Hindi Sex Stories By raj sharma

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The Romantic
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by The Romantic » 16 Dec 2014 18:35

रेखा और लेखा की चुदाई एक साथ--3

रेखा ने अपनी कमीज़ और सलवार उतार दी और वो विक्रम के ऊपर आ गयी. उसकी चूत पर एक सफ़ेद रंग का कपडा बंधा हुआ था. विक्रम ने पूछा ?ये क्या बांध रखा है तुमने ? रेखा ने कहा?मेरा मासिक चल रहा है इसलिए मैंने ये कपडा बाँधा है जिससे मेरी सलवार ख़राब न हो?. फिर वो अपनी चूत विक्रम के मुह के पास लेकर आई. उसकी चूत में से रस बह निकला था जिसकी गंध विक्रम की नाक में घुस गयी. विक्रम ने पहले वो कपडा निकाल दिया जो पूरी तरह गिला
हो चूका था. रेखा की चूत के बालो पर भी उसका चूत रस लगा हुआ था.
विक्रम ने उसकी चूत के होंठो को फैला दिया और अपनी नाक उसकी चूत के छेद में डालकर रगड़ने लगा. रेखा अपनी चूत को धक्का मार रही थी विक्रम के मुह पर. विक्रम ने जीब निकाल कर उसकी चूत के बालो को चाटा. उसने चूत के होंठो को चूमा और फिर अपनी जीब अन्दर छेद में डालकर चूसने लगा.
विक्रम अपने हाथो को रेखा की गांड की तरफ ले गया और गांड के छेद में
ऊँगली डाल कर रगड़ने लगा. रेखा खुद ही अपने बूब्स को मसल रही थी. उसकी
आँखे बंद थी और आहे भर रही थी. विक्रम के लगातार चाटने से रेखा की चूत
से और रस निकलने लगा. विक्रम ने उस रस की पी लिया. अब विक्रम उठ गया और
रेखा को खटिये पर लिटा दिया. उसने लंड पर कंडोम पहन लिया. विक्रम रेखा
के ऊपर बैठ गया और पहले उसके बूब्स को मसलने लगा. उसके निप्प्लेस को
चूसा. रेखा कुछ बडबड़ाये जा रही थी.
ऊओह?हम्मम्मम्म..आह्ह्ह..सीई,?ह्म्म्मम्म..अआः. ये सुनकर विक्रम का लंड
फिर तन कर खड़ा हो गया. उसने अपने लंड को रेखा की चूत के द्वार पर रख
दिया और धीरे धीरे अन्दर की और घुसाने लगा. विक्रम ने पहले लेखा को चोदा
था जिससे उसे इसका तजुर्बा हो गया था. लेकिन रेखा की चूत अभी कोरी थी.
विक्रम ने कोशिश जारी राखी और एक झटका देकर उसने अपने लंड को रेखा की
चूत में डाल दिया. रेखा चिल्ला उठी..ईइ माँ .. मैं मर गयी?ओह्ह्ह्ह?
विक्रम..अपना लंड निकालो?आः..बहुत दर्द हो रहा है?.आह. विक्रम मस्त होकर
अपने लंड को रेखा की चूत के अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद रेखा
शांत हो गयी..अब वो अपनी टाँगे और फैला दी जिससे विक्रम को और सुविधा हो
उसे चोदने में. रेखा कह रही थी?बहुत मज़ा आ रहा है विक्रम. चोदो
मुझे..खूब चोदो .. फाड़ दो मेरी चूत को.. सीह..आः?ह्म्म्मम्म..अआः. साथ
में विक्रम उसकी बूब्स की हाथ से चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर में उसके लंड
ने पानी छोड़ दिया लेकिन कंडोम पहना हुआ होने के कारन उसका पानी रेखा की
चूत में नहीं उतरा. रेखा की आवाज़ सुनकर लेखा उठ गयी. उसने आवाज़ की
दिशा में कान लगाए तो पता चला की आवाज़ विक्रम जहा सो रहा था उस कमरे से
आ रही थी. उसने कमरे की छोटी खिड़की से देखा तो एकदम चौक गयी. उसकी दीदी
और विक्रम चुदाई कर रहे थे. उससे ये सेहन नहीं हुआ और वो दरवाजे को
धक्का देकर अन्दर घुस गयी. अचानक लेखा के अन्दर आने से विक्रम और रेखा
अवाक रह गए. दोनों नंगे हालत में थे. लेखा ने कहा?तो ये बात है दीदी.
मुझे सुलाकर खुद मस्त होकर चुदाई कर रही हो. रेखा खड़ी होगई और उसने
कहा?हां मैं चुदाई कर रही हूँ . तो तुझे क्यों तकलीफ हो रही है?. लेखा
