मैं तेरा आशिक़

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rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 25 Dec 2014 08:58

jay wrote:graet story in making , please continue


dhanywad dost

rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 25 Dec 2014 09:01

मैं तेरा आशिक़--7

गतान्क से आगे………………………..

राज ने डॉली का गला पकड़ा और कहा पर तुम लकी हो सच में बहुत फिकर करती है तुम्हारी लेकिन अफ़सोस ऊन्हे तुम्हारे प्यार की ज़रा सी भनक नही लगी मैने तुम्हे मना किया था आइ वॉर्न्ड यू राज ने डॉली से कहा चलो डिन्नर करते है

डॉली रोने लगी आज वो कितनी बेसहारा थी इस बात का अंदाज़ा उसे आज लगा था

मा के दिल में भी डॉली का यू फोन करके जल्दी काट देना ऊन्हे कुछ हजम नही हुआ वो थोड़ी परेशान थी

रात के बारह बज गये डॉली अब भी सो रही थी कि तभी राज उसके पास आके लेट गया डॉली ने अपनी आँखें धीरे धीरे खोली और पीछे मुड़कर देखा राज सो रहा था

डॉली ने करीब 26 मिनिट तक वेट किया कि कब वो गहरी नींद में जाए और वो वहाँ से भाग सके डॉली धीरे से उठी राज के ख़र्राटों की आवाज़े उसे सॉफ सुनाई दे रही थी डॉली धीमे धीमे कदमो से पलंग से नीचे उतरी और दरवाजे के पास गयी और दरवाजा धीरे धीरे खोलना चाहा दरवाजे की एक डराती हुई आवाज़ ने तो लगभग डॉली को डरा दिया डॉली ने तुरंत गेट को थोड़ा तिरछा खोला और दबे कदमो से नीचे उतरने लगी वो बार बार पीछे पलट कर राज पर भी नज़र दौड़ा रही थी कि तभी राज का हाथ एकदम से बगल मे रखा जहाँ कुछ देर पहले डॉली सो रही थी पर खैर डॉली ने वहाँ पर तकिया रख दिया था डॉली की आँखें एक दम बड़ी हो गयी पर राज अब भी गहरी नींद में था डॉली सीडियो पर बैठकर नीचे उतरने लगी वो लगभग सारी सीडिया उतर गयी बिजलिया खड़कने लगी थी बारिश हो रही थी डॉली दबे पाओ चलते हुए घर के मैन गेट के पास आई तो दरवाजे पर एक बड़ा सा लॉक लटका पड़ा था डॉली के सारे खेल पर पानी फिर चुका था डॉली वही पर दुखी होकर रोने लगी तभी उसने सामने पड़े मेज़ की ओर देखा डॉली धीरे धीरे बढ़ती चली जा रही थी उसने धीरे धीरे कवर्ड खोला उसमे डॉली को फोन था डॉली ने तुरंत फोन लिया और अपने पास रख लिया तभी डॉली की नज़र खिड़की पर पड़ी डॉली झट से खिड़की के पास आई अपना पाओ उसने एक नीचे रखा और एक पाऊ सैंटर में उसने खिड़की की चितकनी को खोलना चाहा एकदम से खट करके खिड़की खुल गयी डॉली ने धीरे धीरे खिड़की खोली खिड़की खुलते ही डॉली नीचे बाहर की ओर देखने लगी जहाँ काफ़ी किचॅड था डॉली ने पीछे पलटकर एक बार देखा और ऊपर देखा आज जो भी वो करने वाली थी उसे करना था जल्द से जल्द करना था एकदम से डॉली नीचे कूद गयी वो सीधे किचॅड में फिसलते हुए अपने आपको रोका डॉली वहाँ से अब भाग सकती थी घना कोहरा उपर ठंड और बिजली को चमकते देख वो थोड़ी डर भी गयी पर उसके कदम ज़ोर ज़ोर से भागने लगे बरसात में वो भीग रही थी उसका सफेद नाइट गाउन अब गीला हो चुका था वो पास गयी और कार की तरफ बढ़ना चाहा तभी उसने वहाँ से भागना ही ठीक समझा कुत्तो की रोने की आवाज़ें चारो तरफ से आ रही थी वो भाग रही थी चप छाप की आवाज़ उसे डरा रही थी वो रोते रोते भाग रही थी छाप छाप जैसी किचॅड की आवाज़े उसे डरा रही थी बार बार पीछे पलट कर देखा पर वहाँ कोई नही था

तभी भागते हुए वो रास्तो पर चलने लगी नंगे पैर थे उसके वो बार बार पीछे मुड़कर देखे जा रही थी डॉली सड़क पर नंगे पैर चल रही थी उसकी बस एक ही आस थी काश उसे कोई कार वाला दिख जाए या कोई इंसान जिससे मदद माँग कर वो घर जा सकती थी डॉली का पैर एक काँटे पर पड़ गया डॉली की चीख ज़ोर दार निकली और वो रोड पर ही बैठ गयी उसके पाओ में काँटा चुभ गया था लकड़ी का काँटा

