रीटा की तडपती जवानी compleet
Re: रीटा की तडपती जवानी
उस दिन मौनीका कुछ ज्यदा ही मस्त थी। मौनीका ने रीटा को नंगा कर के उस की चूत को गीले तसमे से पीटा तो रीटा ठरक के मजे और पीडा से रो ही दी। रीटा के गौरे चूतडो रानो और चूत पर तसमे की लाल लाल लकीरे पड गई और जब फिर मौनीका ने जलती हुई मोमबती से गर्म गर्म मोम रीटा के चूतडो पर टपकाया तो रीटा मजे से बिलबिला कर कसमसा उठी। अब ठरक के पागल रीटा कुछ भी करवाने के लिये राजी थी। मौनीका ने रीटा की फिंगरीगं करते करते रीटा के कड़े निप्पलस पर कपडे सुखाने बाली चुटकीया लगा दी, तो रीटा की खुशी के मारे सुरीली चीखे निकल गई।
टायलट की घटना ने रीटा को मां के लोडे राजू की बेईमान नीयत का पता चल गया था। अब राजू की हरकत सोच कर रीटा के दिल मे लड़डु फूटने लगे और चूत मे चींटीया सी रैंगने लगी। वह समझ गई के राजू असल मे महाठरकी और नम्बर वन चौदू है। बुलबुल अपनी फुद्दी का पटाका बजवा कर भौसडा बनवाने को आतुर हो उठी। मौनीका ने बताया था की लन्ड की पिटाई ही फुद्दी को फुदद्दा, फुदद्दे से चूत, चूत को भौसडी और भौसडी को भौसडा बनता हैं।
इस सब के बाद रीटा राजू को भईया तो कहती थी, पर दिल ही दिल मे बहनचौद की नजरौ से देखने लगी थी। कई बार रीटा ने राजू को मज़ाक मज़ाक मे डबल मीनीग बाते, भुझारते और उलटे सीधे ईशारे किये, पर राजू रीटा को मासूम और स्कूल की बच्ची सोच कर और डर के मारे रीटा की हरकतो को नज़र अंदाज कर देता था और उपर ही उपर से ठरक पूरा करता रहा।
मौका पा कर रीटा राजू से गलत गलत सवाल पूछती, तो राजू के पसीने छूट जाते। लडके खडे हो कर पिशाब कयो करते हैं? कया लडकीयाँ लडको का रेप नही कर सकती? लडके अपने दुधू को कयो नही छुपाते? सुहागरात मे लडका लडकी कया करते हैं? ब्लयू पिकचर कया होती है? सैक्सी का कया मतालब है? कया मै सैक्सी हू? रीटा के उलटे सीधे सवालौ पर राजू बगुले झाकने लगता और रीटा को डाँट कर चुप्प करवा देता।
Re: रीटा की तडपती जवानी
रीटा की ठरक
आज घर पर रीटा के इलावा कोई भी नही था। मम्मी डैडी आउट आफ सटेशन थे। जैसे तैसे रीटा ने अपनी मम्मी को पटा कर राजू भईया से कार चलाना सिखना शुरू कर रही थी।
रीटा बाथ-टब नहा कर पानी मे आग लगाने मे मगन थी। मल मल के नहाती रीटा के दौनो बावले चुच्चे गुलाबी गुबारो की तरह पानी के उपर तैर रहे थे। राजू के बारे सोचते ही ठरक के मारे रीटा ने अपनी चूत मे किंगा साईज साबून की टिकीया गपक ली। नौजवान राजू का लम्बा कद हैंडसम और समार्ट लडका था। राजू के चौडा चकला सीना और मसलस से भरपूर बाडी याद कर रीटा पानी मे पनीया गई। तीर सी तीखे शावर की तेज धार चूत पे पडने से रीटा की चूत और भी गुदगुदा गई। बदन मे तनाव व कसाव बढने से जवानी की दुखन और टीसन भी बढ गई।
