मेरा योंन शोषण
Re: मेरा योंन शोषण
मैंने योगी के लिंग को हाथों में लेके मसलना शुरू किया। उधर सोनल प्रीत झुक के विक्की के लंड को चूस रही थी जेसे ब्लू-फिल्म में हो रहा था। योगी ने मुझे इशारा किया चूसने का, मैं भी झुक गयी ओर मूह खोल के उसके गोरे लंड का सुपाडा मूंह में ले के स्वाद किया। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ .... क्या नज़ारा था। मोहल्ले की दो सबसे हसीन ओर सेक्सी कुडियां झुक के अपने मुंह में लंड लिए हुए थीं, ओर दोनों एक दुसरे से आगे बढ़ना चाहती थी। सोनल प्रीत अनुभवी थी ओर लिंग को धीमी लय से चूस रही थी, वहीँ मैं जोश से भरी हुई तेज़ी से लिंग-मुंड पे अपने रसीले होंठ चला रही थी।
विकी ओर योगी दोनों की हालत खराब थी ओर किसी भी समय झड सकते थे। तभी विक्की ने अपना लंड सोनल प्रीत के मुंह से खीँच लिया, ओर मेरे पीछे आ गया। मैं योगी का लंड चूसने में व्यस्त थी की तभी मेरे गोरे चिट्टे भारी चुतड के बीच विकी का फनफनाता लंड महसूस हुआ। मेने योगी के लिंग को मुंह से निकाल के पीछे देखा तो विकी तयार था ओर तभी मेरी गांड में तेज़ दर्द के साथ उसका मोटा सुपाडा मेरी गुदा में प्रवेश कर गया। मेरे मुंह से चीख निकली,"हाय रब्बा ...ओउह ओह आओह ... दर्द हो रहा विक्की निकाल लो प्लीज़" परन्तु विक्की पे हवस का भूत सवार था ओर वो अपने फूले हुए लंड को मेरी गांड की गहराइयों में अंदर ओर अंदर करता गया तेज़ धक्कों से।
उधर योगी ने फिरसे मेरे मुंह में अपने लिंग को ठूस दिया ओर अब सोनी दो दो लंड अपने अंदर ले के निहाल हुए जा रही थी। विक्की के धक्के तेज़ होते गये ओर कुछ ही पलों बाद उसका कामरस मेरी गुदा में बहने लगा। में भी विक्की को झड़ते हुए महसूस कर रही थी, उसके लंड की नस्सें फूल ओर सिकुड़ के मेरी चिकनी गांड में वीर्य का सैलाब भर रही थी। मुझे गरम लावा अपने अंदर बहता हुआ महसूस हो रहा था।
अब विक्की निढाल हो के बिस्तर पे गिर गया पर मुझे आज़ादी नही मिली क्युकी योगी मेरे मुंह में हलकी लैय बना के धक्के देता हुआ मेरा मुंह चोद रहा था। तभी पीछे से विक्की ने अपनी ऊँगली मेरी योनी में घुसा दी, मुझे महसूस हुआ की इस बार मेरी चूत योंन-रस से पूरी भीग चुकी थी ओर विक्की की ऊँगली सरक के बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी। विक्की मेरी चूत को ऊँगली से चोद रहा था जबकि योगी मेरे लम्बे केश पकड़ के तेज़ी से मेरा मुख-मैथुन कर रहा था। मेरी योनी में विक्की की ऊँगली नये नये करतब करती हुई मुझे अपने चरम की ओर ले के जा रही थी।
विकी ओर योगी दोनों की हालत खराब थी ओर किसी भी समय झड सकते थे। तभी विक्की ने अपना लंड सोनल प्रीत के मुंह से खीँच लिया, ओर मेरे पीछे आ गया। मैं योगी का लंड चूसने में व्यस्त थी की तभी मेरे गोरे चिट्टे भारी चुतड के बीच विकी का फनफनाता लंड महसूस हुआ। मेने योगी के लिंग को मुंह से निकाल के पीछे देखा तो विकी तयार था ओर तभी मेरी गांड में तेज़ दर्द के साथ उसका मोटा सुपाडा मेरी गुदा में प्रवेश कर गया। मेरे मुंह से चीख निकली,"हाय रब्बा ...ओउह ओह आओह ... दर्द हो रहा विक्की निकाल लो प्लीज़" परन्तु विक्की पे हवस का भूत सवार था ओर वो अपने फूले हुए लंड को मेरी गांड की गहराइयों में अंदर ओर अंदर करता गया तेज़ धक्कों से।