डॉली ने अपना हाथ काँटे तक लाई और उसे झट से पाओ से निकालने की कोशिश की पर दर्द ने उसके आँखो से आँसू ही निकाल दिये थे वो बार बार रो रही थी उसे अब भी एक लंबा सफ़र तय करना था वो पीछे पलट कर देख रही थी कहीं अगर राज को मेरे वहाँ ना होने का पता लगा तब वो और ख़ूँख़ार जानवर की तरह पागल हो जाएगा और उसे ढूढ़ता ढूंढता उस तक पहुच जाएगा

डॉली ने अपने पाओ को कस्के एक हाथ से पकड़ा और दूसरे ही पल उसने दूसरे हाथ से उस काँटे को पकड़ा और एक ज़ोर लगाते हुए उसने दाँत पे दाँत रखा और एकदम ज़ोर से काँटे को बाहर खिच लिया खच की आवाज़ के साथ काँटा उसके हाथ में था उसके पाओ से बहता खून अब रुकने का नाम ही नही ले रहा था उसने लड़की के काँटे को फैंका और खड़ी होने की कोशिश की उसके फिरसे भागने पर भागा नही जा रहा था उसने अपने दर्द को पी लिया और दर्द को छोड़ वो फिरसे भागने लगी खून उसके पूरे पाओ से आ रहा था लंगड़ाते हुए भागकर जंगल से निकल रही थी और तेज़ बिजलियो ने सिचुयेशन को और भी डरावना बना लिया था

rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 25 Dec 2014 09:01

तेज़ बिजलियो ने सिचुयेशन को और भी डरावना बना लिया था डॉली अबतक लंगड़ाते हुए पास ही एक पैड के नीचे जा बैठी उससे अब बिल्कुल भी चला नही जा रहा था उसे अपनी चोट की फिकर नही थी बल्कि उस खौफनाक जंगल से अभी लंबा रास्ता तय करना था बाहर निकलने तक वो एक पल भी वहाँ नही रुक सकी थी और ये कम्बख़्त बारिश तो जैसे उस पर तेज़ी से बिजलियाँ गिरा रही थी डॉली एक दम बादलो से ढक कर ऑरेंज कलर की दिख रही थी कभी ज़ोर से बादलो के टकराने से वो गड़गड़ाहट की आवाज़ें उसे बिल्कुल डरा चुकी थी

डॉली ने पीछे मुड़कर देखा बारिश और ठंड की बूँदो से कुछ सॉफ नज़र नही आ रहा था चारो तरफ अंधेरा था हर जगह एक एक बूँद गिरने से छाप छाप की आवाज़े आती मानो ऐसा लगता कि कोई उसकी तरफ बढ़ रहा है डॉली अब एक पल भी वहाँ नही बैठ सकती थी एक एक पल उसके लिए बहुत कीमती था

डॉली ने अपनी पाओ की चोट की परवाह करे बिना वहाँ से लंगड़ाते हुए तेज़ी से दौड़ने की कोशिश करने लगी तभी डॉली का पैर फिसला और एक चीख के साथ डॉली कीचड़ में जा गिरी डॉली के चेहरे पर किचॅड लग गया वो दर्द से रोने लगी उसकी सिसकारियाँ बढ़ चुकी थी बिजली की रोशनी हल्की हल्की उस पर पड़ रही थी डॉली ने पीछे पलट कर देखा कोई नही था डॉली ने उठने की कोशिश कि पाओ के दर्द के साथ साथ अब उसके सीने में भी चोट आई थी डॉली ने किसी तरीके से अपने आपको संभाला उसके हाथो में किचॅड लग गया था डॉली तुरंत रोड के साइड आई और वहाँ पर वो चिल्लाने लगी

डॉली – हेल्प हेल्प कोई मेरी मदद करो प्लीज़ हेल्प मे आआआअहह

रोने की सिसकारियो से डॉली के गले से आवाज़े नही निकल पा रही थी डॉली ने इधर उधर चारो तरफ देखा बरसात और घने कोहरे से कुछ दिख नही पाया तभी सामने से चमकती हुई रोशनी डॉली को दिखी डॉली की आँखो पर रोशनी पड़ी तो डॉली ने समझ लिया कि ये ज़रूर राज ही हो सकता वो पीछे पैड के पास जाके छुप गयी वो कार तेज़ी से पास आती दिखी कार कोई ब्लॅक कलर की थी और कार किसी और की थी

डॉली तुरंत रोड के पास आकर हाथो का इशारा करने लगी तभी कार सामने आके रुकी और उस में बैठे शक्स ने खिड़की खोली डॉली तुरंत कार के पास आई और कहा प्लीज़ मुझे बचा लो मेरे पीछे वो लगा है वो मुझे मार डालेगा वो एक सनकी पागल है हे ईज़ ए मेनिक आइ डॉन’ट नो मैं उसके जाल में कैसे फस गयी

