुझे सिर से पैर तक चूमा. मुझे बहुत आनंद आया और मेरे मूह से प्यार और चुदाई की आवाज़ें निकालने लगी जब उनके गरम होंठ मेरी तनी हुई निप्पल्स को चूम रहे थे. उन्होने मुझे मेरे मस्तक पर, मेरी आँखों पर, मेरे नाक पर, मेरे गाल पर, मेरी गर्दन पर, मेरी चुचियों और मेरी निप्पल्स पर, मेरी बगलों पर, मेरे पेट पर, मेरी चूत पर और अंत मे मेरी जाँघो पर चुंबन दिया. फिर तो वो जैसे मेरे सेक्सी नंगे बदन को चाटने लगे. उन्होने मुझे उपर से ले कर नीचे तक चाटा . अपना चाटना पूरा करके उन्होने अपना ध्यान मेरे सब से खास नंगे सेक्सी अंगों पर लगाया. पहले उन्होने मेरी एक तनी हुई निप्पल को अपने मूह मे ले कर चूसा, पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से जैसे मेरा दूध पीना चाहते हो. फिर इसी तरह उन्होने मेरी दूसरी निप्पल को भी चूसा. फिर उन्होने मेरे होठों पर गहरा चुंबन दिया और साथ ही मेरी जीभ के अपने मूह मे ले कर चूसने लगे. जवाब मे मैने भी उनकी जीभ को अपने मूह मे ले कर चूसा.

अब उन्होने अपना ध्यान मेरी कड़क और सेक्सी चुचियों पर लगाया. वो चाहते थे कि मैं बिस्तर पर बैठ जाओं और जैसे किसी बच्चे को दूध पिलाया जाता है उस तरह उन को अपनी चुचि चूसने को दूं. मैं बिस्तर पर बैठ गई और उनका सिर अपने हाथ मे ले कर अपनी गोदी मे रखा और अपने दूसरे हाथ से खुद की चुचि पकड़ कर उसकी निप्पल उनके मूह मे चूसने को दी. उन्होने मेरी निप्पल मूह मे ली और चूसना शुरू किया. मेरी एक चुचि और निप्पल तो वो अपने मूह मे ले कर चूस रहे थे और दूसरी चुचि और निप्पल को अपने हाथ मे ले कर उस से खेलने लगे, दबाने लगे और मसल्ने लगे. मेरी हमेशा नरम और मुलायम रहने वाली निप्पल्स उनके चूसने और खेलने की वजह से तन कर खड़ी हो गयी थी. मेरी चुचि उनकी हथेली मे किसी नरम बाल की तरह लग रही थी. कुछ देर बाद उन्होने मेरी चुचियों की अदला बदली की और जो चुचि वो चूस रहे थे उस से खेलने लगे और जिस चुचि से वो खेल रहे थे उसको चूसने लगे. इस तरह मेरी दोनो चुचियों को उन्होने चूसा और दोनो को मसला. ये खेल काफ़ी देर तक चलता रहा क्यों कि मुझे मेरी चुचियाँ चुस्वा कर, मसलवा कर और दब्वा कर मज़ा आरहा था और उनको मेरी चुचियाँ चूस कर, दबा कर और मसल कर मज़ा आ रहा था.

इस खेल का पूरा मज़ा लेने के बाद उन्होने मुझे फिर से बिस्तर पर मेरी पीठ के बल लिटा दिया. अब उनका मूह घूमता हुआ मेरे नंगे बदन के नीचके हिस्से पर जाने लगा. जैसे ही उनके होठों ने मेरी सफाचट चूत को टच किया, मैं रोमांचित हो उठी और मेरे रोएँ खड़े हो गये. मेरी चूत पर उन्होने बहुत सारे चुंबन दिए. बीच बीच मे वो अपनी थोड़ी मेरी चूत पर चुभ रहे थे. और अचानक ही वो पागलों की तरह मेरी चूत को चूसने लगे. उनकी इस हरकत ने मुझे अचानक ही बहुत गरम कर दिया. वो मेरी फुददी ऐसे चाट रहे थे जैसे किसी कपड़े से फर्श की सफाई की जाती है.

फिर उन्होने अपनी उंगलियों की मदद के मेरी चूत को खोला और मेरी चूत के दाने को अपने मूह मे ले कर चूसने लगे.

