RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है compleet
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Re: RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
उसने लंड को चूत के छेद पर अड़ा दिया. पहली बार मुझे ये एहसास हुआ कि मेरी चूत का सुराख उम्मीद से ज़्यादा ही छ्होटा है. क्योंकि लंड का सुपाड़ा अंदर जाने का नाम ही नहीं ले रहा था. मेरी हालत तो ऐसी हो चुकी थी कि अगर उसने लंड जल्दी अंदर नहीं किया तो शायद मैं पागल हो जाऊं. वो अंदर डालने की कोशिश कर रहा था.मैं बोली,“क्या कर रहे हो जल्दी घुसाओ ना अंदर. उूउउफफफफफफ्फ़ उूउउम्म्म्ममम अब तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है. प्लीज़ जल्दी से अंदर कर दो.”
वो बार बार लंड को पकड़ कर चूत में डालने की कोशिश करता और बार बार लंड दूसरी तरफ फिसल जाता. वो भी परेशान हो रहा था और मैं भी. मैं सीसीयाने लगी, क्योंकि चूत के भीतरी हिस्से में ज़ोरदार गुदगुदी सी हो रही थी. मैं बार बार उसे अंदर करने के लिए कहे जा रही थी. वो प्रयास कर तो रहा था मगर लंड की मोटाई के कारण चूत के अंदर नहीं जा पा रहा था. तभी उसने कहा, “उफफफफफफफ्फ़ तुम्हारी चूत का सुराख तो इस कदर छ्होटा है कि लंड अंदर जाने का नाम ही नहीं ले रहा है मैं क्या करूँ?”
“तुम तेज़ झटके से घुसाओ अगर फिर भी अंदर नहीं जाता है तो फाड़ दो मेरी चूत को.” मैं जोश में आ कर बोल बैठी. मेरी बात सुनकर वो भी बहुत जोश में आ गया और उसने ज़ोर का धक्का मारा. एकदम जानलेवा धक्का था, भकक से चूत के अंदर लंड का सुपाड़ा समा गया, इसके साथ ही मेरे मूह से चीख भी निकल गयी. चूत की ओर देखा तो पाया कि बीच से फट गयी थी और खून निकल रहा था. खून देखने के बाद तो मेरी घबराहट और बढ़ने लगी मगर किसी तरह मैने अपने आप पर काबू किया.
उसके लंड ने चूत का थोड़ा सा ही सफ़र पूरा किया था और उसी में मेरी हालत खराब होने लगी थी. चूत के एकदम बीचो बीच धंसा हुआ उसका लंड ख़तरनाक लग रहा था. मैं दर्द से कराह-हते हुए बोली, “माइ गॉड ! मेरी चूत तो सचमुच फट गयी उफफफफफफफफफ्फ़ दर्द सहन नहीं हो रहा है. अगर पूरा लंड अंदर घुसाओगे तो लगता है मेरी जान ही निकल जाएगी.”
“नहीं यार! मैं तुम्हे मरने थोड़े ही दूँगा.” वो बोला और लंड को हिलाने लगा तो मुझे ऐसा अनुभव हुआ जैसे चूत के अंदर बवंडर मचा हुआ हो. जब मैने कहा कि थोड़ी देर रुक जाओ, उसके बाद धक्के मारना तो उसने लंड को जहाँ का तहाँ रोक दिया और हाथ बढ़ा कर मेरी चूची को पकड़ कर दबाने लगा. चूची में कठोरता पूरे शबाब पर आ गयी थी और जब उसने दबाना शुरूकिया तो मैने चूत की ओर से कुच्छ राहत महसूस की. कारण मुझे चूचियों का डबवाया जाना अच्छा लग रहा था. मेरा तो यहा तक दिल कर रहा था की वो मेरे निपल को मूह में लेकर चूस्ता. इससे मुझे आनंद भी आता और चूत की ओर से ध्यान भी बाँट-ता. मगर टाँग उसके कंधे पर होने से उसका चेहरा मेरे निपल तक पहुँच पाना एक प्रकार से नामुमकिन ही था.
तभी वो लंड को भी हिलाने लगा. पहले धीरे धीरे उसके बाद तेज़ गति से.
चूची को भी एक हाथ से मसल रहा था. चूत में लंड की हल्की हल्की
सरसराहट अच्छी लगने लगी तो मुझे आनंद आने लगा. पहले धीरे और उसके
उसने धक्को की गति तेज़ कर दी. मगर लंड को ज़्यादा अंदर करने का प्रयास उसने अभी नहीं किया था. एका एक शिवम बोला, “तुम्हारी चूत इतनी कमसिन और टाइट है कि क्या कहूँ?”
