में भी खिड़की से हटा और हॉल मे आ गया. शराब और शबाब जोरो से चल रही थी. किसी ने ध्यान नही दिया की तीन लोग इतनी देर पार्टी से गायब थे. में बबिता के पास आ गया जो अविनाश और मिनी के साथ बातें कर रही थी. जैसे ही प्रशांत और प्रीति हॉल में आए में अपने आपको उसकी चूत के तरफ देखने से नही रोक पाया. सिर्फ़ में जानता था की उसकी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ है. उसकी जीन्स उस जगह से थोड़ी उठी हुई थी ये मुझे साफ दिखाई पड़ रहा था. पता नही और किस किस का ध्यान इस बात की ओर जाता है.
प्रीति मेरे पास आई और गले में बाहें डाल कर मेरे होठों को चूम लिया. ऐसा वो सबके सामने करती नही थी पर शायद एक तो चूत में डिल्डो और दूसरा उसकी चूत ने अभी तक पानी नही छोड़ा था इसलिए उसके शरीर में उत्तेजना भरी हुई थी. मेने अंजान बनते हुए प्रीति से पूछा, "तुमने कपड़े क्यों बदल लिए?"
"बस कपड़ों पर कुछ गिर गया था." प्रीति ने जवाब दिया. कम से कम वो झूठ तो नही बोल रही थी. इतने मे प्रशांत ने मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा. उसकी आँखों मे एक शैतानी चमक थी. में समझ गया कि आज रात बहोत कुछ होने वाला है.
करीब एक घंटे तक प्रीति इस तरह पार्टी में चारों तरफ घूमती रही जैसे कुछ हुआ ही ना हो. चूत मे डिल्डो लिए एक अच्छे मेहमान नवाज़ की तरह सब से मिल रही थी. सबको ड्रिंक्स, स्नॅक्स सर्व कर रही थी. मुझे पता थी कि उसकी चूत में आग लगी हुई है और वो कभी भी पानी छोड़ सकती है.
इतने में बबिता मेरा हाथ पकड़ अपने साथ डॅन्स करने के लिए ले आई. हम हॉल क एक कोने में डॅन्स कर रहे थे जहाँ ज़्यादा लोग हमारे पास नही थे. में मौके का फ़ायदा उठा अपना हाथ उसकी ड्रेस में डाल उसकी चूत से खेलने लगा. बबिता ने मेरे कान में फुसफुसते हुए कहा, "राज में जानती हू प्रशांत ने प्रीति के साथ क्या किया है. ये उसका पुराना खेल है. वो प्रीति की ऐसी हालत कर देगा कि वो अपनी चूत का पानी छुड़ाने के लिए कुछ भी करने को तय्यार हो जाएगी. पता नही प्रशांत के दिमाग़ में क्या शरारत भरी हुई है.
इतने में अविनाश ने मेरी बीवी से डॅन्स करने के लिए कहा. प्रीति ने प्रशांत की ओर देखा और प्रशांत ने आँख से इशारा करते हुए उसे जाने को कहा. मेने देखा की प्रीति का बदन मारे उत्तेजना के कांप रहा था. वो बड़ी मुश्किल से अपने आपको रोक रही थी.
इतने में मिनी ने भी मुझे डॅन्स करने के लिए कहा. में समझ गया कि ये इशारा प्रशांत ने उसे किया है. अब हम चारों अविनाश के पास आ डॅन्स करने लगे. में समझ गया कि प्रशांत के मन में सामूहिक चुदाई का प्रोग्राम है. मिनी इतनी सेक्सी और गरम थी कि मेने उसे चोदने का पक्का मन बना लिया था, पर मुझे प्रीति का नही पता था कि वो अविनाश से चुड़वागी की नही.
पर मुझे इसकी चिंता नही थी. मुझे पता था कि प्रीति की चूत में इतनी देर से डिल्डो होने की वजह से उसकी चूत की हालत खराब हो चुकी होगी. प्रीति अपनी चूत का पानी छोड़ने के लिए अब किसी घोड़े से भी चुदवा सकती है.
