जब अंजू का झड़ना ख़तम हुआ तो वो मेरे पति के लौडे से उतर कर, वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गई. मैं वैसे ही बैठे बैठे आगे झुकी और अपने पति के तन्तनाते हुए प्यासे, पानी निकलने को तरसते हुए लंड को अपने मूह मे ले लिया. मैने अपनी जीभ से उनके लौडे के सूपदे को चाटा तो मुझे अंजू की चूत के रस का स्वाद आया. जितना उनके लंबे लंड को मैं अपने मूह मे ले सकती थी, उतना मूह मे ले कर मैने उनके लौडे को चूसा.
कुछ देर अपने पति के खड़े लौडे को चूसने के बाद मैं खड़ी हो गई और अंजू के पास आई. मैने अंजू को कुर्सी के किनारे सो कर अपने पैर फैलने को कहा. अंजू ने मेरा कहा माना और कुर्सी के किनारे लेट गई और अपने पैर चौड़े कर लिए. अंजू की चुचियाँ चुद्वाने के बाद अभी भी उपर नीचे हो रही थी, हिल रही थी. मैने देखा कि उसकी चूत से अभी भी रस टपक रहा है और उसकी चूत का दाना सख़्त और लाल लाल है. फिर मैने अपने पति से कहा कि वो मुझे पीछे से मुझे घोड़ी की तरह चोदे ताकि मैं चुद्वाते हुए अंजू की चूत चाट कर उसको मज़ा दे सकूँ और मज़ा ले सकूँ.
मेरा ये घोड़ी बन कर चुद्वाने का आइडिया उन दोनो को भी पसंद आया. इस तरह हम तीनो फिर एक बार एक दूसरे को चोद सकते थे. मेरे पति मुझे पीछे से चोद सकते थे और मैं घोड़ी बन कर चुद्वाती हुई अंजू की चूत चाट सकती थी. मैने देर नही की और कुर्सी के हत्ते पकड़ कर, झुक कर अपना मूह अंजू की चूत तक ले गई. मेरे पति मेरे पीछे आए और मेरी चमकती, चुद्वाने का निमंत्रण देती हुई चूत को देखा. मेरे झुकने की वजह से मेरी फुददी पीछे की तरफ, मेरी टाँगों के बीच से, मेरी गंद के नीचे से बाहर झाँक रही थी. उन्होने मेरी गोल गोल नंगी गंद पकड़ कर अपना तनटनाता हुआ लॉडा पीछे से मेरी चूत के दरवाजे पर लगाया. मेरी गंद पकड़ कर उन्होने अपने लंड का एक झटका मेरी चूत मे लगाया तो उनके लंड का सूपड़ा मेरी रसीली चूत मे घुस गया. अपना लंड आगे पीछे करते हुए जल्दी ही उन्होने अपना पूरा लॉडा मेरी चूत मे डाल दिया और मैं चुद्वाने को तय्यार थी. अब, उन्होने अपना लंड मेरी चूत मे अंदर बाहर कर के मुझे बकायदा चोद्ना शुरू कर दिया था. जल्दी ही मैं भी अपनी चुदाई मे उनका साथ अपनी गंद आगे पीछे कर के देने लगी. जब वो अपने लौडे का धक्का मेरी चूत के अंदर मारने को अपना लॉडा आगे करते तो मैं अपनी नंगी गंद पीछे करके, उनके लौडे को अपनी चूत के अंदर तक ले लेती. मेरी जीभ अंजू की नशीली चूत पर खेल रही थी. आज काफ़ी देर तक अपनी चूत मे उंगली करवाने से, चूत चटवाने से और मेरे पति से पूरी तरह चुद्वाने की वजह से अंजू की चूत कुछ सूजी हुई सी थी. मैं कभी अपनी जीभ अंजू की चूत के अंदर डाल देती तो कभी उसकी चूत का दाना चूसने लगती. अंजू एक बार फिर अपनी चूत चुसवाने का मज़ा लेती हुई झड़ने की तरफ बढ़ने लगी और मैं भी तो अपने पति का लंबा लॉडा अपनी फुददी मे ले कर चुद्वा रही थी. मेरे मूह से, अंजू की चूत के उपर आवाज़ें निकलने लगी थी. उनके अंडवे की गोलियाँ मेरी टाँगों के बीच टकरा रही थी जब वो ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत मे अपने लंड का धक्का मार कर मुझे चोद रहे थे. मैने अपना हाथ नीचे कर के अंजू की चूत को अपने हाथ और मूह दोनो से चोद्ने लगी. मेरी दो उंगलियाँ अंजू की चूत मे घुस कर अंदर बाहर हो रही थी और मैं अंजू की चूत का दाना चूस रही थी. अंजू की गंद चुद्वाने की उत्तेजना के मारे उपर होने लगी थी और मुझे पता लग गया था कि अंजू जल्दी ही झड़ने वाली है.
अचनका ही अंजू बहुत ज़ोर से झाड़ गई और उस ने अपनी टाँगें भींच ली.
” बस जूली……. और नही. अब मेरी चूत मे और चुद्वाने की ताक़त नही है.” वो सेक्सी आवाज़ मे संतुष्ट होते हुए बोली.
अब अंजू उस कुर्सी से उठ गई और मैं अंजू की जगह उस कुर्सी पर अपनी पीठ के बल लेट गई. अब मैं सीधे हो कर, लेट कर अपने पति से चुद्वाना चाहती थी और अंजू को अपनी चूत की चुदाई अपने पति के लौडे से होती दिखाना चाहती थी. जैसे ही मैं कुर्सी पर लेटी, मेरे बेसबरे पति ने अपना लॉडा जल्दी से फिर से मेरी चूत मे डाल दिया और बिना रुके मेरी चुदाई करने लगे. मैने अपने पैर उनकी कमर पर कस लिए. अंजू बिल्कुल मेरी कमर के पास, मेरी चूत के पास बैठ कर मेरी चूत मे मेरे पति का आता जाता लॉडा देखने लगी. उनके अंडवे की गोलियाँ तेज़ी से हर धक्के के साथ मेरी गंद पर टकरा रही थी. मैं धीरे धीरे झड़ने के रास्ते पर बढ़ने लगी.
मैं अपने आप को जल्दी ही झड़ने से नही रोक सकी और उनके लौडे से पानी निकलने से पहले ही मैं झाड़ गई. अंजू ने मेरी झड़ती हुई चूत के दाने पर तेज़ी से मालिश की तो मेरे झड़ने का मज़ा दुगना हो गया. मैने उनका लंड कस कर अपनी चूत मे जाकड़ लिया था पर मुझे पता था कि उनके लौडे से अभी पानी निकल्ना बाकी है. अंजू भी शायद इस बात को समझ गई थी. उस ने मेरे पति का लॉडा पकड़ कर मेरी चूत से बाहर निकाला और उनके लौडे पर जल्दी जल्दी मूठ मारने लगी. मैने देखा कि उनके लौडे का सूपड़ा फूला हुआ है. इसका मतलब था कि उनके लौडे से जल्दी ही पानी की बरसात होने वाली है.
