इतना कहकर हम टीवी को ध्यान से देखने लगे। इधर डोना ने दोनों के लौड़ों को टनाटन कर दिया। उसने उस्मान को लिटाया और धीरे उलटे बैठ कर लौड़े को गाण्ड में घुसवाया और कमरे में लगी रॉड को पकड़ कर ऊपर नीचे होते हुए गाण्ड मरवाने लगी। उसके झटकों के कारण उसके नारियल जोरदार उछल रहे थे। जिन्हें राजा बाबू ने हाथों से दबा दिया..
डोना- राजा, तुम क्या करोगे ? लौड़ा दुबारा दे दो मेरे मुँह में। उसको भी कोई जगह मिले चोदने के लिए।
उसने राजा का लौड़ा जोरदार चूसना चालू किया। अब राजा, उस्मान और डोना की सिसकारियों से और चिल्लाने से कमरे में सेक्स का माहौल छा गया।
डोना- ओह माई गॉड ! आई कांट बिअर दिस ! आई वांट मोर फक ! राजा डोंट लीव मी । उस्मान ढीले मत पड़ना।
मौसी- साली ऐसी चुदाई मेरे यहाँ किसी रण्डी की नहीं हुई ! यहाँ तक कि राजू तेरी सीमा की भी नहीं। आज जल्दी धंधा बंद करके कमरे में पार्टी करते हैं.. राजू नीला को सिखा दे यह सब और दो महीने रहना है उसने यहाँ।
मैं- मौसी मैंने सोच लिया। मैं और सीमा (सुनीता) और एक हफ्ता रहते हैं।
मौसी- मैं समझ गई। तुझे डोना के नारियल चाहिएँ। और नीला को चोदना भी है। वो भी सिखाने के बहाने। साले तेरे जैसे भड़वों को मैं अच्छी तरह जानती हूँ। रहे तू और तेरी रण्डी बीवी जितना चाहे उतना ! मुझे क्या मुझे तो पैसा चाहिए। और इन रण्डियों को कस्टमर। मगर तू सम्भालना ! तेरी बीवी रण्डी बनी है तो कही यहाँ ही न रह जाए। और तुझे लौड़ा पकड़कर घर अकेले जाना पड़े। क्योंकि औरत ने एक बार पराया लौड़ा अपने मर्द के कहने पे भोसड़े में लेना शुरू किया या रण्डी बन गई फिर मुश्किल से वो आम जिंदगी में घुलमिल सकती है। वो तो चलते फिरते मर्दों के लौड़े अपने भोसड़े में घुस जाए, यही चाह रखती है। मेरी ही बात कर ! मुझे शुरू में रोज नए लौड़े चाहिएं थे, और चोदुओं की कमी नहीं। लाली लिपस्टिक लगा, अधनंगे टाईट कपड़े पहन के खड़ी हो जाओ, अपने आप चोदने चले आते हैं।
नीला- मौसी, जीजू को अपने यहाँ आई वो मालती के बारे में बताना।
मौसी- हाँ, चेन्नई से तुम जैसा एक जोड़ा आया था। दोनों को पैसों की कमी नहीं थी मगर तेरी बीवी जैसा राण्ड बनने का चस्का चढ़ा था। दस दिन का कह कर रहे, फिर उसकी बीवी मालती को रण्डीपना इतना भा गया कि जाने को तैयार ही नहीं थी। एक दिन, और एक दिन ! और कहते कहते महीना हो गया पर उसको यह सब इतना अच्छा लगा कि अपने मर्द को अकेले चले जाने को कहा। मैंने मालती को समझाया कि ऐसे मत कर ! घर संसार चला और कभी मौका मिले तो आ जाना इस कोठे के दरवाजे हमेशा खुले हैं। तब कहीं जाने को राजी हुई। कल ही उसका फोन आया था कि बहुत दिन हुए पराया लौड़ा नहीं लिया तो मैंने कहा कि मर्द के साथ आ जा 2-4 दिन के लिए, तो वो आने वाले हैं। साली वो भी आखिर आखिर में डोना के जैसे 2-2 या 3-3 कस्टमर एक साथ लेती थी। किसी भी औरत को आदत हो गई तो छूटना मुश्किल है। और हम तो इस काम के पैसे लेती हैं इसलिए रण्डी कहलाती हैं।
