मासूम बच्चे की ख्वाहिश
हेलो दोस्तो मैं रश्मि दिल्ली से वैसे तो पंजाबी हूँ बट शादी के बाद देल्ही आ गई, में अपने बारे मे थोड़ा इंट्रो दे दूं फिर स्टोरी पर आउन्गि तो दोस्तों मेरी एज 24 रंग गोरा और फिगर 38डी-28-40 जो कि टाइपिकाल पंजाबी गॅल्स का होता है,,,शादी को 2 साल हो चुके है बच्चा कोई नही वजह आप जानते है पति घर पर रहे तो बच्चे के चान्स बने,,,:-) मेरे पति मेरीन इंजीनियर है और साल मे 10 मंत शिप पर रहते है. हमारी फमिली में हम पति पत्नी, जेठ जी और उनकी पत्नी, उनका एक 10 साल का बेटा और मेरे ससुर रहते थे ,,,,,,,,,,,, "थे" का मतलब आप को आगे पता लग जाएगा........... बात कुच्छ ज़्यादा पुरानी नही है कोई 6 मंत्स हुवे हैं,,मेरी शादी के 3 मंत बाद ही जेठ जी और उनकी पत्नी की डेथ एक कार आक्सिडेंट मे हो गयी, अब आप थे का मतलब समझ गये होंगे,, नाउ हम घर मे सिर्फ़ 3 लोग बचे मे, ससुर जी और जेठ जी का बेटा जब उनकी डेथ हुई तो नॅचुरली उनका बेटा मुझसे बहुत अटॅच्ड हो गया, उसका सारा काम मे ही करती हूँ,होम वर्क , ब्रेक फास्ट , लंच बॉक्स, डिन्नर यहाँ तक कि जब तक वो सो नही जाता मुझे अपने पास से उठने नही देता,, 6मंत्स पहले तक कभी मेने सोचा भी नही था कि ऐसा कुच्छ मेरे साथ भी हो जाएगा, जब में इन्सिस्ट पढ़ती थी तो मुझे सब झूठ लगता था,, खैर 6 मंत्स पहले एक दिन बंटी[मेरे जेठ जी का लड़का] स्कूल से काफ़ी लेट हो गया दुपहर मे उसका वेट करते हुवे मे अपने रूम मे आकर सो गयी. कुच्छ देर बाद बंटी स्कूल से आया तो मुझे उसकी आवाज़ आई वो मुझे ही पुकार रहा था,ढूँढते ढूँढते वो मेरे कमरे मे आ गया मेने कहा आज लेट क्यूँ हो गये तो उसने कुच्छ नही कहा मेने फिर कहा खाना डाइनिंग टेबल पर रखा है ख़ालो, तब उसने कुच्छ अजीब से अंदाज़ मे कहा कि मुझे नही खाना, उसकी आवाज़ कुच्छ घबराई हुई सी थी तब मेने उसे गोर से देखा उसकी साँसे भी तेज़ चल रही थी मेने पूछा क्या हुवा तो बोला मुझे आप से कुच्छ पुच्छना है मेने कहा क्या ? तो उसने जो मुझे बताया पहले आप वो पढ़ ले
बंटी:- चाची जी लड़के और लड़की क्या करते हे,, आज ऑफ के स्कूल के टाय्लेट मे एक लड़का और एक लड़की को मेने देखा वो क्या कर रहे थे
में:-ये तुम केसी बाते कर रहे हो चलो जाओ और खाना खाओ
बंटी:-नही पहले आप बताओ वो क्या कर रहे थे नही तो में दादाजी से पुछुन्गा?
तब मेने सोचा बच्चा है यह सब देख कर उत्सुक तो होगा अगर उसकी उत्सुकता शांत नही की गयी तो हो सकता है वो कोई और रास्ता निकाले जो उसके लिए ग़लत हो सकता है,, और वो बिगड़ भी सकता हे तब मेने फ़ैसला किया कि उसे कुच्छ बता कर बहला दूँगी ,,,,लेकिन यही सोच मेरी ग़लती बन गयी..... मेने उससे कहा बेटा यह बड़े लोग करते हे
बंटी:- लेकिन वो तो मुझ से सिर्फ़ 3 क्लास सीनियर थे
में:- हां बेटा इसे प्यार करना कहते हे वो दोनो प्यार कर रहे थे
बंटी:- आप तो मुझसे ऐसा प्यार नही करती?
में:- बेटा वो प्यार में तुम्हारे चाचा जी के साथ करती हूँ
बंटी:- लेकिन उन्होने कपड़े क्यूँ उतारे हुवे थे?
अब मे थोड़ा झल्ला गयी कि यह तो बहेल ही नही रहा है
में:- बेटा यह प्यार कपड़े उतार कर ही होता है
बंटी:- तो क्या इसमे मज़ा आता हे
में:- हां बेटा बहुत मज़ा आता हे
इसके बाद मेने उससे गोर से देखा उसकी साँस और तेज़ हो गयी थी और उसका हाथ अपने लंड की जगह पर रखा हुवा था फ्रेंड्स में भी एक औरत हूँ वो भी शादी शुदा जिसे पिच्छले 1.5 यियर्ज़ से सेक्स का मज़ा नही मिला वजह मेरे पति शादी के बाद 4 मंत्स लीव पर थे अब उन्हे कॉन्टिन्यू... 20 मंत्स ड्यूटी करनी थी...
जब मेने उसके लंड की तरफ देखा तो मुझे कुच्छ हुवा मेने फिर गोर से उसके लंड को देखा निक्कर का वो हिस्सा काफ़ी उठा हुवा था ... बंटी ने फिर कहा चाची जी हमे पता नही क्या हो रहा है
मेने पुछा क्या हो रहा है तो वो थोड़ा झिझक कर अपने लंड पर से हाथ हटाता हुवा बोला यहाँ दर्द हो रहा है मेने पुछा कब से.अब मेरी नज़रे उसके लंड का उठाव महसूस कर रही थी, उसने कहा जबसे हमने स्कूल में वो सब कुच्छ देखा है
चाची जी हमे सब कुच्छ जानना है प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ बताइए ना क्या होता है..
तो मेने फ़ैसला किया कि आज इसे बता ही देती हूँ
मेने कहा फिर तुम मेरे पास आओ और अपने कपड़े उतारो तो उसने कहा कपड़े क्यू उतारू मेने थोड़ा गुस्से से कहा अगर तुम्हे सब जानना है तो कपड़े उतारो
वो इतना उत्सुक था कि फॉरन अपने सारे कपड़े उतार दिए और में उसका लंड देख कर कुच्छ देर के लिए सब कुच्छ भूल गयी.... आप लोग यकीन नही करेंगे मगेर उसका लॅंड 10 साल की एज मे 6"इंच लंबा और करीब 2 इंच मोटा था उसे देख कर मेरी चूत मे खुजली होने लगी लेकिन फिर मेने अपने आप को समझाया कि वो एक बच्चा है....जब वो मेरे पास आया तो उसकी आँखें लाल हो रही थी मेने उससे कहा बेटा यह जो तुम्हारी नूनी है इसे लड़की की चूत मे डालते हैं ..
