माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

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The Romantic
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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:14

रीमा बहुट खेली खायी हुयी औरत थी उसको पता था कि कब किस समय क्या किया जाता है। और इतने सालो मे कई सारे मर्दो से चुदा कर वह चुदायी शास्त्र कि महा ज्ञानी हो गयी थी। मैं अपने आप को बहुत धन्य समझ रहा था क्योकि मैं रीमा की क्षत्र छाया मे चुदायी शास्त्र कि शिक्षा प्राप्त कर रहा था। मेरे लंड से सारा रस रीमा ने अपने ब्लाउस पर पोछ लिया था। उसके बाद रीमा ने मेरा लंड छोड दिया और अपना ब्लाउस को दोनो हाथ से पकड कर अपनी नाक के नीचे रख दिया और सुघंने लगी और एक गहरी साँस लेकर बोली म म म मऽऽऽऽऽऽ क्या मस्त खुशबू है। मेरे बदन की महक तेरे थूक और लंड रस से मिल कर बनी यह खुशबू किसी भी औरत और आदमी को जानवर बना सकती है।

बेटा तू तो बडा ही रसीला मर्द है। बहुत कम मर्द मुझे ऐसे मिले हैं अपनी चुदायी यात्रा मैं जिने मेरी महक और कपडो से भी प्यार हो। और तेरी उम्र उनमे सबसे छोटी है। और मैं तेरे से बहुत खुश हूँ मेरे लाडले बेटे चला आजा तूने ब्लाउस का मजा तो ले लिया अब ब्लाउस मै छिपे मम्मो का मजा भी तो ले ले। मैंने कहा फिर साडी हटाओ और अपने मम्मे मुझे दिखाओ। इसपर रीमा पलट कर अपने चूतड मटकाते हुये सोफे के पास गयी और सबसे पहले अपना ब्लाउस उस पर रख दिया। और मेरी तरफ अपनी पीठ करके २-४ कदम पीछे की और चली और फिर अपनी साडी अपने उपर से हटा कर सोफ़े पर फेक दी। और अपनी हाथ नीचे करके बोली आजा मेरे बेटे तेरी रंडी तैयार है।

मैं रीमा की तरफ गया और और अपने हाथ उसकी बगल से नीचे डाल कर उसके कमर के चारो और लपेट लिये। और उसके गले पर एक किस कर दिया। जिसकी वजह से उसने एक बडी सिसकी ली। चुम्बन लेने के बाद मेरी नजर उसकी छाती से लटकती ब्रा मैं फंसी चूचीयो पर गयी। ब्लाउस निकल जाने के बाद उसकी चूचीयाँ का और भी ज्यादा भाग नंगा हो गया था। और उपर से उसकी भारी भारी चूचीयाँ और जहाँ वो आपस मैं मिलती है उनके बीच की खायी को देख कर मेरा लंड ने फिर से रस बहाना शुरू कर दिया जबकी थोडी देर पहले ही रीमा ने मेरा सारा रस पोछ दिया था। तभी मेरी नजर उसकी ब्रा के अग्र भाग पर गयी जहाँ से उसकी घुडियाँ ब्रा से बाहर निकल कर झाँक रही थी।

यह देखकर पहले तो मैं हैरान रह गया फिर मैंने सोचा ओह इसका मतलब है रीमा ने ऐसी ब्रा पहन रखी है जिस मैं घुडियो कि जगह पर छेद है। यही कारण है कि जब मैं उसके मम्मो पर ब्लाउस के उपर से हाथ फेर रहा था तो मुझे उसकी घुडीयो का अहसास हुआ था। इस तरह से उपर से उसकी चुचीयो का नजारा बहुत ही आकर्षक था। ये नजारा देख कर मेरे मुँह से लार टपक पडी। और मन किया की जा कर उसकी घुडियो को चूस कर उनका सारा रस निचोड लूँ। रीमा ने मुझे उसकी चूचीयो को घूरते हुये देख लिया था उसने कहा क्या हुआ बेटा कैसी लगी मेरी चूचीयाँ बढीया है ना। मैंने कहा हाँ माँ इनको मैं आगे से देखना चाहता हूँ। रीमा ने कहा तो देख ले बेटा मैं मना थोडी न कर रही हूँ। मैंने तो तुझे बुलाया ही अपना नंगा बदन दिखाने के लिये है। ताकी तेरा लंड मेरा नंगा बदन देखकर मस्त खडा हो जाये और तू इस लम्बे लंड से मुझे चोद कर अपने लंड के साथ कुछ न्याय कर सके।

