मस्तानी ताई

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raj..
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Re: मस्तानी ताई

Unread post by raj.. » 05 Nov 2014 09:22

गतान्क से आगे...............
वो पागलों की तरह अपनी गांद मेरे मूह पे दबाए जा रही थी, उनकी गांद बड़ी टेस्टी थी, जब उनकी स्पीड बढ़ी तो में समझ गया शायद वो झड़ने वाली है, और में वाहा से हट गया, और आगे आके खड़ा हुआ, फिर उन्होने मुझे वैसे ही देखा और में मुस्कुरा दिया पर वो कुछ बोली नही, अब में थोड़ा बोल्ड हो चुक्का था क्यूँ की में जानता था के वो भी चुदवाना चाहती है, खैर मेने उनके पेटिकोट को चुचियों तक उठाया और उन्हे देखने लगा फिर मेने उन्हे बारी बारी किस किया, ताइजी आँख बंद कर खड़ी थी, फिर मेने उन्हे चूसना शुरू कर दिया, उनकी चुचियाँ बड़ी बड़ी थी, बड़ा मज़ा आरहा था उन्हे चूसने मे फिर मेने उनके निपल को दाँतों के बीच दबाया उनके मूह से आह निकल गयी, फिर मेने महसूस किया पहली बार ताइजी ने कुछ हरकत की, वो मेरा सर सहला रही थी और मेरे सर को अपनी चुचियों पे दबा रही थी, मेने काफ़ी देर बारी बारी दोनो चुचियों को चूस के लाल कर दिया था और बाइट भी किया, फिर में अपने घुटनो पे बैठ गया और पानी से उनकी चूत का एरिया सॉफ करने लगा, उनकी चूत सॉफ थी, बस हल्के बाल थे और गदराई हुई थी, मेने उससे गौर से देखा और फिर उसपे हाथ घुमाने लगा, वो ऊऊओह आआआः कर रही थी, में अपनी नाक उनकी चूत के पास ले गया और उसे सूंघने लगा, बड़ी ही प्यारी खुश्बू आरहि थी, फिर मेने हल्के से उनकी चूत पे किस किया, वो काँप उठी और मेरे कंधो का सहारा ले कर अपना बॅलेन्स बनाया, अब में उनकी चूत को बाहर से लीक कर रहा था, अब वो एक हाथ से अपना बॅलेन्स बनाए हुए थी और दूसरा हाथ मेरे सर पे घुमा रही थी और उसे अपनी चूत की तरफ पुश भी कर रही थी, बहते हुए पानी के साथ उनकी चूत बड़ी टेस्टी लग रही थी, और में अपनी पूरी जीभ उनकी चूत पे घुमा रहा था, वो ऊऊऊओह आआआआआअहह किए जा रही थी, और बड़बड़ा रही थी,, आआआआआअहह माआआआआआआआआअज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जाआआआ आआआआराआआआआआअहह अहह, ऊऊऊऊहह और चूसूऊऊऊऊऊऊओ आआहह हह खाआआआआअ जऊऊऊऊऊओ, अब मेने उनकी चूत फैलाई और अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी और घुमा रहा था, वो पागल हो रही थी, उन्होने मेरे सर को और ज़ोर से पुश कर दिया अपनी चूत पे, अब में अपनी जीभ अंदर बाहर कर रहा था, ओह्ह्ह दोस्तों क्या बताउ उनकी चूत का सॉल्टी टेस्ट मुझे अछा लग रहा था,अब मेने अपनी जीभ की स्पीड बड़ाई और उन्हे अपनी जीभ से चोद रहा था, वो पागल हुए जा रही थी,


