तीन घोड़िया एक घुड़सवार compleet

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rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:03

आरती देखो अजय मे तुम्हे एक तरकीब बताती हू जब तुम अपनी मा को मा मा कहते हुए उसके गले लगते हो तब तुम अपने सीने को उसकी मोटी चुचियो से कस कर दबाना और उसकी गोरी सुरहिदार गर्देन पर एक दो मिनिट तक अपने होटो से चूमना वह भी तुम्हे अपनी बाँहो मे भर लेगी फिर तुम धीरे से अपना एक हाथ लेजा कर हल्के हाथो से उसकी चूत को साडी के उपर से सहला कर जल्दी से हाथ हटा लेना. अगर तुम्हारी मा तुमसे चुदना चाहती होगी तो तुमसे अलग होकर तुम्हारे चेहरे को देखेगी तब तुम थोड़ा सा मुस्कुरा देना अगर वह भी मुस्कुरा देती है तब तुम समझ जाना कि वह भी तुमसे चुदना चाहती है और फिर मोका देख के तुम आगे बढ़ सकते हो. ओ भाभी क्या आइडिया दिया है आपनी मा की चूत को मे एक बार क्या दो बार सहला दूँगा, हा अजय लेकिन थोड़ा ध्यान से. अपनी भाभी की मस्त प्लानिंग को सुन कर अजाय का लंड फिर से तन चुक्का था और उसने अपनी नंगी पड़ी भाभी को अपने उपर खीच कर अपने लंड पर चढ़ा लिया और दोनो मे चुदाई का एक लंबा दौर फिर शुरू हो गया जो कि इस बार काफ़ी लंबा चला. शाम तक दोनो पूरे मस्ती मार कर वापस घर लॉट आए.

रश्मि अपने कमरे मे नेहा की दी हुई बुक पढ़ रही थी और एक हाथ अपनी सलवार के अंदर डाल कर अपनी चूत भी सहला रही थी लेकिन वह ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गई तभी आरती चुपके से कमरे मे आ गई और रश्मि को अपनी चूत मसल्ते देख लिया तो सीधे जाकर रश्मि के हाथो से बुक छीन ली. रश्मि एक दम से सकपका गई और अपना हाथ सलवार से निकाल लिया, आरती ने किताब के पन्ने खोल कर देखा तो रश्मि भाई और बहन की चुदाई की कहानी पढ़ रही थी, आरती ओहो तो हमारी प्यारी नंद रानी ऐसे गुल खिला रही है रश्मि शर्म से लाल हो चुकी थी और अपनी गर्देन नीचे झुकाए बैठी थी, आरती ने मोके की नज़ाकत देखते हुए रश्मि के पास बैठते हुए उसकी मोटी मोटी चुचियो को अपने हाथो से मसल दिया, रश्मि कसमसा कर रह गई, अरे मेरी लाजो रानी इतना क्यो शर्मा रही है, तू क्या सोचती है कि तू अकेली ऐसी कितबे पढ़ती है अरे मैं तो इनसे भी गंदी कितबे पढ़ चुकी हू जिसमे कही बेटी अपने बाप से चुद रही है मा अपने बेटे से चुड रही है और सच पूछो तो ऐसी कहानिया पढ़ कर चूत सहलाने मे बहुत मज़ा आता है क्यो मे सही कह रही हू ना, ओह भाभी तुम भी ना, आरती अच्छा सच सच बता मे तो तेरी भाभी कम सहेली ज़्यादा हू मुझसे मत छुपा तेरा मन एक मोटे लंड से चुदने का कर रहा है ना, अरी बोल ना नही तो मे ये किताब मा जी को बता देती हू,

