नशे की सज़ा compleet

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007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:44

मैं समझ गयी कि वो अब बाकी सारी जिंदगी मुझे ब्लॅकमेल करने वाला था.

“ समझ गयी या फिर से समझाऊं ? “ इनस्पेक्टर ने एक हाथ मेरे सीन ईक उभार पर रखकर उसे दबाते हुए कहा.

“ जी सर. समझ गयी.” मैने कहा.

“फिर ठीक है.अभी अपने कपड़े पहनो और यहाँ से निकलो.तुम्हारा मोबाइल नंबर पर पास है-यह नंबर कभी बदलना नही चाहिए,कभी स्विच ऑफ नही होना चाहिए और मेरी हरेक कॉल तुरंत अटेंड होनी चाहिए वरना…तुम खुद समझदार हो.” राज ने मेरी तरफ देखकर हंसते हुए कहा.

मैने फटाफट अपने कपड़े पहने और उसकी तरफ देखकर बोली,” सर, मेरी कार कहाँ मिलेगी ?”

“ट्रॅफिक पोलीस के आदमी तुम्हारी कार को बाहर छोड़ गये हैं,घबराओ मत ! मेरे साथ सहयोग करोगी तो बहुत मज़े मे रहोगी वरना तुम्हारा भी नेहा जैसा हाल होगा.” राज ने एक बार मुझे फिर से वॉर्निंग दे डाली.

जैसे ही मैं वहाँ से चलने को हुई,राज ने पूछा-“ वैसे तुम रहती कहाँ हो ? “

“सर मैं मॉडर्न गर्ल्स हॉस्टिल मे रहती हूँ रूम नो.123 मे.” मैने सोचा की अब कुछ भी छिपाने से कुछ फायडा नही होने वाला है. जाते जाते मैने राज की तरफ देखकर कहा-“ सर, नेहा की आगे की डVड कब दिखलाएँगे ? “

राज को मुझ से इस सवाल की बिल्कुल भी उम्मीद नही थी.वो एकदम हक्का बक्का होकर बोला-“ क्यूँ ? तुम्हे उस नेहा और उसकी डVड मे इतना इंटेरेस्ट क्यूँ है ?”

“ नही….बस ऐसे ही मुझे उत्सुकता हो रही थी कि आगे अपने उसके साथ और क्या दुर्दशा की.” मैने अपने मन की बात को उससे छिपाते हुए कहा.मेरे मन मे तो नेहा का खूबसूरत जिस्म अभी तक छाया हुआ था और मेरे अंदर मानो लेस्बियान होने की भावना को उकसा रहा था-मुझे कुछ तो अपने उपर डाउट था कि मे कुछ कुछ लेज़्बीयन हूँ क्यूंकी मुझे जूनियर गर्ल्स की रॅगिंग करने मे भी काफ़ी मज़ा आता है और कॉलेज मे जिस समय न्यू अड्मिशन्स हो रहे होते हैं उस समय मैं खूबसूरत लड़कियों की रॅगिंग करने से बिल्कुल भी नही चूकती.यह बात अलग थी कि मेरा एक स्टेडी बाय्फ्रेंड भी था जिसके साथ मेरे बिल्कुल नॉर्मल संबंध हैं हालाँकि मैने अभी तक अपने बाय्फ्रेंड को अपने बदन पर हाथ फिराने के अलावा और कुछ भी नही करने दिया था.उसने आज तक मुझे चूमा भी नही है .

राज ने मुस्कराते हुए मेरी तरफ देखा और बोला-,”जल्दी ही तुम्हे आगे की डVड भी देखने का मौका मिलेगा.मेरे पास और भी बहुत सारी खूबसूरत लड़कियों की डVड्स हैं…..और तुम्हारी तरह वो सभी हसीनाए भी मेरी मुट्ठी मैं हैं. मैं तुम्हारे को-ऑपरेटिव नेचर से बहुत खुश और इंप्रेस्ड हूँ.अगर तुम्हारे मन मे कुछ बात है तो मुझे बता सकती हो “

मैने सोचा की अपने मन की बात राज को बताने मे कोई हर्ज़ नही है क्यूंकी गुस्सा होने पर वो ज़्यादा से ज़्यादा कुछ पनिशमेंट ही देगा जिसके लिए मैं हर समय तैय्यर हूँ.मैने अपने मॅन की बात इनस्पेक्टर को बताते हुए कहा-“ आक्च्युयली सर…नेहा बहुत खूबसूरत है और मैं यह चाहती हूँ कि वो कुछ देर के लिए मेरी सेक्स स्लेव बनकर रहे.”

