"pleased to meet you.",viren sahay ne apna hath aage badhaya to kamini
ne us se hath milate hue bade thandepan se jawab diya.thodi der dono
mard baate karte rahe fir kamini & shatrujeet common room me aa gaye &
coffee & kuchh khane ka order deke 1 table pe baith gaye,"tum ise
kaise jante ho,jeet?"
"barso pehle main 6 mahine ke liye paris gaya tha,hum apni cement
company me kuchh badlav lana chahte the,usi silsile me.pitaji sahay
parivar ko achhe se jante the..ye Sahay Estate ke..-"
"..-malik Suren Sahay ka chhota bhai hai,pata hai."
"to pitaji ne inhe mere bare me bataya,fir inhone meri bahut madad ki
thi.mujhse umra me to kafi bade hain magar humesha 1 dost ki tarah hi
bartav kiya hai mere sath.bahut achhe insan hain."
"mujhe to pakka badtamiz lagta hai..",& kamini ne use us se takrane
vali dono ghatnayo ke bare me bataya.
"haa..haa..haa..!",shatrujeet hansne laga.waiter coffee rakh gaya
tha,kamini ne uska 1 ghunt bhara,"achha!to unhone hi tumhari dress
kharab kar di thi.unka to shukriya ada karna padega!"
"kyu?",kamini ne cup neeche rakha.
"isi bahane tumhe chhedne ka mauka to mil gaya."
"mujhe chhedne ke liye tumhe kisi aur ke sahare ki zarurat
hai?!",kamini ne shokhi se kaha to shatrujeet ki aankho me bhi
shararat bhar gayi.dono jante the ki kayi dino baad aaj ki raat fir
vahi purano dino jaisi nashili & madhoshi bhari hone vali hai.
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kramashah.........
Badla बदला compleet
Re: Badla बदला
गतान्क से आगे...
"ये देखो..",शत्रुजीत के बेडरूम के कार्पेट पे बैठी कामिनी केबाज़ू मे
बैठते हुए उसने 1 आल्बम उसे थमाया,"..ये है वीरेन जी & मेरी तस्वीरे जब
हम पॅरिस मे थे.",कामिनी ने आल्बम हाथ मे लेके तस्वीरो पे नज़र
डाली.गर्दन तक लंबे,घुंघराले बालो वाला वीरेन 1 हॅंडसम शख्स था.उसका कद
शत्रुजीत के बराबर ही था & बदन भी इकहरा था.कामिनी ने आज क्लब मे देखे
वीरेन से उस तस्वीर के वीरेन को मिलाया तो उसे लगा की कोई ज़्यादा फ़र्क
नही था..इतने सालो के बाद भी अगर कोई शख्स वैसे का वैसा दिखता हो इसका
मतलब है कि वो अपना पूरा ख़याल रखता होगा.
कामिनी आल्बम के पन्ने पलट रही थी की तभी गर्दन के पीछे उसे शत्रुजीत के
होंठो की तपिश महसूस हुई.उसकी बाई तरफ बैठा शत्रुज्तीत उसे अपनी बाहो मे
घेर रहा था,"ओफ्फो!पहले ज़रा तस्वीरो के बारे मे तो बताओ.."
"क्या बताना है..",शत्रुज्तीत ने बाहो के घेरे को कसते हुए आल्बम को उसकी
गोद से हटाया & उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमाया.उसकी आँखो से उसके जिस्म
की हसरत टपक रही थी,"..तस्वीरो मे तो सब दिख ही रहा है.",&उसने उसके
गुलाबी लबो पे अपने लब कस दिया.कामिनी भी सब भूल के उसकी बाहो मे और सिमट
के उसके करीब आ गयी & उसकी किस का जवाब देने लगी.
बीवी की मौत के बाद शत्रुजीत काफ़ी उदास हो गया था & ऐसा नही था कि उसके
बाद कामिनी उस से चुदी ना हो मगर दोनो के मिलन मे वो गर्मी नही रहती
थी.आज नंदिता की मौत के बाद पहली बार शत्रुज्तीत ने उसे पहले जैसी
गर्मजोशी के साथ अपनी बाहो मे भरा था.उसके होंठो को छ्चोड़ वो अब उसकी
ठुड्डी को चूम रहा था,कामिनी ने भी अपना सर पीछे झुका लिया था.