ने कहा?मुझे तकलीफ है, विक्रम सिर्फ मेरे साथ ही चुदाई करेगा?. रेखा ने
कहा?आरी जा.. मैं विक्रम से प्यार करती हु. हम दोनों पहले भी एक बार
चुदाई कर चुके है?. लेखा ने कहा?देखो दीदी. पहले विक्रम ने मुझे चोदा
था. जब मैं एक बार कुवे से पानी भरने गयी थी. तब हम दोनों ने एक दुसरे
से प्यार का इज़हार किया था. रेखा ने कहा?प्यार का इज़हार तो विक्रम ने
मुझसे भी किया था.? क्यों विक्रम? रेखा ने विक्रम से पूछा . विक्रम ने
कहा?तुम दोनों लड़ाई मत करो. देखो में तुम दोनों से प्यार करता हु. और
तुम दोनों को खुश रखूँगा?. लेखा ने कहा?नहीं. मैं तुम्हे किसी और के साथ
नहीं बाँट सकती?. मुझे भी अच्छा नहीं लगता तुम किसी और के साथ चुदाई
करो, चाहे वो फिर मेरी बहिन ही क्यों न हो, रेखा ने कहा. विक्रम अब
परेशान हो गया. अभी भी रेखा और विक्रम नंगे हालत में ही खड़े थे. लेखा की
नज़र बीच बीच में विक्रम के लंड के ऊपर पड़ रही थी. विक्रम ने भी ये
देख लिया. विक्रम ने कहा?देखो रात काफी हो चुकी है. दो दिन के लिए मैं
तुम दोनों की चुदाई करूँगा. पर भगवन के लिए लड़ाई मत करो?. लेखा ने
कहा?ठीक है? रेखा भी मान गयी. लेखा ने कहा?अब मेरी बारी है. तुम ने इतनी
देर दीदी को खुश किया अब मुझे चोदो ?. विक्रम ने कहा?ठीक है?. लेखा ने
अपनी घाघरा चोली उतार दी और खटिये पर लेट गयी. लेखा ने कहा?तुम अपना लंड
मुझे चूसने दो?. विक्रम ने अपना लंड लेखा के मुह में रख दिया और वो
मज़े से चूसने लगी. विक्रम लेखा के दोनों बूब्स को मसलने लगा. ये सब
देखकर रेखा की हालत खराब होने लगी. वो वही खड़े खड़े अपनी चूत में ऊँगली
डालकर चुदाई कर रही थी. थोड़ी देर में विक्रम के लंड ने लेखा के मुह में
पानी छोड़ दिया. विक्रम ने लेखा को पेट के बल लिटा दिया और उसकी गांड को
फैलाकर अन्दर जीब डालकर चाटने लगा. रेखा से रहा नहीं गया और वो पास आकर
विक्रम के लंड को सहलाने लगी और जीब से चाट रही थी. विक्रम का लंड
तानकर खड़ा हो गया और उसने लंड को लेखा की गांड के द्वार पर रख कर एक
धक्के में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी?ऊईई मा..में मर गयी..
आह?विक्रम रगड़ रगड़ कर लेखा की गांड मारने लगा. अब लेखा को भी मज़ा आने
लगा. थोड़ी देर के बाद दोनों थक गए और विक्रम लेखा के बगल में लेट गया.
रेखा उसके पास आकर उसे चूमने लगी. विक्रम भी उसे चूमने लगा. फिर दोनों
बहने उसके दोनों तरफ लेटी थी और विक्रम उनके बिच में था. तीनो सो गए.
सुबह हुई और विक्रम की आंखू खुल गयी. उसने देखा रेखा और लेखा अभी सो रहे
थे. उसने दोनों की चूत को सहलाया फिर दोनों को बारी बारी से चूमा.
दोनों के बूब्स को सहलाया और बारी बारी से दोनों के होंठो को चूमा.
इतने में दोनों बहने उठ गयी. दोनों ने विक्रम को गले लगाया और चूमने
लगी. तीनो ने स्नान किया और कपडे पहन लिए . रेखा ने कुछ नास्ता बनाया और
तीनो ने नास्ता किया. लेखा ने कहा?विक्रम तुम मुझसे शादी करोगे?. रेखा ने
कहा?नहीं, विक्रम मुझसे शादी करेगा?. दोनों फिर लड़ाई पर उतर आई . विक्रम
दोनों को शांत करते हुए बोला?मैं अभी शादी नहीं कर सकता. मैं शहर जाकर
नौकरी करूँगा और जब मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब मैं शादी करूँगा.
रेखा ने कहा?मुझे मंजूर है लेकिन शादी तुम मुझसे ही करना. लेखा बोल
पड़ी?नहीं मुझसे?. विक्रम ने कहा?मेरे पास बहुत रूपया आ जायेगा तब तो मैं
तुम दोनों से शादी कर लूँगा. लेकिन तब तक तुम दोनों को इंतज़ार करना