आज ताजी़ ताजी़ नहाई रीटा ने राजू भईया को पटाने की कोई कसर नही छोडना चाहती थी। शरारती रीटा ने अपनी चार साल पुरानी स्कूल डरैस की ब्लैक शोर्ट सकर्ट और वाईट शर्ट फंसा कर पैरो मे हाई हील पहन ली।
रीटा ने अपनी मस्त जानलेवा कामुक जवानी को शीशे मे निहारते हुऐ पन्जो के बल उचक के गौरी गौरी बाहे उपर उठा शीशे को तडका देने वाली अंगडाई तोडी तो चटाक चटाक की आवाज से रीटा की टाईट टैरालीन की शर्ट के टिच्च बटन खुलते चले गये। उफऽऽऽ कया नजारा था। रीटा का जवान ठोस गोलाईयां बगावत पर उतर आई और दोनो शरारती कुंवांरे कबुतर शर्ट से दाये बाये बाहर झाक कर गुटर-गूं गुटर-गूं करने लगे। चुच्चौ ने रीटा की शर्ट को चौद कर "वी" गले को "यू" बना दिया था। चुच्चौ के श्यमल शिखर ऐसा लगते थे जैसे संगमरमर के चबुतरौ पर कच्नार की कच्ची गुलाबी कली चिपकी हो।
ठरकी रीटा ने अपने बगावत पे उतर आये चूच्चौ को बाहर खींच कर उसे बेरहमी से मसलने लगी चूच्चै मस्ती मे चीं चीं कर चिंघाड उठे। "हायऽऽऽऽ मां कित्त्ता मजा आ रहा है"। रीटा ने अपनी गुलाबी गुलाबी छौटी छौटी नीम सी नीमौलीयौ से निप्पलौ को अपनी थूक से सनी उगली और अंगुठे मे घुमाने से कमसीन बदन झनझना उठा और चूत पिनपीना उठी। मौनिका ने बताया था कि चूत और चुच्चौ का चोली दामन का साथ होता है।
रीटा की सैकसी सुडौल कैबरे डांसरो जैसी लम्बी व चिकनी टांगो ने तो हाय हाय कर रखी थी। हाई हील से रीटा की गौरी गुदाज कदली जाधे और सुडौल पिंडलीयां और भी उभर आई और जैसे "नमश्कार आईये और चौद डालिये" का आमन्त्रन देती लगती थी। गदराहट से मांसल घुटनो पर मादक बल पडे हुऐ थे, बेहद पतली और पिचकी हुई कमर के नीचे मस्त गौल गौल चूतड़ और चूतडो में दबी फसी कुंवारी गाँड में चींटीया सी रेंग रहीं थी। बैचारी नाम मात्र की बची सकर्ट रीटा की उफनती व उबलती शौला जवानी को ढकने में नाकाम थी।
अपनी स्कूल सकर्ट उपर उठा कर सुर्ख लाल नाईलोन की कच्छी में अपने कसमसाते योवन को निहारते ही रीटा की आखौं मै लाल डौरे खिंच गये और गाल तमतमा उठे। सारे बदन पप्पी फैट तौबा तौबा, कया हुसन था, कया शबाब था उस लौडिया का, बिलकुल ताजा ताजा खुली सौड़े की बोतल के समान। अपने जवालामुखी से सुलगते और फट़ पडने को तैयार यौवन को देखते हुऐ अपने निचले होंट के कोनें को दातो मे दबा कर, स्वयं को आख मार दी, और फिर अपनी ही बेशर्मी पर स्वयं ही लज्जा गई़।
लीर सी नामत्र टाईट कच्छी रीटा की रौम वहीन मलाई सी गौरी गदरायी फुद़दी और गुदाज कमर मे धंसी हुई थी और चलते समय रीटा को बुरी तरहा गुदगुदा देती थी। एकदम शीशे सी चिकनी और नादान चूत की गुलाबी फांके कच्छी से बाहर झाक रहीं थीं और चूत एकदम से पच्च पच्च गीली थी। ठरक के मारे रीटा की जवान फुद़दी छौटे फुलके की तरहा फूल गई। पनीयाई हुई चूत का चीरा झिलमिला ऊठा और रीटा का लिश लिश करता बदमाश किशमिश सा दाना हौले हौले अकड़ता चला गया। अब रीटा का कलीटौरीस किसी छोटे शरारती बच्चे की लुल्ली के समान चूत की बालकोनी से बाहर झाकने लगा।