अंजू तेज़ी से उनका लॉडा पकड़ कर मूठ मार रही थी और अचानक ही उनके लौडे ने अपने पानी की बरसात कर दी. अंजू ने अपना मूह उनके पानी बरसाते हुए लौडे के सामने किया तो उसका मूह मेरे पति के लंड रस से भर गया. बाकी का पानी मेरे पेट पर, मेरी चुचियों पर और मेरी चूत पर फैल गया. अंजू के मूह से टपक कर उनका लंड रस अंजू की चुचियों पर भी गिरा.
जब उनके लौडे ने पानी बरसाना बंद किया तो अंजू ने उनके लंड रस को मेरे बदन पर मल दिया और मुझे जैसे लंड रस मे नहला दिया.
हम तीनो ने एक बार फिर स्विम्मिंग पूल मे छलान्ग लगा दी और हम एक दूसरे का बदन मल मल कर सॉफ करने लगे क्यों कि वापस घर लौटने का समय हो चुका था.
क्रमशः...............................
जुली को मिल गई मूली compleet
Re: जुली को मिल गई मूली
कामुक-कहानियाँ
जुली को मिल गई मूली-29
गतान्क से आगे.....................
कोई खास मौका या कोई खास बात नही थी पर मेरे पति मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस खरीदना चाहते थे. शाम को, उनके ऑफीस से वापस आने के बाद हम नज़दीक के शॉपिंग माल मे गये जो हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था. माल नज़दीक होने की वजह से हम दोनो पैदल ही जा रहे थे. उन्होने बड़े प्यार से मेरा हाथ पकड़ रखा था और हम चलते हुए शॉपिंग माल मे पहुँच गये.
मैं खुस थी कि डब्ल्यू मुझे सेक्सी ड्रेस का तोहफा देना चाहते थे. उन को पता था कि मुझे सेक्सी ड्रेस पहन ना बहुत पसंद है क्यों कि उनको मुझे सेक्सी ड्रेस मे देखना बहुत पसंद है.
माल मे उपर जाती लिफ्ट मे सिर्फ़ हम दोनो ही थे और उन्होने इस मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठाया. उन्होने मुझे अपने नज़दीक खींचा, मुझे अपनी बाहों मे जकड़ा और मुझे एक गरमा गरम चुंबन दिया. वो मेरे होंठ चूस रहे थे और मैने उनके सिर के बालों मे अपनी उंगलियाँ फिराई. उन्होने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाली जिसको मैने बड़े प्यार से चूसा. उन्होने मेरा निचला होंठ काफ़ी देर तक चूसा और तब तक मैं उनका उपर का होंठ चुस्ती रही. उनका चुंबन इतना सेक्सी था, इतना गरम था की मैं उन से ज़ोर से चिपक गई. उन्होने मेरी गंद पकड़ कर अपने साथ दबाया तो मेरी चूत उनके लंड का अहसास करने लगी. मैं तो चाहती थी कि वो इसी तरह मुझे चूमते रहे, इसी तरह मुझ से चिपके रहे और उनका लॉडा इसी तरह मेरी फुद्दि के दरवाजे पर दस्तक देता रहे, मगर लिफ्ट उपर पहुँच गई और दरवाजा खुला. एक दूसरे का हाथ हाथों मे ले कर हम लिफ्ट से बाहर आए और अपनी मनपसंद कपड़ों की दुकान की तरफ बढ़ने लगे. मेरे पीछे खड़े हो कर, ड्रेस देखते हुए उन्होने कई बार अपना खड़ा हुआ लॉडा मेरी गंद पर चुभाया था. आख़िर मे उन्होने एक नीले रंग की, गर्मियों मे पहन ने वाली एक सुंदर सी ड्रेस सेलेक्ट की. मुझे भी वो ड्रेस एक ही नज़र मे पसंद आ गई. देखने से लगता था क़ि वो ड्रेस मेरे बदन पर बिल्कुल फिट आएगी. फिर भी उन्होने मुझे उस ड्रेस को पहन कर देखने को कहा. मैने ड्रेस ली, उनके गाल पर एक चुंबन दिया और उनको मेरा इंतज़ार करने को कह कर मैं ट्राइयल रूम की तरफ बढ़ी. ट्राइयल रूम दुकान के पिच्छले हिस्से मे था. ट्राइयल रूम मे पहुँच कर मैने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.
मैने ट्राइयल रूम मे लगे आईने मे अपने आप को, अपने सेक्सी बदन को देखा और ड्रेस ट्राइ करने के लिए मैने अपना टी.शर्ट उतारा. टी. शर्ट के अंदर मैने ब्रा नही पहनी थी. मैने अपनी खुद की गोल गोल, प्यारी सी चुचियों को देखा, अपनी निप्पल्स को देखा. मेरी निप्पल्स इस समय खड़ी नही थी लेकिन जब भी मेरे पति इन को दबाते हैं, मसल्ते हैं या मैं जब भी अपने पति से चुद्वाती हूँ, मेरी निप्पल्स भी उनके लंड की तरह तन कर खड़ी हो जाती है. मेरी चुचियों का शेप इतना मस्त है कि मैं थोड़ी देर तो मेरी चुचियों की आईने मे देखती रही. फिर मैने अपनी सॅनडेल खोली, अपनी जीन का बटन खोला, ज़िप खोली और अपनी जीन को भी अपने बदन से अलग कर दिया. जैसे मैने टी.शर्ट के नीचे ब्रा नही पहनी थी, वैसे ही जीन्स के नीचे चड्डी भी नही पहनी थी. कई बार मैं ऐसा ही करती हूँ. जब भी कहीं नज़दीक जाना होता है, मैं अपने कपड़ों के नीचे ब्रा और चड्डी नही पहनती. मैं अपने घर मे भी, जब मैं अकेली होती हूँ, या मेरे सिवाय सिर्फ़ मेरे पति होते हैं, मैं ब्रा और चड्डी नही पहनती और कई बार तो मैं कोई भी कपड़ा नही पहनती. मुझे तो अपने घर के अकेलेपन मे और अपने पति से सामने नंगा रहना पसंद है, मेरे पति को भी यही पसंद है. हम दोनो कई बार घर मे नंगे ही रहते हैं. मैने फिर एक बार आईने मे अपने नंगे और सेक्सी बदन को देखा. कितनी सेक्सी हूँ मैं, कितना सेक्सी है मेरा बदन………….
अचानक मैने दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनी और फिर मेरे पति की आवाज़ सुनी.
