मैने अपना हाथ धीरे धीरे उनकी गंद की तरफ बढ़ाया और अब मेरी उंगकी उनकी गंद के मूह पर थी. मेरी उंगली के साथ उनके लॅंड पर लगाई गई वॅसलीन जो उनकी गोलियों पर आ गई थी, वो भी उनकी गंद के दरवाजे तक पहुँच गई थी. मतलब, अब उनकी गंद का मूह भी चिकना हो गया था. मैने देर नही की और अपनी उंगली उनकी गंद मे घुसा दी. मैं एक हाथ की उंगली अपनी चूत मे डाल कर अंदर बाहर कर रही थी और दूसरे हाथ की उंगली उनकी गंद मे डाल कर अंदर बाहर कर रही थी. मैं अपनी उंगली से अपनी चूत भी चोद रही थी और दूसरे हाथ की उंगली से उनकी गंद भी मार रही थी. उन्होने भी अपनी गंद ढीली छ्चोड़ दी जैसे गंद मरवाने का मज़ा ले रहे हो, और वॅसलीन तो थी ही, जिस से मैं अपनी उंगली आराम से उनकी गंद के अंदर बाहर कर रही थी.
कुछ देर बाद, उनका बदन अकड़ने लगा और गंद उपर उठने लगी और मैं समझ गई कि समय आ गया है उनके लंड से पानी की बरसात होने का.
अचानक ही, उनके लंड से सफेद पानी की जोरदार धार किसी फव्वारे की तरह निकली. मैने देखा की उनके लंड से निकला पानी हवा मे काफ़ी उपर तक गया था. उनके लंड से एक के बाद एक धार निकलती रही और हवा मे जा कर नीचे गिरती रही. उनके लौडे से निकला बहुत सारा पानी उनके पेट पर गिरा, उनके हाथ पर गिरा और मेरे उपर भी गिरा. जब उनके लंड ने अपना पानी बरसाना बंद कर दिया तो मैने उनकी गंद से अपनी उंगली बाहर निकाल ली. उन्होने मेरी तरफ देखा और मैने उनकी तरफ देखा. हम दोनो ही मुस्काराए.
“बहुत मज़ा आया.” हम दोनो एक साथ बोले.
” लेकिन मुझे ज़्यादा मज़ा आया. क्यों कि मैने आज पहली बार आप को पूरा हस्त मैथून कर के लंड से पानी निकालते हुए देखा है.” मैं बोली.
मैने नीचे देखा तो हर तरफ उनके लंड से निकला पानी फैला पड़ा था. मैं उठी और एक कपड़ा ले कर ज़मीन पर फैला उनका लंड रस सॉफ करने लगी. मेरा ध्यान उनके लौडे पर भी गया. मैने टवल से उनका लॉडा, उनका हाथ और उनका पेट भी सॉफ किया. उनका लॉडा अभी छोटा नही हुआ था पर अब उतना सख़्त नही था. वो धीरे धीरे मुलायम हो रहा था.
सब सॉफ करने के बाद मैं वापस अपनी जगह अपने पैर फैला कर बैठ गई और वो मेरी चिकनी चूत को निहारने लगे. मैं चूत मे उंगली कर के दूसरी बार झड़ी नही थी और बीच मे ही उठ कर सफाई करने लग गई थी. अब मैं जल्दी से जल्दी झड़ना चाहती थी. मैने जैसे ही अपनी उंगली अपनी गीली चूत मे फिर से डालने की सोची, मैने देखा कि मेरी नंगी, चिकनी चूत देखते ही उनका चुदाई का हथियार, उनका लॉडा फिर से खड़ा होने लग गया है. मैं मन ही मन बहुत खुश होती हूँ कि मेरे पति का लॉडा कितना शानदार है, कितना सुंदर है, कितनी जोरदार चुदाई करता है. हमेशा मेरी चूत को चोद्ने को तय्यार रहता है.
उनके खड़े होते लौडे को देख कर मैने चूत मे उंगली करने का ख़याल छोड़ दिया. अब तो मैं उनके लंड से अपनी चूत चुद्वाने का मज़ा लेना चाहती थी और उनको भी चोद कर लंड से पानी निकालने का मौका देना चाहती थी.
मैने आगे हो कर उनके गरमा गरम लौडे को पकड़ लिया. मेरा हाथ उनके तने हुए लौडे पर घूमने लगा. उनका हाथ भी मेरी टाँगो के बीच से झाँकति चूत को सहलाने लगा. मेरी गंद तो चुद्वाने की चाह मे आगे पीछे हिलने लगी. मैने उनको गर्दन पकड़ कर उनको अपने उपर, पलंग पर गिरा लिया. इस तरह उनका तनटनाता हुआ लंड मेरी गीली, चिकनी और रसीली चूत के दरवाजे पर दस्तक देने लगा. दूसरी बार नही झाड़ पाने की वजह से मैं काफ़ी गरम थी और जल्दी से जल्दी उनका लंबा लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वाना चाहती थी. मेरी गंद मचल मचल कर उपर होने लगी और मेरी चूत उनके लंड के लिए बेताब हो उठी.
“अब और मत तडफाओ. जल्दी से मुझे चोदो ना.” आख़िर मैने उनसे अपने दिल की बात कह दी.