नये पड़ोसी compleet
Re: नये पड़ोसी
मिनी ने मेरी तरफ कामुक निगाह से देखा और कहा, "राज आज तक में प्रशांत जैसे मर्द से नही मिली. वो चुदाई की कलाओं में इतना माहिर है कि वो किसी औरत को कोई भी मर्द से चुदवाने को उकसा सकता है." में समझ गया कि वो प्रीति की बात कर रही है.
हम चार जने ही फ्लोर पर डॅन्स कर रहे थे. मिनी ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पे रख दिया. जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत को छुआ में चौंक कर उछल पड़ा. उसकी भी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ था.
"ये ठीक वैसा ही है जैसा तुम्हारी बीवी की चूत में घुसा हुआ है." उसने मेरे हाथों का दबाव अपनी चूत पे बढ़ाते हुए कहा. में समझ कि ये सब प्रशांत का काम है. उसने दो औरतों को इतना उत्तेजित कर दिया था कि वो चुदवाने के लिए कुछ भी कर सकती थी.
नाचते हुए में प्रीति और अविनाश की ओर देखा. अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी को चूत पर था और वो उस डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत मे घुसा रहा था. फिर मेने देखा कि प्रीति उसका हाथ पकड़ उसे हॉल के बाहर ले जा रही है. में सोच रहा था कि पता नही अब आगे क्या होने वाला है? में भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया.
प्रीति और अविनाश कमरे में पहुँचे. और उनके पीछे पीछे प्रशांत और बबिता फिर में और मिनी भी कमरे में आ गये. अब ये बात सबपे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे.
मिनी मेरे पास आकर मुझसे सॅट कर खड़ी हो गयी. उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे. लगता था कि प्रशांत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाही की हुई थी. बॅटरी पे चलता रिमोट उसकी चूत में आग लगाए हुए था. पता नही प्रशांत ने क्या जादू इन दोनो पे किया हुआ था.
प्रशांत ने भी शायद उनकी आँखों मे छुपी वेदना को पढ़ लिया था, "तुम दोनो चिंता मत करो आज तुम दोनो की चूत से पानी की ऐसे बौछार छूतेगी जैसे इस कमरे में बढ़ आ गयी हो. आज तुम को चुदाई का वो आनंद आएगा कि तुम दोनो जीवन भर याद करोगी."
"लेकिन प्रीति की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ से थी. लेकिन ये बाद मे पहले में चाहता हूँ कि प्रीति अपने क़ाबिले तरीफ्फ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले. लेकिन वो अपनी जीन्स नही उतारेगी और नही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी. अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ की तो मे इस विषय पर सोचूँगा. राज और मिनी खड़े होकर उन्हे देख सकते है लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है. तब तक में और बबिता मेहमआनो का ख़याल रखेंगे. जब अविनाश का काम हो जाए तो राज मेरे पास आगे क्या करना है पूछ सकता है." इतना कहकर प्रशांत और बबिता वापस हॉल में चले गये.
प्रीति अविनाश का हाथ पकड़ उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी. मुझे विश्वास नही आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जो औरत ने सिवाय मेरे किसी से नही चुडवाया था आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है.
हम चार जने ही फ्लोर पर डॅन्स कर रहे थे. मिनी ने धीरे से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पे रख दिया. जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत को छुआ में चौंक कर उछल पड़ा. उसकी भी चूत में एक डिल्डो घुसा हुआ था.
"ये ठीक वैसा ही है जैसा तुम्हारी बीवी की चूत में घुसा हुआ है." उसने मेरे हाथों का दबाव अपनी चूत पे बढ़ाते हुए कहा. में समझ कि ये सब प्रशांत का काम है. उसने दो औरतों को इतना उत्तेजित कर दिया था कि वो चुदवाने के लिए कुछ भी कर सकती थी.
नाचते हुए में प्रीति और अविनाश की ओर देखा. अविनाश का एक हाथ मेरी बीवी को चूत पर था और वो उस डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत मे घुसा रहा था. फिर मेने देखा कि प्रीति उसका हाथ पकड़ उसे हॉल के बाहर ले जा रही है. में सोच रहा था कि पता नही अब आगे क्या होने वाला है? में भी मिनी को अपने साथ ले उनके पीछे चल दिया.
