चुदाइ का दूसरा रूप compleet

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raj..
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Re: चुदाइ का दूसरा रूप

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 07:02

चुदाई का दूसरा रूप--4

गतान्क से आगे.....................

तीनों, सारा, उसका पति और वो नेता, बेड रूम मे सोफा पर बैठ कर सिगरेट

पीने लगे. सारा के पति ने सारा से कहा की लीडर को वो बहुत अच्छी लग रही

है और वो और कुछ देर घर मे रहना चाहता है. शराब के नशे मे सारा अपने पति

की बात का पूरा मतलब नही समझ सकी. वैसे भी वो एक सब का जाना पहचाना नेता

था.

अचानक, उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे जाकड़ लिया तो सारा चौंक गई और

उसने अपने पति की तरफ देखा. उसका पति मुस्करा रहा था. सारा को सारी बात

समझ मे आगाई जो वो अब तक नही समझी थी. उस नेता ने सारा को अपनी बाहों मे

उठा कर बिस्तर पर गिरा दिया. सारा ने फिर अपने पति की तरफ देखा तो उसके

पति ने कहा की नेताजी को खुश करदो. सारा ना कुछ बोल सकी और ना ही कुछ कर

सकी. उसकी आँखों से आँसू निकल आए. उस ने सोच लिया कि वो उस नेता से चुदवा

कर अपने पति के काम मे उसकी मदद करेगी. इस काम मे शराब का भी काफ़ी हाथ

था.

सारा अपने बिस्तर पर पड़ी थी और उसका पति और उसका नेता दोस्त दोनो मिलकर

उसके कपड़े उतारने लगे. जल्दी ही उन दोनो ने सारा को पूरा नंगा कर दिया.

उसके पति ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो कर, सोफा पर बैठ कर

सिगरेट पीने लगा. सारा जान गई कि उसका पति जो नामार्द है, कुछ नही करेगा

और उसका नेता दोस्त उसको चोदेगा और उसका पति सब देखेगा. नेता ने सारा को

कहा की वो उसके कपड़े उतारे. सारा ने नेता के कपड़े उतार कर उसे भी नंगा

किया और उसका बेशरम नमार्द पति सोफा पर बैठा सब देख रहा था.

नेता चुदाई के मामले मे बसंत की तरह एक काबिल मर्द था और काफ़ी दिनों के

बाद सारा को चुदाई मे संतुष्टि मिली थी, पर सारा खुश नही थी क्यों कि

उसके पति ने उसका, उसके बदन का, उसकी चूत का, उसकी चुदाई का अपने धन्दे

मे फ़ायदे के लिए इस्तेमाल किया था.

वो नेता तो सारा को चोद कर चला गया था. उस नेता से चुदवाते हुए सारा ने

देखा था कि उसके पति के लंड का पानी अपने आप ही निकल कर सोफा के पास फैल

गया था. किसी रंडी की तरह, बिना अपने पति की तरफ ध्यान दिए, करवट ले कर

सारा नंगी ही सो गई.

अगले दिन सुबह, जब शराब का नशा नही था, तो सारा को सारी बात अच्छी तरह

समझ मे आई. एक बार उसने सोचा कि उसने बहुत ग़लत काम किया है, पर फिर उसने

सोचा कि उसने जो भी किया, अपने पति के कहने पर किया और उसका पति खुद वहाँ

मौजूद था जब वो नेता उसको चोद रहा था. वैसे भी वो कोई सती सावित्री नही

थी. अपनी खुशी के लिए वो बसंत से चुदवाती थी तो धंधे मे फ़ायदे के लिए एक

बार अपने पति के कहने पर उस नेता से चुदवा लिया तो क्या हो गया . ये

चुदाई की बात तो उन तीनो के बीच ही रहनेवाली है. और अंदर से कहीं वो खुश

भी थी की उसको चुदाई मे संतुष्टि भी मिली है जिसकी वो हक़दार है.

