कहीं वो सब सपना तो नही

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Unread post by 007 » 06 Nov 2014 10:21



मोम बोली ठीक है बेटा तुम आराम कर लो मैं सन्नी को खाना खिला देती हूँ,,अगर कुछ
चाहिए होगा तो मुझे बुला लेना,,मैने दिल मे सोचा अभी तो इतनी जबरदस्त गंद के
मज़ा लेके आया है अब ओर क्या चाहिए उसको,,फिर मैं जाके डाइनिंग टेबल पे बैठ गया
ओर मोम ने खाना लगा दिया ओर वापिस किचन मे जाने ल्गी तो मैं बोला कहाँ जा रही हो
मोम,,कुछ नही बेटा तेरे भाई के पास जा रही हूँ बेचारा सफ़र से थक गया है ,,
देखों कहीं कुछ चाहिए तो नही उसको,,मैने कहा मोम जब देखो भैया की टेंशन
लेती रहती हो कभी हमे भी इतना प्यार कर लिया करो,,तभी मोम हस्ने लगी और मेरे
पास आके मुझे गले से लगा लिया,,मैं चेयर पे बैठा हुआ था ओर मोम खड़ी हुई थी
इसलिए मेरा सर मोम के बूब के बीच मे डब गया था ,,तभी मेरे लंड ने ओकात मे
आना शुरू कर दिया मोम ने कुछ देर क लिए ही मुझे अपनी बाहों मे भरा था पर
मेरे लंड को ओकात मे आने क लिए इतना टाइम काफ़ी था,,,फिर मोम ने मुझे खाना खाने
को बोला ओर खुद दूध का ग्लास लेके भाई क रूम मे चली गई,,मुझे लगा की शायद
अब वो लोग रूम मे भी कुछ ना कुछ करेंगे पर दूध का ग्लास देके मोम बाहर आ
गई ओर अपने रूम मे चली गई,,जाते जाते मुझे बोलने लगी की बेटा सोनिया कहाँ है,,
मैने बोला की मों वो कविता के घर पे रुक गई थी उन दोनो को कुछ नोट्स तयार करने
थे उसने बोला था की उसका खाना मत ब्नाना वो कविता के घर ही खा लेगी,,ठीक है
बेटा आब मैं आराम करने लगी हूँ अगर कुछ चाहिए होगा तो आवाज़ लगा देना,,,मैने
दिल मे सोचा की मुझे भी वही चाहिए मोम जो अभी कुछ देर पहले आप भाई को दे रही
थी..मोम रूम मे चली गई ओर मैं खाना खाने लगा,,पर मेरा दिल नही कर रहा था
कुछ खाने को,,मेरे दिमाग़ मे वही स्टोररूम वाला सीन घूम रहा था जब मोम टेबल
पे झुकी हुई थी ओर भाई उनकी गंद मार रहा था,,मुझे गुस्सा भी आ रहा था ओर
हैरानी भी हो रही थी,,मैं सोच रहा था कहीं वो सब सपना तो नही था,,नही वो
सपना नही था यही देखने क लिए मैने खाना बीच मे छोड़ा ओर उपर छत की तरफ
चला गया छत पे जाके मैं जब स्टोर रूम मे गया तो देखा वहाँ ज़मीन गिल्ली थी
मों का पानी ओर भाई का स्पर्म वहाँ बिखरा हुआ था तभी मुझे क़िस्सी के उपर आने की
आहट सुनाई दी,मैने डोर से हल्का सा बाहर होके देखा तो मोम उपर आ रही थी ओर
सीधा स्टोररूम की तरफ ही आ रही थी,,मैं जल्दी से एक पुरानी अलमारी क पीछे जाके
छुप गया ओर मोम को देखने लगा,,मों अंदर आई ओर आके उससी जगह खड़ी हुई जहाँ वो
कुछ देर पहले भाई से गंद मरवा रही थी,मोम का ध्यान भी ज़मीन पर भिखरे हुए
उसके पानी ओर भाई के स्पर्म की तरफ था..मोम कुछ देर तो एसे ही उसको देखती रही..
