तकरीबन और 15 या 20 मिनिट के बाद मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा स्टॉप आने मे शाएद आधा घंटा रह गया है मैं चाहता था के उसको मेरी यात्रा ख़तम हो ने से पहले किस करू इसी लिए मैने उसके सर को पकड़ के अपनी तरफ मोड़ा और एक किस किया ज़ोर से तो वो चौंक गई मेरा मूह उसके मूह से लगे. मैं समझ नही सका के वो ऐसा कियों कर रही है. देखा जाए तो मेरे लंड को चूसने के बाद उसको मुझे किस करने मे कोई प्राब्लम नही होना चाहिए था. ळैकिन पता नही क्या हो गया था उसको. अब मैं ने उसके बूब्स को पकड़ा तो उस ने मेरे हाथ को ज़ोर से झटका दे दिया मुझे बड़ा अस्चर्य हुआ के यह क्या और कियों कर रही है. खैर मैं कुछ देर चुप ही रहा और थोड़ी ही देर मे मेरा स्टॉप आने से पहले बस की लाइट्स खुल गई. मैं ने पहले तो बस मे बैठे अपने आस पास बैठे पॅसेंजर्स का सर्वे किया तो देखा के वो एक मॅरेज पार्टी है और मेरी पीठ से कोई पीठ लगाए बैठा है उसकी ड्रेसिंग से पता चल रहा था के शाएद उसकी ही शादी हुई है. मेरी नज़र उस लड़की पे पड़ी जिसके मूह को चोदा था, देखा तो पता चला के उसके हाथों मे मेहन्दी लगी है और कपड़े भी नये हैं और गोल्ड की ज्यूयलरी भी पहेन रखी है. मैं समझ गया के वो दुल्हन है और उसका दूल्हा मेरी पीठ से पीठ लगाए दूसरी तरफ मूह कर के बैठा है.
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मुझे एक ही मिनिट मे समझ आगया के शाएद वो समझ रही थी के उसकी चुचिओ को मसल्ने वाला और उसकी चूत मे उंगली से मसाज करने वाला कोई और नही उसका नया नवेला पति होगा इसी लिए वो अपना आत्म समर्पण किए हुए थी और जब उसको मैं ने किस किया तो उसको पता चल गया के यह मूछो वाला उसका पति नही हो सकता कियॉंके उसके पति के मूछ नही थी. मैं ने भी कुछ और करना सही नही समझा और खामोश बैठा रहा जब बस मेरे शहेर के स्टॉप पे रुकी तो तकरीबन सुबह के 4:30 हो रहे थे. मैं बस से उतरने लगा और उतरते उतरते बस के दरवाज़े से बाहर निकल ने से पहले पलट के उसकी तरफ देखा और अपनी एक आँख बंद कर के उसको आँख मारी तो उसके मूह पे एक मुस्कुराहट आ गई और उसने भी अपनी एक आँख बंद कर के मुझे आँख मार दी. मुझे इस बात का तो यकीन हो गया के वो दुल्हन ही थी और अब तक वो मुझे अपना दूल्हा ही समझ रही थी.
मैं यह सोचता हुआ बस से नीचे उतर गया के पता नही वो कहा से आई है और कहा जा रही है और जिसने मुझे यह सब करने दिया और लंड को चूस चूस के मेरी मेरी मलाई खा गई आख़िर वो कौन थी ????
Wo koun thi ??? वो कौन थी ??? compleet
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दोस्तो अब तक आपने पढ़ा की किस तरह दो हसिनाओ ने मुझे अपने प्रेम से सरोबार किया जिन्हे मैं जनता ही नही था कि आख़िर वो कौन थीं??????????????
अब आप तीसरा वाक़या भी सुनिए देखिए इस बार एक शादी मे क्या हुआ
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शादी मे
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मैं एक अच्छी फॅमिली से हू. इंडिया मे देल्ही मे रहता हू. मेरे पेरेंट्स का बिज़्नेस है. मेरी हाइट तकरीबन 6 फुट रंग बोहोत गोरा चोवडा सीना और सीने पे बाल. मैं अपने इंजिनियरिंग कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन भी था. ऑन दा होल मैं एक बोहोत ही हॅंडसम लड़का हू. किसी अच्छे ख़ासे सेक्सी मॉडेल से कम नही हू लोल.
