नशे की सज़ा compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
007
Platinum Member
Posts: 948
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:42



कोई और रास्ता ने देख नेहा के हाथ धीरे धीरे अपने टॉप की तरफ चले गये और वो उसको काफ़ी हिचकिचाहट के साथ उतारने लगी.टॉप की लग होते ही उसके कसे हुए सीने के उभार जो एक पारदर्शी कपड़े की ब्रा मे लिपटे हुए थे, खुलकर सामने आ गये.

“ ब्रा भी उतारो “ राज ने फिर हुक्म दिया.

नेहा रुकी रही –ज़ाहिर है उसे ब्रा उतारने मे बहुत ज़्यादा संकोच और शर्म का अनुभव हो रहा था. राज ने गुस्सा दिखाते हुए उसकी तरफ देखा-,” बाहर मेरा चपरासी बैठा हुआ है, वो इस काम मे एक्सपर्ट है,तुम कहो तो ब्रा उतारने के लिए उसे बुलाऊं ?”

राज के मूह से यह सब सुनते ही नेहा ने बिना एक भी सेकेंड की देरी किए अपने बदन से ब्रा को एकदम उतार दिया

“हाथ उपर उठाकर पीछे की तरफ कर लो “ राज ने कहा और नेहा ने वैसे ही किया. राज अब एक हाथ से अपने लिंग को सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसके चिकने पेट पर फिराने लगा और आहिस्ता आहिस्ता उसका हाथ उसके सीने के उभारों तक पहुँच गया जिन्हे उसने दबाना सहलाना शुरू कर दिया. लगातार किए जाने वाले ह्युमाइलियेशन के चलते उसके सीने के उभार एकदम तन से गये थे.उपर करके हाथ खड़े होने की वजह से भी सीने के उभार काफ़ी आगे को निकल आए थे.

“ चलो पीछे घूमो !” इनस्पेक्टर का हुक्म हुआ और वो घूम गयी.

उसकी नंगी पीठ को भी राज ने जी भरकर सहलाया फिर बोला-“ चलो अब यह जीन्स भी खोल दो ! “

नेहा ने इस बार बिना किसी देरी के अपनी जीन्स उतारनी शुरू कर दी और अपनी जीन्स का उपरी बटन खोल दिया. बटन खुलते ही उसकी नीले रंग की पारदर्शी पॅंटी अंदर से नज़र आने लगी थी.

“ तुम जितनी देर मे चाहो इस जीन्स तो उतार सकती हो – मुझे कोई जल्दी नही है.” राज रिलॅक्स होकर सोफे पर बैठा हुआ अपने लिंग को पॅंट के उपर से ही सहलाते हुए बोला.नेहा को शायद उसकी बात से यह लगा की धीरे धीरे जीन्स उतारने से बेहतर है कि जल्दी जल्दी जल्दी उतारा जाए ताकि ह्युमाइलियेशन का पीरियड भी उतना कम हो जाए जो कपड़े उतरने मे होता है.इसलिए उसने बहुत जल्दी से अपनी जीन्स को उतारकर एक तरफ डाल दिया.उसकी फुर्ती देखकर एक बार तो राज भी हैरान रह गया.इनस्पेक्टर का हाथ अपने आप उसकी पॅंटी के उपर घूमने लगा.नेहा ने अपने हाथ से उसके हाथ को हटाने की नाकाम कोशिश भी की लेकिन उससे पहले राज ने अपना फरमान ज़ारी कर दिया-“ हाथ पहले की तरह उपर उठा लो और उन्हे पीछे की तरफ कर लो ! “

नेहा क्या करती.अपने हाथ उसने उपर करके पीछे की तरफ कर लिए-शर्म और जलालत से उसकी आँखें बंद हो गयी थी.


राज ने अचनाक उसकी पॅंटी के अंदर अपना हाथ डाला और उसके शेव किए हुए मखमली योनि प्रदेश को सहलाया फिर जब उसके संयम टूटने लगा तो उसने नेहा से कहा-“ चल अपने घुटनो के बाल बैठ जा.”

नेहा शायद समझी नही थी कि वो क्या चाहता था इसलिए कुछ देर तो ऐसे ही खड़ी रही फिर घुटनो के बल बैठ तो गयी लेकिन इस बात से बिल्कुल बेख़बर थी उसे ऐसे क्यों बिठाया गया है.

राज ने उससे कहा-“ मेरी पॅंट की ज़िप खोलो .”