अब उन्होने मेरे सर को दोनो हाथों से पकड़ के अपनी चूत से चिपकाए रखा था, उनका बस चलता तो मुझे साँस ना लेने देती, वो कहे जाआआ रहियीईईईई थीईईईईइ आआआहह रुकना मात्त्तटटतत्त आआहौर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करूऊऊऊऊऊ मजाआाआआआआ आअरहा है, में झड़ने वाली हुन्न्ञणणन् प्ल्स बेटा रुकना मात्त्तटटटटटटटतत्त. में यही चाहता के वो अपने मूह
से कहे के रूको मत, वो कहने लगी और और जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सीईईईईई चूसो चहााआअतो आआअहह खााआआआआअ जऊऊऊऊऊ में पागलल्ल्ल्ल हूऊऊऊऊ रहियीईई हूँ, आआआआआआआअ उउउउउउउउउउउउउईईईईमाआआआआ मेरााआआआ चुतत्त्टतत्त नीईई वलाआाआ है, और्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर उनकी चूत से फव्वारा निकला और सारा मूह में आगया में भी जितना अंदर ले सका उतना ले रहा था, वो मेरा सर में चूत की ओर दबाए जा रही थी, फिर कुछ देर बाद उनका शरीर ढीला पड़ गया और उन्होने मेरे सर पे अपनी ग्रिप ढीली की, फिर में भी मूह सॉफ करके खड़ा हुआ तो उन्होने मेरे होंठों पे किस किया और कुछ बोले बिना वहाँ से पंप हाउस में चली गयी


फिर हम दोनो तैयार हुए और घर की ओर चल पड़े, हमारे बीच की जो शान्ती थी वो वैसे ही बनी हुई थी, पर हम दोनो जानते थे के हम बोहत आगे बढ़ चुके थे, खैर हम घर पोहचे भोला और पार्वती दोनो वहीं थे, ताइजी ने पूछा उनसे खाना बना लिया तो उसने कहा हां मालकिन बना दिया है, और भोला कहने लगा साहिब को दवाई और खिचड़ी दे दी है और मालिश भी कर दी है, ताइजी ने फिर उन्हे कहा तुम दोनो भी खा लो और लौट जाओ, वो दोनो किचन में चले गये और हम खाना खाने बैठ गये, खाना खाने बाद हम बरामदे में बैठे हुए थे, तभी दीदी और पूजा भी आगाये, फिर ताइजी ने उनसे पूछा के काम होगया तो उन्होने बताया के अर्जी डाल दी है कल मिल जाएगा, ताइजी गुस्से में कहने लगी कि अभी कल फिर जाना होगा तो दीदी ने कहा मा अब मेरा जाना ज़रूरी नही है, मेने अर्जी दी है और उसके पैसे भी भर दिए है, कोई भी यह रसीद ले जाएगा तो उसे वो पेपर मिल जाएँगे, पर ताइजी कहने लगी अगर में जा सकी तो ठीक है वरना तुम ही हो आना, दीदी ठीक है बोलके पूजा के साथ खाना खाने बैठ गयी, ताइजी भी अपने कमरे में चली गयी और में पूजा और दीदी के साथ बात करने लगा, बातों बातों में मेने देखा के दीदी इतनी चालक नही है, वो बोहत भोली है और इस दुनिया से काफ़ी दूर है, खैर में तो अपनी ताइजी को चोदने के सपने को सहकार करने की सोचता हुआ अपने रूम में चला गया, इतना घूमने के बाद थकान हो चुकी थी, में सोया और कितनी देर तक सोया वो भी पता नही था, फिर ताइजी मेरे रूम में आई और मुझे जगाया और कहने लगी उठो तुम्हारा थोडा काम है, और स्टोर रूम से कुछ समान उतरवा दो, मेने कहा ठीक है, जब में नीचे आया तो देखा के घर में कोई भी नही है, दीदी और पूजा अपने किसी सहेली के यहाँ गयी है और वहीं खाना खा के आएँगी.

