जुली को मिल गई मूली compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 13 Oct 2014 08:26

जुली को मिल गई मूली--7

गतान्क से आगे..................................

मैं आज रमेश को सच सच बता कर बहुत खुस थी और अपने आप को काफ़ी हल्का फील कर रही थी. सच कड़वा ज़रूर होता है पर उसका फल हमेशा मीठा होता है. कम से कम मेरे साथ तो यही रिज़ल्ट है.

बाद मे उसने मुझे मेरे घर पर ड्रॉप किया और मुझे गुड नाइट किस दिया. हम दोनो ने अपना अगले दिन का प्रोग्राम पहले ही फाइनल करलिया था. अगले दिन हम दोनो हमारे फार्म हाउस जाने वाले थे.

हमारा फार्म हाउस घर से करीब 30 किमी दूर है और हम, मैं और मेरा प्रेमी रमेश, मेरी कार मे फार्म हाउस के लिए रवाना हुए. मैने अपने पापा और मा को बताया था कि मैं रमेश को हमारा फार्म हाउस दिखाना चाहती हूँ और हम लोग शाम तक वापस आ जाएँगे.

मैं कार चला रही थी और वो मेरे पास की सीट पर बैठ कर चलती कार मे मेरी चुचियों से खेल रहा था और उन से खेल रहा था. यहाँ तक कि उसने चलती कार मे मेरी चड्डी भी उतार दी थी क्यों कि मैने स्कर्ट पहनी हुई थी और मेरी चड्डी उतारना बहुत ही आसान था. वो मेरी चूत से भी खेलने लगा था चड्डी उतरने के बाद. चलती हुई कार मे, जब मैं कार चला रही थी, उसने मेरी चुचियाँ दबा दबा कर और मेरी चूत मे उंगलियाँ कर कर के मुझे बहुत ही गरम कर्दिया था, इतना की मैं कार चलाते हुए ही झर गई.

सड़क पर उस समय ट्रॅफिक नही था और पैदल चलता हुआ भी कोई कभी कभी ही दिखता था. हमारे फार्म हाउस की तरफ जाने वाली ये एक सिंगल पतली रोड थी और रोड के दोनो तरफ खेत ही खेत थे और ये कोई देखने वाला नही था कि हम चलती हुई कार मे क्या कर रहें है. और मेरी कार के ग्लासस भी डार्क थे जिसकी वजह से बाहर से ये देख पाना कि अंदर क्या हो रहा है और भी मुश्किल था. मेरी चूत का रस निकालने के बाद वो कार चलाने लगा और मैने भी उसकी पॅंट की ज़िप खोल कर उसके खड़े हुए लंड को उसकी चड्डी से बाहर निकाल लिया था. मैने पहली बार अपने प्रेमी का लंड देखा था. बहुत ही प्यारा लंड है उसका. लंबा, मोटा और कड़क. मैने उसका खड़ा लंड अपने मूह मे चूसा और चलती हुई कार मे उसको मूठ मार मार कर उसका लंड रस भी निकाल दिया था. उसके लंड का पानी थोड़ा तो मैं पी गई और थोड़ा नीचे कारपेट पर गिर गया था.