उसकी बात सुनकर मैं मुस्कुरा कर रह गयी. मैने कहा, “मगर फिर भी तो तुमने फाड़ कर लंड घुसा ही दिया.”
“अगर नहीं घुसाता तो मेरे ख़याल से तुम्हारे साथ मैं भी पागल हो जाता.”
मैं मुस्कुरा कर रह गयी.वो तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करने लगा था. अब चूत में दर्द अधिक तो नहीं हो रहा था हां हल्का हल्का सा दर्द उठ रहा था. मगर उससे मुझे कोइ परेशानी नहीं थी. उसके मुक़ाबले मुझे मज़ा आ रहा था. कुछ देर में ही उसने लंड को थेल कर काफ़ी अंदर कर दिया था. उसके बाद भी जब और थेल कर अंदर घुसाने लगा तो मैं बोली, “और अंदर कहाँ करोगे, अब तो सारा का सारा अंदर कर चुके हो. अब बाकी क्या रह गया है?”
“एक इंच बाकी रह गया है.” कहते ही उसने मुझे कुछ बोलने का मौका दिए
बगैर ज़ोर से झटका मार कर लंड को चूत की गहराई में पहुँचा दिया.
मैं चिहुनक कर रह गयी. उसके लंड के ज़ोरदार प्रहार से मैं मस्त हो कर रह गयी थी. ऐसा आनंद आया कि लगा उसके लंड को चूत की पूरी गहराई में दाखिल करवा ही लूँ. उसी में मज़ा आएगा. यह सोच कर मैने कहा, “हाऐईयईईई…… और अंदर…….. घुसाआअऊऊऊ. गहराई में पहुँचा दो.”
उसने मेरी जाँघो पर हाथ फेरा और लंड को ज़ोर से ठेला तो मेरी चूत से अजीब तरह की आवाज़ निकली और इसके साथ ही मेरी चूत से और भी खून गिरने लगा. मगर मुझे इससे भी कोइ परेशानी नहीं हुई थी, बल्कि यह देख कर मैं आनंद में आ गयी कि चूत का सुराख पूरा खुल गया था और लंड सारा का सारा अंदर था. एक पल को तो मैं यह सोच कर ही रोमांचित हो गयी की उसके बॅमबू जैसे लंड को मैने अपनी चूत में पूरा डलवा लिया था. उस पर से जब उसने धक्के मारने लगा, तो एहसास हुआ कि वाकई जो मज़ा चुदाई में है वो किसी और तरीके से मौज-मस्ती करने से नहीं है.
क्रमशः...............
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Re: RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
RajSharma stories
मुझे कुच्छ कुच्छ होता है --3
गतान्क से आगे ...........
उसका 8 इंच लंड अब मेरी चूत की गहराई को पहले से काफ़ी अच्छी तरह नाप
रहा था. मैं पूरी तरह मस्त होकर मूह से सिसकारी निकालने लगी. पता
नहीं कैसे मेरे मूह से एकदम गंदी गंदी बात निकलने लगी थी. जिसके बारे में मैने पहले कभी सोचा तक नहीं था. फहाआद्द्दद्ड….. डूऊऊओ मेरिइईईई चूऊवटतत्टतत्त कूऊऊऊ आआहह प्प्प्पीईईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊओ और्र्र्ररर तेज़ पेलो टुकड़े टुकड़े कर दो मेरी चूऊऊथततटटतत्त क्ीईईईईईईई.
एका एक मैं झड़ने के करीब पहुँच गयी तो मैने शिवम को और तेज़ गति से धक्के मारने को कह दिया,अब लंड मेरी चूत को पार कर मेरी बच्चेदानि से टकराने लगा था, तभी चूत में ऐसा संकुचन हुआ कि मैने खुद बखुद उसके लंड को ज़ोर से चूत के बीच में कस लिया. पूरी चूत में ऐसी गुदगुदाहट होने लगी कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मेरे मूह से ज़ोरदार सिसकारी निकलने लगी. उसने लंड को रोका नहीं और धक्के मारता रहा. मेरी हालत जब कुछ अधिक खराब होने लगी तो मेरी रुलाई छ्छूट निकली. वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. मेरे रो देने पर उसने लंड को रोक लिया और मुझे मनाने का प्रयास करने लगा. मैं उसके रुक जाने पर
खुद ही शांत हो गयी और धीरे धीरे मैं अपने बदन को ढीला छ्चोड़ने लगी.