बंटी:- चाची यह क्या होती है
तब मेने अपनी नाइटी उतार कर उसे अपनी चूत दिखाई तब तक मेरा उसके साथ सेक्स करने का कोई मूड नही था.
बंटी ने कहा चाची में भी अपनी नूनी आपकी चूत मे डालूगा, में थोड़ा डर गयी कि यह तो सर पर ही चढ़ा जा रहा है मैं इसे बच्चा समझ कर कर सब बता रही हूँ और यह है कि मान ही नही रहा है , तब फिर वो बोला चाची मेने भी इसे आपकी चूत मे डालना है उसके अंदाज़ मे बच्चो वाली ज़िद थी ना कि कोई सेक्स अपील
मेने उसे फिर समझाया . नही बेटे इसमे सिर्फ़ तुम्हारे चाचा जी की नूनी डालते हैं तुम अपनी नूनी शादी के बाद अपनी वाइफ की चूत मे डालना
यह सब शादी के बाद करते है
तो वो बोला लेकिन स्कूल वाली गर्ल/बॉय की शादी तो नही हुई थी फिर वो क्यू कर रहे थे..
हमे नही पता अब हमे भी वोही करना है ,,, तो मेने सोचा अभी इसका लंड खड़ा है जब तक यह ठंडा नही होगा ऐसे ही परेशान करेगा यह सोच कर मेने उसे कहा ठीक है इधर आ कर लेट जाओ उसके बाद मे उसके लंड को सहलाने लगी और धीरे धीरे मूठ मारने लगी मेने सोचा था कि इससे वो शांत हो जाएगा लेकिन मूठ मारते हुवे में खुद गरम हो गई और मेरी चूत बुरी तरह गीली होने लगी तब मैं धीरे से उसका लंड मुँह मे ले कर चूसने लगी उसके मुँह से सिसकिया निकल रही थी और मैं जैसे तैसे अपनी आग पर काबू रखे हुवे थी कुछ ही देर मे वो छूट गया तो मेने उसका सारा पानी मुँह मे से थूक दिया इसके बाद उसने कहा सॉरी चाची मुझे पता ही नही लगा और मेने आपके मुँह मे सू सू कर दी तब मुझे उसकी मासूमियत पर हँसी आ गयी मेने कहा कोई बात नही अब तुम जाओ और खाना खा खाकर सो जाना क्योंकि अब वो ठंडा हो चुका था इसलिए बिना कुच्छ कहे चला गया और में अपनी आग अपनी उंगलियों से शांत करने लगी ....अपने आपको ठंडा करने के बाद मैं भी सो गयी... उसके बाद शाम को उठ कर मेने खाना बनाया रात का खाना खाने के बाद जब सब अपने अपने रूममे चले गये थे मैं भी अपने रूम मे आकर लेट गयी, लेटे लेटे मे अपने और अपने पति की सेक्स लाइफ के बारे मे सोचने लगी कि वो किस तरह 4प्ले करते हे कैसे मुझे गरम करते है यही सब सोचते हुवे मे गरम हो गयी और नीचे से आवाज़ आने लगी प्लीज़ कही से लंड ले आओ तब मे एक बार फिर अपनी उग्लियों को तकलीफ़ देने लगी..........
उंगली करते हुवे मुझे बंटी का लंड याद आ गया उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी हालत खराब होने लगी नीचे से आने वाली आवाज़ अब ओर भी तेज़ हो गयी थी रह रह कर मेरी चूत किसी का लंड माँग रही थी ,,,,,, तभी डोर पर किसी ने नॉक किया मेने पुछा कॉन ?
बंटी ने कहा मैं हू चाची
आ जाओ क्या हुवा बंटी तुम सोए नही अभी तक क्या बात है
बंटी ने कहा मुझे दर्द हो रहा हे मेने कहा कहाँ तो उसने अपने लंड पर हाथ रख कर बोला यहाँ मेने देखा शॉर्ट मे उसका लंड पूरी तरह खड़ा था मेने कहा यहाँ आओ और उसके बाद मे उसके शॉर्ट पर से उसका लंड सहलाने लगी,, थोड़ी देर बाद मेने पुछा कैसा लग रहा है तो कहने लगा बहुत अच्छा फिर मेने उसका शॉर्ट उतार दिया उफफफफफ्फ़ नीचे से फिर आवाज़ आई यही है यही लंड चाहिए तब मेने अपनी चूत पर हाथ रख लिया तो बंटी ने पुछा क्या आपको भी दर्द हो रहा है यहाँ पर मेने कहा हां बेटा तो उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया और मेरा हाथ हटाते हुवे बोला मे दबा देता हू जब उसने मेरी चूत पर हाथ रखा तो मेरी जान ही निकल गयी उसकी नरम उंगलियो की छुवन से ,,,
चाची मुझे वोही करना है जो स्कूल मे वो लड़का लड़की कर रहे थे मेने सोचा अब तो मुझे भी वोही करना है ,,,
ओके तुम डोर बंद कर के आओ जब तक वो डोर क्लोज़ कर के आया मे अपनी नाइटी उतार कर पूरी तरह नंगी हो चुकी थी मेने उसे बेड पर बुलाते हुवे कहा टी-शर्ट भी उतार दो शॉर्ट तो मे पहले ही उतार चुकी थी उसका वो भी पूरा नंगा हो कर बेड पर आया ऑर आते ही अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया मेने कहा रूको बेटा ऐसे नही करते हैं मैं तुम्हे आज सब सिखाउन्गि,, यह कह कर मेने उसके एक हाथ मे अपना लेफ्ट बूब दे दिया ऑर कहा दबाओ तो वो दोनो हाथो से मेरे बूब ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा उफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ उसके नरम नरम हाथो मे केसा जादू था तब मेने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा ऑर उसकी 2 उंगली चूत मे डाल कर अपने हाथ से अंदर बाहर करने लगी थोड़ी देर बाद जब मेने उसका हाथ छोड़ा तो वो खुद ही उंगली अंदर बाहर कर रहा था तब मेने अपना राइट बूब उसके होंठो से लगा कर कहा लो इसे चूसो वो आग्याकारी बच्चे की तरह सब कुच्छ करता जा रहा था और मैं धीरे धीरे उसका लंड सहला रही थी यही सब करते करते अचानक उसके हाथ और मुँह की पकड़ मेरे बूब्स पर एकदम टाइट हो गयी और वो फारिग हो गया थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा गया तो वो गुस्से से कहने लगा यह आपने क्या किया अब मे वो कैसे करूँगा तो मेने कहा बेटा तुम फिकर मत करो मैं हूँ ना आज तुम वो भी करोगे इतना कह कर मेने उसे अपने उपर 69 की पोज़िशन मे लिटा लिया और उसे अपनी चूत को चाटने का कहा वो फॉरन मेरी चूत से किसी जोंक की तरह चिपक गया और मेने उसका मुरझाया हुवा लंड अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगी अभी तक जो भी हुवा था उससे मेरी चूत इतनी गरम हो गयी थी कि फॉरन लंड माँग रही थी मेने अपनी पूरी कोशिश की और उसका लंड 5 मिंट बाद ही नींद से जाग गया फिर मेने बंटी को अपने उपर सीधे लिटाया और उसका लंड अपने हाथ से चूत के मुँह पर टिका कर उससे कहा अंदर करो उसने पूरी ताक़त से धक्का लगाया और लंड एक ही झटके मे जड़ तक अंदर उतर गया 15 मिनट की ज़ोर आज़माइश के बाद हम दोनो एक साथ फारिग हुए और यह सिलसिला अब तक चल रहा हैं रोज़ रात मे बंटी मेर साथ सोता है और एक बार सेक्स ज़रूर करती हू,
