Hindi Sex Stories By raj sharma

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raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 23:19

चुदाई के दिन चदाई की रातें 2

गतान्क से आगे......................

मैं सुधा, एक बार फिर से अपनी चुदाई की कहानी जारी रखती हूँ. मेरा रात को पापा के साथ मौसी की चुदाई देख कर उतेज्ना से बुरा हाल हो गया था और फिर मेरी बेहन नामिता ने मुझे जो मज़ा दिया, मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. मेरी बेहन बेशक मुझ से छ्होटी है, पर चुदाई में मेरी गुरु है. उसस्के भीगे हुए चुंबन ऐसे थे कि मेरी चूत से रस की नदिया बहने लगी थी और जो मज़ा मुझे अपनी बेहन के मुख से और हाथों से मिला, कभी नहीं महसूस हुआ था. उसस्के बाद मैने अपनी बेहन को भी प्यार किया जो एक यादगार लम्हा बन गया मेरी ज़िंदगी का. जब सुबह मेरी आँख खुली तो मेरा जिस्म एक दम हल्का महसूस हो रहा था. नामिता के होंठों के स्पर्श की भावना मुझे आनंदित कर रही थी.

मैं नामिता से लिपट कर नंगी ही लेटी हुई थी. जब मेरी आँख खुली तो नामिता को अपनी बाहों में पाया. हम दोनो बहने एक दूसरे से लिपटी हुई थी. तभी मौसी चाइ ले कर आई.” क्या बात है बेटी, आज उठना नहीं है क्या? अर्रे तुम ने तो कपड़े भी नहीं पहने आज! क्या बात है? बच्चो अब तुम जवान हो चुकी हो, कपड़े पहन कर रखा करो. वाह सुधा, तेरा जिस्म तो भर चुका है. मैं बात करती हूँ जिज़्जु से की तेरी शादी करवा दें जल्दी से. सुधा, ये जवानी चली गयी तो ज़िंदगी में कुच्छ नहीं रहे गा. मज़े ले लो जवानी के जवानी में.” मैं अब मुस्कुरा पड़ी,” मौसी, हम लोगों को भी सीखा देना कि कैसे मज़ा लिया जाता है जवानी का. लगता है तुम को काफ़ी तज़ुर्बा है मज़े लेने का. कहीं तू भी तो हमारे घर में मज़ा लेने ही तो नहीं आती? पापा का ख्याल रखना ज़रा, मम्मी के बाद अकेले हो गये हैं कुच्छ. और वैसे भी जीजा साली का रिश्ता तो होता ही प्यार वाला. है”

मौसी मुस्कुरा पड़ी,” तेरे पापा तो मेरे प्यारे जिज़्जु हैं, मैं उनका ख्याल नहीं रखूँगी तो कौन रखे गा? मैं तो ऐसे ही कह रही थी कि अगर क़िस्सी चीज़ की ज़रूरत हो तो पुच्छ लेना, मेरी बच्चियो. अब मैं निकलती हूँ, तेरे मौसा जी भी लौट आए होंगे. शाम को मिलेंगे” पापा भी तैयार हो कर चले गये. नामिता ने फोन घुमाया और अपने दोस्तों से बातें करने लगी. मैं नहाने चली गयी और जब लौटी तो मेरी बेहन बोली,” सुधा, पहले दौर में मैं तुझे अपने यार करण से चुदवाती हूँ. मैने उसको कहा है कि मैं घर में अकेली हूँ, और वो जल्दी से आ कर मुझे चोद डाले. जब मैं उसके साथ हूँगी तो तुम हम को रंगे हाथ पकड़ लेना और हम को ब्लॅकमेल करके उस से चुदवा लेना, मैं भला ना किओं कहूँगी. एक बार कारण से चुदाई करवा लेना फिर दोपहर को मेरे यारों की मंडली आ जाए गी जो हम दोनो को लंड से हर तरफ से चोद चोद कर कुतिया बना देंगे,”