प्रीति और अविनाश कमरे में पहुँचे. और उनके पीछे पीछे प्रशांत और बबिता फिर में और मिनी भी कमरे में आ गये. अब ये बात सबपे खुलासा हो चुकी थी कि आज सब एक दूसरे की चुदाई करेंगे.
मिनी मेरे पास आकर मुझसे सॅट कर खड़ी हो गयी. उसकी आँखों में भी उत्तेजना के भाव थे. लगता था कि प्रशांत ने उसे भी डिल्डो को छूने की मनाही की हुई थी. बॅटरी पे चलता रिमोट उसकी चूत में आग लगाए हुए था. पता नही प्रशांत ने क्या जादू इन दोनो पे किया हुआ था.
प्रशांत ने भी शायद उनकी आँखों मे छुपी वेदना को पढ़ लिया था, "तुम दोनो चिंता मत करो आज तुम दोनो की चूत से पानी की ऐसे बौछार छूतेगी जैसे इस कमरे में बढ़ आ गयी हो. आज तुम को चुदाई का वो आनंद आएगा कि तुम दोनो जीवन भर याद करोगी."
"लेकिन प्रीति की पहली बारी है, क्योंकि आज की दावत उसकी तरफ से थी. लेकिन ये बाद मे पहले में चाहता हूँ कि प्रीति अपने क़ाबिले तरीफ्फ मुँह से अविनाश के लंड से एक एक बूँद पानी निचोड़ ले. लेकिन वो अपनी जीन्स नही उतारेगी और नही अपनी चूत पर हाथ रख सकेगी. अगर अविनाश ने इसके काम की तारीफ की तो मे इस विषय पर सोचूँगा. राज और मिनी खड़े होकर उन्हे देख सकते है लेकिन यही बात मिनी पर भी लागू होती है. तब तक में और बबिता मेहमआनो का ख़याल रखेंगे. जब अविनाश का काम हो जाए तो राज मेरे पास आगे क्या करना है पूछ सकता है." इतना कहकर प्रशांत और बबिता वापस हॉल में चले गये.
प्रीति अविनाश का हाथ पकड़ उसे गेस्ट बेडरूम मे ले गयी. मुझे विश्वास नही आ रहा था कि थोड़े दिन पहले तक जो औरत ने सिवाय मेरे किसी से नही चुडवाया था आज वो फिर एक गैर मर्द का लंड चूसने जा रही है.
Re: नये पड़ोसी
मेने मूड कर मिनी की तरफ देखा उसकी भी हालत खराब थी. मिनी भी रूम की तरफ बढ़ी तो में उसके चुतताड को देखने लगा. कितने गोल और भरे हुए थे. में जानता था कि उसकी चूत मे डिल्डो होने की वजह से वो अपनी टाँगे सिकोड कर चल रही थी.
जैसे ही हम रूम मे पहुँचे मेने दरवाज़ा लॉक कर दिया. प्रीति उत्तेजना मे इतनी पागल थी की बिना समय बिताए वो घुटने के बल बैठ कर अविनाश की जीन्स के बटन खोलने लगी. वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ाएगी उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा.
प्रीति ने जल्दी जल्दी अविनाश की जीन्स के बटन खोले और उसकी जीन्स और अंडरवेर को नीचे खिसका दिया. जैसे कोई साँप बिल के बाहर आ गया हो उस तरह उसका 10" इंची लंड जो 3" मोटा होगा फुन्कर कर खड़ा हो गया. प्रीति उस विशालकाय लंड को अपने हाथों मे ले सहलाने लगी.
पर देखने लायक उसके लंड की दो गोलियाँ थी जो टेन्निस बॉल की तरह नीचे लटकी हुई थी. इतनी बड़ी और भरी हुई थी कि शायद पता नही कितना पानी उसमे भरा हुआ है. प्रीति अब उसके लंड को ज़ोर से रगड़ रही थी. उसे पता था कि उसका पति और अविनाश की बीवी उसे देख रहे है.