पर जल्दी ही सारा को पता चल गया कि ये उसकी ग़लती थी जो वो अपने पति के

बारे मे अच्छा अच्छा सोचती थी. सारा ने सोचा था कि वो केवल एक बार की बात

थी जो उसे अपने पति की खातिर उस नेता से चुदवाना पड़ा था. वो अपने पति को

ठीक से पहचान नही पाई थी. करीब करीब रोज़ ही शाम को उसका पति अलग अलग

आदमियों के साथ घर आता और सारा को उनसे चुदवाने को कहता. जब कभी भी सारा

ने चुदवाने के लिए ना कहा, उसका पति उसे बुरी तरह मारता था. अब वो समझ गई

थी कि उसके पति की पहुँच बहुत उपर तक थी. उसने कई बार घर से भागने की

कोशिश की पर नाकाम रही और उसके पति ने उसे पीटा था. उस ने पोलीस मे भी

जाने की कोशिश की थी पर उसको पता नही था कि एक बड़ा पोलीस ऑफीसर उसके पति

का दोस्त था और बाद मे उसी पोलीस ऑफीसर ने उसके पति की मौजूदगी मे सारा

को बुरी तरह चोदा था.

raj..
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Re: चुदाइ का दूसरा रूप

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 07:02

सारा की जिंदगी नर्क बनती जा रही थी. अब तो उसका पति उसे दो - तीन

आदमियों से एक साथ ही चुदवाता था. वो एक रंडी की जिंदगी जी रही थी और

उसका अपना पति ही जैसे उसका दलाल / भड़वा बन गया था. सारा को बड़े बड़े

आदमियों से चुदवा कर, अपना काम निकलवा कर, उसके पति ने अपने धन्दे मे

बहुत पैसा कमाया. अलग अलग आदमी सारा को अपनी पसंद के अनुसार अलग अलग

तरीके से चोद्ते थे और सारा चुदवाने के सिवाय कुछ नही कर पाती थी.

और इसी कारण वो एक पक्की शराबी बन गई थी और बहुत धूम्रपान करती थी. सारा

ने अपनी किस्मत से समझौता कर लिया था. अब तो ये हालत थी कि सारा को

चुदवाने की जैसे आदत पड़ गयी थी और वो अब चुदाई के बिना नही रह सकती थी

और उसको रोज़ एक से ज़्यादा मर्द चाहिए चुदवाने के लिए. अब वो अपनी आदत

और मर्ज़ी से एक रांड़ बन चुकी थी. अब उसे किसी तरह की शर्म भी नही आती

थी. वो किसी से भी, कभी भी, कैसे भी चुदवा सकती थी.

मुझे सारा के मूह से उसकी कहानी सुन कर बहुत धक्का लगा और बहुत दुख हुआ.

मगर सारा मुस्कराती रही, शराब पीती रही, धूम्रपान करती रही और अपनी चुदाई

की भयानक कहानी सुनाती गई.

अंत मे सारा ने बताया - मेरा भड़वा पति अपने तीन विदेशी दोस्तों को लाने

के लिए बाहर गया है और आज मैं तीन तीन विदेशियों से एक साथ चुदवाउंगी.

मैं बोली - सारा, ये सब तुम कितनी आसानी से कह रही हो. ये चिंता की बात है.

सारा ने जवाब दिया - नही यार! मेरी जिंदगी मे ये सब आम बात है. मैं खुद

अब इन सब के बिना नही रह सकती.

मैं बोली - सारा ! मेरी दोस्त ! मुझे बताओ कि मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ

कि तुम इस नर्क से बाहर आ जाओ.

सारा - कुछ नही जूली! मुझे अब इसकी आदत पड़ गई है. मैं जो भी कर रही हूँ,

वो अपनी मर्ज़ी से कर रही हूँ. मुझे किसी से कोई शिकायत नही है. मुझे

रोज़ाना चुदवाने के लिए एक नया मर्द चाहिए और जिस दिन मेरे भॅडव पति का

कोई दोस्त नही आता, उस दिन मैं अपने दलाल पति से किसी मर्द का बंदोबस्त

करने को कहती हूँ और वो किसी ना किसी को मुझे चोदने के लिए ले आता है.

मैं अब बहुत खुश हूँ.

पर मैं जानती थी, वो बहुत तो क्या, ज़रा भी खुश नही है. पर मैं उसके लिए

कुछ भी नही कर सकती थी.

शाम के 7.30 बज चुके थे. सारा ने बताया की उसके भदवे पति के, उसके तीन

विदेशी दोस्तों के साथ आने का समय हो गया है. वो तीनो विदेशी मिलकर अब

उसको उसके ही भद्वे पति के सामने चोदेन्गे. मैं उसके पति को भड़वा नही

कहना चाहूँगी क्यों कि भड़वा तो उसके लिए बहुत छ्होटा शब्द है.

मैने भारी मन से सारा से विदाई ली और अपने घर की तरफ रवाना हो गई. मैने

उसी समय सोच लिया था कि मैं ये कहानी अपनी अगली चुदाई की दास्तान मे

ज़रूर लिखूँगी ताकि लोगों को पता चले कि चुदाई का ये भी एक रूप है.

