"aisa jaldi paogi nahi. Dekhna aaj tumhari saheli Mina ko kaise chodta hoon. Kabhi maza nahi liya tumne isiliye Sharma rahi ho. Tumko bhi bada maza aayega hamse chudwane main." Ramesh choochi par haath lagate apne mast lund ko dikhata jo holi ki bahar ki baate kar raha tha usse hamen gazab ka maza mil raha tha. Masti ke saath apne app sharam khatam ho rahi thi. Ab inkar karna mere bas main nahi tha. Ab khud shirt ke button khol dono gadrayi choochiyon ko uske haath main de dene ko bechain thi. Bada maza aa raha tha. Meri nazre hinhinate lund par jami thi. Tabhi Mina zamin par bistar laga paas ayi aur Ramesh ke lund ko haath main pakad meri masli ja rahi choochiyon ko dekhti boli,
"bhayya hamse chhoti hain na?"
"haan Mina par chudwayegi tu tumhari tarah isko bhi pyar se doonga par abhi tu tumhari saheli Sharma rahi hai. Tum tu janti ho ki sharmane wali ko maza nahi aata." Aur Ramesh ne meri choochiyon ko masalna band kar Mina ki choochiyon ko pakda. Haath hat te hi maza kirkira huwa. Mina apne bhai ke lund ko pyar se pakde thi. Main betabi ke saath boli,
"haye kahan Sharma rahi hoon."
"nahi sharmayegi bhayya isko bhi chodkar maza dena." Mina ne kaha tu Ramesh bola,
"chodne ko ham tum dono taiyyar hain. Ghar khali hai jab kahogi yahan aakar chod denge par aaj tum dono ko aapas main maza lena bhi sikhayenge." Aur ek haath meri choochi par laga dusre haath se Mina ki choochi ko pakad lund ko Mina ke haath main de ek saath ham dono ki dabane laga. Mera khoya maza choochiyon par haath aate hi wapas mil gaya. Tabhi Mina uske khade lund par haath pher hamko dikhati boli,
"sharmao nahi Sunita main tu aaj bhaiyya se khoob chudwaongi."
"Nahi sharmaungi."
"to lo pakdo bhaiyya ka aur maza lo." Aur Mina apne bhai ke lund ko mere haath main pakda khud bagal hatkar dabwane lagi. Ramesh ke lund ko haath main liya tu badan ka roam roam khada ho gaya. Sachmuch lund pakadne main gazab ka maza tha. Tabhi Ramesh bola,
"haye Mina bada maza aa raha hai tumhari saheli ke saath."
"haan bhaiyya naya maal hai na."
"kaho tu iska ek pani nikal de." Aur Mina ke choochiyon ko chhodkar ek saath meri dono choochiyan dabata lund ko mere haath main pak'da kar khada huwa. Tabhi Mina mujhse boli,
"Sunita rani iska pani nikal do tab chudwane main maza aayega. Ab hamlog Ramesh bhaiyya ki jawani chooskar rahenge. Haye tumhare anaar mees kar bhaiyya mast ho gaye hain." Ramesh aankhe bandkar tamtamaye chehre ke saath meri choochiyon ko shirt ke oopar se itni zor zor se mees raha tha ki jaise shirt phad dega. Meri choot sansana rahi thi aur lund pakadkar miswane main gazab ka maza mil raha tha. Ab tu Mina se pahle uski pichkari se rang khelne ka mann kar raha tha. Ramesh ne lund meri chaddi se chipka diya tha. Ab Ramesh dhire dhire daba raha tha. Chaddi se laga mota garam lund jannat ka maza de raha tha. Usne ek tarah se mujhe apne oopar laad liya tha. Mina dhire se apni chaddi khiskakar nangi ho rahi thi. Mina ne apni choot nangi kar masti main char chand laga diya tha. Ab main Ramesh ki god main thi aur gazab ka maza aa raha tha. Mina ki choot sanwali aur phaank bade se the par meri phaank se uski phaank bade the. Main soch rahi thi ki Mina choot nangi karke kya karegi. Main saheli ki nangi choot ko pyar se dekhti apne dono amroodu ko miswa rahi thi. Tabhi Mina aage aayi aur choot ko uchkati boli,
"dekho Sunita isi tarah se tumko bhi chatana hoga."
"theek hai." Fir wah apni choot ko apne bhai ke munh ke paas laa tirchhi hokar boli,
"le bahanchod chaat apni bahan ki choot." Ramesh ek saath ham dono saheliyon ka maza lene laga. Mujhe saheli ki apne hi bhai ko bahanchod kahna bada achha laga. Mina bade pyar se ungli se apni sanwali saloni choot ke daraar phaila phailakar chatwa rahi thi. Saheli ka chehra bata raha tha ki choot chatwane main use bada maza mil raha tha.