इतने में सुनीता कस्टमर से चुदवाकर बाहर आई। मैंने उसे मौसी ने जो कहा वो बताया तो बोली- बिल्कुल सच है, मुझे यह सब भाने लगा है। साले मूछ पे ताव देने वाले मर्द भी हमारे भोसड़े पे सब कुर्बान करने चले आते हैं.. पर मैं सिर्फ और एक हफ्ता रुकूँगी, फिर तुम्हें यहाँ रहना है तो रहो मुझे ट्रेन में बिठा देना।
यह सुनकर मुझे शांति हुई।
इतने में सुनीता कस्टमर से चुदवाकर बाहर आई। मैंने उसे मौसी ने जो कहा वो बताया तो बोली- बिल्कुल सच है, मुझे यह सब भाने लगा है। साले मूछ पे ताव देने वाले मर्द भी हमारे भोसड़े पे सब कुर्बान करने चले आते हैं.. पर मैं सिर्फ और एक हफ्ता रुकूँगी, फिर तुम्हें यहाँ रहना है तो रहो मुझे ट्रेन में बिठा देना।
यह सुनकर मुझे शांति हुई।
इस बीच डोना ने अपने कस्टमर के साथ दूसरा राउंड ख़त्म किया और तीसरे राउंड के लिए राजा और उस्मान को तैयार कर रही थी। लगता था सारी कसर एक ही झटके में पूरी करना चाहती थी। अब साली ने उस्मान का लौड़ा गाण्ड में और राजा का लौड़ा भोसड़े में लेकर दोनों से चुदवाना चालू किया। इतने एसी से ठन्डे हुए कमरे में भी तीनों जन पसीने से लथपथ हो गए थे। मगर कोई भी हार नहीं मान रहा था।
औरत का जिस्म - hindi sexy story long
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.
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Re: औरत का जिस्म - hindi sexy story long
और आखरी राउंड में तो थोड़ा-थोड़ा करके कामशास्त्र के सारे दाँव आजमा लिए।
यह देख कर नीला बोली- साली के पास सीखना पड़ेगा। इसने तो जूली को ही पीछे छोड़ दिया? साली जूली को तगड़ा कमीशन मिलेगा।
मैं- क्यों? वो क्यों?
मौसी- डोना को जूली लाई ना ! इसलिए कमीशन उसको। मैं सबको इस तरह कमीशन देती हूँ। तुझे कमीशन के बदले इन रण्डियों को मुफ्त में चोदने देती हूँ।
मैं- वो तो मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ इसके लिए। फिर मेरी बीवी का कमीशन?
मौसी- चल अब नाराज मत हो जाने के वक्त दे दूँगी।
रात होते ही सब सोने चले गए क्योंकि डोना ने रात भर के लिए सौदा बढ़ा दिया। अबकी बार पैसे राजा ने दिए। डोना अधनंगी हालत में बाहर आकर मौसी को पैसे दे गई। नीला की आँखें चार हो गई।
नीला- जीजू, मुझे भी कमाना है और मस्ती करनी है। इसलिए तुम एक हफ्ता और रुकने वाले हो तो मेरे लिए भी ऐसा कस्टमर ढूँढो न और आज की रात मेरी सेक्स की पढ़ाई शुरू करो।
उस रात मैंने नीला को चुदने के दाँव सिखाए और कहा- सिर्फ मालदार आसामी के साथ ही ऐसे दाँव खेलना, बाकी ग्राहकों को 1/2 घंटे में चोद के भगा देना है।
आखिर में हम दोनों मिंया बीवी का रण्डी और भड़वा बनने का शौक इस तरह पूरा हुआ। एक हफ्ता ख़त्म हो गया इस बीच मैंने नीला के लिए तगड़े कस्टमर ला दिए और उसकी भी टॉप की रण्डियों में मौसी के यहाँ गिनती होने लगी। वो भी हफ्ते में न न करते 10,000 रुपे कमा लेने लगी। उसने भी बदले मुझसे मस्त तरीके चुदवाया।
मौसी ने सब रण्डियों को कमरे में बिठाया और डीवीडी चालू किया और:
मौसी- देखो, सब कैसे कस्टमर से ख़ुशी ख़ुशी चुद रही है। और राजू भी कैसे चोद रहा है नीला को।
मैं- यह तुमने कब किया? अरे इसको नेट पे मत डालो लफड़ा हो जाएगा..