raj..
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Re: मस्तानी ताई

Unread post by raj.. » 05 Nov 2014 09:22



खैर में जब स्टोर रूम में आया तो उन्होने कहा के उपर के शेल्फ से बाटी(डाल बाटी ईज़ आ डिश फ्रॉम राजस्थान) का कुक्कर उतार दे, ईवन आइ वाज़ इन हाफ स्लीप सो डिन चेक व्हाट शी वाज़ डूयिंग आंड व्हेरे शी वाज़ स्टॅंडिंग आंड ऑल, आफ्टर गिविंग हर टू कुक्कर आइ वेंट टू गेट फ्रेश, आफ्टर सम टाइम शी सेड तुम क्या कर रहे हो मेने कहा कुछ नही शी सेड मुझे ताउजी को मालिश करने जाना है, खाना चढ़ा दिया है थोड़ी देर में रेडी हो जाएगा, वो मालिश करके नीचे आई और फिर हमने खाना खाया और बातें करने लगे, मेने उन्हे चोदने के लिए बेताब हो रहा था, इतने में लाइट चली गयी, थोड़ी देर बार पता चला के सिर्फ़ हमारी लाइट गयी है, मेने ताइजी से कहा फ्यूज़ कहाँ लगा है ज़रा बताओ तो चेक करे, उन्होने ने टॉर्च उठाई और बोला आजा, वो आगे थी और में पीछे था, अंधेरा काफ़ी होने से कुछ नही दिखाए दे रहा था, फिर हम जहाँ फ्यूज़ चेक करना था उस जगह पे आगाये, ताइजी मेरे आगे खड़ी थी, फिर मेने उन्हे लाइट वहाँ दिखाने को कहा उन्होने फ्यूज़ पे लाइट गिराई, मेने खोल के देखा तो फ्यूज़ उड़ गया था, मेने वहाँ साइड में पड़ी तार से वापस बाँध लिया पर तभी मेने महसूस किया के मेरा लंड खड़ा हो रहा है, देखा तो ताइजी अपनी गांद घिस रही थी उस पर, फिर में उनकी चूत पे सारी के उपर से हाथ घुमाने लगा और ब्लाउस के उपर से चुचियाँ भी दबाने लगा, वो भी बोहत गरम हो चुकी थी, पहली बार ऐसा हुआ के हमने एक दूसरे से कुछ नही बोला काफ़ी देर तक औ रेज़ ही एक दूसरे की बॉडी को फील करते रहे, फिर मेने उनके ब्लाउस के हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी खोल दिया और उनकी चुचियों को आज़ाद कर दिया, अब मेने उनकी सारी उपर उठाने लगा और कमर तक उसे चढ़ा दिया और उनकी पॅंटी भी उतार दी, ताइजी भी शायद मेरा ऐसा रूप देख के चौक गयी होंगी, अब में बिना कुछ फोरप्ले किए उन्हे चोदने का मॅन बना चुक्का था, मेने अपनी पॅंट की ज़िप खोली और मेरे तने हुए लंड को बाहर निकाला और ताइजी को हल्का सा झुकाते हुए लंड उनकी चूत के मुँह पे रख दिया, वो कुछ समझ पाती उसका उन्हे समय ही नही मिला, उनकी चूत एक दम गीली हो चुकी थी, मेने लंड को उनकी चूत में पुश किया और जैसे ही मेरे लंड का सूपड़ा अंदर गया उनके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी और मेने अपना हाथ उनके मूह पे रखा और एक ही झटके में पूरा लंड अंडर डाल दिया, वो छटपटाने