वो मेरे उपर लेटे हुए थे और उनका लॉडा अभी भी मेरी चूत के अंदर था. उन्होने मुझे चुदाई के बाद का प्यारा सा चुंबन दिया तो मैने अपनी चूत के रस का स्वाद उनके मूह से लिया.
फिर उन्होने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और खड़े हो कर इधर उधर देखा. कोई नही था जो हमारी चुदाई देख पाता. मैने ध्यान से उनके लंड को देखा जो नरम पड़ता हुआ नीचे की ओर आ रहा था.
उन्होने अपनी तैरने के काम आने वाली चड्डी उठा कर पहन ली थी. मैं तो चद्दर पर नंगी लेटी हुई उनकी ओर देख रही थी. सागर किनारे की ठंडी हवा मेरे नंगे बदन से टकरा रही थी. मुझे बड़ा आनंद आया जब ठंडी हवा का एक झोंका मेरी टाँगों के बीच से, मेरी गीली चूत को छूता हुआ गुजर गया.
मैने अपने पति से उनके कपड़ों के बारे मे पुछा तो उन्होने बताया कि उनके कपड़े क्लब के लॉकर मे है.
मैने अपनी बिकिनी की ब्रा और चड्डी फिर से पहनी और अपने पति का हाथ पकड़ कर उनके साथ सागर मे तैरने के लिए तय्यार हो गई. हमने करीब करीब एक घंटे तक साथ साथ तैराकी की. तैरते हुए उन्होने बहुत बार मेरी चुचियाँ दबाई, गंद दबाई और मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैने भी कई बार उनका लॉडा पकड़ा था. मैने देखा कि वहाँ तैरने वाले करीब करीब सब जोड़े वही कर रहे थे जो हम कर रहे थे. मुझे पक्का पता था कि अगर वहाँ उस समय तैरने वाले दूसरे लोग नही होते तो मेरे पति मुझे ज़रूर, एक बार फिर, तैरते हुए भी चोद्ते .
हम ने तैराकी ख़तम की और मैने अपने कपड़े बदल लिए थे. मैने बिना अंदर ब्रा और चड्डी पहने अपने वो कपड़े पहन लिए जो मैं यहाँ पहन कर आई थी. अपनी गीली बिकिनी और चद्दर फिर से बेग मे रख कर हम जाने के लिए तय्यार हो गये.
मैं सीधी कार पार्किंग मे आई जबकि मेरे पति क्लब के अंदर अपने कपड़े पहन ने को गये थे और मैं कार मे बैठ कर उनका इंतज़ार करने लगी.
मैं अपनी चुदाई के बारे मे सोच सोच कर खुश हो रही थी.
क्रमशः...........................
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-26
गतान्क से आगे.....................
ये मेरी मेरे पति के साथ के अगले दिन की बात है. आप को याद होगा कि कैसे खुले आसमान के नीचे, सागर किनारे मेरे पति ने मेरी जम कर चुदाई की थी.
दोपहर का वक़्त था. हम सब ने खाना खा लिया था और मैं अपने कमरे मे थी. मेरे पति वहाँ ही बैठे थे और अपने मा बाप से बातें कर रहे थे. मैं अपने कमरे मे बैठी अंजू के बारे मे सोच रही थी. ( आप को याद होगा, अंजू मेरे पति की पुरानी प्रेमिका है जो हमारे पड़ोस मे रहती है. वो शादीशुदा है पर उसका पति ना-मर्द है और उसको चोद नही पाता है ) आप को ये भी याद होगा कि मेरी शादी के पहले हम तीनो ने, मैने, मेरे पति ने और अंजू ने एक बार सामूहिक संभोग का मज़ा लिया था. मेरा मन चाहता था कि मेरे पति फिर से एक बार मुझे और अंजू को साथ साथ चोदे.
आप की जानकारी के लिए बता दूं कि मैं और अंजू हमेशा ही एक दूसरी के संपर्क मे रहती हैं. हम एक दूसरी को नियमित रूप से मैल देती हैं, फोन पर बात करती हैं. इसलिए मुझे पता है कि अंजू भी फिर से मेरे पति से चुद्वाना चाहती है. उसका पति तो उसको चोद नही पाता है और वो और किसी से चुद्वाना नही चाहती. वो सिर्फ़ मेरे पति से ही चुद्वाना चाहती है. जैसा कि मैने पहले लिखा था, उसका पति तो अभी तक उसकी फुददी मे अपना लंड कभी भी नही घुसा पाया था. जब भी अंजू का पति अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, हमेशा उसके लंड का पानी अंजू की चूत के दरवाजे पर ही, बाहर ही निकल जाता है. उस का लॉडा खड़ा तो होता है, पर जैसे ही वो अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, उसके लौडे का पानी निकल जाता है.