मौसी- चुप रे बे साले ! ऐसा नहीं करूंगी नहीं तो मेरे कोठे पे रण्डी बनने आने वाली औरतों का भरोसा उठ जाएगा। राजू, तुम्हारी बीवी के लिए यह भेंट है।
उस सीडी में पहले जाहिदा की, फिर जूली की, सुशी की, फिर मैं खुद मौसी को चोद रहा था उसकी, रानी की और आखिर में डोना की पहली दो कस्टमर से हुई चुदाई और आखरी में मेरे साथ हुई चुदाई की वीडियो थी। मौसी ने सुनीता की अलग डीवीडी बनाई थी जिसमें सुनीता एक एक करके कस्टमर को अन्दर ले जाती है और चुदवाकर बाहर भेज देती ! सब लाइन में बैठे दिखाई देते हैं। उस दिन उसने हद कर दी, चड्डी पहनी ही नहीं। चोद कर जाने वाले कटमर को कहती थी कि अगले कस्टमर को अन्दर भेज दे।
आखिर में नंगी ही बाहर आई, पानी पिया और
सुनीता- तुम दोनों बचे हो ! बोलो, दोनों एक साथ चोदोगे?
वो दोनों तैयार हो गए ! उसने दो कस्टमर एक साथ लिए एक से गाण्ड मरवाती तो दूसरे से चुदवाती थी।
मैं- मौसी, मैंने कहा था न कि सीमा की फ़िक्र मत कर, सब कस्टमर निपटा देगी।
मौसी- साली ऐसी राण्ड तू पहले होगी जिसने 2 घंटे में 10 को चढ़वाया हो। तू गए जन्म राण्ड ही होगी और चुदवाते चुदवाते मर गई होगी।
सुनीता- हो सकता है। मगर मैंने किसी कस्टमर को नाराज नहीं किया और सबको बोल दिया यहाँ से मैं गई तो क्या हुआ और नई आएगी और बाकी रण्डियाँ तो है। कल्पना, मैं तेरी कर्जदार हूँ जो तुने मेरी यहाँ खातिरदारी की और लोगों की चहेती राण्ड बनने में साथ दिया।
मौसी- मेरा शुक्र अदा मत कर। यह तो तेरे समझदार राजू के कारण यह मौका मिला वर्ना तुझे यह सब चोरी छुपे करना पड़ता और फिर न जाने क्या होता?
मैं- मौसी, मैंने कंपनी का बहुत सामान बेचा है, मैं बहुत जाना माना सेल्स एग्जिक्यूटिव हूँ पर रण्डियाँ बेचने का और उनको मुफ्त में चोदने का मौका तेरे कारण मिला। मेरी और मेरे बीवी की तमन्ना पूरी हुई। अगर कभी इच्छा हुई तो फोन करके आ जायेंगे।
आखरी दिन मौसी के कोठे की सभी रण्डियाँ नीला, सुशी, जाहिदा, रानी, जूली, डोना और मौसी ने हमें विदा किया, सब एक दूसरे के गले मिली। हम दिल्ली स्टेशन के लिए निकल पड़े। सुनीता को बुरका पहनाया था ताकि कोई पहचाने ना। हमने दिल्ली देखी और आज ही लौट रहे हैं।
इतना कहकर सुजीत बोला- जानते हो ? डोना मुझे घास नहीं डाल रही थी। फिर आने के चार घंटे पहले मैंने डोना के लिए भी मालदार ग्राहक लाकर दिया तो बदले में उसकी भी चुदाई की। साली की छाती पर मैं क्या कोई भी कुर्बान हो जाएगा, वैसी थी। मेरे लौड़े की वो बहुत आशिक हो गई थी। पर मैं वहाँ के मायाजाल से छूटना चाहता था। औरत एक समंदर है उसमें आदमी ज्यादा तैर नहीं सकता। उसके भोसड़े में चाहे जितना पानी डालो, वो प्यासा ही रहता है। फिर भी डोना तो साली क्रीम बिस्किट के जैसे थी। साली की दो टाँगों के बीच में जादू है।
यह देख कर नीला बोली- साली के पास सीखना पड़ेगा। इसने तो जूली को ही पीछे छोड़ दिया? साली जूली को तगड़ा कमीशन मिलेगा।
मैं- क्यों? वो क्यों?