“ऊऊऊऊओह…………….. आआआअहह…………. हूऊऊऊऊओ” मेरे मूह से निकला. वो लगातार, बिना रुके मेरी चूत का दाना चूस्ते जा रहे थे. मेरी चूत का दाना चूस कर उन्होने मुझे और मेरी चूत को इतना गरम कर दिया कि मैं झड़ने की तरफ बढ़ने लगी और मेरी चूत से रस की नदी सी बहने लगी. जल्दी ही, उन्होने मेरी चूत का मूह खोला और अपनी जीभ मेरी चूत मे डाल दी. मेरी चूत के अंदर वो अपनी जीभ घुमाने लगे और मैं आसमान मे उड़ने लगी. उनकी इस सेक्सी हरकत ने मुझे इतना बेचैन कर दिया कि मेरे मूह से आनंद भारी आवाज़े निकालने लगी और मैं अपनी गंद बिस्तर से उठाने लगी और पटाकने लगी. मैने उनके सिर के बाल पीछे से पकड़े और उनका मूह अपनी बहती चूत पर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी तो वो और ज़ोर ज़ोर से मेरी फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने लगे. मुझे तो जैसे असली चुदाई का मज़ा आने लगा. जिस तरह से वो मेरी चूत चूस रहे थे, चाट रहे थे और मेरी चूत मे अपनी जीभ घुमा रहे थे, उस से लगता था कि आज वो मेरी चूत का सारा रस निकाल कर पी जाएँगे. लेकिन मेरी फुददी का जितना रस वो चाट रहे थे, उतना ही और रस मेरी फुद्दि से निकल रहा था. उनके इस तरह से मेरी चूत के चाटने से, मेरी चूत मे जीभ घुमाने से सीटी के बजने जैसे आवाज़ आ रही थी. मैं कुछ इस तरह बिस्तर मे उच्छल रही थी, इस तरह अपनी गंद उठा और पटक रही थी की लगता था जैसे मैं बिस्तर से नीचे गिर जाउन्गि.


raj..
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Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 04 Nov 2014 14:32

अचानक, मैने अपना विचार बदला और उनको बिस्तर पर सीधे लेटने को कहा. वो समझ गये कि मैं क्या चाहती हूँ. उनके सीधे लेटने के बाद मैं उनकी छाती पर चढ़ गई और जितना हो सकता था, अपने पैर चौड़े किए और अपनी रिस्ति हुई चूत को उनके मूह पर सटा दिया. जैसे ही मेरी फुद्दि उनके मूह पर लगी, मैने उनके सिर को अपने पैरों मे, जांघों के बीच जाकड़ लिया. उन्होने मेरी चूत को चूसना शुरू किया और मैं मैं बार बार उपर नीचे हो कर अपनी चूत चुसवाने का मज़ा लेने लगी और बार बार अपनी चूत उनके मूह पर ज़ोर से दबाने लगी.

क्यों कि मैं भी उनका लॉडा चूसना चाहती थी, इसलिए, मैने उनको रोका और उनके उपर बैठी बैठी ही घूम गई और 69 की पोज़िशन मे आ गई. अब फिर से उनका मूह मेरी चूत पर आ गया था. मैने उनके तने हुए, खूबसूरत, मज़बूत, गरम, लंबे और मोटे लौडे को फिर एक बार ध्यान से देखा. क्या शानदार और जानदार लंड का मालिक है मेरा पति और मैं कितनी भाग्यशाली हूँ के मैं ऐसे लौडे की मालकिन हूँ. उनके लंड मूंद पर कुछ पानी की बूँदें थी जो कि हमेशा ही चुदाई के पहले होती है. मैने अपनी जीभ उनके तने हुए चुदाई के औज़ार पर घुमाई और उनके लौडे से निकले पानी का स्वाद लिया. मैने उनके लंड का घूँघट उठाया, यानी उनके लंड के मूह की चॅम्डी नीचे की और उनके लौडे का गुलाबी, मोटा सूपड़ा अपने मूह मे लिया. मैं तबीयत से उनका लंड चूसने लगी. मैने एक हाथ से उनका लंड नीचे से पकड़ रखा था. मैं उनका लंड चुस्ती जा रही थी और साथ ही साथ नीचे से उनका लंड पकड़ कर मूठ भी मार रही थी ताकि उनको चुदाई के रास्ते पर आधी दूर तक ले जाऊ जिस से उनके लंड का पानी चोद्ते हुए मेरी चूत मे जल्दी निकले. आप को तो पता है कि मेरे पति चुदाई मे बहुत मज़बूत है और चुदाई करते हुए उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. ज़्यादा तर उनसे चुद्वाते समय मैं दो बार झाड़ जाती हूँ जब की उनके लौडे से एक बार ही पानी निकलता है. इसलिए मैं उनका लॉडा चूस कर, मूठ मार कर इतना गरम कर देना चाहती थी कि मुझे चोद्ते हुए वो भी मेरे साथ ही झदें.

