मेरी आशिकी - Hindi Love romance long story

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Fuck_Me
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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by Fuck_Me » 29 Sep 2015 08:14

फिरसे अतूल टाईप करते हूए रुका, वह अलेक्सकी तरफ मुडकर बोला,

” अलेक्स बोलो तुम्हे कितनी किंमत चाहिए ?”

” मांगो 20-25 लाख” अलेक्सने कहा.

” बस 25 लाखही … ऐसा करते है 25 तुम्हारे और 25 मेरे … 50 कैसा रहेगा ” अतूलने कहा.

” 50 !” अलेक्स आश्चर्यभरी आंखोसे अतूलकी तरफ देखते हूए बोला.

अतूल फिरसे बची हूई मेल टाईप करने लगा –

” कुछ नही बस सिर्फ 50 लाख रुपए… तुम्हारे लिए एकदम मामुली रकम है … और हां … पैसोंका बंदोबस्त जल्दसे जल्द करो … पैसे कहां और कैसे पहूंचाने है … यह सब बादकी मेलमें बताऊंगा …

मै इस मेलके लिए तुम्हारी तहे दिलसे माफी चाहता हूं … लेकिन क्या करे कुछ पानेके लिए कुछ खोना पडता है … अगले मेलकी प्रतिक्षा करना… और हां … मुझे पुलिससे बहुत डर लगता है … और जब मुझे डर लगता है तब मै कुछभी कर सकता हूं …. किसीका खुनभी …

— तुम्हारा … सिर्फ तुम्हारा … विवेक ”

अतूलने पुरी मेल टाईप की. फिर एक दो बार पढकर देखी ताकी कोई गलती ना छुटे. फिर कोई गलती नही है इसकी तसल्ली होते ही ‘सेंड’ बटनपर क्लीक कर अंजलीको भेजभी दी.

जब स्क्रिनपर ‘मेल सेंट’ मेसेज आया. दोनोंने एक दुसरेका हाथ टकराकर ताली बजाई.

उधर अंजलीने जब मेलबॉक्स खोलकर वह मेल पढी, उसे अपने पैरोंके निचेसे मानो जमिन खिसक गई हो ऐसा लगा. उसने झटसे अपने सामने रखे इंटरकॉमपर दो डीजीट दबाए ,

” मोना… सेन्ड शरवरी इन … इमिडीयटली”

शामका वक्त था. अतूल एक कमरेमें कॉम्प्यूटरपर बैठा हुवा था. उस कमरेसे बगलकेही कमरेमें बंद किया हुवा विवेक दिख रहा था. लेकिन विवेकको उसके कमरेसे अतूलके कमरेमेंका कुछ नही दिख रहा था. अतूलको रातदिन कॉम्प्यूटरके सिवा कुछ सुझताही न था. अलेक्स अपना एक्सरसाईज वैगेरे निपटाकर पसिना पोंछते हूएही अतुलके पास जाकर बैठ गया.

” क्यों लडकी क्या बोलती है? … उसे पैसा प्यारा है या अपनी इज्जत? ” अलेक्सने पुछा.

अलेक्सको अपने पास आकर बैठा हुवा पाकर अतुल विवेकका मेलबॉक्स खोलते हूए बोला,

” देखो तुम्हे एक मजेकी चिज दिखाता हूं ”

अतूलने विवेकके मेलबॉक्समेंसे एक मेल खोली.

” देखोतो इस मेलमें अंजलीने क्या लिखा हुवा है.”

दोनो पढने लगे. मेल पढनेके बाद दोनो उनके कमरेको और विवेकके कमरेंको अलक करते कांचसे विवेककी तरफ देखने लगे.

”देखोतो इस मेलमें यह अंजली …

विवेकको समझानेकी कोशीश कर रही है…

वह सोच रही होगी..

कबूतरकी एकदमसे कैसे मर सारी वफाए…

अब इसको क्या बताएं, कैसे समझाए

कि बेचारा इधर पिंजरेमे बंधा तडप रहा है ”

फिरसे विवेककी तरफ देखते हूए उन्होने एक दुसरेके हाथसे ताली बजाई और वे जोरसे हंसने लगे. दोनोंका हंसना थमनेके बाद अलेक्सने एक आशंका उपस्थित की,

” यह विवेक अपने होस्टेलसे अचानक गायब होनेसे वहा कुछ हंगामा तो नही खडा होगा ?”