उन्होने अपनी गंद ज़रा उपर की तो मैने हमारे दो नंगे बदन के बीच मे उनके तने हुए लौडे को देखा. मैने अपना हाथ नीचे किया और अपनी उंगलियों से अपनी चूत का दरवाजा उनके लंड के लिए खोल दिया. जब मैने अपनी चूत को खोला तो मैने सॉफ सॉफ महसूस किया कि मेरी चूत से रस की एक बड़ी बूँद निकल कर मेरी गंद के मूह की तरफ गई है. उन्होने अपना लंड अपने हाथ मे पकड़ा और मेरी चूत के खुले हुए मूह पर लगाया. हम दोनो ही चोद्ने के लिए और चुद्वाने के लिए बहुत बेचैन थे. हम दोनो को ही हस्त मैथून करने के बाद अब असली चुदाई की ज़रूरत थी. उन्होने अपना लंड निशाने पर लगाया और एक झटके साथ मेरी गीली चूत मे घुसा दिया.
ये हमारी चुदाई के लिए बेताबी का ही असर था कि अपना लंड मेरी चूत मे डालते ही, बिना रुके, तुरंत ही उन्होने मुझे ज़ोर ज़ोर से चोद्ना शुरू कर दिया.
हमेशा की तरह मैं जल्दी ही झाड़ गई थी. वो केवल कुछ देर तक रुके, एक बार मुझे चोद्ना बंद किया और तुरंत ही फिर पूरी रफ़्तार से मुझे फिर से चोद्ना शुरू कर दिया. उनका लॉडा मेरी चूत मे तेज़ी से आ जा रहा था. वो मुझे लगातार चोद्ते रहे और मैं उनके नीचे लेटी उनसे चुदवाती रही. वो मुझे फका फक……… फका फक चोदे जा रहे थे और मैं फिर से अपने झड़ने के करीब पहुँच चुकी थी. तभी मैने उनके लौडे मे भी और अधिक सख्ती महसूस की और मुझे पता चल गया कि वो भी झड़ने से ज़्यादा दूर नही है. मैं भी पहुँचने वाली थी और वो भी पहुँचने वाले थे. उन्होने अपनी चुदाई की रफ़्तार और बढ़ाई और मेरी चूत ने तो झाड़ कर जवाब दे दिया. पर इस बार वो रुके नही, क्यों कि वो भी काफ़ी नज़दीक थे. कुछ धक्कों के बाद उनके लौडे ने भी मेरी चूत मे अपना पानी छोड़ दिया और हम दोनो एक दूसरे से बुरी तरह लिपट गये.
क्रमशः....................................
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-28
गतान्क से आगे.....................
अपनी जीभ बाहर निकाल कर वो अंजू की चूत के होठों पर फिरा रहे थे, उपर से शुरू करके, नीचे की ओर, उसकी चूत के दरवाजे की ओर उनकी जीभ बढ़ रही थी. अंजू के पैर फैले होने की वजह से उसकी फुददी के होंठ खुले हुए थे. मुझे पूरा यकीन है कि उनको अंजू की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो कि मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत स्वदिस्त है. अंजू के मूह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिसकी निकली. मेरी आँखें तो जैसे मेरे पति की, अंजू की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थी. अब उन्होने अंजू की गंद पकड़ कर, पीछे दबा कर अंजू की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था. मैने अंजू का एक पैर पकड़ कर उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत आट मेरे पति की जीभ अपनी चूत पर देख सके. लेकिन जल्दी ही मेरे पति ने अपना मूह खोला और अंजू की चूत को अपने मूह मे ले लिया. अंजू के चूत के होंठ मेरे पति के मूह के होंठों के बीच थे और मेरे पति की जीभ अंजू की चूत मे घूम रही थी.
मुझे पता चल रहा था कि वो अंजू की चूत मे अब नीचे से उपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे. अंजू की चूत के दरवाजे से अंजू की चूत के दाने तक, अंजू की चूत चाती जा रही थी और जल्दी ही मैने देखा कि उन्होने अपनी जीभ अंजू की चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू तो जैसे उच्छल ही पड़ी. उसके मूह से जोरदार सिसकारी निकली, आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.
थोड़ी देर अंजू की फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली अंजू की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए अंजू की चूत चोद्ने लगे. मुझे पता लग रहा था कि अंजू की बहुत कम चुदि हुई चूत कितनी टाइट थी. अंजू की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैने देखा कि अंजू तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है. वो अपनी गंद हिलाने लगी, अपने पैर हिलने लगी और अपने मूह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मेरे पति उसकी चूत मे उंगली करते हुए उसके चूत के दाने को चूस रहे थे. ऐसा लगता था कि अंजू जल्दी ही झड़ने वाली है. वो जल्दी जल्दी मेरे पति के हाथ पर और मूह पर अपनी चूत दबाने लगी. उसकी चूत मेरे पति की उंगली से चुद्ति जा रही थी.
अचानक ही अंजू झाड़ गई और मेरे पति की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जाकड़ लिया. मेरे पति अभी भी उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे. अंजू तो जैसे चिल्लाई ” ओह…….. आअहह.. रूको…….बस करो…… मेरा हो गया है……. बस करो जान……………….., वो नीचे झुकी ओर मेरे पति का सिर पकड़ कर उनका मूह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे पति की उंगकी अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी. कुछ देर रुकने के बाद, मेरे पति ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनकी उनकी उंगली अंजू की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी.
धीरे धीरे शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से अंजू की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे. मुझे मेरे पति को अंजू की चूत मे उंगली करते हुए, अंजू की चूत अपनी उंगली से चोद्ते हुए, अंजू की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अंजू की गंद हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था कि वो फिर से एक बार झड़ने वाली है. और अचानक ही, वो फिर से झाड़ गई.
” हे भगवान…… जूली…….. ऐसा लगता है कि मेरी पूरी चुदाई हो गई है. मेरी प्यास बुझ गई है.” अंजू मस्ती मे बोली.
” तो……. एक बार फिर हो जाए? ” मैने कहा.
