रात की पार्टी
विनोद और शीला थोड़ी देर से हमारे कमरे मे पूरी तरह सझ धज कर आए. पर हम चारों शॉर्ट्स और टी-शर्ट बिना अंदर कुछ पहनने के आदि हो चुके थे. पर हम सब के शरीर पर कपड़े ज़्यादा देर नही टीके. थोड़ी ही देर हम सब नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे.
"तुम्हे याद है ना कि इसके पहले कि हम कुछ करें तुम्हे राज की गांद मारनी है." शीला ने अपने पति को याद दिलाया.
शीला की बात सुनकर राज कमरे मे से क्रीम ले आया और अपनी गांद पे मलकर अपनी गांद विनोद के लिए तय्यार करने लगा. फिर वो घुटने के बल झुक गया और अपनी गांद विनोद के सामने कर दी, "आओ और अपना लंड मेरी गांद मे डाल दो और कस कर मारो."
"क्या तुम्हे इसकी बिना बालों वाली गांद और गोरे चुतताड किसी लड़की की गांद की तरह नही लगते." रवि ने विनोद को उकसाते हुए कहा, "मैं तो जब भी इसकी गांद मे लंड डालता हूँ मुझे लगता है कि में किसी लड़की की गंद मार रहा हूँ."
रवि ने तुरंत अपना लंड राज के मुँह मे दे दिया. विनोद ने भी राज के चूतड़ सहलाते हुए अपन लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. उसे आश्चर्य हुआ कि कितनी आसानी से उसका लंड उसकी गांद मे चला गया और उसे मज़ा भी आ रहा था.
"ज़रा कस कर इसकी गंद मारना. बाद मे मैं तुम्हे अपनी गंद मे भी लंड डालने का मौका दूँगी." रश्मि विनोद के चुतताड पर थप्पड़ मारते हुए बोली. "मेरी ही नही तुम प्रीति की भी गांद की चुदाई कर सकोगे."
शीला आश्चर्य भरी नज़रों से अपने पति को मेरे बेटे की गांद मारते हुए देख रही थी, और मेरे बेटा रवि के लंड की चुसाइ कर रहा था. रश्मि शीला के पास बिस्तर पर पहुँची और उसके बदन पर हाथ फिराने लगी.
रश्मि उसके बदन को सहला रही थी और शीला के निपल किसी लंड की तरह तन गये थे. रश्मि ने फिर झुक कर उसके तने निपल को अपने मुँह मे ले लिया और अपने दाँतों से भींचने और काटने लगी. शीला के मुँह से सिसकारी निकल रही थी.
विनोद अब मज़े लेते हुए ज़ोर ज़ोर से राज की गंद मार रहा था. उसकी जंघे आवाज़ करते हुए राज के चुत्तदो से टकरा रही थी. विनोद उसकी गांद मारते हुए उसके चुतताड पर हल्के थप्पड़ भी मारते जा रहा था.
थोड़ी थोड़ी देर मे राज भी रवि के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल विनोद को उकसा रहा था, "ओह हाआँ पेल दो अपना लंड मेरी गाअंड मे, भर दो मेरी गांद तुम्हारे पानी से हां चोदो."
रश्मि ने शीला की चुचियों और निपल को चूसना बंद किया और घुटनो के बल बैठ कर उसकी टाँगो के बीच आ गयी. उसने उसकी टाँगे थोड़ी फैला कर उसकी चूत पे उंगली घुमाने लगी.
"प्लीस ऐसा मत करो…….मेने आज तक नही किया है." शीला बोल पड़ी.
"आराम से लेटी रहो और मज़े लो, ये कोई तुम्हे नुकसान नही देगा." रश्मि ने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और मुझसे बोली, "रश्मि तुम शीला की चुचियाँ चूसो इसके निपल बड़े मज़ेदार है."
मैं खिसक कर शीला के बगल मे आगाई और उसकी चुचियों को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी. मैं एक हाथ से उसकी चुचि मसल भी रही थी. शीला को अपनी चूसवाने मे बहोत मज़ा आ रहा था और इस वजह से उसने अपनी तने और फैला दी. मैं जानती थी कि शीला को काफ़ी मज़ा आएगा क्यों की रश्मि चूत चूसने और चाटने मे माहिर थी.
तीन मर्दों की आपस मे चुदाई और बिस्तर पर हम तीन औरतों की महॉल को गरमाने के लिए काफ़ी थी. थोड़ी ही देर मे शीला के मुख से सिसकारिया निकल रही थी.
