तकरीबन सात बजे बेल बजी। डोर खोला तो देखा कि एस-के खड़ा मुस्कुरा रहा है। ब्लैक पैंट और व्हाइट शर्ट पे डार्क ब्लू और रेड स्ट्रैप की टाई में वो बहुत ही शानदार लग रहा था। मैं तो देखती की देखती ही रह गयी। एस-के ने हँस के कहा, “अंदर आने भी दोगी या यहीं खड़ा रखोगी” तो मैं चौंक गयी और कहा, “ओह सॉरी, अंदर आ जाओ प्लीज़”, तो एस-के अंदर आ गये और अपने पीछे डोर को लॉक कर दिया। उनके हाथ में एक बड़ा पिज़्ज़ा और एक शॉपिंग बैग में चॉकलेट आईस क्रीम थी। मैंने पूछा कि “आपको कैसे पता चला कि आई लव चॉकलेट आईस क्रीम” तो एस-के ने कहा “सबसे पहले तो ये आप-आप करना छोड़ो और हाँ मुझे पता है कि हर स्वीट लड़की को चॉकलेट आईस ख्रीम ज़रूर पसंद होती है, बस दिल ने दिल से कहा और मैंने सुन लिया” तो मैं मुस्कुरा दी और एस-के से लिपट गयी और अपना मुँह उसके सीने में छिपा कर उसके जिस्म को बे-हताशा प्यार करने लगी और बोली के “आई लव यू सो मच, एस-के आई लव यू सो मच, आई नीड यू आलवेज़, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती, अब एस-के प्लीज़ तुम डेली आते रहना मेरे पास नहीं तो मैं नाराज़ हो जाऊँगी।“ एस-के ने मुझे अपने आप से लिपटा लिया और मेरे जिस्म पे हाथ फेरा और अपनी बांहों में जकड़ लिया और बोला कि “हे किरन, आई आलसो लव यू सो मच किरन, यू डोंट वरी, मैं डेली तुम्हारे पास आऊँगा और तुम्हारी हर इच्छा पूरी करूँगा, यू आर द डार्लिंग ऑफ़ माय हार्ट एंड सोल।“ हम दोनों एक दूसरे से लिपटे रहे। वो मुझे प्यार करने लगा और मैंने थोड़ा सा ऊपर उठ के एस-के के लिप्स पे किस किया। फिर हम दोनों के मुँह खुल गये और हम एक दूसरे की ज़ुबान चूसने लगे। एस-के के जिस्म से आती हुई पर्फयूम की खुशबू मुझे पागल किये दे रही थी।
हम दोनों टेबल पे आ गये और पिज़्ज़ा खाने लगे। एस-के मुझे अपने हाथों से पिज़्ज़ा खिला रहे थे तो मैंने एक पिज़्ज़ा का पीस अपने मुँह में रखा और एस-के को खिलाया और उसके साथ ही किस भी हो गया। इसी तरह से हम एक दूसरे को एक दूसरे के मुँह से खिलाते रहे और एक-एक पीस के साथ किसिंग भी चलती रही। दिल कर रहा था कि एस-के और मैं तमाम ज़िंदगी एक दूसरे के साथ ही रहें और ऐसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहें। ये ऐसी दिल थी जो पूरी नहीं हो सकती थी, ये मुझे भी मालूम था और एस-के को भी। पिज़्ज़ा खतम हो गया और हम थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती करते रहे।
डिनर खतम होने तक तकरीबन नौ बज गये थे। थोड़ी देर के बाद एस-के ने व्हिस्की के दो पैग बनाये और हम दोनों सोफ़े पे बैठ के व्हिस्की पीने लगे। व्हिस्की पीते-पीते एस-के ने मेरी कमीज़ के स्ट्रैप मेरे कंधों से नीचे खिसका दिये और मेरी चूचियों से खेलने और दबाने लगा। पिछली रात की चुदाई के बाद और व्हिस्की के सुरूर से अब मैं भी बोल्ड हो गयी थी और मैंने अपना हाथ एस-के के लंड पे रखा तो उसका लंड फौरन उसकी पैंट के अंदर खड़ा हो गया। मैंने सोचा कि इतना बड़ा और मोटा लंड पैंट के और अंडरवीयर के अंदर अकड़ेगा तो एस-के को तकलीफ होगी। इसलिये मैं सोफ़े से उठ गयी और अंदर कमरे में जा कर अशफाक की एक लुँगी ले