दोस्तो ये तो साली कुतिया बन गई है अब इसको कौन समझाए कि एक बच्चे के भविष्य को खराब कर रही है दोस्तो सेक्स करना बुरा नही है मगर एक छोटे बच्चे के साथ सेक्स करना ग़लत बात हैऐसा किसी को नही करना चाहिए आपका दोस्त राज शर्मा
Hindi Sex Stories By raj sharma
Hindi Sex Stories By raj sharma चुदाई के दिन चुदाई की रातें
चुदाई के दिन चुदाई की रातें
मेरा नाम सुधा है और मैं बीए मे पढ़ती हूँ. दिखने में सुंदर हूँ लेकिन नेचर शर्मीली है. मेरा फिगर 36-26-36 है और रंग गोरा है. पिच्छले हफ्ते तक मैं कुँवारी थी. मैने राज शर्मा की सेक्सी स्टोरीस पढ़ी थी और ब्लू फिल्म्स भी देखी थी जिस कारण मुझे सेक्स कि समझ तो थी लेकिन किसी ने मुझे कभी चोदा नहीं था. मैं चुदाई की इच्छा के कारण हमेशा अपनी चूत को शेव कर के रखती थी कि ना जाने कब कोई चुदाई करने वाला मिल जाए. लेकिन जैसे कि मैने कहा, मैं डरती थी और किसी को चुदाई के लिए न्योता देने की हिम्मत नहीं पड़ती थी. घर में मेरे सिवा पापा और एक छोटी बेहन नामिता थी. पापा श्री हंस राज एक दुकान मालिक थे और छ्होटी बेहन 12 क्लास में पढ़ती थी. नामिता भी दिखने में बहुत सेक्सी थी. वो अक्सर स्कर्ट्स और टीशर्ट पहनती थी. उसस्की स्कर्ट्स बहुत छ्होटी होती और उसस्के उरोज़ उसस्की टी-शर्ट से बाहर निकलने को तैयार रहते.
एक दिन नामिता की नज़र मेरी पॉर्न बुक्स पर पड़ी और वो बोली,” दीदी, ये क्या बच्चो वाली किताबें पढ़ती हो, मैं तुझे ब्लू फिल्म दिखाती हूँ जिस में हबशी लड़के एक गोरी औरत को आगे पीच्छे से चोद्ते हैं. दीदी आज कल कहानी तो बच्चे पढ़ते हैं. एक बात बतायो, तेरा कोई बाय्फ्रेंड है या नहीं, कभी क़िस्सी ने तेरी चूत का उद्घाटन किया है या नहीं?” मैं अपनी छ्होटी बेहन की बात सुन कर दंग रह गयी. “नामिता क्या बकती हो? तुम अभी बच्ची हो. तुझे अपना मन पढ़ाई में लगाना चाहिए. अगर पापा को तेरी ऐसी बातों का पता चल गया तो मार पड़ेगी. फिर मुझे मत कहना” नामिता हंस पड़ी,”दीदी, जब चूत में जलन होती है तो लंड ही बुझाता है वो आग. तुझे अगर मज़े लेने हैं तो बता देना. मैं स्कीम बना लूँगी. अपने यार से तेरी भी चूत ठंडी करवा दूँगी. और रही पापा की बात, तुम फिकर मत करो. हमारे पापा भी ऐश करते हैं. तू नहीं जानती कि पापा के संबंध उषा मौसी के साथ हैं. पापा मौसी के साथ जो कुच्छ करते हैं, शायद हमारी मा के साथ भी ना किया हो उन्हों ने. दीदी ये दुनिया इतनी सीधी नहीं है जितनी दिखती है”
मेरी मा की मौत के बाद उषा मौसी हमारा ख्याल रखती थी और हमारी गली में ही रहती थी. उषा मौसी के साथ पापा का चक्कर? सोचते ही मेरी चूत गीली हो गयी. मेरी मा की मौत आज से 3 साल पहले हुई थी. नामिता मेरे पास आई और मुझे अपनी बाहों में भरते हुए मेरे गालों पर हाथ फेर कर बोली,” दीदी, ज़िंदगी मज़े लेने के लिए है. जब पापा मौसी के साथ चुदाई करते हैं तो हम को किस बात की रोक है. हम तो अभी जवान हैं. इस चूत में जो आग लगती है उसस्के लिए भगवान ने लंड नाम की मज़ेदार चीज़ बनाई है. और रही पापा की बात आज रात को तुझे पापा की और मौसी की चुदाई दिखा दूँगी और तू कहे तो कल अपने यार से तुझे भी जवानी के मज़े दिलवा दूँगी. वैसे भी साला तुझे भूखी नज़रों से देखता है वो.” मेरे मन ज़लज़ला उठा खड़ा हुआ और मेरी चूत से पानी आने लगा.
रात को उषा मौसी आई और खाना बनाने लगी. मौसा जी नाइट शिफ्ट में काम करते थे और मौसी हमारे घर ही सो जाती थी. मैने नामिता की बात सुन कर उषा मौसी को गौर से देखा. मौसी की उमर कोई 32 साल की होगी और वो भरे जिस्म की मालिका थी. चूतड़ काफ़ी भारी और चुचि भी बड़ी थी. मौसी ने ग्रीन रंग की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी लेकिन उसस्की चुचि जिस तरह उठक बैठक कर रही थी लगता था उससने ब्रा नहीं पहनी थी. पापा रसोई में चले गये और मैने देखा की पापा का हाथ मौसी के चूतड़ को टटोल रहा था और मौसी शर्मा कर नीचे की तरफ देख रही थी. मैं और नामिता डाइनिंग रूम से ये नज़ारा देख रहे थे. नामिता ने धीरे से कहा,”देखो दीदी, पापा कैसे हाथ फेर रहे हैं मौसी की गांद पर. आज ज़रूर चोदेन्गे मौसी को.” इसके साथ ही नामिता ने मेरे चूतड़ को ज़ोर से मसल दिया,” नामिता, ये क्या करती हो, कितना दर्द होता है मुझे” नामिता मुस्कुरा पड़ी,”दीदी, ये दर्द नहीं है, यही तो मज़ा है. आज दिखाती हूँ तुझे लंड और चूत का मधुर मिलन.”