मैं आने वाले वक्त के बारे सोच कर मुस्कुराने लगी. मेरी चूत चुदाई सुहाने ख्वाब देख कर पानी छ्चोड़ने लगी. नामिता ने एक पाजामा पहन लिया जिसके नीचे उसने कोई पॅंटी नहीं पहनी थी और उप्पेर एक पारदर्शी कुर्ता पहन लिया. मैं एक सेक्सी मागज़िने ले कर अपने कमरे में चली गयी. मैने एक नाइटी पहन रखी थी और कुच्छ भी नहीं. थोड़ी देर में बेल बजी और नामिता डोर खोलने गयी. कुच्छ देर में वो अपने दोस्त कारण को ले कर ड्रॉयिंग रूम में गयी. वो बोल रही थी” करण यार, अब देर मत करो, मैं तेरे लंड को भूखी हूँ, तुम मेरी चूत को ठंडा कर दो इस से पहले कि कोई कबाब में हड्डी आ जाए. ज़रा मेरी चूत पर हाथ रख कर देखो, कैसे जल रही है चुदाई की आग में,” कहते ही नामिता ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. करण ने भी अपनी पॅंट उतारनी शुरू कर दी,” नामिता, साली तेरी चूत है ही इतनी गरम की लंड बिना तो रह नहीं सकती. पहले मैं तेरी चूत को चाट कर ठंडा करूँगा और फिर लोड्‍े से चोद कर, ”

नामिता नंगी हो कर सोफे पर लेट गयी और करण उसस्की जांघों को खोल कर अपना मूह उसस्की चूत पर झुका कर चूमने चाटने लगा. करण काफ़ी बलिश्त जिस्म का मालिक था. उसका लंड कम से कम 7 इंच का होगा और बहुत मोटा भी था,” करण साले मेरी चूत को चॅटो, कब से तरस रही हूँ इस्सको चटवाने के लिए. जल्दी से घुसा दो अपनी ज़ुबान को इससके अंदर, नामिता टाँगें खोले पड़ी है तेरे सामने.” करण बिन बोले चूत में जीभ घुसा कर चाटने लगा,” अहह……आअरररगगगगग…..हह…..म्‍म्म्मममम” नामिता के होंठों से सिसकारियाँ निकलने लगी. मैने भी नाइटी के उप्पेर से अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया, मुझे उतेज्ना हो रही थी. मेरी चूत को आज तक किस मर्द ने टच भी नहीं किया था, चूमना तो दूर की बात थी. मेरी नाइटी का वो हिस्सा जो मेरी चूत के सामने था, मेरी चूत के रस से भीग गया था. प्लान के मुताबिक, मुझे नामिता और करण को चुदाई के खेल में रंगे हाथों पकड़ कर ब्लॅकमेल करना था.

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 23:20

नामिता की जंघें अब करण की गर्दन के इर्द गिर्द कसी हुई थी. करण के चुटटर दरवाज़े की तरफ थे और उसस्के चुटटर उप्पेर नीचे हो रहे थे जब वो मेरी बेहन की चूत चाट रहा था. मैने कुच्छ इंतज़ार किया और फिर अपनी आवाज़ में में गुस्सा लाती हुई कमरे में दाखिल हुई,” नामिता की बच्ची, ये सब क्या हो रहा है, कुछ शरम नाम की चीज़ तेरे पास है या नहीं? ये लड़का कौन है? मैं पापा को बताती हूँ कि तुम कौन से गुल खिला रही हो” नामिता ने घबराने का नाटक किया और बोली,” दीदी आप यहाँ? आप तो बाहर गयी हुई थी…दीदी मुझे माफ़ कर देना…करण को तो आप जानती हैं…मेरा दोस्त है….मुझ से बहुत प्यार करता है…दीदी प्लीज़ पापा को मत कहना..हम तेरी हर बात मानेगे..प्लीएज” करण बहुत घबरा गया और हड़बड़ा कर नामिता की चूत से अपना मूह अलग करते हुए बोला,”दीदी, हम से ग़लती हो गयी…माफ़ कर दो ना….हम आपकी हर बात मानेगे….ऐसी ग़लती अब फिर नहीं होगी…” मैने देखा कि करणअब डर गया है और नामिता दूसरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. करण मेरे पैरों पर गिर पड़ा और गिड़गिदने लगा.