यूँ तो कॉलेज मे बोहोत सारे दोस्त थे लैकिन कुछ दोस्त बोहोत करीबी थे जिस्मै एक अरुण भी था. हम दोनो हमेशा ही साथ रहते, साथ खेलते और अपने सीक्रेट्स भी एक दूसरे से शेर करते थे. दोनो की कॉलेज की प्रेमिकाएँ भी थी और हम उनके साथ चुदाई भी कर चुके थे और कभी कभी तो हम एक दूसरे की प्रेमिकाओं से बदल बदल के भी चोद चुके थे. मेरा लंड भी बोहोत अछा लंबा, मोटा और सख़्त है. लंड के सामने का लंड का सूपड़ा एक दम से चिकना और हेल्मेट जैसा है और पायंटेड है जो चूत के अंदर घुस्स के बच्चे दानी को डाइरेक्ट हिट करता है और चुदवाने वाली लड़की या औरत को बोहोत मज़ा आता है. और जिसने एक बार मुझ से चुदवा लिया वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती है और बार बार मुझ से चुदवाना चाहती है.
अरुण की शादी को तकरीबन 1 साल हो रहा था और मेरी शादी को तकरीबन 6 महीने हुए थे. अरुण ने मुझे बताया के उसकी वाइफ को हमारे कॉलेज के सारे किस्से सुना चुक्का है तो उस दिन से मुझे उसकी वाइफ उषा से शरम आने लगी है.
उषा भाभी एक बोहोत ही सुन्दर लड़की है उमर भी उतनी ज़ियादा नही है होगी कोई 23 – या 24 साल की. रंग भी बोहोत गोरा और सिडोल बदन. मैं ने कभी उनकी तरफ ग़लत नज़रों से नही देखा.
खैर. हुआ ऐसे के अरुण की किसी कज़िन की शादी थी और वो प्रेशर डाल रहा था के मैं भी अपनी वाइफ के साथ वो शादी मे उन लोगो के साथ कोलकाता जाउ. शादी कोलकाता मे थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ जाऊं या ना जाऊं. मेरी वाइफ अपने मैके गई हुई थी. मैं अकेला ही था. इधर जॉब क़ा भी मसला था.
अरुण ने कहा के अरे यार ऐसे मौके बार बार नही आते और तू ने अभी तक कोलकाता देखा भी नही है और एक आँख दबा के बोला के बेंगाल का रसगुल्ला तो बोहोत मशहूर है खाएगा नही क्या. इतना सुनना था के मेरे बदन मे जैसे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई और मैं ने कहा के देखो मैं ट्राइ करता हू और अगर मुझे छुट्टी मिल जाती है तो मैं चलता हू नही तो जाने दो फिर कभी देखेंगे. वो मान गया. अगले दिन मैं ने एक वीक की छुट्टी की अप्लिकेशन दे दी जो थोड़ी सी आगे पीछे कर के अप्रूव हो गई.
यूँ तो अरुण था गुजराती और हमेशा ही कहता था के यार कभी मेरे साथ आमेडबॅड चल और किसी गुजराती चूत का मज़ा ले. गुजजु चूते बोहोत सेक्सी, गरम आंड गीली होती हैं. मैं ने सोचा के अरुण के रिलेटिव्स’ ज़रूर आएँगे तो मैं भी देखु के आख़िर गुजजु लड़कियाँ होती कैसी हैं. मैं ने कभी कोई गुजराती लड़की को इतने करीब से देखा नही था इसी लिए देखने की और चोदने की तमन्ना थी दिल मे.