पड़ेगा?. दोनों बहने ये सुनकर उदास हो गयी. विक्रम ने पूछा ?क्या तुम
दोनों मेरा इंतज़ार कर सकते हो? दोनों ने हा में गर्दन हिला दी. दोपहर को
तीनो ने मिलकर चुदाई की. रात को फिर तीनो साथ में लेटे ही थे. तीनो ने
कुछ नहीं पहना था. विक्रम लेखा और रेखा के बीच में लेटा हुआ था. रेखा
उसकी गर्दन और गालो को चूम रही थी और छाती पर हाथ घूमा रही थी. लेखा
विक्रम के लंड को हिला रही थी. विक्रम को बहुत मज़ा आ रहा था. विक्रम का
लंड तन कर खड़ा हो गया. विक्रम दोनों की चूत में ऊँगली डालकर हिला रहा
था. थोड़ी देर तीनो ऐसे ही लेटे रहे. फिर विक्रम उठकर बैठ गया. रेखा ने
पूछा ?क्या हुआ? विक्रम ने कहा?मैं आज तुम दोनों को चोदने जा रहा है?.
लेखा ने कहा?अच्छी बात है. बाद में तुम बताना किसे चोदने में ज्यादा
मज़ा आया ?. रेखा ने कहा ?इसमें बताने वाली क्या बात है. मुझे चोदने
में ही विक्रम को ज्यादा मज़ा आने वाला है. ये तो उसको पहले ही पता है?.
विक्रम ने कहा?कोई बात नहीं. मैं आज तुम दोनों को चोदने के बाद फैसला
करूँगा?. लेखा ने कहा?ठीक है?. विक्रम रेखा की चूत को चाटने लगा और लेखा
की चूत में ऊँगली डालकर चोद रहा था. फिर दोनों के बूब्स को मसलने लगा.
दोनों बहनों को खूब मज़ा आ रहा था. विक्रम ने दोनों बहनों को अपनी टाँगे
फैलाकर खड़े होने को कहा. दोनों खड़ी हो गयी. विक्रम लेखा के पीछे आकर
उसकी गांड के ठीक नीचे बैठ गया और छेद में जीब डाल कर चाटने लगा. वो
रेखा की गांड में ऊँगली डालकर हिला रहा था. विक्रम ने रेखा को खटिये पर
लिटा दिया और उसकी चूत के आगे बैठ गया. उसने रेखा की चूत के छेद को
खोल दिया. उसने पहले अपनी थूक से उसकी चूत की मालिश की और लंड उसके
द्वार पर रख दिया. धीरे धीरे वो लंड को रेखा की चूत के अन्दर डालने लगा
और पूरा लंड रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. रेखा को खूब मज़ा आ
रहा था. वो सिसकिय भर रही थी. ये देख कर लेखा ने अपनी चूत में ऊँगली
डाल दी. विक्रम ने कहा?लेखा तुम मेरी गांड को चाटो?. लेखा विक्रम की
गांड के निचे लेट गयी और अपनी जीब उसकी गांड की छेद में डालकर रगड़ना
शुरू किया. विक्रम को भी मज़ा आने लगा. इतने में रेखा की चूत से पानी का
फवार्रा छुट पड़ा. विक्रम जमकर रेखा को चोद रहा था. रेखा भी उसको सहयोग
दे रहीथी. उसने अपनी टाँगे और फैला दी. थोड़ी देर में विक्रम ने भी अपना
पानी रेखा की चूत की गहराई में उतार दिया. लेखा विक्रम की गांड चाट
रही थी. विक्रम ने रेखा की चूत से अपना लंड निकाला और उसने रेखा को
उसे चूसने को कहा. उसका लंड रेखा के पानी से पूरा गीला था. रेखा उसे
चूसने लगी. विक्रम का लंड फिर तानकर खड़ा हो गया. उसने लेखा को खटिये पर
पेट के बल लिटा दिया और अपना लंड उसकी गांड की द्वार पर रखकर एक धक्के
में अन्दर डाल दिया. लेखा चिल्ला उठी..ईइ माया?..मैं मर गयी..आः?मेरी
गांड फट गयी?ऊओईई..निकालो अपने लंड को..ओईई?विक्रम कहा सुनने वाला था.
उसने जमकर लेखा की गांड को चोदा . उसने अपना पानी लेखा की गांड में छोड़
दिया. विक्रम ने अपना लंड लेखा की गांड से निकाल लिया पर लेखा को अभी
भी दर्द हो रहा था. उसकी आँखों में आंसू आ गए . ये देखकर विक्रम ने पूछा
?लेखा, क्या तुम्हे दर्द हो रहा है, गांड में?? लेखा ने कहा नहीं?बस थोडा
सा?. वो अपना दर्द छुपा रही थी. विक्रम ने लेखा को प्यार से गले लगा लिया
और चूमे लगा. लेखा भी उसे चूमने लगी. फिर उसने रेखा को भी गले लगाया और