"ओह हाआआआआआं मुझीईई नहियिइ मालूमम्म था की इसमे इतना मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा आअता हाऐी हााआ चूऊसू."
सिसकते हुए शीला की चूत ने किसी ज्वालामुखी के लावे की तरह पानी छोड़ दिया और उसी वक़्त विनोद भी सिसक रहा था कि उसका छूटने वाला है.
रश्मि और मैं विनोद के बदन को अकड़ते हुए देख रहे थे जब उसके लंड ने मेरे बेटे की गंद मे पानी छोड़ दिया. राज ने अपने पाओं को आकड़ा कर विनोद के लंड को अपनी गंद मे जाकड़ लिया था और उसके लंड से हर बूँद को निचोड़ रहा था. थोड़ी देर मे विनोद का लंड मुरझकर उसकी गंद से बाहर निकल पड़ा और साथ ही उसके वीर्य की धारा बहने लगी.
रश्मि शीला के बगल मे लेट गयी और उसके होठों को ज़ोर से चूमते हुए उसके मुँह मे अपनी जीब डाल दी, "लो चखो अपनी चूत के पानी का स्वाद. हाइया अच्छा !"
शीला गहरी साँसे लेते हुए बिस्तर पर लेटी थी. उसे विश्वास नही हो रहा था कि एक औरत भी इस तरह से चूत को चूस सकती है. वही रवि का पानी नही छूटा था. उसने अपना लंड राज के मुँह से निकाला और शीला के पास आ गया.
रवि ने अपना लंड शीला की चूत मे घुसा दिया. शीला चौंक पड़ी और डर गयी जब उसे रवि के लंड की लंबाई याद आई. शीला गहरी साँसे लेते हुए रवि के लंबे लंड को अपने चूत मे ले रही थी. रवि भी छोटे और हल्के धक्के लगा उसकी चूत को चोद रहा था. तभी रश्मि उठी और शीला के मुँह पर बैठते हुए अपने चूत उसके मुँह पर रख दी.
"शीला अब वैसे ही मेरी चूत को चॅटो जैसे मेने तुम्हारी चूत को चॅटा था. हां अपनी जीब का इस्तेमाल करो और मेरी चूत के दाने को चातो." रश्मि उसे सिखाते हुए बोली.
मैं और मेरी बहू compleet
Re: मैं और मेरी बहू
रवि ने ज़ोर के धक्के लगाते हुए शीला की चूत को अपने पानी से भर दिया. शीला का शरीर भी ठिठेर उठा जब दूसरी बार उसकी चूत ने पानी छोड़ा. रश्मि भी अपनी चूत को उसके मुँह पर दबा रही थी. शीला पूरी तरह से तृप्त और थक चुकी थी.
"इशे अभी थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत है." रश्मि शीला के उपर से हटती हुई बोली. "अभी इसे चूत चूसने की आदत नही है."
"प्रीति यहाँ मेरी चूत के पास आओ और अपनी जीब का जादू दिखाओ?" रश्मि अपनी टाँगे फैलाते हुए बोली.
मैं रश्मि के उपर आ गयी और 69 अवस्था मे एक दूसरे की चूत चूसने लगे. चूत चूस्ते हुए हम एक दूसरी गांद मे उंगली डाल रहे थे. हमारी हरकत को देख विनोद का लंड एक बार फिर टंकार खड़ा हो गया था.
तभी मेने राज की आवाज़ सुनी, "विनोद चलो हम इनकी गंद मे अपना लंड डाल देते हैं. तुम किसकी गंद मारना चाहोगे रश्मि की या प्रीति की.?"
विनोद ने कमजोर आवाज़ मे कहा "रश्मि की"
वो दोनो हमारे बिस्तर के पास आए और मेरे बेटे ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया. वही विनोद ने अपना लंड रश्मि की गोरी और प्यारी गांद मे घुसा दिया. रश्मि और मैं एक दूसरे की चूत को चूसे जा रहे थे और विनोद और राज हमारी गांद की धुनाई कर रहे थे. इस दोहरे मज़े ने हम दोनो को काफ़ी उकसा दिया था और हम दोनो के मुँह एक दूसरे के पानी से भर गये थे.
पानी छूटने के बाद भी रश्मि मेरी चूत को चूसे जा रही थी. मैं भी रश्मि की तरह उसकी चूत मे अपनी जीब अंदर बाहर कर रही थी. मेने महसूस किया कि राज के लंड ने मेरी गांद मे पानी छोड़ दिया है तभी मेने दूसरी बार अपना पानी रश्मि के मुँह पर छोड़ दिया.