शत्रुजीत के हाथ उसके कंधो से उसकी ड्रेस के स्ट्रॅप्स को नीचे सरका रहे
थे.कामिनी ने भी कंधे थोडा मोड़ा तो स्टारप्स खुद बा खुद थोड़े ढीले हो
गये & फ़ौरन उसकी बाहो से नीचे उतार दिए गये.शत्रुजीत उसकी ठुड्डी से
उसकी गर्दन पे आया & फिर उसके मखमली कंधे उसके जलते होंठो की तपन महसूस
करने लगे.
कामिनी की मंद आहो की आवाज़ आनी शुरू हो गयी थी & वो अब अपने प्रेमी की
पीठ सहला रही थी,"सस्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्ररर.....",शत्रुजीत ने उसकी पीठ
पे उसके ड्रेस के ज़िप को नीचे कर दिया था & अब उसके हाथ उसकी पीठ पे चल
रहे थे.कामिनी ने भी बेचैनी से उसकी शर्ट को उसकी पॅंट से खींचा & अलग
होते हुए उसे 1 झटके मे उसकी गर्दन से निकाल दिया & फिर उसके बालो भरे
सीने पे टूट पड़ी.शत्रुजीत पलंग से टेक लगाके बैठ गया & कामिनी उसके सीने
को चूमने लगी.उसके नाख़ून उसके निपल्स के किनारो को कुरेद रहे थे & जीभ
उनकी नोक को,"आआहह..!",प्रेमिका की ऐसी कामुक हर्कतो ने शत्रुजीत को भी
बेचैन कर दिया.
कामिनी उसके निपल्स से उसकी बालो की लकीर पे चलती हुई नीचे जाने लगी &
उसकी नाभि पे पहुँच 1 बार उसमे अपनी जीभ चलाई,शत्रुजीत के लिए ये नया
एहसास था & वो और जोश मे आ गया & कामिनी के बालो मे हाथ फिराने
लगा.कामिनी ने उसकी पॅंट खोली & उसके तने 9 इंच के लंड को बाहर
निकाला..कितने दीनो बाद उसने उसका दीदार किया था..अपनी मुट्ठी उसपे कसते
हुए उसने अपनी जीभ की नोक से लंड के छेद को च्छुआ तो शत्रुजीत के मुँह से
तेज़ आह निकली & उसने अपनी कमर उपर उचकाई.
कामिनी ने हाथो से उसके जाँघो को दबा के उसकी तरफ देखा मानो कह रही हो की
सब्र रखो.उसकी ढीली ड्रेस उसके सीने के नीचे हो गयी थी & काले ब्रा मे
कसी उसकी गोरी चूचिया दिख रही थी.कामिनी ने शत्रुजीत की पॅंट खींच के
निकाल दी,अब वो पूरा नंगा था,फिर वो उसके लंड पे झुक गयी & उसे मुँह मे
भर लिया.शत्रुजीत की आँखे मज़े मे बंद हो गयी & उसने उसके सर को थाम
लिया.कामिनी अपनी मुट्ठी मे जकड़े लंड को अब पूरी तरह से मुँह मे भर के
चूस रही थी.अरसे बाद शत्रुजीत ने उसकी ज़ुबान को अपने लंड पे महसूस किया
था & वो मज़े मे पागल हो रहा था.
"ये देखो..",शत्रुजीत के बेडरूम के कार्पेट पे बैठी कामिनी केबाज़ू मे
बैठते हुए उसने 1 आल्बम उसे थमाया,"..ये है वीरेन जी & मेरी तस्वीरे जब
हम पॅरिस मे थे.",कामिनी ने आल्बम हाथ मे लेके तस्वीरो पे नज़र
डाली.गर्दन तक लंबे,घुंघराले बालो वाला वीरेन 1 हॅंडसम शख्स था.उसका कद
शत्रुजीत के बराबर ही था & बदन भी इकहरा था.कामिनी ने आज क्लब मे देखे
वीरेन से उस तस्वीर के वीरेन को मिलाया तो उसे लगा की कोई ज़्यादा फ़र्क
नही था..इतने सालो के बाद भी अगर कोई शख्स वैसे का वैसा दिखता हो इसका
मतलब है कि वो अपना पूरा ख़याल रखता होगा.
