raj sharma stories मस्त घोड़ियाँ compleet

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rajaarkey
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Re: raj sharma stories मस्त घोड़ियाँ

Unread post by rajaarkey » 12 Nov 2014 08:54

मस्त घोड़ियाँ--4

गतान्क से आगे........................

मनोहर- आओ बेटी हमारी गोद मे आकर बैठो,

संगीता धीरे से अपने पापा की गोद मे बैठ जाती है अपनी बेटी के गदराए हुए भारी चुतडो का भार सीधे मनोहर के लंड पर पड़ता है और वह तुरंत अपने हाथो को अपनी बेटी के दूध पर धीरे से रख लेता है इतने मे संध्या दरवाजा खोल कर बाहर आ जाती है और मनोहर एक दम से संगीता को पास मे बैठा देता है,

इस बार संध्या का चेहरा थोड़ा लाल था और उसने अपने ससुर को कोई घुघाट भी नही किया था और फिर एक दम से घुघाट करने का नाटक करते हुए,

संध्या- संगीता ज़रा यहाँ आना और पलट कर संध्या वापस अपने रूम मे चली जाती है

संगीता उठ कर अपने भैया के कमरे मे जाती है और संध्या उसके पास आकर क्यो री वहाँ क्या कर रही थी

बैठी-बैठी मेरे पास नही आ सकती कि थोड़ा टाइम पास हो जाए,

संगीता- अरे नही भाभी वो तो पापा से बात करने लगी नही तो मैं आ आपके पास ही रही थी,

संगीता- भैया कहाँ है

संध्या- उन्होने जब से तुझे नंगी देखा है बस तुझे ही चोदने के सपने देखा करते है,

संगीता- तुम भी ना भाभी

संध्या संगीता का गाल चूमते हुए, मेरी रानी तेरे भैया का बड़ा मस्त है एक बार ले कर देख मस्त हो जाएगी

मैं तो जब भी मोका मिलता है तेरे भैया के लंड पर चढ़ कर अपनी चूत मरा लेती हू, सच रानी एक बार अपने

भैया का लोड्‍ा अपनी इस मस्त चूत मे लेकर देख मस्त हो जाएगी,

इसके बाद संध्या ने सीधे अपने हाथ को संगीता की चूत मे डाल दिया और उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे

दबोचते हुए उसके होंठो को चूम लिया,

संगीता- आह-आह यह क्या कर रही हो भाभी

संध्या- मेरी रानी मैं वही कर रही हू जो तेरे भैया तेरे साथ करना चाहते है, और फिर संध्या ने संगीता की

चूत को वही बैठ कर चूसना शुरू कर दिया और संगीता एक दम से पागल हो गई उसने अपनी टाँगे अच्छे से

फैला ली और संध्या उसकी चूत को चाटने लगी, तभी पीछे से रोहित आया और उसने संगीता के मोटे-मोटे दूध को

अपने हाथो मे भर कर उसके होंठो को अपने होंठो से चूसना शुरू कर दिया, रोहित जब संगीता के दूध

दबा रहा था तो उसे वह बड़े कठोर और बड़े नज़र आ रहे थे,

वही संध्या ने संगीता की चूत को इस कदर

चाटना शुरू किया कि वह मस्त हो गई और तड़पने लगी,

बाहर मनोहर अकेला बैठा सोच रहा था कि संगीता कब बाहर आएगी

संध्या और रोहित ने संगीता को उठा कर बेड पर पूरी नंगी करके लेटा दिया उसके बाद रोहित और संध्या भी पूरे

नंगे हो गये और दोनो बिस्तेर पर नंगी पड़ी संध्या से चिपक गये,

अपने बदन से इस तरह दो नंगे जिस्म के चिपक जाने से संगीता की चूत से पानी बाहर आने लगा उसके चूतड़

इधर उधर मटकने लगे, रोहित ने संगीता के चुचो को अपने मूह मे भर कर दबाना शुरू कर दिया और

संध्या संगीता के होंठ चूसने मे लगी हुई थी

तभी रोहित ने अपनी बहन की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर

भींच दिया संध्या एक दम से तड़प उठी तभी रोहित उठा और उसने संगीता की दोनो मोटी जाँघो को अपने मूह से

चूमते हुए चोडा कर दिया और फिर रोहित ने अपने लंड को अपनी बहन की चूत मे लगा कर एक ज़ोर का धक्का दिया

और उसका लंड संगीता की चूत को खोलता हुआ पूरा अंदर तक समा जाता है, दूसरा झटका मारते ही वह और गहराई

