हिन्दी में मस्त कहानियाँ

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rajaarkey
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Re: हिन्दी में मस्त कहानियाँ

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 12:43

शरीफ सिस्टर
आज मे आपके लिए रियल स्टोरी लाया हूँ दोस्तो मेने अपने दीदी के ननद के मामा ससुर की लड़की की चुदाई कैसे की वो में आज बताऊंगा. दोस्तो वो हमारे बाजू के घर मे रहते थे. मेने दीपाली को कभी बुरी नज़र से नही देखा था। मुझे यह जब पता चला की वो दीदी के रिलेटिव थे तो
हमारे परिवार और उनके परिवार मे सम्बन्ध काफ़ी ओर अच्छे हो गये थे। मे ओर दीपाली के पिताजी हम दोनो शेयर का काम करते हे तो मेरी उनसे अच्छी पटती थी. ओर माँ बाप मुझे अपना बेटा की तरह ही मानते थे. दीपाली मुझे भैया कहती थी।
यह बात कुछ महीनो पुरानी हे. मेरे अंदर सेक्स बहुत मचलता था. मे स्कूल मे चोरी से अपनी टीचर्स को हर कोने से देख कर घर आकर नहाते वक्त या टॉयलेट मे हस्त्मेथुन कर लेता था. लेकिन मेने उसे [दीपाली] को कभी इस नज़र से देखता था पर एक दिन मे उसके घर गया तो 1 रूम मे वो ओर उसकी सहेली से कुछ बाते करते सुना मैने तोड़ा ध्यान से सुना तो वो किसी लड़के की बात कर रही थी. जो उन्हे कॉलेज जाते वक़्त घूरता रहता था।
दीपाली शरीफ थी लेकिन उसकी फ्रेंड थोड़ी चालु थी पर उसकी मस्त बाते मेरे को उकसा रही थी. उस दिन पहली बार मैने रूम मे (जो की बंद था) के होल से देखा तो बस देखता ही रह गया। दीपाली की फ्रेंड ने स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे से बेड पर बैठे हुए उसकी चड्डी दिख रही थी. मैने पहली बार ओरिजनल मे किसी लड़की की टांगो को इतना सॉफ देखा था। पर दीपाली पंजाबी सूट पहने हुए थी. लेकिन उसके बोब्स जिस पर कोई ब्रा नही थी सूट के नीचे से भी बड़ी सेक्सी लग रही थी. वो ऐसी बाते करते हुए तोड़ा शरमा रही थी. सो उसने ताल-मटोल करके अपनी फ्रेंड को घर से भेज दिया. उस दिन से मेरे ख्याल दीपाली के लिए थोड़े बदल गए थे।
मुझमे एक अलग सी खुशी का एहसास होने लगा था. पता नही मेरे को जैसे क्या मिल गया. मे हर वक्त इसे चोरी से देखता रहता था. कुछ दीनो मे यह चाहत बहुत बड गयी थी. पहले तो मे डरता रहता था. लेकिन थोड़े दीनो मे ही मेरी कामुकता मेरी शक्ति बड़ाती गयी. मे उसके बोब्स को देखने के बहाने सोचने लगा और एक दिन तो कमाल हो गया. मेरे घर के साथ मे हमारी जॉइंट बालकनी थी।
जिसका एक गेट मेरे रूम मे और दूसरा गेट बालकनी [गार्डन साथ मे ] मे था. वो कपड़े धो रही थी। कपड़े धोते वक्त मे चोरी से उसके सामने से चक्कर लगाने के बहाने उसकी चुचियो को देख कर मस्त हो रहा था. जब कपड़े धोने के बाद उसे वो निचोड़ने लगी तो पानी के साथ उसका सूट गीला हो गया। जिससे उसकी चुचि का उभार और निप्पले बड़े आराम से मुझे दिख गये. उसको थोड़ी शरमाई तो वो अपने कपड़े चेंज करने रूम मे चली गयी. मे भी झट से होल मे से देखने के लिए अपने रूम मे चला गया. मेरा तो भाग खुल गया मैने देखा की उसने अपना शर्ट उतारा तो लाइट की रोशनी मे वो मुझे बहुत ही खूबसूरत लगी। मेरा लंड पूरा तन गया अजीब सा नशा सा चड़ने लगा।
और गोल गोल चुचि देख कर मे दंग रह गया और मैने वही पर हाथ से मूठ मारनी शुरू कर दी. आज मुझे दीपाली सारे जहाँ से सुन्दर दिख रही थी. 10 मिंनट बाद मेरा डिसचार्ज हुआ तो सामने सारा गेट पर चला गया। मेरा वीर्य इतना गाड़ा गर्म और ज्यादा था की पूरा रुमाल गिला हो गया सॉफ करते हुए. मेरा पूरा शरीर दर्द करने लगा. कुछ देर बाद मुझे अच्छा फील होने लगा पर बाद मे दुबारा जब उसको देखा तो फिर मुझ पर कामुकता चड़ने लगी उसके बाद तो मे उसे पूरा नंगा देखना चाहता था सो बहाने सोचने लगा. बस उस दिन के बाद कम ही गार्डन मे कपड़े धोने आती थी पर 1 दिन जब मे उसके घर गया तो उसकी माँ बोली बेटा आओ क्या काम हे…