कामिनी आल्बम के पन्ने पलट रही थी की तभी गर्दन के पीछे उसे शत्रुजीत के
होंठो की तपिश महसूस हुई.उसकी बाई तरफ बैठा शत्रुज्तीत उसे अपनी बाहो मे
घेर रहा था,"ओफ्फो!पहले ज़रा तस्वीरो के बारे मे तो बताओ.."
"क्या बताना है..",शत्रुज्तीत ने बाहो के घेरे को कसते हुए आल्बम को उसकी
गोद से हटाया & उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमाया.उसकी आँखो से उसके जिस्म
की हसरत टपक रही थी,"..तस्वीरो मे तो सब दिख ही रहा है.",&उसने उसके
गुलाबी लबो पे अपने लब कस दिया.कामिनी भी सब भूल के उसकी बाहो मे और सिमट
के उसके करीब आ गयी & उसकी किस का जवाब देने लगी.
बीवी की मौत के बाद शत्रुजीत काफ़ी उदास हो गया था & ऐसा नही था कि उसके
बाद कामिनी उस से चुदी ना हो मगर दोनो के मिलन मे वो गर्मी नही रहती
थी.आज नंदिता की मौत के बाद पहली बार शत्रुज्तीत ने उसे पहले जैसी
गर्मजोशी के साथ अपनी बाहो मे भरा था.उसके होंठो को छ्चोड़ वो अब उसकी
ठुड्डी को चूम रहा था,कामिनी ने भी अपना सर पीछे झुका लिया था.
शत्रुजीत के हाथ उसके कंधो से उसकी ड्रेस के स्ट्रॅप्स को नीचे सरका रहे
थे.कामिनी ने भी कंधे थोडा मोड़ा तो स्टारप्स खुद बा खुद थोड़े ढीले हो
गये & फ़ौरन उसकी बाहो से नीचे उतार दिए गये.शत्रुजीत उसकी ठुड्डी से
उसकी गर्दन पे आया & फिर उसके मखमली कंधे उसके जलते होंठो की तपन महसूस
करने लगे.
कामिनी की मंद आहो की आवाज़ आनी शुरू हो गयी थी & वो अब अपने प्रेमी की
पीठ सहला रही थी,"सस्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्ररर.....",शत्रुजीत ने उसकी पीठ
पे उसके ड्रेस के ज़िप को नीचे कर दिया था & अब उसके हाथ उसकी पीठ पे चल
रहे थे.कामिनी ने भी बेचैनी से उसकी शर्ट को उसकी पॅंट से खींचा & अलग
होते हुए उसे 1 झटके मे उसकी गर्दन से निकाल दिया & फिर उसके बालो भरे
सीने पे टूट पड़ी.शत्रुजीत पलंग से टेक लगाके बैठ गया & कामिनी उसके सीने
को चूमने लगी.उसके नाख़ून उसके निपल्स के किनारो को कुरेद रहे थे & जीभ
उनकी नोक को,"आआहह..!",प्रेमिका की ऐसी कामुक हर्कतो ने शत्रुजीत को भी
बेचैन कर दिया.
कामिनी उसके निपल्स से उसकी बालो की लकीर पे चलती हुई नीचे जाने लगी &
उसकी नाभि पे पहुँच 1 बार उसमे अपनी जीभ चलाई,शत्रुजीत के लिए ये नया
एहसास था & वो और जोश मे आ गया & कामिनी के बालो मे हाथ फिराने
लगा.कामिनी ने उसकी पॅंट खोली & उसके तने 9 इंच के लंड को बाहर
निकाला..कितने दीनो बाद उसने उसका दीदार किया था..अपनी मुट्ठी उसपे कसते
हुए उसने अपनी जीभ की नोक से लंड के छेद को च्छुआ तो शत्रुजीत के मुँह से
तेज़ आह निकली & उसने अपनी कमर उपर उचकाई.
कामिनी ने हाथो से उसके जाँघो को दबा के उसकी तरफ देखा मानो कह रही हो की
सब्र रखो.उसकी ढीली ड्रेस उसके सीने के नीचे हो गयी थी & काले ब्रा मे
कसी उसकी गोरी चूचिया दिख रही थी.कामिनी ने शत्रुजीत की पॅंट खींच के
निकाल दी,अब वो पूरा नंगा था,फिर वो उसके लंड पे झुक गयी & उसे मुँह मे
भर लिया.शत्रुजीत की आँखे मज़े मे बंद हो गयी & उसने उसके सर को थाम
लिया.कामिनी अपनी मुट्ठी मे जकड़े लंड को अब पूरी तरह से मुँह मे भर के
चूस रही थी.अरसे बाद शत्रुजीत ने उसकी ज़ुबान को अपने लंड पे महसूस किया
था & वो मज़े मे पागल हो रहा था.