आयी और एस-के को दे दी। चलते वक्त मुझे महसूस हुआ कि मुझ पर व्हिस्की का नशा हावी होने लगा था क्योंकि मेरे कदम उन हाई-हील सैंडलों में थोड़े से लड़खड़ा रहे थे। एस-के सोफ़े से उठ कर खड़ा हुआ और अपनी शर्ट और बनियान निकाल दी और बोला, “किरन ज़रा पैंट निकाल दो” तो मैंने पैंट की बेल्ट खोली और ऊपर से हुक खोल कर ज़िप को नीचे करके पैंट उतार दी। अब लंड अंडरवीयर के अंदर तंबू बनाये हुए था। मैंने थोड़ा सा आगे को झुक कर अंडरवीयर के दोनों तरफ़ से दो हाथ डाल कर जैसे ही अंडरवीयर नीचे किया तो मैं एक दम से उछल पड़ी। लंबा, मोटा रॉकेट जैसा लंड उछल कर मेरे मुँह के सामने लहराने लगा तो मैंने मस्ती में उसको अपने हाथ से पकड़ लिया और लंड के सुपाड़े का एक ज़बरदस्त चुंबन ले लिया और थोड़ा सा चूस लिया। एस-के ने अभी मेरे मुँह में लंड घुसाना सही नहीं समझा क्योंकि अभी-अभी हम ने खाना खाया था और मैं व्हिस्की के तीन पैग पी चुकी थी। उसने सोचा होगा कि कहीं उलटी ना हो जाये और खाना बाहर निकल ना जाये। एस-के ने लुँगी लपेट ली। फिर एस-के ने कहा कि अरे इसकी क्या ज़रूरत है और अपनी लूँगी निकाल दी और बिना शर्ट और बिना लुँगी के मेरे पास नंगा ही सोफ़े पे बैठ गया। मैं अपने लिये चौथा पैग डालने लगी तो एस-के ने मुझे रोक दिया। एस-के ने मेरे भी सारे कपड़े भी उतार दिये और अब मैं भी सिर्फ सैंडल पहने, नंगी ही उसके साथ सोफ़े पे बैठी थी और हम एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे। मैं उसका लंड दबाती और मसलती रही। वो मेरी चूचियों को मसलता और निप्पलों को काटता रहा और चूत का मसाज भी करता रहा।
किरन की कहानी लेखिका: किरन अहमद hindi long sex erotic
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A woman is like a tea bag - you can't tell how strong she is until you put her in hot water.
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हम तकरीबन एक घंटे तक ऐसे ही सोफ़े पे बैठे रहे। मेरा जिस्म जोश में गरम हो गया था और नशे में मुझे काफी हल्का और मदहोश महसूस हो रहा था। एस-के ने कहा कि “किरन तुम्हारा जिस्म इतना गरम क्यों हो गया, तुम्हें इतनी व्हिस्की नहीं पीनी चाहिये थी क्योंकि तुम्हें आदत नहीं है।“ मैंने हँस के कहा कि “नहीं एस-के, ये मेरे जिस्म का टेम्परेचर ज्यादा व्हिस्की पीने की वजह से नहीं है, ये तो मेरी चूत का टेम्परेचर है जो जिस्म पे महसूस हो रहा है।“ एस-के ने हँस के कहा कि “लगाता है तुम्हारी चूत की गर्मी को निकालना पड़ेगा, बोलो तैयार हो?” तो मैंने हँस कर कहा कि “कल रात तुम जबसे गये हो, मैं तो तब ही से तैयार हूँ, जैसे तुम चाहो, निकाल दो इस चूत की सारी गर्मी को।“ एस-के ने कहा “ठीक है अभी मैं चूत को ठंडा करने का इंतज़ाम करता हूँ” और फ्रिज से चॉकलेट आईस क्रीम निकाल के ले आया।
