Hindi Sex Stories By raj sharma

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 13:10



मेरी शेव्ड चूत मे राज का लंड पूरा समाया हुआ था. फिर राज ने उस को बाहर निकाला. फिर अंदर तक पेल दिया. एक फूच की आव्आआज़ हुई शायद मेरी चूत के अंदर की हवा चूत और लंड के बीच के गॅप से निकली. सच कहती हूँ बड़ा सेक्सी माहौल बन गया उस आव्आआज़ से.



राज ने पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ चोदना शुरू किया. मैं मस्त होने लगी. शरीर मे बड़ी अजीब सी सन सनी होने लगी थी. मैं उस के लंड को अपने पेट तक महसूस कर रही थी और फिर भी और अंदर लेना चाहती थी. इस के लिए मैं उस के कंधे पे लटक सी रही थी और जब राज अंदर का धकका मारता तो मैं अपने चूतड़ ऊपेर सटा देती.


उहह अया की आवाज़े निकल रही थी. और फॅक फॅक की वो सेक्सी आवाज़ लगातार हुए जा रही थी.



फिर मेरे शरीर की हलचल बढ़ने लगी. मेरे पेट की मसल्स बिना रुके सिकुड और फेल रही थी. मस्ती मे पागल सी हो रही थी. और राज मेरी चूत को पेले ही जा रहा था. अब वो उस को कभी कभी गोल गोल भी घुमा रहा था. इस से उस के लंड की जड़ मेरी चूत के होठों पे पूरी रगड़ खा रही थी और चूत रस छ्चोड़ छ्चोड़ कर रस से भर गयी थी.


फिर मुझे लगा एक भूचाल आ गया. मैं अपने होश खो बैठी और ज़ोर ज़ोर से ऊऊओ आआ ऊओ ईई करने लगी. जब यह भूचाल थमा उस से पहले राज ने भी अपने लंड से ढेर सारा माल मेरी चूत मे छ्चोड़ दिया था और निढाल होके मेरे मम्मो की बीच सिर रख कर लेट गया.


बड़ा मस्त लवर मिला था मुझे... क्या मेरी चूत को चाट ता और चोद्ता था...आआआआआआआआआअहह!!! हाई रे मेरी कककचूऊऊऊथततत्त...और उसका मस्त लौदाााआआआआ...................



उसी रात हमने एक बार फिर चुदाई करी. हम दोनो को खूब मज़ा आया. सुबह जब पाँच बजे उठने लगी तो राज ने मुझे फिर दबोच लिया. मैं ने राज को कहा अभी मेरी चूत दुख सी रही है. इस को चुदने की आदत पड़ने दो फिर चाहे जितनी बार चोदना. राज मान गया और मुझे जाने दिया.


उस दिन के बाद हमने और राज ने चार साल बे-इंतहा सेक्स का मज़ा लिया. एक दिन मे मॅग्ज़िमम 10 बार और कम से कम दो बार सेक्स चलता रहा. प्रेग्नेन्सी की परेशानी से बचने के लिए मैं ने अपनी चूत मे कॉपर टी डलवा ली.


हमारी सेक्स की थोड़ी थोड़ी खबर दीदी को भी हो ही गयी थी. मगर वो चुप रही क्यूँ के उन्हे शायद पता था कि मैं कितनी चुदैल हूँ. और राज अगर मुझे तृप्त नहीं रखेगा तो मैं गली के लड़कों से इश्क़ करूँगी या फिर उन के पती के चंगुल मे ही आ सकती थी.



राज और मैं अपनी MC के दिनो मे भी सेक्स किए बिना नहीं रह सकते थे. MC के पहले दिन जब मेरी चूत मे से खूब खून निकलता था तब सेक्स करने से कई बार राज और मेरे कपड़े और बिस्तर खराब हो जाते थे. इस से बचने के लिए राज ने मुझे गांद मरवाने की आदत भी डाल दी. अब मैं अपने शारीर के तीनो छेद मे राज का लंड लेती थी.


राज और मेरे सेक्स रिलेशन्स चार साल चले, उस के बाद राज की इंजीनियारिग पूरी हो चली थी फिर मेरी भी शादी हो गयी. शादी से पहले मैं ने राज के साथ कॉपर टी निकाल कर सेक्स किया और उस के प्यार को अपने पेट मे ले के पति के घर गयी.