रश्मि का शरीर भी अकड़ने लगा और उसकी चूत ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया और विनोद ज़ोर के धक्के लगा शांत हो गया.
"ऐसी चुदाई मेने पहले कभी नही की." शीला रवि के खड़े लंड को अपने हाथों मे लेते हुए बोली.
"हां मज़ा आगेया" विनोद ने कहा.
"ज़रा सोचो विनोद आज तुमने एक पति और उसकी पत्नी दोनो की गांद एक ही दिन मारी है. ऐसा मौका कहाँ मिलता." रवि ने कहा.
इसके बाद हम सब सुस्ताने लगे. हम सबने ड्रिंक्स बनाई और बात करने लगे. हम साथ ही कुछ खाते भी जा रहे थे.
फिर तीनो मर्दों ने आपस मे तय किया कि मैं भी तीन लंड का मज़ा साथ साथ लू. विनोद मेरी गंद मे लंड डालेगा और रवि अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे. और मैं राज के लंड को चूसोंगी.
हम चारों ने बिस्तर पर पोज़िशन ली और थोड़ी ही देर मे मेरे तीनो छेद लंड से भर गये. रश्मि और शीला बगल में बैठ कर मेरी सामूहिक चुदाई बड़े गौर से देख रही थी. लड़कों का पानी एक बार पहले छूट चुका था इसलिए उनको समय लगा रहा था. तीनो गधों के तरह मुझे चोद रहे थे. इसके पहले की उनके लंड पानी छोड़ते मेरी चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा मुझे याद नही.
सबसे पहले मेरे बेटे ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ा. बिना किसी झिझक मे सारा पानी पी गयी बिना एक बूँद भी व्यर्थ किए. में उसके लंड को तब तक चूस्ति रही जब तक कि वो ढीला ना पड़ गया.
फिर विनोद ने मेरी गांद अपने पानी से भर दी. मेने अपनी गांद मे उसके लंड को जाकड़ उसकी हर बूँद को निचोड़ने लगी. वो मेरी गांद मे अपना लंड पेलता रहा. थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा कर मेरी गंद से बाहर निकल पड़ा. उसका पानी मेरी गांद से बहता हुआ मेरी चूत पे आगेया जहाँ रवि का लंड मेरी चूत को चोद रहा था.
मेरी शरीर मे अजीब सी सनसनी मची हुई थी. मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उछल उछल कर उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. मैं इस कदर उछल कर चोद रही थी जैसे ये मेरी आखरी चुदाई हो. रवि ने ज़ोर से अपने कूल्हे उछालते हुए अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक पेल दिया और इतने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी कि उसका पानी सीधे मेरी बच्चेदानी से जा टकराया. मेरी चूत ने भी थक कर पानी छोड़ दिया और मे उसकी छाती पे निढाल हो गयी. रवि ने मुझे बाहों मे भर लिया और चूमने लगा.
"तुम ठीक तो हो ना?" रवि ने मुझे बाहों मे भरते हुए पूछा.
"हां अभी तो ठीक हूँ, ऐसी आग मेरे शरीर मे पहले कभी नही लगी." मेने जवाब दिया.
मेने उसके उपर लेटी रही और वो मेरे बदन को सहलाता रहा. मुझे ऐसा लगा कि मैं उसके उपर इसी तरह हमेशा के लिए लेटी रहूं. मैं सोच रही थी, "आज जिस तरह से मेरी चूत ने पानी छोड़ा है ऐसा सैलाब मेरी चूत मे पहले कभी नही आया."
"इशे अभी थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत है." रश्मि शीला के उपर से हटती हुई बोली. "अभी इसे चूत चूसने की आदत नही है."
"प्रीति यहाँ मेरी चूत के पास आओ और अपनी जीब का जादू दिखाओ?" रश्मि अपनी टाँगे फैलाते हुए बोली.
मैं रश्मि के उपर आ गयी और 69 अवस्था मे एक दूसरे की चूत चूसने लगे. चूत चूस्ते हुए हम एक दूसरी गांद मे उंगली डाल रहे थे. हमारी हरकत को देख विनोद का लंड एक बार फिर टंकार खड़ा हो गया था.
तभी मेने राज की आवाज़ सुनी, "विनोद चलो हम इनकी गंद मे अपना लंड डाल देते हैं. तुम किसकी गंद मारना चाहोगे रश्मि की या प्रीति की.?"