007
Platinum Member
Posts: 948
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:43



नेहा ने अपना हाथ बढ़कर ज़िप तो खोल दी लेकिन अभी भी उसे इस बात का शायद अंदाज़ा नही था की वो ऐसा क्यूँ कर रही है. ज़िप खुलते ही इनस्पेक्टर के वाइट अंडरवेर की क़ैद से आज़ाद होकर उसका 7 इंच का लिंग बाहर आ गया जिसे देखकर एक बार तो नेहा सहम सी गयी.

शायद इनस्पेक्टर भी समझ गया था कि नेहा इस खेल से बिल्कुल ही अंज़ान है, इसलिए उसने नेहा के चेहरे को अपने हाथों मे लेकर उसे अपने नज़दीक लाते हुए कहा-“ अपना मूह खोलो और उसमे इसे ले लो ! “

नेहा ने मूह नही खोला तो राज ने एक हल्की सी चपत उसके गाल पर लगाते हुए फिर कहा-“ डरो मत ! मूह खोलो .लड़कियों के मूह मे जाकर ही मेरे लिंग को राहत मिलती है.”

नेहा पर अब भी कोई असर नही हुआ और उसने मूह नही खोला.

इनस्पेक्टर ने इस बार उसके दूसरे गाल पर ज़ोर का थप्पड़ लगाते हुए कहा-“ तुझे समझ नही आ रहा कि मैं क्या हुक्म दे रहा हूँ.अपना मूह खोलकर उसमे इस लिंग को ले और उस पर अपनी जीभ से चाट चाट कर अपनी सज़ा का पनिशमेंट कबूल कर………नही तो तुझे कम से कम 20 साल के लिए जैल मे बंद कर दूँगा.समझी ! “

“ सर.मुझसे यह सब नही होगा.मैने यह सब पहले कभी नही किया है.” नेहा काफ़ी देर बाद बोली.

इनस्पेक्टर ने जब “फ्यूज” का बटन दबाकर मेरे गालों पर चपत लगाई तो मैं जैसे सपने से बाहर आई-“अब देखना अगले 10 मिनिट मे इसके साथ क्या होता है.लेकिन मेरा लिंग फिर से खड़ा हो गया है इस सब को फिर से देखकर-इसलिए अपने मूह मे लेकर इस पर अपनी जीभ घूमाओ और तब तक घुमाती रहो जब तक कि अगले 10 मिनिट की ड्व्ड ख़तम ना हो जाए.मेरा लिंग चूस्ते चूस्ते ही तुम आगे की फिल्म देखो”

फ्यूज का बटन दुबारा दबाते ही फिल्म फिर से शुरू हो गयी……

“तो तुम ऐसे नही मनोगी.” राज ने नेहा की तरफ देखा और अपने खड़े लिंग तो अपने अंडरवेर के अंदर करते हुए अपनी पॅंट की ज़िप भी बंद कर ली.

अगले ही पल उसने अपने पास रखी हुई हथकड़ी उठाकर दुबारा से उसके हाथों मे लगा दी.हथकड़ी लगाने के बाद उसने नेहा को अपनी गोद मे उठा लिया और उसके नितंबो को थपथपाते हुए दूसरे कमरे मे ले आया जो शायद उसका इनटेरगेशन रूम मालूम पड़ता था-क्यूंकी वहाँ पर तरह तरह के आइरन चेन्स और हुक्स रखे हुए थे.एक हथकड़ी उसने वहाँ उसके पैरों मे भी बाँध दी और कमरे मे लग एक बड़े से हुक मे उसने उल्टा करके नेहा को लटका दिया-नेहा के काटो तो खून नही-उसकी टांगे इस समय उपर हो गयी थी और उसका चेहरा नीचे लटक रहा था-कंप्लीट्ली अपसाइड डाउन पोज़िशन थी –एक चाकू से राज ने उसकी पॅंटी को भी काटकर उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया.

इसके बाद इनस्पेक्टर ने अपनी पॅंट मे से लेदर की बेल्ट निकाली और बोला-“ अब इस लेदर बेल्ट से तेरे इस मखमली बदन पर 100 स्ट्रोक्स लगाए जाएँगे ताकि तुझे यह मालूम पड़ जाए की मेरा हुक्म ना मानने की क्या सज़ा है.लेदर बेल्ट के हर स्ट्रोक के बाद तुम्हारे मूह से यह कबूलनामा आना चाहिए कि – “ सर, आइ आम युवर सेक्स स्लेव “. जिस स्ट्रोक के बाद मुझे यह सुनाई नही दिया, वो स्ट्रोक काउंट नही होगा…


007
Platinum Member
Posts: 948
Joined: 14 Oct 2014 17:28

Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:43

नशे की सज़ा पार्ट--4

गतांक से आगे..............................