” नही यार……….. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है. लेकिन मज़ा बहुत आया.” वो बोली
लेकिन मेरे पति ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नही रहा गया. अंजू की चूत एक बार फिर से चुद्ने लगी. इस बार मेरे पति की जीभ से. मेरे पति जी जीभ किसी मर्दाना लौडे की तरह अंजू की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और अंजू फिर से मज़े ले कर चुद्वाने लगी. अंजू बहुत दिनो के बाद चुद्वा रही थी और क्या खूब चुद्वा रही थी. मैं अपनी पति से अंजू को चुद्वा रही थी. मैने अंजू के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी कि अंजू की चुचियाँ रह रह के काँप रही थी, हिल रही थी. मेरे पति फिर से अंजू को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से छूने लगे थे. अंजू फिर से झड़ने वाली थी.
” आआआआअहह………………..ऊऊऊहह…” अंजू के मूह से निकला.
मैने अपने पति के कान मे कहा कि वो हट जाए और अब मुझे अपनी जीभ अंजू की चूत मे डालने दे. मेरे पति ने तुरंत ही अपना मूह अंजू की चूत से हटाया और मैने जल्दी से अपनी जीभ अंजू की रसीली, बहती, गीली और स्वदिस्त फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने लगी. अंजू ने अचानक अपनी आँखें खोल कर देखा कि क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी. मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से अंजू की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी. अंजू के दोनो पैर मेरे कंधे पर थे और अंजू बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी, मेरी जीभ से अपनी चूत चुद्वा रही थी. एल औरत, दूसरी औरत की चूत चाट रही थी और एक मर्द, मेरे पति हम दोनो को देख कर मज़ा ले रहे थे. अंजू फिर से एक बार झड़ने वाली थी.
” तुम्हारी जीभ कमाल है जूली………. आआहह” वो बोली.
मैं तो बस उसकी चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर कर रही थी. अंजू की चूत को अपनी जीभ से चोद्ते चोद्ते, मैने अपना हाथ नीचे पानी मे, अपनी टाँगों के बीच, अपनी चूत पर ले गई. मेरे पति मेरे पीछे आए और उन्होने पीछे से हाथ डाल कर मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ ली. उनका हाथ लगते ही मेरे चुचियाँ तन कर खड़ी हो गई. वो पीछे से मेरी चुचियाँ दबाते हुए मेरे और नज़दीक आए तो उनका तना हुआ, खड़ा हुआ, लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरे गंद के नीचे, मेरी टाँगों के बीच मे आ गया. पानी मे ही मैने अपनी गंद को उनके लंड पर दबाया. उनका गरमा गरम लॉडा पानी मे मेरी गंद को बहुत मज़ा दे रहा था. पानी के अंदर, उन्होने अपना लॉडा अपने हाथ मे पकड़ कर, मेरे टाँगों के बीच से मेरी चूत के दरवाजे पर लगाया तो मैने पानी मे अपनी टाँगें और चौड़ी कर ली. जैसे ही उन्होने पानी के अंदर एक झटका लगा कर अपने लंड का अगला भाग मेरी चूत मे घुसाया, पानी के बाहर चूत चुस्वाती अंजू झाड़ गई. अंजू ने अपनी टाँगों से मेरे सिर को जाकड़ लिया. उधर पानी के अंदर, मैं अपनी गंद आगे पीछे करके उनके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. अंजू के मूह से मज़े के मारे चीखें सी निकलने लगी. वो वाकई मे बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी. मैने अंजू के पैर अपने सिर से हटाए और पूल मे लटकाए, तो अंजू भी पानी मे गिर पड़ी. उसने पानी मे डुबकी लगा कर, मेरे पति के लौडे को मेरी चूत के अंदर बाहर होते देखा.
कुछ देर यौं ही पानी के अंदर ही चुद्वाने के बाद, वक़्त आ गया था कि चूत और लंड की असली चुदाई का. मैने उनका लॉडा अपनी चूत से बाहर निकाला और पूल की सीढ़ियो की तरफ तैरते हुए बोली ” बाहर चुदाई करते हैं.”
मैं आगे आगे थी, अंजू मेरे पीछे थी और मेरे पति आख़िर मे थे. हम तीनो पानी से बाहर आ गये. हम तीनो को ही शानदार चूत चुदाई की ज़रूरत थी. मुझे और अंजू को चुद्वाने की और मेरे पति को चोद्ने की. जैसा कि मैने बताया है कि मैं अंजू को ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती थी ताकि वो इस चुदाई को बहुत दिनो तक याद रखे. ना जाने बेचारी की चूत की किस्मत मे फिर कब चुद्वाना लिखा है. मुझे पूरा यकीन था कि अंजू ने आज वो मज़ा लिया है जो उसको कभी नही मिला.
मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे इतने मज़बूत है कि वो एक साथ मे हम दोनो को चोद सकते है और दोनो को पूरा संतुष्ट कर सकते हैं. और आज भी वही होने वाला था. मेरे पति मुझे और अंजू, दोनो को, एक के बाद एक को चोद्ने वाले थे. मेरी चूत मे उनके लौडे से चुदाई की खुजली हो रही थी, इसलिए मैने अपने पति से पहले चुद्वाने का सोचा. अंजू की चूत मे उंगली करके, जीभ डाल कर के हम दोनो ने उसको कई बार झाड़ दिया था. और फिर मैं अंजू को मेरी चुदाई होते हुए देखने का मज़ा भी देना चाहती थी.
गतान्क से आगे.....................