अगर तू मेरा सगा बेटा होता तो जाने कबका मैंने तेरा लंड अपनी चूत मैं लील लिया होता चल अब देर मत कर और आजा सामने और देख ले अपनी माँ के मम्मे और जल्दी से जल्दी मुझे चोद कर मादरचोद बन जा। रीमा की बात सुनकर मुझमे फिर से जोश आ गया और मैं उसके कंधे पर एक बार और किस कर के उसके सामने आ गया। उसकी और पहली बार मैंने अपनी नजर उसके ब्रा मे कैद मम्मो पर दोडायी। उसकी ब्रा काले रंग की थी। और उसके हुक आगे से लगते थे। नीचे का सट्रेप करीब २ इन्च चौडा था। और कप कुछ इस तरह से थे के उसके हरेक मम्मा दोनो तरफ़ इस १/४ से ज्यादा नंगा था।ब्रा का कप तिकोने आकार का था। और नीचे से चौडा था और उपर जा कर ब्रा के कंधे वाले सट्रेप से मिलता था। कंधे वाला सट्रेप करीब १/२ इन्च चौडा था। और ब्रा मे जहाँ पर घुडियाँ होती है वहाँ पर एक बडा से छेद था। छेद इतना बडा था की उसमे से उसकी घुडियाँ और उसके चारो और बना गोला साफ देखायी दे रहा थे। उस गोले के किनारो को काले रंग के धागे के साथ सिला गया था। जिससे की वह फट ना जाये। उसकी घुडीयों का रंग गहरे भूरे रंग का था और घुडी के चारो और के गोले का रंग गोले के किनारे पर थोडा हल्का था। उसकी ब्रा से बाहर झाँकती घुडीयाँ किसी को भी पागल कर सकती थी तो मै क्या चीज था।

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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:15

उसकी घुडीयाँ मस्त होकर पूरी कडी हो गयी थी। और उसकी ब्रा से बडे गर्व के साथ बाहर झाँक रही थी। ओह माँ तुम्हारे मम्मे तो गजब के मस्त है। और क्या बोलू इनके बारे मे। तुमने तो ब्रा भी ऐसी सेक्सी चुनी है कि क्या बताउ। तुम्हारी ब्रा से छेद से झाँकती घुडीयाँ ने मुझे पागल कर दिया है। माँ मैं तुम्हारी चूचीयो को प्यार करना चाहता हूँ। उनको चुसना चाहता हूँ उनका रस पीना चाहता हूँ। इस पर रीमा बोली बेटा तू भी साला कुत्ते का कुता है रहेगा जहाँ हड्डी देखी नही लगी लार टपकने। इसपर मैंने कहा हाँ माँ मैं कुत्ता हूँ तुम्हारा पालतू कुत्ता प्लीज माँ इस कुत्ते को हड्डी दे दो माँ तुम्हारा ये कुत्ता तुम्हारी चूची रुपी हड्डी का भूखा है माँ।

इस पर रीमा ने कहा थीक है तो फिर चल एक कुत्ते की तरह जीभ निकाल और आजा अपनी माँ के पास। तुझे हड्डी चाहिये तेरी माँ देगी तेरी को हड्डी। चुस ले मेरे मम्मे निकाल ने इनका रस मेरे लाल आजा। मेरे पास। रीमा की बात सुनकर मैंने अपनी जीभ बिल्कुल एक कुत्ते की तरह बाहर निकाल ली और और रीमा के पास पहुँच गया। रीमा ने अपने दोनो हाथ अपनी चूचीयो के नीचे रखे और उनको और उभरते हुये बोली आजा बेटा ले कर ले प्यार अपनी माँ की चूचीयो के साथ। उसका इसतरह से हाथ रख कर अपनी चूचीयो को मेरे को चाटने के लिये देना ऐसा लग रहा था कि जैसे प्लेट मै सजा कर मुझको फल चूसने के लिये दे रही हो। मैं भी बडा उत्तेजित था बस टूट पडा उसकी चूचीयो पर।