मे उतर जाता है और संगीता के मूह से गु-गु की आवाज़ भर निकल पा रही थी क्यो कि उसके होंठो से अपने होंठ

लगाए हुए संध्या बराबर उसके ठोस उभारो को मसल्ति जा रही थी,

रोहित तब तक 10-12 धक्के जमा चुका था और उसका लंड अब उसकी बहन की चूत मे अच्छी तरह फिसल रहा था

संगीता भी धीरे-धीरे मस्ताने लगी थी और फिर कुछ धक्को के बाद संगीता ने अपने भैया की कमर मे अपनी

टाँगे लपेट कर ओह भैया चोदो, ओह भैया और चोदो, खूब चोदो, कस-कस कर चोदो आह आह आह ओह

रोहित यह सुनते ही अपनी प्यारी बहना की चूत मे अपने लंड को खूब कस-कस कर ठोकने लगा संगीता पूरी मस्ती

मे अपने भारी चूतादो को उपर की ओर उछाल रही थी, पूरे कमरे मे ठप-ठप की आवाज़े गूँज रही थी संध्या

ने संगीता की चुचियो को अपने मूह मे ले लिया और संगीता ने एक दम से संध्या की

चूत मे अपना हाथ डाल कर

उसकी चूत को दबोच लिया संध्या के मूह से एक सिसकारी सी निकल गई,

रोहित अपनी रफ़्तार मे धक्के मारे जा रहा था और संगीता अब च्छुटने की स्थिति मे लग रही थी, तभी रोहित ने एक

करारा धक्का उसकी चूत मे मार दिया और उसका पानी उसकी बहन की मस्त चूत मे गहराई तक उतर गया,

कुछ देर पड़े रहने के बाद रोहित उठा और उसने संध्या के होंठो को चूमते हुए उससे कहा, डार्लिंग तुम्हारा

जवाब नही तुम वाकई मे ग्रेट हो,

संध्या ने संगीता के सर पर हाथ फेरते हुए कहा रानी अभी तो यह प्रॅक्टिकल था बाकी का काम समय आने पर

करेगे , संगीता मुस्कुरा दी उसके बाद रोहित संगीता के पास जाकर उसके होंठो को चूमते हुए, वाह मेरी रानी

बहना बहुत मज़ा दिया तुमने,

सभी अपने कपड़े पहन कर रेडी हो जाते है उसके बाद संगीता बाहर आकर पापा के पास बैठ जाती है और

संध्या पापा के लिए चाइ बना कर ले आती है,

उधर मंजू और रुक्मणी फिर से तैयार होकर बाहर जाने के लिए बैठक रूम मे आती है और

मनोहर- अरे तुम दोनो फिर कहाँ चल दी और बड़ा मेकप भी किया हुआ है, रोहित बाहर से आती आवाज़ सुनकर

अपनी खिड़की को थोडा सा खोल कर बाहर झाँकता है तो देखता है कि उसकी मा मंजू और बुआ मस्त चोदने लायक

माल लग रही थी, दोनो ने अपनी गंद तक कुर्ता और बिल्कुल चुस्त सलवार फसा रखी थी और दोनो की मोटी गुदाज

जंघे और भारी-भारी गंद रोहित की तरफ थी, रोहित देख रहा था कि उसके पापा मनोहर भी उसकी बुआ रुक्मणी के

फैले हुए मोटे चूतादो को बड़ी ललचाई नज़ारो से देख रहे थे, और जब दोनो घर के बाहर जाने लगी तब

मनोहर अपना लंड सहलाते हुए अपनी बहन रुक्मणी की मोटी गंद को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था,

तभी रोहित रूम से बाहर आता है और

रोहित- संगीता मैं बाजार तक जा रहा हू कुछ काम तो नही है

संगीता- भैया मुझे तो कोई काम नही है किचन मे भाभी से पुंछ लो

रोहित- किचन मे जाता है और संध्या की मोटी गंद को उसकी साडी के उपर से सहलाते हुए मेरी रानी कुछ लाना तो

नही है मैं अभी थोड़ी देर मे घूम कर आता हू,

rajaarkey
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Re: raj sharma stories मस्त घोड़ियाँ

Unread post by rajaarkey » 12 Nov 2014 08:55

संध्या पलट कर रोहित का लंड पकड़ कर दबाते हुए, मुझे पता है आप कहाँ जा रहे है, यह मुआ ऐसे ही

थोड़ी खड़ा हो गया है उन दोनो रंडियो को आप ने बाहर चूड़ीदार सलवार पहने जाते देखा है और उस सलवार