उसके बूब्स को चूमने लगा. उनको इस खेल में काफी टाइम निकल गया और सुबह हो
चली थी. तीनो फिर सो गए और सुबह दे से उठे. दोपहर को लेखा और रेखा के माँ
बाबूजी आने वाले थे. तीनो नहा धोकर तैयार हो गए. विक्रम अपने घर चला गया.
दोपहर में कल्याण और रुकमिनी घर पहुंचे. उन्होंने दोनों बेटियों से उनका
हाल चाल पूछा . उन्होंने कहा?हमें कोई तकलीफ नहीं हुई माँ. विक्रम ने
हमारा बहुत अच्छा ख्याल रखा?. कई दिन बीत गए. एक दिन विक्रम का एक
दोस्त शहर से आया. उसने कहा वो जहा काम करता है वह एक आदमी की ज़रूरत है
और अगर चाहे तो वो आ सकता है. विक्रम ये सुनकर खुश हो गया और शहर जाने
की तयारी करने लगा. बलदेव सिंह ने भी उसको इजाज़त दे दी. उसने ये बात रेखा
और लेखा को बताई . दोनों दुखी हो गए पर विक्रम ने उन्हें जो पहले कहा था
वो बात याद दिलाया. फिर विक्रम सबसे बिदाई लेकर शहर चला गया. कई महीने
बीत गए. इधर कल्याण और रुकमनी रेखा की शादी करवाने का सोच रहे थे. लेकिन
रेखा तैयार नहीं हो रही थी. उसने विक्रम की बात अपने माँ बाप को नहीं
बताई. लेखा भी विक्रम को लेकर चुप थी. उसने सोचा अगर दीदी की शादी हो
जाये तो वो विक्रम से शादी की बात अपने माँ बापू को बता सकेगी. रेखा के
ऊपर शादी के लिए उसके माँ बाप का दबाव बढ़ रहा था. विक्रम का भी कुछ अता
पता नहीं था. एक दिन रेखा ने विक्रम के पिताजी बलदेव सिंह से विक्रम के
बारे में पूछा तो . उन्होंने कहा?शहर में उसको नौकरी मिल गयी है. उसने
मुझे बताया था. इसके अलावा मुझे उसके बारे में कुछ पता नहीं?. रेखा ये
सुनकर निराश हो गयी. एक दिन उसने अपने और विक्रम के बारे में रुकमनी को
सब बता दिया. रुकमनी ने कल्याण को बताया. उन्होंने सोचा इसमें कोई बुराई
नहीं है और रेखा से कहा?हम तुम्हारी शादी विक्रम से करवा देंगे?. लेखा को
जब ये पता चला तो उसको झटका लगा. उसने भी अपने और विक्रम के बारे में माँ
बाप को बता दिया और कहा की वो भी विक्रम से ही शादी करना चाहती है. अब
कल्याण और रुकमनी परेशान हो गए. उन्होंने विक्रम के पिता बलदेव सिंह से
बात की. बलदेव ने विक्रम से बात करने के लिए कहा. लेकिन विक्रम का कुछ
अता पता नहीं था. विक्रम को गए एक साल होने आया था. एक दिन उसका दोस्त
जो उसे लेकर गया था वो गाँव आया. बलदेव ने उससे विक्रम के बारे में पूछा
तो उसने कहा?वो तो अभी बड़ा आदमी हो गया है. किसी फैक्ट्री के सेठ का
ख़ास आदमी बन गया है. उसके पास भी उसका खुदका घर, गाड़ी और बहुत से पैसे
भी है?. बलदेव ये सुनकर खुश हो गया. उसने पूछा की वो कब आने वाला है.
उसके दोस्त ने कहा?ये तो मुझे पता नहीं?. रेखा और लेखा को भी ये बात पता
चल गयी. वो अभी भी विक्रम के आने का इंतज़ार कर रहे थे. लेकिन कल्याण की
परेशानी बढ़ रही थी. उसने फिर दोनों बहनों की शादी करवाने का फैसला किया.
उसने दोनों की शादी एक साथ करवा दी. लेकिन दोनों इस शादी से खुश नहीं थी शादी के बाद दोनों दुसरे गाँव चली गई . लेखा और रेखा की शादी के करीब ६ महीने के बाद विक्रम गाँव आया. बलदेव सिंह और उसकी दादी बहुत खुश हो गए. तब उसे पता चला की लेखा और रेखा की शादी हो गयी है. उसने कल्याण से कहा?आपने अच्छा किया जो उनकी शादी करवा दी. मेरी शादी ही चुकी है.?
विक्रम ने शहर में एक लड़की से शादी कर ली थी.
दोस्तों यहाँ कहानी ख़तम होती है कहानी कैसी लगी जरूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा


raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 17 Dec 2014 20:43

सिखने के बाद चुदाई – १

यह तब की हैं जब में 12 क्लास में था | मैं अंग्रेजी में काफी कमजोर था |
हमारी अंग्रेजी टीचर का नाम स्नेह था | वो करीब 40 की थी | वो हलकी सी
मोटी थी खास कर उनका कमर काफी मोटा था | उनके चुचे भी काफी बड़े और भरी
थे | जब में 11 में था, तब मुझे अंग्रेजी में काफी

कम नंबर आये थे, इसीलिए मेने 12 में सोच लिया था की इस बार अंग्रेजी में
ध्यान लगाऊंगा और खूब पडूंगा | गर्मियो की छुट्टी से एक दिन पहले मेने
स्नेह मैडम के पास गया |

गुड आफ्टरनून मैडम

गुड आफ्टरनून समीर

मैडम, मुझे आपकी सयहता चाहिए थी |

हाँ बोलो

मैडम, जेसा की आपको पता हे की मेरा अंग्रेजी में काफी कम नंबर आये थे |

हाँ, मुझे पता हे, इसीलिए तो तुम्हे बोलती हू की अच्छे से पढाई किया करो |

जी मैडम, में इस बार बोर्ड के परीक्षा में कम नहीं लाना चाहता |

अच्छा, आखिर में तुम्हारी आँखे खुल ही गयी |

जी मैडम, मुझे पता हे की मुझे काफी मेहनत करनी होगी, और में इसके लिए
तैयार हू | मगर मैडम मुझे यही नहीं पता की शुरू कहा से करना हे | मेरा
मतलब हे की मेरा अंग्रेजी का जड ही कमजोर हे | सो मैडम क्या आप मेरी मदद
करोगी यह बताने में की कहा से शुरू करना हैं |

जरुर समीर, में तुम्हारी टीचर हू, और यह मेरा काम हे | में तुम्हारी मदद
करुँगी | एक काम करो तुम मेरा घर का पता और मेरा फोन नॉ. ले लो और मुझे
एक हफ्ते बाद फोन करना |

ठीक हे मैडम |

मेने फिर उनका नॉ. और पता ले लिया | और फिर एक हफ्ते बाद मेने उनको फोन किया |

हेल्लो, क्या में स्नेह मैडम से बात कर सकता हू ?

बोल रहीं हू |

मैडम, मैं समीर बोल रहा हू | मैडम आपने कहा था की एक हफ्ते बाद फोन करना…………….

हाँ याद हैं, फोन पर तो तुम्हारी पढाई नहीं हो सकती तुम एक काम करो, कल
शाम ५ बजे मेरे घर आ जाओ, तभी तुम्हारी प्रोब्लम देख लेते हैं | ठीक हैं
?

ओके मैडम,

फिर अगले दिन मैं शाम को ५ बजे मैडम के घर पहुच गया | मेने घंटी बजाई और
फिर मैडम ने दरवाज़ा खोला

हेल्लो मैडम,

हेल्लो समीर,………अंदर आओ………बैठो घर धुदने में तकलीफ तो नहीं हुई ना ?

थोडा सा हुआ, क्युकी में इस इलाके में कभी नहीं आया |

चलो कोई बात नहीं……… अब बताओ क्या लोगे चाय कोफ्फी कोल्ड्रिंक

कुछ नहीं मैडम………..कुछ नहीं……

शरमाओ मत तुम्हे कुछ ना कुछ तो लेना ही पड़ेगा

ठीक हैं मैडम कोफ्फी चलेगा |

बस अभी लती हू,

फिर मैडम कोफ्फी ले आई |

ह्म्म्म लो सुमित कोफ्फी लो, बिस्किट भी तो लो

नहीं मैडम इसकी क्या ज़रूरत थी ?

समीर तुम बहुत शर्मीले हो……….खेर ये बताओ हमे क्या बात करनी थी |

मैडम आपको तो पता ही हैं की मेरे अंग्रेजी में कैसे नॉ. आते हैं ?