“ठीक है…मैं तुमको माफ़ कर सकती हूँ….करण तुम इस्सको ग़लती कहते हो, लेकिन तेरा लंड तो इस्सको ग़लती नहीं मान रहा…देखो कैसे खड़ा है अभी, जैसे कि अभी चुदाई कर देता मेरी बेहन की अगर मैं 5 मिनिट लेट हो जाती…नामिता, सच बतायो कितनी बार चोद चुका है करण तुझे? मुझ से झूठ मत बोलना” नामिता भी घबराहट की आक्टिंग करती हुई बोली,” दीदी ये मुझे कई बार चोद चुका है और बहुत मज़ा देता है मेरी चूत को इसका लंड. करण मेरा पहला यार है जिससने मेरी सील तोड़ी थी” मैने मुस्कुराते हुए करण के लंड पर हाथ फेरते हुए कहा”तो फिर माफी तभी मिल सकती है अगर करण मुझे भी चोद कर वोही मज़ा दे जो इससने तुझे दिया था, बोलो मंज़ूर है?” नामिता और करण एक दूसरे को देखने लगे और फिर कमरे की दूसरी तरफ जा कर बातें करने लगे. जब वो वापिस आए तो करण मेरे पास आ कर बोला,” दीदी हम को मंज़ूर है. मैं आपको चोद लेता हूँ पर आप क़िस्सी को मत बताना हमारी चुदाई की बात.”

मेरी बात बन चुकी थी. मैने हंस कर कहा” करण साले एक तरफ मुझे “दीदी” बोल रहा है और दूसरी तरफ चोदने की बात करता है, क्या बात है राजा?” करण मेरी नाइटी को सिर के उप्पेर उठता हुआ बोला”बहुत लड़कियो को चोदा है, लेकिन क़िस्सी को बेहन बना कर नहीं चोदा है. सोचता हूं के अब अपनी दीदी को भी चोद कर मज़ा ले लूँ. वाह सुधा दीदी, आपकी फिगर तो कमाल की है और आपकी चुचि का तो जवाब ही नहीं है. नामिता, तुमने मुझे बताया ही नहीं कि तेरी बेहन इतनी सेक्सी माल है और वो भी चुदाई की प्यासी है. सुधा दीदी अब तुम घूम जयो और मुझे अपनी गांद के दर्शन करवा दो. मैं गांद का दीवाना हूँ. मुझे बहुत देर इच्छा है की क़िस्सी मस्त गांद को चोदु और आपकी गांद के तो क्या कहने?” उससने मुझे अपनी बाहों में भरते हुए मेरे चूतड़ पर कस के हाथ फेरना शुरू कर दिया. मेरा रोम रोम रोमांचित हो उठा जब करण के लंड का मोटा सूपड़ा मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मैने प्यार से अपने होंठ करण की होंठों पर रख दिए. तभी नामिता बोली,” अच्छा भाई, अब मेरा यहाँ क्या काम? तुम दोनो भाई बेहन मज़े लो मैं चलती हूँ.” मैने कहा,”तुम भी यहीं रूको, तुम कहाँ चली?” नामिता ने कहा” दीदी जिस तरह आपने हम दोनो पर छापा मार दिया था, वैसे कोई आप पर छापा ना मार दे, इस लिए छ्होटी बेहन रखवाली के लिए बाहर बैठ जाए गी”

raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 11 Oct 2014 23:20

नामिता के जाते ही करण मुझ पर टूट पड़ा और मुझे बे’तहाशा चूमने चाटने लगा. नंगी तो उसने मुझे कर ही दिया था, अब मेरी चुचि को चाटने लगा, पेट को किस करने लगा, अपने हाथों से मेरे चुटटर मसल्ने लगा.” एम्म्म…..हूंम्म्मम…अहह……

उफफफफफफफ्फ़….आआआ……ओफफफफ्फ़ करण ये क्या कर रहे हो भाई…मेरी चूत जल रही है….मैं मर रही हूँ” करण ने मेरा हाथ अपने तपते हुए लंड पर रखते हुए कहा”दीदी, इस्सको पकडो…इससके साथ खेलो….ये करण भाई का लंड आपको चोदने वाला है..मुझे बहुत उतेज्ना हो रही है जब में आपको दीदी कहता हूँ और आप मुझे भाई कहती हैं…इस पवित्र रिश्ते में चुदाई की मनाही होती है….लेकिन मना होने वाले काम में बहुत मज़ा आता है….आअज मैं अपनी दीदी को चोदने वाला हूँ…..सुधा दीदी, तुम मेरा लंड अपनी चूत पर रगाडो फिर देखना कितना मज़ा आता है…आअज मेरे लंड और आपकी चूत का मिलन होने वाला है”