लगी उन्होने मेरे हाथ को भी काट लिया, जब वो थोड़ी शांत हुई तो मेने लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, वो सिसकिया ले रही थी और बढ़ाए जा रही थी, ऊऊहह माआआआआआआअ मॅर गाइिईईईईईईईईईईईई तेरााआ लुंद्द्द्द्द्द्दद्ड तो बोहतत्तटटटटतत्त बड़ाआाआआआ हाईईईईई मेरी जान निकल दीईईईईईइ, आआआआ ऊऊऊऊऊऊऊहह उउउउउउउउईईईईईइ माआआआआअ चोद बेटा अपनी ताइजी को जम कर चोद, प्यास बुझा दे इस चूत की, तेरे ताउजी के कुछ करते ही नही, तू ही बुझा दे प्यासस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआअहह, में उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और पीछे से ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था, ठप ठप की आवाज़ आती जब भी में लंड अंडर डालता, वो पागल हुई जा रही थी, में उनके बूब्स को बोहत ज़ोर से दबा रहा था वो कह रही थी, आआआआररररमम्म्ममम सीईए कार्रर्र्र्ररर, पर में सुन ने के मूड में नही था, और में उन्हे ज़ोर ज़ोर से चोद्ता रहा, वो 2 बार झाड़ चुकी थी, और मुझसे मरी आवाज़ में कहने लगी बेटा अब पैरो में जान नही है, मेने उन्हे वहीं लिटा दिया और उनकी दोनो टांगे अपने शोल्डर पे रखके झटके मारने लगा, वो दर्द और मज़े के मारे सिस्केये जा रही थी, ऊऊऊहह आआआआआआआअ और्र्र्र्र्र्र्र्ररर जोर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर से छोद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड आआआआअहह मजाआाआआआ आगय्ाआआआ, फिर मेने उनके लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए और उनके शोल्डर्स के नीचे से हाथ ले जाते हुए उन्हे टाइट पकड़ लिया अब में ऑलमोस्ट अपना लंड बाहर निकालता और पूरा का पूरा एक साथ में डाल देता, वो अब ग्रोन कर रही थी, उनके मूह से आवाज़ निकल रही थी, और उस छोटे से कमरे में आवाज़ उनकी गूँज रही थी, में झड़ने वाला था, और मेने बड़े बड़े और लंबे लंबे झटके लगाने शुरू कर दिए और जब में झड़ने वाला था तब मेरे मूह से पहली बार आवाज़ निकली ऊहह ताइजीीइईईईईईईईईई में झड़ने वाला हूँ, वो मुझे बोली अंडर ही निकाल दे बेटा, भर दे मेरी चूत को अपने पानी से, फिर में झाड़ गया, और शायद में जिंदेगी में पहले इतना कभी झाड़ा नही था, में और ताइजी पूरे पसीने में भीग गये थे, में उनके उपर लेट गया हम दोनो में से कोई कुछ नही बोला और ऐसे ही एक दूसरे की बाँहो में पड़े रहे कुछ देर बाद हम उठे और अपने कपड़े ठीक किए और फ्यूज़ लगा के लाइट चालू की और वहाँ से निकल गये,
हम दोनोने हाथ पाँव धोए और अपने अपने कमरो में सोने चले गये,