उधर योगी ने फिरसे मेरे मुंह में अपने लिंग को ठूस दिया ओर अब सोनी दो दो लंड अपने अंदर ले के निहाल हुए जा रही थी। विक्की के धक्के तेज़ होते गये ओर कुछ ही पलों बाद उसका कामरस मेरी गुदा में बहने लगा। में भी विक्की को झड़ते हुए महसूस कर रही थी, उसके लंड की नस्सें फूल ओर सिकुड़ के मेरी चिकनी गांड में वीर्य का सैलाब भर रही थी। मुझे गरम लावा अपने अंदर बहता हुआ महसूस हो रहा था।
अब विक्की निढाल हो के बिस्तर पे गिर गया पर मुझे आज़ादी नही मिली क्युकी योगी मेरे मुंह में हलकी लैय बना के धक्के देता हुआ मेरा मुंह चोद रहा था। तभी पीछे से विक्की ने अपनी ऊँगली मेरी योनी में घुसा दी, मुझे महसूस हुआ की इस बार मेरी चूत योंन-रस से पूरी भीग चुकी थी ओर विक्की की ऊँगली सरक के बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही थी। विक्की मेरी चूत को ऊँगली से चोद रहा था जबकि योगी मेरे लम्बे केश पकड़ के तेज़ी से मेरा मुख-मैथुन कर रहा था। मेरी योनी में विक्की की ऊँगली नये नये करतब करती हुई मुझे अपने चरम की ओर ले के जा रही थी।
Re: मेरा योंन शोषण
विक्की की ऊँगली मेरी योनी में एक तूफ़ान सा ले आई थी। जेसे जेसे विक्की ऊँगली अंदर बाहर करता वेसे वेसे मैं अपने चरम के पास पुहंच रही थी। विक्की तेज़ तेज़ ऊँगली चलाने लगा, मेरी भी अब बर्दाश्त करने की शकती समाप्त होती जा रही थी। मेने अपने मुंह से योगी का लंड निकाल लिया ओर अपने चेहरे को तकिये में धंसा के योनी में उठने वाली तरंगों का आनंद लेने लगी। फिर कुछ ही देर बाद वह पल आ गया जब पेट की गहराई में कुछ टूटता हुआ महसूस हुआ, ओर फिर एक भावनात्मक शारीरिक ओर मानसिक तौर पे जिंदगी का सबसे हसींन एहसास जो एक उफनते हुए सैलाब की भांती सारे बाँध तोड़ के बाहिर निकल आया । मेरे जीवन का यह पहला सखलन था, पर यह कुछ ऐसा नशा था जिसकी लत्त पहली ही बार में लग गयी ।
अगले कुछ मिनटों तक में यूँही बेसुध सी बिस्तर में पड़ी हुई झटके खा रही थी, जब मुझे होश आया तोह योगी मेरी टांगो के बीच आ चूका था ओर अपने लिंग को मेरी करारी योनी पे रगड़ रहा था। में जानती थी अब क्या होने वाला था, पर अपना कुवारापन खोने का डर तो हर भारतीये लड़की को होता ही हे। मेने योगी से रुकने को कहा, पर इस से पहले की में कुछ समज पाती, योगी ने तीर निशाने पे छोड दिया। तीखे दर्द से में एकदम दोहरी हो गयी ओर चीख चीख के योगी को मेरी योनी से अपना लिंग निकालने की गुजारिश करने लगी। पर मेरी किसी बात का असर नही हुआ ओर वो मुझे बिस्तर में दबा के मेरी योनी की गहराई नापने में जुट गया।
