अजब प्रेम की गजब कहानी --6
गतान्क से आगे......
डिंपल अभी भी दूसरी ओर देख रही थी और अवी उसको देखता हुआ अपने मन मे, दीदी अवी ने अगर तुम्हे अपने प्यार मे
पागल नही कर दिया तो मेरा नाम भी अवी नही और अवी अपनी हथेली को खोल कर अपने होंठो से उसे चूम लेता है,
कुछ देर बाद अवी रिक्शे वाले को रोकने को कहता है और फिर उतर कर रिक्शे वाले को पैसे देते हुए डिंपल की ओर देखता
है और डिंपल उसकी ओर देखती है और
अवी- डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, रिक्शे वाले से कहता है, तुम भी आज मेरी लाइफ के एक यादगार पल के हिस्से बन गये हो भैया
रिक्षेवला- मैं कुछ समझा नही बाबू जी
अवी- डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, समझदार के लिए इशारा काफ़ी है भैया और फिर अवी डिंपल की ओर चल देता है
और डिंपल अपनी नज़रे नीचे करते हुए सामने की ओर चल देती है, डिंपल का चेहरा पूरी तरह सीरीयस था और उसका माइंड
काम नही कर रहा था, अवी की हर्कतो ने उसे पूरी तरह सोचने पर मजबूर कर दिया था, दोनो चुपचाप चलते हुए
मोबाइल गॅलरी पर पहुच जाते है और फिर शॉपकीपर से मोबाइल दिखाने के लिए कहते है,
शॉपकीपर- देखिए सर कौन सा पसंद है
अवी- अरे भैया मेरी नही इनकी पसंद का लेना है, और डिंपल की ओर देख कर दीदी देखो तुम्हे कौन सा अच्छा लग रहा
है
डिंपल- उसे देखती हुई तुझे जो पसंद हो ले ले
अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर मुझे क्या पसंद है दीदी वह तुम अच्छी तरह जानती हो
डिंपल- उसको घूर कर देखती हुई एक मोबाइल उठा कर ये वाला दे दो भैया
शॉपकीपर- अच्छा मेडम अभी पॅक कर देता हू और फिर अवी उसको पैसे देकर मोबाइल ले लेता है और दुकान से बाहर आ
जाते है,
डिंपल- अब चले
अवी- अरे दीदी केवल जिस्म से काम नही चलेगा, इस मोबाइल का दिल तो लिया ही नही
डिंपल- उसको देखती हुई क्या मतलब
अवी- अरे दीदी जिस तरह दिल के बिना शरीर बेजान होता है उसी तरह सिम के बिना यह मोबाइल भी तो बेजान है
डिंपल- उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर एरटेल का सिम लेने के लिए दूसरी दुकान पर जाने
लगता है और डिंपल अपना हाथ छुड़ा कर उसको घूर कर देखती हुई उसके साथ चल देती है, अवी एक सिम पर्चेस करके
वहाँ से वापस आकर
अवी-दीदी कुछ खाना है क्या
डिंपल- नही
अजब प्रेम की गजब कहानी compleet
Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी- कुछ चाइ कॉफी
डिंपल- उसको देख कर मुझे कुछ नही खाना पीना अब सीधे घर चल
अवी- मुस्कुरकर दीदी जब से मैने तुमसे यह क्या कह दिया कि तुम गुस्से मे बहुत खूबसूरत लगती हो तब से तुम ज़्यादातर गुस्से मे ही रहने लगी हो,
डिंपल- उसको घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखती है और
अवी- मुस्कुरकर वैसे तुम वाकई गुस्से मे बहुत ज़्यादा खूबसूरत हो जाती हो, और डिंपल का हाथ पकड़ कर चलो एक-एक
कप कॉफी पीते है
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती हुई, अवी मुझे नही पीना छ्चोड़ मेरा हाथ
अवी- उसको गुस्से से देखता हुआ, नही छ्चोड़ूँगा, चुप चाप चलो मेरे साथ और उसका हाथ पकड़ कर एक कॉफी सेंटर पर