मौसी- डोना को जूली लाई ना ! इसलिए कमीशन उसको। मैं सबको इस तरह कमीशन देती हूँ। तुझे कमीशन के बदले इन रण्डियों को मुफ्त में चोदने देती हूँ।
मैं- वो तो मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ इसके लिए। फिर मेरी बीवी का कमीशन?
मौसी- चल अब नाराज मत हो जाने के वक्त दे दूँगी।
रात होते ही सब सोने चले गए क्योंकि डोना ने रात भर के लिए सौदा बढ़ा दिया। अबकी बार पैसे राजा ने दिए। डोना अधनंगी हालत में बाहर आकर मौसी को पैसे दे गई। नीला की आँखें चार हो गई।
नीला- जीजू, मुझे भी कमाना है और मस्ती करनी है। इसलिए तुम एक हफ्ता और रुकने वाले हो तो मेरे लिए भी ऐसा कस्टमर ढूँढो न और आज की रात मेरी सेक्स की पढ़ाई शुरू करो।
उस रात मैंने नीला को चुदने के दाँव सिखाए और कहा- सिर्फ मालदार आसामी के साथ ही ऐसे दाँव खेलना, बाकी ग्राहकों को 1/2 घंटे में चोद के भगा देना है।
आखिर में हम दोनों मिंया बीवी का रण्डी और भड़वा बनने का शौक इस तरह पूरा हुआ। एक हफ्ता ख़त्म हो गया इस बीच मैंने नीला के लिए तगड़े कस्टमर ला दिए और उसकी भी टॉप की रण्डियों में मौसी के यहाँ गिनती होने लगी। वो भी हफ्ते में न न करते 10,000 रुपे कमा लेने लगी। उसने भी बदले मुझसे मस्त तरीके चुदवाया।
मौसी ने सब रण्डियों को कमरे में बिठाया और डीवीडी चालू किया और:
मौसी- देखो, सब कैसे कस्टमर से ख़ुशी ख़ुशी चुद रही है। और राजू भी कैसे चोद रहा है नीला को।
मैं- यह तुमने कब किया? अरे इसको नेट पे मत डालो लफड़ा हो जाएगा..
मौसी- चुप रे बे साले ! ऐसा नहीं करूंगी नहीं तो मेरे कोठे पे रण्डी बनने आने वाली औरतों का भरोसा उठ जाएगा। राजू, तुम्हारी बीवी के लिए यह भेंट है।
उस सीडी में पहले जाहिदा की, फिर जूली की, सुशी की, फिर मैं खुद मौसी को चोद रहा था उसकी, रानी की और आखिर में डोना की पहली दो कस्टमर से हुई चुदाई और आखरी में मेरे साथ हुई चुदाई की वीडियो थी। मौसी ने सुनीता की अलग डीवीडी बनाई थी जिसमें सुनीता एक एक करके कस्टमर को अन्दर ले जाती है और चुदवाकर बाहर भेज देती ! सब लाइन में बैठे दिखाई देते हैं। उस दिन उसने हद कर दी, चड्डी पहनी ही नहीं। चोद कर जाने वाले कटमर को कहती थी कि अगले कस्टमर को अन्दर भेज दे।
आखिर में नंगी ही बाहर आई, पानी पिया और
सुनीता- तुम दोनों बचे हो ! बोलो, दोनों एक साथ चोदोगे?