अपनी जीभ बाहर निकाल कर वो अंजू की चूत के होठों पर फिरा रहे थे, उपर से शुरू करके, नीचे की ओर, उसकी चूत के दरवाजे की ओर उनकी जीभ बढ़ रही थी. अंजू के पैर फैले होने की वजह से उसकी फुददी के होंठ खुले हुए थे. मुझे पूरा यकीन है कि उनको अंजू की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो कि मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत स्वदिस्त है. अंजू के मूह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिसकी निकली. मेरी आँखें तो जैसे मेरे पति की, अंजू की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थी. अब उन्होने अंजू की गंद पकड़ कर, पीछे दबा कर अंजू की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था. मैने अंजू का एक पैर पकड़ कर उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत आट मेरे पति की जीभ अपनी चूत पर देख सके. लेकिन जल्दी ही मेरे पति ने अपना मूह खोला और अंजू की चूत को अपने मूह मे ले लिया. अंजू के चूत के होंठ मेरे पति के मूह के होंठों के बीच थे और मेरे पति की जीभ अंजू की चूत मे घूम रही थी.
मुझे पता चल रहा था कि वो अंजू की चूत मे अब नीचे से उपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे. अंजू की चूत के दरवाजे से अंजू की चूत के दाने तक, अंजू की चूत चाती जा रही थी और जल्दी ही मैने देखा कि उन्होने अपनी जीभ अंजू की चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू तो जैसे उच्छल ही पड़ी. उसके मूह से जोरदार सिसकारी निकली, आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.
थोड़ी देर अंजू की फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली अंजू की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए अंजू की चूत चोद्ने लगे. मुझे पता लग रहा था कि अंजू की बहुत कम चुदि हुई चूत कितनी टाइट थी. अंजू की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैने देखा कि अंजू तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है. वो अपनी गंद हिलाने लगी, अपने पैर हिलने लगी और अपने मूह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मेरे पति उसकी चूत मे उंगली करते हुए उसके चूत के दाने को चूस रहे थे. ऐसा लगता था कि अंजू जल्दी ही झड़ने वाली है. वो जल्दी जल्दी मेरे पति के हाथ पर और मूह पर अपनी चूत दबाने लगी. उसकी चूत मेरे पति की उंगली से चुद्ति जा रही थी.
अचानक ही अंजू झाड़ गई और मेरे पति की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जाकड़ लिया. मेरे पति अभी भी उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे. अंजू तो जैसे चिल्लाई ” ओह…….. आअहह.. रूको…….बस करो…… मेरा हो गया है……. बस करो जान……………….., वो नीचे झुकी ओर मेरे पति का सिर पकड़ कर उनका मूह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे पति की उंगकी अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी. कुछ देर रुकने के बाद, मेरे पति ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनकी उनकी उंगली अंजू की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी.
धीरे धीरे शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से अंजू की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे. मुझे मेरे पति को अंजू की चूत मे उंगली करते हुए, अंजू की चूत अपनी उंगली से चोद्ते हुए, अंजू की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अंजू की गंद हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था कि वो फिर से एक बार झड़ने वाली है. और अचानक ही, वो फिर से झाड़ गई.
” हे भगवान…… जूली…….. ऐसा लगता है कि मेरी पूरी चुदाई हो गई है. मेरी प्यास बुझ गई है.” अंजू मस्ती मे बोली.
” तो……. एक बार फिर हो जाए? ” मैने कहा.
” नही यार……….. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है. लेकिन मज़ा बहुत आया.” वो बोली
लेकिन मेरे पति ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नही रहा गया. अंजू की चूत एक बार फिर से चुद्ने लगी. इस बार मेरे पति की जीभ से. मेरे पति जी जीभ किसी मर्दाना लौडे की तरह अंजू की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और अंजू फिर से मज़े ले कर चुद्वाने लगी. अंजू बहुत दिनो के बाद चुद्वा रही थी और क्या खूब चुद्वा रही थी. मैं अपनी पति से अंजू को चुद्वा रही थी. मैने अंजू के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी कि अंजू की चुचियाँ रह रह के काँप रही थी, हिल रही थी. मेरे पति फिर से अंजू को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से छूने लगे थे. अंजू फिर से झड़ने वाली थी.
” आआआआअहह………………..ऊऊऊहह…” अंजू के मूह से निकला.
मैने अपने पति के कान मे कहा कि वो हट जाए और अब मुझे अपनी जीभ अंजू की चूत मे डालने दे. मेरे पति ने तुरंत ही अपना मूह अंजू की चूत से हटाया और मैने जल्दी से अपनी जीभ अंजू की रसीली, बहती, गीली और स्वदिस्त फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने लगी. अंजू ने अचानक अपनी आँखें खोल कर देखा कि क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी. मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से अंजू की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी. अंजू के दोनो पैर मेरे कंधे पर थे और अंजू बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी, मेरी जीभ से अपनी चूत चुद्वा रही थी. एल औरत, दूसरी औरत की चूत चाट रही थी और एक मर्द, मेरे पति हम दोनो को देख कर मज़ा ले रहे थे. अंजू फिर से एक बार झड़ने वाली थी.
” तुम्हारी जीभ कमाल है जूली………. आआहह” वो बोली.