सुबेह जब उठा तो देखा दीदी(सुजाता) घर का काम कर रही थी, और पूजा अपने दोस्त के यहाँ पढ़ने चली गयी थी, मेने दीदी से पूछा के ताइजी कहाँ है, तो उन्होने बताया के वो खेत में गयी है अभी आती ही होंगी, में फ्रेश हुआ और दीदी ने मुझे नाश्ता दिया, मेरा नाश्ता शुरू ही हुआ था के ताइजी खेतों से लौट आई, वो उस समय मुझसे ना बात कर रही थी ना नज़रे मिला रही थी, में उनके ऐसे व्यवहार से परेशान होगया, उन्होने अपने हाथ पाँव धोए और मेरे पास पड़ी खाट पे आके बैठ गयी, जब दीदी किसी काम से किचन के अंडर गयी, तो ताइजी मुझसे कहने लगी, आछे से खाले बेटा आगे बोहत मेहनत करनी है तुझे, उनके चेहरे पे एक शरारत भरी मुस्कान थी, मेरी जान में जान आई, मेने कहा ताइजी में तो काम करने के लिए हमेशा तैयार हूँ आप बस मौका दीजिए, और उनकी तरफ देख के मुस्कुराने लगा, वो बोली मौका तो देना पड़ेगा तूने कल इतना अछा काम जो किया है, फिर दीदी आई और हमारे पास बैठ के बात करने लगी, दीदी ने ताइजी से पूछा सब ठीक है ना खेतों पे, ताइजी बोली सब ठीक तो है पर भोला मिला नही था अभी शाम में जाउन्गि फिर से, में समझ गया के शाम में शायद मौका मिलेगा ताइजी को चोदने का, फिर वो मुझसे बोली के तू भी चलना मेरे साथ, मेने कहा जी ताइजी, फिर दीदी ने ताइजी को कहा के मा मेरी एक सहेली अभी कुछ देर में आएगी मुझसे मिलने, तो ताइजी ने पूछा क्या हुआ तो वो बोली ऐसी ही मिलने आ रही है, फिर कुछ देर बाद दीदी की दोस्त आ गई, में बाहर ही बैठा था, दीदी उनको लेकर अपने रूम में चली गयी, ताइजी किचन में थी, मेने सोचा ताइजी के साथ थोड़ी मस्ती ही कर लूँ, में किचन में चला गया, ताइजी प्लॅटफॉर्म के पास खड़ी थी और सब्जिया काट रही थी, ताइजी के घर का किचन बोहत बड़ा था और चारों तरफ से प्लॅटफॉर्म था, बस एक साइड से ही खुला था आने जाने के लिए, ताइजी ने मुझे आते हुए नही देखा और मेने उन्हे पीछे से जाके पकड़ लिया, वो एक दम से डर गयी, और मेरी तरफ देख के मुझे मारने लगी(प्यार से) नालयक तूने तो मुझे डरा ही दिया, और तू यह क्या कर रहा है, सुजाता और उसकी सहेली हैं घर में अगर वो देख लेंगी तो अनर्थ हो जाएगा, मेने कहा ताइजी कंट्रोल ही नही हो रहा था क्या करू, में उनकी गांद पे अपना लंड घिस रहा था और बात कर रहा था, वो बोली बेटा कोई देख लेगा, वो भी अपनी गांद मेरे लंड पे घिस रही थी और बात कर रही थी, वो मेरी बाहों से निकल ना तो नही चाहती थी पर किसी के देख लेना का डर खाए जा रहा था, ताइजी अपनी गांद घिसते हुई कहती रही छोड़ दे बेटा कोई आजाएगा, पर में नही मान रहा