सबसे पहले मैंने रीमा की घुडीयों को किस किया। घुडीयाँ मेरे होठो पर किसी तीर के नोक की तरह चुभ रही थी। किस करने के बाद मैने उसकी चूचीयो के नंगे भाग की और ध्यान देना शुरू किया। और उसके नंगे हिस्से पर किस करना शुरु किया। पहले बाँयी चूची को किस कर किया फिर दाँयी चूची पर किस किया थोडी देर तक मैं ऐसे ही किस करता रहा। रीमा को शायद अपनी चूचीयो कर किस करवाने मे मजा आता था। क्योकी जैसे जैसे मेरे चुम्बन बढते गये उसके मुँह से आह ओह सी सी कि आवाजे निकलनी शुरू हो गयी। पर अभी भी मैंने उसकी चूचीयाँ अपने हाथ मे पकड कर नही देखी थी क्योकी मेरा उनको मसलने का बहुत मन था पर उनको पूरी नंगी कर के ही मैं उनकी कडायी पता करना चाहता था।

अच्छी तरह से उसके मम्मो को चूमने के बाद मैंने उसके मम्मो को अपनी जीभ से चाटने लगा उसके मम्मो के नंगे हिस्से पर जीभ घुमाना मुझे बडा अच्छा लग रहा था। उसकी मस्ती भी बढ गयी थी और वह बडबडा रही थी। चाट साले चाट गाँडू कही का चाट अपनी माँ कि चूचीयाँ साले तेरे को क्यो शर्म नही हैं माँ के लोडे चाट ले इनको साली बडा दुखी करती हैं मुझे खा जा इनको भोसडीके ये तो तेरे लिये मिठायी है रे खा जा माँ के लाल हाय क्या चुसता है। मैंने चाटते हुये पूछा बडा चिल्ला रही हो माँ मजा आ रहा है। रीमा बोली हाँ बेटा तुझे पता है बेटा चुचीयाँ चूत का सुईच होती है। इनको जितना चुसो और मसलो के उतना ही चूत रस बहाती है। इनको चुसने और मसलने से कोई भी औरत अपनी टाँगे खोल कर चूत चुदाने को तैयार हो जाये।

रीमा का चुदायी ज्ञान सुनकर मैं और भी जोर शोर से उसकी चूचीयो को चुसने मैं चुट गया और बीच बीच मैं उसकी घुडियाँ अपने मुँह मे लेकर चुस लेता था। और मैं करीब १५ मिनट तक उसकी चूचीयो को चाटने और चूसने के मजे लेता रहा। और चाट चाट कर उसकी चूचीयो को पूरा गिला कर दिया। इस बीच रीमा ने भी गालियाँ बक बक मेरा बहुत उत्साह बढाया। जब अच्छी तरह से चाट कर मैंने उसके मम्मो को छोडा तो रीमा बोली बेटा तूने तो फिर से मेरी चूत को गिला कर दिया मेरे राजा। अभी तो तुने मुझे झडाया था मेरी जान और अब फिर से मेरे अंदर झडने की चाह भर दी। मैंने कहा माँ तो तुम फिर से खेल लो अपनी चूत से जब तक मैं तुम्हारे मम्मो को प्यार करता हूँ। रीमा बोली नही बेटा अब तो मेरा पेटीकोट उतार कर ही मेरी चूत हो पैन्टी के उपर से चाट कर मुझे मजा देना समझा।


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Re: माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