टेबल पर पापा अपने सामने शराब का ग्लास रखे हुए थे और चुस्की ले रहे थे. आज वो पानी जैसी दिखने वाली शराब पी रहे थे. फिर अचानक पापा ने ग्लास मौसी की तरफ बढ़ा दिया और मौसी ने चुप चाप पी लिया. मैने देखा के पापा ने टेबल के नीचे से अपना हाथ मौसी की जाँघ पर फेरना शुरू कर दिया. पापा और मौसी की आँखों में लाल रंग के डोरे तैरने लगे थे. उनकी साँसों में तेज़ी बता रही थी की दोनो चुदाई करने के लिए बेताब हैं. नामिता और मैने खाना जल्दी से ख़तम किया और अपने अपने कमरे में चली गयी. नामिता ने मुझे आँख मारी और कहा,” दीदी आज तुम मेरे साथ ही सो जाओ, मुझे तुमसे कोई बात करनी है.” मैं उसस्के पीछे चल पड़ी. नामिता के कमरे की दीवार में एक बड़ा सा छेद था जिस में से हम दोनो पापा की चुदाई का खेल देखने वाले थे. नामिता और मैं दोनो ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और बिस्तर पर चली गयी.
नामिता का जिस्म भी बहुत सेक्सी था. उसस्के चुचक काफ़ी बड़े थे और उससने अपनी चूत को अच्छी तरह से शेव कर रखा था. मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरी बेहन ने मेरी चुचि को मसल डाला और मेरे होंठों पर किस करने लगी, मेरे चूतड़ को सहलाने लगी, मेरी चूत पर हाथ फेरने लगी,” ओह नामिता….ये क्या कर रही हो….मुझे कुच्छ होता है….मेरे बदन में झूर झूरी सी हो रही है…नामिता…..मेरी चूत में खुजली हो रही है…तुम मुझे किस कैसे कर रही हो….हाई मेरी बेहन मुझे क्या हो रहा है..तेरा आलिंगन मुझे उतेज़ित कर रहा है….तेरे बदन का सपर्श मुझे जला रहा है….मुझे छ्चोड़ दो प्लीज़” मेरे मूह से निकला तो नामिता शरारती तरीके से मुस्कुरा पड़ी और फिर से मेरी गर्दन और कंधों को किस करती रही. नामिता की जीभ से मेरी गर्दन और कंधे गीले हो गये लेकिन मुझे बहुत कामुक आनंद आ रहा था. नामिता का हाथ मेरी चूत को रगड़ने लगा तो चूत रस से उसस्की उंगलियाँ भीग गयी,” सुधा, साली देख तेरी चूत का रस कैसे बह रहा है. तेरी चूत अब चुदाई के लिए तड़प रही है. आज की रात तो मैं तुझे लेज़्बीयन प्यार से खुश करूँगी लेकिन कल तेरी चुदाई का वो बंदोबस्त करूँगी की याद रखोगी सारी उमर भर. नामिता ने अगर आज भी तेरी चूत का पानी ना निकाला तो मेरा नाम बदल देना.”
दूसरे कमरे में भी हुलचूल शुरू हो चुकी थी. नामिता मुझे छेद के पास ले गयी और हम दोनो पापा के कमरे में झाँकने लगे. पापा और मौसी दोनो शराब पी रहे थे और पापा ने मौसी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. मौसी चिहुक कर बोली,” जिज़्जु, अपने पाजामे को भी तो उतारो, अपनी साली को भी तो अपने लोड्े के दर्शन करवायो. मेरी बेहन को चोद कर तो दो लड़कियाँ पैदा कर ली हैं तुमने, अब मुझे भी तो एक बच्चे की मा बना दो मेरे जिज़्जु राजा,” मौसी बिस्तर पर टाँगें फैला कर बोल रही थी. मौसी की चूत पर काले काले बाल थे. तभी पापा ने अपना पाजामा खोल दिया और अपना काला लंड मौसी के मूह पर रख दिया और खुद मौसी की चुचि को सहलाने लगे,” उषा, मेरी रानी तेरा पति तुझे बच्चा नहीं देता क्या? अगर तू चाहे तो मैं तुझे मा बना सकता हूँ. मैने तुझे कभी ममता(हमारी मा) से कभी अलग नहीं समझा,” मौसी गुस्से में बोली,” जीजू मेरा पति कुच्छ नहीं कर पाता. साला चूत पर लंड रखते ही झाड़ जाता है और मैं तरसती रह जाती हूँ. इसी लिए तो अपने जिज़्जु के सामने टाँगें खोल देती हूँ, जिज़्जु राजा. लेकिन हर रोज़ चोरी से चुदवाते हुए डर लगता है, कहीं सुधा और नामिता को शक हो गया तो क्या होगा?”
पापा ने अपना लंड अब मौसी के मूह में धकेलते हुए कहा” मेरी दोनो बेटियाँ भी जवान हो चुकी हैं. उनको भी लंड की तलाश होगी. वो अपने पापा की स्थिति को समझ लेंगी. वो समझ लेंगी कि अगर उनका पापा उनकी मौसी को चोद लेता है तो कोई बुरा नहीं करता. ये तो डिमॅंड और सप्लाइ का सिधान्त है. अगर मेरी साली को उसका पति नहीं चोदेगा तो क्या मैं भी छ्चोड़ दूँगा उसको पड़ोसी के लिए? शाबाश मेरी रानी चूस मेरा लंड, चाट ले मेरे अंडकोष. आज की रात मैं तुझे अपने बच्चे की मा बना कर यादगार बना देना चाहता हूँ, ज़ोर से चूस लंड को रानी, काट खायो मेरे लंड को उषा रानी.”
मेरा नाम सुधा है और मैं बीए मे पढ़ती हूँ. दिखने में सुंदर हूँ लेकिन नेचर शर्मीली है. मेरा फिगर 36-26-36 है और रंग गोरा है. पिच्छले हफ्ते तक मैं कुँवारी थी. मैने राज शर्मा की सेक्सी स्टोरीस पढ़ी थी और ब्लू फिल्म्स भी देखी थी जिस कारण मुझे सेक्स कि समझ तो थी लेकिन किसी ने मुझे कभी चोदा नहीं था. मैं चुदाई की इच्छा के कारण हमेशा अपनी चूत को शेव कर के रखती थी कि ना जाने कब कोई चुदाई करने वाला मिल जाए. लेकिन जैसे कि मैने कहा, मैं डरती थी और किसी को चुदाई के लिए न्योता देने की हिम्मत नहीं पड़ती थी. घर में मेरे सिवा पापा और एक छोटी बेहन नामिता थी. पापा श्री हंस राज एक दुकान मालिक थे और छ्होटी बेहन 12 क्लास में पढ़ती थी. नामिता भी दिखने में बहुत सेक्सी थी. वो अक्सर स्कर्ट्स और टीशर्ट पहनती थी. उसस्की स्कर्ट्स बहुत छ्होटी होती और उसस्के उरोज़ उसस्की टी-शर्ट से बाहर निकलने को तैयार रहते.