वो दोनों तैयार हो गए ! उसने दो कस्टमर एक साथ लिए एक से गाण्ड मरवाती तो दूसरे से चुदवाती थी।
मैं- मौसी, मैंने कहा था न कि सीमा की फ़िक्र मत कर, सब कस्टमर निपटा देगी।
मौसी- साली ऐसी राण्ड तू पहले होगी जिसने 2 घंटे में 10 को चढ़वाया हो। तू गए जन्म राण्ड ही होगी और चुदवाते चुदवाते मर गई होगी।
सुनीता- हो सकता है। मगर मैंने किसी कस्टमर को नाराज नहीं किया और सबको बोल दिया यहाँ से मैं गई तो क्या हुआ और नई आएगी और बाकी रण्डियाँ तो है। कल्पना, मैं तेरी कर्जदार हूँ जो तुने मेरी यहाँ खातिरदारी की और लोगों की चहेती राण्ड बनने में साथ दिया।
मौसी- मेरा शुक्र अदा मत कर। यह तो तेरे समझदार राजू के कारण यह मौका मिला वर्ना तुझे यह सब चोरी छुपे करना पड़ता और फिर न जाने क्या होता?
मैं- मौसी, मैंने कंपनी का बहुत सामान बेचा है, मैं बहुत जाना माना सेल्स एग्जिक्यूटिव हूँ पर रण्डियाँ बेचने का और उनको मुफ्त में चोदने का मौका तेरे कारण मिला। मेरी और मेरे बीवी की तमन्ना पूरी हुई। अगर कभी इच्छा हुई तो फोन करके आ जायेंगे।
आखरी दिन मौसी के कोठे की सभी रण्डियाँ नीला, सुशी, जाहिदा, रानी, जूली, डोना और मौसी ने हमें विदा किया, सब एक दूसरे के गले मिली। हम दिल्ली स्टेशन के लिए निकल पड़े। सुनीता को बुरका पहनाया था ताकि कोई पहचाने ना। हमने दिल्ली देखी और आज ही लौट रहे हैं।
इतना कहकर सुजीत बोला- जानते हो ? डोना मुझे घास नहीं डाल रही थी। फिर आने के चार घंटे पहले मैंने डोना के लिए भी मालदार ग्राहक लाकर दिया तो बदले में उसकी भी चुदाई की। साली की छाती पर मैं क्या कोई भी कुर्बान हो जाएगा, वैसी थी। मेरे लौड़े की वो बहुत आशिक हो गई थी। पर मैं वहाँ के मायाजाल से छूटना चाहता था। औरत एक समंदर है उसमें आदमी ज्यादा तैर नहीं सकता। उसके भोसड़े में चाहे जितना पानी डालो, वो प्यासा ही रहता है। फिर भी डोना तो साली क्रीम बिस्किट के जैसे थी। साली की दो टाँगों के बीच में जादू है।
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Re: औरत का जिस्म - hindi sexy story long
तो हरेश जी कैसे लगी?
मैं- सच नहीं लगता ! आपकी बीवी तो सुशील दिखाई देती है।
इतने में सुनीता सुजीत को हटाकर मेरे बगल में बैठ गई। आखरी स्टेशन अहमदाबाद था और आने में सिर्फ 10 मिनट की देर थी। उसने अपनी पर्स में से चार फोटो निकाले। एक में वो तंग कपड़ों में रण्डी के लिबास में ग्राहकों की राह देख खड़ी थी, दूसरे फोटो में वो एक के गले में हाथ डालकर नंगी खड़ी थी, तीसरे में वो और बाकी रण्डियाँ नंगी खड़ी थी।
उसने सबके नाम बताये और आखरी फोटो में डोना नंगी थी। सच में फोटो में भी डोना के नरियल बड़े बेताब कर रहे थे। फोटो देखकर मुझे यह कहानी सच लगने लगी।
उतने में सुनीता ने मेरे लौड़े हो छुआ और बोली- सुजीत, इस भड़वे के लौड़े ने मान लिया कि हमारी कहानी सच है। मैं तो चाहती हूँ कि इसके लौड़े को मैं ले लूँ ! टनाटन हो गया है। इधर अहमदाबाद में स्टेशन के पास बहुत होटल हैं। यह भड़वा चोदेगा और मज़ा करेगा तो होटल का भाड़ा भी भरेगा और हमें खाना भी खिलायेगा पैसे नहीं लूंगी इस भड़वे से !