समाप्त

raj..
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Re: चुदाइ का दूसरा रूप

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 07:03

chudaai Ka Dusara Roop--4

gataank se aage.....................

Teenon, Sara, uska pati aur wo neta, bed room me sofa par baith kar

cigret peene lage. Sara ke pati ne Sara se kaha ki leader ko wo bahut

achhi lagrahi hai aur wo aur kuch der ghar me rahna chahta hai.

Sahraab ke nashe me Sara apne pati ki baat ka poora matlab nahi samajh

saki. Waise bhi wo ek sab ka jana pahchana neta tha.

Achanak, us neta ne sara ko apni baahon me jakad liya to Sara chaunk

gai aur usne apne pati ki taraf dekha. Uska pati muskara raha ta. Sara

ko saari baat samajh me aagai jo wo ab tak nahi samjhi thi. Us neta ne

Sara ko apni baahon me utha kar bistar par gira diya. Sara ne phir

apne pati ki taraf dekha to uske pati ne kaha ki netaji ko khush

kardo. Sara na kuch bol saki aur naa hi kuch kar saki. Uski aankhon se

aansu nikal aaye. Us ne soch liya ki wo us neta se chudwa kar apne

pati ke kaam me uski madad karegi. Is kaam me sharaab ka bhi kafi hath

tha.

Sara apne bistar par padi thi aur uska pati aur uska neta dost dono

milkar uske kapde utaarne lage. Jaldi hi un dono ne Sara ko poora

nanga kar diya. Uske pati ne bhi apne saare kapde utaar diye aur nanga

ho kar, sofa par baith kar cigret peene laga. Sara jaan gai ki uska

pati jo naamard hai, kuch nahi karega aur uska neta dost usko chodega

aur uska pati sab dekhega. Neta ne sara ko kaha ki wo uske kapde

utaare. Sara ne Neta ke kapde utaar kar use bhi nanga kiya aur uska

besharam namard pati sofa par baitha sab dekh raha tha.

Neta chudai ke maamle me Basant ki tarah ek kaabil mard tha aur kafi

dinon ke baad Sara ko chudai me santushti mili thi, par Sara khush

nahi thi kyon ki uske pati ne uska, uske badan ka, uski chut ka, uski

chudai ka apne dhande me fayde ke liye istemaal kiya tha.

Wo neta to Sara ko chod kar chala gaya tha. Us neta se chudwate huye

Sara ne dekha tha ki uske pati ke lund ka paani apne aap hi nikal kar

sofa ke paas fail gaya tha. Kisi randi ki tarah, bina apne pati ki

taraf dhayan diye, karwat le kar Sara nangi hi so gai.

Agle din subah, jab sharaab ka nasha nahi tha, to Sara ko sari baat

achhi tarah samajh me aayi. Ek baar usne socha ki usne bahut galat

kaam kiya hai, par phir usne socha ki usne jo bhi kiya, apne pati ke

kahne par kiya aur uska pati khud wahan maujood tha jab wo neta usko

chod raha tha. Waise bhi wo koi sati savitri nahi thi. Apni khushi ke

liye wo Basant se chudwati thi to dhandhe me phayde ke liye ek baar

apne pati ke kahne par us neta se chudwa liya to kya ho gaya . Ye

chudai ki baat to un teeno ke beech hi rahnewali hai. Aur andar se

kahin wo khush bhi thi ki usko chudai me santushti bhi mili hai jiski

wo haqdaar hai.

Par jaldi hi Sara ko pata chal gaya ki ye uski galati thi jo wo apne

pati ke baare me achha achha sochti thi. Sara ne socha tha ki wo kewal

ek baar ki baat thi jo use apne pati ki khatir us neta se chudwana

pada tha. Wo apne pati ko thik se pahchan nahi paayi thi. Kareeb

kareeb roz hi sham ko uska pati alag alag aadmiyon ke sath ghar aata

aur Sara ko unse chudwane ko kahta. Jab kabhi bhi Sara ne chudwane ke

liye naa kaha, uska pati use buri tarah maarta tha. Ab wo samajh gai

thi ki uske pati ki pahunch bahut upar tak thi. Usne kai baar ghar se

bhaagne ki koshish ki par nakaam rahi aur uske pati ne use peeta tha.

Us ne police me bhi jaane ki koshish ki thi par usko pata nahi tha ki

ek bada police officer uske pati ka dost tha aur baad me usi police

officer ne uske pati ki maujoodgi me Sara ko buri tarah choda tha.

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