श्यड कुछ सोच रही थी फिर मों ने एक कपड़ा उठाया ओर ज़मीन पर गिरे हुए पानी को
सॉफ करने लगी 2 मिंट सॉफ करने क बाद मोम उठी ओर बाहर चली गई,,मैने देखा
यही मोका ठीक है यहाँ से भागने का,,बाहर जाके देखा तो मों वाटेरटांक के पास
लगे एक नाल से पानी लेके उस कपड़े को धू रही थी मों की पीठ मेरी तरफ थी मैं
जल्दी से नीचे भाग गया ओर आपमे रूम मे जाके लाते गया तभी 1 मिनिट बाद मों भी
नीचे आ गयइ मेरे रूम मे,,मैं लेता हुआ था,,,,मों ने पूछा क्या हुआ बेटा आज तूने
खाना ठीक से नही खाया ..कुछ नही बस भूख नही थी मों,,,क्यू क्या हुआ??पहले तो
बड़ी भूख लगी थी तभी तो खाना कहने क लिए मुझे ढूँढ रहे थे तो आब क्या
हुआ???

कुछ नही मोम पहले भूख लगी थी अब नही लगी,,,तेरी तबीयत तो ठीक है
एसे पूछते हुए मोम मेरे पास आ गई ओर मेरे माथे पे हाथ लगाके देखने लगी कहीं
मुझे बुखार तो नही मैं,,तेरा बदन तो ठीक है बेटा फिर एक दम से भूख कैसे
मिट गई तेरी,,,पता नही मोम,,चल ठीक है तू आराम करले मैं भी आज ज़रा थक
गयइ हूँ जाके आराम करती हूँ,,,मोम उठकर मेरे रूम से बाहर चली गई ,,जब तक वो
मेरे रूम से बाहर नही गई तब तक मैं उनकी बड़ी मोटी और मस्त गंद को देखता रहा
आज तक कभी मैने मोम को इतना गौर से नही देखा था,,पर अब तो मेरा मोम की तरफ
देखने का नज़रिया ही बदल गया था,,मैं लेटा लेटा मोम के बारे मे ओर उपर वाले रूम
की चुदाई के बारे मे सोचने लगा


007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Unread post by 007 » 06 Nov 2014 10:22

सन्नी अपने रूम मे लेट कर अपनी मा ओर भाई के बारे मे सोच रहा था तभी सन्नी ने
टाइम देखा तो सोचा की अभी तो बहुत टाइम है डेड के आने मे सोनिया भी अभी नही आई
होगी नीचे मोम ओर भाई अकेले है कहीं मोका देख कर वो फिर से चुदाई तो नही कर
रहे ,यही सोच कर सन्नी अपने रूम से निकला ओर बड़े हल्के कदमो से सीडियाँ उतर
कर नीचे मों के रूम की तरफ गया मों के रूम का डोर खुला हुआ था ओर मों अंदर
नही थी उसको लगा कहीं मों भाई क रूम मे तो नही है वो सीधा भाई के रूम की
तरफ बॅडने लगा रूम का डोर बंद था उसने डोर पे नॉक करने की जगह डोर को
आराम से खोलना बेहतर समझा उसने बड़े प्यार से रूम का डोर ओपन किया तो देखा की उसका
भाई तो अंदर सो रहा है,तभी उसको किचन मे से कुछ आवाज़ आई वो समझ गया की मों
किचन मे है तो वो किचन मे चला गया उसकी मों वहाँ रात के खाने की त्यारी कर
रही थी जैसे ही वो किचन मे घुस्सा तो मों ने बोला आ गया मेरा प्यारा बेटा,,आराम
कर लिया तुमने ,,हाँ मों ,,अभी भूख तो नही लगी,,,नही मों ,,थोड़ी देर मे तेरे
पापा आने वाले है उनके लिए कॉफी बना रही हूँ तुमने तो नही पीनी कॉफी,,,मैने