हम्म्म्म मेरे ख्याल से तुम्हे पिछले साल ५० से जादा नहीं आये थे |

हाँ मैडम, और सबसे जादा हमारी क्लास में ९५ आये थे | मैडम में भी चाहता
हू की मुझे भी उतने आये |

बिलकुल आ सकते हैं, लेकिन उसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ेगी तुम्हे………क्या
तुम करोगे ?

जी मैडम, मई मेहनत जरुर करूँगा, बस आप मुझे कोचिंग दीजिए |

ठीक हैं, एक काम करो तुम कल सुबह से १० बजे आ जाया करो |

ठीक हैं मैडम,

कोफ्फी तो पियो………..ठंडी हो रही हे

जी मैडम, ……………… मैडम आपकी फॅमिली में कोन कोन हैं ?

मैं, मेरे पति और दो बच्चे हैं |

मैडम कहा हे सब कोई दिखाई नहीं दे रहा ?

मेरे पति काम से दो हफ्तों के लिए बहार गए हैं और मेरे बच्चे अपनी नानी
के घर पे है |

वो कब आयेंगे आपके बच्चे ?

वो भी दो हफ्तों बाद ही आयेंगे, वेसे मैं भी वही थी कल ही आई हू | अब यही
तो दिक्कत हैं, अब मुझे बाजार से सब कुछ लाना हो तो नहीं ला सकती |

क्यों ?

बाजार यहाँ से काफी दूर हे ना, और रिक्शा से जाने मैं बहुत टाइम लगता है
और स्कूटर और कार चलाना मुझे नहीं आती |

मैडम इस मैं क्या तकलीफ हे, आपको जो चाहिए होगा मुझे बता दीजिए, मैं ले आऊंगा |

नहीं नहीं ऐसी बात नहीं हे, समीर तुम्हे कार चलानी आती हैं क्या ?

हाँ मैडम आती हैं |

तुम मुझे कार चलाना सिखा सकते हो……..वो क्या हे की मेरे पति तो पुरे दिन
बिजी रहते हैं और आज कल तो हमारी कार खली पड़ी है…………..और पति तो ऑफिस की
कार ले गए हैं |

जी मैडम, मैं आपको कार चला सिखा दूँगा |

कितना समये लगेगा कार सिखने मैं ?

करीब एक हफ्ता तो लगेगा ही |

तो ठीक हैं तुम मुझे कार सिखाना शुरू कर दो |

ओके मैडम मगर किस समाये पे ?

तुम १० बजे पड़ने आओगे ही…..तुम्हे पडने के बाद मैं तुमसे कार सीख लिया
करुँगी ……………पर समीर कोई बड़ा खली जगह हे क्या ? वो क्या हे की कोई मुझे
देखेगा सीखते हुए तो मुझे शर्म सी आएगी | कोई ऐसी जगह बताओ जो एक दम खली
हो और जादा लोग भी ना आया जाया

करे |

जी मैडम, शहर से बहार निकलने के बाद एक खली मैदान है, जो हर वक्त खली ही रहता हैं |

ठीक हैं, तो वही चलेंगे कल दोपहर मैं |

पर मैडम दोपहर में तो काफी गर्मी होगी ना ?

दोपहर में इसीलिए क्युकी उस वक्त लोग बहार नहीं निकलते और हमारी कार में
तो ऐसी हैं. | मैं क्या करूँ लोग मुझे कार चलते हुए देखेंगे तो मुझे शर्म
आएगी ना इसीलिए | वेसे तुम्हे कोई प्रोब्लम तो नहीं हे ना ?

बिलकुल नहीं मैडम, तो मैं कल आता हू १० बजे |

ओके समीर बाई |

मैं अगले दिन १० बजे मैडम के घर पहुच गया | मैडम ने उस दिन हरे रंग की
सूट पहनी हुई थी | हलाकि मैडम थोड़ी मोटी और सावली थी, पर मुझे तो मैडम
सेक्सी लग रही थी | मैडम ने मुझे १० से १ बजे तक पढाया | उसके बाद हम कार
सिखने शहर से बहार एक खली मैदान में

चले गए | आस पास कोई नहीं था क्युकी उस वक्त काफी धुप थी |

मैदान में पहुच कर मेने मैडम को कार सिखानी शुरू कर दी |

मैं कुछ देर तक मैडम को गियर, एक्सेलेटर, क्लच, ब्रेक के बारे में बताने लगा |

चलिए मैडम आब आप चलाइए |

मुझे डर लग रहा हैं |

आगे की कहानी आगे भाग मैं ……………………….


raj..
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Re: Hindi Sex Stories By raj sharma

Unread post by raj.. » 17 Dec 2014 20:44

सिखने के बाद चुदाई – २

चलिए मैडम आब आप चलाइए |

मुझे डर लग रहा हैं |

कैसा दर ?