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Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
होली ने मेरी खोली पार्ट--3
कामुक-कहानियाँ
गतान्क से आगे...................
मीना की चूत को जीभ से चाटते ही रमेश का लंड मेरी चड्डी पर चोट करने लगा. मैने मीना को चटवाते देखा तो मेरा मॅन भी चाटने को करने लगा. तभी उसने मेरे निपल को मीसा तो मैं मज़े से भर उसकी गोद मैं उचकी तो वह अपनी बहन की चूत से जीभ हटा मेरी चूचियों को दबा मुझसे बोला,
"हाए अभी नही ज़रा सुनीता तुम अपनी चटाओ"
"चाटो." मैं मस्ती से भर मीना की तरह चूत चटवाने को तैय्यार हुई. तभी मीना अपनी चाती गयी चूत को उंगली से खोलकर देखती बोली,
"हाए रमेश भाय्या मेरा पानी तो निकल गया."
"तुम्हारी सहेली की नयी चूत चाटूँगा तो मेरा पानी निकलेगा." और मेरी कमर मैं हाथ से दबाकर उठाया. अब मेरी गोरी गोरी चूचियाँ एकदम लाल थी. तभी मीना मुझे बाँहो मैं भर अपने बदन से चिपकाती बोली,
"चटवाने मैं चुदवाने से ज़्यादा मज़ा आता है. चताओ."
"अच्छा मीना चटवा दो अपने भयया से."
"भयया सहेली की चाटो."
"मैं तो तैय्यार हूँ. कहो मस्ती से चटाये. इसकी चाट'ते मेरा निकलेगा. हाए इसकी तो खूब गोरी गोरी होगी." और बेताबी के साथ लंड उच्छालते हुवे पोज़ बदला. अब वह बिस्तर पर पेट के बल लेटा था. उसका लंड गद्दे मैं दबा था और चूतड़ ऊपर था. तभी मीना ने कहा,
"अपनी चटवाउ क्या?"
"हां मीना अपनी चटवओ तो सुनीता को और मज़ा आएगा." तब मीना ने हमको रमेश के सामने डॉगी स्टाइल मैं होने को कहा. मैं जन्नत की सैर कर रही थी. मज़ा पाकर तड़प गयी थी. मेरी कोशिश थी कि मैं मीना से ज़्यादा मज़ा लूँ. उसकी बात सुन मैने कहा,
"चड्डी उतार दूं मीना?"
"तुम अपना चूतड़ सामने करो, भाय्या चड्डी हटाकर चाट लेंगे. अभी तो यह हमलोगो का ब्रेकफास्ट है. केवल चूत मैं लंड घुस्वकार कच कच चुदवाने मैं मज़ा नही आता. हमलोग अभी कुँवारी लौंडिया हैं. असली मज़ा तो इन्ही सब मैं आता है. जैसे बताया है वैसे करो."
"अच्छा." और मैं रमेश के सामने चौपाया(डॉगी पोज़िशन) मैं आई तो रमेश ने पीछे से मेरा स्कर्ट उठाकर मेरे चूतड़ पर हाथ फेरा तो हमको बड़ा मज़ा आया. मेरी चूत इस पोज़ मैं चड्डी के नीचे कसी थी. मीना ने खड़े खड़े चटाइया था पर मुझे निहुरकर चाटने को कह रही थी. अभी रमेश चूतड़ पर हाथ फेर रहा था. मीना ने मेरे मुँह के सामने अपनी चूत की और बोली,
"सुनीता पेट को गद्दे मैं दबाकर पीछे से चूतड़ उभार दो. तुम्हारी भाय्या चाटेंगे तुम मेरी चूत चाटो और हाथ से मेरी चूचियाँ दबाओ फिर देखना कितना मज़ा आता है."
इस पोज़ मैं मीना की साँवली चूत पूरी तरह से दिख रही थी. उसकी चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा. मैने चूचियों को गद्दे मैं दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली,
"चूत के अंदर तक जीभ डालकर तब तक चाटना जब तक भाय्या तुम्हारी चट'ते रहें. मज़ा लेना सीख लो तभी जवानी का मज़ा पओगि." मीना की चूत पर जीभ लगाने मैं सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया. तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के सागर मैं ले जाते बोला,
"तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फड़कर चाट लें?"
कामुक-कहानियाँ
गतान्क से आगे...................