मैं उतनी देर में सोफ़े के सामने पड़ी हुई सेंटर टेबल पर से व्हिस्की की बोटल और ग्लास उठा के ले गयी। अब तो मेरे कदम ज़ाहिराना तौर से लड़खड़ा रहे थे पर मैं तो अपनी ही मस्ती में मदहोश थी। हमारी सेंटर टेबल सोफ़ा सेट के बीच में पड़ी है जो रेक्ट-एंगल शेप की है और अच्छी खासी बड़ी है, जिसपर एक आदमी अपनी टाँगें नीचे लटका कर आराम से लेट सकता है। टेबल बहुत ऊँची भी नहीं है और बिल्कुल नीची भी नहीं। मतलब के ऐसी हाईट की है कि कोई टेबल पे लेटा हो तो उसको बहुत मस्त तरीके से चोदा जा सकता है। हाँ तो एस-के ने मेरे सारे कपड़े तो पहले ही उतार दिये थे और मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए थी। एस-के ने मुझे सेंटर टेबल पे लिटा दिया। मैं घुटने मोड़कर टाँगें नीचे छोड़ कर टेबल पे लेट गयी और मेरे पैर साढ़े-चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहने होने से आसानी से फ़्लोर पे लग गये। एस-के खुद टेबल के साईड में खड़ा हो कर मेरे जिस्म पे ठंडी ठंडी चॉकलेट आईस ख्रीम डालने लगा। ठंडी आईस क्रीम जिस्म पर लगते ही सारे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया और मज़ा आने लगा। एस-के ने सारी क्रीम मेरे जिस्म पे डाल दी और मेरे जिस्म पे मलने लगा। चूत पे कुछ ज़्यादा ही क्रीम डाली। गरम चूत पे ठंडी क्रीम बहुत अच्छी लग रही थी और गरम चूत पे ठंडी आईस क्रीम पड़ते ही चूत की गर्मी से पिघलने लगी।
चूचियों पे आईस क्रीम डाल कर वो मसलता और दबाता रहा। मेरा तो आने वाली चुदाई का सोच के ही चूत में से जूस निकलने लगा। जब सारे जिस्म पे क्रीम फैला दी तो अब एस-के मेरे जिस्म को चाटने लगा। कुछ क्रीम मेरे मुँह पे भी लगा दी थी। पहले तो किस किया जिससे क्रीम हम दोनों के मुँह में भी गयी और मज़ा आने लगा। अब एस-के मेरे जिस्म को चाट रहा था। छूचियों को दोनों हाथों से पकड़ के मसल भी रहा था और चूस भी रहा था और आईस क्रीम के मज़े भी ले रहा था। एस-के मेरी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा हुआ तो मेरी टाँगें खुद-ब-खुद उसके जिस्म के ऊपर कैंची बन गयीं और उसके जिस्म को अपनी टाँगों से पकड़ लिया। ऐसी पोज़िशन में उसके तने हुए लहराते लंड को देख कर मेरी चूत के मुँह में पानी आ गया। एस-के मेरी चूचियों को चूसता रहा और फिर मेरे नेवल के आसपस क्रीम डाल कर चाटता रहा। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल हो गया था। मेरी साँसें गहरी हो गयी थीं। अब एस-के नीचे फ़्लोर पे बैठ गया और मेरी टाँगों और पैरों और सैंडलों से क्रीम चाटने लगा। फिर जब वो चूत पे से क्रीम चाटने लगा तो मैंने अपने पैर उसकी गर्दन पे डाल कर अपनी चूत में उसका मुँह खींच लिया और उसका सर पकड़ के चूत के ऊपर दबा दिया और उसके मुँह से अपनी चूत को रगड़ने लगी।
मैं उतनी देर में सोफ़े के सामने पड़ी हुई सेंटर टेबल पर से व्हिस्की की बोटल और ग्लास उठा के ले गयी। अब तो मेरे कदम ज़ाहिराना तौर से लड़खड़ा रहे थे पर मैं तो अपनी ही मस्ती में मदहोश थी। हमारी सेंटर टेबल सोफ़ा सेट के बीच में पड़ी है जो रेक्ट-एंगल शेप की है और अच्छी खासी बड़ी है, जिसपर एक आदमी अपनी टाँगें नीचे लटका कर आराम से लेट सकता है। टेबल बहुत ऊँची भी नहीं है और बिल्कुल नीची भी नहीं। मतलब के ऐसी हाईट की है कि कोई टेबल पे लेटा हो तो उसको बहुत मस्त तरीके से चोदा जा सकता है। हाँ तो एस-के ने मेरे सारे कपड़े तो पहले ही उतार दिये थे और मैं सिर्फ सैंडल पहने हुए थी। एस-के