एक दिन नामिता की नज़र मेरी पॉर्न बुक्स पर पड़ी और वो बोली,” दीदी, ये क्या बच्चो वाली किताबें पढ़ती हो, मैं तुझे ब्लू फिल्म दिखाती हूँ जिस में हबशी लड़के एक गोरी औरत को आगे पीच्छे से चोद्ते हैं. दीदी आज कल कहानी तो बच्चे पढ़ते हैं. एक बात बतायो, तेरा कोई बाय्फ्रेंड है या नहीं, कभी क़िस्सी ने तेरी चूत का उद्घाटन किया है या नहीं?” मैं अपनी छ्होटी बेहन की बात सुन कर दंग रह गयी. “नामिता क्या बकती हो? तुम अभी बच्ची हो. तुझे अपना मन पढ़ाई में लगाना चाहिए. अगर पापा को तेरी ऐसी बातों का पता चल गया तो मार पड़ेगी. फिर मुझे मत कहना” नामिता हंस पड़ी,”दीदी, जब चूत में जलन होती है तो लंड ही बुझाता है वो आग. तुझे अगर मज़े लेने हैं तो बता देना. मैं स्कीम बना लूँगी. अपने यार से तेरी भी चूत ठंडी करवा दूँगी. और रही पापा की बात, तुम फिकर मत करो. हमारे पापा भी ऐश करते हैं. तू नहीं जानती कि पापा के संबंध उषा मौसी के साथ हैं. पापा मौसी के साथ जो कुच्छ करते हैं, शायद हमारी मा के साथ भी ना किया हो उन्हों ने. दीदी ये दुनिया इतनी सीधी नहीं है जितनी दिखती है”
मेरी मा की मौत के बाद उषा मौसी हमारा ख्याल रखती थी और हमारी गली में ही रहती थी. उषा मौसी के साथ पापा का चक्कर? सोचते ही मेरी चूत गीली हो गयी. मेरी मा की मौत आज से 3 साल पहले हुई थी. नामिता मेरे पास आई और मुझे अपनी बाहों में भरते हुए मेरे गालों पर हाथ फेर कर बोली,” दीदी, ज़िंदगी मज़े लेने के लिए है. जब पापा मौसी के साथ चुदाई करते हैं तो हम को किस बात की रोक है. हम तो अभी जवान हैं. इस चूत में जो आग लगती है उसस्के लिए भगवान ने लंड नाम की मज़ेदार चीज़ बनाई है. और रही पापा की बात आज रात को तुझे पापा की और मौसी की चुदाई दिखा दूँगी और तू कहे तो कल अपने यार से तुझे भी जवानी के मज़े दिलवा दूँगी. वैसे भी साला तुझे भूखी नज़रों से देखता है वो.” मेरे मन ज़लज़ला उठा खड़ा हुआ और मेरी चूत से पानी आने लगा.
रात को उषा मौसी आई और खाना बनाने लगी. मौसा जी नाइट शिफ्ट में काम करते थे और मौसी हमारे घर ही सो जाती थी. मैने नामिता की बात सुन कर उषा मौसी को गौर से देखा. मौसी की उमर कोई 32 साल की होगी और वो भरे जिस्म की मालिका थी. चूतड़ काफ़ी भारी और चुचि भी बड़ी थी. मौसी ने ग्रीन रंग की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी लेकिन उसस्की चुचि जिस तरह उठक बैठक कर रही थी लगता था उससने ब्रा नहीं पहनी थी. पापा रसोई में चले गये और मैने देखा की पापा का हाथ मौसी के चूतड़ को टटोल रहा था और मौसी शर्मा कर नीचे की तरफ देख रही थी. मैं और नामिता डाइनिंग रूम से ये नज़ारा देख रहे थे. नामिता ने धीरे से कहा,”देखो दीदी, पापा कैसे हाथ फेर रहे हैं मौसी की गांद पर. आज ज़रूर चोदेन्गे मौसी को.” इसके साथ ही नामिता ने मेरे चूतड़ को ज़ोर से मसल दिया,” नामिता, ये क्या करती हो, कितना दर्द होता है मुझे” नामिता मुस्कुरा पड़ी,”दीदी, ये दर्द नहीं है, यही तो मज़ा है. आज दिखाती हूँ तुझे लंड और चूत का मधुर मिलन.”
टेबल पर पापा अपने सामने शराब का ग्लास रखे हुए थे और चुस्की ले रहे थे. आज वो पानी जैसी दिखने वाली शराब पी रहे थे. फिर अचानक पापा ने ग्लास मौसी की तरफ बढ़ा दिया और मौसी ने चुप चाप पी लिया. मैने देखा के पापा ने टेबल के नीचे से अपना हाथ मौसी की जाँघ पर फेरना शुरू कर दिया. पापा और मौसी की आँखों में लाल रंग के डोरे तैरने लगे थे. उनकी साँसों में तेज़ी बता रही थी की दोनो चुदाई करने के लिए बेताब हैं. नामिता और मैने खाना जल्दी से ख़तम किया और अपने अपने कमरे में चली गयी. नामिता ने मुझे आँख मारी और कहा,” दीदी आज तुम मेरे साथ ही सो जाओ, मुझे तुमसे कोई बात करनी है.” मैं उसस्के पीछे चल पड़ी. नामिता के कमरे की दीवार में एक बड़ा सा छेद था जिस में से हम दोनो पापा की चुदाई का खेल देखने वाले थे. नामिता और मैं दोनो ने अपने सारे कपड़े उतार फेंके और बिस्तर पर चली गयी.
नामिता का जिस्म भी बहुत सेक्सी था. उसस्के चुचक काफ़ी बड़े थे और उससने अपनी चूत को अच्छी तरह से शेव कर रखा था. मुझे अपनी बाहों में भर कर मेरी बेहन ने मेरी चुचि को मसल डाला और मेरे होंठों पर किस करने लगी, मेरे चूतड़ को सहलाने लगी, मेरी चूत पर हाथ फेरने लगी,” ओह नामिता….ये क्या कर रही हो….मुझे कुच्छ होता है….मेरे बदन में झूर झूरी सी हो रही है…नामिता…..मेरी चूत में खुजली हो रही है…तुम मुझे किस कैसे कर रही हो….हाई मेरी बेहन मुझे क्या हो रहा है..तेरा आलिंगन मुझे उतेज़ित कर रहा है….तेरे बदन का सपर्श मुझे जला रहा है….मुझे छ्चोड़ दो प्लीज़” मेरे मूह से निकला तो नामिता शरारती तरीके से मुस्कुरा पड़ी और फिर से मेरी गर्दन और कंधों को किस करती रही. नामिता की जीभ से मेरी गर्दन और कंधे गीले हो गये लेकिन मुझे बहुत कामुक आनंद आ रहा था. नामिता का हाथ मेरी चूत को रगड़ने लगा तो चूत रस से उसस्की उंगलियाँ भीग गयी,” सुधा, साली देख तेरी चूत का रस कैसे बह रहा है. तेरी चूत अब चुदाई के लिए तड़प रही है. आज की रात तो मैं तुझे लेज़्बीयन प्यार से खुश करूँगी लेकिन कल तेरी चुदाई का वो बंदोबस्त करूँगी की याद रखोगी सारी उमर भर. नामिता ने अगर आज भी तेरी चूत का पानी ना निकाला तो मेरा नाम बदल देना.”