आज घर पर रीटा के इलावा कोई भी नही था। मम्मी डैडी आउट आफ सटेशन थे। जैसे तैसे रीटा ने अपनी मम्मी को पटा कर राजू भईया से कार चलाना सिखना शुरू कर रही थी।
रीटा बाथ-टब नहा कर पानी मे आग लगाने मे मगन थी। मल मल के नहाती रीटा के दौनो बावले चुच्चे गुलाबी गुबारो की तरह पानी के उपर तैर रहे थे। राजू के बारे सोचते ही ठरक के मारे रीटा ने अपनी चूत मे किंगा साईज साबून की टिकीया गपक ली। नौजवान राजू का लम्बा कद हैंडसम और समार्ट लडका था। राजू के चौडा चकला सीना और मसलस से भरपूर बाडी याद कर रीटा पानी मे पनीया गई। तीर सी तीखे शावर की तेज धार चूत पे पडने से रीटा की चूत और भी गुदगुदा गई। बदन मे तनाव व कसाव बढने से जवानी की दुखन और टीसन भी बढ गई।
आज ताजी़ ताजी़ नहाई रीटा ने राजू भईया को पटाने की कोई कसर नही छोडना चाहती थी। शरारती रीटा ने अपनी चार साल पुरानी स्कूल डरैस की ब्लैक शोर्ट सकर्ट और वाईट शर्ट फंसा कर पैरो मे हाई हील पहन ली।
रीटा ने अपनी मस्त जानलेवा कामुक जवानी को शीशे मे निहारते हुऐ पन्जो के बल उचक के गौरी गौरी बाहे उपर उठा शीशे को तडका देने वाली अंगडाई तोडी तो चटाक चटाक की आवाज से रीटा की टाईट टैरालीन की शर्ट के टिच्च बटन खुलते चले गये। उफऽऽऽ कया नजारा था। रीटा का जवान ठोस गोलाईयां बगावत पर उतर आई और दोनो शरारती कुंवांरे कबुतर शर्ट से दाये बाये बाहर झाक कर गुटर-गूं गुटर-गूं करने लगे। चुच्चौ ने रीटा की शर्ट को चौद कर "वी" गले को "यू" बना दिया था। चुच्चौ के श्यमल शिखर ऐसा लगते थे जैसे संगमरमर के चबुतरौ पर कच्नार की कच्ची गुलाबी कली चिपकी हो।
ठरकी रीटा ने अपने बगावत पे उतर आये चूच्चौ को बाहर खींच कर उसे बेरहमी से मसलने लगी चूच्चै मस्ती मे चीं चीं कर चिंघाड उठे। "हायऽऽऽऽ मां कित्त्ता मजा आ रहा है"। रीटा ने अपनी गुलाबी गुलाबी छौटी छौटी नीम सी नीमौलीयौ से निप्पलौ को अपनी थूक से सनी उगली और अंगुठे मे घुमाने से कमसीन बदन झनझना उठा और चूत पिनपीना उठी। मौनिका ने बताया था कि चूत और चुच्चौ का चोली दामन का साथ होता है।
रीटा की सैकसी सुडौल कैबरे डांसरो जैसी लम्बी व चिकनी टांगो ने तो हाय हाय कर रखी थी। हाई हील से रीटा की गौरी गुदाज कदली जाधे और सुडौल पिंडलीयां और भी उभर आई और जैसे "नमश्कार आईये और चौद डालिये" का आमन्त्रन देती लगती थी। गदराहट से मांसल घुटनो पर मादक बल पडे हुऐ थे, बेहद पतली और पिचकी हुई कमर के नीचे मस्त गौल गौल चूतड़ और चूतडो में दबी फसी कुंवारी गाँड में चींटीया सी रेंग रहीं थी। बैचारी नाम मात्र की बची सकर्ट रीटा की उफनती व उबलती शौला जवानी को ढकने में नाकाम थी।