लेजा कर उसका हाथ छ्चोड़ते हुए चलो चुपचाप बैठ जाओ
डिंपल- उसे घुरती हुई वहाँ बैठ जाती है और अवी दो कॉफी का ऑर्डर कर देता है और अपनी दीदी के सामने बैठ जाता है
अवी मुस्कुराता हुआ डिंपल को देखने लगता है और डिंपल अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए दूसरी ओर देखने लगती है
अवी- अपनी हथेली खोल कर उसे देखने लगता है और डिंपल उसकी ओर तिर्छि नज़रो से देखती है और अवी एक दम से डिंपल की
ओर देखने लगता है और डिंपल झट से अपनी नज़रे दूसरी ओर घुमा लेती है, अवी मुस्कुराता हुआ अपनी हथेली बंद करके
अवी- क्या दीदी कब तक मुझसे नाराज़ रहोगी, प्लीज़ मेरी तरफ देखो ना
डिंपल- उसकी ओर नही देखती है और
अवी- दीदी तुम जानती हो मैने एक बात सोची है, बस कुछ ही समय मे मेरी एग्ज़ॅम हो जाएगे फिर मैं पापा से कह कर एक
बाइक ले लूँगा और फिर मैं तुम्हे अपनी बाइक पर बैठा कर कॉलेज ले जाया करूँगा
डिंपल- उसको देख कर मुझे नही जाना तेरे साथ कॉलेज वल्लेगे
अवी- मुस्कुराता हुआ चलो शुक्र है तुम कुछ बोली तो, अरे मेरे साथ नही जाओगी तो क्या अपनी उस चिपकू, बोर और पकाऊ सहेली के साथ ही जाओगी
डिंपल- हा मैं उसी के साथ जाउन्गि
अवी- मुस्कुराते हुए, चलो कोई बात नही, वैसे तुम्हराई सहेली भी मस्त है, एक दम पटका लगती है
डिंपल- खबरदार जो उसके बारे मे कुछ उल्टा सीधा कहा तो
अवी- तो फिर तुम्हारे बारे मे कहु
डिंपल- तुझे शर्म नही आती अपनी दीदी से उल्टी बाते करते हुए
अवी- अरे यार मैने तो अभी तक तुमसे कुछ भी नही कहा और तुम इतना नाराज़ हो रही हो जब मैं तुमसे अपने दिल की बात कहूँगा तब तुम्हारा क्या होगा
डिंपल- कौन सी बात कहना चाहता है तू मुझसे
अवी- मुस्कुराता हुआ, दीदी तुम इतनी समझदार हो कि मेरे बिना कहे ही मेरी हर बात समझ जाती हो, है ना
डिंपल- अपना नज़रे इधर उधर करती हुई, मुझे नही मालूम
तभी उनकी कॉफी आ जाती है और अवी और डिंपल कॉफी पीने लगते है अवी कॉफी पीते हुए डिंपल को लगातार देखता रहता
है और डिंपल अपनी नज़रे इधर उधर मारती है पर बीच-बीच मे अवी को देख लेती है और जब वह अवी को देखती है अवी
उसको देख कर मुस्कुरा देता है, दोनो कॉफी कुछ इस अंदाज मे पीते है कि अपने दोनो हाथो से कप को पकड़े हुए अपने
होंठो से सिर्फ़ दो इंच की दूरी पर रखते है और इसी बीच उनकी नज़रे एक बार एक दूसरे की आँखो मे देखती हुई ठहर जाती
है और डिंपल उसकी आँखो मे देखती रहती है और अवी डिंपल की आँखो मे देखता हुआ मुस्कुराता रहता है और जैसे ही
डिंपल थोड़ा सा मुस्कुराती है अवी उसकी ओर देख कर मुस्कुराता हुआ अपनी आँख मार देता है और डिंपल मंद-मंद
मुस्कुराते हुए अपने कप को नीचे लेजाते हुए
डिंपल- उसको देख कर मुझे कुछ नही खाना पीना अब सीधे घर चल
अवी- मुस्कुरकर दीदी जब से मैने तुमसे यह क्या कह दिया कि तुम गुस्से मे बहुत खूबसूरत लगती हो तब से तुम ज़्यादातर गुस्से मे ही रहने लगी हो,
डिंपल- उसको घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखती है और
अवी- मुस्कुरकर वैसे तुम वाकई गुस्से मे बहुत ज़्यादा खूबसूरत हो जाती हो, और डिंपल का हाथ पकड़ कर चलो एक-एक