विनोद ने कमजोर आवाज़ मे कहा "रश्मि की"
वो दोनो हमारे बिस्तर के पास आए और मेरे बेटे ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया. वही विनोद ने अपना लंड रश्मि की गोरी और प्यारी गांद मे घुसा दिया. रश्मि और मैं एक दूसरे की चूत को चूसे जा रहे थे और विनोद और राज हमारी गांद की धुनाई कर रहे थे. इस दोहरे मज़े ने हम दोनो को काफ़ी उकसा दिया था और हम दोनो के मुँह एक दूसरे के पानी से भर गये थे.
पानी छूटने के बाद भी रश्मि मेरी चूत को चूसे जा रही थी. मैं भी रश्मि की तरह उसकी चूत मे अपनी जीब अंदर बाहर कर रही थी. मेने महसूस किया कि राज के लंड ने मेरी गांद मे पानी छोड़ दिया है तभी मेने दूसरी बार अपना पानी रश्मि के मुँह पर छोड़ दिया.
रश्मि का शरीर भी अकड़ने लगा और उसकी चूत ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया और विनोद ज़ोर के धक्के लगा शांत हो गया.
"ऐसी चुदाई मेने पहले कभी नही की." शीला रवि के खड़े लंड को अपने हाथों मे लेते हुए बोली.
"हां मज़ा आगेया" विनोद ने कहा.
"ज़रा सोचो विनोद आज तुमने एक पति और उसकी पत्नी दोनो की गांद एक ही दिन मारी है. ऐसा मौका कहाँ मिलता." रवि ने कहा.
इसके बाद हम सब सुस्ताने लगे. हम सबने ड्रिंक्स बनाई और बात करने लगे. हम साथ ही कुछ खाते भी जा रहे थे.
फिर तीनो मर्दों ने आपस मे तय किया कि मैं भी तीन लंड का मज़ा साथ साथ लू. विनोद मेरी गंद मे लंड डालेगा और रवि अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे. और मैं राज के लंड को चूसोंगी.
हम चारों ने बिस्तर पर पोज़िशन ली और थोड़ी ही देर मे मेरे तीनो छेद लंड से भर गये. रश्मि और शीला बगल में बैठ कर मेरी सामूहिक चुदाई बड़े गौर से देख रही थी. लड़कों का पानी एक बार पहले छूट चुका था इसलिए उनको समय लगा रहा था. तीनो गधों के तरह मुझे चोद रहे थे. इसके पहले की उनके लंड पानी छोड़ते मेरी चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा मुझे याद नही.
सबसे पहले मेरे बेटे ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ा. बिना किसी झिझक मे सारा पानी पी गयी बिना एक बूँद भी व्यर्थ किए. में उसके लंड को तब तक चूस्ति रही जब तक कि वो ढीला ना पड़ गया.
फिर विनोद ने मेरी गांद अपने पानी से भर दी. मेने अपनी गांद मे उसके लंड को जाकड़ उसकी हर बूँद को निचोड़ने लगी. वो मेरी गांद मे अपना लंड पेलता रहा. थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा कर मेरी गंद से बाहर निकल पड़ा. उसका पानी मेरी गांद से बहता हुआ मेरी चूत पे आगेया जहाँ रवि का लंड मेरी चूत को चोद रहा था.
मेरी शरीर मे अजीब सी सनसनी मची हुई थी. मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उछल उछल कर उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. मैं इस कदर उछल कर चोद रही थी जैसे ये मेरी आखरी चुदाई हो. रवि ने ज़ोर से अपने कूल्हे उछालते हुए अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक पेल दिया और इतने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी कि उसका पानी सीधे मेरी बच्चेदानी से जा टकराया. मेरी चूत ने भी थक कर पानी छोड़ दिया और मे उसकी छाती पे निढाल हो गयी. रवि ने मुझे बाहों मे भर लिया और चूमने लगा.
"तुम ठीक तो हो ना?" रवि ने मुझे बाहों मे भरते हुए पूछा.
"हां अभी तो ठीक हूँ, ऐसी आग मेरे शरीर मे पहले कभी नही लगी." मेने जवाब दिया.
मेने उसके उपर लेटी रही और वो मेरे बदन को सहलाता रहा. मुझे ऐसा लगा कि मैं उसके उपर इसी तरह हमेशा के लिए लेटी रहूं. मैं सोच रही थी, "आज जिस तरह से मेरी चूत ने पानी छोड़ा है ऐसा सैलाब मेरी चूत मे पहले कभी नही आया."
Re: मैं और मेरी बहू
थोड़ी देर बाद हम फिर बैठ कर ड्रिंक ले रहे थे. अब नंगा रहने मे मुझे शरम नही आ रही थी. यहाँ मैं अपने बेटे और उसके दोस्त और एक अंजान आदमी के साथ नंगी बैठी थी.