Re: Badla बदला
कामिनी को तो जैसे ये एहसास ही नही था की शत्रुजीत का बाकी जिस्म भी वाहा
है.वो अपने घुटनो पे बैठे झुकी हुई उसके आंडो को हाथो मे भरके दबाते हुए
उसके लंड के सूपदे को जीभ से छेद रही थी.शत्रुजीत के लिए अब सहना मुश्किल
था,उसनेकामिनी के बाल पकड़ के उसका सर लंड से उठाया & फिर उसके कंधे पकड़
उसे अपने उपर ले बाहो मे भर के चूमने लगा.उसके हाथ उसकी पीठ पे आए & ब्रा
के हुक्स को खोल दिया.
थोड़ी हिदेर मे कामिनी की ड्रेस,ब्रा & पॅंटी कमरे के 1 कोने मे फेंके
हुए थे & वो कालीन पे लेटी हुई थी & उसका प्रेमी उसके उपर चढ़ उसकी मोटी
छातियो को दबाते हुए चूस रहा था.चंद्रा साहब भी उसे पूरी शिद्दत से
चोद्ते थे मगर जो बात शत्रुजीत की चुदाई मे थी वो कामिनी ने अब तक किसी
और के साथ महसूस नही की थी.शत्रुजीत उसकी चूचियो को अपने सख़्त हाथो मे
मसले जा रहा था & उनके निपल्स को लगातार चूस रहा था.
कामिनी अब पूरी तरह से मस्त हो गयी थी.उसने उसे पलटा & उसके उपर सवार हो
उसे चूमने लगी.कुच्छ देर चूमने के बाद शत्रुजीत ने उसकी कमर पकड़ के उसे
उपर उठाया & 1 बार फिर उसकी चूचिया उसके मुँह मे
थी,"..हाइईइ.....!",शत्रुजीत ने हल्के से उसकी बाई चूची पे काट लिया
था.शत्रुजीत ने बाहो मे भर के उसके निपल को चूस्ते हुए करवट ली & 1 बार
फिर कामिनी उसके नीचे थी.काफ़ी देर तक निप्पल को चूसने के बाद वो नीचे
जाने लगा.कामिनी के चेहरे पे मुस्कान खिल गयी..बहुत जल्द उसकी प्यासी चूत
मे वो अपनी जीभ फिराएगा..इस ख़याल से उसकी चूत ने कुच्छ ज़्यादा ही पानी
छ्चोड़ना शुरू कर दिया.
शत्रुजीत उसके गोल पेट को चूम रहा था,उसकी उंगली कामिनी की नाभि की
गहराइयो मे घूम रही थी & उसके होंठ उसके आस-पास उसके पेट पे.कामिनी अब
उसके बालो को पकड़ के खींचे जा रही थी.शत्रुजीत और नीचे हुआ & उसकी
गोरी,भारी जाँघो को चूमने लगा,उसने उन्हे फैलाया & उनके बीच लेट के उसकी
चूत के ठीक उपर उसके पेट के निचले हिस्से पे चूमने
लगा,"ऊन्न्ह्ह..!",कामिनी मस्त हो उसके सर को पकड़ नीचे धकेलने लगी,उसकी
चूत मे आग लगी हुई थी & शत्रुजीत को मानो कोई परवाह ही नही थी!
शत्रुजीत उस से बेपरवाह बस वही पे चूमे जा रहा था & कामिनी बेचैन हुए जा
रही थी.उसने उसका सर कुच्छ मज़बूती से पकड़ के नीचे ठेला,"..आन्न
जीत...क्यू तड़पाते हो...?..नीचे जाओ ना.."
"नीचे कहा मेरी जान?",शत्रुजीत ने भोलेपन का नाटक किया.