मैने अंजू से वादा किया था कि इस बार हम जब भी गोआ आएँगे, मैं ज़रूर उसको अपने साथ ही, अपने पति से फिर से चुद्वाउन्गि. अब वादा पूरा करने का समय आ गया था.
मैने बहुत मुश्किल से अपने पति को मेरे साथ साथ अंजू को भी चोद्ने के लिए राज़ी किया था. दरअसल, मेरे पति मेरे सिवाय किसी और को चोद्ना पसंद नही करते. मैने बड़ी मुश्किल से उनको अंजू की मज़बूरी और उसकी बदक़िस्मती का वास्ता दे कर इस बार राज़ी किया था.
मेरे ख़यालों मे अंजू मेरी आँखों के सामने आ गई. अंजू बहुत सुंदर है, उसका बदन बहुत खूबसूरत, बहुत सेक्सी है. लंबाई मे वो मुझ से थोड़ी कम है. उसके बाल लंबे है और अंजू की गंद तक आते हैं. अंजू की गंद बहुत मस्त है, एक दम गोल गोल, प्यारी प्यारी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरी चुचियों से थोड़ी सी बड़ी है. कुल मिला कर उसका बदन बहुत नशीला और सेक्सी है जिसे देखते ही शायद मर्दों का मन उसको चोद्ने का करता होगा. हम दोनो बहुत अच्छी दोस्त हैं. मैं जब भी गोआ आती हूँ, हम हमेशा मिलते रहते हैं, कभी उसके घर पर और कभी मेरे घर पर. उसका घर मेरे ससुराल के एकदम पड़ोस मे है. वो बहुत कम अपने घर से निकलती है और जब भी बाहर निकलती है, सीधे हमारे घर ही आती है, ये सब जानते हैं.
तो…. मैं अपने कमरे मे थी और मेरे पति बाहर के कमरे मे बैठे अपने माता पिता से बातें कर रहे थे. तभी अंजू हमारे घर पर आई. उसने मेरे कमरे मे आने से पहले, बाहर के कमरे मे बैठे मेरे पति और मेरे सास ससुर से थोड़ी देर बातें की. फिर वो मुझ से मिलने मेरे कमरे मे आई. अंजू ने उस समय पंजाबी सूट पहना हुआ था. उस की चुचियों की निप्पल सख़्त थी, उठी हुई थी, जिस से पता चल रहा था कि वो अंदर ब्रा नही पहने है. खाना खा कर अपने रूम मे आ कर मैने भी अपने कपड़े बदल लिए थे. मैं अब टी – शर्ट और स्कर्ट पहने हुए थी, और नीचे ब्रा और चड्डी नही पहनी थी. अंजू मेरे कमरे के अंदर आई, दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझ से लिपट गई. मैने उसके होठों को चूमा और हम बंद दरवाजे के पीछे बातें करने लगी.
गतान्क से आगे.....................
ये मेरी मेरे पति के साथ के अगले दिन की बात है. आप को याद होगा कि कैसे खुले आसमान के नीचे, सागर किनारे मेरे पति ने मेरी जम कर चुदाई की थी.
दोपहर का वक़्त था. हम सब ने खाना खा लिया था और मैं अपने कमरे मे थी. मेरे पति वहाँ ही बैठे थे और अपने मा बाप से बातें कर रहे थे. मैं अपने कमरे मे बैठी अंजू के बारे मे सोच रही थी. ( आप को याद होगा, अंजू मेरे पति की पुरानी प्रेमिका है जो हमारे पड़ोस मे रहती है. वो शादीशुदा है पर उसका पति ना-मर्द है और उसको चोद नही पाता है ) आप को ये भी याद होगा कि मेरी शादी के पहले हम तीनो ने, मैने, मेरे पति ने और अंजू ने एक बार सामूहिक संभोग का मज़ा लिया था. मेरा मन चाहता था कि मेरे पति फिर से एक बार मुझे और अंजू को साथ साथ चोदे.