Unread post by The Romantic » 29 Oct 2014 21:16

मैने कहा ओह माँ तुम कितनी अच्छी हो तुमको अपना वादा याद है अपनी चूत पैन्टी मे से चटाने का। रीमा बोली और क्या बेटा ऐसे कैसे भूल सकती हूँ वादा वैसे भी इसमे तो मेरे को ही मजा मिलने वाला है और तुम से मम्मे चटावा कर तो सोच रही हूँ कि अच्छा हुआ कि मैंने हाँ कह दी। नही तो झडने के लिये जाने कितनी देर तक इंतजार करना पडता। पर मेरे लंड की हालत बहुत बुरी हो रही थी। वह रह रह कर झटके मार देता था जैसे कहा या तो मुझे झडा तो नही तो मैं खुद ही झड जाउगाँ जिस से तुमको बिल्कुल भी मजा नही मिलेगा। फिर रीमा ने कहा आजा मेरे राजा बेटा तूने माँ के मम्मो का मजा ले लिया अब पेटीकोट उतार कर मेरी चूत चाट जल्दी से। मे मरी जा रही हूँ मेरी पैन्टी मेरे रस से पूरी भीग गयी है।

माँ की आज्ञा सुनकर मैं बोला माँ ठीक है उतार देता हूँ तेरा पेटीकोट पर चूत तो मैं पेटीकोट को प्यार करने के बाद ही चाटूगाँ। रीमा बोली थीक है थीक अब लग जा काम पर। रीमा मेरे सामने खडी थी। और मै उसके सामने घुटनो के बल बैठ गया अब उसके पेटीकोट का नाडा बिल्कुल मेरी आँखो के सामने था। मेने एक बार रीमा की तरफ नजर उठा के देख जैसे पूछ रहा हूँ उतार दुँ रीमा ने मेरी तरफ देखकर अपना सिर हिला दिया। फिर मैंने अपने हाथ आगे बढा कर उसके पेटीकोट का नाडा पकड लिया। और फिर आगे बढ कर उसकी पैन्टी पर एक किस लिया और नाडे के दोनो छोर पकड लिये। अब बस मै उसकी चूत का घूघंट उठाने ही वाला था।

फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाडा पकड कर खीच दिया जिससे उसका नाडा खुल गया और पेटीकोट ठीला हो गया। फिर मैंने अपने हाथो से उसके नाडे की आखरी गाँठ भी खोल दी। अब उसका पेटीकोट खुल चूका था अगर नाडा मेरे हाथ मे नही होता तो जाने कब का पेटीकोट फर्श पर होता। फिर मैंने रीमा की तरफ देखते हुये रीमा के पेटीकोट का नाडा छोड दिया। नाडा छोडते ही उसका पेटीकोट उसका पेटीकोट कमर से सरक कर जमीन पर गिर पडा। और मेरे सामने दुनिया का सबसे सेक्सी नजारा आ गया। मेरे सामने मेरी रीमा मेरी माँ सिर्फ ब्रा पैन्टी मै खडी थी। जिसमे उसके चूचीयाँ मेरे थूक से पूरी तरह गीली थी तथा उसकी पैन्टी उसके रस से गीली होने की वजह से उसकी चूत से चिपक गयी थी।उसकी चुत से चिपकी होने के कारण चूत होने का अहसास उससे हो रहा था। मै अभी भी नीचे बैठा था। रीमा ने पीछे हट कर अपने पैर पेटीकोट से निकाल लिये और बोली ले बेटा मैंने अपने पैर पेटीकोट से निकाल लिये है अब तू जल्दी से इससे प्यार कर ले फिर मेरी चूत चाट मैं मरी जा रही हूँ बेटा तेरी जीभ को अपनी चूत पर महसूस करने के लिये। रीमा मेरे सामने ब्रा पैन्टी और उची ऐडी के सैंडल मे खडी थी। इस समय मुझे वह दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत लग रही थी। गोरा गोर भरापूरा बदन भारी भरकम चुचीयाँ जो उसकी ब्रा को फाड कर उसकी कैद से आजाद होने के लिये बैचेन थी। भारी चुतड और चूत को छुपाती छोटी से पैन्टी।

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