मे तो उन दोनो रंडियो के भारी चूतादो को देख कर तो अच्छे-अच्छे का पानी छूट जाता है, अपनी मम्मी और

बुआ की मोटी गंद सूंघते हुए उनके पीछे-पीछे चल दिए ना,

रोहित- संध्या की मोटी गंद को अपने हाथो से दबोचते हुए सच संध्या एक बार मैं बुआ और मम्मी को भी

पूरी नंगी करके चोदना चाहता हू,

संध्या- रोहित के लंड के टोपे को खोल कर सहलाती हुई, मुझे पता है तुम्हे अपनी बुआ और मम्मी की मोटी गंद

बहुत पसंद है और खास कर तुम्हे अपनी मम्मी की मोटी गंद को खूब फैला कर चाटने और खूब कस कर

चोदने का बड़ा मन करता है, पर तुम फिकर ना करो जब तुम मेरी हर बात मानते हो तो मैं क्या अपने पति को उसकी

मम्मी की मोटी गंद को चुदवाने मई उसकी मदद नही कर सकती, अब जाओ नही तो मम्मी और बुआ दूर निकल

जाएगी,

रोहित तुरंत वहाँ से बाहर आता है तभी मनोहर उसे बुला कर

मनोहर-रोहित बेटे तुम संध्या का खास ख्याल रखा करो वह हमारे घर मे एक तरह से नई ही है और ये लो

कुछ पैसे और उसकी ज़रूरत का समान लेते आना और हाँ उससे कहो ज़रूरी नही है की वह दिन भर साडी मे ही रहे

उसके लिए कुछ अच्छे जीन्स वग़ैरह ले आओ, वैसे भी हमारे घर मे पर्दे की ज़रूरत नही है और फिर वह भी

तो संगीता की तरह मेरी बेटी है

रोहित- जी पापा मैं समझ गया, मैं अभी संध्या को जा कर बोलता हू और फिर रोहित संध्या के पास जाकर

रोहित- जानेमन तुमने पापा की बात तो सुनी होगी अब जाओ अपने कपड़े चेंज करके उन्हे भी अपना जलवा दिखा दो

रोहित बाहर आकर तेज-तेज चल देता है तभी उसे कुछ आगे उसकी मम्मी मंजू और बुआ रुक्मणी नज़र आती है

दोनो रंडिया अपने भारी चूतादो को मटकाती हुई जा रही थी रोहित पीछे-पीछे थोड़ी दूरी बना कर अपनी मम्मी की

मोटी गंद और बुआ की मोटी गंद को अपने लंड को दबाते हुए देख रहा था, तभी बुआ की नज़र रोहित पर पड़ जाती

है और वह अपनी भाभी से कहती है

बुआ- देख दीदी तेरा बेटा कैसे तेरी मोटी गंद को घूरता हुआ किसी टूटटू की तरह अपनी मा की गंद के पीछे लगा हुआ

चला आ रहा है

मंजू- मुस्कुराते हुए अरे वह तेरे चूतादो को देख रहा है,

बुआ- अरे नही दीदी वह तेरे चूतादो को घूर रहा है

मंजू- वह मेरा बेटा है वह तेरे और मेरे दोनो के चूतादो को घूर रहा है

तभी मंजू मुस्कुराते हुए चलते-चलते अपनी गंद के छेद को अपने हाथ से मसल्ते हुए चलने लगती है

और रोहित सोचता है कि मम्मी की मोटी गंद की गुदा मे खूब मीठी-मीठी खुजली हो रही है तभी इतना ज़ोर से अपनी

गंद खुज़ला रही है,

तभी मंजू और बुआ दोनो नीचे सब्जियो की दुकान पर झुक कर भाव-ताव करने लगी उनके

झुके होने से उनकी सलवार पूरी तरह उन दोनो के भारी चूतादो से चिपकी हुई थी और दोनो की पेंटी उनकी सलवार से

साफ नज़र आ रही थी, रोहित का लंड अपनी मम्मी और बुआ की मोटी कसी हुई गुदाज जाँघ और मोटी-मोटी गंद देख

कर पूरी तरह तन गया वह अपने लंड को मसल ही रहा था तभी सब्जी वाले की नज़र रोहित पर पड़ गई कि वह इन

दोनो औरतो के भारी चूतादो को घूर रहा है और रोहित वहाँ से चुपचाप चल देता है,

उधर मनोहर की गोद मे चढ़ते हुए संगीता अपने पापा के गालो को चूमते हुए

संगीता- पापा कभी हमे कही बाहर घुमाने भी ले जाया करो ना घर मे बोर हो जाते है

मनोहर की लूँगी के नीचे उसका लंड अपनी बेटी की गुदाज गंद से पूरी तरह दबा हुआ था और मनोहर ने अपनी बेटी