बोला अभी तो बहुत टाइम है पापा के आने मे अभी तो 5 भी नही बजे,,5 नही बजे अभी
तक उसकी मों ने बड़ी हैरानी से पूछा,,,,,हाँ मों अभी तो जस्ट 4:40 हुए है,,मुझे
तो लगा था बेटा की 5:40 हो गये इसलिए मैं किचन मे आके तेरे पापा के लिए कॉफी
बनाने की त्यारी करने लगी,,पता नही मेरे दिमाग़ को क्या हुआ है टाइम भी ठीक से
नही देखा गया,,,,मैने सोचा की गंद चुदाई का नशा कुछ ज़्यादा हो गया होगा,,,,हो
सकता है मों अपने रूम की वॉल क्लॉक रुक गई हो या खराब हो गई हो,,हाँ बेटा एस्सा
ही हुआ होगा,,मों बातें करते करते किचन का काम कर रही थी ओर मैं उसको देख
रहा था,,फिर मैने बोला की ठीक है मों आब आप कॉफी बना ही रही हो तो मेरे लए
बना लेना तब तक मैं टीवी देख लेता हूँ,,,,,मैं किचन से बाहर निकला ओर बाहर
हॉल मे पड़े हुए सोफे पे बैठ गया ओर टीवी देखने लगा,,मैं उस सोफे पे बैठा था
जहाँ से टीवी क साथ साथ मों को भी देख सकूँ,,मेरा धयान टीवी की तरफ कम था ओर मों
की तरफ ज़्यादा था,,मैं मों को बड़ी गौर से ओर गंदी नज़र से देख रहा था पहले
मैने सोचा की नही ये सब ग़लत है फिर मैने सोचा की अगर भाई मों को चोद सकता
है तो मैं क्यू नही,,मैने मों को देखा उनकी बड़ी मोटी ओर मस्त गंद बड़े-बड़े बूब्स
मेरे ख्याल से उनका फिगर 42 34 40 होगा वो एक दम मस्त औरत लग रही थी आज
मुझे मोटी गंद देख कर दिल कर रहा था की अभी किचन मे जाके लंड पेल दूं मों
की गंद मे ,,मैं उपर के सीन को याद करके सोच रहा था की मों टेबल पे झुकी
हुई है ओर भाई की जगह मैं मों की गंद मार रहा हूँ,,,,,,,मों आहह
उउउहह ह्म्*म्म्मममममममममममममममम करते हुए बोल रही है हाँ मेरे
प्यारे बेटा सन्नी एस ही गंद मरो अपनी मों की ओर तेज ओर तेज ओर मैं भी फुल स्पीड
से झटके मार रहा हूँ मैं इस कदर गुम था अपने सपने मे की मों मेरे पास खड़ी
हुई मुझे कॉफी पीने को बोल रही थी ओर मुझे कुछ होश ही नही था तभी मों ने
मेरे सर पे हल्का सा हाथ मारा तो मैं सपनो की हसीन वादियों से हक़ीकत के वीराने
मे पहुँच गया,,,,कहाँ खोया हुआ है मेरे प्यारा बेटा,,,कुछ नही मों वो बस,,मैं
देख रही हूँ जबसे कालेज से आए हो कुछ अजीब सी हरकते कर रहे हो तुम,,पहले
बोलते हो भूख लगी है जब खाना दिया तो बोला की अब भूख नही,,,,,कॉफी पीने
को बोला ओर अब मैं कॉफी पीने को बोल रही हूँ तो ना जाने किस दुनिया मे खोए हुए
हो तबीयत तो ठीक है ना तुम्हारी,,,,,,,हाँ मों तबीयत बिल्कुल ठीक है,, तो इतना
परेशान क्यू हो आज,,,,,,अब क्या बोलू मों की जो कुछ आज मैने देखा है वो कोई भी
देख लेता तो परेशान हो जाता,,,,,,,,कुछ नही मों कालेज के नोट्स तयार करने है
उसी की टेन्षन हो रही है,,सोनिया की वेट कर रहा हूँ वो कविता क घर से नोट्स
