मेरी पत्नी मिन्नी और डोली भाभी

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sexy
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Re: मेरी पत्नी मिन्नी और डोली भाभी

Unread post by sexy » 25 Jul 2015 11:17

वो बोली- “मुझे चुदवाना है…”

डोली भाभी ने मिन्नी से मज़ाक किया- “पहले तो बहुत चिल्ला रही थी अब क्या हुआ?”

वो बोली- “पहले मुझे मलूम नहीं था की इसमें इतना मज़ा आता है…”

थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने मिन्नी की चुदाई शुरू कर दी। उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया। मैंने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग पैंतालिस मिनट तक चोदा। वो इस बार की चुदाई के दौरान चार बार झड़ चुकी थी। उसके बाद डोली भाभी और मिन्नी खाना बनाने चले गयी। मैं टीवी देखने लगा। लगभग डेढ़ घंटे गुजर गये तो मिन्नी किचन से बाहर आयी। उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

मैंने पूछा- “अब क्या हुआ?”

वो बोली- “चुदवाना है…”

मैंने कहा- “पहले मुझे खाना खाकर थोड़ा आराम कर लेने दो। बहुत थक गया हूँ…”

वो बोली- “बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो। मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है…”

तभी डोली भाभी आ गयी। उन्होंने मिन्नी से कहा- “सुबह से ही ये हम दोनों को कई बार चोद चुका है। इसे खाना खाकर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जमकर चुदवाना…”

वो बोली- “दीदी… मुझसे रहा नहीं जा रहा है। मेरा मन अजीब सा हो रहा है…”

डोली भाभी ने मज़ाक करते हुए कहा- “अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में। मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड़ देती हूँ…”

मिन्नी बोली- “फिर घुसेड़ दो ना। मैं आपको कुछ भी नहीं कहूँगी। शादी के पहले मैं अच्छी भली थी। शादी के बाद इन्होंने मेरी चुदाई करके मेरी चूत और गाण्ड में आग सी भर दी है। अब आप ही बताओ की मैं क्या करूँ?”

डोली भाभी ने कहा- “थोड़ा सब्र करना सीख। आखिर ये भी तो आदमी है। थक गया है बेचारा…”

वो बोली- “एक बार ये मुझे और चोद दें। फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने की ज़िद्द नहीं करूँगी। जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लण्ड मुँह में लेकर चूसूँगी। उसके बाद ये मुझे चोदना चाहेंगे तो चोदेंगे…”

मैंने कहा- “ठीक है। आ जाओ मेरे पास…” मैं सोफे पर बैठा था। मिन्नी के चूसने से मेरा लण्ड खड़ा हो ही चुका था। मैंने उससे कहा- “अब तुम खुद ही मेरे लण्ड को अपनी चूत में घुसेड़ लो और धक्के लगाओ…”

वो तुरंत ही मेरी जाँघों पर बैठ गयी और मेरे लण्ड को अपनी चूत के अंदर घुसेड़ लिया। उसके बाद उसने धक्के लगाने शुरू कर दिये। पाँच मिनट में ही वो हाँफने लगी और बोली- “मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है। जब तुम खूब जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मुझे चोदते हो। तब ही मुझे मज़ा आता है। चोद दो ना मुझे…”

मैंने कहा- “अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ…”

वो तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गयी। उसकी चूत मेरी तरफ थी। मैं थोड़ा गुस्से में था। मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को जोर से पकड़ लिया। उसके बाद मैंने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।

डोली भाभी कभी मुझे और कभी मिन्नी को देख रही थी। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था की मैं मिन्नी को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ। मिन्नी भी बहुत सेक्सी निकली। मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी। मैंने उसे लग्भग पैंतालीस मिनट तक खूब जमकर चोदा। इस बार की चुदाई के दौरान मिन्नी पाँच बार झड़ गयी थी। डोली भाभी और मैं उसे देखकर दंग रह गये। मिन्नी ने मेरे लण्ड को चाटकर साफ किया और फिर बाथरूम चली गयी।

डोली भाभी ने मुझसे कहा- “तुमने उसे उसे इतनी बुरी तरह से चोदा। फिर भी उसे मज़ा आ रहा था। वो तो मुझसे भी ज्यादा सेक्सी है…”

मैंने कहा- “अभी वो नयी है इसलिये और उसे ज्यादा जोश आ रहा है। अभी तो उसने ज्यादा बार चुदवाया ही कहाँ है। केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवाओ। मुझे केवल मिन्नी की चुदाई करने दो। मैं उसे इतनी ज्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूँगा की उसकी चूत और गाण्ड की आग ठंडी हो जायेगी। वो मुझसे रो-रो कर कहेगी की मुझे अब मत चोदो…”

डोली भाभी ने कहा- “ठीक है…”

तभी मिन्नी बथरूम से वापस आ गयी और बोली- “देवर-भाभी क्या बातें कर रहे हो?”