ने मुझे सेंटर टेबल पे लिटा दिया। मैं घुटने मोड़कर टाँगें नीचे छोड़ कर टेबल पे लेट गयी और मेरे पैर साढ़े-चार इंच ऊँची हील के सैंडल पहने होने से आसानी से फ़्लोर पे लग गये। एस-के खुद टेबल के साईड में खड़ा हो कर मेरे जिस्म पे ठंडी ठंडी चॉकलेट आईस ख्रीम डालने लगा। ठंडी आईस क्रीम जिस्म पर लगते ही सारे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया और मज़ा आने लगा। एस-के ने सारी क्रीम मेरे जिस्म पे डाल दी और मेरे जिस्म पे मलने लगा। चूत पे कुछ ज़्यादा ही क्रीम डाली। गरम चूत पे ठंडी क्रीम बहुत अच्छी लग रही थी और गरम चूत पे ठंडी आईस क्रीम पड़ते ही चूत की गर्मी से पिघलने लगी।
चूचियों पे आईस क्रीम डाल कर वो मसलता और दबाता रहा। मेरा तो आने वाली चुदाई का सोच के ही चूत में से जूस निकलने लगा। जब सारे जिस्म पे क्रीम फैला दी तो अब एस-के मेरे जिस्म को चाटने लगा। कुछ क्रीम मेरे मुँह पे भी लगा दी थी। पहले तो किस किया जिससे क्रीम हम दोनों के मुँह में भी गयी और मज़ा आने लगा। अब एस-के मेरे जिस्म को चाट रहा था। छूचियों को दोनों हाथों से पकड़ के मसल भी रहा था और चूस भी रहा था और आईस क्रीम के मज़े भी ले रहा था। एस-के मेरी दोनों टाँगों के बीच में खड़ा हुआ तो मेरी टाँगें खुद-ब-खुद उसके जिस्म के ऊपर कैंची बन गयीं और उसके जिस्म को अपनी टाँगों से पकड़ लिया। ऐसी पोज़िशन में उसके तने हुए लहराते लंड को देख कर मेरी चूत के मुँह में पानी आ गया। एस-के मेरी चूचियों को चूसता रहा और फिर मेरे नेवल के आसपस क्रीम डाल कर चाटता रहा। मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल हो गया था। मेरी साँसें गहरी हो गयी थीं। अब एस-के नीचे फ़्लोर पे बैठ गया और मेरी टाँगों और पैरों और सैंडलों से क्रीम चाटने लगा। फिर जब वो चूत पे से क्रीम चाटने लगा तो मैंने अपने पैर उसकी गर्दन पे डाल कर अपनी चूत में उसका मुँह खींच लिया और उसका सर पकड़ के चूत के ऊपर दबा दिया और उसके मुँह से अपनी चूत को रगड़ने लगी।
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ठंडी क्रीम चूत के अंदर बहुत अच्छी लग रही थी। उसकी जीभ चूत के अंदर, ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर होने लगी। मेरी आँखें बंद होने लगीं और मैं मस्ती मैं आ गयी और मेरी चूत के अंदर से जूस रेडी हो गया तो मैंने उसके सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत से रगड़ दिया। उसके दाँत मेरी चूत और क्लीटोरिस से लगते ही मैं झड़ने लगी और जैसे-जैसे मेरी चूत में से जूस निकलने लगा, मैं उतनी ही तेज़ी से उनके सर को पकड़े उनके मुँह पे अपनी चूत रगड़ती रही। थोड़ी देर के बद मेरा झड़ना बंद हुआ तो मैंने कहा, “एस-के अब बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज़ चोद डालो ना अब, कल से तड़प रही हूँ मैं तुम्हारे लंड के लिये।