कप कॉफी पीते है
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती हुई, अवी मुझे नही पीना छ्चोड़ मेरा हाथ
अवी- उसको गुस्से से देखता हुआ, नही छ्चोड़ूँगा, चुप चाप चलो मेरे साथ और उसका हाथ पकड़ कर एक कॉफी सेंटर पर
लेजा कर उसका हाथ छ्चोड़ते हुए चलो चुपचाप बैठ जाओ
डिंपल- उसे घुरती हुई वहाँ बैठ जाती है और अवी दो कॉफी का ऑर्डर कर देता है और अपनी दीदी के सामने बैठ जाता है
अवी मुस्कुराता हुआ डिंपल को देखने लगता है और डिंपल अपने चेहरे पर गुस्सा दिखाते हुए दूसरी ओर देखने लगती है
अवी- अपनी हथेली खोल कर उसे देखने लगता है और डिंपल उसकी ओर तिर्छि नज़रो से देखती है और अवी एक दम से डिंपल की
ओर देखने लगता है और डिंपल झट से अपनी नज़रे दूसरी ओर घुमा लेती है, अवी मुस्कुराता हुआ अपनी हथेली बंद करके
अवी- क्या दीदी कब तक मुझसे नाराज़ रहोगी, प्लीज़ मेरी तरफ देखो ना
डिंपल- उसकी ओर नही देखती है और
अवी- दीदी तुम जानती हो मैने एक बात सोची है, बस कुछ ही समय मे मेरी एग्ज़ॅम हो जाएगे फिर मैं पापा से कह कर एक
बाइक ले लूँगा और फिर मैं तुम्हे अपनी बाइक पर बैठा कर कॉलेज ले जाया करूँगा
डिंपल- उसको देख कर मुझे नही जाना तेरे साथ कॉलेज वल्लेगे
अवी- मुस्कुराता हुआ चलो शुक्र है तुम कुछ बोली तो, अरे मेरे साथ नही जाओगी तो क्या अपनी उस चिपकू, बोर और पकाऊ सहेली के साथ ही जाओगी
डिंपल- हा मैं उसी के साथ जाउन्गि
अवी- मुस्कुराते हुए, चलो कोई बात नही, वैसे तुम्हराई सहेली भी मस्त है, एक दम पटका लगती है
डिंपल- खबरदार जो उसके बारे मे कुछ उल्टा सीधा कहा तो
अवी- तो फिर तुम्हारे बारे मे कहु
डिंपल- तुझे शर्म नही आती अपनी दीदी से उल्टी बाते करते हुए
अवी- अरे यार मैने तो अभी तक तुमसे कुछ भी नही कहा और तुम इतना नाराज़ हो रही हो जब मैं तुमसे अपने दिल की बात कहूँगा तब तुम्हारा क्या होगा
डिंपल- कौन सी बात कहना चाहता है तू मुझसे
अवी- मुस्कुराता हुआ, दीदी तुम इतनी समझदार हो कि मेरे बिना कहे ही मेरी हर बात समझ जाती हो, है ना
डिंपल- अपना नज़रे इधर उधर करती हुई, मुझे नही मालूम
तभी उनकी कॉफी आ जाती है और अवी और डिंपल कॉफी पीने लगते है अवी कॉफी पीते हुए डिंपल को लगातार देखता रहता
है और डिंपल अपनी नज़रे इधर उधर मारती है पर बीच-बीच मे अवी को देख लेती है और जब वह अवी को देखती है अवी
उसको देख कर मुस्कुरा देता है, दोनो कॉफी कुछ इस अंदाज मे पीते है कि अपने दोनो हाथो से कप को पकड़े हुए अपने
होंठो से सिर्फ़ दो इंच की दूरी पर रखते है और इसी बीच उनकी नज़रे एक बार एक दूसरे की आँखो मे देखती हुई ठहर जाती
है और डिंपल उसकी आँखो मे देखती रहती है और अवी डिंपल की आँखो मे देखता हुआ मुस्कुराता रहता है और जैसे ही
डिंपल थोड़ा सा मुस्कुराती है अवी उसकी ओर देख कर मुस्कुराता हुआ अपनी आँख मार देता है और डिंपल मंद-मंद
मुस्कुराते हुए अपने कप को नीचे लेजाते हुए
Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
डिंपल- अवी तू बहुत बदमाश हो गया है
अवी- मुस्कुराता हुआ, दीदी तुमने ही मुझ पर जादू किया है
