छोटी सी जान चूतो का तूफान

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kamdevbaba
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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by kamdevbaba » 26 Dec 2014 20:58

आगे की कहानी जल्दी का इंतज़ार है

rajaarkey
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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by rajaarkey » 27 Dec 2014 08:34

छोटी सी जान चूतो का तूफान--3

दोस्तो आप तो जानते है क़ि, जिंदगी एक पल नही ठहरती….हर सख्स की जिंदगी जहाँ खुशियाँ लाती है, वही दुख भी आ हैं….ऐसा कुछ साहिल की जिंदगी मे हो रहा था…जब निर्मला नीचे गयी और डोर खोला, तो उसने अपने सामने एक इनस्पेक्टर को देखा…उसने निर्मला से पूछा…

इनस्पेक्टर: मुकेश जी का घर यही है…

निर्मला: जी हां…

इनस्पेक्टर: जी उनका अभी-2 आक्सिडेंट हो गया है….उनको और उनकी पत्नी को बहुत चोट आई है….दोनो बहुत घायल है….आप कोन है….

निर्मला: जी मैं यहाँ पर काम करती हूँ…..पर आक्सिडेंट कैसे हुआ…

इनस्पेक्टर: उनकी कार की ट्रक के साथ टक्कर हुई है…उनका कोई रिस्तेदार है… तो उन्हे खबर कर दो….

निर्मला: जी मैं अभी फोन कर देती हूँ…..

निर्मला ने फिर कुलवंत सिंग को फोन पर सारी जानकारी दी. कुलवंत सिंग अपने भाई के साथ हॉस्पिटल पहुच गया….आक्सिडेंट बहुत बड़ा हुआ था…जिसमे शीला चल बसी…पर मुकेश किसी तरह बच गया……कुलवंत सिंग पर एक बार फिर से मुसबीतों का पहाड़ टूट पड़ा….

दिन गुज़रते गये….वो कहते है ना जाने वाले तो चले जाते है.पर जिंदगी अपनी रफ़्तार से चलती रहती है…..मुकेश ने किसी तरह अपने आप को संभाल लाया….पर साहिल की जिंदगी एक बार फिर से बदल गयी थी….अभी दो साल ही तो उसे इस घर मे आई हुई थी……एक बार फिर से किस्मत ने उससे उसकी माँ छीन ली थी….

मुकेश अपने काम मे बहुत बिज़ी रहता था….जिसके चलते वो साहिल पर ध्यान नही दे पा रहा था…आख़िर बहुत सोचने समझने के बाद उसने फैंसला किया कि, वो साहिल को कुलवंत सिंग और नेहा को सोन्प देगा. क्योंकि उनके वैसे भी कोई संतान नही थी….जब मुकेश ने इस सिलसिले मे कुलवंत सिंग और नेहा से बात की, तो वो झट से राज़ी हो गये……

एक बार फिर से साहिल की जिंदगी मे बदलाव आ गया….कुलवंत सिंग और नेहा का परिवार मुकेश की तरह अमीर नही था….बस दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता था….अमंदनी भी ठीक ठाक थी…..कुलवंत सिंग अपने भाई के साथ गाओं मे रहता था,…..दोनो भैंसो का व्यापार करते थे….इसलिए उनके घर पर बहुत सी भैंसे थी….जो घर के पिछले हिस्से मे बने घेर मे बाँधी जाती थी….साहिल की जिंदगी मे आया ये बदलाव क्या क्या लाता है..वो तो वक़्त आने पर पता चलेगा….

अब कुलवंत सिंगके घर मे जैसे कि आप जानते है कि, उसकी बीवी उसका छोटा भाई और उसकी पत्नी रहती है.और एक बच्चा जो पायल ने कुछ समाए पहले जनम दिया है….जितना प्यार दुलार साहिल को मुकेश और शीला से मिला था, उतना ही प्यार उसे कुलवंत सिंग और नेहा देने वाले थे…हालाकी वो लोग इतने अमीर नही थे….