कुच्छ देर तक वो मेरी चूत में ही लंड डाले मेरे ऊपर पड़ा रहा. मैं आराम से कुच्छ देर तक साँस लेती रही. फिर जब मैने उसकी ओर ध्यान दिया तो पाया कि उसका मोटा लंड चूत की गहराई में वैसे का वैसा ही खड़ा और आकड़ा हुआ पड़ा था. मुझे नॉर्मल देखकर उसने कहा, “कहो तो अब मैं फिर से धक्के मारने शुरू करूँ.”
“मारो, मैं देखती हूँ कि मैं बर्दाश्त कर पाती हूँ या नहीं.”
उसने दोबारा जब धक्के मारने स्टार्ट किए तो मुझे लगा जैसे मेरी चूत में काँटे उग आए हो, मैं उसके धक्के झेल नहीं पाई और उसे मना कर दिया. मेरे बहुत कहने पर उसने लंड बाहर निकालना स्वीकार कर लिया. जब उसने बाहर निकाला तो मैने राहत की साँस ली. उसने मेरी टाँगो को अपने
कंधे से उतार दिया और मुझे दूसरी तरफ घुमाने लगा तो पहले तो मैं
समझ नहीं पायी कि वो करना क्या चाहता है. मगर जब उसने मेरी गांद को पकड़ कर ऊपर उठाया और उसमें लंड घुसाने के लिए मुझे आगे की ओर झुकाने लगा तो मैं उसका मतलब समझ कर रोमांच से भर गयी.
मैने खुद ही अपनी गांद को ऊपर कर लिया और कोशिश करी कि गांद का च्छेद
खुल जाए. उसने लंड को मेरी गांद के छेद पर रखखा और अंदर करने के लिए हल्का सा दबाव ही दिया था कि मैं सिसकी लेकर बोली, “थूक लगा कर घुसाओ.”
उसने मेरी गांद पर थूक चुपद दिया और लंड को गांद पर रखकर अंदर डालने लगा. मैं बड़ी मुश्किल से उसे झेल रही थी. दर्द महसूस हो रहा था. कुच्छ देर में ही उसने थोड़ा सा लंड अंदर करने में सफलता प्राप्त कर ली थी. फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगा, तो लंड मेरी गांद के अंदर रगड़ खाने लगा
तभी उसने अपेक्षाक्रत तेज़ गति से लंड को अंदर कर दिया, मैं इस हमले के
लिए तय्यार नहीं थी, इसलिए आगे की ओर गिरते बची. सीट की पुष्ट को सख्ती
से पकड़ लिया था मैने. अगर नहीं पकड़ती तो ज़रूर ही गिर जाती. मगर इस
झटके का एक फ़ायदा यह हुआ कि लंड आधा के करीब मेरी गांद में धँस गया था. मेरे मूह से दर्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगी उउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ………. आआआहहह…. मररर्र्र्र्र्ररर गइईईई….. फट गयी मेरी गाआआअन्न्न्न्ँद्द्द्द्ड…… हाआआऐययईईईईईईईईई ऊओह…….. उसने अपना लंड जहाँ का तहाँ रोक कर धीरे धीरे धक्के लगाने स्टार्ट किए. मुझे अभी आनंद ही आना शुरू हुआ था कि तभी वो तेज़ तेज़ झटके मारता हुआ काँपने लगा, लंड का सुपाड़ा मेरी गांद में फूल पिचक रहा था, आआआआहह मेर्र्र्रृिईईईईईईईई जाआअन्न्ननननणणन् म्म्म्मममममम आआआआआअ ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्
ज़ आआआआआआ आआआयययी हह आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईई कहता हुआ वो मेरी गांद में ही झाड़ गया. मैने महसूस किया कि मेरी गांद में उसका गाढ़ा और गरम वीर्य टपक रहा था.
उसने मेरी पीठ को कुछ देर तक चूमा और अपने लंड को झटके देता रहा. उसके बाद पूरी तरह शांत हो गया. मैं पूरी तरह गांद मरवाने का आनंद भी नहीं ले पाई थी. एक प्रकार से मुझे आनंद आना शुरू ही हुआ था. उसने लंड निकाल लिया. मैं कपड़े पहनते हुए बोली, “तुम बहुत बदमाश हो. शादी से पहले ही सब कुछ कर डाला.”
“वो मुस्कुराने लगा. बोला, “क्या करता, तुम्हारी कमसिन जवानी को देख कर दिल पर काबू रखना मुश्किल हो रहा था. काई दिनो से चोदने का मान था, आज अच्छा मौका था तो छ्चोड़ने का मन नहीं हुआ. वैसे तुम ईमानदारी से बताओ कि तुम्हे मज़ा आया या नहीं?”