दूसरे कमरे में भी हुलचूल शुरू हो चुकी थी. नामिता मुझे छेद के पास ले गयी और हम दोनो पापा के कमरे में झाँकने लगे. पापा और मौसी दोनो शराब पी रहे थे और पापा ने मौसी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. मौसी चिहुक कर बोली,” जिज़्जु, अपने पाजामे को भी तो उतारो, अपनी साली को भी तो अपने लोड्े के दर्शन करवायो. मेरी बेहन को चोद कर तो दो लड़कियाँ पैदा कर ली हैं तुमने, अब मुझे भी तो एक बच्चे की मा बना दो मेरे जिज़्जु राजा,” मौसी बिस्तर पर टाँगें फैला कर बोल रही थी. मौसी की चूत पर काले काले बाल थे. तभी पापा ने अपना पाजामा खोल दिया और अपना काला लंड मौसी के मूह पर रख दिया और खुद मौसी की चुचि को सहलाने लगे,” उषा, मेरी रानी तेरा पति तुझे बच्चा नहीं देता क्या? अगर तू चाहे तो मैं तुझे मा बना सकता हूँ. मैने तुझे कभी ममता(हमारी मा) से कभी अलग नहीं समझा,” मौसी गुस्से में बोली,” जीजू मेरा पति कुच्छ नहीं कर पाता. साला चूत पर लंड रखते ही झाड़ जाता है और मैं तरसती रह जाती हूँ. इसी लिए तो अपने जिज़्जु के सामने टाँगें खोल देती हूँ, जिज़्जु राजा. लेकिन हर रोज़ चोरी से चुदवाते हुए डर लगता है, कहीं सुधा और नामिता को शक हो गया तो क्या होगा?”
पापा ने अपना लंड अब मौसी के मूह में धकेलते हुए कहा” मेरी दोनो बेटियाँ भी जवान हो चुकी हैं. उनको भी लंड की तलाश होगी. वो अपने पापा की स्थिति को समझ लेंगी. वो समझ लेंगी कि अगर उनका पापा उनकी मौसी को चोद लेता है तो कोई बुरा नहीं करता. ये तो डिमॅंड और सप्लाइ का सिधान्त है. अगर मेरी साली को उसका पति नहीं चोदेगा तो क्या मैं भी छ्चोड़ दूँगा उसको पड़ोसी के लिए? शाबाश मेरी रानी चूस मेरा लंड, चाट ले मेरे अंडकोष. आज की रात मैं तुझे अपने बच्चे की मा बना कर यादगार बना देना चाहता हूँ, ज़ोर से चूस लंड को रानी, काट खायो मेरे लंड को उषा रानी.”
Re: Hindi Sex Stories By raj sharma
पापा अपनी गांद आगे पीच्छे कर रहे थे और मौसी मज़े से लंड को चूस रही थी. देखते ही देखते पापा भी पलंग पर लेट गये और उन्हों ने अपना मूह मौसी की जांघों के बीच डाल कर मौसी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. तभी नामिता ने मेरे निपल को किस कर के चूसना शुरू कर दिया और बोली,” सुधा, पापा की पोज़िशन को 69 कहते है. बहुत मज़ेदार पोज़िशन होती है जब मर्द औरत की चूत चाटता है और औरत मर्द का लंड चुस्ती है तो उस्स्को 69 कहते हैं. मैं आज तेरी चूत को चाट कर खलास कर दूँगी तो देखना कितना मज़ा आए गा, दीदी. पापा और मौसी तो अपनी मस्ती में खो चुके हैं. तुम मुझे अपने जिस्म के साथ खेलने दो. मुझे तेरी चूत का पानी निकालना है किओं की कल तो तेरी ज़िंदगी का हसीन दिन होगा,”
मैं मंतर मुग्ध हो कर पापा और मौसी का खेल देख रही थी. मुझे महसूस हो रहा था जैसे मेरी चूत के होंठ उतेज्ना से फूल गये हों. मेरा पूरा बदन गान गॅना चुका था. मेरी बेहन के हाथ जब मेरे जिस्म पर चलते तो मैं झुन झुना जाती. मुझे भी इच्छा होती कि मौसी की तरह मुझे भी लंड मिलता जिस्सको मैं चुस्ती और अपनी चूत को चुस्वाति. मौसी के मुख रस से पापा का लंड भीग कर चमक रहा था और दोनो की भारी साँसें चलने की आवाज़ सुन रही थी. उधर नामिता ने मेरे निपल्स को चूसना जारी रखा हुआ था और वो मेरी चूत को सहलाए जा रही थी.” ओह्ह्ह्ह नामिता…मुझ से नहीं रहा जा रहा…मुझे भी पापा जैसा लंड ला दो कहीं से…अपनी बेहन की चूत को मस्त लंड से भर दो…मेरी चूत में आग लगी हुई है मेरी बेहन…मेरी आग बुझा दो नामिता”
दूसरे कमरे में पापा ने मौसी को घोड़ी बना दिया. मौसी अपने घुटने और हाथों के बल झुक चुकी थी और पापा उसस्के चूतड़ को थाम कर अपना लंड उसस्की चूत पर पीच्छे से धकेलने लगे.” रानी, मुझे घोड़ी बना कर चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है. तुझे कैसा लगता है उषा मेरी रानी. तेरे चूतड़ बहुत सेक्सी लगते हैं मुझे. एक दिन तेरी गांद ज़रूर चोदुन्गा. वह कितनी सेक्सी हो तुम मेरी साली.” उषा मौसी नी चे से बोल रही थी,” जिज़्जु तुम चोदना शुरू करो. मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मुझे मेरे जिज़्जु चोद्ते हैं. तुम मुझे घोड़ी बनाओ या कुतिया, मुझे बस अपने जिज़्जु का लंड अपनी चूत में चाहिए….चोदो मुझे जिज़्जु राजा….थोक्दो अपना लोड्ा मेरी चूत में….चोद लेना मेरी गांद भी जिज़्जु….पेल मुझे”
मेरे बिस्तर पर नामिता ने अब मुझे पीठ के बल लिटा दिया और मेरी टाँगों को खोल दिया. मेरी बेहन मेरे उप्पेर चढ़ि हुई थी. उसस्की चुचि मेरे वक्ष स्थल पर रगड़ रही थी. मुझे किस करते हुए उसस्के होंठ मेरे निपल्स से होते हुए पेट पर और आख़िर मेरी चूत की त्रिकोण की तरफ बढ़ने लगे. उसस्के होंठ आख़िर मेरी चूत की फांकों को खोलते हुए अपने निशाने पर जा पहुँचे. उसस्की जीभ मेरे क्लाइटॉरिस को चाटने लगी और फिर उससने मेरी चूत में अपनी ज़ुबान घुसा दी. मुझे उसस्की ज़ुबान क़िस्सी लंड जैसी लग रही थी. नामिता नेमेरी जांघों को कस कर पकड़ रखा था. उसस्की ज़ुबान मेरी चूत को चोद रही थी. पापा के कमरे में अब मैं देख नहीं सकती थी लेकिन उनकी आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी. मुझे नहीं मालूम था की औरत भी दूसरी औरत की जब चूत चाटती है तो इतना मज़ा आता होगा. “हे भगवान, मुझे अपनी बेहन के चूमने चाटने से इतना मज़ा मिल रहा था तो असली लंड से मेरी हालत क्या होगी?