“ एस-के ने कुछ और आईस क्रीम मेरी चूत में लगायी उठ कर खड़ा हुआ और अपने लंड के सुपाड़े को चूत के सुराख में टिका कर मेरे ऊपर झुक गया और मेरी चूचियों को चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे कंधों को पकड़ कर अपनी गाँड हिला-हिला कर लंड को चूत के अंदर बाहर करता रहा। फिर वो थोड़ा सा सीधा हुआ पर उसका लंड चूत के आधा ही अंदर रहा। उसने बहुत सारी क्रीम अपने लंड पे डाल दी और एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरे मुँह से चींख निकल गयी “आआआआईईईईईई ईंईंईंईं”, और फचक-फचक की आवाज़ से उसका इतना बड़ा, मोटा ताज़ा लंड मेरी गीली चूत में आईस क्रीम के साथ घुस गया। अब फिर से वो मुझ पे झुक गया और मेरे बगल के नीचे से हाथ डाल के मेरे कंधों को पकड़ लिया और चुदाई शुरू कर दी। लंड अंदर-बाहर हो रहा था। इतना मोटा लंबा लोहे जैसा सख्त लंड छोटी सी चूत मे घुसता तो चूत के लिप्स भी लंड के साथ अंदर तक घुस जाते और फिर लंड के साथ ही बाहर निकल आते। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
एस-के नीचे फ़्लोर पे खड़ा था और अपने पैरों की ग्रिप लेकर पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, “आआआआआहहहहहह बबब..बहुत ममम...मज़ाआआआ आआआआ रहा....आआआ है..... आआआईंईंईं ऐसे ही चोदो..... ऊऊऊफफफ आआआहहहह यूऊऊऊ आर वंदर फुलललल आआआआहहहहह ऐसे ही ओओओओओहहहह।“ वो पूरा लंड, सुपाड़े तक बाहर निकाल-निकाल कर चोद रहा था। बेइंतेहा मज़ा आ रहा था। एस-के के लंबा मोटा लंड मेरी बच्चे दानी को हिट कर रहा था जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था। मेरे पैर उसकी बैक पे लिपटे हुए थे और मैं उसकी गाँड को पकड़ के चुदाई के मज़े ले रही थी। वो एक बार फिर थोड़ी और क्रीम अपने लंड पे डाल के चोदने लगा और अब उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी थी। मैंने अपने पैर उसकी बैक से हटा कर नीचे फ्लोर पे टिका दिये और सैंडल की हील्स को ज़मीन पे गड़ा कर अपने चूतड़ उठा-उठा कर उससे चुदवाने लगी। एस-के ने फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा कि मेरे मुँह से फिर से चींख निकल गयी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत फिर से फट गयी हो और सारा कमरा गोल-गोल घूमने लगा। मेरे आई बॉल्स ऊपर चड़ गये और मेरी ग्रिप एस-के के जिस्म पे टाइट हो गयी और मैंने उसको ज़ोर से पकड़ लिया। वो बहुत तेज़ी से और ज़ोर से चोद रहा था। उसका लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर मुझे फूलता हुआ महसूस हुआ और उसने फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरी बच्चे दानी में हलचल होने लगी और उस के साथ ही एस-के के लंड में से गाढ़ी-गाढ़ी थिक क्रीम के फुव्वारे निकलने लगे। मैं एस-के से ज़ोर से लिपटी रही और मेरी ग्रिप टाइट थी। अब उसके धक्के स्लो होने लगे और मुझे लग रहा था जैसे मेरी चूत के मसल एस-के के लंड को जैसे निचोड़ रहे हों और जैसे उसके लंड से निकली हुई क्रीम की एक एक बूँद को चूत के अंदर लेना चाहती हो। उसकी क्रीम के साथ ही मेरा जूस भी निकलने लगा और हम दोनों के क्रीम से मेरी चूत लबालब भर गयी।