हम फार्म हाउस पहुँच गये और उसने मेरे कहने पर कार हमारे कॉटेज के बाहर गॅरेज मे पार्क करदी थी. हम ने फार्म का एक चक्कर लगाया और वापस कॉटेज मे आ गये. हमारे फार्म मॅनेजर ने हम को लंच के लिए इन्वाइट किया तो मैने कहा कि हम अपना लंच बॉक्स लाए है. हमारा फार्म हाउस कॉटेज फार्म के एक कोने मे है जिसके बाहर हमारा ऑफीस है. कॉटेज के अंदर कोई भी बिना बुलाए नही आता है. वॉच मॅन केवल मेन गेट पर रहता है. हम फिर अपनी पार्क्ड कार के पास आए, मेरे प्रेमी के लंड के पानी से खराब कारपेट निकाली, लंच बॉक्स लिया और अपने कॉटेज के अंदर पहली मंज़िल पर ड्रॉयिंग रूम मे आ गये. मैने उसके लंड के पानी से खदाब कारपेट धोयि तो उसने कहा कि क्यों ना नहा लिया जाए. हम दोनो ने अपने अपने कपड़े उतारे और नंगे हो कर बाथरूम मे आ गये. कुछ देर तक तो हम दोनो शरीफ बच्चों की तरह नहाए मगर जल्दी ही उसने मेरी निपल अपने मूह मे लेकर चुसनी चालू करदी. मेरी दूसरी चुचि को वो अपने हाथ से मसल रहा था. उसका दूसरा हाथ मेरी टाँगों के बीच मेरी चिकनी चूत पर पहुँचा. मैं और मेरी चिकनी चूत दोनो ही गीले थे, मैं शवर के पानी से और मेरी चूत पानी और मेरे चूत रस से. मैने महसोस किया कि मेरा प्रेमी भी मेरे चाचा की तरह चुदाई के मामले मे उस्ताद है. जैसे कि मैने चुदाई अपने चाचा से सीखी थी वैसे ही उसने चुदाई अंजू ( उसके दोस्त की वाइफ जिसको उसका पति चोद नही पाता था और रमेश उसको चोद्ता था) से सीखी होगी. हम दोनो ही ठंडे पानी के नीचे गरम होने लगे. मैने उसके लोहे जैसे लंड को पकड़ा और उसे अपने मुलायम हाथ से सहलाने लगी. उसका लंड और मज़बूत, और कड़क, और गरम हो गया.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 13 Oct 2014 08:27

ये पहला मौका था जब हम दोनो आपस मे चुदाई करने वाले थे. इस के पहले तो हम ने एक दूसरे पर हाथ का ही कमाल दिखाया था. मैने तो आज फार्म हाउस आते हुए उसका लंड भी चूसा था पहली बार. मगर उसको मेरी चूत चूसने का मौका भी नही मिला था. मेरा प्रेमी बहुत ही अच्छी तरह से मेरी चुचि चूस रहा था. कभी वह एक चुचि को चूस्ता और कभी दूसरी को जैसे वो मेरी चुचियों से दूध पीना चाहता है. मेरी निपल्स पर वो बहुत सी सेक्शी तरीके से अपनी जीभ घुमा रहा था और मेरे मूह से आवाज़ें निकलने लगी. "ओह डियर................ तुम बहुत अच्छा चूस्ते हो............ खा जाओ इनको....... मैं पागल हो जाउन्गि.............. तुम्हारा लंड बहुत प्यारा है......... मैं आज तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे खा जाउन्गि."

वो लगातार मेरी चुचियों को चूस्ता जा रहा था. अब उसका एक हाथ मेरी चूत पर था और दूसरा मेरी गोल गोल कड़क गंद पर. अपनी उंगलियाँ वो मेरी गंद पर घुमा रहा था, मेरी गंद की दोनो गोलाइयों की मालिश कर रहा था और मेरी गंद के बीच भी हाथ घुमा रहा था. एक बार तो मैं हवा मे ही उच्छल गयी जब उसने अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दी और उसे मेरी गंद मे गोल गोल घुमाने लगा. उसकी आधी उंगली ही थी मेरी गंद मे और मुझे पूरा पूरा मज़ा आ रहा था.

