तीन घोड़िया एक घुड़सवार compleet

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rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:00

अच्छा ऐसा नही है तो फिर मेरे चूतादो और दूध को क्यो घूरता रहता है, घूरता है कि नही, अजय ने अपनी गर्देन नीचे झुका ली, आरती अजय से सतते हुए अजय के कान के पास अपने रसीले होटो को ले जाकर धीरे से बोली अजय… जी भाभी…. अपनी भाभी को चोदेगा और अजय का लंड कस कर पकड़ लिया, बस फिर क्या था अजय ने अपनी भाभी को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके रसीले होटो को अपने होटो से चूसने लगा , और दूसरे हाथ से आरती की मदमस्त चुचियो को कस कस के दबाने लगा, ओह भाभी कितना गदराया और मखमली जिस्म है तुम्हारा मे तुम्हे कब से चोदने के लिए तड़प रहा था, तभी देवेर जी रूको ज़रा अभी यह सब नही अभी मा जी घर पर ही है, ओ भाभी फिर कब मे तो तुम्हे नंगी देखने के लिए मरा जा रहा हू, देवेर जी मे भी तुम्हारे मोटे लंड से अपनी चूत कुटवाने के लिए तरस रही हू और तुमसे खूब खुल कर चुदवाना चाहती हू पर घर पर मज़ा नही आ पाएगा यहाँ कोई ना कोई रहता ही है, तो फिर भाभी हम कैसे कर पाएगे, आरती एक काम करते है मैं मा जी से कुछ शापिंग का बहाना कर के तुम्हे अपने साथ ले जाने के लिए कहूँगी फिर हम किसी होटेल मे चल कर खुल कर 3-4 घंटे मज़ा करेगे और शाम तक वापस आ जाएगे, जी भाभी यह ठीक रहेगा, और फिर दोनो ने एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे.

उधर रश्मि अपनी सहेली नेहा के बेडरूम मे, अरे रश्मि तूने कभी सेक्स की किताबे पढ़ी है, रश्मि नही यार क्यो तेरे पास है क्या, नेहा हाँ है तो और एक किताब देते हुए ले तू पढ़ तब तक मे चाइ लेकर आती हू और नेहा रूम से बाहर जाने लगी, रश्मि ने किताब पढ़ना शुरू की दरअसल वह राज शर्मा की एक इंसेंट स्टोरी की बुक थी जिसमे अपने रीलेशन मे चुदाई की काफ़ी गरम कहानिया थी, रश्मि उसमे से एक भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगी, स्टोरी काफ़ी गरम थी जिसमे एक छोटे भाई ने अपनी जवान बहन को बड़ी बुरी तरह से नंगी करके खूब चोदा था, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते उसे अपने भाई अजय का लंड ध्यान आने लगा और उसकी पैंटी गीली होने लगी, कहानी को पढ़ कर उसे एसा लग रहा था जैसे उसका भाई उसे ही चोद रहा हो, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते कभी अपनी मोटी फूली हुई चुचिया दबाती कभी अपनी चूत पैंटी के उपर से मसल देती, रश्मि काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसका चेहरा लाल हो चुक्का था, तभी नेहा चाइ लेकर आई और रश्मि को देखते ही समझ गई कि वह गरम हो चुकी है, दरअसल नेहा काफ़ी चुड़क्कड़ लोंड़िया थी और कई बार अपनी चूत मरवा चुकी थी,