इसके बाद राज ने अपने हाथ मे पकड़ी हुई लेदर बेल्ट से नेहा से बदन पर कोडे लगाने शुरू कर दिए –कुछ ही स्ट्रोक्स के बाद नेहा ज़ोर ज़ोर से रोने चिल्लाने लगी-“ सर मुझसे ग़लती हो गयी,मुझे कोडे मत लगाओ.अब मैं वोही करूँगी जैसे आप कहेंगे.”

“ अभी तक तुम्हारा एक भी स्ट्रोक काउंट नही हुआ है.” राज ने नेहा से कहा क्यूंकी नेहा ने अभी तक किसी भी स्ट्रोक के बाद यह नही बोला था कि-“ सर, आइ आम यौर सेक्स स्लेव.”

राज के इस रिमाइंडर के बाद नेहा को जैसे याद आया और उसने हर स्ट्रोक के बाद कहना शुरू कर दिया-“ सर आइ आम युवर सेक्स स्लेव.”

गिनती करने के लिए राज ने वहाँ पर एक एलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले मशीन लगा रखी थी जिसमे हर एक कोडे(स्ट्रोक) के बाद उसमे एक नंबर बढ़ रहा था.जब 25 स्ट्रोक्स हो गये तो राज कुछ देर के लिए रुका और बेल्ट को एक तरफ रखता हुआ बोला-“ अभी ब्रेक है.”

राज नेहा के सामने ही सोफे पर रिलॅक्स करने की पोज़िशन में बैठ गया और ज़मीन पर से अपना पैर थोड़ा उपर उठाते हुए अपना जूते को नेहा के मूह तक ले गया- “चल अपनी जीब निकाल और उससे मेरे जूते चाट.”

हैरानी की बात यह थी कि इस बार नेहा ने बिना किसी देरी के अपनी जीभ निकालकर उसे राज के जूतों पर फिराना शुरू कर दिया-जब वो एक जूता ठीक से चाट चुकी तो इनस्पेक्टर ने दूसरा जूता भी उसके होंठों की आगे कर दिया-“ ले इसे भी पोलिश करके चमका अपनी जीभ से.”

नेहा की यह दुर्दशा मुझ से देखी नही जा रही थी.सच कहूँ तो नेहा मुझसे भी काई गुणी खूबसूरत थी और इतनी खूबसूरत लड़की की इतनी दुर्दशा मैने किसी ब्लू फिल्म में भी नही देखी थी.नेहा अब अपनी जीब उसके दूसरे जूते पर भी फिराने लगी.इसके बाद डVड ख़तम हो गयी और मैं जैसे सपने की दुनिया से बाहर आ गयी और मैने पाया कि मेरी अपनी जीभ राज के लिंग के ऊपर लगातार घूम घूम कर उसको बेकाबू किए जा रही थी.

मेरे नितंबों को स्लॅप करते हुए राज ने मुझे अपनी गोद से उठने का इशारा किया और बोला-“ इसके आगे नेहा की जो दुर्दशा हुई वो सब आगे की डVड्स मे है और फिर कभी तुम्हे देखने तो मिलेगी.”

“सर,मुझसे तो आप पूरी तरह खुश हैं .मेरी सज़ा तो ख़तम हो गयी ना ? “ मैने राज की तरफ काफ़ी उम्मीद से देखा.

“ हां.अभी तो तुम्हारी सज़ा ख़तम हो गयी है और तुम अपने घर जा सकती हो लेकिन दोबारा फिर कभी मेरे हुक्म की तामील नही करने पर नेहा जैसा हाल तुम्हारा भी हो सकता है.” राज की इस बात से मैं एकदम हैरान हो गयी.

“ सर मैं समझी नही की आप क्या कहना चाहते हैं…” मैने राज की तरफ देखा.

राज भी मेरे डऔट को समझ गया और सॉफ सॉफ बोला-“ देखो जैसे तुमने अभी नेहा की डVड देखी –बिल्कुल ऐसी ही तुम्हार भी सारी की सारी रेकॉर्डिंग्स भी डVड मे क़ैद हो चुकी है और वो हमेशा मेरे पास रहेगी.जब भी मैं तुम्हे हुक्म दूँगा कि मुझसे आकर मिलो=तुम्हे सब काम छोड़कर मेरे पास आना होगा और जो कुछ भी मैं करने के लिए कहूँ उसे बिना किसी ना-नकुर के करना होगा.अगर ऐसा नही हुआ तो तुम्हारी यह मज़ेदार डVड मार्केट मे आउट हो जाएगी.”

Post Reply