डिंपल- मुस्कुरा कर क्या मैं कोई जादूगर हू जो तुझ पर जादू करूँगी
अवी- दीदी तुम्हे तो बहुत कुछ अपने बारे मे पता नही है
डिंपल- उसको देखती हुई, क्या पता नही है
अवी- यही कि तुम कितनी खूबसूरत हो
डिंपल- अवी मुझे लगता है तू पागल हो गया है
अवी- दीदी तुमसे बेहतर मुझे कौन जान सकता है, मैं सचमुच पागल हो गया हू
डिंपल- मुस्कुराते हुए कही पूरा पागल मत हो जाना और कॉफी का कप रख कर अब उठ यहा से और चल और डिंपल जैसे
ही पलट कर जाने लगती है अवी उसका हाथ पकड़ लेता है और डिंपल उसकी ओर जब घूम कर देखती है तो
अवी- बिल्कुल सीरीयस चेहरा बना कर डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, दीदी मैं सचमुच पूरा पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल का चेहरा एक दम से उसकी आँखो को देख कर और बातो को सुन कर सीरीयस हो जाता है और वह कुछ नरम पड़ती
हुई धीरे से अवी छ्चोड़ मेरा हाथ सब देख रहे है
अवी- पहले कहो मैं पागल हो जाउ ना
डिंपल- इधर उधर देखती हुई मंद-मंद मुस्कुराते हुए, मुझे नही मालूम,
अवी- प्लीज़ दीदी एक बार कह दो कि अवी तू पागल हो जा
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती हुई अवी यह क्या बच्पना है छ्चोड़ मेरा हाथ सब देख रहे है
अवी- नही पहले कहो अवी तू पागल हो जा
डिंपल- उसे घुरती हुई, मैं नही कहूँगी
अवी- दीदी तुम्हे कहना पड़ेगा
डिंपल- पहले हाथ छ्चोड़
अवी- नही पहले कहो
डिंपल- मुस्कुरकर अच्छा अवी भैया जाओ पागल हो जाओ
अवी- किसके लिए
डिंपल- मुझे नही मालूम
अवी- खड़ा होकर उसके पास आकर, दीदी तुम जानती हो मैं किसके लिए पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल- इधर उधर देखती हुई अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाने की कोशिश करती हुई, मुझे नही मालूम
अवी- डिंपल की हाथ को अपने हाथ से कस कर दबा लेता है और डिंपल उसकी ओर घूर कर देखने लगती है
अवी- दीदी मैं तुम्हारे लिए पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल- उसको गुस्से से देखती हुई, अवी यह सब क्या पागलपन है और अपना हाथ एक झटके से छुड़ाते हुए, अब चल यहा से
और दूसरी ओर चल देती है, उसकी आँखो गुस्से से लाल हो रही थी और अवी जाकर कॉफी के पैसे देकर जल्दी से डिंपल के
पीछे-पीछे चलता हुआ,
अवी-दीदी सुनो तो
डिंपल- रुक कर, अवी बहुत हो गई तेरी बकवास अब अपना मूह बिल्कुल बंद रख और जा रिक्शा ले कर आ
अवी- आगे कुछ ना कह कर सीधे रिक्शे वाले को लेकर आता है और डिंपल उसमे बैठ जाती है और फिर अवी भी बैठ जाता है
और रिक्शा चल देता है, दोनो सारे रास्ते खामोश रहते है और फिर जैसे ही घर आता है डिंपल उतर कर लॉक खोल कर
सीधे अपने बेडरूम मे जाकर पेट के बल धड़म से गिर कर अपने चेहरे पर तकिया रख कर लेट जाती है और अवी चुपचाप
सोफे पर बैठ कर सोचने लगता है, लगता है मैने दीदी को बहुत ज़्यादा नाराज़ कर दिया है, पर मैं क्या करू कहा तक अपने
दिल का हाल उससे छुपा कर रखू, अगर मैं उसे इतना प्यार करता हू तो कौन सा ग़लत करता हू, क्या प्यार करना गुनाह है, और
मैं यह भी जानता हू कि वह भी मुझे चाहती है पर पता नही क्यो डरती है,