“मैं रेडी नही हूँ अभी.” मैं अंदर से बोली.
“तो क्या हुआ. दरवाजा तो खोलो.” वो बाहर से बोले.
मैं मुस्कराई और समझ गई कि उनके मन मे क्या है. सच कहूँ तो यही मेरे मन मे था. मैं खुद चाहती थी कि वो इस वक़्त मेरे पास रहे, मेरे सेक्सी नंगे बदन के पास रहे. और जब वो मेरे नंगे बदन के पास रहेंगे तो मेरी चुदाई तो होनी ही है. घर के बाहर, इस तरह की जगह पर हम दोनो को चोद्ने और चुद्वाने का बहुत मज़ा आता है.
मैने दरवाजा खोल कर उनको अंदर ले लिया.
अंदर आते ही उन्होने मेरे सेक्सी नंगे बदन को पकड़ कर अपने आप से चिपका लिया. उन्होने मेरी चुचियाँ दबाई और मुझे चूम लिया. मुझे चूमते हुए उनके हाथ मेरे नंगे बदन पर फिर रहे थे. मैं जानती थी कि अब मेरी चुदाई होने मे देर नही है और मैं खुद भी तो यही चाहती थी. लेकिन हम को पता था कि जो भी करना है, जल्दी जल्दी करना है ताकि किसी को भी पता चलने से पहले हमारी चुदाई पूरी हो जाए. उन्होने मुझे वहाँ रखी कुर्सी पर बिठा दिया और मुझे पता चल गया कि अब मेरी सफाचट चूत उनके मूह मे जाने वाली है.
मैने अपना सिर पीछे किया, अपनी गंद को कुर्सी के किनारे तक किया ताकि मेरी चूत उभर कर आगे आ जाए. उन्होने मेरी दोनो टांगे पकड़ कर चौड़ी कर दी और मैने उनकी गरम गरम साँसों को अपनी सफाचट फुददी पर महसूस किया. मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये की मेरी चूत चटाई होने वाली है. उन्होने अपने हाथ उपर कर के मेरी दोनो चुचियों को पकड़ लिया. वो मेरी चुचियाँ दबाने लगे और मेरी निप्पल्स को मसल्ने लगे. जल्दी ही मेरी निप्पल्स तन कर खड़ी हो गई और मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली शुरू हो गई. चुदाई की चाहत से मेरी चूत से रस निकलने लगा था. मेरी चूत से बाहर आई रस की पहली बूँद उन्होने चाट ली. मेरी चूत मे चुदाई की आग लग चुकी थी. मैं उनके सिर के बालों मे उंगलियाँ फिराती हुई उनके सिर को दबा कर उनके मूह को अपनी चूत पर सटाया. वो भी मेरी बेचैनी समझ गये और उन्होने अपने हाथ से मेरी चूत का दरवाजा खोला.
मेरी आँखों मे देखते हुए उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत मे डाली. मैने अपनी गंद को ज़रा सा अड्जस्ट किया ताकि वो आराम से मेरी चूत चूस सकें. उनकी जीभ मेरी चूत मे अंदर घुस गई जैसे उनका लॉडा मेरी चूत मे जाता है.
मेरी चूत का दाना भी तन गया था. फिर वो मेरी चूत का दाना अपने मूह मे ले कर उसको चूसने लगे और अपनी उंगली मेरी गीली फुद्दि मे घुसा दी. मेरी चूत से तो रस जैसे टपकने लगा था. मैं आईने मे सब कुछ देख रही थी कि कैसे वो मेरी चूत का दाना चूस रहे थे और कैसे उनकी उंगली मेरी चूत चोद रही थी. अब उन्होने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत मे डाल दी थी और दोनो उंगलियों को साथ साथ मेरी चूत मे अंदर बाहर करने लगे. मेरी गंद अपने आप ही उपर नीचे होने लगी. उन्होने मेरी चूत मे अपनी उंगलियों की रफ़्तार बढ़ाई और तेज़ी से मेरी चूत को अपनी उंगलियों से चोद्ने लगे. उत्तेजना मे मैं अपनी चूत मे उनकी उंगलियों को जाकड़ रही थी. अब उन्होने मेरी चूत के दाने को चूसना बंद कर के अपने अंगूठे से दबाना और मसलना शुरू कर दिया. मेरी चूत से निकलता रस वो चाट रहे थे.
मैं अपनी गंद उठा उठा कर अपनी चूत उनके मूह पर, उनकी उंगलियों पर दबाने लगी और वो अपनी उंगलियों को मेरी चूत मे अंदर बाहर करते हुए मेरी चूत को चोद रहे थे. मैंने अपना मूह कस कर बंद किया हुआ था ताकि मेरे मूह से कोई आवाज़ नही निकले. मुझे पता है कि जब मैं झड़ती हूँ तो मेरे मूह से आवाज़ें निकल ही जाती है. मैं उनकी उंगलियों से अपनी चूत को चुद्वाते हुए झड़ने के रास्ते पर बढ़ने लगी. मैं हवा मे उड़ने लगी और झड़ने के नज़दीक पहुँच गई.
अचानक ही मैं झाड़ गई. मेरी गंद उपर हवा मे उठ गई और मेरी चूत ने उनकी चोद्ति उंगलियों को चूत मे ही जाकड़ लिया और मैं अपनी झड़ने का मज़ा लेने लगी. उन्होने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत से निकाल कर अपना मूह मेरी चूत पर लगा दिया. अपने दोनो हाथों से उन्होने मेरी उपर उठी गंद को थाम लिया और मेरी चूत के रस का रस पान करने लगे. मेरी चूत से तो जैसे रस निकलते ही जा रहा था.
झड़ने के बाद मेरी चुदाई की आग कुछ ठंडी हो गई. मेरी चूत की खुजली भी मिट गई थी. उन्होने जब मुझे फिर से चूमा तो मैने उनके मूह से, उनके होठों से अपनी चूत के रस का स्वाद लिया.
समय और जगह देखते हुए वो खड़े हुए और ट्राइयल रूम से बाहर निकल गये. किसी को भी पता नही चला था कि मेरे पति ने मुझे उस ट्राइयल रूम मे अपने मूह से, अपनी जीभ से और अपनी उंगलियों से चोद कर झाड़ दिया है. मैं अपनी मुस्कराहट नही रोक सकी.
धीरे धीरे मैने अपनी साँसों पर काबू किया. फिर मैने उस सेक्सी नीले रंग की ड्रेस को पहन कर देखा. जैसा कि मुझे पहले से ही पता था, वो ड्रेस मेरे बदन पर फिट आई थी. अच्छी तरह देखने के बाद मैने वो ड्रेस वापस खोली और अपने कपड़े, टी.शर्ट और जीन्स पहन ली. हम ने ड्रेस पॅक करवाई और उसको ले कर वापस अपने घर की तरफ चल पड़े. मुझे पता था कि जो काम उस दुकान के ट्राइयल रूम मे अधूरा रह गया था, वो घर पहुँचते ही पूरा होने वाला था.