अरुण की दो सिस्टर थी कमला. कमला अरुण से तकरीबन 5 - 6 साल बड़ी थी. उसकी शादी हो चुकी थी पर अभी तक उसके कोई संतान नही हुई थी. घाटेला बदन गोरा रंग काली बड़ी बड़ी लाइट ब्राउन आँखें लंबे बाल मस्त चुचियाँ, होंगे तकरीबन 36 के साइज़ की. ऑन दा होल कमला एक सुंदर औरत थी लैकिन वो मेरे दोस्त की बहेन थी और मुझ से बड़ी थी इसी लिए मुझे कमला के साथ चुदाई का ध्यान भी नही आया. मैं ने कमला की आँखों मे एक प्यास देखी है ऐसी प्यास जिनकी चूत प्यासी हो और आचे लंबे मोटे लंड से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हो. वो मुझे से डबल मीनिंग के मज़ाक करती थी जैसे उषा भाभी क्या करती हैं तो मेरी हालत बुरी हो जाती कभी कभी तो लंड भी उठ खड़ा होता और उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ती तो वो मुस्कुरा के कहती लगता है वाइफ की बोहोत याद आ रही है.
कहो तो कुछ खिला दू या कुछ पीला दू तो मैं उनकी सूरत देखता का देखता ही रह जाता. कभी कभी ख़याल आता के शाएद उनका पति उनको सही तरीके से चोद्ता नही होगा. वो मोस्ट ऑफ दा टाइम्स खामोश ही रहा करती थी जिस से यह यकीन होता दिखाई देता के वो किसी सच मे अछी और लंबी चुदाई का मज़ा नही ले सकी होगी अभी तक और इसी लिए उनकी चूत प्यासी की प्यासी ही रह गई होगी. कभी कभी तो मंन करता के हिम्मत कर के उसको इतनी ज़ोर से धक्के
मार मार के चोद डालूं ताकि उसकी प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए और उसकी आँखों की चमक वापस आ जाए.
दोस्तो अब तक आपने पढ़ा की किस तरह दो हसिनाओ ने मुझे अपने प्रेम से सरोबार किया जिन्हे मैं जनता ही नही था कि आख़िर वो कौन थीं??????????????
अब आप तीसरा वाक़या भी सुनिए देखिए इस बार एक शादी मे क्या हुआ
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शादी मे
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मैं एक अच्छी फॅमिली से हू. इंडिया मे देल्ही मे रहता हू. मेरे पेरेंट्स का बिज़्नेस है. मेरी हाइट तकरीबन 6 फुट रंग बोहोत गोरा चोवडा सीना और सीने पे बाल. मैं अपने इंजिनियरिंग कॉलेज का अथलेटिक चॅंपियन भी था. ऑन दा होल मैं एक बोहोत ही हॅंडसम लड़का हू. किसी अच्छे ख़ासे सेक्सी मॉडेल से कम नही हू लोल.
यूँ तो कॉलेज मे बोहोत सारे दोस्त थे लैकिन कुछ दोस्त बोहोत करीबी थे जिस्मै एक अरुण भी था. हम दोनो हमेशा ही साथ रहते, साथ खेलते और अपने सीक्रेट्स भी एक दूसरे से शेर करते थे. दोनो की कॉलेज की प्रेमिकाएँ भी थी और हम उनके साथ चुदाई भी कर चुके थे और कभी कभी तो हम एक दूसरे की प्रेमिकाओं से बदल बदल के भी चोद चुके थे. मेरा लंड भी बोहोत अछा लंबा, मोटा और सख़्त है. लंड के सामने का लंड का सूपड़ा एक दम से चिकना और हेल्मेट जैसा है और पायंटेड है जो चूत के अंदर घुस्स के बच्चे दानी को डाइरेक्ट हिट करता है और चुदवाने वाली लड़की या औरत को बोहोत मज़ा आता है. और जिसने एक बार मुझ से चुदवा लिया वो मेरे लंड की दीवानी हो जाती है और बार बार मुझ से चुदवाना चाहती है.
अरुण की शादी को तकरीबन 1 साल हो रहा था और मेरी शादी को तकरीबन 6 महीने हुए थे. अरुण ने मुझे बताया के उसकी वाइफ को हमारे कॉलेज के सारे किस्से सुना चुक्का है तो उस दिन से मुझे उसकी वाइफ उषा से शरम आने लगी है.