रश्मि अपने आप को अड्जस्ट करते हुए, नेहा अरे क्या हुआ मेरी जान तेरा चेहरा इतना लाल क्यो हो गया, रश्मि यार यह तो बहुत गरम कहानी की किताब है, नेहा तुझे अच्छी लगी तो तू उसे ले जा आराम से घर पर पढ़ लेना, रश्मि अच्छा ठीक है, और नेहा ने चाइ का कप आगे बढ़ा दिया, नेहा अच्छा बता कोन सी कहानी पढ़ी अभी तूने, रश्मि वो एक भाई और बहन के बारे मे, नेहा अच्छा तो अब तेरा क्या मन कर रहा है, रश्मि कुछ भी नही, नेहा झूठ मत बोल क्या तेरा मन चुदने का नही कर रहा है और रश्मि की मोटी चुचियो को दबा देती है, अरे नेहा तू भी ना अपनी हर्कतो से बाज नही आएगी, सच सच बता पढ़ते पढ़ते ऐसा लगता है ना कि अपनी ही चुदाई हो रही है, रश्मि हाँ, नेहा तो तू किससे चुदने के ख्याल से पढ़ रही थी, रश्मि किसी से नही, नेहा कही तू अपने भाई अजय से ही ख्यालो ख्यालो मे तो नही चुद रही थी, रश्मि तू भी नेहा क्या बात करती है वो मेरा भाई है मे ऐसा कैसे सोच सकती हू, कहानी पढ़ना एक अलग बात है,

नेहा भाई मुझसे तो नही रहा जाता मुझे तो अपने भाई का लंड बड़ा प्यारा लगता है, रश्मि हाय राम तो क्या तू अपने भाई के साथ, नेहा क्या करू मेरा भाई भी मेरी मस्त जवानी को देख कर अपना हथियार मसलता रहता था सो मुझे उस पर दया आ गई और मैने ईक दिन अपनी चूत का रस उसे भी चखा दिया, रश्मि क्या बात कर रही है नेहा, नेहा रश्मि की चुचियो को दबाते हुए अरे मेरी जान इस दुनिया मे अपने भाई के लंड से चुदने मे जो मज़ा आता है वो और किसी के लंड से नही आता है मे तो कहती हू तू भी अजय को अपनी जवानी कपड़े खोल कर दिखा दे फिर देख वो कैसे तेरी चूत चाटने के लिए कुत्ते की तरह तेरी गंद के पीछे घूमने लगेगा और रश्मि के मोटे आमो को कस कर दबा देती है, रश्मि अंदर ही अंदर नेहा की बातो को सुन कर पूरी पानी पानी हो जाती है, नेहा अच्छा रश्मि सच सच बता कुछ महीनो से तेरी चुचिया और गंद कुछ ज़्यादा ही मोटी हो गई है कही तू अजय से अपनी चुचिया दब्वाती तो नही है, रश्मि अरे नेहा क्या उल्टा सीधा बोले जा रही है, नेहा अच्छा क्या तुझे मेरी बातो मे मज़ा नही आ रहा है, रश्मि आ रहा है पर, अरे पर क्या एक बार अपने भाई से चुद कर देख फिर तुझे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और रश्मि के गालो को चूम लिया, रश्मि का चेहरा शर्म से लाल हो गया, और मन ही मन अपने भाई के लंड से चुदने के लिए उसकी चूत तड़प उठी. रश्मि अच्छा नेहा मे चलती हू तेरी किताब मे पढ़ कर लोटा दूँगी, नेहा अरे लोटाने की ज़रूरत नही है अपने पास ही रख लेना. ओके बाइ.

rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:01

गीता अरे बहू खाना तैयार हो गया क्या, आरती हाँ माजी, अच्छा माजी मुझे थोड़ी शापिंग करनी थी क्या मे अजय को अपने साथ मार्केट तक ले जाउ 2-3 घंटे मे आ जाएगे, क्यो कि अभी रश्मि भी नही है, गीता हाँ बेटी ज़रूर ले जाओ और हाँ मेरे लिए भी थोड़ा समान लेते आना, क्यो नही माजी बोलिए क्या लाना है, बेटी मेरे अंडरगार्मेंट काफ़ी पुराने हो चुके है तो 2-3 ब्रा और पैंटी लेते आना और ज़रूरत हो तो अपने लिए भी ले लेना, आरती जी माजी और आरती अजय को लेकर चली गई.