उनके तेज़ी से मेरी चूत चाटने की वजह से मैं जल्दी ही झाड़ गई और मैने अपनी चूत उनके मूह पर ज़ोर से दबाई. वो धीरे धीरे मेरी चूत से निकला रस चाटने लगे.

उनके मूह से चुद्वा कर, उनकी जीभ से चुद्वा कर तो मैं एक बार झाड़ गई थी और अब मैं चाहती थी कि उनका लंबा और मोटा, उनकी चुदाई का हथियार, उनका गरमा गरम लॉडा अपनी चूत मे डलवा कर उनसे चुद्वाते हुए उनके लंड को अपनी चूत मे निचोड़ लूँ.

मैं चुद्वाने के लिए तय्यार हो कर बिस्तर पर सीधी लेट गई और अपनी टाँगें फैला ली जो उनको मेरे उपर आ कर चोद्ने का खुला निमंत्रण था. मैं उनके लौडे को, जिसको मैं अभी अभी चूस रही थी, को ध्यान से देख रही थी और चाहती थी उनका मज़बूत लॉडा मेरी नन्ही सी चूत मे घुस कर हमेशा की तरह मुझे खूब चोदे.

वो मेरे उपर आए. पर मेरी चूत मे अपना लॉडा डाल कर मुझे चोद्ने के लिए नही. उनका लंड मेरी चुचियों के उपर, मेरी आँखों के सामने था. उन्होने अपना वजन मेर बदन पर बिल्कुल भी नही डाला था और मैं अपने आप को चुदाई की उस्ताद ऐसे ही नही समझती. मैं समझ गई कि वो मेरी चुचियों को चोद्ना चाहते हैं. मैने अपने दोनो हाथों से अपनी खुद की चुचियों के एक दूसरी की तरफ दबाया और उन्होने अपना लंबा लंड मेरी दोनो चुचियों के बीच घुसा दिया. वो मेरी चुचियों को ऐसे चोद रहे थे जैसे मेरी चूत को चोद रहे हो. उनका लॉडा आगे पीछे हो कर, मेरी अपने हाथों से दबाई हुई चुचियो के बीच मे आता जाता मेरी चुचियों को चोद्ने लगा. हम दोनो को ही मज़ा आ रहा था.

थोड़ी देर मेरी चुचियों को चोद्ने के बाद अब असली चुदाई का समय आ गया था. उन्होने मुझे बिस्तर के किनारे पर मेरी गंद रख कर मुझे सुलाया और मेरी गंद के नीचे तकिया लगाया. मैने अपने पैर फैलाए और घुटनों को मोड़ कर बिस्तर के किनारे पर रख लिया. इस तरह मेरी गीली चूत थोड़ी उपर हो गई और खुल कर चुद्वाने के लिए तय्यार थी. वो मेरे पैरों के बीच मे आए और अपने लंबे लंड का मोटा सुपाडा मेरी चूत के दरवाजे पर रखा. मेरी गीली चूत ने जैसे उनके लौडे का अपने दरवाजे पर स्वागत किया. उन्होने अपने लंड का एक हल्का सा धक्का मेरी चूत पर लगाया तो मेरी चूत पहले से ही काफ़ी गीली होने की वजह से उनके लंबे लंड का आगे का भाग मेरी चूत के अंदर घुस गया. धीरे धीरे धक्के लगाते हुए उन्होने अपना पूरा लंबा लॉडा मेरी चूत मे उतार दिया. लंड चाहे जितना भी लंबा हो और चूत चाहे कितनी ही छ्होटी हो, पूरे लंड को अपने अंदर ले ही लेती है, कभी थोड़ी तकलीफ़ से या कभी थोड़े आराम से.