” अरे हां … अच्छा हुवा तुमने याद दिलाया … उसके होस्टेलमें रह रहे उसके किसी दोस्तको मेल कर उसका बंदोबस्त करता हुं ” अतूलने कहा.

अतूल मेल टाईप करने लगा और टाईप करते हूए बोला, ” लेकिन अलेक्स याद रखो … इसके आगेही असली खतरा है … इसके आगे हमे सारी मेल्स अलग अलग सायबर कॅफेमें जाकर भेजनी पडेगी … नही तो ट्रेस होनेका बडा खतरा है … ”

…. कॉम्प्यूटरपर मेल आनेका बझर बजतेही अंजलीने अपना मेलबॉक्स खोला. उसे एक नई मेल आयी हूई दिखाई दी. वह मेल उसने भेजे स्निफर प्रोग्रॅमकीही थी. उसने झटसे वह मेल खोली और

” यस्स!” उसके मुंहसे जितभरे उद्गार निकले.

उसने भेजे स्निफरने अपना काम सही सही निभाया था.

उसने बिजलीके गतीसे मेल सॉफ्टवेअर ओपन किया और …

” यह उसका मेल आयडी और यह उसका पासवर्ड” कहते हूए विवेकका मेल ऍड्रेस टाईप करते हूए उस प्रोग्रॅमको विवेकके मेलका पासवर्ड दिया.

अंजलीने उसका मेल अकाऊंट खोलतेही और की बोर्डकी दो चार बटन्स और दोन चार माऊस क्लीक्स दबाए. और दोनोभी कॉम्प्यूटरके मॉनिटरकी तरफ देखने लगी.

” ओ माय गॉड … आय जस्ट कान्ट बिलीव्ह” अंजलीके खुले मुंहसे निकला.

शरवरी कभी मॉनिटरकी तरफ तो कभी अंजलीके आश्चर्यसे खुले मुंहकी तरफ देख रही थी.

” शरवरी यह देखो विवेकके मेलबॉक्समें … देखो यह मेल … जो है तो मेरे नामकी पर मैने भेजी नही है … ” “” मतलब ?” शरवरीने पुछा.

” मतलब मै और विवेकके अलावा दुसरा कोई है जो यह मेल अकाऊंटस खोल रहा है … और हो सकता है वही तिसरा आदमी जो मुझे ब्लॅकमेल कर रहा है … लेकिन वह तिसरा है कौन ?”

कॉन्फरंस रुममें अंजली, इन्स्पेक्टर कंवलजीत और शरवरी बैठे हूए थे. अंजली इन्स्पेक्टर और शरवरीसे इसी केसके सिलसिलेमें कुछ बाते कर रही थी. सब कुछ बयान होनेके बाद अंजलीने एक लंबी सांस ली और आगे कहा,
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.

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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by sexy » 30 Sep 2015 08:59

” तो पुरी कहानी इस प्रकार है …”

अंजलीने फिरसे एकबार सामने बैठे इन्स्पेक्टर कंवलजीत और शरवरीकी तरफ देखा.

” कंवलजीत अंकल… अब मुझे डर … वह ब्लॅकमेलर फोटो इंटरनेटपर डालेगा क्या? इस बात का नही है … मुझे असली चिंता है विवेककी … शायद विवेक उनके कब्जेमें है … उसके जानको खतरातो नही ?” अंजलीने अपना डर जाहिर किया.

” उसकी जो मेल आई थी उसे हमारे एक्स्पर्टसने ट्रेस करनेकी कोशीश की थी … एक्सॅक्ट लोकेशन और कॉम्प्यूटरका तो कुछ पता नही चला … लेकिन इतना जरुर पता चला की मेल मुंबईसे कहीसे की गई होगी.”

” इसका मतलब पैसे कहां देना है और कैसे देना है यह बतानेवाली मेलभी मुंबईसेही आएगी ” इतनी देरसे चुप्पी साधी हूई शरवरी पहली बार बोली.

” शायद हां … या शायद ना भी … यह वह क्रिमीनल कितना पहूंचा है इसपर निर्भर करेगा … लेकिन इसबार हम पहलेसेही तयार होनेसे, मेल कौनसे गांवसे, उस गांवके किस जगहसे और कौनसे कॉम्प्यूटरसे आई यह हमे पता चल सकेगा … ” इन्सपेक्टरने कहा.