में जानता था कि प्रीति के घुटनो के बल बैठते ही डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत में घुस गया था. प्रीति ने अपनी ज़ुबान बाहर निकली और उसके लंड के सूपदे पे घूमने लगी. मेरे और मिनी के शरीर में गर्मी बढ़ती जा रही थी. मिनी ने मेरी गले में बाहें डाल मेरे होठों को चूसने लगी. उसके जिस्म मे फैली आग और बदन से उठती खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. मेने भी उसे सहयोग दे अपनी जीब उसके मुँह में डाल घूमने लगा.
में उसके होठों और जीब को चूस रहा था तो वो अपनी टाँगे फैला मुझसे बोली, "राज मेरे बदन को सहलाओ ना प्लीज़." मेने उसकी ड्रेस के सामने की ज़िप को नीचे कर दिया और उसकी चुचियों को बाहर निकाल लिया. उसके निपल इतने काले थे कि क्या बताउ. मेने उसकी एक चुचि को अपने हाथों मे पकड़ रगड़ने लगा और चूसने लगा. उसके शरीर की कपन बता रही थी कि उसने अपने आप को मुझे सौंप दिया था लेकिन में उसकी चूत से नही खेल सकता था.
मेने उसकी पॅंटी के उपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और अपने हाथ के दबाव से डिल्डो को और अंदर की तरफ धकेल दिया. में उसकी पॅंटी को उतार उसकी चूत को छूना चाहता था पर उसने मुझे रोक दिया, "राज नही शर्त का उसूल है कि तुम उसकी बात को टालोगे नही."
मेने घूम कर प्रीति की तरफ देखा कि वो क्या कर रही है. मेने देखा की प्रीति अपने मुँह को खोले अविनाश के लंड को चूस रही है और एक हाथ से उसकी गोलियों को सहला रही है. इतने में ही प्रीति ने अपने मुँह को पूरा खोला और अविनाश के 10" इंची लंड को पूरा अपने गले तक ले लिया. अब उसके होंठ अविनाश की झांतो को छू रहे थे. प्रीति धीरे से अपने मुँह को पीछे की ओर करके उसके लंड को बाहर निकालती और फिर गॅप से पूरा लंड ले लेती.
प्रीति के दोनो छेद में लंड घुसा हुआ था. असली 10"इंची लंड उसके मुँह मे और नकली प्लास्टिक का 11" इंची उसकी चूत मे.
प्रीति अब जोरों से अविनाश के लंड को चूस रही थी. मेरी और मिनी की आँखें इस दृश्या से हटाए नही हट रही थी. इतने मे मिनी भी घुटनो के बल बैठ कर मेरी जीन्स के बटन खोलने लगी. उसके घुटने को बल बैठते ही डिल्डो उसकी चूत के अंदर तक समा गया और उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, "आआआआअहह"
मिनी ने मुझे घुमा कर इस अंदाज़ मे खड़ा कर दिया कि में उसके पति के सामने खड़ा था. अब वो मेरा लंड अपने मुँह मे ले जोरों से चूस रही थी. दोनो औरतें अपनी चूत में डिल्डो फँसे किसी मर्द का लंड का चूस रही थी. आज की शाम प्रीति के लिए अविनाश दूसरा मर्द था जिसका लंड वो चूस रही थी और मेरे लिए मिनी दूसरी औरत. एक की मेने गांद मारी थी और दूसरी मेरा लंड चूस रही थी.
क्रमशः...............
जैसे ही हम रूम मे पहुँचे मेने दरवाज़ा लॉक कर दिया. प्रीति उत्तेजना मे इतनी पागल थी की बिना समय बिताए वो घुटने के बल बैठ कर अविनाश की जीन्स के बटन खोलने लगी. वो जानती थी कि जितनी जल्दी वो अविनाश का लंड चूस कर उसका पानी छुड़ाएगी उतनी जल्दी ही उसकी चूत को पानी छोड़ने का मौका मिलेगा.
प्रीति ने जल्दी जल्दी अविनाश की जीन्स के बटन खोले और उसकी जीन्स और अंडरवेर को नीचे खिसका दिया. जैसे कोई साँप बिल के बाहर आ गया हो उस तरह उसका 10" इंची लंड जो 3" मोटा होगा फुन्कर कर खड़ा हो गया. प्रीति उस विशालकाय लंड को अपने हाथों मे ले सहलाने लगी.