अब साहिल का अड्मिशन गाओं के बाहर एक सरकारी स्कूल मे करवा दिया गया …मुकेश भी हर महीने साहिल के लिए कुछ पैसे भेज देता था…जिससे साहिल की परवरिश मे कोई कमी ना रहे…पायल जो कि रिस्ते मे अब साहिल की चाची लगती थी…उसका मायका पास के ही गाओं मे था….जो उनके गाओं से महज 3 किमी दूर था….

पायल के मायके मे उसकी मा छोटा भाई विजय और विजय से छोटी बेहन गीता थी.जो कि उस समय उसी सरकारी स्कूल मे 11 क्लास मे पढ़ रही थी..जिसमे साहिल का ऐड्मिशन करवाया गया था….गीता दिखने मे बेहद खूबसूरत तो ना थी, पर ठीक ठाक थी.उसकी हाइट 5, 7 इंच थी. भरा पूरा बदन माममे अभी से 38 साइज़ के हो गये थे…मोटी गान्ड उसके चलने से हमेशा थिरकति रहती थी…पायल का भाई विजय उसकी अभी-2 2 महीने पहले शादी हुई थी..

विजय आर्मी मे जॉब करता था.इसलिए वो कुछ दिनो पहले ही वापिस चला गया था….विजय की पत्नी भी काफ़ी खुले विचारो वाली थी……उसका नाम पूनम था…..पूनम अपने नाम के तरह ही चाँद का टुकड़ा थी…पूरे गाओं मे उसकी खूबसूरती के चर्चे थे….हर कोई उसे देख कर ठंडी आहें भरता था…..

कुलवंत सिंग का बेटा जो कि बहुत पहले मर चुका था….इसके बारे मे पायल के मायके वाले नही जानते थे….इसलिए जब साहिल कुलवंत सिंग के घर रहने आया तो, वो उसे उसका अपना ही बेटा मानते थी….पायल ने भी कभी इस बात का जिकर नही किया था….इन सब के अलावा पायल के मायके मे उसके मामा की लड़की सोनिया भी रहती थी……जो कि उमर मे साहिल के जितनी थी…..और उसी की क्लास मे पढ़ती थी….

अब धीरे-2 साहिल उस घर मे घुलने मिलने लगा था….वो स्कूल से जब घर आता तो, सीधा पायल के रूम मे चला जाता….और उसके बेटे वंश के साथ खेलता रहता…..पायल भी वंश को साहिल को पकड़ा देती, और अपने घर के कामो को निपटाने लग जाती….

rajaarkey
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Re: छोटी सी जान चूतो का तूफान

Unread post by rajaarkey » 27 Dec 2014 08:34

अपने दोस्तो से लंड चूत फुद्दि ये शब्द तो साहिल पहले ही सुन चुका था…और वक़्त के साथ-2 उसका इंटेरस्ट इन चीज़ों मे और बढ़ता जा रहा था. धीरे साहिल के दिमाग़ मे पिछली यादें कम होती चली जा रही थी. वो अक्सर अपनी चाची पायल को वंश को दूध पिलाते हुए देखता तो, उसकी नज़र चाची पायल के मम्मो पर ही रहती….जैसे कि आप जानते हैं कि, पायल पढ़ी लिखी और बहुत ही तेज तरार औरत थी……उसकी नज़रे साहिल की नज़रों को पकड़ लेती…..पर कहती कुछ नही बस उसकी तरफ देख कर मुस्करा देती….जैसे कि आप जानते है कि, सरकारी स्कूल का हाल कैसा होता है, खास तोर पर गाओं के सरकारी स्कूल मे होता है……

जब साहिल को घर इस घर मे पहली बार लाया गया था….तब उससे मिलने पायल के मायके से सभी लोग आए थे…इस लिए पायल की छोटी बेहन गीता साहिल को जानती थी..वो हाफ टाइम मे अक्सर साहिल से आकर अपनी बेहन पायल और वंश के बारे मे पूछती थी…दोनो मे काफ़ी जमने लगी थी… साहिल उमर मे गीता से 4 साल छोटा था…..जबकि गीता 11थ मे पढ़ रही थी…..और साहिल 7थ क्लास मे था……