” इसका मतलब हमारे पास उसके अगले मेलका इंतजार करनेके अलावा दुसरा कोई चारा नही है … ” अंजली निराश होकर बोली.

” हां … लगता तो ऐसाही है .. ” इन्स्पेक्टरभी सोचते हूए सारी संभावनाए जांचते हूए बोला.

एक पुरानी कार एक सायबर कॅफेके पास आकर रुकी. गाडीके ड्रायव्हींग सिटपर अलेक्स बैठा हूवा था और उसके बगलके सिटपर अतूल बैठा हूवा था. शायद किसीको शक ना हो इसलिए उन्होने वहां आनेके लिए और अगले सारे कामके लिए उस पुरानी कारको चूना था. गाडी रुकतेही गाडीसे अतूल निचे उतरा.

” तूम अब पैसे लानेके लिए निकल जावो … मै मेलपर उसे जगहकी सारी जानकारी देता हूं … और सुनो … जरा संभलकर … तुम्हे काफी अंतर तय करना है ” अतूलने उतरते हूए अलेक्ससे कहा.

” यू डोन्ट वरी… तूम एकदम बिनधास्त रहो ” अलेक्स गाडीके ड्रायव्हींग सिटपर बैठे हूए बोला.

” अच्छा पैसे मिलनेके बाद उस पंटरका क्या करना है ” अलेक्सने कुछ सोचते हूए पुछा. उसका इशारा विवेककी तरफ था.

” उसका क्या करना है .. यह बादमें देखेंगे …. लेकिन वह अपनी महबुबाके लिए शहीद होगा इसकी जादा संभावना पकडकर हमे चलना होगा… क्योंकी रास्तेसे चलते हूए सामने आए गढ्ढोंको भरते हूए आगे जाना जरुरी होता है … नही तो वापस आते हूए उसी गढ्ढोंमे फिसलकर गिरनेकी संभावना जादा होती है.” अतूल उतरते हूए गुढतासे हसते हूए अलेक्सकी तरफ देखते हूए बोला.

अलेक्सभी उसकी तरफ देखकर मुस्कुराया.

अतूल गाडीसे उतरा और सायबर कॅफेकी तरफ निकल पडा. अलेक्सने गाडी आगे बढाई और अगले चौराहेपर मुडकर वह तेजीसे आगे निकल गया.

अतूल सायबर कॅफेमें एक कॉम्प्यूटरके सामने बैठा था. उसने चॅटींग सेशन खोला और अंजलीभी चाटींग रुममें है यह देखकर उससे चॅटींग शुरु की –

” हाय मिस. अंजली”

उधर अतूलने भेजा हुवा मेसेस अंजलीके मॉनिटरपर अवतरीत हुवा. और तभी शरवरी अंजलीके कॅबिनमें आ गई. शरवरीको देखतेही अंजलीने उसे ‘उसकाही मेसेज है’ ऐसा इशारा किया. इशारा मिलतेही शरवरी तुरंत कॅबिनके बाहर गई. बाहर जाकर शरवरी अंजलीके ऑफीसके बगलमें स्थित एक रुममें चली गई. उस रुममें इन्स्पेक्टर कंवलजीत और, और दो लोग एक कॉम्प्यूटरके सामने बैठे थे. शरवरीने कमरेमें प्रवेश करतेही कहा –

” सर उसका मेसेज आया है ”

वे तिनों एकदम सतर्क होकर, सिधे बैठकर कॉम्प्यूटरकी तरफ देखने लगे.

” कम ऑन सुरज ट्रेस द ब्लडी बास्टर्ड ” उन दोनोंको उत्साहीत करनेके उद्देशसे इन्सपेक्टरने कहा.

” सर ही इज ट्रेस्ड … द कॉल इज अगेन फ्रॉम मुंबई … ऍन्ड सी द आय पी ऍड्रेस…”

इन्स्पेक्टरने मॉनिटरकी तरफ देखा और तुरंत मोबाईल लगाया,

” हॅलो राज… हमने उस ब्लॅकमेलरको ट्रेस किया है … उसे अभीभी अंजलीने चॅटींगपर बिझी रखा है … तूम वहां मुंबईमें उसके सही सही ठिकानेका पता लगाओ … ऍन्ड सी दॅट द फेलो शुड नॉट एस्केप… हां यह लो ब्लॅकमेलरका आय पी ऍड्रेस ….”