के भारी चूतादो को थोड़ा उठा कर अपने लंड को अड्जस्ट करके सीधे संगीता की चूत से टिका दिया अपने पापा का

लंड अपनी गंद चूत मे चुभने से संगीता एक दम से अपने पापा से चिपक जाती है और मनोहर अपनी बेटी की

मोटी कसी हुई चुचियो को अपने हाथो मे भर कर दबाने लगता है,

तभी संध्या एक मस्त जीन्स और छ्होटी सी

टीशर्ट पहन कर जब बाहर आती है तो मनोहर अपनी बहू की मदमस्त गदराई जवानी देख कर संगीता के दूध

को कस कर मसल देता है और संगीता आह करके अपनी भाभी को देखने लगती है संध्या ने बिना ब्रा के एक

छ्होटी सी टीशर्ट पहन रखी थी जिससे उसके मोटे-मोटे दूध पूरी तरह साफ नज़र आ रहे थे,

मनोहर का लंड अपनी बहू के गदराए जिस्म को देख कर झटके मार रहा था तभी संगीता ने कहा वाह भाभी

आप तो मस्त लग रही हो ज़रा पीछे घूम कर दिखाओ और जब संध्या पीछे घूमी तो अपनी बहू के भारी भरकम

चुतडो को जीन्स मे उठा हुआ देख कर मनोहर के मूह से पानी आ गया उसने कहा

मनोहर -वाह बहू तुम तो बहुत खूबसूरत और जवान लगती हो जीन्स मे बेटी आज से ऐसे ही कपड़े पहना करो

आख़िर संगीता और तुझमे फ़र्क ही क्या है तुम दोनो ही मेरी बेटी हो और फिर मनोहर ने संगीता से कहा बेटी जाओ

तुम भी ऐसी ही जीन्स और टॉप पहन कर आओ मैं देखना चाहता हू कि मेरी दोनो बेटियाँ एक जैसे कपड़े मे कैसी

लगती है,

क्रमशः......................


rajaarkey
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Re: raj sharma stories मस्त घोड़ियाँ

Unread post by rajaarkey » 12 Nov 2014 08:55

MAST GHODIYAN--4

gataank se aage........................

manohar- aao beti hamari god mai aakar betho,

sangita dhire se apne papa ki god mai beth jati hai apni beti ke gadraye huye bhari chutado ka bhar sidhe manohar ke land par padta hai aur vah turant apne hantho se apni beti ke doodh par dhire se hath rakh leta hai itne mai sandhya darwaja khol kar bahar aa jati hai aur manohar ek dam se sangita ko pas mai betha deta hai,

is bar sandhya ka chehra thoda lal tha aur usne apne sasur ko koi ghughat bhi nahi kiya tha aur phir ek dam se ghughat karne ka natak karte huye,

sandhya- sangita jara yaha aana aur palat kar sandhya vapas apne room mai chali jati hai

sangita uth kar apne bhaiya ke kamre mai jati hai aur sandhya uske pas aakar kyo ri vaha kya kar rahi thi

bethi-bethi mere pas nahi aa sakti ki thoda time pass ho jaye,

sangita- are nahi bhabhi vo to papa se bat karne lagi nahi to mai aa aapke pas hi rahi thi,

sangita- bhaiya kaha hai

sandhya- unhone jab se tujhe nangi dekha hai bas tujhe hi chodne ke sapne dekha karte hai,

sangita- tum bhi na bhabhi

sandhya sangita ka gal chumte huye, meri rani tere bhaiya ka bada mast hai ek bar le kar dekh mast ho jayegi

mai to jab bhi moka milta hai tere bhaiya ke land par chadha kar apni chut mara leti hu, sach rani ek bar apne

bhaiya ka loda apni is mast chut mai lekar dekh mast ho jayegi,

iske bad sandhya ne sidhe apne hath ko sangita ki chut mai dal diya aur uski chut ko kas kar apne hantho mai

dabochte huye uske hontho ko chum liya,

sangita- aah-aah yah kya kar rahi ho bhabhi

sandhya- meri rani mai vahi kar rahi hu jo tere bhaiya tere sath karna chahte hai, aur phir sandhya ne sangita ki

chut ko vahi beth kar chusna shuru kar diya aur sangita ek dam se pagal ho gai usne apni tange achche se