आप की जानकारी के लिए बता दूं कि मैं और अंजू हमेशा ही एक दूसरी के संपर्क मे रहती हैं. हम एक दूसरी को नियमित रूप से मैल देती हैं, फोन पर बात करती हैं. इसलिए मुझे पता है कि अंजू भी फिर से मेरे पति से चुद्वाना चाहती है. उसका पति तो उसको चोद नही पाता है और वो और किसी से चुद्वाना नही चाहती. वो सिर्फ़ मेरे पति से ही चुद्वाना चाहती है. जैसा कि मैने पहले लिखा था, उसका पति तो अभी तक उसकी फुददी मे अपना लंड कभी भी नही घुसा पाया था. जब भी अंजू का पति अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, हमेशा उसके लंड का पानी अंजू की चूत के दरवाजे पर ही, बाहर ही निकल जाता है. उस का लॉडा खड़ा तो होता है, पर जैसे ही वो अंजू को चोद्ने की कोशिश करता है, उसके लौडे का पानी निकल जाता है.
मैने अंजू से वादा किया था कि इस बार हम जब भी गोआ आएँगे, मैं ज़रूर उसको अपने साथ ही, अपने पति से फिर से चुद्वाउन्गि. अब वादा पूरा करने का समय आ गया था.
मैने बहुत मुश्किल से अपने पति को मेरे साथ साथ अंजू को भी चोद्ने के लिए राज़ी किया था. दरअसल, मेरे पति मेरे सिवाय किसी और को चोद्ना पसंद नही करते. मैने बड़ी मुश्किल से उनको अंजू की मज़बूरी और उसकी बदक़िस्मती का वास्ता दे कर इस बार राज़ी किया था.
मेरे ख़यालों मे अंजू मेरी आँखों के सामने आ गई. अंजू बहुत सुंदर है, उसका बदन बहुत खूबसूरत, बहुत सेक्सी है. लंबाई मे वो मुझ से थोड़ी कम है. उसके बाल लंबे है और अंजू की गंद तक आते हैं. अंजू की गंद बहुत मस्त है, एक दम गोल गोल, प्यारी प्यारी. उसकी मस्त चुचियाँ मेरी चुचियों से थोड़ी सी बड़ी है. कुल मिला कर उसका बदन बहुत नशीला और सेक्सी है जिसे देखते ही शायद मर्दों का मन उसको चोद्ने का करता होगा. हम दोनो बहुत अच्छी दोस्त हैं. मैं जब भी गोआ आती हूँ, हम हमेशा मिलते रहते हैं, कभी उसके घर पर और कभी मेरे घर पर. उसका घर मेरे ससुराल के एकदम पड़ोस मे है. वो बहुत कम अपने घर से निकलती है और जब भी बाहर निकलती है, सीधे हमारे घर ही आती है, ये सब जानते हैं.
तो…. मैं अपने कमरे मे थी और मेरे पति बाहर के कमरे मे बैठे अपने माता पिता से बातें कर रहे थे. तभी अंजू हमारे घर पर आई. उसने मेरे कमरे मे आने से पहले, बाहर के कमरे मे बैठे मेरे पति और मेरे सास ससुर से थोड़ी देर बातें की. फिर वो मुझ से मिलने मेरे कमरे मे आई. अंजू ने उस समय पंजाबी सूट पहना हुआ था. उस की चुचियों की निप्पल सख़्त थी, उठी हुई थी, जिस से पता चल रहा था कि वो अंदर ब्रा नही पहने है. खाना खा कर अपने रूम मे आ कर मैने भी अपने कपड़े बदल लिए थे. मैं अब टी – शर्ट और स्कर्ट पहने हुए थी, और नीचे ब्रा और चड्डी नही पहनी थी. अंजू मेरे कमरे के अंदर आई, दरवाजा अंदर से बंद किया और मुझ से लिपट गई. मैने उसके होठों को चूमा और हम बंद दरवाजे के पीछे बातें करने लगी.
Re: जुली को मिल गई मूली
अंजू ने मुझे बताया कि वो हमेशा संतुष्ट होने के लिए हस्त मैथून करती है. वो अपनी चूत मे खुद ही उंगली कर के झड़ती ज़रूर है, पर फिर भी ज़ोर से नही झड़ती और उसको वो पूरा मज़ा नही आता है, जो मज़ा मैने उसको लेज़्बीयन चुदाई के दौरान उसकी चूत मे उंगली कर के दिया है. वो मुझ से हस्त मैथून करने का सही तरीका जान ना चाहती थी ताकि जब भी वो चाहे, अपनी चूत रगड़ कर, चूत मे उंगली कर के जड़ने का पूरा पूरा मज़ा ले सके.