जुली को मिल गई मूली-29
गतान्क से आगे.....................
कोई खास मौका या कोई खास बात नही थी पर मेरे पति मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस खरीदना चाहते थे. शाम को, उनके ऑफीस से वापस आने के बाद हम नज़दीक के शॉपिंग माल मे गये जो हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था. माल नज़दीक होने की वजह से हम दोनो पैदल ही जा रहे थे. उन्होने बड़े प्यार से मेरा हाथ पकड़ रखा था और हम चलते हुए शॉपिंग माल मे पहुँच गये.
मैं खुस थी कि डब्ल्यू मुझे सेक्सी ड्रेस का तोहफा देना चाहते थे. उन को पता था कि मुझे सेक्सी ड्रेस पहन ना बहुत पसंद है क्यों कि उनको मुझे सेक्सी ड्रेस मे देखना बहुत पसंद है.
माल मे उपर जाती लिफ्ट मे सिर्फ़ हम दोनो ही थे और उन्होने इस मौके का पूरा पूरा फ़ायदा उठाया. उन्होने मुझे अपने नज़दीक खींचा, मुझे अपनी बाहों मे जकड़ा और मुझे एक गरमा गरम चुंबन दिया. वो मेरे होंठ चूस रहे थे और मैने उनके सिर के बालों मे अपनी उंगलियाँ फिराई. उन्होने अपनी जीभ मेरे मूह मे डाली जिसको मैने बड़े प्यार से चूसा. उन्होने मेरा निचला होंठ काफ़ी देर तक चूसा और तब तक मैं उनका उपर का होंठ चुस्ती रही. उनका चुंबन इतना सेक्सी था, इतना गरम था की मैं उन से ज़ोर से चिपक गई. उन्होने मेरी गंद पकड़ कर अपने साथ दबाया तो मेरी चूत उनके लंड का अहसास करने लगी. मैं तो चाहती थी कि वो इसी तरह मुझे चूमते रहे, इसी तरह मुझ से चिपके रहे और उनका लॉडा इसी तरह मेरी फुद्दि के दरवाजे पर दस्तक देता रहे, मगर लिफ्ट उपर पहुँच गई और दरवाजा खुला. एक दूसरे का हाथ हाथों मे ले कर हम लिफ्ट से बाहर आए और अपनी मनपसंद कपड़ों की दुकान की तरफ बढ़ने लगे. मेरे पीछे खड़े हो कर, ड्रेस देखते हुए उन्होने कई बार अपना खड़ा हुआ लॉडा मेरी गंद पर चुभाया था. आख़िर मे उन्होने एक नीले रंग की, गर्मियों मे पहन ने वाली एक सुंदर सी ड्रेस सेलेक्ट की. मुझे भी वो ड्रेस एक ही नज़र मे पसंद आ गई. देखने से लगता था क़ि वो ड्रेस मेरे बदन पर बिल्कुल फिट आएगी. फिर भी उन्होने मुझे उस ड्रेस को पहन कर देखने को कहा. मैने ड्रेस ली, उनके गाल पर एक चुंबन दिया और उनको मेरा इंतज़ार करने को कह कर मैं ट्राइयल रूम की तरफ बढ़ी. ट्राइयल रूम दुकान के पिच्छले हिस्से मे था. ट्राइयल रूम मे पहुँच कर मैने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.
मैने ट्राइयल रूम मे लगे आईने मे अपने आप को, अपने सेक्सी बदन को देखा और ड्रेस ट्राइ करने के लिए मैने अपना टी.शर्ट उतारा. टी. शर्ट के अंदर मैने ब्रा नही पहनी थी. मैने अपनी खुद की गोल गोल, प्यारी सी चुचियों को देखा, अपनी निप्पल्स को देखा. मेरी निप्पल्स इस समय खड़ी नही थी लेकिन जब भी मेरे पति इन को दबाते हैं, मसल्ते हैं या मैं जब भी अपने पति से चुद्वाती हूँ, मेरी निप्पल्स भी उनके लंड की तरह तन कर खड़ी हो जाती है. मेरी चुचियों का शेप इतना मस्त है कि मैं थोड़ी देर तो मेरी चुचियों की आईने मे देखती रही. फिर मैने अपनी सॅनडेल खोली, अपनी जीन का बटन खोला, ज़िप खोली और अपनी जीन को भी अपने बदन से अलग कर दिया. जैसे मैने टी.शर्ट के नीचे ब्रा नही पहनी थी, वैसे ही जीन्स के नीचे चड्डी भी नही पहनी थी. कई बार मैं ऐसा ही करती हूँ. जब भी कहीं नज़दीक जाना होता है, मैं अपने कपड़ों के नीचे ब्रा और चड्डी नही पहनती. मैं अपने घर मे भी, जब मैं अकेली होती हूँ, या मेरे सिवाय सिर्फ़ मेरे पति होते हैं, मैं ब्रा और चड्डी नही पहनती और कई बार तो मैं कोई भी कपड़ा नही पहनती. मुझे तो अपने घर के अकेलेपन मे और अपने पति से सामने नंगा रहना पसंद है, मेरे पति को भी यही पसंद है. हम दोनो कई बार घर मे नंगे ही रहते हैं. मैने फिर एक बार आईने मे अपने नंगे और सेक्सी बदन को देखा. कितनी सेक्सी हूँ मैं, कितना सेक्सी है मेरा बदन………….
अचानक मैने दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनी और फिर मेरे पति की आवाज़ सुनी.
“मैं रेडी नही हूँ अभी.” मैं अंदर से बोली.
“तो क्या हुआ. दरवाजा तो खोलो.” वो बाहर से बोले.
मैं मुस्कराई और समझ गई कि उनके मन मे क्या है. सच कहूँ तो यही मेरे मन मे था. मैं खुद चाहती थी कि वो इस वक़्त मेरे पास रहे, मेरे सेक्सी नंगे बदन के पास रहे. और जब वो मेरे नंगे बदन के पास रहेंगे तो मेरी चुदाई तो होनी ही है. घर के बाहर, इस तरह की जगह पर हम दोनो को चोद्ने और चुद्वाने का बहुत मज़ा आता है.
मैने दरवाजा खोल कर उनको अंदर ले लिया.