मैं मन ही मन सोचने लगा कि सुनीता के दिमाग से रण्डी बनने का भूत उतरा क्यों नहीं था। साली को ट्रेन में मौका मिलता तो धंधा कर लेती। उसके कोठे वाली मौसी ने जो कहा था वो सोलह आने सच था- बिना मेहनत जांघें फैलाकर लौड़े लेकर पैसे कमाने की आदत हो गई तो फिर छूटना मुश्किल।
क्या मैं सच कहता हूँ या झूठ? इसके बारे में पराये लौड़े को लेने वाली औरत और उसके पास चोदने जाने वाले मर्द जरूर बता पायेंगे।
सुजीत- सुनीता रण्डी बनने का तुम्हारा शौक पूरा नहीं हुआ क्या?
सुनीता- नहीं रे (मेरे लौड़े को दबाते हुए) इस लौड़े को देखकर और इसे सेक्सी किताब पढ़ते हुए देखकर मन कर रहा है। बस ये एक आखरी बार। फिर कभी नहीं।
मैंने सुजीत से पूछा- दिन कैसे शुरू होता था?
सुजीत- सुबह होते ही रात वाले ग्राहक चले जाते थे फिर रण्डियाँ थोड़ा आराम कर लेती, नहा-धोकर जाहिदा, रानी नमाज पढ़ती थी, सीमा, मैं, मौसी, नीला और सुनीता पूजा-पाठ करती, जूली, सुशी, मोमबत्ती जलाकर जीजस के फोटो के सामने प्रार्थना करती थी। आखिर में डोना उनके साथ जुड़ गई। फिर अपनी कमाई गिनने बैठ जाती। मौसी को उसका हिस्सा देकर बाकी अपने कमरे में पेटी में रख देती। सुनीता के पैसे मैं सम्भालता था।
सुजीत- सुनीता, तुम्हें पहले-पहले कैसा लगा था?
सुनीता- वैसे जाहिदा ने सब सिखा दिया था, पर मैं डर गई थी। फिर अचानक मुझे जाहिदा ने सिखाया था कि डर लगे तो कस्टमर के पास देख कि पैसा खर्चने वाला है। ठीक लगा तो उसको बाहों में लेकर चूम और आस्ते से लौड़ा दबा दो। ऐसा ही किया और डर गायब और ग्राहक चोदने के लिए तैयार।
सुजीत- हाँ, मैंने मौसी के कमरे में लगे टीवी पर देखा। मौसी भी खुश हुई थी।
बातें करते करते हम तीनों होटल पहुँच गए और पूरे दिन के लिए होटल का कमरा बुक किया। मैंने सुनीता को जम के चोदा और सुजीत ने जम के सुनीता की गाण्ड मारी क्योंकि सुजीत को कोठे पर सुनीता की गाण्ड मारने का मौका नहीं मिला था। सुनीता का कस्टमर से चुदवाने में समय चला जाता था और मौसी ने दोनों को एक दूसरे से दूर रहने को भी कहा था।
मैंने और सुजीत ने एक ही व़क्त पर सुनीता को आगे से और पीछे से चोदा। जब सुजीत भोसड़े में डालता था तब मैं सुनीता की गाण्ड में डालता था, वैसे मैं सुनीता के भोसड़े में लौड़ा डालता तब सुजीत उसकी गाण्ड मारता।
सुजीत- यार सही में बहुत सकून मिलता है गाण्ड मारने में !