उस के दूसरे हाथ की उंगलियाँ मेरी चूत पर घूम रही थी. वो जो भी कर रहा था मेरी चुचियों पर, मेरी गंद पर और मेरी चूत पर, उस से पता चलता था कि वो चुदाई का एक्सपर्ट है. पहली बार किसी ने मेरी गंद मे उंगली डाली थी. मेरे चाचा ने कभी मेरी गंद मे उंगली नही डाली थी. मैं उसके मस्त लंड की मालिश कर रही थी. दबा रही थी, मसल रही थी. हिला रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.उसने अपना मूह मेरी चुचियों से हटा लिया और अपने हाथ भी मेरी गंद और चूत से हटा लिए, पर उसका तना हुआ लंड अभी भी मेरे हाथों मे था. उस ने अपने दोनो हाथों से मेरा चेहरा पकड़ा और बोला - " मैं तुम को बहुत प्यार करता हूँ क्यों कि तुम बहुत प्यारी और सच्ची हो." मैने ख़ुसी के मारे अपनी आँखें बंद करली और कुछ भी नही बोल पाई. उसने अपने गरम गरम होंठ मेरे होंठो पर रखे और मेरा निचला होंठ चूसने लगा, मैं भी उसका उपर का होंठ चूस रही थी. हम ने एक बहुत लंबा चुंबन किया जबकि उपर से शवर का पानी हमारे उपर लगातार गिर रहा था.

बाथरूम मे पानी के नीचे हम 69 पोज़िशन मे आ गये. उसका लंबा लंड मेरे मूह और मेरे मूह की पकड़ मे था. मैं उसकी गोलियों को भी मसल रही थी और मेरा हाथ उसकी गंद पर भी घूम रहा था. उसकी गंद मेरी गंद से छ्होटी थी पर गोल गोल थी. मैं उसके लंड को चूस्ते हुए उस की गंद के बीच की लाइन पर अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी. जब मुझे उसकी गंद का होल मिला तो मैने भी अपनी उंगली के आगे का भाग उसकी गंद मे घुसा दिया. उसकी गंद घूमने के तरीके से मैं समझ गई कि उस को भी गंद मे उंगली डलवा कर बहुत मज़ा आ रहा है. मैं भी उसकी गंद मे उंगली डाल कर वोही कर रही थी जो उसने मेरी गंद मे उंगकी डाल कर किया था. मैं उसकी गंद मे उंगली डाल कर अंदर बाहर कर रही थी और उसके लंड को अपने मूह मे अंदर बाहर कर रही थी. मेरी चूत के दोनो दरवाज़ों को वो एक के बाद एक चूस रहा था. उस ने अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को दबाया, मसला, और चूसा. मैं प्यार मे बहुत कुछ कहना चाहती थी मगर उसका लंबा और मोटा लंड मेरे मूह मे होने की वजह से कुछ बोल नही पाई. अब उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाली और उसको अंदर बाहर करने लगा. मेरी चिकनी चूत को वो अपनी कोमल जीभ से चोद रहा था.

उसने अपनी पूरी जीभ मेरी गीली चूत मे डाल दी थी और मुझे ऐसा महसोस जैसे मेरी चूत की चुदाई एक छ्होटे से, प्यारे से नरम लंड से हो रही है. उस ने फिर से अपनी एक उंगली मेरी गंद मे डाल दी थी और उसको भी अंदर बाहर करने लगा था. वो मेरी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था और मेरी गंद को अपनी उंगली से चोद रहा था. मैं अपनी मंज़िल के करीब पहुँच चुकी थी और मैने उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी चूसना सुरू कर्दिया था. वो भी समझ गया और अपनी जीभ से जल्दी जल्दी मेरी चूत चोद्ने लगा. मैने अपनी उंगली पूरी की पूरी उस की गंद मे डाल कर जल्दी जल्दी अंदर बाहर करती हुई उसकी गंद को चोद्ने लगी. मैने अपनी टाँगो की पकड़ उसकी गर्दन पर मज़बूत कर ली क्यों की मैं तो पहुँच चुकी थी, मेरा हो चुका था, मैं तो झर चुकी थी. मेरी चुत से रस निकलने लगा और वो मेरे चूत रस को पीने लगा. बहुत मज़ा आया मुझे. उस ने अपना काम ख़तम करलिया था. अब मेरी बारी थी उसके लंड रस को बाहर निकालने की. वो दीवार के सहारे बैठ गया और मैने आगे झुक कर फिर से उसका लंड मूह मे ले लिया. साथ ही साथ मैं अपने हाथ से उसके लंड पर मूठ मारने लगी. मैं भी उसको पूरा मज़ा देना चाहती थी. मैने उसका लंड टाइट पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे करने लगी. उसने अपनी आँखें बंद करली और अपनी गंद को उपर नीचे हिलाने लगा. मैने अपने मूह मे उसके लंड के मूह को और कड़क, और मोटा महसोस किया और मैं जान गई कि उसका पानी निकलने वाला है. मैने उसका लंड और टाइट पकड़ा, जल्दी जल्दी उपर नीचे करने लगी. अचानक उसकी टांगे टाइट होने लगी, उसने अपनी गंद को उपर किया, उसका लंड मेरे गले तक घुस गया और उसके मूह से चीख सी निकली.... ओह......जुलीईई....................