मेरी चूत से लगातार रस टपक रहा था और मेरी बेहन मज़े से उस्स्को चाट रही थी. मुझे लगा कि मेरी चूत झड़ने लगी है. मैने अपने चूतड़ उप्पेर उठाने शुरू कर दिए ता कि मैं नामिता की पूरी ज़ुबान को अपनी चूत में घुस्सा कर और मज़ा ले सकूँ,’ आआआअ……ऊऊऊऊ…..आअगग्घह ……हाईईईई….उससिईईईई,,,नामिताआअ….चूस मेरी चूत….मैं गइई,….मेरी चूत से पानी जा रहा है….या मुझे क्या हो गया मेरी बहना…डाल दे अपनी जीभ मेरी फुदी में मैं झदीए”
मैं ना जाने कितनी देर तक बिस्तर पर शरीर एन्थ कर तड़पती रही, मेरी चूत रो रो कर रस छ्चोड़ती रही और मेरी बेहन मेरी चूत का रस चाटती रही. जब नामिता ने चेहरा उठाया तो उसस्के होंठों से चूतरस टपक रहा था. नामिता मेरी बेहन बहुत खूबसूरत लग रही थी. जब उससने मुझे होंठों पर किस किया तो उसस्के मूह से मुझे अपनी चूत के रस का स्वाद मिला. नामिता की आँखें लाल हो चुकी थी और फिर उससने मेरे कानो को चूमा. मैने भी अपनी बेहन को मज़ा देने की सोच ली. मैने भी उस्स्को वैसे ही किस करना शुरू कर दिया जैसे उससने मुझे किया था.. मुझे हैरानी थी कि जो मैं कर रही थी वो लेज़्बीयन सेक्स था लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. नामिता का जिस्म बहुत नमकीन लग रहा था मुझे. मैने उसस्की मस्त चुचि को जब अपने मूह में लिया तो मुझे जन्नत मिल रही थी. नामिता के चुचक बहुत कड़े हो चुके थे. मैने नामिता को पेट के बल उल्टा दिया और फिर उस्स्को गर्दन से चूमना शुरू कर दिया. मेरी बेहन की गांद का उभार बहुत कामुक लग रहा था.
मैने धीरे से नामिता की पीठ को किस करना शुरू कर दिया और उसस्के चूतड़ को सहलाया. मेरी बेहन के चूतड़ की दरार मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी. अपना हाथ नीचे ले जा कर मेने उसस्की चूत को सहलाया और पीठ को चूमते हुए अपने होंठ मैने उसस्की गांद की घाटी तक पहुँचा दिए. नामिता अपनी चूत मेरे हाथ पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी और उस पर धक्के मार रही थी. आख़िर मैने अपनी ज़ुबान को नामिता के चूतड़ की दरार में डाल कर चाटना शुरू कर दिया. मुझ पर चुदाई का एक नशा च्छा रहा था. नामिता के चूतड़ का बहुत मज़ेदार स्वाद था और मैने अपनी ज़ुबान उसस्की गांद के छेद में घुसा दी,” ऊऊऊऊ…..आआआअ……दीदी…..चॅटो…बहुत मज़ा आ रहा है…..शाबाश दीदी चाटती जाओ….हाईईईईईई”
नामिता की गांद से नमकीन स्वाद मुझे बहुत सेक्सी लगा और मैने उसस्की गांद को चटाना जारी रखा और उंगली से उसस्की चूत को चोदना जारी रखा. पहले मेरी एक उंगली उसस्की चूत में थी फिर मैने उसकी चूत दो और फिर तीन उंगली डाल कर चुदाई शुरू कर दी. मेरी ज़ुबान उसस्की गांद चोद रही थी और उंगलियाँ उसस्की चूत को चुदाई सुख दे रही थी. मेरा हाथ उसस्की चूत के रस से भीग गया था और वो मेरे हाथ पर अपनी चूत ऐसे चोद रही थी जैसे की क़िस्सी लंड पर पेल रही हो. उससने थोड़ी देर में पानी छ्चोड़ दिया. जब वो झाड़ गयी तो मैने उसस्की चूत को खूब चूसा और चूत का रास्पान कर लिया.” सुधा तू तो बहुत मस्त चुस्ती है. मैं तो तुझे अनारी ही समझ रही थी, तू तो साली मस्त लेज़्बीयन निकली” मैने उसस्के चूतड़ पर काट खाया और बोली,” नामिता जैसी जिसकी बेहन हो वो अनारी कैसे हो सकती है. अब कल की चुदाई को मत भूल जाना”
क्रमशः...............