मैं तो बस उसकी चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर कर रही थी. अंजू की चूत को अपनी जीभ से चोद्ते चोद्ते, मैने अपना हाथ नीचे पानी मे, अपनी टाँगों के बीच, अपनी चूत पर ले गई. मेरे पति मेरे पीछे आए और उन्होने पीछे से हाथ डाल कर मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ ली. उनका हाथ लगते ही मेरे चुचियाँ तन कर खड़ी हो गई. वो पीछे से मेरी चुचियाँ दबाते हुए मेरे और नज़दीक आए तो उनका तना हुआ, खड़ा हुआ, लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरे गंद के नीचे, मेरी टाँगों के बीच मे आ गया. पानी मे ही मैने अपनी गंद को उनके लंड पर दबाया. उनका गरमा गरम लॉडा पानी मे मेरी गंद को बहुत मज़ा दे रहा था. पानी के अंदर, उन्होने अपना लॉडा अपने हाथ मे पकड़ कर, मेरे टाँगों के बीच से मेरी चूत के दरवाजे पर लगाया तो मैने पानी मे अपनी टाँगें और चौड़ी कर ली. जैसे ही उन्होने पानी के अंदर एक झटका लगा कर अपने लंड का अगला भाग मेरी चूत मे घुसाया, पानी के बाहर चूत चुस्वाती अंजू झाड़ गई. अंजू ने अपनी टाँगों से मेरे सिर को जाकड़ लिया. उधर पानी के अंदर, मैं अपनी गंद आगे पीछे करके उनके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. अंजू के मूह से मज़े के मारे चीखें सी निकलने लगी. वो वाकई मे बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी. मैने अंजू के पैर अपने सिर से हटाए और पूल मे लटकाए, तो अंजू भी पानी मे गिर पड़ी. उसने पानी मे डुबकी लगा कर, मेरे पति के लौडे को मेरी चूत के अंदर बाहर होते देखा.
कुछ देर यौं ही पानी के अंदर ही चुद्वाने के बाद, वक़्त आ गया था कि चूत और लंड की असली चुदाई का. मैने उनका लॉडा अपनी चूत से बाहर निकाला और पूल की सीढ़ियो की तरफ तैरते हुए बोली ” बाहर चुदाई करते हैं.”
मैं आगे आगे थी, अंजू मेरे पीछे थी और मेरे पति आख़िर मे थे. हम तीनो पानी से बाहर आ गये. हम तीनो को ही शानदार चूत चुदाई की ज़रूरत थी. मुझे और अंजू को चुद्वाने की और मेरे पति को चोद्ने की. जैसा कि मैने बताया है कि मैं अंजू को ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती थी ताकि वो इस चुदाई को बहुत दिनो तक याद रखे. ना जाने बेचारी की चूत की किस्मत मे फिर कब चुद्वाना लिखा है. मुझे पूरा यकीन था कि अंजू ने आज वो मज़ा लिया है जो उसको कभी नही मिला.
मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे इतने मज़बूत है कि वो एक साथ मे हम दोनो को चोद सकते है और दोनो को पूरा संतुष्ट कर सकते हैं. और आज भी वही होने वाला था. मेरे पति मुझे और अंजू, दोनो को, एक के बाद एक को चोद्ने वाले थे. मेरी चूत मे उनके लौडे से चुदाई की खुजली हो रही थी, इसलिए मैने अपने पति से पहले चुद्वाने का सोचा. अंजू की चूत मे उंगली करके, जीभ डाल कर के हम दोनो ने उसको कई बार झाड़ दिया था. और फिर मैं अंजू को मेरी चुदाई होते हुए देखने का मज़ा भी देना चाहती थी.
Re: जुली को मिल गई मूली
मेरे पति एक कुर्सी पर लेट गये थे और अंजू दूसरी कुर्सी पर अढ़लेटी हो कर हमे देख रही थी. मैं अपने पति के पैरों के दोनो तरफ अपने पैर फैला कर उनकी जाँघो पर बैठ गई. बैठ कर मैने उनका लंबा और तनटनाता हुआ लॉडा अपने हाथ मे लिया. थोड़ी देर उनके लंड से खेलने के बाद मैं उनके उपर जैसे लेट सी गई. मेरी चुचियाँ उनकी चौड़ी, बालो भरी छाती पर चुभने लगी. मैने अपने होंठ उनके गरम होठों पर रखे. हम दोनो चुंबन मे मगन थे और जल्दी ही मेरी जीभ उनके होठों के बीच से उनके मूह मे घुस गई. वो मेरी जीभ को चूसने लगे और मैं गरम होने लगी. मैं अपनी सफाचट और गीली चूत उनके बदन से रगड़ने लगी. उनके लौडे से भी चुदाई के पहले का पानी निकाल कर मेरे नंगे बदन को गीला करने लगा था. हम दोनो की साँसें तेज हो गई थी.
अंजू अपनी कुर्सी पर, अपनी गोद मे तौलिया ले कर बैठी थी और हमको ही देख रही थी. उनका तना हुआ लॉडा हम दोनो के नंगे बदन के बीच हिल रहा था. मैने अपना हाथ नीचे करके उनका लॉडा पकड़ा और उसको प्यार से हिलाया. मैने अपने आप को उनके उपर थोड़ा अड्जस्ट किया और उनके उपर बैठती हुई अपनी गंद नीचे कर के उनका चोद्ने को तय्यार लॉडा अपनी रसीली चूत पर लगाया. मैने खुद ही अपनी चुचियों को अपने हाथों मे पकड़ा और उनको मसल्ने लगी. मैं उनके लंड पर बैठ कर अपनी गंद को धीरे धीरे उपर नीचे करने लगी तो उनका लॉडा मेरी चूत से निकले रस मे जैसे नहा कर गीला हो गया. मैने उनके अपनी चूत के रस से गीले लंड को फिर से पकड़ कर, अपनी गंद ज़रा उपर करके उसको फिर अपनी चूत के दरवाजे पर लगाया. उनका तना हुआ लॉडा जैसे मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था और अंदर आना चाहता था. मैं अपनी गंद को धीरे धीरे नीचे करने लगी और उनका लॉडा मेरी चूत मे धीरे धीरे घुसने लगा. अंजू अपनी कुर्सी पर बैठी हम को देख रही थी. इसी तरह अपनी गंद को उनके लौडे पर उपर नीचे करते हुए मैने उनका पूरे का पूरा लंबा लॉडा अपनी चूत मे डाल लिया था. उनकी गोद मे मैं जैसे बैठी हुई थी और मेरी चूत उनका पूरा लॉडा खा चुकी थी. मैं तो जल्दी से जल्दी चुद्वाना चाहती थी. हमेशा की तरह, उनके लौडे का अगला भाग मेरी चूत के आख़िर मे, अन्द्रुनि भाग तक पहुँच गया था.