दूसरी ओर सोनल प्रीत doggy पोज में झुकी हुई थी और विक्की उसकी चूत पीछे खड़ा हो के मार रहा था। उसके लम्बे केश विक्की ने लगाम की तरह पकड रखे थे ओर खींच खींच के लंड पेल रहा था अंदर बाहर। हम दोनों अपने रब को याद करके "हायो रब्बा हायो रब्बा" का जाप कर रही थी, जब की योगी ओर विक्की दोनों अपने अपने लंड से हमारी सेवा में जुट गये थे। मेरे दर्द में अब कुछ कमी होने लगी क्योंकि चूत पानी पानी हो चुकी थी जिस से लंड को अंदर बाहर करना में आसानी ही रही थी। योगी ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा ली ओर दूसरी तरफ विक्की ने तो शताब्दी रेल की भांति सोनल प्रीत की चूत में तूफ़ान भर दिया था । आखिरकार वह पल आ ही गया , ओर हम चारों एकसाथ अपने चरम पे पहुँच गये । मैं ओर सोनल प्रीत "... हाय रब्बा.. ओह हाय वाहेगुरु ... आह् मार सुटेया..." कहती हुई झड़ने लगी तो दूसरी तरफ योगी ओर विक्की " ओह गॉड... फ़क यू... बहनचोद मज़्ज़ा आ गया सरदारनी ... ओर ले और ले " जेसे शब्द बोल के हमारे अंदर ही झड गये
अगले कुछ मिनटों तक में यूँही बेसुध सी बिस्तर में पड़ी हुई झटके खा रही थी, जब मुझे होश आया तोह योगी मेरी टांगो के बीच आ चूका था ओर अपने लिंग को मेरी करारी योनी पे रगड़ रहा था। में जानती थी अब क्या होने वाला था, पर अपना कुवारापन खोने का डर तो हर भारतीये लड़की को होता ही हे। मेने योगी से रुकने को कहा, पर इस से पहले की में कुछ समज पाती, योगी ने तीर निशाने पे छोड दिया। तीखे दर्द से में एकदम दोहरी हो गयी ओर चीख चीख के योगी को मेरी योनी से अपना लिंग निकालने की गुजारिश करने लगी। पर मेरी किसी बात का असर नही हुआ ओर वो मुझे बिस्तर में दबा के मेरी योनी की गहराई नापने में जुट गया।
दूसरी ओर सोनल प्रीत doggy पोज में झुकी हुई थी और विक्की उसकी चूत पीछे खड़ा हो के मार रहा था। उसके लम्बे केश विक्की ने लगाम की तरह पकड रखे थे ओर खींच खींच के लंड पेल रहा था अंदर बाहर। हम दोनों अपने रब को याद करके "हायो रब्बा हायो रब्बा" का जाप कर रही थी, जब की योगी ओर विक्की दोनों अपने अपने लंड से हमारी सेवा में जुट गये थे। मेरे दर्द में अब कुछ कमी होने लगी क्योंकि चूत पानी पानी हो चुकी थी जिस से लंड को अंदर बाहर करना में आसानी ही रही थी। योगी ने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा ली ओर दूसरी तरफ विक्की ने तो शताब्दी रेल की भांति सोनल प्रीत की चूत में तूफ़ान भर दिया था । आखिरकार वह पल आ ही गया , ओर हम चारों एकसाथ अपने चरम पे पहुँच गये । मैं ओर सोनल प्रीत "... हाय रब्बा.. ओह हाय वाहेगुरु ... आह् मार सुटेया..." कहती हुई झड़ने लगी तो दूसरी तरफ योगी ओर विक्की " ओह गॉड... फ़क यू... बहनचोद मज़्ज़ा आ गया सरदारनी ... ओर ले और ले " जेसे शब्द बोल के हमारे अंदर ही झड गये
Re: मेरा योंन शोषण
योगी द्वारा योनी कोमार्य भंग करवाने के बाद विक्की ने मोर्चा संभाला । सोनल प्रीत ने चूस चूस के उसका लंड लोहे की रॉड जेसा सख्त कर दिया था ओर लगातार योंन क्रीडा करने से उसका रंग बैंगनी सा हो गया था । विक्की ने मेरी कमर उठा के चुतड के नीचे तकिया टिकाया ओर फिर मेरी चिकनी गोरी झांघों के बीच पोजीशन बना के बैठ गया। तब तक योगी भी अपना लिंग धो के बाथरूम से निकला ओर बिस्तर का नजारा देख के उतेजित हो के मेरे पास आ गया। उसने मुझसे कहा कि मुझ में सोनल से बढ़ के मज़ा हे। फिर उसने विकी की ओर देख के कुछ इशारा किया ओर मेरे होंठो पे अपना मुंह रख के जबरदस्त किसिंग करने लगा। मैं उसके किस करने के अंदाज की कायिल थी ओर कुछ ही पलों में उसके किस में खो गयी।