मैं- तो फिर एक बार मरवा के भी देखो। सारे अरमान पूरे हो जाएंगे।
मैंने उसको घोड़ा बनने कहा और उसकी गाण्ड थूक लगा कर चिकनी की और हल्का झटका देते हुए डाल दिया लौड़ा उसकी गाण्ड में !
सुजीत- धीरे ! कितना कड़क है रे?
सुनीता- सुजीत, फ़िक्र मत करो, पहली बार गाण्ड में लौड़ा लेते वक्त तकलीफ होती है ! एक बार अन्दर चला गया फिर आसमान की सैर करने का मज़ा आयेगा। जब मैंने राजा बाबू से गाण्ड मरवाई तब ऐसे ही हुआ था अब तो उसके बगैर नहीं चलता। मैंने कोठे पे 10 दिन में नब्बे से चुदवाया उसमें मेरे ख़ास तीस कस्टमर से जमकर गाण्ड मरवाई।
फिर क्या था सुजीत ने मुझसे गाण्ड भी मरवाई और मेरी भी गाण्ड जम के मारी। दोनों ने मुझे इतना मजबूर किया कि एक महीने तक मैं सेक्स के बारे में सोचता भी नहीं था। हाथ पैर दुखते थे, अपनी बीवी को भी चोदने से डरता था। फिर हम चेक आउट करके स्टेशन गए जहाँ सुजीत और सुनीता ने आखरी बार के लिए टाटा बाई बाई किया और कहा- जैसे घर पहुँचूंगी और दहलीज पर कदम रखूँगी रण्डी से गृहिणी बन जाऊँगी।
मैं- सच नहीं लगता ! आपकी बीवी तो सुशील दिखाई देती है।
इतने में सुनीता सुजीत को हटाकर मेरे बगल में बैठ गई। आखरी स्टेशन अहमदाबाद था और आने में सिर्फ 10 मिनट की देर थी। उसने अपनी पर्स में से चार फोटो निकाले। एक में वो तंग कपड़ों में रण्डी के लिबास में ग्राहकों की राह देख खड़ी थी, दूसरे फोटो में वो एक के गले में हाथ डालकर नंगी खड़ी थी, तीसरे में वो और बाकी रण्डियाँ नंगी खड़ी थी।
उसने सबके नाम बताये और आखरी फोटो में डोना नंगी थी। सच में फोटो में भी डोना के नरियल बड़े बेताब कर रहे थे। फोटो देखकर मुझे यह कहानी सच लगने लगी।
उतने में सुनीता ने मेरे लौड़े हो छुआ और बोली- सुजीत, इस भड़वे के लौड़े ने मान लिया कि हमारी कहानी सच है। मैं तो चाहती हूँ कि इसके लौड़े को मैं ले लूँ ! टनाटन हो गया है। इधर अहमदाबाद में स्टेशन के पास बहुत होटल हैं। यह भड़वा चोदेगा और मज़ा करेगा तो होटल का भाड़ा भी भरेगा और हमें खाना भी खिलायेगा पैसे नहीं लूंगी इस भड़वे से !
मैं मन ही मन सोचने लगा कि सुनीता के दिमाग से रण्डी बनने का भूत उतरा क्यों नहीं था। साली को ट्रेन में मौका मिलता तो धंधा कर लेती। उसके कोठे वाली मौसी ने जो कहा था वो सोलह आने सच था- बिना मेहनत जांघें फैलाकर लौड़े लेकर पैसे कमाने की आदत हो गई तो फिर छूटना मुश्किल।
क्या मैं सच कहता हूँ या झूठ? इसके बारे में पराये लौड़े को लेने वाली औरत और उसके पास चोदने जाने वाले मर्द जरूर बता पायेंगे।
सुजीत- सुनीता रण्डी बनने का तुम्हारा शौक पूरा नहीं हुआ क्या?
सुनीता- नहीं रे (मेरे लौड़े को दबाते हुए) इस लौड़े को देखकर और इसे सेक्सी किताब पढ़ते हुए देखकर मन कर रहा है। बस ये एक आखरी बार। फिर कभी नहीं।
मैंने सुजीत से पूछा- दिन कैसे शुरू होता था?