लेके आए तो मेरी भी थोड़ी हेल्प हो जाएगी,,,,,फोन करके पूछ अभी तक आई क्यू
नही वो,,मैने बोला मों उसने बोला था की वो डेड के साथ आ जाएगी,,,ठीक है बेटा
अब तुम काफ़ी पियो ओर मैं किचन का काम करने चली,,,अब क़िस्सी ओर दुनिया मे मत
पहुँच जाना ओर कॉफी पी लेना कहीं ठंडी नही हो जाए,,,,,कॉफी ठंडी होती है
तो होने दो मों आज जो गर्मी मेरे जिस्म मे पैदा हुई है उसका क्या करू,,,,,,,,,मों
किचन मे चली गई ओर मैं कॉफी पीने लगा,,



करीब 6:20 पर डेड ओर सोनिया घर आ गये,,डेड फ्रेश होने चले गये ओर सोनिया भी अपने
रूम मे चली गई,,सोनिया आज बहुत खुश लग रही थी वो बड़ा हस्ते मुस्कुराते हुए
रूम मे गई थी,,,मैं भी उठ कर उसके पीछे-2 रूम मे चला गया सोनिया रूम मे जाके
बेड पे लेट गई डोर ओपन ही छोड़ दिया था उसने,,वो तो अक्सर रूम मे एंटर करते ही
डोर क्लोज़ कर लेती थी तो आज क्या हुआ इसको,,,,बड़ी खुश लग रही हो आज बात क्या
है सोनिया मैने रूम मे एंटर करते ही सोनिया से पूछा,,,,,तेरे को क्या लेना ब्लेकि
तेरे से मेरी खुशी बर्दाश्त नही होती क्या,,ओर हस्ने लगी ,,नही पागल मैं तो एसे
ही पूछ रहा था,,नही ब्ताना तो मत बता भाड़ मे जा,,,,,,,गुस्सा मत कर मेरे प्यारे
भाई बताती हूँ तुझे,,,,,तेरी तबीयत तो ठीक है,,,तू मेरे से इतना प्यार से बात
कर रही है,,,,,,,,प्यारे भाई???? वो फिर हस्ने लगी,,,,,तू मेरा प्यारा भाई नही
है क्या,,,,,मैने कहाँ सीधी तरह बोल बात क्या है,,,,वो मैं ,,,वो बस,,,,क्या हुआ
अभी ब्रेक मार के क्यू बोल रही है,,अभी खुश थी अभी एस डर रही है जैसे मैने
तेरी चोरी पकड़ ली हो,,,,,चोरी कैसी चोरी,,अरे पागल मैं जस्ट पूच रहा हूँ तू
इतनी खुश क्यू है,,,,कुछ नही भाई मेरे नोट्स रेडी हो गये है ना कविता की हेल्प
से इसलिए खुश हूँ ये नोट्स बहुत ज़रूरी थे मेरे लिए,,,मैने कहा ठीक है,,अब
तू मेरी हेल्प भी कर देगी नोट्स त्यार करने मे,,,,,,चल-चल फुटले यहाँ से मैं
कोई हेल्प नही करने वाली तेरी,,,,सारा दिन वीदीओ खेलता रहता है स्टडी पे ध्यान
नही देता अब मेरी हेल्प माँग रहा है,,,जितना टाइम ओर दिमाग़ कंप्यूटर पे लगता
है उतना कभी क्लास ओर स्टडी मे भी लगा लिया करो,,,,,,,,,,,तू मेरी हेल्प करेगी
नही ये बता बस,,,,ठीक है हेल्प कर दूँगी पर बदले मे मेरे को क्या मिलेगा,,,,
मैने बोला की एक एक्सट्रा चीज़ ओर मशरूम पिज़्ज़ा ,,,,वो झट से मान गई,,मुझे पता
है उसको पिज़्ज़ा बहुत पसंद है,,,ठीक है पर अभी नही थोड़ी देर रुक कर,,मैने
कहा ठीक है,,बाद मे सही पर भूल मत जाना,,,

007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Unread post by 007 » 06 Nov 2014 10:23


