गहरी चाल compleet

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rajaarkey
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Re: गहरी चाल

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 22:04

गहरी चाल पार्ट--4

वो इंसान इस वक़्त देल्ही के 1 फार्महाउस के स्विम्मिंग पूल की दीवार से लग कर कमर तक पानी मे बैठा था.वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था & इस कारण ये सॉफ ज़ाहिर हो रहा था की 55 बरस की उम्र होने के बावजूद उसका 6 फ्ट लंबा सांवला बदन अभी भी गथीला था.उसके चेहरे पे 1 काली मून्छ थी & सर पे काले-सफेद खिचड़ी बॉल,जिन्हे उसने दाई तरफ से माँग कर 1 खास अंदाज़ मे सेट करवाया था. उसकी दाई बाँह के घेरे मे,2 पीस सफेद बिकिनी पहने एक 20 साल की खूबसूरत लड़की बैठी थी जिसे वो अपने से चिपका कर चूम रहा था.चूमते हुए उसने अपनी जीभ उसके मुँह के अंदर डालने की कोशिश की तो उस लड़की ने किस तोड़ दी & अपना चेहरा घुमा लिया.उसके चेहरे पे घबराहट,झिझक & शर्म की परच्छाइयाँ सॉफ झलक रही थी. उस इंसान के चेहरे पे 1 वासना से भरी च्छिच्चोरी मुस्कान खेलने लगी.उसने लड़की के चेहरे को वापस अपनी ओर घुमाया & फिर से उसके गुलाबी होंठो को चूमने लगा. "एक्सक्यूस मी,सर.आपका फोन",उसने लड़की के होंठो को छ्चोड़ कर गर्दन घुमाई,1 दूसरी लड़की हाथ मे कॉर्डलेस फोन लिए खड़ी थी.ये लड़की पहली वाली की हमउम्र थी & उसी की तरह खूबसूरत भी,उसने भी 2 पीस बिकिनी ही पहनी थी.फ़र्क ये था की इसकी बिकिनी का रंग क़ाला था & चेहरे पे घबराहट के बजाय शरारत भरी मुस्कान खेल रही थी. वो इंसान पूल से बाहर आया & हाथ बढ़ा कर पहली लड़की की पूल से बाहर निकलने मे मदद की.कुच्छ घबराहट & कुच्छ गीले पैरों की वजह से वो लड़की लड़खड़ा गयी तो उस इंसान ने उसे अपनी बाहों मे थाम अपने सीने से चिपका लिया.उसने लड़की को इतनी ज़ोर से पकड़ा हुआ था की लड़की की बड़ी-2 चूचिया उसके बालो भरे चौड़े सीने से बिल्कुल दब गयी & उसके बिकिनी के ब्रा के गले से झँकता क्लीवेज कुच्छ ज़्यादा ही उभर आया.उसने उसकी गंद दबाते हुए उसे फिर से चूम लिया,ऐसा लग रहा था मानो 1 मेमना किसी भेड़िए के पंजो मे फँसा हो. "जाओ,ज़रा अंदर से ड्रिंक ले आओ",उसकी भारी,रोबदार आवाज़ गूँजी & उसने लड़की के जवान,नशीले जिस्म को आज़ाद कर दिया & उसकी गंद पे 1 हल्की चपत लगाई.लड़की अंदर चली गयी तो उसने उसकी मटकती गंद को घूरते हुए दूसरी लड़की के हाथ से फोन लिया & अपनी बाई बाँह उसकी गर्दन मे डाल दी & दोनो साथ-2 चलने लगे,"जगबीर ठुकराल स्पीकिंग." "क्या?!ऐसा कैसे हो सकता है मिश्रा जी?!