अंदर आते ही उन्होने मेरे सेक्सी नंगे बदन को पकड़ कर अपने आप से चिपका लिया. उन्होने मेरी चुचियाँ दबाई और मुझे चूम लिया. मुझे चूमते हुए उनके हाथ मेरे नंगे बदन पर फिर रहे थे. मैं जानती थी कि अब मेरी चुदाई होने मे देर नही है और मैं खुद भी तो यही चाहती थी. लेकिन हम को पता था कि जो भी करना है, जल्दी जल्दी करना है ताकि किसी को भी पता चलने से पहले हमारी चुदाई पूरी हो जाए. उन्होने मुझे वहाँ रखी कुर्सी पर बिठा दिया और मुझे पता चल गया कि अब मेरी सफाचट चूत उनके मूह मे जाने वाली है.
मैने अपना सिर पीछे किया, अपनी गंद को कुर्सी के किनारे तक किया ताकि मेरी चूत उभर कर आगे आ जाए. उन्होने मेरी दोनो टांगे पकड़ कर चौड़ी कर दी और मैने उनकी गरम गरम साँसों को अपनी सफाचट फुददी पर महसूस किया. मेरे तो रोंगटे खड़े हो गये की मेरी चूत चटाई होने वाली है. उन्होने अपने हाथ उपर कर के मेरी दोनो चुचियों को पकड़ लिया. वो मेरी चुचियाँ दबाने लगे और मेरी निप्पल्स को मसल्ने लगे. जल्दी ही मेरी निप्पल्स तन कर खड़ी हो गई और मेरी चूत मे चुद्वाने की खुजली शुरू हो गई. चुदाई की चाहत से मेरी चूत से रस निकलने लगा था. मेरी चूत से बाहर आई रस की पहली बूँद उन्होने चाट ली. मेरी चूत मे चुदाई की आग लग चुकी थी. मैं उनके सिर के बालों मे उंगलियाँ फिराती हुई उनके सिर को दबा कर उनके मूह को अपनी चूत पर सटाया. वो भी मेरी बेचैनी समझ गये और उन्होने अपने हाथ से मेरी चूत का दरवाजा खोला.
मेरी आँखों मे देखते हुए उन्होने अपनी जीभ मेरी चूत मे डाली. मैने अपनी गंद को ज़रा सा अड्जस्ट किया ताकि वो आराम से मेरी चूत चूस सकें. उनकी जीभ मेरी चूत मे अंदर घुस गई जैसे उनका लॉडा मेरी चूत मे जाता है.
मेरी चूत का दाना भी तन गया था. फिर वो मेरी चूत का दाना अपने मूह मे ले कर उसको चूसने लगे और अपनी उंगली मेरी गीली फुद्दि मे घुसा दी. मेरी चूत से तो रस जैसे टपकने लगा था. मैं आईने मे सब कुछ देख रही थी कि कैसे वो मेरी चूत का दाना चूस रहे थे और कैसे उनकी उंगली मेरी चूत चोद रही थी. अब उन्होने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत मे डाल दी थी और दोनो उंगलियों को साथ साथ मेरी चूत मे अंदर बाहर करने लगे. मेरी गंद अपने आप ही उपर नीचे होने लगी. उन्होने मेरी चूत मे अपनी उंगलियों की रफ़्तार बढ़ाई और तेज़ी से मेरी चूत को अपनी उंगलियों से चोद्ने लगे. उत्तेजना मे मैं अपनी चूत मे उनकी उंगलियों को जाकड़ रही थी. अब उन्होने मेरी चूत के दाने को चूसना बंद कर के अपने अंगूठे से दबाना और मसलना शुरू कर दिया. मेरी चूत से निकलता रस वो चाट रहे थे.
मैं अपनी गंद उठा उठा कर अपनी चूत उनके मूह पर, उनकी उंगलियों पर दबाने लगी और वो अपनी उंगलियों को मेरी चूत मे अंदर बाहर करते हुए मेरी चूत को चोद रहे थे. मैंने अपना मूह कस कर बंद किया हुआ था ताकि मेरे मूह से कोई आवाज़ नही निकले. मुझे पता है कि जब मैं झड़ती हूँ तो मेरे मूह से आवाज़ें निकल ही जाती है. मैं उनकी उंगलियों से अपनी चूत को चुद्वाते हुए झड़ने के रास्ते पर बढ़ने लगी. मैं हवा मे उड़ने लगी और झड़ने के नज़दीक पहुँच गई.
अचानक ही मैं झाड़ गई. मेरी गंद उपर हवा मे उठ गई और मेरी चूत ने उनकी चोद्ति उंगलियों को चूत मे ही जाकड़ लिया और मैं अपनी झड़ने का मज़ा लेने लगी. उन्होने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत से निकाल कर अपना मूह मेरी चूत पर लगा दिया. अपने दोनो हाथों से उन्होने मेरी उपर उठी गंद को थाम लिया और मेरी चूत के रस का रस पान करने लगे. मेरी चूत से तो जैसे रस निकलते ही जा रहा था.
झड़ने के बाद मेरी चुदाई की आग कुछ ठंडी हो गई. मेरी चूत की खुजली भी मिट गई थी. उन्होने जब मुझे फिर से चूमा तो मैने उनके मूह से, उनके होठों से अपनी चूत के रस का स्वाद लिया.
समय और जगह देखते हुए वो खड़े हुए और ट्राइयल रूम से बाहर निकल गये. किसी को भी पता नही चला था कि मेरे पति ने मुझे उस ट्राइयल रूम मे अपने मूह से, अपनी जीभ से और अपनी उंगलियों से चोद कर झाड़ दिया है. मैं अपनी मुस्कराहट नही रोक सकी.
धीरे धीरे मैने अपनी साँसों पर काबू किया. फिर मैने उस सेक्सी नीले रंग की ड्रेस को पहन कर देखा. जैसा कि मुझे पहले से ही पता था, वो ड्रेस मेरे बदन पर फिट आई थी. अच्छी तरह देखने के बाद मैने वो ड्रेस वापस खोली और अपने कपड़े, टी.शर्ट और जीन्स पहन ली. हम ने ड्रेस पॅक करवाई और उसको ले कर वापस अपने घर की तरफ चल पड़े. मुझे पता था कि जो काम उस दुकान के ट्राइयल रूम मे अधूरा रह गया था, वो घर पहुँचते ही पूरा होने वाला था.
Re: जुली को मिल गई मूली
घर पहुँच कर बेड रूम मे आते ही उन्होने मौके का फ़ायदा उठाया और मेरी चुचियाँ मसल डाली. उन्होने मुझे अपने उपर खींच लिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे होठों को चूमने लगे, चूसने लगे. साथ ही साथ अपने एक हाथ से वो मेरी चुचियाँ मसल्ने लगे और दूसरे हाथ से मेरी गंद को दबाने लगे. मैने भी उनका पूरा साथ दिया. मुझे पता था कि उनके अंदर चुदाई की आग भड़की हुई है. मुझे तो उन्होने एक बार अपने मूह और हाथ से झाड़ दिया था पर उनके लौडे मे अभी भी पानी उबल रहा था और जब तक उनके लौडे से पानी बाहर नही निकलेगा, उनको शांति नही मिलेगी.