007
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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:44

राज मेरी उम्मीद के मुताबिक ही चहककर बोला-“ वह वह तो यूँ भी काफ़ी रंगीन मिज़ाज़ लगती हो.फिर तो हम दोनो की खूब पटेगी. ठीक है तुम्हारी पसंद मैने नोट कर ली है …अब जैसे ही मौका लगा…नेहा तुम्हारे हवाले कर दी जाएगी.लेकिन उससे पहले तुम्हे एक फाइनल टेस्ट पास करना होगा जो कि कल शाम को होगा 6 बजे यहीं मेरे ऑफीस मे.”

“कैसा टेस्ट सर….?.” मैने उसकी तरफ देखा.

“ ठीक है बैठ जाओ, मैं तुम्हे डीटेल मे बताता हूँ.आक्च्युयली मेरा प्रमोशन होने वाला है अगले ही महीने और मैं एसीपी बन सकता हूँ लेकिन कमिशनर साहिब जिन्हे मेरा प्रमोशन करना है वो किसी लौंडिया से खुश ही नही हो रहे हैं……नेहा से भी नही.कल एक बार तुम 6 बजे आ जाओ तो मैं तुम्हे भी ट्राइ करना चाहता हूँ.अगर तुम उस कमिशनर को खुश कर पायी तो फिर नेहा क्या जिस किसी लड़की को कहोगी वोही तुम्हारे कदमो मे होगी.” राज ने मुझसे कहा और मुझे एकदम लगा कि मैं यकायक बहुत पवरफुल हो गयी हूँ और किसी भी लड़की को अपनी सेक्स स्लेव बना सकती हूँ.

“नेहा कैसे खुश नही कर पायी उस कमिशनर को सर.उसकी तो आपने काफ़ी दुर्दशा करके अपने अनुकूल बना लिया है.” मैने इनस्पेक्टर की तरफ हैरानी से देखा.

“ यही तो प्राब्लम है.वो मुझसे इतना डरी हुई थी कि जैसे ही मैने कहा कि कमिशनर साहिब को खुश करना है वो बिना किसी ना-नुकर के उनके आगे नंगी होकर खड़ी हो गयी…” राज बोला.

“ फिर आप….. मेरा मतलब है कि कमिशनर साहिब क्या चाहते थे…….” मैने राज की तरफ देखा.

“जब तक लौंडिया नखरा ना दिखाए, तब तक किसे मज़ा आता है उसे ठोकने मे…..”राज शायद सच ही कह रहा था.

“ठीक है सर…कल मैं आपको प्रमोशन दिलाने वाला काम करके रहूंगी.इतना ड्रामा करूँगी कि कमिशनर साहिब क्या एक बार तो आप खुद भी दंग रह जाएँगे.बस आप अपनी यह हथकड़ी तैय्यर रखिए कल दुबारा से मुझे लगाने के लिए.” मैने भी कहकर सस्पेनस फैला दिया और वहाँ से चलती बनी.

इनस्पेक्टर के पास से छूटकर जब में वापस अपने हॉस्टिल पहुँची तो रात के 2.30 बज रहे थे.मेरी रूम मेट सोनाली जो कि एक मीडीया हाउस मे जॉब करती थी, अभी तक जाग रही थी.मुझे देखते ही बोली-“ आज कहाँ रह गयी निशा रानी…. कॉलेज का फंक्षन क्या इतनी देर तक चलता रहा ?”

मैने उसकी तरफ देखा और बोला-“यार, एक पोलीस इनस्पेक्टर ने पकड़ लिया रास्ते मे और बोला कि शराब पीकर बिना लाइसेन्स के गाड़ी चलाने के जुर्म मे तुझे 10 साल के लिए जैल मे बंद कर दूँगा-बस वही सज़ा माफ़ करवा के आ रही हूँ.”