था, अचानक दीदी की आवाज़ आई शायद वो किचन की तरफ ही आरही थी, और अगर मुझे वो ताइजी के पीछे खड़ा देख लेती तो गजब हो जाता, ताइजी भी घबरा गयी, में नीचे बैठ गया, अब ताइजी प्लॅटफॉर्म पे सपोर्ट लेके खड़ी हुई थी और में नीचे बैठा हुआ था, में बिना आवाज़ किए वहीं बैठा रहा, दीदी और उनकी सहेली आई और ताइजी से कहने लगी के मा में कुछ देर में आती हूँ, ताइजी ने बिना कुछ पूछे कहा ठीक है, मेरे शैतान दिमाग़ में एक ख़याल आया के क्यूँ ना ताइजी को तडपया जाए, और जब ताइजी भी थोड़ी शांत हुई तो में एक हाथ उनकी टांगो पे सारी के उपर से घुमा ने लगा, वो घबरा गयी, और बचने के प्रयास करती रही, पर वो जानती थी के वो कुछ नही बोल सकती थी, मेने अपना हाथ सारी के अंडर डाला और उनकी झंघों पे घुमाने लगा, वो कुछ नही बोल पा रही थी, और अपनी टाँगो के बीच मेरा हाथ दबाने के कोशिश कर रही थी, फिर ताइजी ने मुझे देखा और आँख दिखाते हुआ कहा नहीई बेटा, यहाँ नही कोई देख लेगा, मेने कहा मुझे तुम्हारा रस पीना है, वो बोली धात पागल, मेने कहा मुझे अभी ही चाहिए, फिर मेने हाथ उनकी पॅंटी पे रख दिया उनकी चूत गरम थी और शायद ताइजी भी गरम होगयि थी, उनकी चूत के हिस्से वाला पॅंटी का भाग गीला था, में उनकी पॅंटी के उपर से चूत पे हाथ घुमाने लगा, मेने कहा तुम्हारी पॅंटी गीली हो गयी है, वो धीमी आवाज़ में बोली, अब तेरा जैसा लौंडा मुझे च्छुएगा तो क्या गरम नही होंगी क्या, फिर में दोनो हाथ सारी में डालके उनकी पॅंटी नीचे खिचने लगा, उन्होने मेरा हाथ को रोक दिया, और कहने लगी बेटा मेरे राज यहाँ कोई आजाएगा तो तकलीफ़ हो जाएगी, शाम में खेत मे चलना और जितना मर्ज़ी मेरी चूत का रस पी लेना, अभी छोड़ दे, मेरा राजा बेटा, मेने कहा मुझे तो अभी और यहीं पीना है, फिर वो दूसरी जगह जाके के खड़ी हो गयी, में वहाँ जाके उनके नीचे बैठ गया, जहाँ वो खड़ी थी उस प्लॅटफॉर्म के नीचे शेल्फ नही था, शायद गॅस सिलिंडर रखते होंगे, में समझ गया के ताइजी यहाँ क्यूँ आई है, मेने उनकी सारी और पेटीकोत उठाया और अपना सर अंडर डाल दिया, ओह्ह दोस्तों क्या बताउ उनके पेटीकोत के अंडर ताइजी की चूत रस की सुगंध फैली हुई थी, मेरा लंड एक दम टाइट हो गया, अब अगर कोई आता तो उससे लगता के ताइजी काम कर रही है, और मुझे जल्दी देख भी नही पाता, में ताइजी की चूत पनटी के उपर से चाटने लगा, वो भी मस्त हो गयी थी, और धीरे धीरे बोल रही थी ऊऊऊहह बेटा मात्तत्त करूऊओ मुझसीईई कॉंटरोल्ल्ल्ल नहियिइ होगाआअ, फिर मेने उनकी पॅंटी खिच के उतार दी, और अब उनकी चूत मेरी आँखों के सामने थी,