मैने उनकी टी.शर्ट और पॅंट खोल दी. मैने उनकी चड्डी भी उतार फेंकी और उनको पूरी तरह नंगा कर दिया. उन्होने भी मेरी टी.शर्ट उतार दी और मेरी जीन्स भी मेरे जिस्म से अलग कर दी. मैं पहले ही बता चुकी हूँ कि मैने ब्रा और चड्डी नही पहनी थी, इसलिए मैं भी पूरी तरह नंगी हो गई. हम दोनो पति पत्नी, नंगे चलते हुए बिस्तर के पास आए तो मैने उनको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया. मैं उनके खुले हुए चौड़े पैरों के बीच मे बैठ गई. उनका खड़ा हुआ, तनटनाता हुआ, गरमा गरम, मज़बूत, लंबा और मोटा, चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा मेरे सामने था. मैने उनका लंड अपने हाथ मे पकड़ा और उनके अंडवे की गोलियों को चूस कर उनके लौडे के सूपदे को अपने मूह मे ले लिया. मुझे पता था कि उनका लॉडा काफ़ी देर से खड़ा है और अब तक तो लोहे के डंडे जैसा सख़्त हो गया था. मैं जल्दी जल्दी उनके लॉड को चूसने लगी. मुझे पता है कि मैं उनका लॉडा चूसने मे एक्सपर्ट हूँ और मैं ये भी जानती हूँ कि उनको अपना लॉडा मुझ से चुसवाना बहुत पसंद है. मैं हमेशा ही उनका लंड चूस कर उनको खुस कर देती हूँ. हम दोनो मे ये बहुत खास बात है कि हम दोनो को ही पता है कि चुदाई का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जा सकता है. मैं काफ़ी देर तक उनका लॉडा चुस्ती रही. उनका लंड इतना लंबा है की पूरा तो मैं अपने मूह मे कभी भी नही ले सकी, पर फिर भी, जितना अपने मूह मे ले सकती थी, उतना अपने मूह मे डाल कर चूस रही थी और साथ ही साथ उनके लौडे का निचला भाग जो मेरे मूह से बाहर था, उसको पकड़ कर मूठ भी मार रही थी.
लेकिन लगता तरह की ट्राइयल रूम मे मेरी चूत चाट कर उनका दिल नही भरा है. उन्होने मुझे नीचे लिटाया और मेरे मूह को, मेरी गर्दन को चूमने लगे. मेरी चुचियों को काफ़ी देर तक चाटने के बाद उन्होने मेरी खड़ी हुई निप्पल अपने मूह मे ले कर चुसनी शुरू कर दी. वो कुछ इस तरह मेरी चुचि, मेरी निप्पल चूस रहे थे कि मेरे मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी. अब तो मैं अपने घर मे, अपने बेडरूम मे थी और अभी मुझे अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ों को रोकने की कोई ज़रूरत नही थी.
जब उन्होने मेरी चुचियाँ और निप्पल्स चूसी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मेर मूह से निकलने लगा ” आआअहह……… हाआअन्न्नननणणन्…….. ऊऊओह”
मेरे मूह से निकलती सेक्सी आवाज़ों ने उनका जोश बढ़ा दिया और वो ज़ोर ज़ोर से मेरी निप्पल्स चूसने लगे. उनके ज़ोर ज़ोर से चूसने से मेरी दोनो गुलाबी निप्पल लाल लाल हो गई थी. मेरी बगल मे मूह डाल कर उन्होने मेरी बगलों को सूँघा. मुझे पता है कि मेरी बगल की सुगंध उनको बहुत भाती है. उनका मूह मेरे पतले पेट पर पहुँच और हमेशा की तरह उन्होने मेरे पेट को, मेरे पेट की घुंडी को चूमा.
अब मेरी रसीली चूत की बारी थी. उन्होने मेरे पैर चौड़े किया और मेरी सफाचट चूत को ध्यान से देखा. हालाँकि मेरी चूत उनके लिए कोई नयी चूत नही थी. मैं तो अपनी शादी से पहले से ही उनसे चुद्वाती आई हूँ. मुझे वो करीब करीब 10 सालों से चोद रहे है, मगर फिर भी उनको मेरी चूत हर बार नयी नवेली लगती है. सच भी है. मेरी चूत है भी इतनी शानदार, जानदार और एकदम टाइट. मैं अपनी चूत का बहुत ध्यान रखती हूँ. हमेशा चूत के बाल सॉफ कर के उसको सफाचट रखती हूँ. मैं अपनी चूत को हमेशा रेड वाइन से सॉफ करती हूँ और हमेशा चूत टाइट रखने का योगा करती हूँ. इसीलिए, इतना चुद्वाने के बाद भी मेरी चूत किसी कुँवारी लड़की के जैसी है.
उन्होने मेरी चूत पर अपना चेहरा झुकाया. पहले वो मेरी चूत के बाहरी हिस्से को चूस्ते रहे, चाट ते रहे और फिर उन्होने मेरी चूत के होंठ खोल कर अपनी जीभ मेरी चूत मे डाली. मैने जोश मे अपनी गंद उपर कर ली. मेरी चुचियाँ पहले से कड़क थी और मेरी दोनो निप्पल तन कर खड़ी थी. उन्होने मेरी चूत ज़ोर ज़ोर से और अंदर तक चॅटी. मैं ना चाहते हुए भी बोलती जा रही थी ” ऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह …………. आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ………. ओओओओह्ह्ह्ह्ह….”
मैने जोश मे उनके सिर के बालों को ज़ोर से पकड़ कर उनका मूह ज़ोर ज़ोर से अपनी रसीली चूत पर दबाने लगी.
कुछ देर मेरी चूत को चाटने के बाद, मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली पूरी मेरी चूत मे घुसा दी और मेरी चूत का उपरी हिस्सा चाटने लगे. अपनी बीच की उंगली मेरी चूत मे अंदर बाहर कर के वो मेरी चूत को अपनी उंगली से किसी लौडे की तरह चोद्ने लगे और मैं जोश मे उच्छल उच्छल कर चूत मे उंगली का मज़ा लेने लगी.