अपनी स्कूल सकर्ट उपर उठा कर सुर्ख लाल नाईलोन की कच्छी में अपने कसमसाते योवन को निहारते ही रीटा की आखौं मै लाल डौरे खिंच गये और गाल तमतमा उठे। सारे बदन पप्पी फैट तौबा तौबा, कया हुसन था, कया शबाब था उस लौडिया का, बिलकुल ताजा ताजा खुली सौड़े की बोतल के समान। अपने जवालामुखी से सुलगते और फट़ पडने को तैयार यौवन को देखते हुऐ अपने निचले होंट के कोनें को दातो मे दबा कर, स्वयं को आख मार दी, और फिर अपनी ही बेशर्मी पर स्वयं ही लज्जा गई़।
लीर सी नामत्र टाईट कच्छी रीटा की रौम वहीन मलाई सी गौरी गदरायी फुद़दी और गुदाज कमर मे धंसी हुई थी और चलते समय रीटा को बुरी तरहा गुदगुदा देती थी। एकदम शीशे सी चिकनी और नादान चूत की गुलाबी फांके कच्छी से बाहर झाक रहीं थीं और चूत एकदम से पच्च पच्च गीली थी। ठरक के मारे रीटा की जवान फुद़दी छौटे फुलके की तरहा फूल गई। पनीयाई हुई चूत का चीरा झिलमिला ऊठा और रीटा का लिश लिश करता बदमाश किशमिश सा दाना हौले हौले अकड़ता चला गया। अब रीटा का कलीटौरीस किसी छोटे शरारती बच्चे की लुल्ली के समान चूत की बालकोनी से बाहर झाकने लगा।
Re: रीटा की तडपती जवानी
अनजाने मे ही रीटा की फूल सी गौरी गौरी उंगलीयाँ अपनी शैतान नन्गीं चूत से उलझ गयी। गुस्से मे बिफरी गिली चूत पिच्च पिच्च कर के पानी छोडने लगी। दाने को छूते ही रीटा की चूत मैं फुलझडीयां सी चल पडी और गाड गदगदाने लगी। रीटा अपनी टांगो कौ चौडा किये, चूत को गीटार जैसे बजा़ने लगी। रीटा अपनी मरमरी टागौ को भींच के चूत को शाँत करने की नाकाम कोशिश की, पर अब पानी सर के उपर से निकल चुका था। रीटा अब बिलकुल वनीला साफटी सी पिघल चुकी थी और उस की हालत खराब होती जा रही थी।
आखीर तैश मे आ कर रीटा नै अपनी स्कूल सकर्ट बिलकुल उपर उठा कच्छी को घुटनौ तक खींचा कर अपनी नन्ही सी चूत मै अुंगली पिरौ दी। रीटा ने अुंगली "प्चक" की गीली आवाजे करती सुराख मैं जड़ तक अंदर घुस गई। रीटा की चूत की दिवारे रीटा की अुंगली पर बुरी तरह से कस गई और अुंगली को चूसने लगी।
रीटा बुदबुदा उठी "आह मम्मी सीऽऽऽ साली तू मुझे बहुत सताती है ऽऽऽ" चूत की फाके दाये बाये चुदर गई। इस हालत मे रीटा की नाजुक चूत किसी गधे के बच्चे का लन्ड का कचूमर निकाल कर उस का गरूर तोड़ सकती थी। आज तो रीटा किसी भी पहलवान के लौड़े को अपनी चूत की नींबू नीचौडनी मे नीचौड़ कर लौड़े का रस्सा निकाल सकती थी।
हौले हौले रीटा अुंगली सुराख के अन्दर बाहर कर फिच फ़ीच की आवाज़ से अपने आप ही अपनी चूत चौदने लगी। शायद चूत भी मां चौद और बहन चौद की गालियां निकालने लगी थी। मौनीका ठीक कहती थी, कि अगर अुंगली से चूत मारने मे ईत्त्ता मज़ा आता है, तो सच्ची मुच्ची का गर्म और मौटा लन्ड तो दिन मे तारे दिखा देगा। यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी। चूत ने अब मस्त मोरनी की माफीक अपनी मुलायम पंखडीया फैला दीं। लुत्त्फ से रीटा की चूत के दोनो पत्त्ते कंपकंपा रहे थे। पिटाई से गौरी चूत गुलाबी से लाल हो चली थी।