कही मुझे कंट्रोल नहीं हुआ तो ?

उसके लिए मैं हू ना मैडम |

फिर मैडम ड्राइवर सिट पे बैठ गयी और मैं बाजु वाले सिट पे आ गया | फिर
मैडम ने कार चलानी शुर की लेकिन मन ने एक दम से एक्सेलेटर पे पैर रख दिया
और कार एक दम से तेज चलने लग गयी | मैडम घबरा गयी |

मैंने मैडम को कहा की मैडम एक्सेलेरेटर से पैर हटाइये

मैडम ने फिर पैर हटा लिया तो फिर मेने स्टीरिंग पकड़ कर कार को संभल लिया

मेने कहा था ना की मुझसे नहीं होगा

कोई बात नहीं हैं, पहली बार ऐसा होता हैं |

नहीं मैं कार सीख ही नहीं सकती, मुझसे नहीं चलेगी

चलेगी मैडम, चलिए अब गाड़ी को स्टार्ट कीजिए और फिरसे ट्री कीजिए, पर इस
बार एक्सेलेरेटर आराम से छोडना

नहीं मुझसे नहीं होगा

मैडम शुरू शुरू मैं गलतियाँ होती हैं, कोई बात नहीं

नहीं मुझे दर लगता हैं

अच्छा, एक काम करते हे मैं भी आपके सिट पर आ जाता हूँ, फिर आपको दर नहीं लगेगा

लेकिन एक सिट पर हम दोनों कैसे आ सकते हैं

आप मेरी गोद मैं बैठ जाना, मैं स्टीरिंग संभालूँगा और आप गार संभालना

लेकिन कोई हमे देखेगा तोह कैसा लगेगा ?

मैडम इस वक्त यहाँ कोई नहीं आएगा और वेसे भी आपके कार के शीशों से अंदर
का कुछ भी नहीं दिखेगा |

चलो ठीक हे फिर

फिर में जा क ड्राईवर वाले सिट पे बैठ गया और मैडम मेरी गोद मैं | जैसे
ही मैडम मेरी गोद में बैठी मेरे बदन में करंट सी दोड़ गयी | हम दोनों ने
पहले बार एक दूसरे को ऐसे छुआ था | मेने फिर कार स्टार्ट कर दी और मैडम
से पूछा की मैडम आप तैयार हो ?

हाँ, मुझे सिर्फ गिअर संभालना है ना ?

जी मैडम, आज के दिन आप सिर्फ गिअर ही सीखो |

कार चलने लगी, क्युकी मेरा हाथ स्टीरिंग पर था और मैडम मेरी गोद में,
इसीलिए मेरी बांहे मैडम के चुचो को बार बार छु रहा था, और मैडम के चुचे
थे भी काफी बड़े | मैडम को थोडा अजीब सा लगा इसीलिए वो मेरी जांघों पे ना
बैठ कर मेरे घुटनों के पास खिसक गयी | जेसी ही मई

कार को मोड़ता, तभी मैडम की पूरी चूची मेरे बांहों को छु जाता | मैडम
वेसे गिअर सही बदल रही थी |

क्यों समीर, मैं ठीक कर रही हू ना ?

एक दम सही हे मैडम, मैडम आप अभी थोडा स्टीरिंग भी संभालो |

ठीक हे

क्युकी मैडम मेरी गोद में काफी आगे होकर बैठी थी इसी लिए स्टीरिंग
सँभालने में उन्हें तकलीफ हो रही थी | मैडम आप थोडा पीछे खिसक जाइए तभी
आपसे स्टीरिंग सही चलेगा |

आब मैडम मेरी जांघों पे बैठ गयी | मैडम थोडा और पीछे हो जाईये |

और कितना पीछे होना पड़ेगा

जितना हो सके उतना हो जाइये

ठीक हैं

अब मैडम पूरी तरह से मेरे लंड के उपर बैठी हुई थी |

मेने अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया और स्टीरिंग संभालना सिखाने लगा |
जब भी कार मुडती तो मैडम की गांड मेरे लंड में धस जाती | मैडम के चुचे
इतने बड़े थे की वो मेरे हाथों को छु रहे थे | मैं जान बुझ के उनके चुचो
को चूता रहा |

मैडम अब एक्सेलेरेटर भी आप संभालिए

कहीं कार फिर से कंट्रोल के बहार हो गयी तो ?

मैडम अब तो मैं बैठा हू ना ?