मैने अंजू को फिर से, उसकी चूत मे उंगली कर के, प्रॅक्टिकल कर के समझाया. वो मुझ से हस्त मैथून करवा कर, अपनी चूत मे उंगली करवा कर, झाड़ कर, जल्दी ही वापस अपने घर चली गई. मैने अंजू को बताया कि मैं अपने पिताजी के फार्म हाउस पर, अपने पति के साथ जाने का प्रोग्राम बना रही हूँ और चाहती हूँ कि वो भी हमारे साथ चले, ताकि वहाँ वो और मैं, दोनो ही जाम कर मेरे पति से चुद्वा सकें. वो हमारे साथ आने के लिए मान गई. उसने कहा कि वो हमारे साथ आने के लिए तय्यार है पर हम को उसके सास ससुर से पर्मिशन लेनी होगी. मैने उसको कहा कि ये मैं कर लूँगी.
अंजू के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे पति कमरे मे आए. मैने अपने पति से कहा कि अगले दिन हम को मेरे पिताजी के फार्म हाउस जाने का प्रोग्राम बनाना है, अंजू भी हमारे साथ आने को तय्यार हो गई है और अब उनको हम दोनो को एक साथ चोद्ने को तय्यार हो जाना चाहिए. अंजू के बारे मे तो पता नही, पर मेरे पति मेरे मूह से चोद्ने की बात सुन कर मुझे तुरंत चोद्ने को तय्यार हो गये.
माहौल बन रहा था और हम चुदाई की गर्मी महसूस करने लगे थे. मैने उन से पुछा ” आप ने जब मुझे समुंदर किनारे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखा तो आप को कैसा लगा था?”
” वो एक बहुत शानदार अनुभव था. मैने तुम को पहली बार अपनी खुद की चूत मे उंगली करते हुए देखा और मुझे देखते हुए बड़ा मज़ा आया था. मैं तो काफ़ी गरम हो गया था और इसीलिए तुम को वहाँ पर चोदा था” मेरे पति ने स्वीकार किया और उत्तर दिया.
” मैं भी आप को शुरू से आख़िर तक, लंड से पानी निकालने तक मूठ मारते हुए देखना चाहती हूँ ताकि जो मज़ा आपने मुझे चूत मे उंगली करते देख कर लिया है, मैं भी वही मज़ा आप को मूठ मारते हुए देख कर ले सकूँ.” मैं बोली.
वो मुस्काराए और उन्होने हां मे सिर हिलाया.
” लेकिन तुम अंजू के साथ इस बंद कमरे मे काफ़ी देर थी. तुम दोनो ने बंद दरवाजे के पीछे क्या किया था?” उन्होने एक शरारती मुस्कान के साथ पुछा.
” मैं आप को सब बताउन्गि, लेकिन जैसे मैं चाहती हूँ, उस तरह बताउन्गि” मैने सेक्सी आवाज़ मे कहा. चुदाई की गर्मी मेरे सिर चढ़ कर बोलने लगी थी.
मैने अपने घुटने मोड और अपने घुटनों को अपने मूह के पास ले जा कर उनको पकड़ लिया. मेरे टी शर्ट मे मेरी चुचियाँ तो उनको नज़र नही आराही थी पर मेरे इस तरह घुटने मोड़ कर बैठने से मेरी चिकनी चूत उनको सॉफ सॉफ नज़र आ रही थी क्यों कि मैने बताया है कि मैने अपने स्कर्ट के नीचे चड्डी नही पहन रखी थी. मैने अपने पैर थोड़े चौड़े किए तो अब मेरी चूत से साथ साथ उनको मेरी मस्तानी गंद का दरवाजा भी नज़र आने लगा था. उनकी नज़रें मेरी चिकनी चूत पर जम गई क्यों कि मेरी चूत तो जैसे मेरे पैरों के बीच से बाहर निकल कर झाँक रही थी. मेरी गुलाबी चूत के होंठ गीली होने शुरू हो चुके थे. मैने महसूस किया कि मेरे पति का मस्ताना लंबा लॉडा उनके शॉर्ट मे बड़ा हो रहा है, कड़क हो रहा है, खड़ा हो रहा है. उन्होने मेरे चेहरे की ओर देखा और फिर से मेरी चूत की तरफ देखा.
मैं बोली ” मैं आप का खड़ा हुआ लॉडा देखना चाहती हूँ. मुझे अपना चुदाई का हथियार दिखाओ ना.”