मुझ पर जैसे कोई नशा चढ़ गया हो. मुझे सब कुच्छ दुन्ध्ला दिखाई दे रहा था. मैने करण के मस्त लंड को हाथों में थाम कर आगे पीच्छे करना शुरू कर दिया. उसस्का लंड और भी मोटा हो गया. उसस्के लंड से एक बूँद रस की टॅपॅक पड़ी. अब मेरे मन में एक नयी बात आई और मैने झुक कर अपना मूह करण के लंड पर रख दिया,” अर्रे सुधा, तू तो अपनी बेहन की तरह रंडी निकली….सच दीदी, नामिता भी लंड चूसने की शौकीन है, तू भी मेरे लंड को मज़े से चूसो, दीदी. मैं भी तेरी चूत को चूसने वाला हूँ….किओं ना हम 69 पोज़िशन पर चले जाएँ मेरी बहना, मैं तेरी चूत चाटूँगा और तुम मेरा केला खा लेना. चलो बिस्तर पर चलते है. वहीं मज़े से चोदुन्गा तुझे मेरी प्यारी दीदी. ” उसने मुझे सिरहाने पर सिर टीका कर लिटा दिया और उल्टा हो कर मेरे मूह में अपना लंड डाल दिया और खुद झुक कर मेरी चूत को चाटने लगा. अब में समझ गयी की 69 पोज़िशन क्या होती है.

मैं मज़े से करण के लंड को चूसने लगी, उसस्के अंडकोष से खेलने लगी. कभी कभी मैं उसस्की गांद को छेड़ देती, उंगली उसस्की गांद में धकेल देती तो वो बेकाबू हो जाता. करण भी पूरा हरामी था. वो मेरे क्लाइटॉरिस को चूस लेता, मेरे चुटटर पर थपकी मारता और यहाँ तक के मेरी गांद के छेद को भी चाट लेता. मेरी चूत लगातार पानी छ्चोड़ रही थी. तभी करण ने मेरी चूत को छ्चोड़ दिया और मुझे बोला,” रानी, फ्रिड्ज में वोड्का की बॉटल पड़ी है, एक एक ग्लास भर लो, मैं भी पीता हूँ तुम भी पी लो. इस से लंड जल्दी नहीं छ्छूतता और मज़े का दौर लंबा हो जाता है और शरम भी ख़तम हो जाती है” मैने बात मान ली और नंगी ही बॉटल उठा लाई. वोड्का पीते ही मेरे बदन में ऐसी आग लगी कि मैं अपने आप करण के लंड को चूमने लगी और करण मेरा जोश देख कर मुस्कुरा उठा.

” सुधा, इस्सको पी कर तो तू बिल्कुल रंडी बन गयी हो और मुझे रंडी औरत बहुत पसंद है.तुझे पता है कि मैं रंडी के साथ कैसा सलूक करता हूँ? मैं उस्स्को बेरेहमी से चोद्ता हून.” उसने मेरे बाल खींचते हुए कहा. मुझे भी लगा कि शराब पी कर मुझे एक नया रोल अदा करना है. मैने उसके अंडकोष कस के पकड़ लिए और उनको खींच लिया,” हां बेह्न्चोद, तेरी दीदी एक रंडी ही तो है जो तुझसे से चुदवा रही है….चोद मुझे हरामज़ादे करण…अपनी बेहन को नंगा तो कर चुके अब चोद भी लो, देख क्या रहे हो…..छ्होटी बेहन को चोद चुके हो अब बड़ी को भी भोग लो साले बेह्न्चोद” मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैं इस तरह गालियाँ बकने लगी. करण पर भी नशा चढ़ चुका था. उससने मेरे गालों पर एक थप्पड़ मारा और बोला,” साली चोदुन्गा तुझे भी तेरी बेहन की तरह ही. तुम अब झुक जा और मेरे सामने घोड़ी बन जा. चोदते वक्त मैं तेरी गांद देखना चाहता हूँ. देखना कैसे मेरा लंड तेरी चूत को भोसड़ा बनाता है. दीदी, तुमको पीछे से चुदवाना अच्छा लगता है?”