उषा भाभी एक बोहोत ही सुन्दर लड़की है उमर भी उतनी ज़ियादा नही है होगी कोई 23 – या 24 साल की. रंग भी बोहोत गोरा और सिडोल बदन. मैं ने कभी उनकी तरफ ग़लत नज़रों से नही देखा.
खैर. हुआ ऐसे के अरुण की किसी कज़िन की शादी थी और वो प्रेशर डाल रहा था के मैं भी अपनी वाइफ के साथ वो शादी मे उन लोगो के साथ कोलकाता जाउ. शादी कोलकाता मे थी. मेरी समझ मे नही आ रहा था के क्या करूँ जाऊं या ना जाऊं. मेरी वाइफ अपने मैके गई हुई थी. मैं अकेला ही था. इधर जॉब क़ा भी मसला था.
अरुण ने कहा के अरे यार ऐसे मौके बार बार नही आते और तू ने अभी तक कोलकाता देखा भी नही है और एक आँख दबा के बोला के बेंगाल का रसगुल्ला तो बोहोत मशहूर है खाएगा नही क्या. इतना सुनना था के मेरे बदन मे जैसे एलेक्ट्रिसिटी दौड़ गई और मैं ने कहा के देखो मैं ट्राइ करता हू और अगर मुझे छुट्टी मिल जाती है तो मैं चलता हू नही तो जाने दो फिर कभी देखेंगे. वो मान गया. अगले दिन मैं ने एक वीक की छुट्टी की अप्लिकेशन दे दी जो थोड़ी सी आगे पीछे कर के अप्रूव हो गई.
यूँ तो अरुण था गुजराती और हमेशा ही कहता था के यार कभी मेरे साथ आमेडबॅड चल और किसी गुजराती चूत का मज़ा ले. गुजजु चूते बोहोत सेक्सी, गरम आंड गीली होती हैं. मैं ने सोचा के अरुण के रिलेटिव्स’ ज़रूर आएँगे तो मैं भी देखु के आख़िर गुजजु लड़कियाँ होती कैसी हैं. मैं ने कभी कोई गुजराती लड़की को इतने करीब से देखा नही था इसी लिए देखने की और चोदने की तमन्ना थी दिल मे.
अरुण की दो सिस्टर थी कमला. कमला अरुण से तकरीबन 5 - 6 साल बड़ी थी. उसकी शादी हो चुकी थी पर अभी तक उसके कोई संतान नही हुई थी. घाटेला बदन गोरा रंग काली बड़ी बड़ी लाइट ब्राउन आँखें लंबे बाल मस्त चुचियाँ, होंगे तकरीबन 36 के साइज़ की. ऑन दा होल कमला एक सुंदर औरत थी लैकिन वो मेरे दोस्त की बहेन थी और मुझ से बड़ी थी इसी लिए मुझे कमला के साथ चुदाई का ध्यान भी नही आया. मैं ने कमला की आँखों मे एक प्यास देखी है ऐसी प्यास जिनकी चूत प्यासी हो और आचे लंबे मोटे लंड से चुदवा के अपनी प्यासी चूत की प्यास को बुझाना चाहती हो. वो मुझे से डबल मीनिंग के मज़ाक करती थी जैसे उषा भाभी क्या करती हैं तो मेरी हालत बुरी हो जाती कभी कभी तो लंड भी उठ खड़ा होता और उनकी नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ती तो वो मुस्कुरा के कहती लगता है वाइफ की बोहोत याद आ रही है.
कहो तो कुछ खिला दू या कुछ पीला दू तो मैं उनकी सूरत देखता का देखता ही रह जाता. कभी कभी ख़याल आता के शाएद उनका पति उनको सही तरीके से चोद्ता नही होगा. वो मोस्ट ऑफ दा टाइम्स खामोश ही रहा करती थी जिस से यह यकीन होता दिखाई देता के वो किसी सच मे अछी और लंबी चुदाई का मज़ा नही ले सकी होगी अभी तक और इसी लिए उनकी चूत प्यासी की प्यासी ही रह गई होगी. कभी कभी तो मंन करता के हिम्मत कर के उसको इतनी ज़ोर से धक्के
मार मार के चोद डालूं ताकि उसकी प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए और उसकी आँखों की चमक वापस आ जाए.