डॉली बोले जा रही थी तभी उस शक्स ने अपने आँखो से चश्मा हटाकर कहा वेट वेट कॅम डाउन प्लीज़ काम डाउन वो झट से बाहर निकला और डॉली ने उसको पकड़ लिया और कहा प्लीज़ मुझे बचा लो प्लीज़ प्लीज़ मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू वो मुझे मार डालेगा डॉली रोने लगी उसके आँखो से बहते आँसू ये सॉफ ज़ाहिर कर रहे थे उसने काफ़ी दुख झेले है

शॅक्स ने कहा ऑलराइट ऑलराइट प्लीज़ आओ मेरे साथ आओ शक्स ने उसे बगल वाली सीट पर बिठाया और कार को चलाने लगा

डॉली अब चिंता से बाहर थी

शॅक्स ने उसे देखा और कहा नाउ यू’आर फाइन मैने आपको कहीं देखा है

डॉली – देखो मेरा नाम डॉली है मैं शर्मा इंडस्ट्रीस की इकलौती बेटी हू मैं नही जानती कि ये आदमी मुझसे क्या चाहता है बस मैं कल रात घर जा रही थी अचानक मेरी कार खराब हो गयी और ये राज मुझसे मिला ये एक पोलीस वाला था शायद ये जानकार मैं घबराई नही पर तब तक मैं इसका इरादा नही जानती थी वो बहुत ख़तरनाक है उसने मुझे काफ़ी टॉर्चर किया मेरे साथ रेप भी किया है उसने

शॅक्स ने पास से बॉटल और टिश्यू दिया और कहा अपना मुँह पोछ लो वो तो तुम्हे देखके ही लग रहा है कि उसने तुम्हारे साथ कितना बुरा किया है आइ आम सुभास शर्मा आ न्यूज़ रिपोर्टर इस पोलिसेवाले की करतूत तो मैं पूरे दिल्ली चॅनेल्स में दिखाउन्गा इसे जैल ना करवाई तो नाम बदल देना लेकिन वो इस वक़्त है कहाँ

डॉली ने कहा वो अब भी कॉटेज में है जब वो सो रहा था तो मैं दबे पाओ वहाँ से भाग निकली

सुभास दिखने में अच्छा लंबा था पर शायद शरीर से एक आदमी जैसा उसने एक काले कलर का कोट पहना हुआ था दिखने में काफ़ी हॅंडसम त्ता और उसके चेहरे पर हल्की हल्की दाढ़ी थी जो कि शायद शेव करने के कुछ दिनो बाद उग सी जाती है

अभी सुभास डॉली से बात कर ही रहा था कि इतने में डॉली ने अपने आपको पोंच्छा उसका चेहरा बिल्कुल लाल था सुभास ने कार तेज़ी से दौड़ा दी अब वो कुछ ही दूरी पे थे जंगल से निकलने के लिए

डॉली – क्या तुम मुझे मेरे घर छोड़ दोगे

सुभास – नही शायद हमे पहले पोलीस को इत्तिला कर देनी चाहिए शायद वो फिरसे आके तुम्हे नुकसान पहुचा सकता है

डॉली एकदम से सामने देख ही रही थी कि इतने में सामने खख्स को आते हुए देख डॉली की चीखें निकल गयी सामने कोई और नही राज था जो ख़ूँख़ार आँखो से दोनो को घूर रहा था उसके एक हाथ में कुल्हाड़ी थी डॉली की एकदम से चीख निकल पड़ी और बगल में बैठा सुभास कार को रोकने की कोशिश करने लगा तभी राज ने चिल्लाते हुए सीधे कुल्हाड़ी कार के शीशो पर फैंकी शीशे पर लगते ही शीशा के दो टुकड़े हो गये और सुभास ने बॅलेन्स खो दिया और सीधे स्टियरिंग को लेफ्ट की ओर मोड़ दिया दोनो चिल्लाते हुए सीधे पैड से जा टकराए एक ज़ोर दार आवाज़ के साथ कार बुरी तरीके से फ्रॅक्चर हो गयी और दोनो घायल हो गये

राज पास आया और उसने तुरंत कार का गेट खोला सुभास सीधे बाहर गिर गया उसके सर से खून निकल रहा था राज ने फिर अपनी नज़र सीधे बगल वाली सीट पर बैठी डॉली पर दौड़ाई जो बेहोश थी राज ने गुस्से से पर अपनी नज़र सुभास पर एक बार फिर दौड़ाई और उसे घसीटते हुए पास मे पड़े पत्थरो पर गिरा दिया सुभास थोड़ा सा चीखा और फिर बेहोश हो गया

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