मैने अपनी गंद उपर नीचे करते हुए चुद्वाना शुरू कर दिया था. उनका चुदाई का डंडा मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. मैं अपनी गंद को उपर करके उनके लौडे को अपनी चूत से उनके लौडे के सूपदे तक बाहर निकालती और फिर से अपनी गंद नीचे करके उनके लौडे को अपनी फुददी मे अंदर तक घुसा लेती. मैने देखा कि अंजू बहुत ध्यान से मुझे चुद्वाते हुए देख रही है. वो भी जानती थी उसको भी चुद्वाने का और चुदाई करते देखने का अगला मौका पता नही कब मिलने वाला है. मैने अंजू की गोद मे रखे तौलिए के अंदर कुछ हलचल देखी. उसने मुझे उसकी गोद मे रखे तौलिए की ओर देखते हुए देखा तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसकी गोद मे रखे तौलिए के नीचे हलचल बंद हो गई. मैने अपना हाथ आगे कर के एक झटके मे उसकी गोद मे रखा तौलिया उठा लिया. फिर मैने देखा कि उसका हाथ उसकी चूत पर था और उसकी उंगली उसकी अपनी चूत मे घुसी हुई थी. उसकी उंगली गीली हो चुकी थी. वो अपनी पोल खुलते देख कर थोड़ा सा शरमाई लेकिन जल्दी ही समझ गई कि हमारे तीनो के बीच अब कोई शरम बाकी नही है, इसलिए वो अब धीरे धीरे अपनी उंगली अपनी चूत मे चलाने लगी और साथ ही साथ अपनी चूत का दाना भी मसल्ने लगी थी जैसे कि मैने उसको ट्रैनिंग दी थी.
मैं भी अपने पति को अंजू को चोद्ते हुए देखना चाहती थी और चाहती थी कि मेरे पति उसको ज़्यादा से ज़्यादा चोदे. क्या पता उसको ऐसा मौका कब मिले. मैं तो अपने पति के साथ ही थी, जब चाहूं उनसे चुद्वा सकती हूँ. इसलिए, अपना दिल कड़ा कर के, बिना पूरा चुद्वाये, बिना झड़े, मैं खड़ी हो गई, जिस से मेरे पति का लॉडा मेरी चूत से बाहर आ गया. मैने अंजू को अपनी जगह खड़ा होने मे मदद की. फिर मैने अंजू की गंद पकड़ कर उसको अपने पति के खड़े लौडे पर बैठने को कहा जैसे मैं बैठी थी. मैने अपने पति का सख़्त लंड पकड़ कर अंजू की रिस्ति चूत पर लगाया तो अंजू जैसे सिहर उठी.
“बहुत अच्छा लग रहा है.” अंजू ने माना.
फिर अंजू ने खुद ही थोड़ा ज़ोर लगाया और अपनी गंद नीचे की तो मेरे पति का लंबा लॉडा उसकी चूत मे घुसना शुरू हो गया. मुझे पता था कि अंजू की फुददी बहुत ही कम चुदि हुई है और काफ़ी टाइट है. फिर भी अंजू अपनी गंद का ज़ोर नीचे लगा कर और मेरे पति अपनी गंद उठा उठा कर पूरा लॉडा अंजू की चूत मे घुसाने की कोशिश करने लगे. मैने देखा कि चुद्वाते हुए, अंजू जब अपनी गंद उपर करती तो मेरे पति का लॉडा उसकी चूत से बाहर आता और उसकी चूत का दाना चमक उठता. इस तरह अंजू मेरे पति से धीरे धीरे चुद्वाने लगी.
मुझ से रहा नही गया और मैं भी अपने पति की छाती पर, अंजू की तरफ मूह करके बैठ सी गई. मैने झुक कर उनकी तरफ देखा. वो समझ गये कि मैं क्या चाहती हूँ. उन्होने मेरी नंगी गंद पकड़ी और अपने मूह पर दबाई तो उनका मूह मेरी चूत पर पहुँच गया या यौं कहिए कि मेरी चूत उनके मूह पर पहुँच गई. जल्दी ही उनकी जीभ मेरी चूत के दाने पर नाचने लगी तो मैने अपने पैर और चौड़े कर लिए और अपनी चूत उनके मूह पर खोल दी. मैने अपने दोनो हाथ उनकी छाती पर रख कर, आगे झुक कर अपना बॅलेन्स बनाया. मेरे आयेज झुकने से मेरा मूह बिल्कुल अंजू की चुचियों के पास आ गया तो मैं भला वो मौका कैसे चूकने वाली थी. मैने अंजू की एक चुचि को अपने मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. अपनी चुचि चूसे जाने से अंजू और भी गरम हो गई और मेरे पति के लौडे पर अपनी गंद जल्दी जल्दी उपर नीचे करके चुद्वाने लगी. अंजू के मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी और उसकी चूत से निकलता रस मेरे पति के लौडे को, उनकी अंडवे की गोलियों को गीला करने लगा. अब मेरे पति का लंबा और मोटा लंड अंजू की चूत मे पूरी तरह घुस कर अंजू की चूत चोद रहा था. हम तीनो की चुदाई हो रही थी. अंजू मेरे पति का लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वा रही थी, मैं अपने पति से अपनी चूत चटवा रही थी और मेरे पति का लॉडा अंजू की चूत चोद रहा था.