और उसके लंड ने अपना माल मेरे मूह मे भर दिया. जितना मैं पी सकती थी मैने पी लिया. उसका लंड रस बहुत ही स्वदिस्त था. कुछ हिस्सा उसके लंड रस का मेरे मूह से बाहर आया और पानी मे मिलने लगा. उसने मुझे फिर किस किया और अपने लंड रस का स्वाद चखा. मेरी जीभ को अपने मूह मे ले कर चुभालने लगा.

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: जुली को मिल गई मूली

Unread post by raj.. » 13 Oct 2014 08:27

हम ने अपनी चुदाई का एक भाग पूरा कर लिया था और हम पानी के नीचे बैठे थे. वो अपने पैर गोल किए हुए था और मैं उसकी गोदी मे बैठी थी. वो पीछे से अपने हाथ मेरे हाथों के नीचे से डाल कर उसने मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ कर उनको धीरे धीरे मसल रहा था. मैने अपनी नंगी गंद पर उसके लंड को महसोस नही किया कारण की उसका लंड अब नरम, मुलायम था. लगता था कि कोई चूहा उसकी टाँगो के बीच मे बैठा है. ज़रूर उसका लंड मुझको चोद्ने के लिए फिर से तय्यार हो जाएगा जल्दी ही. जैसा कि मैने पहले भी लिखा है, मुझे नरम लंड बहुत अच्छा लगता है, मैने अपना हाथ नीचे कर के उसके नरम लंड को पकड़ लिया. वो सचमुच बहुत ही नरम था और छ्होटा भी था जो कि पूरे का पूरा मेरे हाथ मे आ गया था. मैं उसके नरम लंड से खेल रही थी और वो मेरी नरम चुचियों से खेल रहा था. उसका लंड धीरे धीरे मेरे हाथ मे बड़ा होने लगा, बड़ा और लंबा, मोटा और कड़क. लगता था जैसे कोई उस मे हवा भर रहा हो. कुछ ही देर मे उसका लंड पूरी तरह तन कर चुदाई करने के लिए तयार हो गया. खड़ा होने के बाद उसके कड़क लंड का मूह उपर हो गया था और वो मेरी चूत का दरवाजा खत ख़ताने लगा था, क्यों कि मैं उसकी गोद मे नंगी बैठी थी. मैने उसको अपनी चूत पर दबाया तो मेरी चूत पूरी तरह उसके नीचे च्छूप गयी. लगता था जैसे उसका लंड मेरी चूत को हग कर रहा था. मैने उसके प्यारे से लंड को अपनी चूत पर रगड़ा और मेरी चूत फिर से गीली होने लगी. अपनी चूत के दरवाजे पर उस के गरम लंड की रगड़ मुझे बहुत अच्छी लग रही थी और मेरी आँखें बंद होने लगी. अपनी चूत मे चुद्वाने की मेरी चाहत बढ़ने लगी. उस ने भी अपना हाथ नीचे कर के अपने लंड को पकड़ा. उसने थोड़ा अड्जस्ट किया, मेरी गंद को थोड़ा उपर किया, और अब उसके लंड का मूह मेरी चूत के मूह पर था. मैं अपने प्रेमी का लंड पहली बार अपनी चूत मे लेने को तय्यार थी. मेरी चूत अभी भी काफ़ी टाइट थी, चाचा से इतने सालों से चुद्वाने के बावजूद भी काफ़ी टाइट थी. कारण कि एक तो मैं रेगुकर योगा करती हूँ और दूसरे, दिन मे एक बार अपनी चूत रेड वाइन से ज़रूर सॉफ करती हूँ. वाइन मे कॉटन भिगो कर उसको अपनी चूत मे कुछ देर रखती हूँ. ( पढ़ने वाले इस को ट्राइ कर सकतें है, रेड वाइन से चूत सॉफ करने से और चूत मे रेड वाइन से भीगा हुआ कॉटन कुछ देर रखने से चूत हमेशा वर्जिन जैसी टाइट रहती है चाहे उसकी कितनी भी चुदाई होती हो)