स्कूल के कुल मिलाकर 200 के करीब बच्चे थे…बड़ी क्लासो के बच्चे तो अक्सर ख़ासतोर पर लड़के हाफटाइम मे ही बंक मार कर चले जाते थे. स्कूल एरिया वाइज़ बहुत बड़ा था…..एक दिन गीता साहिल को हाफटाइम मे ढूँढ रही थी…..पर साहिल अपनी क्लास मे नही था….वो उसको ढूँढते हुए, ग्राउंड मे आ गये…..पर वहाँ भी साहिल उसे नही मिला…

गीता: ये साहिल का बच्चा आख़िर गया कहाँ……शायद ऊपेर स्कूल की छत पर होगा….(ये सोचते हुए, गीता सीडयों से स्कूल की छत पर चली गई. छत भी सुन सान थी…”ये साहिल आज कहा मर गया” गीता ने खीजते हुए मन ही मन मे कहा, और पलट कर नीचे आने लगी. तभी उसे कुछ सरसराहट सी सुनाई दी….गीता के कान तुरंत खड़े हो गये…वो आवाज़ पानी की टंकी के पीछे से आ रही थी…..

गीता दबे पाँव पानी की टंकी की तरफ बढ़ने लगे…..इतना धीरे कि उसके कदमो की आवाज़ किसी को ना सुनाई ना दे….धीरे-2 गीता पानी की टंकी के पास पहुच गयी….और पानी की टंकी की ओट मे छुप कर अपना चेहरा बाहर निकालते हुए देखने लगी….जैसे ही उसकी नज़र पीछे छुप कर बैठे साहिल पर पड़ी….उसका मूह हैरत से खुला का खुला रह गया…

साहिल पानी की टंकी से पीठ टिका कर बैठा हुआ था….उसके हाथ मे एक किताब थी….जिसमे बहुत सी ट्रिपल ऐक्स फोटो छपी हुई थी…जिस पिक्चर को साहिल देख रहा था..उसमे एक 30-32 साल की औरत एक दम नंगी बेड पर अपनी टाँगों को ऊपेर उठाए हुए थी….जिससे उसकी चूत सॉफ दिख रही थी…….ये देख गीता के पाँव वही जम गये….उसके हाथ पैर काँपने लगी….

पर अगले ही पल गीता टंकी के पीछे से निकल कर साहिल के सामने आ गयी. और साहिल को घूरते हुए देखने लगी…..जब साहिल को इस बात का अहसास हुआ, साहिल एक दम से घबरा गया, और खड़ा होते हुए, उस बुक को अपने पीछे छुपाने लगा….”मौसी आप”

गीता: हां मैं, तुम यहाँ क्या कर रहे हो वो भी अकेले….

साहिल: मैं वो वो मैं……

गीता: (अपनी आँखें निकाल कर साहिल को देखते हुए) क्या मैं मैं लगा रखी है दिखा पीछे क्या छुपा रहा है….

साहिल: कु कुछ भी तो नही….

गीता: दिखाता है या नही….

ये कहते हुए, गीता ने साहिल की कमर के पीछे हाथ ले जाकर, उससे बुक छीनने की कॉसिश करने लगी….और साहिल उससे बुक्स को बचाने की, इस दौरान दोनो आपस मे सॅट गये….जिससे साहिल और गीता का बॅलेन्स बिगड़ गया, और साहिल और गीता दोनो नीचे गिर पड़े…..साहिल के हाथ से वो बुक निकल कर दूर जा गिरी….साहिल अब गीता के ऊपेर था….उसका लंड जो थोड़ा ढीला पड़ चुका था….गीता के सलवार के ऊपेर से उसकी चूत की गरमी पा कर अकड़ने लगा….साहिल का लंड तो आप जानते ही है, करीब साढ़े 4 इंच लंबा था…..

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