जल्दी ही हम 69 पोज़िशन मे आ गये. मेरे ख़याल से चुदाई की ये सब से खास पोज़िशन है जिसमे चूत और लौडे की चूसा एक साथ हो सकती है. मैने मज़े मे उनका खड़ा हुआ लंबा और मोटा लॉडा चूसा. चूत चूसने मे भी मेरे पति उस्ताद है. वो इस तरह मेरी चूत चाट रहे थे और चूस रहे थे कि मैं बता नही सकती कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था. मैने अचानक एक बहुत ही सेक्सी हरकत की. मैने अपनी उंगली अपने मूह मे डाल कर गीली की और अपनी उंगली उनकी गंद मे डाल दी. मुझे पता है कि उनको इस तरह मेरा उनकी गंद मे उंगली डालना बहुत पसंद आया था. मैं उनका लंड चुस्ती जा रही थी और अपनी उंगली उनकी गंद मे डाल कर हिलाती रही.
अब असली चुदाई का, लंड और चूत के मिलन का वक़्त आ गया था. उन्होने मुझे अपने नीचे सुलाया और मेरे पैर पकड़ कर अपने कंधों पर रख लिए. इस तरह मेरी चूत उपर हो कर उनका लॉडा लेने को तय्यार हो गई. उन्होने अपना चुदाई का औज़ार, अपना लॉडा पकड़ कर मेरी चूत के दरवाजे पर लगा कर, इंतज़ार कर रही मेरी चूत मे झटका मार कर घुसाया. मेरी चुचियाँ पकड़ कर वो धीरे धीरे धक्के लगा कर अपना लंबा लॉडा मेरी चूत मे घुसने लगे. उन का लंबा लॉडा धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर तक घुस कर हम दोनो को ही मज़ा देने लगा. हमेशा की तरह उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार बढ़ाई और मेरी शानदार चुदाई होने लगी. मेरे मूह से तो आवाज़ें निकल ही रही थी, उनके जोरदार धक्कों की वजह से पलंग भी आवाज़ करने लगा. उनका लंबा और मोटा लॉडा पूरी तरह मेरी चूत मे घुस कर, अंदर बाहर हो कर मुझे चोद्ने लगा और मैं नीचे लेटी हुई चुद्वाने लगी.
हमेशा की तरह, उन से बहुत पहले ही अपनी झड़ने की मंज़िल की तरफ बढ़ने लगी. क्यों की मेरे पैर उनके कंधों पर थे, मेरी गंद हवा मे झूल रही थी और उनके लौडे के मेरी चूत मे हर झटके के साथ मेरी गंद हिल रही थी. उनका लॉडा मेरी चूत मे अंदर बाहर होता हुआ अपना चुदाई का सफ़र कर रहा था. मैं भी जितना हो सकता था, अपने गंद उठा उठा कर उनका लॉडा अपनी चूत मे ले रही थी.
अचानक मेरे मूह से एक जोरदार चीख सी निकली और मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गई. मैने अपनी टाँगें भींच कर उनके लौडे को अपनी चूत मे ही जाकड़ लिया. वो भी समझ गये कि मैं झाड़ चुकी हूँ और उन्होने भी अपना लॉडा ज़ोर से मेरी चूत के अंदर दबा कर रखा और मुझे चोद्ना बंद किया.
थोड़ी देर तक शांत रहने के बाद, जब मैं अपने झड़ने का मज़ा ले चुकी थी, उन्होने फिर से मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. मैं तो दो बार झाड़ चुकी थी पर उनके मज़बूत लौडे का पानी निकलना अभी बाकी था. मैं चाहती थी कि वो मुझे चोद्ते हुए अपने लौडे के पानी की बरसात मेरी चूत के अंदर कर के मुझे चोद्ने का पूरा मज़ा लें.
मैने उनकी टी.शर्ट और पॅंट खोल दी. मैने उनकी चड्डी भी उतार फेंकी और उनको पूरी तरह नंगा कर दिया. उन्होने भी मेरी टी.शर्ट उतार दी और मेरी जीन्स भी मेरे जिस्म से अलग कर दी. मैं पहले ही बता चुकी हूँ कि मैने ब्रा और चड्डी नही पहनी थी, इसलिए मैं भी पूरी तरह नंगी हो गई. हम दोनो पति पत्नी, नंगे चलते हुए बिस्तर के पास आए तो मैने उनको बिस्तर पर सीधा लिटा दिया. मैं उनके खुले हुए चौड़े पैरों के बीच मे बैठ गई. उनका खड़ा हुआ, तनटनाता हुआ, गरमा गरम, मज़बूत, लंबा और मोटा, चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा मेरे सामने था. मैने उनका लंड अपने हाथ मे पकड़ा और उनके अंडवे की गोलियों को चूस कर उनके लौडे के सूपदे को अपने मूह मे ले लिया. मुझे पता था कि उनका लॉडा काफ़ी देर से खड़ा है और अब तक तो लोहे के डंडे जैसा सख़्त हो गया था. मैं जल्दी जल्दी उनके लॉड को चूसने लगी. मुझे पता है कि मैं उनका लॉडा चूसने मे एक्सपर्ट हूँ और मैं ये भी जानती हूँ कि उनको अपना लॉडा मुझ से चुसवाना बहुत पसंद है. मैं हमेशा ही उनका लंड चूस कर उनको खुस कर देती हूँ. हम दोनो मे ये बहुत खास बात है कि हम दोनो को ही पता है कि चुदाई का ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा कैसे लिया जा सकता है. मैं काफ़ी देर तक उनका लॉडा चुस्ती रही. उनका लंड इतना लंबा है की पूरा तो मैं अपने मूह मे कभी भी नही ले सकी, पर फिर भी, जितना अपने मूह मे ले सकती थी, उतना अपने मूह मे डाल कर चूस रही थी और साथ ही साथ उनके लौडे का निचला भाग जो मेरे मूह से बाहर था, उसको पकड़ कर मूठ भी मार रही थी.
लेकिन लगता तरह की ट्राइयल रूम मे मेरी चूत चाट कर उनका दिल नही भरा है. उन्होने मुझे नीचे लिटाया और मेरे मूह को, मेरी गर्दन को चूमने लगे. मेरी चुचियों को काफ़ी देर तक चाटने के बाद उन्होने मेरी खड़ी हुई निप्पल अपने मूह मे ले कर चुसनी शुरू कर दी. वो कुछ इस तरह मेरी चुचि, मेरी निप्पल चूस रहे थे कि मेरे मूह से चुदाई की सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी. अब तो मैं अपने घर मे, अपने बेडरूम मे थी और अभी मुझे अपने मूह से निकलने वाली आवाज़ों को रोकने की कोई ज़रूरत नही थी.
जब उन्होने मेरी चुचियाँ और निप्पल्स चूसी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मेर मूह से निकलने लगा ” आआअहह……… हाआअन्न्नननणणन्…….. ऊऊओह”
मेरे मूह से निकलती सेक्सी आवाज़ों ने उनका जोश बढ़ा दिया और वो ज़ोर ज़ोर से मेरी निप्पल्स चूसने लगे. उनके ज़ोर ज़ोर से चूसने से मेरी दोनो गुलाबी निप्पल लाल लाल हो गई थी. मेरी बगल मे मूह डाल कर उन्होने मेरी बगलों को सूँघा. मुझे पता है कि मेरी बगल की सुगंध उनको बहुत भाती है. उनका मूह मेरे पतले पेट पर पहुँच और हमेशा की तरह उन्होने मेरे पेट को, मेरे पेट की घुंडी को चूमा.