और दूसरी है शांता. शांता अरुण से तीन या चार साल छोटी है. बोहोत चंचल. हमेशा उछाल कूद करती रहती धमाल मचाती रहती. कॉलेज मे पढ़ती थी. बहुत सुंदर थी. गोरा रंग, काले बाल, चमकती आँखें, कड़क ऐप्पल जैसी चुचियाँ तकरीबन 32 या 34 के साइज़ के होंगे जिन्हें देख के कोई भी अपने हाथो मे ले के मसल्ने की तमन्ना करे. लड़कियो मे ब्रस्सिएर और पॅंटी पेहेनने का फॅशन तकरीबन ख़तम ही हो गया है और वो जब घर मे जब उछल कूद करती तो उसकी मस्त चुचियाँ डॅन्स करती बोहोत अच्छी लगती थी. कमला और शांता मुझ से काफ़ी क्लोज़ थे और दोनो मुझ से मज़ाक भी करते ही रहते थे मैं भी दोनो को सता ता रहता था. शांता को तो कभी कभी मैं अपनी बाहो मे पकड़ भी लेता कभी कभी ऐसा भी होता के मैं शांता को अपने से लिपटा लेता तो उसकी चुचियाँ मेरे बदन से चिपक जाती जिस से मेरे बदन मे एक तूफान आ जाता और कभी कभी तो लिपटा के जब उसके बॅक पे हाथ घुमा ता तो उसके चूतड़ तक भी हाथ फिसल जाता था और मैं उसके चूतडो को धीरे से दबा भी देता तो वो हंस देती. कभी तो अपने बदन से ऐसे ज़ोर लिपटा लेता के उसे मेरे लंड का स्पर्श उसके बदन पे महसूस हो जाए और फिर छोड़ देता था. शांता को चोदने का ख़याल मेरे मन मे कई बार आया लैकिन क्या करू दोस्त की बहेन जो थी. अब यह भी तो हो सकता है के कमला और शांता दोनो मुझ से चुदवाने की इच्छा रखती हो लैकिन शाएद कभी मौका नही मिला हो या मुझे बता ना सकी हो.
मैं अरुण के घर बोहोत साल से आता जाता रहता था तो सब ही मुझ से अछी तरह ट्रीट करते थे. अरुण की वाइफ उषा चटर्जी बेंगाली है. अरुण से उसकी लव मॅरेज थी. उषा भाबी भी बोहोत सुंदर हैं. हाइट होगी तकरीबन 5’ 6” गोरा रंग काले लंबे बाल जो उनके चूतड़ तक आते हैं और काली हिरनी जैसे चमकती आन्खै जिनमे ऐसीमस्ती भरी रहती है जैसे हमेशा ही अपनी अरुण के साथ चुदाई को याद कर रही हो इसी लिए हमेशा उनके मूह पे एक सीक्रेट सी मुस्कान रहती है. नाज़ुक सा बदन लैकिन चुचियाँ बोहोत मस्त थी उनकी. कभी तो उनके शर्ट मे से तने हुए निपल्स भी नज़र आ जाते तो मंन करता के बस इन्हें पकड़ के मसल डालूं और चूस लूँ. शाएद 36 का साइज़ होगा उनकी मस्त और टाइट चुचिओ का. उनकी चुचिओ को देख के मंन करता है के बस पकड़ के बेड पे गिरा दू और चोद डालु और नंगा करके चुचिओ को चूस चूस के उनका सारा रस पी जाउ और ज़ोर से चोद के उनकी चूत फाड़ डालूं इतनी सेक्स अपील थी उषा भाभी के अंदर. उषा भाबी का चिकना बदन
और गोरा रंग देखते हुए यह मैं यकीन से कह सकता हू के उनकी चूत भी मक्खन जैसे चिकनी होगी. उषा भाभी भी कमला की तरह मेरे साथ डबल मीनिंग वाला मज़ाक करती थी और हंस देती थी और मैं कभी कभी तो शरम से लाल लाल हो जाता लैकिन उषा को मैं अपनी भाभी मानता और उनको चोदने का ख़याल मेरे मन मे नही आया पर कभी सोचता के जैसे के अरुण अपनी वाइफ को हमारे कॉलेज के टाइम्स की प्रेमिकाओं को बदल बदल के चोदने के किस्से सुना चुक्का था तो शाएद उनके मन मे चुदवाने का ख़याल हो लैकिन मैं कुछ यकीन से नही कह सकता. हा यह ज़रूर है के अगर वोही अपनी तरफ से पहेल करती चुदवाने के लिए तो मैं ऐसे चोद्ता के वो ऐसी चूत फाड़ चुदाई करता के वो ऐसे चुदाई को कभी भूल नही पाती और हमेशा याद रखती.