उसकी बात सुनकर मैं चुप हो गयी और चुपचाप अपने कपड़े पहनती रही. मैं मुस्कुरा भी रही थी. वो मेरे बदन से लिपट कर बोला, “बोलो ना ! मज़ा आया?”
“हां” मैने हौले से कह दिया.
“तो फिर एक काम करो, मेरा मन नहीं भरा है. तुम कार अपने ड्राइवर को दे दो और उसे कह दो कि तुम अपनी एक सहेली के घर जा रही हो. रात भर उसके घर में ही रहोगी. फिर हम दोनो रात भर मौज मस्ती करेंगे.”
मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा कर रह गयी. बोली, “दोनो तरफ का बाजा बजा
चुके हो फिर भी मन नहीं भरा तुम्हारा?”
“नहीं ! बल्कि अब तो और ज़्यादा मन बेचैन हो गया है. पहले तो मैने इसका
स्वाद नहीं लिया था, इसीलिए मालूम नहीं था कि चूत और गांद चोदने में कैसा मज़ा आता है. एक बार चोदने के बाद और चोदने का मन कर रहा है. और मुझे यकीन है कि तुम्हारा भी मन कर रहा होगा.”
“नहीं मेरा मन नहीं कर रहा है”
“तुम झूठ बोल रही हो. दिल पर हाथ रख कर कहो”
मुझे कुच्छ कुच्छ होता है --3
गतान्क से आगे ...........
उसका 8 इंच लंड अब मेरी चूत की गहराई को पहले से काफ़ी अच्छी तरह नाप
रहा था. मैं पूरी तरह मस्त होकर मूह से सिसकारी निकालने लगी. पता
नहीं कैसे मेरे मूह से एकदम गंदी गंदी बात निकलने लगी थी. जिसके बारे में मैने पहले कभी सोचा तक नहीं था. फहाआद्द्दद्ड….. डूऊऊओ मेरिइईईई चूऊवटतत्टतत्त कूऊऊऊ आआहह प्प्प्पीईईल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊओ और्र्र्ररर तेज़ पेलो टुकड़े टुकड़े कर दो मेरी चूऊऊथततटटतत्त क्ीईईईईईईई.
एका एक मैं झड़ने के करीब पहुँच गयी तो मैने शिवम को और तेज़ गति से धक्के मारने को कह दिया,अब लंड मेरी चूत को पार कर मेरी बच्चेदानि से टकराने लगा था, तभी चूत में ऐसा संकुचन हुआ कि मैने खुद बखुद उसके लंड को ज़ोर से चूत के बीच में कस लिया. पूरी चूत में ऐसी गुदगुदाहट होने लगी कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मेरे मूह से ज़ोरदार सिसकारी निकलने लगी. उसने लंड को रोका नहीं और धक्के मारता रहा. मेरी हालत जब कुछ अधिक खराब होने लगी तो मेरी रुलाई छ्छूट निकली. वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. मेरे रो देने पर उसने लंड को रोक लिया और मुझे मनाने का प्रयास करने लगा. मैं उसके रुक जाने पर
खुद ही शांत हो गयी और धीरे धीरे मैं अपने बदन को ढीला छ्चोड़ने लगी.
कुच्छ देर तक वो मेरी चूत में ही लंड डाले मेरे ऊपर पड़ा रहा. मैं आराम से कुच्छ देर तक साँस लेती रही. फिर जब मैने उसकी ओर ध्यान दिया तो पाया कि उसका मोटा लंड चूत की गहराई में वैसे का वैसा ही खड़ा और आकड़ा हुआ पड़ा था. मुझे नॉर्मल देखकर उसने कहा, “कहो तो अब मैं फिर से धक्के मारने शुरू करूँ.”
“मारो, मैं देखती हूँ कि मैं बर्दाश्त कर पाती हूँ या नहीं.”
उसने दोबारा जब धक्के मारने स्टार्ट किए तो मुझे लगा जैसे मेरी चूत में काँटे उग आए हो, मैं उसके धक्के झेल नहीं पाई और उसे मना कर दिया. मेरे बहुत कहने पर उसने लंड बाहर निकालना स्वीकार कर लिया. जब उसने बाहर निकाला तो मैने राहत की साँस ली. उसने मेरी टाँगो को अपने
कंधे से उतार दिया और मुझे दूसरी तरफ घुमाने लगा तो पहले तो मैं
समझ नहीं पायी कि वो करना क्या चाहता है. मगर जब उसने मेरी गांद को पकड़ कर ऊपर उठाया और उसमें लंड घुसाने के लिए मुझे आगे की ओर झुकाने लगा तो मैं उसका मतलब समझ कर रोमांच से भर गयी.