अब मेरी रसीली चूत की बारी थी. उन्होने मेरे पैर चौड़े किया और मेरी सफाचट चूत को ध्यान से देखा. हालाँकि मेरी चूत उनके लिए कोई नयी चूत नही थी. मैं तो अपनी शादी से पहले से ही उनसे चुद्वाती आई हूँ. मुझे वो करीब करीब 10 सालों से चोद रहे है, मगर फिर भी उनको मेरी चूत हर बार नयी नवेली लगती है. सच भी है. मेरी चूत है भी इतनी शानदार, जानदार और एकदम टाइट. मैं अपनी चूत का बहुत ध्यान रखती हूँ. हमेशा चूत के बाल सॉफ कर के उसको सफाचट रखती हूँ. मैं अपनी चूत को हमेशा रेड वाइन से सॉफ करती हूँ और हमेशा चूत टाइट रखने का योगा करती हूँ. इसीलिए, इतना चुद्वाने के बाद भी मेरी चूत किसी कुँवारी लड़की के जैसी है.
उन्होने मेरी चूत पर अपना चेहरा झुकाया. पहले वो मेरी चूत के बाहरी हिस्से को चूस्ते रहे, चाट ते रहे और फिर उन्होने मेरी चूत के होंठ खोल कर अपनी जीभ मेरी चूत मे डाली. मैने जोश मे अपनी गंद उपर कर ली. मेरी चुचियाँ पहले से कड़क थी और मेरी दोनो निप्पल तन कर खड़ी थी. उन्होने मेरी चूत ज़ोर ज़ोर से और अंदर तक चॅटी. मैं ना चाहते हुए भी बोलती जा रही थी ” ऊऊऊऊह्ह्ह्ह्ह …………. आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ………. ओओओओह्ह्ह्ह्ह….”
मैने जोश मे उनके सिर के बालों को ज़ोर से पकड़ कर उनका मूह ज़ोर ज़ोर से अपनी रसीली चूत पर दबाने लगी.
कुछ देर मेरी चूत को चाटने के बाद, मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली पूरी मेरी चूत मे घुसा दी और मेरी चूत का उपरी हिस्सा चाटने लगे. अपनी बीच की उंगली मेरी चूत मे अंदर बाहर कर के वो मेरी चूत को अपनी उंगली से किसी लौडे की तरह चोद्ने लगे और मैं जोश मे उच्छल उच्छल कर चूत मे उंगली का मज़ा लेने लगी.
जल्दी ही हम 69 पोज़िशन मे आ गये. मेरे ख़याल से चुदाई की ये सब से खास पोज़िशन है जिसमे चूत और लौडे की चूसा एक साथ हो सकती है. मैने मज़े मे उनका खड़ा हुआ लंबा और मोटा लॉडा चूसा. चूत चूसने मे भी मेरे पति उस्ताद है. वो इस तरह मेरी चूत चाट रहे थे और चूस रहे थे कि मैं बता नही सकती कि मुझे कितना मज़ा आ रहा था. मैने अचानक एक बहुत ही सेक्सी हरकत की. मैने अपनी उंगली अपने मूह मे डाल कर गीली की और अपनी उंगली उनकी गंद मे डाल दी. मुझे पता है कि उनको इस तरह मेरा उनकी गंद मे उंगली डालना बहुत पसंद आया था. मैं उनका लंड चुस्ती जा रही थी और अपनी उंगली उनकी गंद मे डाल कर हिलाती रही.
अब असली चुदाई का, लंड और चूत के मिलन का वक़्त आ गया था. उन्होने मुझे अपने नीचे सुलाया और मेरे पैर पकड़ कर अपने कंधों पर रख लिए. इस तरह मेरी चूत उपर हो कर उनका लॉडा लेने को तय्यार हो गई. उन्होने अपना चुदाई का औज़ार, अपना लॉडा पकड़ कर मेरी चूत के दरवाजे पर लगा कर, इंतज़ार कर रही मेरी चूत मे झटका मार कर घुसाया. मेरी चुचियाँ पकड़ कर वो धीरे धीरे धक्के लगा कर अपना लंबा लॉडा मेरी चूत मे घुसने लगे. उन का लंबा लॉडा धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर तक घुस कर हम दोनो को ही मज़ा देने लगा. हमेशा की तरह उन्होने मुझे चोद्ने की रफ़्तार बढ़ाई और मेरी शानदार चुदाई होने लगी. मेरे मूह से तो आवाज़ें निकल ही रही थी, उनके जोरदार धक्कों की वजह से पलंग भी आवाज़ करने लगा. उनका लंबा और मोटा लॉडा पूरी तरह मेरी चूत मे घुस कर, अंदर बाहर हो कर मुझे चोद्ने लगा और मैं नीचे लेटी हुई चुद्वाने लगी.
हमेशा की तरह, उन से बहुत पहले ही अपनी झड़ने की मंज़िल की तरफ बढ़ने लगी. क्यों की मेरे पैर उनके कंधों पर थे, मेरी गंद हवा मे झूल रही थी और उनके लौडे के मेरी चूत मे हर झटके के साथ मेरी गंद हिल रही थी. उनका लॉडा मेरी चूत मे अंदर बाहर होता हुआ अपना चुदाई का सफ़र कर रहा था. मैं भी जितना हो सकता था, अपने गंद उठा उठा कर उनका लॉडा अपनी चूत मे ले रही थी.
अचानक मेरे मूह से एक जोरदार चीख सी निकली और मैं बहुत ज़ोर से झाड़ गई. मैने अपनी टाँगें भींच कर उनके लौडे को अपनी चूत मे ही जाकड़ लिया. वो भी समझ गये कि मैं झाड़ चुकी हूँ और उन्होने भी अपना लॉडा ज़ोर से मेरी चूत के अंदर दबा कर रखा और मुझे चोद्ना बंद किया.
थोड़ी देर तक शांत रहने के बाद, जब मैं अपने झड़ने का मज़ा ले चुकी थी, उन्होने फिर से मुझे चोद्ना शुरू कर दिया. मैं तो दो बार झाड़ चुकी थी पर उनके मज़बूत लौडे का पानी निकलना अभी बाकी था. मैं चाहती थी कि वो मुझे चोद्ते हुए अपने लौडे के पानी की बरसात मेरी चूत के अंदर कर के मुझे चोद्ने का पूरा मज़ा लें.