पर देखने लायक उसके लंड की दो गोलियाँ थी जो टेन्निस बॉल की तरह नीचे लटकी हुई थी. इतनी बड़ी और भरी हुई थी कि शायद पता नही कितना पानी उसमे भरा हुआ है. प्रीति अब उसके लंड को ज़ोर से रगड़ रही थी. उसे पता था कि उसका पति और अविनाश की बीवी उसे देख रहे है.
में जानता था कि प्रीति के घुटनो के बल बैठते ही डिल्डो और अंदर तक उसकी चूत में घुस गया था. प्रीति ने अपनी ज़ुबान बाहर निकली और उसके लंड के सूपदे पे घूमने लगी. मेरे और मिनी के शरीर में गर्मी बढ़ती जा रही थी. मिनी ने मेरी गले में बाहें डाल मेरे होठों को चूसने लगी. उसके जिस्म मे फैली आग और बदन से उठती खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. मेने भी उसे सहयोग दे अपनी जीब उसके मुँह में डाल घूमने लगा.
में उसके होठों और जीब को चूस रहा था तो वो अपनी टाँगे फैला मुझसे बोली, "राज मेरे बदन को सहलाओ ना प्लीज़." मेने उसकी ड्रेस के सामने की ज़िप को नीचे कर दिया और उसकी चुचियों को बाहर निकाल लिया. उसके निपल इतने काले थे कि क्या बताउ. मेने उसकी एक चुचि को अपने हाथों मे पकड़ रगड़ने लगा और चूसने लगा. उसके शरीर की कपन बता रही थी कि उसने अपने आप को मुझे सौंप दिया था लेकिन में उसकी चूत से नही खेल सकता था.
मेने उसकी पॅंटी के उपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और अपने हाथ के दबाव से डिल्डो को और अंदर की तरफ धकेल दिया. में उसकी पॅंटी को उतार उसकी चूत को छूना चाहता था पर उसने मुझे रोक दिया, "राज नही शर्त का उसूल है कि तुम उसकी बात को टालोगे नही."
मेने घूम कर प्रीति की तरफ देखा कि वो क्या कर रही है. मेने देखा की प्रीति अपने मुँह को खोले अविनाश के लंड को चूस रही है और एक हाथ से उसकी गोलियों को सहला रही है. इतने में ही प्रीति ने अपने मुँह को पूरा खोला और अविनाश के 10" इंची लंड को पूरा अपने गले तक ले लिया. अब उसके होंठ अविनाश की झांतो को छू रहे थे. प्रीति धीरे से अपने मुँह को पीछे की ओर करके उसके लंड को बाहर निकालती और फिर गॅप से पूरा लंड ले लेती.
प्रीति के दोनो छेद में लंड घुसा हुआ था. असली 10"इंची लंड उसके मुँह मे और नकली प्लास्टिक का 11" इंची उसकी चूत मे.
प्रीति अब जोरों से अविनाश के लंड को चूस रही थी. मेरी और मिनी की आँखें इस दृश्या से हटाए नही हट रही थी. इतने मे मिनी भी घुटनो के बल बैठ कर मेरी जीन्स के बटन खोलने लगी. उसके घुटने को बल बैठते ही डिल्डो उसकी चूत के अंदर तक समा गया और उसके मुँह से सिसकारी निकल पड़ी, "आआआआअहह"
मिनी ने मुझे घुमा कर इस अंदाज़ मे खड़ा कर दिया कि में उसके पति के सामने खड़ा था. अब वो मेरा लंड अपने मुँह मे ले जोरों से चूस रही थी. दोनो औरतें अपनी चूत में डिल्डो फँसे किसी मर्द का लंड का चूस रही थी. आज की शाम प्रीति के लिए अविनाश दूसरा मर्द था जिसका लंड वो चूस रही थी और मेरे लिए मिनी दूसरी औरत. एक की मेने गांद मारी थी और दूसरी मेरा लंड चूस रही थी.
क्रमशः...............