आप उस कल के छ्होकरे को केवल इस वजह से चुनाव का टिकेट दे रहे हैं क्यूकी उसके बाप की मौत के कारण उसे लोगो के सिंपती वोट्स मिलेंगे & मेरे इतने बरसो के तजुर्बे का कोई मोल नही है?",उसके माथे पे शिकन पड़ गयी थी.पूल से थोड़ा हट कर 1 दीवार से लगा कर 2 बड़े,मोटे गद्दो बिच्छा कर 1 बिस्तर बनाया गया था.दोनो चलते हुए उसी बिस्तर तक आ गये थे. "..ठीक है,मिश्रा जी.जो आप लोगो की मर्ज़ी.",उसने लड़की को आँखो से इशारा किया तो लड़की ने बिस्तर पे पड़े ट्वेल को उठा लिया & अपने घुटनो पे बैठ कर उसके कमर से नीचे के गीले बदन को पोंच्छने लगी,"..मैं तो पार्टी का पुराना वफ़ादार हू,साहब..इतने सालो तक आप लोगो ने जो भी फ़ैसला लिया है,मैने उसे माना है,आज भी मानूँगा...नही,नही,घबराईए नही मैं पार्टी नही छ्चोड़ूँगा...",लड़की ने उसकी टाँगे पोंच्छने के बाद उसका गीला अंडरवेर निकाल दिया & काले,सफेद झांतो से घिरे उसके लंड & अंदो को सुखाने लगी,ठुकराल का 1 हाथ उसके सर पे आ गया & उसके बालो से खेलने लगा,"...हां,ठीक है.नमस्कार.",उसने फोन बंद कर लड़की को थमाया तो उसने उसे बिस्तर के बगल मे रखी तिपाई पे रख दिया. ठुकराल बिस्तर पे टांगे पसार कर बैठ गया तो वो लड़की भी उसके पहलू मे आ गयी,"हुज़ूर का मूड खराब लगता है?",उसने अपने जवान जिस्म को ठुकराल के बदन से चिपका लिया & अपनी दाई टांग उसकी टांगो पे चढ़ा अपने पैर से सहलाने लगी. ठुकराल ने अपनी दाई बाँह उसके कंधे पे लपेट दी,"जानेमन!मूड ठीक करने के लिए ही तो तुम्हे & तुम्हारी सहेली को बुलाया है.क्या नाम है तुम्हारा?" "सोना.",उस लड़की ने अपने नखुनो से ठुकराल के निपल्स को खरोंचा. "वाह!जैसा नाम वैसा ही चमकता जिस्म!",ठुकराल उसे चूमने लगा,उसका दूसरा हाथ सोना की कमर को मसल्ने लगा.सोना ने अपनी जीभ उसके मुँह मे डाल दी & ठुकराल की जीभ से खेलने लगी.ठुकराल का हाथ उसके कंधे से उतार उसकी पीठ पे फिसलता हुआ उसकी बिकिनी के ब्रा को खोलने की कोशिश कर रहा था पर इसमे उसे कामयाबी नही मिल रही थी. सोना ने हंसते हुए अपने होंठो को उसके होंठो से अलग किया & हाथ पीछे ले जा के ब्रा के हुक्स खोल दिए & बड़ी अदा से धीरे-2 उसे अपने सीने से ढालका दिया.ब्रा जैसे ही चूचियो से नीचे हुआ उसने अपनी दोनो बाहे सीने पे रख अपनी चूचियाँ ढँक ली.ठुकराल ने मुस्कुराते हुए उसके दोनो जिस्मो के बीच गिरे ब्रा को उठा कर फेंक दिया & झुक कर अपने होंठ सोना की बाँहो के उपर से झँकते हुए छातियो के हिस्से पे रख ज़ोर से चूसने लगा. "ऊऊहह......",सोना की आह निकल गयी & उसने अपनी बाहें सीने पे से हटा ठुकराल के सर को पकड़ कर अपने सीने पे भींच दिया.ठुकराल किसी भूखे कुत्ते- जिसे की अचानक बोटी मिल गयी हो-की तरह उसकी चूचियो पे टूट पड़ा.जैसे-2 उसकी ज़ुबान की हरकते तेज़ होती गयी,वैसे-2 सोना की आहें भी तेज़ होती गयी.