“बहनचोद, साले तेरी बेहन पहली बार चुदवा रही है और वो भी तुझ से. मुझे अच्छा ही लगे गा चाहे आगे से पेल या पीच्छे से. अपनी बेहन को चाहे घोड़ी बना या कुत्ति, मेरे भाई, पर जल्दी से चोद डाल. मिटा डाल अपनी बेहन की चूत की आग” मैं बोल उठी और करण ने जान लिया के मैं अब लंड की भूखी हूँ. मुझे घोड़ी बना कर वो मेरे पीच्छे चला गया और मेरी गांद को चाटने लगा,” भाई, अब ये क्या करने लगे हो? बहनचोद मेरी चूत में लंड पेल ये कुत्ते की तरह मेरी गांद बाद में चाट लेना. इस लंड को पेलो मेरे भाई अपनी बेहन की चूत में…प्लीज़” करण उठा और अपने लंड के सूपदे को मेरे चूतड़ की दरार से होते हुए मेरी चूत के मुहाने पर टीका दिया. उस बेह्न्चोद का लंड आग के शोले की तरह जल रहा था. फिर उसने कस कर मेरी कमर को जकड़ा और अपना लंड थेल दिया मेरी बुर के अंदर.” उईईईईए….मेरी माआआअ……आआआअ…आगगज्गग” मैं दर्द से बिलख उठी. मुझे क्या पता था कि लंड के घुसने से इतना दर्द होगा. खैर शराब के नशे के कारण पीड़ा जल्द ही ख़तम हो गयी और उतेज्ना की वजह से मुझे मज़ा आने लगा.

करण एक चुड़क्कड़ खिलाड़ी था. उससने धीरे धीरे चुदाई की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही स्पीड पकड़ ली. मेरी चोटी को उसने एस्से पकड़ रखा था जैसे क़िस्सी घोड़ी की लगाम हो और और मुझे तेज़ी से हांकने लगा.” वाह मेरी घोड़ी, बहुत मस्त चूत है तेरी, चुदवा मज़े से मेरी बहना. तेरे भाई का लंड आज तेरे पेट के अंदर की तलाशी ले रहा है. कैसे महसूस हो रहा है मेरी रंडी बहन को चुदवाते हुए, सुधा? मैने ही तेरी बेहन नामिता की सील भी तोड़ी थी और आज तेरी भी तोड़ रहा हूँ रानी,” उतेना के कारण मुझे दर्द तो कम हो रहा था लेकिन मेरी जांघों से कुच्छ गीला सा बह रहा था जो कि मुझे बाद में पता चला कि मेरी सील टूटने पर मेरा खून बह निकला था. करण का लंड जैसे कि मेरी चूत में जा कर फैल गया हो किओं की अब वो मेरी चूत को पूरी तरह से भर रहा था. उसके हाथ मेरे चूतड़ पर ज़ोर ज़ोर से चपत मारने लगे और मैं उतेज्ना से पागल हो रही थी.

“चोद मुझे मेरे भाई, ज़ोर ज़ोर से चोद अपनी रंडी को….तेरा लंड मेरी बच्चेदानी को टक्कर मार रहा है….करण चोद मुझे मदेर्चोद…..यू मुझे अपनी बेहन बोल या रखैल पर अपना लंड पेलते रहो मेरी चूत में……मेरी चूत आज तृप्त हो रही है….कितने बरसों से प्यासी है लंड की…..शाबाश मेरे भाई….चोद अपनी बेहन को…..मैं अब झड़ने को हूँ…करण तेज़ी से चोद मुझे मेरी चूत का पानी निकल रहा है….और तेज़…..और तेज़…चोदो भाई…मैं झडियी…चोदो भाई….मैं……”मेरी चूत से रस बहता रहा और करण अपने लंड से मेरी चूत पर प्रहार करता रहा. फ़चा फ़च चुदाई की आवाज़ आ रही थी और अचानक ही करण का जिस्म भी अकड़ गया.उसस्की साँस तेज़ हो गयी और उसस्के लंड ने गरम रस मेरी चूत में छ्चोड़ दिया. उसस्का लंड रस मेरी चूत से बाहर गिरने लगा और मेरी जांघों से हो कर बिस्तर पर ढेर लग गया. चुदाई से थक कर मैं 2 घंटे सोती रही, नंगी ही अपने करण की बाहों में. तो दोस्तो कैसी लगी ये मस्त कहानी बता ना मत भूलना आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त

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