डोली भाभी ने मिन्नी से कहा- “मैं इसे समझा रही थी कि ये कुछ दिनों तक मेरी चुदाई ना केरे। केवल खूब जमकर तुमहारी चुदाई ही करे…”

मिन्नी बोली- “आपने तो मेरे मुँह की बात छीन ली। मैं भी यही चाहती थी…”

डोली भाभी ने कहा- “मैं समझ सकती हूँ क्योंकी अभी तुम नयी-नयी हो और तुम्हारे अंदर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है। ये तुम्हारे चूत के ज्वालामुखी को अपने लण्ड के पानी से बुझा देगा। उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरू कर दूँगी…”

मिन्नी बोली- “दीदी, तुम एकदम ठीक कह रही हो…”

अगले चार दिनों तक भाभी तड़पती रही। उनका चेहरा एकदम उदास हो गया था। मैं केवल मिन्नी की ही चुदाई करता रहा। मिन्नी को चुदवाने में ही ज्यादा मज़ा आता था। मैंने मिन्नी की खूब जमकर चुदाई की। उसने भी पूरी मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जमकर चुदवाया। मैंने इन चार दिनों में उसे लगभग तीस बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था। उसकी चूत का मुँह एकदम चौड़ा हो चुका था। अब उसका जोश कुछ ठंडा पड़ चुका था। अब तो वो कभी-कभी चुदवाने से इनकार भी करने लगी थी। मिन्नी की बिदायी भी होने वाली थी। उसे एक महीने के लिये मायके जाना था।

पाँच दिन गुजर जाने के बाद वो मायके चली गयी। मायके जाते वक्त वो मुझसे लिपटकर बहुत रोयी।

मैंने पूछा- “क्या हुआ?”

उसने कहा- “एक महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूँगी?”

मैंने कहा- “तुम्हें इतना सब्र तो करना ही पड़ेगा। सभी औरतों को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है…”

वो मायके चली गयी। उसके जाने के बाद डोली भाभी मुझसे लिपट गयी और फूट-फूट कर रोने लगी।

मैंने पूछा- “क्या हुआ?”

तो वो बोली- “तुम्हारे भैया का स्वर्गवास हो जाने के बाद मेरा जोश एकदम ठंडा हो गया था। मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैंने कभी भी तुम्हें बुरी नज़र से नहीं देखा। मैं आराम से रहने लगी थी। तुम्हारा लण्ड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैंने तुमसे चुदवा लिया। मिन्नी को गाण्ड मरवाते हुये देखकर मैंने तुमसे गाण्ड भी मरवा ली। उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया। तुमने मेरी चुदाई करके और मेरी गाण्ड मारकर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है। पाँच दिनों से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गाण्ड मारी। मैंने ये पाँच दिन कैसे गुजारे हैं। मैं ही जानती हूँ। मिन्नी तो अब एक महीने के लिये मायके चली गयी है। अब तुम मेरी चूत और गाण्ड की आग को पूरी तरह से बुझा दो…”

मैंने कहा- “भाभी, मैंने तो इनकार नहीं किया है…”

वो बोली- “तुमने आफिस से शादी के लिये सात दिनों की छुट्टी ली थी। तुम सात दिनों की छुट्टी और ले लो। मैं भी अपने आफिस से छुट्टी ले लेती हूँ। फिर मुझे सात दिनों तक खूब जमकर चोदो। मुझे उसी तरह से चोदना जैसे कि उस दिन तुमने गुस्से में मिन्नी को चोदा था…”

मैंने कहा- “तुम जैसा कहोगी। मैं तुम्हें वैसे ही चोदूँगा। मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा…”

डोली भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एकदम नंगी हो गयी। उन्होंने मेरा लण्ड चूसना शुरू कर दिया। दो मिनट में ही मेर लण्ड खड़ा हो गया तो मैंने ठीक उसी तरह से डोली भाभी को चोदना शुरू किया जैसे मैंने मिन्नी को गुस्से में चोदा था। उस तरह की चुदाई से डोली भाभी एकदम मस्त हो गयी। सात दिनों तक हम दोनों आफिस नहीं गये।

मैंने इन सात दिनों में सारा दिन और सारी रात डोली भाभी की खूब जमकर चुदाई की। उसके बाद मिन्नी के आने तक मैंने उन्हें खूब चोदा। डोली भाभी की चूत की आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी। मिन्नी के वापस आ जaने के बाद मैं उन दोनों की चुदाई करने लगा। अब वो दोनों ही मुझसे चुदवाकर पूरी तरह से खुश हैं और मैं भी।

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