रश्मि -अरे नही भाभी ऐसा गजब मत करना,

आरती- तो फिर बता तेरा मन चुदने का कर रहा है कि नही, हा कर रहा है, अच्छा मुझे अपनी सलवार उतार कर दिखा और रश्मि का नाडा खोलने लगी, रश्मि भाभी आप ये क्या कर रही हो, अरे पागल मैं भी तो देखु मेरी ननद कितना पानी छोड़ रही है और एक झटके मे नाडा खोल दिया और रश्मि की मोटी गंद से सलवार नीचे सरका दी, रश्मि की मोटी मोटी केले के तने जैसी गुदज जंघे और मोटे मोटे चूतड़ गुलाबी पॅंटी मे समा नही रहे थे, आरती ने रश्मि की पॅंटी खिच कर उसे भी उतार दिया और उसकी दोनो जंघे फैलाकर उसकी चूत देखने लगी रश्मि शर्म से लाल होने लगी आरती ने उसकी फूली हुई चिकनी चूत पर हाथ फर्टे हुए, तेरी चूत तो बहुत रस छोड़ रही है सच सच बता किताब पढ़ते पढ़ते किसके लंड की कल्पना कर रही थी, और उसकी चूत के खड़े दाने को अपनी दो उंगलियो से मसलने लगी, रश्मि ओह भाभी किसी के लंड की कल्पना नही कर रही थी बस कहानी पढ़ के ही मेरा मन करने लगा, आरती झूठ मत बोल मे जानती हू तू किसके लंड से चुदने की कल्पना कर रही थी, रश्मि आश्चर्या से भाभी को देखते हुए किसके लंड की, आरती अजय के लंड की और किसके लंड की, रश्मि ये क्या बोल रही हो भाभी भला मे ऐसा क्यो सोचूँगी वो मेरा भाई है, आरती अच्छा मेरी गुड़िया रानी जब तुम भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ोगी तो अपने भाई के लंड से चुदने की ही कल्पना करोगी या अपने पापा के लंड की कल्पना करोगी, रश्मि ऐसा कुछ नही है भाभी आप ग़लत सोच रही है, आरती ने रश्मि की चूत मे एक उंगली पेल दी जिससे रश्मि छटपटाने लगी, अरे ननद रानी तुम मुझे चोदना मत सिख़ाओ मे सब समझती हू और वैसे भी अजय भी तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा है, अब रश्मि बुरी तरह चौंकते हुए क्या कह रही हो भाभी आप को शर्म नही आती, आरती अरे मे सच कह रही हू, रश्मि क्या सबूत है आपके पास कि अजय मुझे चोदना चाहता है, आरती अरे कल रात को मेने अजय को तेरी पॅंटी की महक शुंघते और तेरा नाम ले ले कर लंड हिलाते हुए अपनी आँखो से देखा है,

rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:04

रश्मि समझ गई कि भाभी ने भी मेरी ही तरह अजय के रूम मे झाँक कर यह सब देखा होगा, अब की बार रश्मि को ज़्यादा चकित होते ना देख आरती ने रश्मि से पूछा क्या हुया तुझे मेरी बात पर यकीन नही आ रहा और रश्मि का एक मोटा थन पकड़ कर मसल्ने लगी रश्मि काम अग्नि मे जल रही थी और अपने दिल की बात भाभी से कह गई, भाभी जो आप कह रही है वो मे पहले से जानती हू पर, आरती अरे पर क्या, रश्मि भाभी कोई बहन अपने भाई से कैसे कहे कि वो उसे चोदे, आरती उसकी चूत के छेद मे दो उंगलिया डालते हुए अरे पगली तू पहले मुझे बोल तो सही कि तू अजय का लंड लेना चाहती है बाकी सब मुझ पर छोड़ दे, रश्मि सीस्यते हुए और कामुकता भरी आवाज़ मे हाँ भाभी मैने जब से अजय का लंड देखा है मे उसकी दीवानी हू उसका मोटा डंडा दिन रात मुझे पागल करता रहता है एक बार मुझे उसके तगड़े लंड से चुदवा दो भाभी मे आपका एहसान जिंदगी भर नही भूलूंगी.

आरती अच्छा बता अभी कहानी पढ़ते पढ़ते जब तू अपनी चूत सहला रही थी तब क्या सोच रही थी, और आरती ने रश्मि के मोटे मोटे आमो को मसलना शुरू कर दिया, ओह भाभी क्या बताऊ मैं सोच रही थी कि मे अजय के मूह पर अपनी जंघे खोल कर बैठी हू और वह मेरी चूत का रस फैला फैला कर चाट रहा है, ओह भाभी कहानी और फ़िल्मो मे देख देख कर मैं मरी जा रही हू, भाभी कैसा लगता होगा जब कोई मर्द अपनी चूत खोल कर चाटता है, आरती बड़ा मज़ा आता है मेरी रानी लेकिन उससे भी ज़्यादा मज़ा तब आता है जब अपना खुद का भाई अपनी बहन को नंगी करके उसकी चूत खोल खोल के चाते और फिर उसे हुमच हुमच कर चोदे, और रश्मि के होंठो को चूम लेती है, रश्मि भी अपनी भाभी से चिपक जाती है और आरती रश्मि के हाथ पकड़कर अपने मोटे मोटे चुचो पर रख देती है तब रश्मि भी अपनी भाभी के मोटे मोटे दूध दबाने लग जाती है.