rajaarkey
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Re: गहरी चाल

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 22:04

थोड़ी देर बाद उसने अपना सर उसके सीने से उठाया & फिर दीवार से टेक लगा के बैठ गया. सोना को उसने अपने साथ अपनी दाई बाँह के घेरे मे बैठा लिया & फिर उसका बाया हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख दिया,"तुम तो इस खेल मे माहिर लगती हो,जानेमन!पर तुम्हारी सहेली इतना क्यू घबरा रही है?"उसने अपना दाया हाथ उसके कंधे के उपर से ला उसकी दाई चूची को दबोच लिया. "ह्म्‍म्म्म...आप ही को तो बिल्कुल आनच्छुई कली चाहिए थी.आप ही ने तो हमारी मेडम से कुँवारी लड़की माँगी थी उसकी नथ उतारने के लिए." "..तो ये सचमुच कुँवारी है?" "हाँ.",उसने उसकी झांतो को हल्के से खींचा,"..तभी तो मेडम ने इसकी दोगुनी कीमत ली है आपसे & मुझे साथ भेजा ताकि ये ज़्यादा घबराए तो इसे संभाल लू.बेचारी आई तो अपनी मर्ज़ी से है..पर पहली बार तो हर लड़की डरती है ना!" "अच्छा!और तुम्हे कितने दिन हो गये नाथ उतरवाए हुए?",उसने सोना के निपल को खींच दिया. "आईईईईई...आप बहुत बदमाश हैं!",उसने उसका हाथ अपनी चूची से हटा दिया,"..1 साल ही हुआ है अभी मुझे." "पर बदन देख कर तो लगता नही,जानेमन!मुझे तो तुम भी कुँवारी ही लगती हो!",ठुकराल ने उसकी चूचियो पे चपत मारी तो दोनो हँसने लगे. तभी वो पहले लड़की 1 ट्रे मे ग्लास,स्कॉच,सोडे & कोल्ड ड्रिंक की बॉटल & आइस-पेल लिए आ गयी. "आ गयी.आओ बैठो.",वो लड़की उसके पैरो के पास बिस्तर पे घुटने के बल बैठ गयी.ठुकराल की भूखी आँखे उसके जिस्म की सभी गोलैईयों को जैसे चबाए जा रही थी,"ड्रिंक बनाओ." लड़की ने ग्लास मे स्कॉच,सोडा & बर्फ डाल कर उसकी ओर बढ़ाया तो ठुकराल ने 1 हाथ से ग्लास & दूसरे से उसकी कलाई थम ली,"इधर हमारे पास आकर बैठो.नाम क्या है तुम्हारा." "जी..रा-रानी.",वो लड़की उसकी बगल मे वैसे ही घुटनो पे बैठ गयी. "वाह!कितना सुंदर नाम है!& आज की रात तो तुम मेरी रानी ही हो.",ठुकराल ने ठहाका लगे तो सोना भी उसके साथ हँसने लगी. "इतनी घबराई हुई क्यू हो?चलो..पैर पसार कर आराम से बैठो.",ठुकराल ने उसे अपपनी बाई बाँह के घेरे मे ले लिया,"आख़िर तुम्हे किस चीज़ से डर लग रहा है?इस से?",उसने अपने लंड की ओर इशारा किया,"..पर तुम्हारी सहेली तो इस से कितने मज़े से खेल रही है!" "तुम भी इस से दोस्ती कर लो,फिर ये तुम्हे जन्नत की सैर कराएगा!..चलो,सोना अपना हाथ हटाओ..आज रानी इस से खेलेगी.",सोना ने हाथ हटाया तो ठुकराल का लंबा,मोटा लंड रानी की नज़रो के सामने आ गया.लंड करीब 8 इंच लंबा था & मोटाई तो उफ़फ्फ़.रानी ने थूक निगला,उसे बहुत डर लग रहा था.आज पहली बार वो चुदने वाली थी & ये इतना बड़ा जनवरो सा लंड,पता नही उसका क्या हाल करेगा! "जानेमन!दूर से देखने & ज़्यादा सोचने से डर तो लगेगा ही,तुम इस खेल का पूरा मज़ा भी नही उठा पओगि.",ठुकराल ने जैसे उसका दिमाग़ पढ़ लिया,"चलो इसे अपने हाथ मे लो & सोचना छ्चोड़ो,भरोसा रखो मैने अब तक तुम्हारी जैसी कयि कलियो को फूल बनाया है & आज तक किसी को भी मुझसे शिकायत नही हुई बल्कि सब इसकी दीवानी बन गयी हैं.",गुरूर से भरे ठुकराल ने उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया. रानी ने जीवन मे पहली बार लंड को च्छुआ था.