मैं तो बस यह चाहता था के शादी मे एक रस्स भरी बेंगाली और एक गरम गुजराती चूत का मज़ा मेरे मोटे लंड को मिल जाए तो मेरे लंड की और मेरी दिली तमन्ना पूरी हो जाए और मज़ा आ जाए.
मैं अरुण के घर बोहोत साल से आता जाता रहता था तो सब ही मुझ से अछी तरह ट्रीट करते थे. अरुण की वाइफ उषा चटर्जी बेंगाली है. अरुण से उसकी लव मॅरेज थी. उषा भाबी भी बोहोत सुंदर हैं. हाइट होगी तकरीबन 5’ 6” गोरा रंग काले लंबे बाल जो उनके चूतड़ तक आते हैं और काली हिरनी जैसे चमकती आन्खै जिनमे ऐसीमस्ती भरी रहती है जैसे हमेशा ही अपनी अरुण के साथ चुदाई को याद कर रही हो इसी लिए हमेशा उनके मूह पे एक सीक्रेट सी मुस्कान रहती है. नाज़ुक सा बदन लैकिन चुचियाँ बोहोत मस्त थी उनकी. कभी तो उनके शर्ट मे से तने हुए निपल्स भी नज़र आ जाते तो मंन करता के बस इन्हें पकड़ के मसल डालूं और चूस लूँ. शाएद 36 का साइज़ होगा उनकी मस्त और टाइट चुचिओ का. उनकी चुचिओ को देख के मंन करता है के बस पकड़ के बेड पे गिरा दू और चोद डालु और नंगा करके चुचिओ को चूस चूस के उनका सारा रस पी जाउ और ज़ोर से चोद के उनकी चूत फाड़ डालूं इतनी सेक्स अपील थी उषा भाभी के अंदर. उषा भाबी का चिकना बदन
और गोरा रंग देखते हुए यह मैं यकीन से कह सकता हू के उनकी चूत भी मक्खन जैसे चिकनी होगी. उषा भाभी भी कमला की तरह मेरे साथ डबल मीनिंग वाला मज़ाक करती थी और हंस देती थी और मैं कभी कभी तो शरम से लाल लाल हो जाता लैकिन उषा को मैं अपनी भाभी मानता और उनको चोदने का ख़याल मेरे मन मे नही आया पर कभी सोचता के जैसे के अरुण अपनी वाइफ को हमारे कॉलेज के टाइम्स की प्रेमिकाओं को बदल बदल के चोदने के किस्से सुना चुक्का था तो शाएद उनके मन मे चुदवाने का ख़याल हो लैकिन मैं कुछ यकीन से नही कह सकता. हा यह ज़रूर है के अगर वोही अपनी तरफ से पहेल करती चुदवाने के लिए तो मैं ऐसे चोद्ता के वो ऐसी चूत फाड़ चुदाई करता के वो ऐसे चुदाई को कभी भूल नही पाती और हमेशा याद रखती.
मैं तो बस यह चाहता था के शादी मे एक रस्स भरी बेंगाली और एक गरम गुजराती चूत का मज़ा मेरे मोटे लंड को मिल जाए तो मेरे लंड की और मेरी दिली तमन्ना पूरी हो जाए और मज़ा आ जाए.