raj..
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Re: मस्तानी ताई

Unread post by raj.. » 05 Nov 2014 09:23

मेने अपनी जीभ उनकी चूत पे घुमाई तो उन्होने ज़ोर से सिसकिया लेना शुरू कर दिया, वो अपना बॅलेन्स शायद प्लॅटफॉर्म पे बनाए खड़ी थी, उनकी टांगे थोड़ी चौड़ी होगयि थी, फिर में उनकी चूत चाटने लगा, वो कहने लगी रुक्ककक जाओ बएटााअ इधेर मात्त्ततत्त करूऊ कोइइ आअजेगाआअ, में नही रुका और उनकी चूत में जीभ अंडर बाहर करने लगा, उनकी टांगे पूरी पसीने से गीली हो गई थी, और शायद उन्हे बोहत पसीना भी आरहा होगा, वो सारी के उपर से मेरे सर को पकड़ के उनकी चूत में घुसाने लगी, इतने में दीदी की आवाज़ आई, ताइजी घबरा गयी और कहने लगी सुजाता आराही है, जाओ यहाँ से, मेने सारी के अंडर से ही कह दिया के में कहीं नही जा रहा हूँ, दीदी किचन में आगाई, और ताइजी को देखकर पूछा मा क्या बात है, आपकी तबीयत तो ठीक है ना??, आपको इतना पसीना क्यूँ आरहा है, ताइजी हड़बड़ते हुए बोली स्साब ठीक है बेटा, आज गर्मम्मी बोहत है ना इसलिए, वो वहीं बैठी रही कुछ देर तक, मेने अपना काम चालू रखा, और मेने ताइजी की चूत चाटना जारी रखा, वो पागल हुई जा रही थी, मेरी जीभ उनकी चूत को मज़े दे रही थी, और सामने बेटी होने की वजह से वो खुल के मज़ा भी नही ले पा रही थी, फिर मेने उनकी चूत में उंगली डाली और अंडर बाहर करने लगा, उनके मूह से उउउइइ माआअ निकल गया, दीदी ने पूछा क्या हुआ, वो बोली शायद चीटी ने काटा है, फिर कुछ देर बाद जब दीदी चली गयी तो उन्होने अपनी सारी उठाई, और मेरे कान ज़ोर से पकड़े और कहने लगी एक नंबर का नालयक है तू, में पसीने से भीग गया था और ताइजी की चूत का रस मेरे पूरे मूह पे पड़ा हुआ था, मेने उन्हे नीचे झुकाया और उनके होंठों को किस किया, उन्होने भी भरपूर साथ दिया और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल के घुमाने लगी, उनके मूह से म्‍म्म्मम उउम्म्म्म क आवाज़ आराही थी, फिर उन्होने मुझसे अपने आप को छुड़ाया, और किचन से चली गयी, फिर दोपेहेर में खाना खाया, और ताइजी जान बूझकर बाहर ही सोई क्यूँ की वो जानती थी अगर वो कहीं अकेले मिलती तो में उन्हे पक्का परेशान करता और इन सब में पकड़े जाने का ख़तरा भी था, मुझे कब नींद आगाई पता नही चला, शाम में उठा तो दीदी घर का काम कर रही थी, मेने दीदी से पूछा ताइजी कहाँ है तो वो बोली वो तो अभी अभी खेत पे गयी है, और आपको बुलाया है, में तुरंत हाथ मूह धोके खेतों की ओर चल पड़ा, जब में पंप हाउस के उधेर पोह्चा तो देखा ताइजी भोला और पार्वती बैठ के बात कर रहे थे, में भी वहीं जाके बैठ गया, ताइजी ने मुझे देख के एक मस्ती वाली स्माइल दी, में समझ गया वो भी इतनी ही बेताब है, कुछ देर बाद उन्होने मुझसे कहा के चलो घर चलते हैं, में निराश हो गया, ताइजी ने गुलाबी रंग की सारी पहनी हुई थी, और आज उन्होने सारी कुछ ज़्यादा ही नीचे बाँधी हुई थी, वो बोहत सेक्सी लग रही थी, खैर हम घर की ओर चलने लगे, हम दोनो साथ साथ चल रहे थे, जब हम पंप हाउस से थोड़ा दूर आगाए तो मेने ताइजी की गांद पे हाथ रख दिया, उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा सबर नही है तुम में, मेने कहा आप के जैसा माल हो तो सबर किसे रहेगा, वो मेरे मूह से माल शब्द सुन के चौक गयी, और कहने लगी नालयक तुझे शरम नही आई मुझे माल कहते हुए, मेने कहा माल को तो माल ही कहेंगे ना ताइजी, और बातें करते हुए भी में उनकी गांद पे हाथ घुमा रहा था, वो बोली छोड़ दे कोई देख लेगा, मेने उनकी गांद ज़ोर से दबाई और कहा ऐसे कैसे छोड़ दूं, वो बोली थोड़ा सबर रखो सब होगा, हम घर आगाये, दीदी खाना बना चुकी थी, हमने हाथ पाँव धोए और खाना खाने बैठ गये, खाना खाने बाद, दीदी अपने रूम में चली गयी, ताइजी ने कहा में भी तेरे ताउजी की मालिश करने जा रही हूँ, मेने कहा में भी चलता हूँ, वो बोली जैसी तेरी मर्ज़ी, अब हम ताउजी के रूम में आ गये, ताउजी जाग रहे थे, मेने उन्हे देख के प्रणाम किया, और वहाँ बैठ गया, ताइजी ने ताउजी को दवाई दी और उनकी मालिश करने लगी,
दोस्तो ताई जी के साथ सुहागरात अब जल्दी ही होने वाली है आगे के पार्ट पढ़ते रहिए आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः................


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