मैने अंजू को फिर से, उसकी चूत मे उंगली कर के, प्रॅक्टिकल कर के समझाया. वो मुझ से हस्त मैथून करवा कर, अपनी चूत मे उंगली करवा कर, झाड़ कर, जल्दी ही वापस अपने घर चली गई. मैने अंजू को बताया कि मैं अपने पिताजी के फार्म हाउस पर, अपने पति के साथ जाने का प्रोग्राम बना रही हूँ और चाहती हूँ कि वो भी हमारे साथ चले, ताकि वहाँ वो और मैं, दोनो ही जाम कर मेरे पति से चुद्वा सकें. वो हमारे साथ आने के लिए मान गई. उसने कहा कि वो हमारे साथ आने के लिए तय्यार है पर हम को उसके सास ससुर से पर्मिशन लेनी होगी. मैने उसको कहा कि ये मैं कर लूँगी.
अंजू के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे पति कमरे मे आए. मैने अपने पति से कहा कि अगले दिन हम को मेरे पिताजी के फार्म हाउस जाने का प्रोग्राम बनाना है, अंजू भी हमारे साथ आने को तय्यार हो गई है और अब उनको हम दोनो को एक साथ चोद्ने को तय्यार हो जाना चाहिए. अंजू के बारे मे तो पता नही, पर मेरे पति मेरे मूह से चोद्ने की बात सुन कर मुझे तुरंत चोद्ने को तय्यार हो गये.
माहौल बन रहा था और हम चुदाई की गर्मी महसूस करने लगे थे. मैने उन से पुछा ” आप ने जब मुझे समुंदर किनारे हस्त मैथून करते हुए, अपनी चूत मे उंगली करते हुए देखा तो आप को कैसा लगा था?”
” वो एक बहुत शानदार अनुभव था. मैने तुम को पहली बार अपनी खुद की चूत मे उंगली करते हुए देखा और मुझे देखते हुए बड़ा मज़ा आया था. मैं तो काफ़ी गरम हो गया था और इसीलिए तुम को वहाँ पर चोदा था” मेरे पति ने स्वीकार किया और उत्तर दिया.
” मैं भी आप को शुरू से आख़िर तक, लंड से पानी निकालने तक मूठ मारते हुए देखना चाहती हूँ ताकि जो मज़ा आपने मुझे चूत मे उंगली करते देख कर लिया है, मैं भी वही मज़ा आप को मूठ मारते हुए देख कर ले सकूँ.” मैं बोली.
वो मुस्काराए और उन्होने हां मे सिर हिलाया.
” लेकिन तुम अंजू के साथ इस बंद कमरे मे काफ़ी देर थी. तुम दोनो ने बंद दरवाजे के पीछे क्या किया था?” उन्होने एक शरारती मुस्कान के साथ पुछा.
” मैं आप को सब बताउन्गि, लेकिन जैसे मैं चाहती हूँ, उस तरह बताउन्गि” मैने सेक्सी आवाज़ मे कहा. चुदाई की गर्मी मेरे सिर चढ़ कर बोलने लगी थी.
मैने अपने घुटने मोड और अपने घुटनों को अपने मूह के पास ले जा कर उनको पकड़ लिया. मेरे टी शर्ट मे मेरी चुचियाँ तो उनको नज़र नही आराही थी पर मेरे इस तरह घुटने मोड़ कर बैठने से मेरी चिकनी चूत उनको सॉफ सॉफ नज़र आ रही थी क्यों कि मैने बताया है कि मैने अपने स्कर्ट के नीचे चड्डी नही पहन रखी थी. मैने अपने पैर थोड़े चौड़े किए तो अब मेरी चूत से साथ साथ उनको मेरी मस्तानी गंद का दरवाजा भी नज़र आने लगा था. उनकी नज़रें मेरी चिकनी चूत पर जम गई क्यों कि मेरी चूत तो जैसे मेरे पैरों के बीच से बाहर निकल कर झाँक रही थी. मेरी गुलाबी चूत के होंठ गीली होने शुरू हो चुके थे. मैने महसूस किया कि मेरे पति का मस्ताना लंबा लॉडा उनके शॉर्ट मे बड़ा हो रहा है, कड़क हो रहा है, खड़ा हो रहा है. उन्होने मेरे चेहरे की ओर देखा और फिर से मेरी चूत की तरफ देखा.
मैं बोली ” मैं आप का खड़ा हुआ लॉडा देखना चाहती हूँ. मुझे अपना चुदाई का हथियार दिखाओ ना.”