जवाब मे कामिनी ने अपनी कमर उपर उचकाई & उसके सर को पकड़ के अपनी चूत पे
भींच दिया.शत्रुजीत ने उसकी जाँघो को अपने कंधो पे रखा & अपनी ज़ुबान
उसकी चूत से लगा
दी,"..आअननह.....हान्न्न्न्न...ऐसे..ही...हाइईईईईईई....राआअम्म्म्म्म्म......!",शत्रुजीत
की जीभ बिजली की तेज़ी से उसके दाने पे चल रही थी & कामिनी मस्ती मे पागल
हो झाड़ रही थी.शत्रुजीत ने 1 उंगली उसकी चूत मे घुसा दी & इतनी तेज़ी से
अंदर-बाहर करना शुरू किया की 1 बार झड़ने के बावजूद कामिनी फ़ौरन फिर से
मस्त हो गयी.अब शत्रुजीत उसके दाने को चाटते हुए उसकी चूत को उंगली से
मार रहा था & कामिनी इस दोहरे हमले को बिल्कुल भी नही झेल पा रही थी.उसकी
गरम साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी & गुलाबी होंठ खुले हुए थे मगर उनसे कोई
आवाज़ नही आ रही थी.
अचानक वो बहुत तेज़ी से कमर उचकाने लगी & उसने शत्रुजीत के सर को अपनी
चूत पे बिल्कुल दबा दिया.शत्रुजीत समझ गया था की वो फिर से झाड़ रही
है,उसने फ़ौरन अपना मुँह उसकी चूत से उठाया & उपर होता हुए उसकी टाँगो को
अपने कंधो पे चढ़ा के 1 ही झटके मे अपना तना लंड उसकी चूत मे पूरा का
पूरा घुसा दिया,"हाआआआईयईईईईईईईईईईईई........!"
कामिनी की चीख कमरे मे गूँज उठी,इस लंड से ना जाने वो कितनी बार चूदी थी
मगर इधर काफ़ी दीनो से उसने इसका स्वाद नही चखा था.कुच्छ इस वजह & कुच्छ
उसकी चूत के कुद्रति कसाव ने उसे दर्द महसूस कराया मगर इस दर्द मे भी 1
अलग ही मज़ा था.उसकी टाँगे उसके प्रेमी के कंधो पे थी & गंद हवा मे उठ सी
गयी थी & ऐसी हालत मे शत्रुजीत का लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुसा हुआ था &
उसके धक्के भी बड़े गहरे लग रहे थे.अपने हाथो पे अपने बदन का वजन संभाले
शत्रुजीत के 5-6 ही धक्को मे कामिनी की चूत ने हथियार डाल दिए & वो झाड़
गयी लेकिन ये तो बस शुरुआत थी.
है.वो अपने घुटनो पे बैठे झुकी हुई उसके आंडो को हाथो मे भरके दबाते हुए
उसके लंड के सूपदे को जीभ से छेद रही थी.शत्रुजीत के लिए अब सहना मुश्किल
था,उसनेकामिनी के बाल पकड़ के उसका सर लंड से उठाया & फिर उसके कंधे पकड़
उसे अपने उपर ले बाहो मे भर के चूमने लगा.उसके हाथ उसकी पीठ पे आए & ब्रा
के हुक्स को खोल दिया.
थोड़ी हिदेर मे कामिनी की ड्रेस,ब्रा & पॅंटी कमरे के 1 कोने मे फेंके
हुए थे & वो कालीन पे लेटी हुई थी & उसका प्रेमी उसके उपर चढ़ उसकी मोटी
छातियो को दबाते हुए चूस रहा था.चंद्रा साहब भी उसे पूरी शिद्दत से
चोद्ते थे मगर जो बात शत्रुजीत की चुदाई मे थी वो कामिनी ने अब तक किसी
और के साथ महसूस नही की थी.शत्रुजीत उसकी चूचियो को अपने सख़्त हाथो मे
मसले जा रहा था & उनके निपल्स को लगातार चूस रहा था.
कामिनी अब पूरी तरह से मस्त हो गयी थी.उसने उसे पलटा & उसके उपर सवार हो
उसे चूमने लगी.कुच्छ देर चूमने के बाद शत्रुजीत ने उसकी कमर पकड़ के उसे
उपर उठाया & 1 बार फिर उसकी चूचिया उसके मुँह मे
थी,"..हाइईइ.....!",शत्रुजीत ने हल्के से उसकी बाई चूची पे काट लिया
था.शत्रुजीत ने बाहो मे भर के उसके निपल को चूस्ते हुए करवट ली & 1 बार
फिर कामिनी उसके नीचे थी.काफ़ी देर तक निप्पल को चूसने के बाद वो नीचे
जाने लगा.कामिनी के चेहरे पे मुस्कान खिल गयी..बहुत जल्द उसकी प्यासी चूत
मे वो अपनी जीभ फिराएगा..इस ख़याल से उसकी चूत ने कुच्छ ज़्यादा ही पानी
छ्चोड़ना शुरू कर दिया.