rajaarkey
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Re: हिन्दी में मस्त कहानियाँ

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 12:43


मेने कहा – आंटी मुझे दीपाली का कंप्यूटर पर काम करना हे.. मुझे शेयर का कुछ काम हे.. मेने आंटी से कहा की मेरे कंप्यूटर खराब हे सो आंटी ने बोला ठीक हे ध्यान से काम करना कही जरूरी फाइल ना उड जाए और दीपाली बाहर गयी हे.. तो जल्दी करना मे बोला ठीक हे आंटी…
जेसे ही मेने कंप्यूटर ऑन किया मे अपना काम कर रहा था तोड़ा मेने उसके कंप्यूटर मे छेड़ करने लगा तो देखा की शरीफ नही बहुत ही गंदी थी क्यूकी वो ब्लू फिल्म देखती थी पर मेने सोचा की क्या पता शायद अंकल [दीपाली के पापा ] उसे देखते हो तो पर मेने देखा की आंटी किचन मे तो मेने दीपाली डॉर मे देखा उसकी बुक्स मे सेक्सी नंगे पिक्चर्स हे मे समज गया उसका मन बहुत ही मचल रहा हे।
1 दिन जब उसके सारे घर वाले ओर मेरे घर वाले शादी मे गये थे तो उसकी माँ ने मुझसे कहा बेटा तुम मेरे घर मे बेठ सकते हो… दीपाली घर पर अकेली हे.. मेने कहा की ठीक आंटी मन ही मन मे खुश हो गया की आज मोका मिल ही गया हे मुझे मेरी फॅमिली ओर उसकी फॅमिली दोनो साथ मे चले गये ओर मे उसके घर मे बेठ गया। और कुछ देर बाद मेने सुना की बाथरूम मे हे दीपाली तो मे उसके होल से उसके मजे लेने लगा तो उसे तोड़ा शक हुआ तो मेने कहा मे हूँ.. वो बोली की भैया आप हे.. मे बोला हां.. वो बोली आप बाहर बेठो मे अभी आई.. मेने कहा ठीक हे.. वो कपड़े चेंज करके अपने रूम मे आई. उसके पहले मेने वो फिल्म चला दी ओर उसके सामने खड़ा हो गया उसका चेहरा लाल था वो बोली यह क्या मे बोला ब्लू फिल्म यह तेरे पीसी से ऑन की.. वो बोली इसके बारे मे किसी को मत बोलना.. मे बोला ठीक हे कसम से बस मे तुम्हारी माँ को बता दूँगा.. और वो मेरे सामने रोने लगी।
बोली भैया प्लीज ऐसा मत करना वरना वो मुझे मार देगी मे बोला ठीक हे तो जस्ट 1 टाइम मुझे खुश कर दो वो बोली मे.. क्या.. मे बोला 1 टाइम सेक्स वो बोली नही यह ग़लत हे.. मे बोला तो फिर मेने अपने सेल से आंटी को कॉल किया ओर पूछा आप सब लोग पहुच गये सही से वो बोली हा.. और आंटी बोली हम लोग रात मे जल्दी से जल्दी आ जाएँगे.. और उन्होने फ़ोन काट दिया. मे ऐसे ही बात करने लगा मेने कहा आंटी मे बाहर गया था तो मुझे अचानक याद आया के मेरे सेल तो आपके घर रह गया हे तो मे रिटर्न अपने घर आया तो ठीक हे.. घर से निकल कर आपके घर आया तो मेने देखा की दीपाली किसी लड़के के साथ अश्लील हरकते कर रही थी.. तो आप जल्दी आ जाये.. वो लड़का मुझे धक्के मार कर भाग गया हे.. इधर दीपाली ने मेरे हाथो से सेल लिया ओर जल्दी से बोलने लगी की यह सब गलत हे रोंग हे.. माँ पर मेरा सेल तो बंद था वो बोली ठीक हे तेरी शर्त मंजूर हे..
वो रोने लगी और कहने लगी की एसा मत करना किसी को मत कहना… मेने कहा ठीक हैं मुझे किस करने दो उसने कहा ठीक हे… मैं आराम से उसके पास गया और दोनो हाथो से उसके गालो को पकड़ा और उसके होठो पर होंठ रख कर उसके होंठो चूसने लगा वो बिल्कुल सीधी खड़ी रही. और मेरा लंड खड़ा हो गया था। मेने उसे कहा की तुम भी सपोर्ट करो और मेने उसकी जीभ से अपनी जीभ मिला दी और चूसने लगा।
और मेरे हाथ उसके बोब्स दबाने लगे उसने मेरा हाथ पकड़ लिया मेने उसे कहा कोई बात नही करने दे वो डर गयी और उसने मेरा हाथ छोड़ दिया. मेने उसकी शर्ट के बटन खोले और ब्रा को नीचे करके उसके बोब्स ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा वो रोने लगी और कह रही थी छोड़ दो… मेने उसे गोदी मैं उठाया और उसके बेड पर लेटा दिया जो और लेट कर किस करने लगा और उसके हाथ मैं अपना लंड पकड़ा दिया। उसके गरम गरम हाथ मैं मेरे लंड को बहुत आराम मिल रहा था. मैं खड़ा हुआ और अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसके भी मैं कुर्सी पर बैठ गया और उस से कहा की मेरे लंड को सहला वो भी गर्म हो चुकी थी और चुप भी हो गयी थी शायद उसे समझ आ गया था की मैं आज उसे नही जाने दूँगा।