जब मैं विवाह मंडप पर बैठी उस से आधे घंटे पहले राज और मैं ने चुदाई की और मंडप मे मेरी चूत से राज शर्मा का माल निकल निकल के मेरी पॅंटी गीली कर रहा था.

दोस्तो कैसिलगी ये मस्त कहानी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त...


raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 13:11

शीला इन ट्रेन
दोस्तों मैं यानि आपका दोस्त राज शर्मा एक और नई कहानी के साथ हाजिर हूँ एक दिन हमारी मौसी (मदर'स सिस्टर) डिस्ट.-गया के विलेज-टेकरि से आई मुझे और शीला को अपने साथ गाओं अपनी लड़की गीता की मँगनी में ले जाने के लिए. हम दोनो भाई-बेहन का टिकेट अपने साथ बनाकर लेने आई.मम्मी हमसे कही जब तुम्हारे मौसी इतनी दूर से खुद लेने आई तो जाना तो पड़ेगा ही. लेकिन शीला की स्कूल भी खूलि है इसलिए जाओ और मँगनी के बाद दूसरे दिन वापस आ जाना. वापसी का टिकेट अभी ही जाकर लेलो.

मैं देल्ही रेलवे स्टेशन गया वहाँ किसी भी ट्रेन की दो दिन की वापसी टिकेट नहीं मिली. अंत मे मैं झारखंड एक्सप्रेस का 98, 99 वेटिंग का ही टिकेट लेकर आ गया कि नहीं कन्फर्म होने पर टीटी को पैसे देकर ट्रेन पर ही सीट ले लेंगे. 29थ ऑक्टोबर. 2000 को मैं और शीला अपनी मौसी (मदर'ससिसटेर) के बेटी (गीता) के मँगनी से वापस लौट रहे थे.

डिस्ट-गया (बिहार) के टेकरि गाओं मे हमारी मौसी रहती थी. मौसी ने गीता की मँगनी में शीला को लाल रंग के लंगा- चोली खरीद कर दी थी जिसे पहनकर शीला मेरे साथ देल्ही वापस लौट रही थी. टेकरि गाओं के चौक पर हम लोग गया रेलवे स्टेशन आने के लिए ट्रेकर (जीप) का एंतजार कर रहें थे. इतने में वहाँ एक कुतिया (बिच) और उसके पिछे-पिछे एक कुत्ता (डॉग) दौड़ता हुआ आया. कुतिया हम लोगो से करीब 20 फ्ट. की दूरी पर रुक गयी. कुत्ता उसके पिछे आकर कुतिया की बुर (कंट/चूत) चाटने लगा और फिर दोनो पैर कुतिया के कमर पर रखकर अपनी कमर दना दान चलाने लगा. जिसे मैं और शीला दोनो देखें. कुत्ता बहूत रफ़्तार से 8-10 धक्का घपा- घाप लगाकर केरबेट ले लिया. दोनो एक दूसरे में फँस गये. ये सीन हम दोनो भाई-बहन देखें. इतने में गाओं के कुच्छ लड़के वहाँ दौड़ते हुए आए और कुत्ता-कुतिया पर पत्थर मारने लगे. कुत्ता अपने तरफ खींच रहा था और कुतिया अपनी तरफ. लेकिन जोट छ्छूटने का नाम ही नहीं ले रही थी.

मैने शीला के तरफ देखा वो शर्मा रही थी लेकिन ये सीन उसे भी अच्छा लग रहा था मुझसे नीचे नज़र करके ये सीन बड़े गौर से देख रही थी. मेरा तो मूड खराब हो गया अब मुझे शीला अपनी बहन नहीं बल्कि एक सेक्सी लड़की की तरह लग रही थी. अब मुझे शीला ही कुतिया नज़र आने लगी. मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया. लेकिन इतने में एक ट्रीकर (जीप) आई .हम दोनो जीप में बैठ गये. जीप में एक ही सीट पर 5 लोग बैठे थे जिस से शीला मुझसे चिपकी हुई थी. मेरा ध्यान अब शीला की बुर (कंट/चूत) पर ही जाने लगा. हमलॉग स्टेशन पहुँचे. मैं अपना टिकेट कन्फर्मेशन के लिए टी.सी. ऑफीस जाकर पता किया. लेकिन मेरा टिकेट कन्फर्म नहीं हुआ था. फिर मैं सोचा किसी भी तरह एक भी सीट लेना तो पड़ेगा ही.टी.सी. ने बताया आप ट्रेन पर ही टी.टी. से मिल लीजिएगा शायद एक सीट मिल ही जाएगा. ट्रेन टाइम पर आ गई. शीला और मैं ट्रेन पर चढ़ गये.टी.टी. से बहूत रिक्वेस्ट करने पर .200 में एक बर्त देने के लिए अग्री हुआ.टी.टी. एक सिंगल सीट पर बैठा था वो कहा आप लोग इस सीट पर बैठ जाओ जब तक हम आते है कोई सीट देखकर. मैं और शीला गेट की सीट पर बैठ गये रात के करीब 10 बज रहे थे खिड़की से काफ़ी ठंडी हवाएँ चल रही थी. हमलॉग शाल से बदन ढक कर बैठ गये. इतने में टीटी आकर हम लोगो को दूसरे बोगी में एक अप्पर बर्त दिया. मैने 200 रुपीज़ टी.टी. को देकर एक टिकेट कन्फर्म करवा कर अपने बर्त पर पहेले शीला को उप्पेर चढ़ाया चढ़ते समय मैं शीला के चूतड़ (बूट्तुक) कस्के दबा दिया था सिला मुस्कुराती हुई चढ़ि फिर मैं भी उपेर चढ़ा.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 13:12