अब आरती अपनी उंगली रश्मि की चूत मे तेज तेज चलाने लगी और रश्मि झड़ने लगी ओह भाभी मे गई आह आह आह कितना मज़ा आ रहा है आपने मुझे पागल कर दिया ओह ओह ओह….और रश्मि की चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, और रश्मि अपनी भाभी की बाहो से चिपक गई और भाभी के रसीले होटो को चूम लिया ओह मेरी प्यारी भाभी आप कितनी अच्छी हो, आप ने तो मुझे आसमान मे उड़ा दिया. आरती अरे मेरी बन्नो जब उंगली से आसमान मे उड़ने लगी तो अपने भाई के मोटे लंड से तेरा क्या होगा. ओह भाभी पर ये सब होगा कैसे. आरती सुन आज रात को टॉप और केवल स्कर्ट पहन कर सोना और पॅंटी मत पहनना और अपने टॉप के नीचे ब्रा नही पहनना और टॉप के दो बटन खोल लेना फिर रात को अजय के कमरे मे जाना और उससे कहना अजय मुझे नींद नही आ रही है चल मेरे कमरे मे थोड़ी देर बात करेंगे जब अजय तेरे कमरे मे आ जाए तो थोड़ी देर उससे हसी मज़ाक कर भाई बहन जैसे एक दूसरे से चिपक कर झप्पी देते है इस तरीके से करना जैसे तू कुछ नही जानती है लेकिन अपने अंगो को अजय को ऐसे दिखाना और अजय के बदन से ऐसे सटना कि उसका लंड खड़ा हो जाए फिर अजय को कहना कि तुझे नींद आ रही है और अजय की गोद मे सर रखने का बोलना और कहना अजय थोड़ा मेरा सर दबा दे तो मे सो जाती हू और तू चाहे तो तू भी यही सो जाना और फिर तू सोने का नाटक करना जब तक की अजय तेरे टॉप के अंदर हाथ डाल कर्टेरी चुचियो को मसल्ने ना लग जाए और फिर कसमसाते हुए अजय का खड़ा लंड पकड़ लेना बस तेरा काम हो जाएगा. लेकिन भाभी मुझसे यह सब हो पाएगा आरती अरे तू बिना डरे यह सब करना देखना अजय कैसे एक अग्यकारी भाई की तरह तेरी सब बात मानेगा और रात भर मे तुझे मस्त कर देगा. भाभी की कामुकता भरी बाते सुन कर रश्मि की चूत फिर से पानी छोड़ने लगी.


rajaarkey
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Re: तीन घोड़िया एक घुड़सवार