उसकी मेडम ने उसे चुदाई के बारे मे सब बताया था,उसे दूसरो की चुदाई दिखाई भी थी पर आज पहला मौका था जब वो खुद ये सब करने जा रही थी. "घबराओ मत.लो ये पियो,तुम्हे अच्छा लगेगा.",उसने शराब का ग्लास सोना के होंठो से लगाया तो उसने घूँट भर कर बुरा सा मुँह बनाया. "क्या हुआ?नही पसंद आया?कोई बात नही!सोना,चलो रानी को कोल्ड ड्रिंक पिलाओ.",उसने सोना को आँख मारी & फिर लंड हिलाती रानी को बाहो मे भर उसके चेहरे को चूमने लगा,"तुम कितनी खूबसूरत हो रानी.मैने आज तक तुम्हारे जैसी लड़की नही देखी.मैं तो तुम्हे अपने दिल की रानी बनाऊंगा." रानी ये नही देख पाई कि सोना ने कोल्ड ड्रिंक मे स्कॉच मिला कर ड्रिंक बनाया,"लीजिए सर,ड्रिंक तैय्यार है." "गुड!लाओ.",ठुकराल ने ग्लास लिया & रानी को पिलाया.थोड़ी देर मे रानी ने ग्लास खाली कर दिया.उसे कोल्ड ड्रिंक का स्वाद थोडा अजीब तो लगा पर उसे ये शक़ बिल्कुल नही हुआ कि उसमे शराब मिली थी.उसे अब थोडा हल्का महसूस हो रहा था & उतना डर भी नही लग रहा था. ठुकराल पुराना खिलाड़ी था & वो समझ गया था कि अब उसका डर दूर हो गया है.उसने उसे बाहो मे भरा & उसके होठ चूमने लगा.इस बार जब उसने अपनी जीभ से उसके होंठो पे दस्तक दी तो रानी ने होठ थोड़े से खोल दिए.ठुकराल के लिए इतना काफ़ी था,उसने अपनी जीभ झट से अंदर घुसा & रानी की जीभ से लड़ा दी.रानी के बदन मे तो बिजली सी दौड़ गयी,उसने ठुकराल से अलग होना चाहा पर वो उसे बहुत मज़बूती से थामे था.थोड़ी देर बाद उसे भी अच्छा लगने लगा & वो भी अपनी जीभ से उसे जवाब देने लगी.ठुकराल ने पहली सीढ़ी पार कर ली थी. उसने रानी को लिटा दिया & उसके उपर झुक कर उसे चूमने लगा.फिर वो उसके चेहरे से नीचे उसकी गर्दन पे आया & वाहा से उसके क्लीवेज पे.रानी अब मस्त होने लगी थी & उसके मुँह से आहे निकलने लगी थी.उनका खेल देख सोना भी गरम हो गयी थी & उनकी बगल मे बैठ उसने अपने होठ ठुकराल के लंड पे कस दिए थे.उसके ऐसा करते ही ठुकराल ने चौंक कर नीचे देखा & फिर मुस्कुरा दिया. उसने रानी को करवट से लिटाते हुए अपने सीने से चिपका लिया & उसके होठ चूमते हुए अपने हाथ पीछे ले जा कर उसके ब्रा के हुक्स खोल दिए.उसने ब्रा को उसकी बाहो से अलग कर उच्छाल दिया & फिर उसे पीठ के बल लिटा दिया,"वाह!कितनी मस्त हैं तुम्हारी चूचिया!",उसने उसकी बड़ी-2 चूचियो को अपने हाथो मे भर लिया & हल्के से दबाया. "उम्म्म....",रानी कराही तो उसने उसके काले निपल्स को अपनी उंगलियो की चुटकी मे ले लिया & मसल्ने लगा.रानी के बदन मे जैसे बिजली के झटके लग गये.वो अपना सीना उचकती हुई तड़पने लगी.ठुकराल ने उसका लंड चूस रही सोना को आँखो से उपर आने का इशारा किया.सोना आई तो उसने उसे रानी को चूमने को कहा.रानी का हाल इस दोहरे हमले से और बुरा हो गया.वो मचलती हुई ऊन्ह-आँह करने लगी तो सोना ने उसके होठ छ्चोड़ दिए.तभी ठुकराल ने अपने होठ उसके आनच्छुए उरोजो पे रख दिए.रानी के होठ "ओ" के आकर मे गोल हो गये पर उनसे कोई आवाज़ ना निकली,ये पहला मौका था जब किसी मर्द ने उसकी चूचियो को अपने मुँह मे लिया था.