फिर मैं रूम से निकल कर अपने दोस्तो को मिलने चला गया,,,, जब वापिस घर पहुँचा
तो 9 बजे थे,,,सभी लोग डाइनिंग टेबल पे बैठे खाना खा रहे थे.मैं बाहर से
खाना ख़ाके आया था तो सीधा उपर अपने रूम की तरफ जाने लगा तो पीछे से डेड
ने मुझे आवाज़ लगाई,,,,,,,,,सन्नी बेटा डिन्नर नही करना क्या,,,मैं बोला नही डेड
मैं अपने दोस्तो क साथ बाहर खाना ख़ाके आया हूँ,,,तभी डेड ने गुस्से मे बोला,,,
अपने आवारा दोस्तो क साथ घूमता रहना ओर बाहर खाना खाते रहना,,ना जनाब का स्टडी
मे ध्यान रहता है ओर ना घर के खाने की तरफ,,,बस अपने बेहूदा आवारा दोस्त चाहिए
बाहर का खाना ओर कंप्यूटर पे वीदीओ गेम्स,,,,,,ओर कुछ तो अच्छा ही नही लगता ,,तभी
मों बोलने लगी,,,,तो क्या हुआ अगर बाहर खाना ख़ाके आ गया ,,कभी कभी दिल करता
है बाहर का चटपटा खाने को, आप तो हर टाइम मेरे बच्चे क पीछे ही पड़े रहते हो.
सरिता एक दिन की बात हो तो ठीक है पर ये नवाबजादे तो रोज रात को बाहर ही ख़ाता
है,,,बच्चा है उम्र है उसकी बाहर खाने की,,,अब फालतू मे मेरे प्यारे बेटे को मत
डांटा करो,,,,तभी मों उठकर मेरे पास आई ओर मुझे अपने सीने से लगा लिया ओर बोला
जा बेटा तू अपने रूम मे,दिल छोटा मत करो,,तुम्हारे डेड की तो आदत है बिना वजह
बोलने की,,,तभी सोनिया बोली,,,,मों कभी हमे भी इतना प्यार कर लिया करो,,,तभी
सोनिया हस्ने लगी ओर बाकी सब लोग भी,,,,सरिता तुमने इन बच्चों को बिगाड़ दिया है
इतना लाड प्यार करके,,,,,,,,,,,,,,,,तो क्या करू मा हूँ,,अपने बच्चों को प्यार नही
करू तो किसको करू,,,,,,,,जा मेरा बेटा तू आराम करले अपने रूम मे जाके,,ओर खुद
वापिस जाके डिन्नर करने लगी..मैं भी उपर की तरफ अपने रूम मे चला गया,,ओर पीसी ओन
करके ग़मे खेलने लगा,,,,,


अभी 15 मिंट हुए थे गेम खेलते तभी सोनिया रूम मे आ गई,,,,,बस गेम ही खेलना
तुम स्टडी मत करना कभी,,,तू ज़्यादा मत बोला कर पागल ,,,,,,गुस्सा क्यू करता है
मेरे सोहने भाई लगता है डेड की बातों का गुस्सा मेरे पे उतार रहा है तू,,डेड की
तो आदत है भाई गुस्सा करने की तुम तो जानते हो,,अच्छा चलो अब गेम छोड़ो ओर नोट्स
त्यार करो अपने मैं हेल्प करती हूँ,,,,मैने बोला नही अभी नही बाद मे,,,,बाद मे
मुझे सोना है भाई ,,,,,तो सो जाओ मुझे अभी गेम खेलना है,,फिर कब करोगे नोट्स
पूरे कल तो सब्मिट करवाने है,,,,,मुझे कल नही करवाने मुझे कुछ दिन बाद करवाने हैं
,,ठीक है तो फिर मैं सोने लगी हूँ तुम गेम खेलो,,,सोनिया अपने बेड पे जाके
लेट गई,,,,हुमारा रूम तो एक था पर बेड अलग-2 थे,एक तरफ सोनिया का बेड ओर दूसरी
तरफ मेरा बेड,,बीच मे कंप्यूटर टेबल था,,सोनिया सो गई ओर मैं गेम खेलता रहा,
फिर कुछ देर बाद मैने पीसी बंद किया ओर सोने लगा पर मुझे नींद नही आ रही थी