पर यह खुमारी ज्यादा देर की नही थी, विक्की ने अपने बड़े से लंड को मेरी योनी में थास के धकेल दिया ... मेरी चीख भी योगी ने निकलने नही दी अपने मुंह को मेरे मुंह पे दबा के । विक्की ने आव देखा ना ताव ओर जंगली सांड की तरह मेरी कमसिन करारी चूत में ताबड़ तोड़ अपना लौडा पेलता चला गया ।मेरे निचले पेट में हर धक्के से तेज़ दर्द का एहसास हो रहा था, पर विक्की था की रुकने का नाम ही नही ले रहा था। मैं अपनी मजबूर हालत को समझते हुए अपने रब्ब को याद करने लगी। कुछ देर बाद दर्द कम हुआ तो योगी ने मेरे मुंह से अपना मुंह हटा लिया। अब मैं खुल के अपने एहसास को बयान करती हुई चुदवाने लगी।
पीड़ा की जगह अब आनंद ने ले ली थी ओर में बढ़ चढ़ के उनका साथ देने लगी। योगी ने मेरे निम्बू जितने उरोज को हाथों से मसलना शुरू किया ओर विक्की ने मेरी दोनों चिकनी गोरी टांगो को उठा के अपने कंधो पे रख लिया । अब तो चुदवाने में मुझे जन्नत का मज़ा आने लगा, में अब " ओह येस फ़क मी हार्ड " और "जोर से विक्की ओर अंदर ओर अंदर" जेसी बातें बोल के विक्की को उकसाने लगी। विक्की भी मेरे इस बदले हुए रूप को देख के बोखला गया ओर एकदम वेह्शी बन के मेरी चूत मरने लगा। कुछ देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया ओर मैं झड गयी। मेरे बाद ही विक्की भी झड गया ओर मेरे उपर निढाल सा हो के गिर गया ।
पर यह खुमारी ज्यादा देर की नही थी, विक्की ने अपने बड़े से लंड को मेरी योनी में थास के धकेल दिया ... मेरी चीख भी योगी ने निकलने नही दी अपने मुंह को मेरे मुंह पे दबा के । विक्की ने आव देखा ना ताव ओर जंगली सांड की तरह मेरी कमसिन करारी चूत में ताबड़ तोड़ अपना लौडा पेलता चला गया ।मेरे निचले पेट में हर धक्के से तेज़ दर्द का एहसास हो रहा था, पर विक्की था की रुकने का नाम ही नही ले रहा था। मैं अपनी मजबूर हालत को समझते हुए अपने रब्ब को याद करने लगी। कुछ देर बाद दर्द कम हुआ तो योगी ने मेरे मुंह से अपना मुंह हटा लिया। अब मैं खुल के अपने एहसास को बयान करती हुई चुदवाने लगी।
पीड़ा की जगह अब आनंद ने ले ली थी ओर में बढ़ चढ़ के उनका साथ देने लगी। योगी ने मेरे निम्बू जितने उरोज को हाथों से मसलना शुरू किया ओर विक्की ने मेरी दोनों चिकनी गोरी टांगो को उठा के अपने कंधो पे रख लिया । अब तो चुदवाने में मुझे जन्नत का मज़ा आने लगा, में अब " ओह येस फ़क मी हार्ड " और "जोर से विक्की ओर अंदर ओर अंदर" जेसी बातें बोल के विक्की को उकसाने लगी। विक्की भी मेरे इस बदले हुए रूप को देख के बोखला गया ओर एकदम वेह्शी बन के मेरी चूत मरने लगा। कुछ देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया ओर मैं झड गयी। मेरे बाद ही विक्की भी झड गया ओर मेरे उपर निढाल सा हो के गिर गया ।