मीना की चूत को जीभ से चाटते ही रमेश का लंड मेरी चड्डी पर चोट करने लगा. मैने मीना को चटवाते देखा तो मेरा मॅन भी चाटने को करने लगा. तभी उसने मेरे निपल को मीसा तो मैं मज़े से भर उसकी गोद मैं उचकी तो वह अपनी बहन की चूत से जीभ हटा मेरी चूचियों को दबा मुझसे बोला,
"हाए अभी नही ज़रा सुनीता तुम अपनी चटाओ"
"चाटो." मैं मस्ती से भर मीना की तरह चूत चटवाने को तैय्यार हुई. तभी मीना अपनी चाती गयी चूत को उंगली से खोलकर देखती बोली,
"हाए रमेश भाय्या मेरा पानी तो निकल गया."
"तुम्हारी सहेली की नयी चूत चाटूँगा तो मेरा पानी निकलेगा." और मेरी कमर मैं हाथ से दबाकर उठाया. अब मेरी गोरी गोरी चूचियाँ एकदम लाल थी. तभी मीना मुझे बाँहो मैं भर अपने बदन से चिपकाती बोली,
"चटवाने मैं चुदवाने से ज़्यादा मज़ा आता है. चताओ."
"अच्छा मीना चटवा दो अपने भयया से."
"भयया सहेली की चाटो."
"मैं तो तैय्यार हूँ. कहो मस्ती से चटाये. इसकी चाट'ते मेरा निकलेगा. हाए इसकी तो खूब गोरी गोरी होगी." और बेताबी के साथ लंड उच्छालते हुवे पोज़ बदला. अब वह बिस्तर पर पेट के बल लेटा था. उसका लंड गद्दे मैं दबा था और चूतड़ ऊपर था. तभी मीना ने कहा,
"अपनी चटवाउ क्या?"
"हां मीना अपनी चटवओ तो सुनीता को और मज़ा आएगा." तब मीना ने हमको रमेश के सामने डॉगी स्टाइल मैं होने को कहा. मैं जन्नत की सैर कर रही थी. मज़ा पाकर तड़प गयी थी. मेरी कोशिश थी कि मैं मीना से ज़्यादा मज़ा लूँ. उसकी बात सुन मैने कहा,
"चड्डी उतार दूं मीना?"
"तुम अपना चूतड़ सामने करो, भाय्या चड्डी हटाकर चाट लेंगे. अभी तो यह हमलोगो का ब्रेकफास्ट है. केवल चूत मैं लंड घुस्वकार कच कच चुदवाने मैं मज़ा नही आता. हमलोग अभी कुँवारी लौंडिया हैं. असली मज़ा तो इन्ही सब मैं आता है. जैसे बताया है वैसे करो."
"अच्छा." और मैं रमेश के सामने चौपाया(डॉगी पोज़िशन) मैं आई तो रमेश ने पीछे से मेरा स्कर्ट उठाकर मेरे चूतड़ पर हाथ फेरा तो हमको बड़ा मज़ा आया. मेरी चूत इस पोज़ मैं चड्डी के नीचे कसी थी. मीना ने खड़े खड़े चटाइया था पर मुझे निहुरकर चाटने को कह रही थी. अभी रमेश चूतड़ पर हाथ फेर रहा था. मीना ने मेरे मुँह के सामने अपनी चूत की और बोली,
"सुनीता पेट को गद्दे मैं दबाकर पीछे से चूतड़ उभार दो. तुम्हारी भाय्या चाटेंगे तुम मेरी चूत चाटो और हाथ से मेरी चूचियाँ दबाओ फिर देखना कितना मज़ा आता है."
इस पोज़ मैं मीना की साँवली चूत पूरी तरह से दिख रही थी. उसकी चूत मेरी चूत से बड़ी थी. दरार खुली हुई थी. मीना की चूत देख मैने सोचा कि मेरा तो सब कुच्छ इससे अच्छा है. अगर मेरे साथ रमेश को ज़्यादा मज़ा आया तो वह मीना से ज़्यादा हमको प्यार करेगा. मैने चूचियों को गद्दे मैं दबा पीछे से चूतड़ उभारा और मुँह को मीना की चूत के पास ला प्यार से जीभ को उसकी चूत पर चलाया तो मीना अपनी चूत को हाथ से खोलती बोली,
"चूत के अंदर तक जीभ डालकर तब तक चाटना जब तक भाय्या तुम्हारी चट'ते रहें. मज़ा लेना सीख लो तभी जवानी का मज़ा पओगि." मीना की चूत पर जीभ लगाने मैं सचमुच हमको काफ़ी मज़ा आया. तभी रमेश नीचे कसी चड्डी की चूत पर उंगली चला हमे मज़े के सागर मैं ले जाते बोला,
"तुम्हारी चड्डी बड़ी कसी है. फड़कर चाट लें?"