अवी- मुस्कुराता हुआ, दीदी तुमने ही मुझ पर जादू किया है
डिंपल- मुस्कुरा कर क्या मैं कोई जादूगर हू जो तुझ पर जादू करूँगी
अवी- दीदी तुम्हे तो बहुत कुछ अपने बारे मे पता नही है
डिंपल- उसको देखती हुई, क्या पता नही है
अवी- यही कि तुम कितनी खूबसूरत हो
डिंपल- अवी मुझे लगता है तू पागल हो गया है
अवी- दीदी तुमसे बेहतर मुझे कौन जान सकता है, मैं सचमुच पागल हो गया हू
डिंपल- मुस्कुराते हुए कही पूरा पागल मत हो जाना और कॉफी का कप रख कर अब उठ यहा से और चल और डिंपल जैसे
ही पलट कर जाने लगती है अवी उसका हाथ पकड़ लेता है और डिंपल उसकी ओर जब घूम कर देखती है तो
अवी- बिल्कुल सीरीयस चेहरा बना कर डिंपल की आँखो मे देखता हुआ, दीदी मैं सचमुच पूरा पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल का चेहरा एक दम से उसकी आँखो को देख कर और बातो को सुन कर सीरीयस हो जाता है और वह कुछ नरम पड़ती
हुई धीरे से अवी छ्चोड़ मेरा हाथ सब देख रहे है
अवी- पहले कहो मैं पागल हो जाउ ना
डिंपल- इधर उधर देखती हुई मंद-मंद मुस्कुराते हुए, मुझे नही मालूम,
अवी- प्लीज़ दीदी एक बार कह दो कि अवी तू पागल हो जा
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती हुई अवी यह क्या बच्पना है छ्चोड़ मेरा हाथ सब देख रहे है
अवी- नही पहले कहो अवी तू पागल हो जा
डिंपल- उसे घुरती हुई, मैं नही कहूँगी
अवी- दीदी तुम्हे कहना पड़ेगा
डिंपल- पहले हाथ छ्चोड़
अवी- नही पहले कहो
डिंपल- मुस्कुरकर अच्छा अवी भैया जाओ पागल हो जाओ
अवी- किसके लिए
डिंपल- मुझे नही मालूम
अवी- खड़ा होकर उसके पास आकर, दीदी तुम जानती हो मैं किसके लिए पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल- इधर उधर देखती हुई अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाने की कोशिश करती हुई, मुझे नही मालूम
अवी- डिंपल की हाथ को अपने हाथ से कस कर दबा लेता है और डिंपल उसकी ओर घूर कर देखने लगती है
अवी- दीदी मैं तुम्हारे लिए पागल हो जाना चाहता हू
डिंपल- उसको गुस्से से देखती हुई, अवी यह सब क्या पागलपन है और अपना हाथ एक झटके से छुड़ाते हुए, अब चल यहा से
और दूसरी ओर चल देती है, उसकी आँखो गुस्से से लाल हो रही थी और अवी जाकर कॉफी के पैसे देकर जल्दी से डिंपल के
पीछे-पीछे चलता हुआ,
अवी-दीदी सुनो तो
डिंपल- रुक कर, अवी बहुत हो गई तेरी बकवास अब अपना मूह बिल्कुल बंद रख और जा रिक्शा ले कर आ
अवी- आगे कुछ ना कह कर सीधे रिक्शे वाले को लेकर आता है और डिंपल उसमे बैठ जाती है और फिर अवी भी बैठ जाता है
और रिक्शा चल देता है, दोनो सारे रास्ते खामोश रहते है और फिर जैसे ही घर आता है डिंपल उतर कर लॉक खोल कर
सीधे अपने बेडरूम मे जाकर पेट के बल धड़म से गिर कर अपने चेहरे पर तकिया रख कर लेट जाती है और अवी चुपचाप
सोफे पर बैठ कर सोचने लगता है, लगता है मैने दीदी को बहुत ज़्यादा नाराज़ कर दिया है, पर मैं क्या करू कहा तक अपने
दिल का हाल उससे छुपा कर रखू, अगर मैं उसे इतना प्यार करता हू तो कौन सा ग़लत करता हू, क्या प्यार करना गुनाह है, और
मैं यह भी जानता हू कि वह भी मुझे चाहती है पर पता नही क्यो डरती है,