शत्रुजीत उसके गोल पेट को चूम रहा था,उसकी उंगली कामिनी की नाभि की
गहराइयो मे घूम रही थी & उसके होंठ उसके आस-पास उसके पेट पे.कामिनी अब
उसके बालो को पकड़ के खींचे जा रही थी.शत्रुजीत और नीचे हुआ & उसकी
गोरी,भारी जाँघो को चूमने लगा,उसने उन्हे फैलाया & उनके बीच लेट के उसकी
चूत के ठीक उपर उसके पेट के निचले हिस्से पे चूमने
लगा,"ऊन्न्ह्ह..!",कामिनी मस्त हो उसके सर को पकड़ नीचे धकेलने लगी,उसकी
चूत मे आग लगी हुई थी & शत्रुजीत को मानो कोई परवाह ही नही थी!
शत्रुजीत उस से बेपरवाह बस वही पे चूमे जा रहा था & कामिनी बेचैन हुए जा
रही थी.उसने उसका सर कुच्छ मज़बूती से पकड़ के नीचे ठेला,"..आन्न
जीत...क्यू तड़पाते हो...?..नीचे जाओ ना.."
"नीचे कहा मेरी जान?",शत्रुजीत ने भोलेपन का नाटक किया.
जवाब मे कामिनी ने अपनी कमर उपर उचकाई & उसके सर को पकड़ के अपनी चूत पे
भींच दिया.शत्रुजीत ने उसकी जाँघो को अपने कंधो पे रखा & अपनी ज़ुबान
उसकी चूत से लगा
दी,"..आअननह.....हान्न्न्न्न...ऐसे..ही...हाइईईईईईई....राआअम्म्म्म्म्म......!",शत्रुजीत
की जीभ बिजली की तेज़ी से उसके दाने पे चल रही थी & कामिनी मस्ती मे पागल
हो झाड़ रही थी.शत्रुजीत ने 1 उंगली उसकी चूत मे घुसा दी & इतनी तेज़ी से
अंदर-बाहर करना शुरू किया की 1 बार झड़ने के बावजूद कामिनी फ़ौरन फिर से
मस्त हो गयी.अब शत्रुजीत उसके दाने को चाटते हुए उसकी चूत को उंगली से
मार रहा था & कामिनी इस दोहरे हमले को बिल्कुल भी नही झेल पा रही थी.उसकी
गरम साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी & गुलाबी होंठ खुले हुए थे मगर उनसे कोई
आवाज़ नही आ रही थी.
अचानक वो बहुत तेज़ी से कमर उचकाने लगी & उसने शत्रुजीत के सर को अपनी
चूत पे बिल्कुल दबा दिया.शत्रुजीत समझ गया था की वो फिर से झाड़ रही
है,उसने फ़ौरन अपना मुँह उसकी चूत से उठाया & उपर होता हुए उसकी टाँगो को
अपने कंधो पे चढ़ा के 1 ही झटके मे अपना तना लंड उसकी चूत मे पूरा का
पूरा घुसा दिया,"हाआआआईयईईईईईईईईईईईई........!"
कामिनी की चीख कमरे मे गूँज उठी,इस लंड से ना जाने वो कितनी बार चूदी थी
मगर इधर काफ़ी दीनो से उसने इसका स्वाद नही चखा था.कुच्छ इस वजह & कुच्छ
उसकी चूत के कुद्रति कसाव ने उसे दर्द महसूस कराया मगर इस दर्द मे भी 1
अलग ही मज़ा था.उसकी टाँगे उसके प्रेमी के कंधो पे थी & गंद हवा मे उठ सी
गयी थी & ऐसी हालत मे शत्रुजीत का लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुसा हुआ था &
उसके धक्के भी बड़े गहरे लग रहे थे.अपने हाथो पे अपने बदन का वजन संभाले
शत्रुजीत के 5-6 ही धक्को मे कामिनी की चूत ने हथियार डाल दिए & वो झाड़
गयी लेकिन ये तो बस शुरुआत थी.