rajaarkey
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Re: गहरी चाल

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 22:05

ठुकराल उसकी गोलैईयों को चाटने,चूमने लगा.कोई5-6 मिनिट तक जम के चूसने के बाद उसने अपना सर उठाया,"सोना.अपनी छातियो का स्वाद तो चखाओ अपनी सहेली को." सोना ने रानी के खुले मुँह मे अपनी 1 चूची घुसा दी तो रानी उसे चूसने लगी.अब मस्ती उस पे पूरी तरह हावी थी.ठुकराल अब उसके गोल पेट को चूम रहा था.चूमते हुए उसने अपनी जीभ रानी की नाभि मे उतार दी तो रानी चिहुनक गयी & हाथो से ठुकराल का सर भींच लिया.ठुकराल अब आख़िरी हमले की तैय्यारि कर रहा था.उसने नज़रे उपर की तो देखा की सोना अब अपनी चूचिया चुसवाने के बाद रानी को चूम रही है. ठुकराल ने रानी को उसकी पॅंटी के उपर से चूमना शुरू किया तो रानी ने सोना को धक्का दे कर अलग कर दिया & करवट लेकर अपने घुटनो को मोड़ सुबकने लगी.ठुकराल समझ गया कि ये अन्छुइ कली उनकी कामुक हर्कतो को नही झेल पाई & झाड़ गयी है.वो प्यार से उसकी पीठ से लग कर लेट गया & उसके बाल सहलाने लगा.थोड़ी देर बाद उसने उसे घुमाया & फिर से चूमने लगा. थोड़ी देर मे रानी को भी मज़ा आने लगा & वो भी उस से लिपट गयी & किस का जवाब देने लगी.ठुकराल ने हाथ उसकी पीठ पे घूमते हुए उसकी पॅंटी के अंदर घुसा दिया.रानी फिर छटपटाने लगी.पर ठुकराल उसकी भारी गंद की फांको को मसलता रहा,"सोना.ज़रा खुद को & अपनी सहेली को पूरा नंगा कर हमे दोनो के हुस्न का दीदार तो कराओ." "ज़रूर.",कह के उसने रानी की पॅंटी निकाल दी,फिर खड़ी हुई & अपनी भी पॅंटी उतार दी.ठुकराल की आँखो के सामने दोनो की नाज़ुक,गुलाबी,चिकनी चूत चमक उठी,"ये लीजिए...1 बार इसे भी तो प्यार कीजिए..",सोना ने अपनी चूत ठुकराल के चेहरे के सामने कर दी. "सोना,पहले तुम्हारी सहेली की चूत को प्यार कर लू.फिर इस से खेलूँगा.",ठुकराल ने उसकी चूत को थपथापया,"ऊन्नह...ठीक है.." रानी ठुकराल की ऐसी बातो & हर्कतो से शर्मा कर अपने हाथो से अपनी चूत को ढँके हुए,अपनी आँखे मीन्चे पड़ी ज़ोर-2 से साँसे ले रही थी.ठुकराल ने उसकी चूचियो को मुँह मे भर लिया & अपने हाथो को उसकी गोरी जाँघो पे फिराने लगा.वो कसमसने लगी पर अपने हाथ चूत से नही हटाए.थोड़ी देर तक चूचियो से खेलने के बाद ठुकराल उसकी बाहो को चूमता चूत के उपर रखे उसके हाथो तक पहुँच गया & उन्हे ऐसे चूमने लगा जैसे वो उसकी चूत हो. वो उसकी उंगलियो मे लंबाई मे अपनी जीभ फिराने लगा,रानी का बुरा हाल हो गया & उसने उसे रोकने के लिए अपने हाथ उठा कर उसका सर पकड़ने की कोशिश की.ठुकराल के लिए इतना ही काफ़ी था.हाथ चूत से ज़रा सा उठे & उसने झट से अपने होठ उसकी आनच्छुई चूत की दरार से चिपका दिए. "आआहह.......!",रानी तो अब बस पागल हो गयी.