phaila li aur sandhya uski chut ko chatne lagi, tabhi piche se rohit aaya aur usne sangita ke mote-mote doodh ko

apne hantho mai bhar kar uske hontho ko apne hontho se chusna shuru kar diya, rohit jab sangita ke doodh

daba raha tha to use vah bade kathor aur bade najar aa rahe the,

vahi sandhya ne sangita ki chut ko is kadar

chatna shuru kiya ki vah mast ho gai aur tadapne lagi,

bahar manohar akela betha soch raha tha ki sangita kab bahar aayegi

sandhya aur rohit ne sangita ko utha kar bed par puri nangi karke leta diya uske bad rohit aur sandhya bhi pure

nange ho gaye aur dono bister par nangi padi sandhya se chipak gaye,

apne badan se is tarah do nange jism ke chipak jane se sangita ki chut se pani bahar aane laga uske chutad

idhar udhar matakne lage, rohit ne sangita ke chucho ko apne muh mai bhar kar dabana shuru kar diya aur

sandhya sangita ke honth chusne mai lagi hui thi

tabhi rohit ne apni bahan ki chut ko apni mutthi mai bhar kar

bhinch diya sandhya ek dam se tadap uthi tabhi rohit utha aur usne sangita ki dono moti jangho ko apne muh se

chumte huye choda kar diya aur phir rohit ne apne land ko apni bahan ki chut mai laga kar ek jor ka dhakka diya

aur uska land sangita ki chut ko kholta hua pura andar tak sama jata hai, dusra jhatka marte hi vah aur gahrai

mai utar jata hai aur sangita ke muh se gu-gu ki aawaj bhar nikal pa rahi thi kyo ki uske hontho se apne honth

lagaye huye sandhya barabar uske thos ubharo ko masalti ja rahi thi,

rohit tab tak 10-12 dhakke jama chuka tha aur uska land ab uski bahan ki chut mai achchi tarah fisal raha tha

sangita bhi dhire-dhire mastane lagi thi aur phir kuch dhakko ke bad sangita ne apne bhaiya ki kamar mai apni

tange lapet kar oh bhaiya chodo, oh bhaiya aur chodo, khub chodo, kas-kas kar chodo aah aah aah oh

rohit yah sunte hi apni pyari bahna ki chut mai apne land ko khub kas-kas kar thokne laga sangita puri masti

mai apne bhari chutado ko upar ki aur uchal rahi thi, pure kamre mai thap-thap ki aawaje gunj rahi thi sandhya

ne sangita ki chuchiyo ko apne muh mai le liya aur sangita ne ek dam se sandhya ki

chut mai apna hath dal kar

uski chut ko daboch liya sandhya ke muh se ek siskari si nikal gai,

rohit apni raftar mai dhakke mare ja raha tha aur sangita ab chhutane ki sthiti mai lag rahi thi, tabhi rohit ne ek

karara dhakka uski chut mai mar diya aur uska pani uski bahan ki mast chut mai gahrai tak utar gaya,

kuch der pade rahne ke bad rohit utha aur usne sandhya ke hontho ko chumte huye usse kaha, darling tumhara

jawab nahi tum wakai mai great ho,

sandhya ne sangita ke sar par hath pherte huye kaha rani abhi to yah practical tha baki ka kam samay aane par

karege , sangita muskura di uske bad rohit sangita ke pas jakar uske hontho ko chumte huye, wah meri rani

bahna bahut maza diya tumne,

sabhi apne kapde pahan kar reddy ho jate hai uske bad sangita bahar aakar papa ke pas beth jati hai aur

sandhya papa ke liye chai bana kar le aati hai,

udhar manju aur rukmani phir se taiyar hokar bahar jane ke liye bethak room mai aati hai aur

manohar- are tum dono phir kaha chal di aur bada makeup bhi kiya hua hai, rohit bahar se aati aawaj sunkar

apni khidki ko thoda sa khol kar bahar jhankta hai to dekhta hai ki uski ma manju aur bua mast chodne layak

mal lag rahi thi, dono ne apni gand tak kurta aur bilkul chust salwar phasa rakhi thi aur dono ki moti gudaj

janghe aur bhari-bhari gand rohit ki taraf thi, rohit dekh raha tha ki uske papa manohar bhi uski bua rukmani ke

phaile huye mote chutado ko badi lalchai najaro se dekh rahe the, aur jab dono ghar ke bahar jane lagi tab

manohar apna land sahlate huye apni bahan rukmani ki moti gand ko kha jane wali najro se dekh raha tha,

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