मुझे मों को वो गंद ओर बड़े-2 बूब्स याद आ रहे थे,,मैं उठा कर वॉशरूम गया
ओर मों के नाम की मूठ मार के वापिस आके सो गया,,,,



सुबह उठा तो कलाज जाने का मूड नही हुआ,,मुझे पता था भाई आज घर पे है ओर
वो आज भी मों को ज़रूर चोदेगा इसलिए मैं कालेज से छुट्टी करने की सोची,फिर
मैने सोचा की अगर मैं रुक गया तो ये लोग अपना खेल नही खेलेंगे,मुझे कालेज
चले जाना चाहिए,,,,नाश्ता करके मैं रेडी हो गया ओर सोनिया को साथ लेके कालेज
की ओर चल पड़ा,,,रास्ते मे मैने सोचा की कालेज से जल्दी घर चला जाउन्गा ताकि
फिर मों ओर भाई का खेल देख सकूँ,,यही छोचते -2 कालेज पहुँच गया,,मैने सोनिया
को कालेज के गेट क सामने उतारा ओर उसको बोला की तुम अंदर जाओ मैं अपने एक दोस्त के
पास उसको लेने जा रहा हूँ,,,थोड़ी देर मे आ जाउन्गा,,,सोनिया कालेज के अंदर चली
गई ओर मैं बाइक वापिस मोड़ कर घर की तरफ आ गया,,,पर मुझे पता था अभी डेड
ओर बुआ घर पे है ,शोभा तो चली गई थी कालेज ,,,लेकिन सुरिंदर मामा भी तो
है घर पे,लेकिन उनका होना ना होना एक जैसा है,,,,मैने बाइक घर के पास वाले पार्क
के पास रोक दी ओर उतर कर पार्क मे चला गया,,ओर डेड ओर बुआ के जाने की वेट करने लगा
क्यूकी उन दोनो ने एक साथ ही घर से निकलना होता है क्यूकी बुआ का बुटीक ओर डेड
का बॅंक दोनो पास है इसलिए डेड बुआ को साथ ले जाते है,,ओर शाम को बुआ बड़ी
दीदी क साथ अक्तिवा पे आ जाती है,,,,,मैं उन दोनो के निकलने की वेट करने लगा,,,
तभी 15 मिंट बाद दोनो वहाँ से गुज्जर गये,,मैने उनके जाने के बाद भी 30 मिंट तक
पार्क मे वेट किया ओर फिर घर की तरफ चल पड़ा,,घर पहुँच कर मैने गेट को बड़े
प्यार से खोला ताकि कोई आवाज़ ना हो ओर बाइक को भी ऑफ करके घर के अंदर किया,,फिर
मैं घर के मैं डोर की तरफ गया ओर अंदर जाने लगा तो देखा डोर लॉक था,,,
मुझे पहले ही शक था की मेन डोर पे लॉक लगा होगा इसलिए मैं डोर की एक की
अपने साथ ले गया था,,मैने बड़े आराम से लॉक खोला ताकि कोई आवाज़ ना हो ओर अंदर
चला गया

घर के अंदर जाते ही मैने डोर वापिस लॉक किया ओर हल्के कदमो से मोम के रूम की
तरफ गया पर मोम के रूम का डोर ओपन था अंदर देखा तो कोई नही था फिर मैं उस
स्टोररूम की तरफ गया जहाँ भाई सोता था वहाँ भी कोई नही था अब घर पे 2 ही
रूम बचे थे एक था मेरा रूम ओर एक बुआ का,,,पर बुआ तो रूम को लॉक करके जाती
है हमेशा,,मैं उपर अपने रूम की तरफ गया पर मैं सोच रहा था वो लोग नीचे
अपने रूम छोड़ कर उपर मेरे रूम मे क्यू जाने लगे,उपर जाके देखा तो मेरे रूम
मे भी कोई नही था,,मुझे लगा की आज भी वो लोग छत पे स्टोररूम मे होंगे तो