एक बार अपने लंबे और मोटे लौडे को मेरी फुददी मे पूरा घुसाने के बाद अब उन्होने धक्के लगाते हुए मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. पहले धीरे धीरे और फिर उनके लंड की मेरी चूत आने जाने की रफ़्तार, धक्के लगाने की रफ़्तार, चोद्ने की रफ़्तार बढ़ती गई. हमेशा की तरह मुझे उनसे चुद्वाने का मज़ा आने लगा और उनको मुझे चोद्ने का मज़ा आने लगा. चुदाई की रफ़्तार और जोश बढ़ता गया और मैने अपने पैरों से उनकी गंद को जाकड़ लिया और अपनी तरफ से भी अपनी चूत को उठा उठा कर उनके लंड पर मारने लगी. दोनो ही एक दूसरे की चुदाई कर रहे थे. हम धक्के से धक्का मिला कर चुदाई करने लगे और उनका लंड हर धक्के के साथ मेरी चूत के सब से अंदर के हिस्से से टकराने लगा.

उनके लंड के मेरी चूत मे हर धक्के के साथ मेरे मूह से चुदाई के आनंद की आवाज़ें निकालने लगी. उन के लंबे और कड़क लौडे के मेरी रसीली चूत मे आने जाने से फाका फक………फाका फुक………फाका फक की चुदाई की सेक्सी आवाज़ें भी आने लगी. मैं तो जैसे करीब करीब चिल्ला ही रही थी…….. ” ओह डियर………….. चोदो……. ज़ोर से……… हां……… और अंदर……… जानू……… चोदो…….. चोदो…. आआहह … ओह.” और जवाब मे उनका लंड किसी एंजिन के पिस्टन की तरह 1000 किमी की रफ़्तार से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. जल्दी ही उनका लॉडा मेरी चूत के अंदर जाता और जल्दी ही फिर से बाहर आता तो सिर्फ़ वापस अंदर जाने के लिए. चुदाई चलती रही…. वो मुझे चोद्ते रहे और मैं चुद्वाति रही और जल्दी ही मैं समझ गई कि मैं झड़ने वाली हूँ. मेरे बदन ने अकड़न होने लगी. मेरी चूत ने उनके लौडे को कसना शुरू किया जो कि मुझे पता है कि उनको बहुत पसंद आया होगा. और कुछ ही देर मे, अचानक मैं झाड़ गई……. बहुत ज़ोर से झाड़ गई. और मेरी आँखें बंद हो गई.

raj..
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Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 04 Nov 2014 14:32

कुछ देर बाद मैने अपनी आँखें खोली तो उन्होने ज़रूर मेरी आँखों मे चुदाई मे परम संतुष्टि का भाव देखा होगा. उन्होने अपना खड़ा लॉडा, बिना पानी निकाले मेरी चूत से निकाल लिया था और वो मेरी चूत से निकलने वाले रस को चाट रहे थे. फिर मैने उनको चोद्ने की सोची क्यों कि अभी उनके लंड से पानी निकलना बाकी था. वो बिस्तर पर सीधे अपनी पीठ के बल लेट गये. मैं उनके उपर सवार हो गई. मैं अपने दोनो पैर उनके दोनो तरफ कर के उनके लौडे के पास बैठ गई. मैने उनका गरमा गरम खड़ा हुआ लंड अपने हाथ मे पकड़ा और उसको अपनी खुली हुई फुद्दि के मूह पर लगाया. मैने अपनी गंद को थोड़ा झटका दिया, उपर नीचे किया और चूत की तरफ हिलाया तो उनका लंबा लॉडा मेरी चूत मे घुसने लगा.

इस तरह मैने उनके पूरे लौडे को अपने चूत मे ले लिया. जैसे ही उनका लंड मेरी चूत मे घुसा, मैने तुरंत ही तेज़ी से, उपर नीचे हो कर, अपनी गंद हिला हिला कर उनकी चुदाई शुरू कर दी. मैं उनके लंड पर बैठी, उनका लंड अपनी फुद्दि मे ले कर उछाल उछाल कर, उपर नीचे हो कर उनको चोद रही थी और खुद भी चुद्वा रही थी. हम दोनो को ही चुदाई का मज़ा आ रहा था. उन्होने भी मेरी गंद पकड़ रखी थी ताकि मैं ज़ोर ज़ोर से उनके लंड पर उपर नीचे हो सकूँ. उनका लंड बड़ी तेज़ी से मेरी रसीली चूत मे आ जा रहा था. आप को तो पता ही है कि ऐसी चुदाई मे मेरी दोनो चुचियाँ हवा मे उपर नीचे होने लगी थी. बीच बीच मे वो मेरी नाचती हुई चुचियों को भी मसल रहे थे. चुदवाते हुए मैं फिर एक बार झड़ने के करीब थी. उनके उपर बैठी हुई, उनका लंबा लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वाति हुई, उपर नीचे होती हुई, अपनी नंगी गंद उपर नीचे करती हुई मैं आगे की ओर झुकी और उनके होठों पर चुंबन दिया, पर चुदाई लगातार जारी थी. वो भी नीचे से अपनी गंद उठा उठा कर मुझे चोद रहे थे. और इस तरह मैं फिर से एक बार झाड़ गई पर उनका अपनी गंद उठा उठा कर अपने लंड के धक्के मेरी चूत मे मारना जारी था जो मुझे बता रहा था कि उनके लंड से भी पानी निकलने वाला है. और फिर उन्होने एक जोरदार धक्का अपने लंड का मेरी चूत मे मारा और उनके लंड से भी लंड रस की बरसात मेरी चूत के अंदर होने लगी. उनका चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरी चूत मे अपना पानी बहुत फोर्स के साथ फेंक रहा था.