Unread post by rajaarkey » 28 Oct 2014 21:04

आरती अब बाहर जा चुकी थी और रश्मि अजय के लंड की कल्पना मे डूबी अपनी चूत सहलाकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और रात की कल्पना से ही उसका पूरा जिस्म मस्ताने लगा था. इधर आरती ने अजय को सब समझा दिया और उससे कहा जब तक आरती सोने का नाटक करे तब बिना डरे उसकी टॉप मे हाथ डाल कर कस कस कर उसकी चुचिया को मसलना शुरू कर्दे और केवल बनियान और पाजामा पहनकर ही रश्मि के कमरे मे जाए अंडरवेर भी ना पहने. अजय स्मार्ट था वह भाभी की सारी प्लॅनिंग समझ गया. दिन भर घर मे अजय और रश्मि जब भी एक दूसरे से टकराते तो नर्मोल बिहेव करते लेकिन मन ही मन एक दूसरे के लंड और चूत की कल्पना करते रहते. रात के करीब 10 बजे जब सब अपने कमरे मे सोने चले गये तब रश्मि ने अजय के कमरे की ओर कदम बढ़ा दिया. अजय भी रश्मि के इंतजार मे ही बैठा था. रश्मि जैसे ही दरवाजा खोलकर अजय के कमरे मे आई अजय बुक पढ़ने का नाटक करने लगा आज रश्मि ने सिर्फ़ एक टॉप और स्कर्ट पहना था उसकी चूत बिल्कुल फूल गई थी अजय का लंड भी पाजामे मे तना हुआ था. अरे दीदी आप अभी तक सोई नही, अजय मुझे नींद रही आ रही थी सोचा तुम्हे बुलाकर कुछ बाते ही करते है इसलिए तुम्हे बुलाने आ गई चलो मेरे रूम मे बैठ कर थोड़ी देर बाते करेगे, अजय क्यो नही दीदी और अजय रश्मि के साथ उसके रूम मे चल दिया रश्मि ने अपने रूम का दरवाजा बंद कर लिया और दोनो भाई बहन बिस्तर पर चढ़ कर बैठ गये. दीदी नींद तो मुझे भी नही आ रही थी अच्छा हुआ आपने मुझे बुला लिया.

अजय अच्छा दीदी आपकी सहेली नेहा के क्या हाल है, रश्मि ठीक है लेकिन तुझे अचानक नेहा की याद कहाँ से आ आई, कुछ नही दीदी बस ऐसे ही पुंछ लिया, रश्मि अच्छा ये बता तुझे नेहा कैसी लगती है, अजय अच्छी लगती है, और तुझे मे अच्छी नही लगती दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए, रश्मि के पीछे से हाथ डाल कर उसकी कमर और गुदाज पेट पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए अरे दीदी आपसे सुंदर भला दुनिया मे कोई है, रश्मि चल झूठे कही के, अजय सच दीदी मे आपको को बहुत प्यार करता हू और रश्मि के गोरे गालो को चूम लेता है, इन सब हर्कतो से अजय और रश्मि के चूत और लंड बहुत ज़्यादा गरमा जाते है, अजय धीरे धीरे रश्मि की कमर मे हाथ फेरता रहता है और रश्मि अपने जिस्म का भार अजय के उपर डाल कर पड़ी होती है. रश्मि अच्छा अजय मेरे सर मे थोड़ा दर्द सा लग रहा है मे तेरी गोद मे सर रख लेती हू तू थोड़ा दबा दे.

अजय क्यो नही दीदी, रश्मि अगर मेरी नींद लग जाए तो तू भी यही सो जाना, अजय अच्छा दीदी और रश्मि अजय के गोद मे सर रखती है लेकिन उसे एक ज़ोर का झटका लगता है क्यो कि अजय का लंड फुल एरेक्ट होता है और वह अंडरवेर भी नही पहने होता है. रश्मि अजय की एक जाँघ पर अपना सर कर करवट ले कर लेट जाती है अब अजय का लंड ठीक उसकी आँखो के सामने पाजामे को फाड़ देने वाले अंदाज मे उसके होटो को छू रहा था और लंड की मादकता की महक उसकी नाक से उसकी सांसो मे समा रही थी, अजय ने अपना एक हाथ रश्मि के सर पर दबाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से रश्मि की पीठ और पीठ से होते हुए उसके गुदाज पेट और गहरी नाभि पर फेरने लगा चुकी रश्मि के टॉप के दो बटन खुले होने से उसकी मासल चुचिया आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थी और उसका पेट पूरा नंगा था, स्कर्ट से चिकनी केले के तने जैसी जंघे दूधिया रोशनी मे अजय को पागल बना रही थी.धीरे धीरे अजय रश्मि का सर दबाने लगा कभी कभी उसके गोरे गालो को भी सहलाने लगा, रश्मि ने अपना मूह अजय के लंड से बिल्कुल सटा रखा था और उसका मन कर रहा था कि इस डंडे को पकड़ कर अपने मूह से चूस डाले. इधर अजय सोच रहा था कि मेरी दीदी का गदराया जिस्म भाभी से किसी भी तरह कम नही है बल्कि रश्मि के चूतड़ और दूध तो आरती से भी थोड़ा ज़्यादा गदराए नज़र आ रहे थे.

क्रमशः......................


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