मैं उपर वाले स्टोररूम की तरफ चला गया,,पर वहाँ भी कोई नही था,,,अब मुझे
गुस्सा आ रहा था आख़िर ये लोग कहाँ जा सकते है ओर कोई रूम भी नही बचा,,फिर
मैं नीचे आया ओर घर के पीछे बने हुए गार्डेन मे गया क्यूकी मामा अक्सर यहीः होता
है पर मामा भी नही था ,,मोम ओर भाई भी गायब थे,,,,फिर मेरा दिमाग़ संका,,
घर मे एक रूम ओर था,,,जैसे नीचे 2 रूम्स है वैसे ही उपर भी 2 रूम्स है
नीचे रूम के साथ डाइनिंग रूम ओर किचन है जबकि उपर किचन ओर डाइनिंग रूम की
जगह एक बड़ा सा रूम बनाया हुआ है,,उसमे एक सोफा सेट ओर एक छोटा बेड,,,छोटे का
मतलब ये नही की सिंगल बेड,,,छोटे से मेरा मतलब है की वो बेड नही है जस्ट
ज़मीन पे ही एक 8' मोटा मॅट्रेस रखा हुआ है,,ओर उसके सामने एक टीवी पड़ा है ओर
साथ मे डीवीडी प्लेयर ओर म्यूज़िक सिस्टम,,,,,,,,,,वो रूम बुआ का है,,,,,जब भी बुआ
का कोई दोस्त या बुटीक से कोई जान पहचान वाला आता है तो बुआ उसको वही बिठाती
है,लेकिन बुआ अपने बेड रूम की तरह इस रूम को लॉक नही करती कभी,,,,पता नही
उसके बेडरूम मे कॉन्सा अली बाबा का ख़ज़ाना रखा हुआ है,,,,,मैं वापिस उपर उसी
रूम की तरफ चल पड़ा क्यूकी घर मे एक वही जगह बाकी थी जहाँ मैने मोम ओर भाई
को नही देखा था,,वहाँ भी नही हुए तो इसका मतलब की वो घर पर ही नही है,,
मैं उस रूम की तरफ बड़ा तो मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी ये आवाज़ मोम की थी सेम
वही कल जैसे मोम अहह उहह कर रही थी,,
मैं समझ गया की खेल चालू है अंदर,,मैं डोर के करीब पहुँचा तो आवाज़ तेज हो
गई,,,कल तो मोम को डर था कहीं कोई आ ना जाए इसलिए स्लो आवाज़ कर रही थी पर
आज उनको यकीन था कोई आने वाला नही है इसी लिए वो बिना क़िस्सी डर के खुलके एंजाय
कर रही थी ओर तेज आवाज़ मे अहह उहह कर रही
थी,,मैं डोर क पास पहुँचा तो देखा रूम अंदर से बंद था,,मैने कीहोल मे से
अंदर देखने की कोशिश की तो देखा की मोम उसी छोटे बेड पे पूरी नंगी भाई के
उपर बैठी हुई थी ओर भाई का लंड चूत मे लेके उपर नीचे हो रही थी,मुझे कुछ
क्लियर नही दिख रहा था,,,,रूम मे अंधेरा नही था बल्कि रूम मे फेन आन था जिसकी
वजह से रूम मे कर्टन हिल रहा था ओर बार बार कीहोल क सामने आ रहा था,फिर
जब कर्टन साइड होता तो मुझे मोम का साइड पोज़ नज़र आ जाता,,मोम बड़ी तेज़ी से उपर
नीचे हो रही थी जिस वजह से उनके बूब्स भी उछल रहे थे इतने बड़े बूब्स थे की
मेरे दोनो हाथों मे एक बूब पूरा नही आ सकता था,,लेकिन एक बात थी मोम की उम्र
इतनी हो गई थी पर फिर भी बूब्स ज़रा सा भी लटके नही थे हाँ थोड़े नीचे की
तरफ ज़रूर हो गये थे पर इतने बड़े बूब्स का हल्का सा नीचे झुकना तो जाएज है,,


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