अबभी अंजलीको ब्लॅकमेलरका मेसेज ‘ हाय मिस अंजली ‘ उसके चॅटींग विंडोमें दिख रहा था. वह अब मनही मन उसे जादासे जादा वक्त तक चॅटींगपर कैसे बिझी रखा जाए ताकी पुलिस उसे ट्रेस कर पकड सकें, इसके बारेमें सोच रही थी. तभी अगला मेसेज आया,

‘ अंजली प्लीज ऍकनॉलेज युवर प्रेसेन्स ‘

अब अंजलीके पास कुछतो मेसेजे भेजनेके अलावा कोई चारा नही था, नही तो वह डिस्कनेक्ट होनेका डर था.

‘ हॅलो.. ‘ उसने मेसेज टाईप कर भेजा.

इधर इन्स्पेक्टरने फिरसे मुंबईको फोन लगाया.

” राज … कुछ पता चला?”

” यस सर … द एरीया वुई हॅड जस्ट फाईन्ड आऊट… इट्स ठाणे… बट द एक्सॅक्ट स्पॉट वुई आर ट्राईंग टू लोकेट…” उधरसे राज बोल रहा था.

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Re: मेरी आशिकी - Hindi sex long story

Unread post by sexy » 30 Sep 2015 08:59

” कमॉन डू समथींग ऍन्ड फाईन्ड आऊट क्वीकली” इन्स्पेक्टरने कहा.

उधर अंजलीको ब्लॅकमेलरका अगला मेसेज आया –

‘ मै मेलमें सारी डिटेल्स भेज रहा हूं … ‘

अंजलीको लगा की उसे सारी डिटेल्स चॅटींगपरही भेजनेके लिए कहा जाए … लेकिन नही उसे आशंका होगी …

लेकिन वह अब डिस्कनेक्ट कर सकता है … उससे संभाषण जारी रखना आवश्यक था….

अचानक उसे कुछ सुझा और उसने मेसेज टाईप किया,

‘ लेकिन 50 लाख रुपए देनेके बादभी तुम मुझे ब्लॅकमेल नही करोगे इसकी क्या गॅरंटी ?’

उधर इन्सपेक्टरको चैन नही पड रहा था. उन्होने फिरसे मुंबई राजको फोन लगाया,

” राज .. कुछ पता चला ?”

” सर वुई हॅव फाऊंड आऊट द एक्सॅक्ट लोकेशन ऍन्ड दी एक्सॅट स्पॉट…” उधरसे राजने कहा.

” गुड व्हेरी गुड… नाऊ क्वीकली इन्स्ट्रक्ट द ठाणे पुलिस टू रेड द स्पॉट … ” इन्स्पेक्टरने जोशके साथ कहा.

” यस सर” उधरसे प्रतिक्रीया आ गई …

अंजली अब सोच रही थी की वह उसे चटींगपर बातोंमें उलझानेमें कामयाब रही की नही, क्योंकी अबतक उसका कोई रिप्लाय नही आया था.

तभी उसका रिप्लाय आ गया,

‘ देखो … यह दुनिया भरोसेपर चलती है … तुम्हे मुझपर भरोसा करनाही पडेगा … और तुम्हारे पास उसके अलावा दुसरा कोई चाराभी नही है ‘

उसके मायूस चेहरेपर खुशीकी एक लहर दौड गई, क्योंकी कमसे कम अबतक वह उसे बातोंमें उलझानेमें कामयाब रही थी.

अब आगे उसे और उलझानेके लिए क्या मेसेज भेजा जाए, वह सोच रही थी और उसने कुछ टाईपभी किया. लेकिन तभी ब्लॅकमेलरका अगला मेसेज आ गया –

‘ ओके देन बाय… दिस इज अवर लास्ट कन्व्हरसेशन… टेक केअर… तुम्हारा … और सिर्फ तुम्हारा विवेक…’

वह और कुछ टाईप कर उसे भेजती उससे पहलेही वह चॅटींग रुमसे गायब होगया.

वह इतने जल्दी चॅटींग खत्म करेगा ऐसा उसे अंदेशा नही था. अंजली तुरंत अपने कुर्सीसे उठकर जल्दी जल्दी अपने कॅबिनसे बाहर निकल गई. बाहर आकर सिधे वह बगलके रुममे, जहां इन्स्पेक्टर और दो कॉम्प्यूटर एक्स्पर्टस बैठे थे वहा चली गई. अंजली वहा पहूंचतेही वे अंजलीके डरसे सहमें चेहरेकी तरफ देखने लगे थे.