मैडम ने फिरसे पूरा एक्सेलेरेटर दबा दिया तो कार ने फिरसे एक दम से
रफ़्तार पकड़ ली |

इस पर मेने एक दम से ब्रेक लगा दी तो कार भी उसी वक्त रुक गयी | मैडम को
झटका लगा तो वो स्टीरिंग में घुसने लगी | इस पर मेने मैडम के चुचो को
अपने हाथो से पकड़ कर मैडम को स्टीरिंग में घुसने से बचा लिया | कार रुक
गयी थी और मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे | मैडम

बोली -

मेने कहा था ना की में फिर कुछ गलती करुँगी ( अब भी मैडम के चुचे मेरे
हाथो में थे )

कोई बात नहीं, कम से कम गिअर तो बदलना सीख लिया ( अब भी मैडम के चुचे
मेरे हाथो में थे )

शायद मुझे स्टीरिंग संभालना कभी नहीं आएगा ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

एक और बार ट्राई कर लेते हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

ठीक हैं ( अब भी मैडम के चुचे मेरे हाथो में थे )

मैडम ने मुझसे एहसास दिलाने के लिए की मेरा हाथ उनके चुचो पे हे, मैडम ने
अपने चुचो को हल्का सा झटका दिया तो मेने अपने हाथ वहा से हटा लिया |
मेने कार फिरसे स्टार्ट की | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पे रख लिया और
मेने अपने हाथ उनके हाथो पे रख दिया |

मैडम एक्सेलेरेटर मई ही संभालूँगा, आप सिर्फ स्टीरिंग संभालिए

यही में कहने वाली थी

कुछ देर तक मैडम को स्टीरिंग मैं मदद करने के बाद में बोला

मैडम अब में स्टीरिंग से हाथ उठा रहा हू, आप अकेले ही संभालिए

ठीक हे, अब मुझे थोडा अपने उपर भरोसा है, लेकिन तुम अपने हाथ तैयार रखना
कहीं फिर से वेसा ना हो जाये |

मैडम मेरे हाथ हमेशा तैयार रहते हैं

मेने फिर अपने हाथ स्टीरिंग से हटा के मैडम के छाती पे रख दिया, मैडम को
पकड़ने के बहाने से, मुझे एक पाल के लिए लगा की मेने हाथ रखा वो भी सीधे
मैडम के छाती पे, आज मुझे मैडम से गलिया सुनने को मिलेगा, मगर ऐसा कुछ भी
ना हुआ |

समीर मुझे कास के पकड़ना, कहीं ब्रेक मारने पर में फिर से स्टीरिंग में
ना घुस जाऊ |

हा मैडम, कास के पकड़ता हूँ | मेने फिर मैडम के छाती को कास के पकड़ने के
बहाने दबा दिया, और उसी के कारण मैडम के मुह से अह्ह्ह निकल गया |

समीर मेरे ख्याल से आज के लिए इतना सीखना काफी हे |

ठीक हे मैडम

मैडम फिर मेरी गोद से उठ कर बाजु वाली सिट पर बैठ गयी, और हम फिर मैडम के
घर चल दिए |

ठीक हे मैडम, मई अब चलता हू |

रोटी खा के जाना

नहीं मैडम, मेने मम्मी को बोल को कहा हे की में खाने के वक्त आ जाऊंगा

ठीक है, तोह कल दस बजे आओगे ना ?

पक्का मैडम,

मई अगले दिन दस बजे पहुच गया | पड़ने के बाद हम फिर से कार सिखने उसी जगह
में आ गए |

तोह समीर आज कहाँ से शुरू करेंगे ?

मैडम मेरे ख्याल से से आप पहले स्टीरिंग में ठीक हो जाइये, उसके बाद कुछ करेंगे |

ठीक है, कल जेसे ही बैठने हे क्या ?

हा मैडम,

आज मैडम ने सिल्क की सलवार कमीज़ पहनी हुई थी | मैडम आज सीधे आकार मेरे
लौडे पर बैठ गयी | आज मैडम की सलवार थोड़ी टाईट थी और मैडम की गांड से
चिपकी हुई थी |

हमने कार चलानी शुर कर दी | मैडम ने अपने हाथ स्टीरिंग पर रख लिया, और
मेने भी अपने हाथ मैडम के हाथो पर रख दिया | आज मैडम की गांड मेरे लोडे
पर बार बार हिल रही थी | कुछ देर के बाद मेने कहा मैडम अब मैं अपने हाथ
स्टीरिंग से हटा रहा हू |

हाँ, अपने हाथ स्टीरिंग से हटा लो |

आगे की कहानी आगे भाग मैं ……

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