थोड़ी देर तक एस-के मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और अपने लंड को चूत के अंदर ही रहने दिया। जब हम दोनों की साँसें थोड़ी ठीक हुई तो एस-के ने अपना लंड मेरी बहती हुई चूत से बाहर निकाल लिया और फौरन ही पलट के मेरे मुँह की तरफ़ अपना लंड कर दिया, जिसमें से हम दोनों की क्रीम टपक रही थी। मैंने फौरन ही अपना मुँह खोल दिया और उसके लंड को चूसने लगी और दोनों की मिली मलाई का लेने लगी। मैंने डिब्बे से थोड़ी आईस क्रीम निकाल के एस-के के लंड पे लगाई और चूसने लगी। आआहहह क्या मज़ा आ रहा था, ऐसी आईस क्रीम पहली दफ़ा खा रही थी जिसपर आईस कि क्रीम के साथ हम दोनों की लंड और चूत की क्रीम भी थी। मैं चोको -बार की तरह से चूस रही थी उसका मोटा लंड। अब उसका लंड फिर से अकड़ गया था और मेरे मुँह में फूलने लगा था। मेरी चूत में से भी जूस निकलना शुरू हो गया था। एस-के ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। अब वो जोश में मेरे मुँह को चोद रहा था और चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। मेरी क्लीटोरिस पे उसकी उंगली की रगड़ से मैं झड़ने लगी। एस-के मेरे मुँह को चोद रहा था। उसका इतना मोटा, लंबा लंड का सुपाड़ा मेरे हलक में टक्कर मार रहा था। मेरा जूस लगातार निकल रहा था और मैं उसी मस्ती में एस-के का लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और वो अपनी गाँड हिला-हिला कर अपना लंड पूरा बाहर निकाल-निकाल कर मेरे मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा। मेरा तो दम ही घुटने लगा था और फिर थोड़ी ही देर में मेरे मुँह की चुदाई की स्पीड बढ़ गयी और उसके लंड के सुराख में से क्रीम के फुव्वारे निकल-निकल के मेरे हलक में डायरेक्ट उतरने लगे। मुझे लगा जैसे तकरीबन एक कप जितना गाढ़ा-गाढ़ा निकला होगा और मैं उसके लंड की सारी मलाई मज़े से खा गयी। उसके लंड से क्रीम निकलते ही मेरी चूत फिर से झड़ने लगी और मैं अपनी गाँड उठा के चूत उसके हाथ से रगड़वाने लगी। जब दोनों की मलाई निकल गयी तो दोनों शाँत हो गये। मैं बेदम हो कर वहीं लेटी रही और एस-के नीचे फ़्लोर पे लुढ़क गया। दोनों गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनों की आँखें बंद हो गयी थी।
एस-के नीचे फ़्लोर पे खड़ा था और अपने पैरों की ग्रिप लेकर पूरी ताकत से मुझे चोद रहा था। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी, “आआआआआहहहहहह बबब..बहुत ममम...मज़ाआआआ आआआआ रहा....आआआ है..... आआआईंईंईं ऐसे ही चोदो..... ऊऊऊफफफ आआआहहहह यूऊऊऊ आर वंदर फुलललल आआआआहहहहह ऐसे ही ओओओओओहहहह।“ वो पूरा लंड, सुपाड़े तक बाहर निकाल-निकाल कर चोद रहा था। बेइंतेहा मज़ा आ रहा था। एस-के के लंबा मोटा लंड मेरी बच्चे दानी को हिट कर रहा था जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था। मेरे पैर उसकी बैक पे लिपटे हुए थे और मैं उसकी गाँड को पकड़ के चुदाई के मज़े ले रही थी। वो एक बार फिर थोड़ी और क्रीम अपने लंड पे डाल के चोदने लगा और अब उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ गयी थी। मैंने अपने पैर उसकी बैक से हटा कर नीचे फ्लोर पे टिका दिये और सैंडल की हील्स को ज़मीन पे गड़ा कर अपने चूतड़ उठा-उठा कर उससे चुदवाने लगी। एस-के ने फिर एक इतनी ज़ोर से झटका मारा कि मेरे मुँह से फिर से चींख निकल गयी। मुझे लगा जैसे मेरी चूत फिर से फट गयी हो और सारा कमरा गोल-गोल घूमने