सारे स्लीपर पर लोग सो रहें थे. हमारे स्लीपर के सामने स्लीपर पर एक 7 एअर की गर्ल सो रही थी जिसकी मम्मी दादी मिड्ल और नीचे के बर्त पर थे. सारी लाइट पंखे बंद थे सिर्फ़ नाइट बल्ब जल रही थी. ट्रेन अपनी गति में चल रही थी. शीला उप्पेर बर्त में जाकर लेट रही थी. मैं भी उप्पेर बर्त पर चढ़कर बैठ गया. शीला मुझसे कहने लगी लेटोगे नहीं. मैने कहा कहाँ लेटू जगह तो है नहीं इस पर वो कारबट लेकर लेट गयी और मुझे बगल में लेटने कहा. मैं भी उसीके बगल में लेट गया.और शाल ओढ़ लिया. जगह छोटी होने के कारण हम दोनो एकदूसरे से चिपके हुए थे. शीला का चून्ची मेरे चेस्ट से दबी हुई थी. मुझे तो शीला की चूत (बुर) पर पहले से ही ध्यान था. मैने और भी अपने से चिपका लिया. शीला से कहा. और इधर आ जा नही तो नीचे गिरने का डर है. वो और मुझसे चिपक गयी. शीला अपनी जाँघ मेरे जाँघ (थाइ) के उपर रख दी. उसका गाल मेरे गाल से सटा था. मैं उसके गाल से उपना गाल रगड़ने लगा. मेरा लंड धीरे- धीरे खड़ा हो गया. मैं अपना एक हाथ शीला की कमर पर ले गया और और धीरे -धीरे उसका लहनगा उपर कमर तक खींच-खींच कर चढ़ाने लगा.

शीला की साँसे भी तेज चलने लगी थी. मैने उसका लहनगा कमर के उपर कर दिया और उसकी चूतड़ सहलाने लगा. मैं उसकी पॅंटी पर से हाथ घुमा कर देखने लगा बुर (चूत) के पास उसकी पॅंटी गीली थी उसकी बुर से चिप-चिपा लार निकला था जो मेरे उंगलियों को चट-चटा कर दिया. मैं पॅंटी के अंदर से हाथ डालकर बुर के पास ले गया उसकी बुर लार से भींगी हुई थी. मैं बुर को सहलाने लगा शीला ने अपने होठ मेरे होंठो पर रख दिए और मेरे होठ को उपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे एक बरगी पूरा बदन में जोशआ गया मैं एक हाथ शीला के ब्रेस्ट में डालकर उसके संतरे जैसे चूची को सहलाने लगा. उसकी चूची की निपल काफ़ी छ्होटी थी उसे मैं उपने मुँह मे लेकर चूसने लगा. और पहले एक उंगली शीला की बुर मे धूका दी. बुर गीली होने के कारण आसानी से उंगल बुर में चला गया. फिर दो उंगली एक बार मे धूकने लगें इस पर शीला कस-मसाने लगी मैं एक हाथ से उसकी निपल की घुंडी मसल रहा था और एक हाथ उसकी बुर से खिलवाड़ करने लगा . मैं किसी तरह धीरे-धीरे दोनो उंगली उसकी बुर में पूरा घुसेड दिया. और दोनो उंगली को चौड़ा करके उसकी बुर में चलाने लगा.