“लेकिन यार…….तेरी सज़ा माफ़ कैसे हुई ?” सोनाली ने मेरी तरफ देखा.

“बस यह बहुत लंबी कहानी है…फिर कभी सुनाऊँगी.अभी तो मुझे बहुत तेज की नींद आ रही है.” कहकर मैं बिस्तर पर ढेर हो गयी.

सुबह जब हम दोनो सोकर उठे तो सनडे होने की वजह से दोनो की ही छुट्टी थी.ना मुझे कॉलेज जाना था और ना उसे ऑफीस.हम लोगों ने चाइ नाश्ता किया और फिर मैं उसे अपने साथ कल क्या क्या गुज़री-पूरी दास्तान सुनाने बैठ गयी.

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Re: नशे की सज़ा

Unread post by 007 » 31 Oct 2014 22:45

“अब तू क्या करेगी निशा ? वो इनस्पेक्टर तो तुझे सारी जिंदगी ब्लॅकमेल करता रहेगा ? “ सारी कहानी सुनने के बाद सलोनी ने चिंता जताते हुए मेरी तरफ देखा.

“देख सलोनी…ऐसा कुछ होने बाला नही है.मेरे साथ जो कुछ भी होना था वो तो अब हो ही चुक्का है-अब मेरे ख़याल यह है कि तो भी हालत बन रहे हैं उन्हे एंजाय करते हुए अपने लिए कुछ और मनोरंजन का इंतज़ाम किया जाए.” मैने सलोनी को हिम्मत दिलाते हुए कहा.

“ मैं कुछ समझी नही निशा…..तू किस मनोरंजन की बात कर रही है….”सलोनी बोली.

अब मैने कुछ और साफ साफ बताते हुए सलोनी से कहा-“ देख यार यह तो मैने देख लिया कि पोलीस की खाकी वर्दी का अपना अलग ही रुतबा है-किसी को भी किसी बहाने हथकड़ी लगाकर हवालात मे डाल दो और फिर इनटेरगेशन के बहाने मनमाने ढंग से जो जी चाहे करते रहो-कोई तुझे पूछने वाला नही है…”

“पर तेरी नौकरी क्या पोलीस मे लग गयी है….” सलोनी ने फिर मुझे बीच मे ही रोक दिया.

“नही मेरी नौकरी तो नही लगी..लेकिन वो इनस्पेक्टर राज शर्मा जो बहुत जल्दी ही एसीपी बनने बाला है, पूरी तरह से मेरी मुट्ठी मैं है और आज शाम के बाद से तो वो पूरी तरह से मेरे कंट्रोल मे हो जाएगा-क्यूंकी उसके कमिश्नर से मेरी सेक्सी मुलाकात के बाद वो ना सिर्फ़ एसीपी बन जाएगा और उसकी पॉवेर्स और भी अधिक बढ़ जाएँगी,बल्कि मेरी भी पोवेर बढ़ जाएँगी इसका मैने पक्का प्लान बना रखा है…..अब तू बता कि तू क्या चाहती है…..” मैने सलोनी को जबाब दिया और उसके मूह मे मानो मेरी बातों से पानी आ गया और बोली-“यार अगर वो इनस्पेक्टर या एसीपी वॉटेवर सचमुच तेरी मुट्ठी मे है तब तो कुछ प्लान करते हैं.”

मैं समझ गयी कि सलोनी के दिमाग़ मे क्या चल रहा है.मीडीया हाउस मे होने की वजह से दिन भर वो खूबसूरत लड़के लड़कियों के बीच रहती थी लेकिन वो खुद काफ़ी आवरेज लुक्स की थी इसलिए उसे कोई घास नही डालता था-यहाँ तक कि 24 साल की सोनाली का अभी तक कोई बाय्फ्रेंड भी नही था. लेकिन मैने अभी उसकी बात पर ज़्यादा गौर ना करते हुए आज की शाम के प्रोग्राम के बारे मे सोचना शुरू कर दिया-इसके बाद मैने राज को फोन कर दिया-“ सर मैं निशा बोल रही हूँ.आज शाम को मैं 6 बजे की वजाय 5 बजे ही आना चाहती हूँ ताकि अपना प्रोग्राम डीटेल मे आपको बता सकूँ.”

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