” अंकल उसने अभी अभी चॅटींग शेशन क्लोज किया है … लेकिन मुझे यकिन है की वह अबभी इंटरनेटपर कनेक्टेड होगा और मेल लिख रहा होगा ..” अंजलीने कहा.

” डोन्ट वरी… ठाणे पुलिस हॅव ऑलरेडी स्टार्टेड टू रेड द लोकेशन… ” इन्स्पेक्टरने कहा.

पुलिसकी एक गाडी आकर एक सायबर कॅफेके सामने रुकी. गाडीसे एक इन्स्पेक्टर चार पाच हवालदारोंको साथमें लेकर सायबर कॅफेकी तरफ चलने लगा. वे हवालदार उसके अगले आदेशकी राह देखते हूए उसके पिछे पिछे चलने लगे. इन्स्पेक्टर सायबर कॅफेमें घूस गया और उसके पिछे वे चार हवालदारभी कॅफेमें घुस गए. पहले वे रिसेप्शन काऊंटरपर रुके. रिसेप्शन काऊंटरपर बैठा स्टाफ एकदम इतने पुलिसको देखकर हडबडाकर उठ खडा हूवा.

” यस सर… ” उस स्टाफके मुंहसे मुश्कीलसे निकला.

इन्स्पेक्टरने उससे कुछ ना बोलते हूए उसके सामने रखा लॉग रजिस्टर उठाया और उसमें वह कुछ खोजनेकी कोशीश करने लगा.

” क्या हुवा साब?” वह स्टाफ फिरसे हिम्मत करके बोला.

इन्स्पेक्टरने गुस्सेसे सिर्फ उसकी तरफ देखा, वैसे वह सहम गया और चुप होगया. इन्स्पेक्टर लॉगबुकमें एक एक एन्ट्री ठिकसे देखने लगा. एक जगह इन्स्पेक्टरकी रजीस्टरपर दौडती उंगली रुक गई और आंखोकी पुतलीयांभी स्थिर हो गई. उस एन्ट्रीमें नाम के रकानेमें ‘विवेक सरकार’ ऐसा लिखा हुवा था. इन्स्पेक्टर मन ही मन मुस्कुराया. उसे शायद ब्लॅकमेलरने सब सावधानी बरतनेके बावजुद वह अब पकडा जाने वाला है इस बातकी हंसी आ रही होगी. इन्स्पेक्टर उस एन्ट्रीके सामने दी सारी जानकारी पढते हूए बोला,

” सतरा नंबर किधर है ?”

” आवो मेरे साथ… मै तुम्हे उधर ले जाता हूं ” वह स्टाफ इन्स्पेक्टरको एक तरफ ले जाते हुए बोला. वह सायबर कॅफेका स्टाफ आगे आगे और इन्स्पेक्टर अपने साथीयोंके साथ उसके पिछे पिछे चल रहे थे.

चलते हूए एक जगह रुककर उस स्टाफने एक बंद कॅबिनका दरवाजा धकेलकर खोला. सब पुलिस अब गुनाहगारको पकडनेके तैयारीमें थे. लेकिन कॅबिन खोलतेही जब उन्होने कॅबिनके अंदर देखा, उनके चेहरे खुलेकी खुलेही रह गए. क्योंकी कॅबिन खाली थी. कॅबिनमें कॉम्प्यूटर शुरु था लेकिन कॅबिनमें कोई नही था. इन्स्पेक्टरने चारो हवालदारोंको कॅफेमें चारो तरफ उस गुनाहगारको ढुंढनेके लिए भेजा.

इन्स्पेक्टर और चारो हवालदारोंने काफी समय तक सारा कॅफे और कॅफेके आसपासका इलाका छान मारा . लेकिन कुछभी हाथ नही लगा. गुनाहगार अब उनके कब्जेमें आनेवाला नही है इसकी तसल्ली होतेही इन्स्पेक्टरने मोबाईल लगाया,

” सर आय थींक वुई वेअर लेट बाय फ्यू सेकंड्स … हि हॅज एस्केप्ड… आय ऍम सॉरी… हम उसे पकड नही पाए ”

इन्स्पेक्टर कंवलजीत मोबाईलपर बोल रहे थे और उनके आसपास अंजली, शरवरी और वे दो कॉम्प्यूटर एक्स्पर्टस बडी आशासे क्या हुवा यह सुननेका प्रयास कर रहे थे.

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