रीटा ने अपनी ठोस गौलाईयौ को बेरहमी से मसल और रगड कर लाल कर लिये। गीली चूत की फचर पचर, रीटा की मधुर ईस्सऽऽऽऽऽ ईस्सऽऽऽ सिसकारीया और बहकी बहकी बेतरतीब साँसें कमरे के वातावरण को रंगीन बनाने लगी। प्यासी रीटा का मादक यौवन, वासना के समुन्दर मे हिचकोले खाने लगा।
उत्तेजना से मारे रीटा की आखें उपर को लुडक गई और पेट अंदर को पिचक गया। बगावत पे उतर आऐ चुच्चे उठक बैठक लगाने लगे। हर एक झटके पे रीटा चूच्चे ऐसे थरथराते जैसे उन मे पारा भरा हो। अपने ही चुच्चौ को फूलते पिचकते देख कर रीटा की काम पीपासा दावानल सी भडक उठी। एक हाथ से अपना चुच्चे को उपर उठा और मुह झुका कर चुच्चौ की चुच्कीयों को हौंटो मे ले कर चुमला दिया।
आखीर तैश मे आ कर रीटा नै अपनी स्कूल सकर्ट बिलकुल उपर उठा कच्छी को घुटनौ तक खींचा कर अपनी नन्ही सी चूत मै अुंगली पिरौ दी। रीटा ने अुंगली "प्चक" की गीली आवाजे करती सुराख मैं जड़ तक अंदर घुस गई। रीटा की चूत की दिवारे रीटा की अुंगली पर बुरी तरह से कस गई और अुंगली को चूसने लगी।
रीटा बुदबुदा उठी "आह मम्मी सीऽऽऽ साली तू मुझे बहुत सताती है ऽऽऽ" चूत की फाके दाये बाये चुदर गई। इस हालत मे रीटा की नाजुक चूत किसी गधे के बच्चे का लन्ड का कचूमर निकाल कर उस का गरूर तोड़ सकती थी। आज तो रीटा किसी भी पहलवान के लौड़े को अपनी चूत की नींबू नीचौडनी मे नीचौड़ कर लौड़े का रस्सा निकाल सकती थी।
हौले हौले रीटा अुंगली सुराख के अन्दर बाहर कर फिच फ़ीच की आवाज़ से अपने आप ही अपनी चूत चौदने लगी। शायद चूत भी मां चौद और बहन चौद की गालियां निकालने लगी थी। मौनीका ठीक कहती थी, कि अगर अुंगली से चूत मारने मे ईत्त्ता मज़ा आता है, तो सच्ची मुच्ची का गर्म और मौटा लन्ड तो दिन मे तारे दिखा देगा। यह सोच कर वह जोर जोर से अपनी चूत फैंटने लगी। चूत ने अब मस्त मोरनी की माफीक अपनी मुलायम पंखडीया फैला दीं। लुत्त्फ से रीटा की चूत के दोनो पत्त्ते कंपकंपा रहे थे। पिटाई से गौरी चूत गुलाबी से लाल हो चली थी।
रीटा ने अपनी ठोस गौलाईयौ को बेरहमी से मसल और रगड कर लाल कर लिये। गीली चूत की फचर पचर, रीटा की मधुर ईस्सऽऽऽऽऽ ईस्सऽऽऽ सिसकारीया और बहकी बहकी बेतरतीब साँसें कमरे के वातावरण को रंगीन बनाने लगी। प्यासी रीटा का मादक यौवन, वासना के समुन्दर मे हिचकोले खाने लगा।
उत्तेजना से मारे रीटा की आखें उपर को लुडक गई और पेट अंदर को पिचक गया। बगावत पे उतर आऐ चुच्चे उठक बैठक लगाने लगे। हर एक झटके पे रीटा चूच्चे ऐसे थरथराते जैसे उन मे पारा भरा हो। अपने ही चुच्चौ को फूलते पिचकते देख कर रीटा की काम पीपासा दावानल सी भडक उठी। एक हाथ से अपना चुच्चे को उपर उठा और मुह झुका कर चुच्चौ की चुच्कीयों को हौंटो मे ले कर चुमला दिया।