उस को भी लगा कि मेरी चूत काफ़ी टाइट है. वो बोला - " जुली.. तुम्हारी चूत तो इतनी टाइट है जितनी अंजू की कुँवारी चूत भी नही थी. इस का मतलब है तुम चाचा से ज़्यादा नही चुद्वाती हो."

मैने सच्चाई से जवाब दिया - " रमेश! चाचा मुझे वीक मे तीन चार बार चोद्ते है. पहली बात तो ये है कि वो मेरी चुदाई बहुत ही प्यार से करतें है और दूसरी बात ये है कि मैं भी अपनी चूत का पूरा पूरा ध्यान रखती हूँ."

वो बोला - " मैं बहुत खुस हूँ डार्लिंग की तुम्हारी चूत इतनी टाइट है, बिल्कुल कुँवारी लड़की जैसी. हम दोनो को ही बहुत मज़ा आएगा. मैं भी इसको हमेशा बहुत ही प्यार से चोदुन्गा और तुम भी इसका पूरा ध्यान रखना ताकि ये हमेशा इसी तरह टाइट रहे."

मैं उसकी बात सुन कर मुश्करा दी.

अचानक वो बोला " एक सेकेंड डार्लिंग! मुझे रूम मे जाना पड़ेगा. कॉंडम मेरी पॅंट की जेब मैं है."

मैने जवाब दिया - " कोई बात नही डियर! मेरे पास गोली है जो मैं चुदाई के बाद ले लूँगी. ये हमारी पहली चुदाई है और मैं तुम्हारे लंड को अपनी चूत मे बिना कॉंडम के लेना चाहती हूँ. तुम्हारे लंड और मेरी चूत को बिना किसी के बीच मे आए मिलने दो."

वो मुश्कराया. मैं रोमांचित थी. ये सोच कर खुस थी कि मेरी चूत की चुदाई आज पहली बार दूसरे लंड से होगी. अब तक सिर्फ़ मेरे चाचा के लंड ने ही मुझे चोदा था, आज मेरे प्रेमी ला लंड भी मेरी चूत की चुदाई करेगा.

वो खड़ा हुआ और मुझे मुझे बाथरूम का एक हॅंडेल पकड़ कर झुकने को कहा. मैने अपने पैर चौड़े किए और झुक गई. मैं घोड़ी बन गई. मुझे पूरा विश्वास था कि वो मेरी साफ सुथरी चूत का नज़ारा पीछे से कर रहा था. उसने अपना लंबा, मोटा, गरम लंड अपने हाथ मे पकड़ा और मेरी चूत के बीच उसको घुमाने लगा. मुझे अच्छा लग रहा था और ज़्यादा मज़ा आ रहा था जब वो अपने लंड से मेरी चूत के दाने को रगड़ रहा था. मैं और भी गरम होती जा रही थी और मेरी चूत और भी गीली होती जा रही थी. शवर हमारे उपर अभी भी चल रहा था. मैं अपनी चूत चुद्वाने के लिए पूरी तरह तय्यार थी जिस को उस ने समझा. उस ने अपना लंड मेरी चूत के बीच रगड़ना बंद किया और उसको मेरी चूत के दरवाजे पर रखा. वो बोला - " शुरू करें डार्लिंग ? अंदर डालूं?"

Post Reply