जोरदार और शानदार चुदाई के बाद कुछ देर हम ने बिस्तर पर पास पास नंगे लेट कर आराम किया और जल्दी ही हम दोनो चुदाई का और एक खेल खेलने को तय्यार थे.

हम दोनो को ही चुदाई करते हुए अपने आप को आईने मे देखना बहुत पसंद है जिस का कि चुदाई मे एक अलग ही मज़ा है. हम दोनो खड़े हुए और मेरी ड्रेसिंग टेबल के पास आए. मेरी ड्रेसिंग टेबल पर फुल साइज़ आईना लगा हुआ था. उन्होने कोने मे रखी राइटिंग टेबल ड्रेसिंग टेबल के सामने रखी और मुझे टेबल के पास आईने के सामने खड़ा किया. उन्होने मुझे अपना ऊपरी बदन टेबल पर रख कर थोड़ा झुकने को कहा. इस तरह मैं राइटिंग टेबल पर उल्टी लेट सी गई और मैने अपने पैर थोड़े चौड़े किए और चुदाई की पोज़िशन बनाई और पीछे से चुद्वाने के लिए तय्यार हो गई.

वो मेरे पीछे खड़े हो कर, अपना खड़ा लॉडा अपने हाथ मे ले कर मुझे चोद्ने के लिए तय्यार थे. मैने और थोड़ा झुकते हुए अपनी चूत को पीछे से बाहर निकाला ताकि वो अपना लॉडा पीछे से मेरी चूत मे डाल सकें. थोड़े अड्जस्टमेंट के बाद उन्होने मेरी चूत पर अपना लंड रख कर एक धक्का मारा तो उनका आधा लंड मेरी चूत के अंदर घुस गया. और फिर उसके बाद तो वो रुके नही. उनके लंड के धक्के पर धक्के मेरी चूत मे लगने लगे. वो भी पीछे से मेरे उपर जैसे सो गये, मेरे नंगे बदन को अपने बाहों मे जकड़ा और अपने पैरों को मेरे पैरों मे फसा दिया. अपने हाथ मेरे बदन के नीचे डाल कर मेरी दोनो चुचियों को कस कर पकड़ा और मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. ऐसे लग रहा था जैसे कोई कुत्ता किसी कुतिया को चोद रहा है. वो अपने मज़बूत और लंबे लौडे के जोरदार धक्के मेरी चूत मे लगा रहे थे. उनका लॉडा तेज़ी से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा और अपने हाथों से वो मेरी चुचियाँ भी मसल रहे थे. इस पोज़िशन मे उनका लंड मेरी चूत के आख़िरी हिस्से से टकरा रहा था जो मेरी चुदाई का मज़ा बढ़ा रहा था. हम दोनो ही अपने आप को चोद्ते हुए और चुद्वाते हुए सामने आईने मे देख सकते थे. हम दोनो को ही चुद्वाने की ये पोज़िशन बहुत पसंद है जिसमे हम दोनो चुदाई करते हुए अपने आप को नंगे देख सकते हैं. जैसे जैसे उनके लंड के धक्के मेरी चूत मे लगते जा रहे थे, वैसे वैसे मेरा नंगा बदन आगे की ओर खिसकने लगा और जल्दी ही मैं फिर एक बार झड़ने को तय्यार थी. तय्यार क्या थी, मैं तो झाड़ भी चुकी थी और मेरे मूह से जैसे चीख सी निकल गई. मैं तीसरी बार झाड़ चुकी थी.

हम एक दूसरे के नंगे बदन को बाहों मे लिए फिर से बिस्तर पर आ गये, हम थोड़ा थक भी चुके थे.

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