rajaarkey
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Re: हिन्दी में मस्त कहानियाँ

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 12:44


थोड़ी देर मैं उसके उपर लेट गया और उसके दोनो टाँगो को हवा मैं उठा कर उसकी चूत को सहला रहा था. 10 मीं. सहलाते सहलाते उसने पानी छोड़ दिया और तकिये को पकड़ लिया। अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और ज़ोर से धक्का मारा तो वो चिल्ला पड़ी आआआः मररर्र्ररर गई बाहर निकालो… मेने कोई परवाह ना करते हुए और ज़ोर का धक्का फिर मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया और वो चिल्लाई मार दिया.. आआआआआआआः मररर्र्र्र्र्र्र्ररर गायययययीईई रे.. और उसकी चूत से तोड़ा खून निकलने लगा पर मे घबराया नही. 10 मि. की चुदाई के बाद मेने उसकी चूत मे ही सारा माल डाल दिया था वो बोली यह क्या किया मे बोला चुप रह कमीनी मुझे पता हे तू 1 बार चुदवा चुकी हे.. किसी लड़के से वो बोली तुम्हे केसे पता.. और मे बोला कमीनी मेने तेरे डोर मे से e-pil की गोलि देखी हे.. मे थक कर ढेर हो गया और उसके उपर ही लेट गया। अच्छा दोस्तों अभी मे चलता हूँ.. फिर मेने कब और केसे दीपाली को चोदा बाद में बताऊंगा। अभी तक की मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे जरुर बताना।

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