अजय बाइक स्टार्ट करके अपनी भाभी को बैठाने के बाद मार्केट की ओर चल पड़ा, बोलो भाभी कहाँ चलना है. आरती पहले मार्केट चलते है तुम्हारी मम्मी के लिए कुछ लेना है. अजय क्या लेना है भाभी, रश्मि पनती और ब्रा, अच्छा तू तेरी मम्मी को किस कलर की पॅंटी मे पसंद करता है, भाभी मुझे तो मम्मी नंगी ही ज़्यादा पसंद आती है, रश्मि अच्छा दिन रात अपनी मा को नंगी ही रखना चाहता है क्या, अरे भाभी मेरा बस चले तो मे अपनी मा बहन और तुम्हे तीनो को दिन भर नंगी करके ही चिपका रहू, अरे मेरा चोदु देवेर जी कितना चुड़क्कड़ है तू तेरी और मेरी जोड़ी मस्त जमेगी काश मेरी शादी तुझसे ही हुई होती, अरे भाभी बिना शादी के ही तुम मेरी बीबी से बढ़ कर हो और दोनो मुस्कुराने लगे, मार्केट मे एक दुकान पर अजय और आरती ब्रा और पॅंटी खरीदने लगे, अजय अपनी मम्मी के लिए ब्रा और पॅंटी पसंद कर लो, और फिर अजय ने अपनी मा के लिए मस्त फॅषियनबल ब्रा और पॅंटी खरीद ली रश्मि ने भी मा जी को बताने के लिए थोड़ा बहुत समान और खरीद लिया और फिर सीधे एक होटेल मे पहुच गये और रूम बुक करके रूम के अंदर आ गये.

अजय …अब बोलो भाभी क्या इरादा है…आरती अजय मैं आज तुझसे अपनी हर इच्छा पूरी करवाना चाहती हू बोलो करोगे ना, अजय आरती के मोटे चुचो को दबाता हुआ भाभी तुम जैसा जैसा कहोगी मे वेसा ही करूँगा. अजय आज तुम मुझे धीरे धीरे लेकिन काफ़ी देर तक खूब गहराई से चोदो और मेरे हर अंग को खूब प्यार करो, अजय ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और आरती को भी पूरी नंगी कर दिया, आरती का भरा हुआ गदराया बदन देख कर अजय का लंड डंडे की तरह खड़ा हो गया, आरती ने झट से अजय का लंड पकड़ कर अपने मूह मे लेकर खूब प्यार से चाटने लगी, और आइसेकरीम की तरह चूसने लगी अजय आरती की मोटी मोटी चुचियो को बेरहमी से मसल्ने लगा, करीब 10 मिनूट तक आरती अजय का लंड चूस चुस्के उसे लाल कर दिया, अजय भाभी अब मेरा रस बाहर आने वाला है, आरती अजय मुझे तुम्हारा सारा रस पीना है उसे मेरे मूह मे ही निकाल दो और फिर लंड चूसने लगी अजय ने अपना सारा रस आरती के मूह मे निकाल दिया और आरती उसके रस की एक एक बूँद को चाट चाट कर पी गई, आज आरती के चेहरे पर एक अलग ही सन्तुस्ति नज़र आ रही थी उसका मर्द के लंड का रस पीने का सपना पूरा हो चुक्का था वह अजय की बाहो से चिपक गई और अजय ने आरती को अपनी गोद मे उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और धीरे धीरे उसकी फूली हुई चूत अपने हाथो से सहलाने लगा, आरती भी अपने हाथो से अजय का लंड सहला रही थी, आरती अच्छा अजय तुम सबसे पहले किसको चोदना चाहते हो अपनी मम्मी को या दीदी को,