लगा। मेरे आई बॉल्स ऊपर चड़ गये और मेरी ग्रिप एस-के के जिस्म पे टाइट हो गयी और मैंने उसको ज़ोर से पकड़ लिया। वो बहुत तेज़ी से और ज़ोर से चोद रहा था। उसका लंड मेरी छोटी सी चूत के अंदर मुझे फूलता हुआ महसूस हुआ और उसने फिर एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरी बच्चे दानी में हलचल होने लगी और उस के साथ ही एस-के के लंड में से गाढ़ी-गाढ़ी थिक क्रीम के फुव्वारे निकलने लगे। मैं एस-के से ज़ोर से लिपटी रही और मेरी ग्रिप टाइट थी। अब उसके धक्के स्लो होने लगे और मुझे लग रहा था जैसे मेरी चूत के मसल एस-के के लंड को जैसे निचोड़ रहे हों और जैसे उसके लंड से निकली हुई क्रीम की एक एक बूँद को चूत के अंदर लेना चाहती हो। उसकी क्रीम के साथ ही मेरा जूस भी निकलने लगा और हम दोनों के क्रीम से मेरी चूत लबालब भर गयी।
थोड़ी देर तक एस-के मेरे ऊपर ऐसे ही लेटा रहा और अपने लंड को चूत के अंदर ही रहने दिया। जब हम दोनों की साँसें थोड़ी ठीक हुई तो एस-के ने अपना लंड मेरी बहती हुई चूत से बाहर निकाल लिया और फौरन ही पलट के मेरे मुँह की तरफ़ अपना लंड कर दिया, जिसमें से हम दोनों की क्रीम टपक रही थी। मैंने फौरन ही अपना मुँह खोल दिया और उसके लंड को चूसने लगी और दोनों की मिली मलाई का लेने लगी। मैंने डिब्बे से थोड़ी आईस क्रीम निकाल के एस-के के लंड पे लगाई और चूसने लगी। आआहहह क्या मज़ा आ रहा था, ऐसी आईस क्रीम पहली दफ़ा खा रही थी जिसपर आईस कि क्रीम के साथ हम दोनों की लंड और चूत की क्रीम भी थी। मैं चोको -बार की तरह से चूस रही थी उसका मोटा लंड। अब उसका लंड फिर से अकड़ गया था और मेरे मुँह में फूलने लगा था। मेरी चूत में से भी जूस निकलना शुरू हो गया था। एस-के ने मेरी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया। अब वो जोश में मेरे मुँह को चोद रहा था और चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था। मेरी क्लीटोरिस पे उसकी उंगली की रगड़ से मैं झड़ने लगी। एस-के मेरे मुँह को चोद रहा था। उसका इतना मोटा, लंबा लंड का सुपाड़ा मेरे हलक में टक्कर मार रहा था। मेरा जूस लगातार निकल रहा था और मैं उसी मस्ती में एस-के का लंड ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी और वो अपनी गाँड हिला-हिला कर अपना लंड पूरा बाहर निकाल-निकाल कर मेरे मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा। मेरा तो दम ही घुटने लगा था और फिर थोड़ी ही देर में मेरे मुँह की चुदाई की स्पीड बढ़ गयी और उसके लंड के सुराख में से क्रीम के फुव्वारे निकल-निकल के मेरे हलक में डायरेक्ट उतरने लगे। मुझे लगा जैसे तकरीबन एक कप जितना गाढ़ा-गाढ़ा निकला होगा और मैं उसके लंड की सारी मलाई मज़े से खा गयी। उसके लंड से क्रीम निकलते ही मेरी चूत फिर से झड़ने लगी और मैं अपनी गाँड उठा के चूत उसके हाथ से रगड़वाने लगी। जब दोनों की मलाई निकल गयी तो दोनों शाँत हो गये। मैं बेदम हो कर वहीं लेटी रही और एस-के नीचे फ़्लोर पे लुढ़क गया। दोनों गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनों की आँखें बंद हो गयी थी।
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