अंजू लगातार, बिना रुके, अपनी गंद, अपनी चूत मेरे पति के लौडे पर उपर नीचे करके चुद्वा रही थी. मेरे पति लगातार मेरी चूत चूस रहे थे. मैने महसूस किया कि मेरी चूत से इतना रस निकल रहा था कि उनकी ठुड्डी भी गीली हो गई है. मैं भी मज़े मे अपनी चूत उनके मूह पर नचा रही थी. अंजू के मूह से अब ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकलने लगी और मैने उसकी चुचि चूस्ते हुए देखा की उसके पैर काँप रहे हैं और उसका सेक्सी बदन अकड़ने लगा है. लगता था कि वो जल्दी ही ज़ोर से झाड़ जाने वाली है. बदन तो मेरा भी काँप रहा था और मैं भी तो झड़ने वाली थी. मैने तेज़ी से अपनी चूत उनके मूह पर नचाना शुरू की और मैं जल्दी ही बहुत ज़ोर से झाड़ गई. और तभी अंजू भी एक जोरदार चीख के साथ झाड़ गई. वो मेरे पति के लौडे पर पूरी तरह बैठ गई और उनका लॉडा अपनी चूत मे जाकड़ लिया. मैं भी अपनी चूत उनके मूह पर दबा कर बैठी थी. हम दोनो औरतें तो झाड़ चुकी थी लेकिन मेरे पति के लौडे से पानी अभी भी नही निकला था. जैसे कि मैने कई बार बताया है कि उनके लौडे से इतनी जल्दी पानी नही निकलता. तभी तो मुझे पता है कि मेरे पति एक साथ, एक के बाद एक, दो लड़कियों को पूरी तरह से चोद कर झाड़ सकते हैं.
अंजू अपनी कुर्सी पर, अपनी गोद मे तौलिया ले कर बैठी थी और हमको ही देख रही थी. उनका तना हुआ लॉडा हम दोनो के नंगे बदन के बीच हिल रहा था. मैने अपना हाथ नीचे करके उनका लॉडा पकड़ा और उसको प्यार से हिलाया. मैने अपने आप को उनके उपर थोड़ा अड्जस्ट किया और उनके उपर बैठती हुई अपनी गंद नीचे कर के उनका चोद्ने को तय्यार लॉडा अपनी रसीली चूत पर लगाया. मैने खुद ही अपनी चुचियों को अपने हाथों मे पकड़ा और उनको मसल्ने लगी. मैं उनके लंड पर बैठ कर अपनी गंद को धीरे धीरे उपर नीचे करने लगी तो उनका लॉडा मेरी चूत से निकले रस मे जैसे नहा कर गीला हो गया. मैने उनके अपनी चूत के रस से गीले लंड को फिर से पकड़ कर, अपनी गंद ज़रा उपर करके उसको फिर अपनी चूत के दरवाजे पर लगाया. उनका तना हुआ लॉडा जैसे मेरी चूत का दरवाजा खटखटा रहा था और अंदर आना चाहता था. मैं अपनी गंद को धीरे धीरे नीचे करने लगी और उनका लॉडा मेरी चूत मे धीरे धीरे घुसने लगा. अंजू अपनी कुर्सी पर बैठी हम को देख रही थी. इसी तरह अपनी गंद को उनके लौडे पर उपर नीचे करते हुए मैने उनका पूरे का पूरा लंबा लॉडा अपनी चूत मे डाल लिया था. उनकी गोद मे मैं जैसे बैठी हुई थी और मेरी चूत उनका पूरा लॉडा खा चुकी थी. मैं तो जल्दी से जल्दी चुद्वाना चाहती थी. हमेशा की तरह, उनके लौडे का अगला भाग मेरी चूत के आख़िर मे, अन्द्रुनि भाग तक पहुँच गया था.
मैने अपनी गंद उपर नीचे करते हुए चुद्वाना शुरू कर दिया था. उनका चुदाई का डंडा मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. मैं अपनी गंद को उपर करके उनके लौडे को अपनी चूत से उनके लौडे के सूपदे तक बाहर निकालती और फिर से अपनी गंद नीचे करके उनके लौडे को अपनी फुददी मे अंदर तक घुसा लेती. मैने देखा कि अंजू बहुत ध्यान से मुझे चुद्वाते हुए देख रही है. वो भी जानती थी उसको भी चुद्वाने का और चुदाई करते देखने का अगला मौका पता नही कब मिलने वाला है. मैने अंजू की गोद मे रखे तौलिए के अंदर कुछ हलचल देखी. उसने मुझे उसकी गोद मे रखे तौलिए की ओर देखते हुए देखा तो उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसकी गोद मे रखे तौलिए के नीचे हलचल बंद हो गई. मैने अपना हाथ आगे कर के एक झटके मे उसकी गोद मे रखा तौलिया उठा लिया. फिर मैने देखा कि उसका हाथ उसकी चूत पर था और उसकी उंगली उसकी अपनी चूत मे घुसी हुई थी. उसकी उंगली गीली हो चुकी थी. वो अपनी पोल खुलते देख कर थोड़ा सा शरमाई लेकिन जल्दी ही समझ गई कि हमारे तीनो के बीच अब कोई शरम बाकी नही है, इसलिए वो अब धीरे धीरे अपनी उंगली अपनी चूत मे चलाने लगी और साथ ही साथ अपनी चूत का दाना भी मसल्ने लगी थी जैसे कि मैने उसको ट्रैनिंग दी थी.