वो छटपटाते हुए छूटने की कोशिश करने लगी पर उसके हाथ तो जैसे उसके थे ही नही-वो तो ठुकराल का सर पकड़ कर उसे अपनी चूत पे और दबा रहे थे.ठुकराल की जीभ उसकी गीली चूत की गहराइयों मे उतर कर चाते जा रही थी & जैसे ही वो उसके दाने से लगी रानी ने बदन मोडते हुए अपनी जाँघो मे ठुकराल के सर को दफ़न कर लिया. ठुकराल समझ गया कि अब थोड़ी देर मे वो फिर से झाड़ जाएगी & यही उसके लिए सही मौका है पहली बार उसकी चूत को 1 लंड का स्वाद चखाने का.वो उठा & उसके घुटने मोड़ उसकी जाँघो के बीच घुटनो पे बैठ गया & अपना लंड उसकी चूत पे लगा के 1 धक्का दिया पर लंड ज़रा भी अंदर नही गया. ठुकराल अब तक ना जाने कितनी कुँवारी चूत चोद चुका था फिर ये चूत क्या थी!उसने अपनी उंगली घुसाकर उसे थोड़ा सा फैलाया & इस बार लंड को पेला & सूपदे को पूरा अंदर घुसा दिया,"ओह.....",रानी ने कराह के ठुकराल की कलाइयाँ पकड़ ली. कुँवारी चूत ने जैसे उसके सूपदे को भींच लिया.ठुकराल ने मज़े से आह भरी & ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए.रानी की चीखो से फार्महाउस का लॉन गूँज उठा.ठुकराल ने लंड चूत मे जड़ तक धंसा कर ही दम लिया.रानी दर्द से छटपटाई हुई अपना सर हिला रही थी,ठुकराल झुक कर उसे चूमने लगा,"..घबराव मत मेरी जान." "बहुत दर्द हो रहा है..निकाल लीजिए ना..." "हां-हां...अभी निकलता हू...बस अभी निकालता हू..",कह के वो बैसे ही लंड डाले उसे चूमने लगा.थोड़ी देर मे रानी की सिसकिया रुकी तो उसने फिर से बहुत हल्के-2 धक्के लगाना शुरू किए.रानी ने सिसकना छ्चोड़ हौले से आहे भरना शुरू किया तो ठुकराल समझ गया कि अब उसे मज़ा आने लगा है.उसने अपना लंड पूरा निकाल कर ज़ोर से वापस अंदर पेल दिया. "आईइय्य्यीए.......!", ठुकराल के धक्के तेज़ होते गये & साथ ही रानी की आहें भी.वो बस उसके बदन पे झुका उसकी चूचिया चूस्ते हुए धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था.अचानक रानी के बदन मे अजीब सी हुलचूल होने लगी...उसकी चूत अपनेआप ठुकराल के लंड पे कस गयी..उसे वाहा बहुत तनाव सा महसूस हो रहा था & उसने बेचैन होकर अपनी टांगे मोड़ कर ठुकराल की कमर पे लपेट दी & उस से चिपत गयी.उसे होश भी नही था कि वो पागलो की तरह आहे भरती हुई अपने नाख़ून उसकी पीठ मे धंसा रही है & नीचे से ज़ोर-2 से अपनी कमर हिला रही है. ठुकराल इसीलिए तो कुँवारी चुतो का दीवाना था,उसका भी मज़ा दोगुना हो गया था & धक्के और तेज़.तभी रानी का सर पीछे झुक गया & उसका बदन कमान की तरह मूड गया.ठुकराल को अपने लंड पे उसकी चूत की कसावट & तेज़ होती महसूस हुई,वो समझ गया कि रानी झाड़ गयी है.उसी वक़्त उसने अपना गरम विर्य भी उसकी कुँवारी चूत मे छ्चोड़ उसके कुँवारापन का अंत कर दिया. क्रमशः...............

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