मैं मंतर मुग्ध हो कर पापा और मौसी का खेल देख रही थी. मुझे महसूस हो रहा था जैसे मेरी चूत के होंठ उतेज्ना से फूल गये हों. मेरा पूरा बदन गान गॅना चुका था. मेरी बेहन के हाथ जब मेरे जिस्म पर चलते तो मैं झुन झुना जाती. मुझे भी इच्छा होती कि मौसी की तरह मुझे भी लंड मिलता जिस्सको मैं चुस्ती और अपनी चूत को चुस्वाति. मौसी के मुख रस से पापा का लंड भीग कर चमक रहा था और दोनो की भारी साँसें चलने की आवाज़ सुन रही थी. उधर नामिता ने मेरे निपल्स को चूसना जारी रखा हुआ था और वो मेरी चूत को सहलाए जा रही थी.” ओह्ह्ह्ह नामिता…मुझ से नहीं रहा जा रहा…मुझे भी पापा जैसा लंड ला दो कहीं से…अपनी बेहन की चूत को मस्त लंड से भर दो…मेरी चूत में आग लगी हुई है मेरी बेहन…मेरी आग बुझा दो नामिता”
दूसरे कमरे में पापा ने मौसी को घोड़ी बना दिया. मौसी अपने घुटने और हाथों के बल झुक चुकी थी और पापा उसस्के चूतड़ को थाम कर अपना लंड उसस्की चूत पर पीच्छे से धकेलने लगे.” रानी, मुझे घोड़ी बना कर चुदाई करने में बहुत मज़ा आता है. तुझे कैसा लगता है उषा मेरी रानी. तेरे चूतड़ बहुत सेक्सी लगते हैं मुझे. एक दिन तेरी गांद ज़रूर चोदुन्गा. वह कितनी सेक्सी हो तुम मेरी साली.” उषा मौसी नी चे से बोल रही थी,” जिज़्जु तुम चोदना शुरू करो. मुझे बहुत अच्छा लगता है जब मुझे मेरे जिज़्जु चोद्ते हैं. तुम मुझे घोड़ी बनाओ या कुतिया, मुझे बस अपने जिज़्जु का लंड अपनी चूत में चाहिए….चोदो मुझे जिज़्जु राजा….थोक्दो अपना लोड्ा मेरी चूत में….चोद लेना मेरी गांद भी जिज़्जु….पेल मुझे”
मेरे बिस्तर पर नामिता ने अब मुझे पीठ के बल लिटा दिया और मेरी टाँगों को खोल दिया. मेरी बेहन मेरे उप्पेर चढ़ि हुई थी. उसस्की चुचि मेरे वक्ष स्थल पर रगड़ रही थी. मुझे किस करते हुए उसस्के होंठ मेरे निपल्स से होते हुए पेट पर और आख़िर मेरी चूत की त्रिकोण की तरफ बढ़ने लगे. उसस्के होंठ आख़िर मेरी चूत की फांकों को खोलते हुए अपने निशाने पर जा पहुँचे. उसस्की जीभ मेरे क्लाइटॉरिस को चाटने लगी और फिर उससने मेरी चूत में अपनी ज़ुबान घुसा दी. मुझे उसस्की ज़ुबान क़िस्सी लंड जैसी लग रही थी. नामिता नेमेरी जांघों को कस कर पकड़ रखा था. उसस्की ज़ुबान मेरी चूत को चोद रही थी. पापा के कमरे में अब मैं देख नहीं सकती थी लेकिन उनकी आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी. मुझे नहीं मालूम था की औरत भी दूसरी औरत की जब चूत चाटती है तो इतना मज़ा आता होगा. “हे भगवान, मुझे अपनी बेहन के चूमने चाटने से इतना मज़ा मिल रहा था तो असली लंड से मेरी हालत क्या होगी?
मेरी चूत से लगातार रस टपक रहा था और मेरी बेहन मज़े से उस्स्को चाट रही थी. मुझे लगा कि मेरी चूत झड़ने लगी है. मैने अपने चूतड़ उप्पेर उठाने शुरू कर दिए ता कि मैं नामिता की पूरी ज़ुबान को अपनी चूत में घुस्सा कर और मज़ा ले सकूँ,’ आआआअ……ऊऊऊऊ…..आअगग्घह ……हाईईईई….उससिईईईई,,,नामिताआअ….चूस मेरी चूत….मैं गइई,….मेरी चूत से पानी जा रहा है….या मुझे क्या हो गया मेरी बहना…डाल दे अपनी जीभ मेरी फुदी में मैं झदीए”
मैं ना जाने कितनी देर तक बिस्तर पर शरीर एन्थ कर तड़पती रही, मेरी चूत रो रो कर रस छ्चोड़ती रही और मेरी बेहन मेरी चूत का रस चाटती रही. जब नामिता ने चेहरा उठाया तो उसस्के होंठों से चूतरस टपक रहा था. नामिता मेरी बेहन बहुत खूबसूरत लग रही थी. जब उससने मुझे होंठों पर किस किया तो उसस्के मूह से मुझे अपनी चूत के रस का स्वाद मिला. नामिता की आँखें लाल हो चुकी थी और फिर उससने मेरे कानो को चूमा. मैने भी अपनी बेहन को मज़ा देने की सोच ली. मैने भी उस्स्को वैसे ही किस करना शुरू कर दिया जैसे उससने मुझे किया था.. मुझे हैरानी थी कि जो मैं कर रही थी वो लेज़्बीयन सेक्स था लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. नामिता का जिस्म बहुत नमकीन लग रहा था मुझे. मैने उसस्की मस्त चुचि को जब अपने मूह में लिया तो मुझे जन्नत मिल रही थी. नामिता के चुचक बहुत कड़े हो चुके थे. मैने नामिता को पेट के बल उल्टा दिया और फिर उस्स्को गर्दन से चूमना शुरू कर दिया. मेरी बेहन की गांद का उभार बहुत कामुक लग रहा था.
मैने धीरे से नामिता की पीठ को किस करना शुरू कर दिया और उसस्के चूतड़ को सहलाया. मेरी बेहन के चूतड़ की दरार मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी. अपना हाथ नीचे ले जा कर मेने उसस्की चूत को सहलाया और पीठ को चूमते हुए अपने होंठ मैने उसस्की गांद की घाटी तक पहुँचा दिए. नामिता अपनी चूत मेरे हाथ पर ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी और उस पर धक्के मार रही थी. आख़िर मैने अपनी ज़ुबान को नामिता के चूतड़ की दरार में डाल कर चाटना शुरू कर दिया. मुझ पर चुदाई का एक नशा च्छा रहा था. नामिता के चूतड़ का बहुत मज़ेदार स्वाद था और मैने अपनी ज़ुबान उसस्की गांद के छेद में घुसा दी,” ऊऊऊऊ…..आआआअ……दीदी…..चॅटो…बहुत मज़ा आ रहा है…..शाबाश दीदी चाटती जाओ….हाईईईईईई”
नामिता की गांद से नमकीन स्वाद मुझे बहुत सेक्सी लगा और मैने उसस्की गांद को चटाना जारी रखा और उंगली से उसस्की चूत को चोदना जारी रखा. पहले मेरी एक उंगली उसस्की चूत में थी फिर मैने उसकी चूत दो और फिर तीन उंगली डाल कर चुदाई शुरू कर दी. मेरी ज़ुबान उसस्की गांद चोद रही थी और उंगलियाँ उसस्की चूत को चुदाई सुख दे रही थी. मेरा हाथ उसस्की चूत के रस से भीग गया था और वो मेरे हाथ पर अपनी चूत ऐसे चोद रही थी जैसे की क़िस्सी लंड पर पेल रही हो. उससने थोड़ी देर में पानी छ्चोड़ दिया. जब वो झाड़ गयी तो मैने उसस्की चूत को खूब चूसा और चूत का रास्पान कर लिया.” सुधा तू तो बहुत मस्त चुस्ती है. मैं तो तुझे अनारी ही समझ रही थी, तू तो साली मस्त लेज़्बीयन निकली” मैने उसस्के चूतड़ पर काट खाया और बोली,” नामिता जैसी जिसकी बेहन हो वो अनारी कैसे हो सकती है. अब कल की चुदाई को मत भूल जाना”
क्रमशः...............