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
"हाए फाड़ दीजिए ना." मैं मीना की झरी चूत के फैले दरार मैं जीभ चलाती दोनो हाथों से मर्द की तरह उसके गदराए अनारो को दबाती वासना से भर बोली. तभी रमेश ने दोनो हाथों को चड्डी के इधर उधर लगा ज़ोर्से खींचा तो मेरी पुरानी चड्डी एक झटके मैं ही छार्र से फॅट गयी. उसे पूरी तरह अलग कर मेरी गदराई हसीन गुलाबी चूत को नंगी कर उंगली को दरार मैं चलाता बोला,
"ज़रा सा चूतड़ उठाओ." नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मैं इतना मज़ा आया कि मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने चूतड़ उठाया तो वह बोला,
"ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची दबाना बंद करो." मैं चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूचछा,
"अब ज़्यादा मज़ा आ रहा है कि मीना की चाट'ते हुवे?"
"जी अब कम आ रहा है."
"ठीक है तुम मीना की चाटो." मैं फिर मीना की चूत चाट'ते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो रमेश से नंगी चूत सहलवाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछ्ते पूरी चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला,
"मीना इसकी अभी चुदी नही है."
"हां भाय्या मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो शर्मा भी नही रही है."
"ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता कितने साल की हो?"
"जी चौदह की."
"बड़ी मस्त हो. बोलो इसका मज़ा हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"
"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली.
"मीना तुम्हारी सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मैं इसको तैय्यार करना. हमे बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली."
"हां राजा यह तो पड़ोस की ही है. भाय्या इसे तो तुम जानते ही हो."
"हां पर आज पहली बार मिल रहा हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मैं दबाकर मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली,
"हाए रमेश अच्छा लग रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती बोली,
"आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?"
"हां हाए."
"ज़रा सा चूतड़ उठाओ." नंगी चूत को रमेश की उंगलियों से सहलवाने मैं इतना मज़ा आया कि मेरे अंदर जो थोड़ी बहुत झिझक थी, वह भी ख़तम हो गयी. मैने चूतड़ उठाया तो वह बोला,
"ज़रा मीना की चूत चाटना और चूची दबाना बंद करो." मैं चूची से हाथ अलग कर चूत से जीभ निकाली तो उसने मेरी चूत को उंगलकी से कुरेदते पूचछा,
"अब ज़्यादा मज़ा आ रहा है कि मीना की चाट'ते हुवे?"
"जी अब कम आ रहा है."
"ठीक है तुम मीना की चाटो." मैं फिर मीना की चूत चाट'ते हुवे उसकी चूचियाँ दबाने लगी तो रमेश से नंगी चूत सहलवाने मैं ग़ज़ब का मज़ा आने लगा. अभी रमेश ने मेरी चाटना शुरू नही किया था पर उंगली से ही हल्का पानी बाहर आया तो वह मेरी फटी चड्डी से मेरी चूत को पोछ्ते पूरी चूत को सहलाता अपनी बहन से बोला,
"मीना इसकी अभी चुदी नही है."
"हां भाय्या मेरी सहेली को तुम ही चोद्कर जवान करना. अब तो शर्मा भी नही रही है."
"ठीक है रानी इसको भी तेरी तरह जवान कर देंगे. वैसे चोदने लायक पूरी गदराई चूत है. क्यूँ सुनीता कितने साल की हो?"
"जी चौदह की."
"बड़ी मस्त हो. बोलो इसका मज़ा हमसे लोगि या शादी के बाद अपने पति से?"
"हाए आपसे." मैं मीना की चूत से मुँह अलग कर बोली.
"मीना तुम्हारी सहेली की चूत टाइट है. तुम अकेले मैं इसको तैय्यार करना. हमे बहुत पसंद है तुम्हारी सहेली."
"हां राजा यह तो पड़ोस की ही है. भाय्या इसे तो तुम जानते ही हो."
"हां पर आज पहली बार मिल रहा हूँ." और इसके साथ मेरी मस्त गुलाबी फांको को चुटकी मैं दबाकर मसला तो मैं अपने आप कमर उभारती बोली,
"हाए रमेश अच्छा लग रहा है. ऐसे ही करो." तभी आगे से मीना चूत को उचकाती बोली,
"आ रहा है ना जन्नत का मज़ा?"
"हां हाए."