विनोद हमारी कहानी सुनना चाहता था कि हम सब यहाँ तक कैसे पहुँचे. रवि ने उसे थोड़ा हिस्सा सुनाया. हमारी कहानी सुनने मेने देखा कि उसका लंड एक बार फिर खड़ा हो गया है. थोड़ा सुसताने के बाद रवि ने पूछा, "क्या सब एक और राउंड के लिए तय्यार है." मेने नज़रें घूमाकर देखा तो रश्मि और शीला वहाँ नही थे.
रवि एक बार नीचे लेट गया और में उसके उपर होते हुए उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और विनोद ने पीछे से अपना लंड राज की गांद मे. हम चारों जम कर चुदाई कर रहे थे. जब तीनो का लंड अपने अपने स्थान पर पानी छोड़ रहा था रश्मि ने कमरे मे आते हुए कहा, "वाह क्या सीन है!"
जब हम सब थक कर अलग हुए तो मेने देखा कि शीला काफ़ी थॅकी थॅकी सी दिख रही है, "तुम दोनो कहाँ चली गयी थी?" मेने रश्मि से पूछा.
"शीला को चूत चूसने की ट्रैनिंग देने के लिए इसे रीता और अनीता के पास ले गयी थी." रश्मि ने जवाब दिया.
शीला ने सिर्फ़ विनोद से इतना कहा, "क्या अब हम अपने कमरे मे चले?"
शीला और विनोद बिना कुछ कहे कपड़े पहन अपने रूम मे चले गये.
"ऐसा वहाँ क्या हुआ जो शीला इतनी थॅकी और उखड़ी हुई थी." मेने पूछा.
"तुम्हे विश्वास नही होगा उन दोनो लड़कियों ने शीला की हालत खराब कर दी. उसके जिस्म मे इतनी आग भर दी की वो पागल हो गयी. उसने सबकी चूत चूसी चाति और डिल्डो से चुडवाया भी. एक नही दो दो डिल्डो से साथ साथ चुडवाया. बाकी सब में सुबह नाश्ते के टेबल पर बताउन्गि अब में सोने जा रही हूँ." ये कहकर रश्मि रवि को पकड़ सोने चली गयी.
मैं भी राज की बाहों मे सो गयी.
टू बी कंटिन्यूड…………..
विनोद हमारी कहानी सुनना चाहता था कि हम सब यहाँ तक कैसे पहुँचे. रवि ने उसे थोड़ा हिस्सा सुनाया. हमारी कहानी सुनने मेने देखा कि उसका लंड एक बार फिर खड़ा हो गया है. थोड़ा सुसताने के बाद रवि ने पूछा, "क्या सब एक और राउंड के लिए तय्यार है." मेने नज़रें घूमाकर देखा तो रश्मि और शीला वहाँ नही थे.
रवि एक बार नीचे लेट गया और में उसके उपर होते हुए उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और विनोद ने पीछे से अपना लंड राज की गांद मे. हम चारों जम कर चुदाई कर रहे थे. जब तीनो का लंड अपने अपने स्थान पर पानी छोड़ रहा था रश्मि ने कमरे मे आते हुए कहा, "वाह क्या सीन है!"
जब हम सब थक कर अलग हुए तो मेने देखा कि शीला काफ़ी थॅकी थॅकी सी दिख रही है, "तुम दोनो कहाँ चली गयी थी?" मेने रश्मि से पूछा.
"शीला को चूत चूसने की ट्रैनिंग देने के लिए इसे रीता और अनीता के पास ले गयी थी." रश्मि ने जवाब दिया.
शीला ने सिर्फ़ विनोद से इतना कहा, "क्या अब हम अपने कमरे मे चले?"
शीला और विनोद बिना कुछ कहे कपड़े पहन अपने रूम मे चले गये.
"ऐसा वहाँ क्या हुआ जो शीला इतनी थॅकी और उखड़ी हुई थी." मेने पूछा.
"तुम्हे विश्वास नही होगा उन दोनो लड़कियों ने शीला की हालत खराब कर दी. उसके जिस्म मे इतनी आग भर दी की वो पागल हो गयी. उसने सबकी चूत चूसी चाति और डिल्डो से चुडवाया भी. एक नही दो दो डिल्डो से साथ साथ चुडवाया. बाकी सब में सुबह नाश्ते के टेबल पर बताउन्गि अब में सोने जा रही हूँ." ये कहकर रश्मि रवि को पकड़ सोने चली गयी.
मैं भी राज की बाहों मे सो गयी.
टू बी कंटिन्यूड…………..