भाभी मे तो दोनो को चोदना चाहता हू तुम कुछ आइडिया बताओ ना कि कैसे मे मम्मी को और रश्मि दीदी को चोदु, आरती कुछ सोच कर अजय मे तुम्हे रश्मि की चूत जल्दी ही दिलवा दूँगी लेकिन मम्मी के बारे मे थोड़ा मुझे सोचना पड़ेगा, अजय भाभी कैसे भी कर के मुझे दोनो को चोदना है, दोनो घोड़ियो को नंगी देख देख कर मे पता नही कितनी बार मूठ मार चुक्का हू और खास कर मम्मी की मोटी गंद तो मे दिन रात चोदना चाहता हू, आरती क्यो तुम्हे अपनी मम्मी की गंद इतनी पसंद है क्या, अजय अरे भाभी मम्मी के मोटे मोटे चूतादो का तो मे दीवाना हू और दिन रात मेरे सामने मम्मी के गदराए चूतड़ घूमते रहते है बहुत ही मस्त गंद ही उसकी और अजय का लंड झटके मारने लगा,

अरे मेरे प्यारे देवेर जी अपनी मा की गंद के नाम पर तो तुम्हारा लंड झटके मारने लगा, कही मा की चूत पाकर अपनी भाभी को मत भूल जाना, अजय ने भाभी की मोटी जाँघो को दबोचते हुए मेरी प्यारी भाभी तेरी मस्तानी जवानी को मे कैसे भूल जाउन्गा और अजय ने अपनी भाभी की दोनो मोटी जाँघो को फैला दिया और एक उँचा सा तकिया भाभी की गंद के नीचे रख कर भाभी के दोनो घुटनो को उपर की तरफ़ उसके कंधो से सटा दिया जिससे आरती की मस्तानी चूत और गंद का छेद दोनो अजय के सामने आ गये और अजय ने बिना देर किए अपनी लपल्पटि जीभ को अपनी प्यारी भाभी की गंद के छेद से चाटते हुए उपर की तरफ चूत को उसके भज्नसे तक चाटने लगा आरती ने अपने दोनो हाथो से अपनी फूली हुई चूत की फांको को और ज़्यादा फैला दिया और अजय और मस्त फूली हुई चूत और गंद के छेद को चाटने लगा,

क्रमशः......................


rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:01

Teen Ghodiya Ek Ghudsawaar--3

gataank se aage...................

bahan apni saheli ke yaha gai hui thi ajay jaldi se bathroom ke darwaje me aankh lagakar dekhne laga andar geeta puri nangi ho chuki thi uski moti nangi gand darwaje ki taraph thi ajaya apni ma ki gori gori moti aur gadrai gand dekh kar apna land masalne laga, aur man hi man budbudane laga kya mast gand hai meri mummy ki aisi moti gand ko to rat bhar nangi kar ke chodne me maja aa jayega, geeta kapde balti me galane ke liye jhuki to uski gand aur mota bhosda pura khul kar ajay ke samne aa gaya, ajay kitna bada aur gahra ched hai ma ki gand ka aur chut ki moti moti phanke kitni phuly hui hai aur chut k ached ek dam gulabi aah mummy kitni mast gand aur chut hai teri ek bar apne bête ko apni chut ka ras pila de mummy tujhe rat bhar nangi karke teri chut khub apne musal se kutunga ek bar mujhse gand mara le meri pyari mummy yah kahte kahte ajay ke hatho ki gati tej ho gai tabhi achanak ajay ki peeth par koi hath pada aura jay ne paltkar dekha to uski sanse tham gai kyo ki aarti uske peeche khadi thi, dark e mare uske panv kapne lage use yah bhi hosh nahi raha ki uska mota land aarti ki aur tan khar khada hai aarti kabhi ajay ko kabhi ajay ke land ko dekh rahi thi, aarti dhire se taki aawaj bathroom ke andar na ja sake kya kar raha tha, ajay apna land apne pajame me chupata hua kuch nahi bhabhi,

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