सुजीत- सुबह होते ही रात वाले ग्राहक चले जाते थे फिर रण्डियाँ थोड़ा आराम कर लेती, नहा-धोकर जाहिदा, रानी नमाज पढ़ती थी, सीमा, मैं, मौसी, नीला और सुनीता पूजा-पाठ करती, जूली, सुशी, मोमबत्ती जलाकर जीजस के फोटो के सामने प्रार्थना करती थी। आखिर में डोना उनके साथ जुड़ गई। फिर अपनी कमाई गिनने बैठ जाती। मौसी को उसका हिस्सा देकर बाकी अपने कमरे में पेटी में रख देती। सुनीता के पैसे मैं सम्भालता था।
सुजीत- सुनीता, तुम्हें पहले-पहले कैसा लगा था?
सुनीता- वैसे जाहिदा ने सब सिखा दिया था, पर मैं डर गई थी। फिर अचानक मुझे जाहिदा ने सिखाया था कि डर लगे तो कस्टमर के पास देख कि पैसा खर्चने वाला है। ठीक लगा तो उसको बाहों में लेकर चूम और आस्ते से लौड़ा दबा दो। ऐसा ही किया और डर गायब और ग्राहक चोदने के लिए तैयार।
सुजीत- हाँ, मैंने मौसी के कमरे में लगे टीवी पर देखा। मौसी भी खुश हुई थी।
बातें करते करते हम तीनों होटल पहुँच गए और पूरे दिन के लिए होटल का कमरा बुक किया। मैंने सुनीता को जम के चोदा और सुजीत ने जम के सुनीता की गाण्ड मारी क्योंकि सुजीत को कोठे पर सुनीता की गाण्ड मारने का मौका नहीं मिला था। सुनीता का कस्टमर से चुदवाने में समय चला जाता था और मौसी ने दोनों को एक दूसरे से दूर रहने को भी कहा था।
मैंने और सुजीत ने एक ही व़क्त पर सुनीता को आगे से और पीछे से चोदा। जब सुजीत भोसड़े में डालता था तब मैं सुनीता की गाण्ड में डालता था, वैसे मैं सुनीता के भोसड़े में लौड़ा डालता तब सुजीत उसकी गाण्ड मारता।
सुजीत- यार सही में बहुत सकून मिलता है गाण्ड मारने में !
मैं- तो फिर एक बार मरवा के भी देखो। सारे अरमान पूरे हो जाएंगे।
मैंने उसको घोड़ा बनने कहा और उसकी गाण्ड थूक लगा कर चिकनी की और हल्का झटका देते हुए डाल दिया लौड़ा उसकी गाण्ड में !
सुजीत- धीरे ! कितना कड़क है रे?
सुनीता- सुजीत, फ़िक्र मत करो, पहली बार गाण्ड में लौड़ा लेते वक्त तकलीफ होती है ! एक बार अन्दर चला गया फिर आसमान की सैर करने का मज़ा आयेगा। जब मैंने राजा बाबू से गाण्ड मरवाई तब ऐसे ही हुआ था अब तो उसके बगैर नहीं चलता। मैंने कोठे पे 10 दिन में नब्बे से चुदवाया उसमें मेरे ख़ास तीस कस्टमर से जमकर गाण्ड मरवाई।
फिर क्या था सुजीत ने मुझसे गाण्ड भी मरवाई और मेरी भी गाण्ड जम के मारी। दोनों ने मुझे इतना मजबूर किया कि एक महीने तक मैं सेक्स के बारे में सोचता भी नहीं था। हाथ पैर दुखते थे, अपनी बीवी को भी चोदने से डरता था। फिर हम चेक आउट करके स्टेशन गए जहाँ सुजीत और सुनीता ने आखरी बार के लिए टाटा बाई बाई किया और कहा- जैसे घर पहुँचूंगी और दहलीज पर कदम रखूँगी रण्डी से गृहिणी बन जाऊँगी।
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