शीला सिसियाने लगी और अपनी हाथ मेरी पॅंट के जिप के पास लाकर जिप खोलने लगी. मैने भी जिप खोलने में उसकी मदद की और अपना लंड शीला के हाथ में दे दिया. शीला मेरे लंड के सूपदे को सहलाने लगी. उसको मेरा लंड सहलाने से बहूत मज़ा मिला मैं उसकी बुर में इसबार तीन उंगली एकसाथ डालने लगा. बुर से काफ़ी लार गिरने लगा जिस से मेरा हाथ और शीला की पैंटी पूरी भींग गयी. लेकिन इस बार तीनो उंगली बुर में नहीं जा रही थी मैने एक हाथ से बुर को चीर कर रखा और फिर तीनो उंगली एक साथ डाली शीला मेरे हाथ पकड़ कर बुर के पास से हटाने लगी शायद इस बार तीनो उंगली से बुर दर्द करने लगी होगी लेकिन मैं उसके होठ अपने मुँह मे लेकर चूसने लगा और किसी तरह तीनो उंगली आधा जाकर ही अटक गयी .

मैं जोश में आ गया और शीला की पैंटी एक साइड करके अपना लंड उसके बुर के च्छेद में धूकने लगा. लंड का सूपड़ा ही बुर में घुसा कि शीला मेरे कन में कहने लगी धीरे- धीरे धुकाओ बुर दर्द कर रही है. मैने थोड़ा सा पोज़िशन लेकर उसके चूतड़ को ही उपने लंड पर दबाया तो एक 1/4 हिस्सा उसकी बुर में गया. मैं उसे ज़्यादा परेशान नहीं करना चाहता था.मैने सोचा पूरा लंड बुर में में धूकाने पर उसके मुँह से चीख निकलेगी और लोग जाग भी सकते हैं इसीलिए मैं 1/4 हिस्सा उसकी बर में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा. पैंटी के किनरो ने साइड से मेरे लंड को कस्स रखा था इसलिए मुझे चोदने में काफ़ी मज़ा मिल रहा था शीला भी चुदाई की रफ़्तार बढ़ाने में मेरा साथ देने लगी.धीरे- धीरे पैंटी भी लंड को कसकर बुर पर चांपे हुए थी.पैंटी के घर्सन से लंड भी बुर में पानी छ्चोड़ने के लिए तैयार हो गया.


मैने शीला की कमर को कसकर अपनी कमर में चिपकाए मेरे लंड पानी छ्चोड़ दिया .शीला की पैंटी पूरा भींग गयी.शायद सर्दी के रात के कारण उसे ठंढ लगने लगी फिर उसने अपनी पैंटी धीरे से उतारकर उसी से अपनी बुर पोंच्छ कर पैंटी अपनी हॅंड बॅग में रख ली.

फिर मैं और शीला एक दूसरे से चिपक कर सोने लगें. लेकिन हम दोनो के आँखों में नींद कहाँ. मैं शीला के कान में कहा कुतिया बनकर कब चुदवाओगी. तब शीला कहने लगी घर चल कर चाहे कटीया बनाना या गाय (काउ) बनाकर चोदना यहाँ तो बस धीरे-धीरे मज़ा लो. हमलॉग शाल से पूरा बदन धक रखे थे. शीला फिर मेरे लंड को लेकर मसल्ने लगी मैं भी उसकी बुर के टिट को कुरेद कर मज़ा लेने लगा. आब शीला मुझसे काफ़ी खूल चुकी थी.मेरे होठ को चूस्ते हुए मेरे लंड मसले जा रही थी उसके हाथो की मसलन से फिर मेरा लंड खड़ा होने लगा और देखते ही देखते मेरा लंड शीला की मुट्ठी से बाहर आने लगा. शीला बहूत गौर से मेरे लंड की लंबाई- चौड़ाई नापी 9 इंचस का लंड देख कर हैरान हो मेरे कान में कही इतना मोटा-लंबा लंड तूने मेरी बुर में कैसे धुका दिया. मैने कहा अभी पूरा लंड कहाँ धूकाया हूँ मेरी रानी अभी तो सिर्फ़ 1/4 हिस्सा से काम चलाया हूँ पूरा लंड तो तुम जब घर में कुतिया बनोगी तो हम कुत्ता बनकर डॉगी स्टाइल में पूरे लंड का मज़ा चखाएँगे.

Post Reply