मैं भी अपने पति को अंजू को चोद्ते हुए देखना चाहती थी और चाहती थी कि मेरे पति उसको ज़्यादा से ज़्यादा चोदे. क्या पता उसको ऐसा मौका कब मिले. मैं तो अपने पति के साथ ही थी, जब चाहूं उनसे चुद्वा सकती हूँ. इसलिए, अपना दिल कड़ा कर के, बिना पूरा चुद्वाये, बिना झड़े, मैं खड़ी हो गई, जिस से मेरे पति का लॉडा मेरी चूत से बाहर आ गया. मैने अंजू को अपनी जगह खड़ा होने मे मदद की. फिर मैने अंजू की गंद पकड़ कर उसको अपने पति के खड़े लौडे पर बैठने को कहा जैसे मैं बैठी थी. मैने अपने पति का सख़्त लंड पकड़ कर अंजू की रिस्ति चूत पर लगाया तो अंजू जैसे सिहर उठी.
“बहुत अच्छा लग रहा है.” अंजू ने माना.
फिर अंजू ने खुद ही थोड़ा ज़ोर लगाया और अपनी गंद नीचे की तो मेरे पति का लंबा लॉडा उसकी चूत मे घुसना शुरू हो गया. मुझे पता था कि अंजू की फुददी बहुत ही कम चुदि हुई है और काफ़ी टाइट है. फिर भी अंजू अपनी गंद का ज़ोर नीचे लगा कर और मेरे पति अपनी गंद उठा उठा कर पूरा लॉडा अंजू की चूत मे घुसाने की कोशिश करने लगे. मैने देखा कि चुद्वाते हुए, अंजू जब अपनी गंद उपर करती तो मेरे पति का लॉडा उसकी चूत से बाहर आता और उसकी चूत का दाना चमक उठता. इस तरह अंजू मेरे पति से धीरे धीरे चुद्वाने लगी.
मुझ से रहा नही गया और मैं भी अपने पति की छाती पर, अंजू की तरफ मूह करके बैठ सी गई. मैने झुक कर उनकी तरफ देखा. वो समझ गये कि मैं क्या चाहती हूँ. उन्होने मेरी नंगी गंद पकड़ी और अपने मूह पर दबाई तो उनका मूह मेरी चूत पर पहुँच गया या यौं कहिए कि मेरी चूत उनके मूह पर पहुँच गई. जल्दी ही उनकी जीभ मेरी चूत के दाने पर नाचने लगी तो मैने अपने पैर और चौड़े कर लिए और अपनी चूत उनके मूह पर खोल दी. मैने अपने दोनो हाथ उनकी छाती पर रख कर, आगे झुक कर अपना बॅलेन्स बनाया. मेरे आयेज झुकने से मेरा मूह बिल्कुल अंजू की चुचियों के पास आ गया तो मैं भला वो मौका कैसे चूकने वाली थी. मैने अंजू की एक चुचि को अपने मूह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया. अपनी चुचि चूसे जाने से अंजू और भी गरम हो गई और मेरे पति के लौडे पर अपनी गंद जल्दी जल्दी उपर नीचे करके चुद्वाने लगी. अंजू के मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी और उसकी चूत से निकलता रस मेरे पति के लौडे को, उनकी अंडवे की गोलियों को गीला करने लगा. अब मेरे पति का लंबा और मोटा लंड अंजू की चूत मे पूरी तरह घुस कर अंजू की चूत चोद रहा था. हम तीनो की चुदाई हो रही थी. अंजू मेरे पति का लॉडा अपनी चूत मे ले कर चुद्वा रही थी, मैं अपने पति से अपनी चूत चटवा रही थी और मेरे पति का लॉडा अंजू की चूत चोद रहा था.
अंजू लगातार, बिना रुके, अपनी गंद, अपनी चूत मेरे पति के लौडे पर उपर नीचे करके चुद्वा रही थी. मेरे पति लगातार मेरी चूत चूस रहे थे. मैने महसूस किया कि मेरी चूत से इतना रस निकल रहा था कि उनकी ठुड्डी भी गीली हो गई है. मैं भी मज़े मे अपनी चूत उनके मूह पर नचा रही थी. अंजू के मूह से अब ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकलने लगी और मैने उसकी चुचि चूस्ते हुए देखा की उसके पैर काँप रहे हैं और उसका सेक्सी बदन अकड़ने लगा है. लगता था कि वो जल्दी ही ज़ोर से झाड़ जाने वाली है. बदन तो मेरा भी काँप रहा था और मैं भी तो झड़ने वाली थी. मैने तेज़ी से अपनी चूत उनके मूह पर नचाना शुरू की और मैं जल्दी ही बहुत ज़ोर से झाड़ गई. और तभी अंजू भी एक जोरदार चीख के साथ झाड़ गई. वो मेरे पति के लौडे पर पूरी तरह बैठ गई और उनका लॉडा अपनी चूत मे जाकड़ लिया. मैं भी अपनी चूत उनके मूह पर दबा कर बैठी थी. हम दोनो औरतें तो झाड़ चुकी थी लेकिन मेरे पति के लौडे से पानी अभी भी नही निकला था. जैसे कि मैने कई बार बताया है कि उनके लौडे से इतनी जल्दी पानी नही निकलता. तभी तो मुझे पता है कि मेरे पति एक साथ, एक के बाद एक, दो लड़कियों को पूरी तरह से चोद कर झाड़ सकते हैं.