मैने खुद ही अपनी गांद को ऊपर कर लिया और कोशिश करी कि गांद का च्छेद
खुल जाए. उसने लंड को मेरी गांद के छेद पर रखखा और अंदर करने के लिए हल्का सा दबाव ही दिया था कि मैं सिसकी लेकर बोली, “थूक लगा कर घुसाओ.”
उसने मेरी गांद पर थूक चुपद दिया और लंड को गांद पर रखकर अंदर डालने लगा. मैं बड़ी मुश्किल से उसे झेल रही थी. दर्द महसूस हो रहा था. कुच्छ देर में ही उसने थोड़ा सा लंड अंदर करने में सफलता प्राप्त कर ली थी. फिर धीरे धीरे धक्के मारने लगा, तो लंड मेरी गांद के अंदर रगड़ खाने लगा
तभी उसने अपेक्षाक्रत तेज़ गति से लंड को अंदर कर दिया, मैं इस हमले के
लिए तय्यार नहीं थी, इसलिए आगे की ओर गिरते बची. सीट की पुष्ट को सख्ती
से पकड़ लिया था मैने. अगर नहीं पकड़ती तो ज़रूर ही गिर जाती. मगर इस
झटके का एक फ़ायदा यह हुआ कि लंड आधा के करीब मेरी गांद में धँस गया था. मेरे मूह से दर्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगी उउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ………. आआआहहह…. मररर्र्र्र्र्ररर गइईईई….. फट गयी मेरी गाआआअन्न्न्न्ँद्द्द्द्ड…… हाआआऐययईईईईईईईईई ऊओह…….. उसने अपना लंड जहाँ का तहाँ रोक कर धीरे धीरे धक्के लगाने स्टार्ट किए. मुझे अभी आनंद ही आना शुरू हुआ था कि तभी वो तेज़ तेज़ झटके मारता हुआ काँपने लगा, लंड का सुपाड़ा मेरी गांद में फूल पिचक रहा था, आआआआहह मेर्र्र्रृिईईईईईईईई जाआअन्न्ननननणणन् म्म्म्मममममम आआआआआअ ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्
ज़ आआआआआआ आआआयययी हह आआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईई कहता हुआ वो मेरी गांद में ही झाड़ गया. मैने महसूस किया कि मेरी गांद में उसका गाढ़ा और गरम वीर्य टपक रहा था.
उसने मेरी पीठ को कुछ देर तक चूमा और अपने लंड को झटके देता रहा. उसके बाद पूरी तरह शांत हो गया. मैं पूरी तरह गांद मरवाने का आनंद भी नहीं ले पाई थी. एक प्रकार से मुझे आनंद आना शुरू ही हुआ था. उसने लंड निकाल लिया. मैं कपड़े पहनते हुए बोली, “तुम बहुत बदमाश हो. शादी से पहले ही सब कुछ कर डाला.”
“वो मुस्कुराने लगा. बोला, “क्या करता, तुम्हारी कमसिन जवानी को देख कर दिल पर काबू रखना मुश्किल हो रहा था. काई दिनो से चोदने का मान था, आज अच्छा मौका था तो छ्चोड़ने का मन नहीं हुआ. वैसे तुम ईमानदारी से बताओ कि तुम्हे मज़ा आया या नहीं?”
उसकी बात सुनकर मैं चुप हो गयी और चुपचाप अपने कपड़े पहनती रही. मैं मुस्कुरा भी रही थी. वो मेरे बदन से लिपट कर बोला, “बोलो ना ! मज़ा आया?”
“हां” मैने हौले से कह दिया.
“तो फिर एक काम करो, मेरा मन नहीं भरा है. तुम कार अपने ड्राइवर को दे दो और उसे कह दो कि तुम अपनी एक सहेली के घर जा रही हो. रात भर उसके घर में ही रहोगी. फिर हम दोनो रात भर मौज मस्ती करेंगे.”
मैं उसकी बात सुनकर मुस्कुरा कर रह गयी. बोली, “दोनो तरफ का बाजा बजा
चुके हो फिर भी मन नहीं भरा तुम्हारा?”
“नहीं ! बल्कि अब तो और ज़्यादा मन बेचैन हो गया है. पहले तो मैने इसका
स्वाद नहीं लिया था, इसीलिए मालूम नहीं था कि चूत और गांद चोदने में कैसा मज़ा आता है. एक बार चोदने के बाद और चोदने का मन कर रहा है. और मुझे यकीन है कि तुम्हारा भी मन कर रहा होगा.”
“नहीं मेरा मन नहीं कर रहा है”
“तुम झूठ बोल रही हो. दिल पर हाथ रख कर कहो”
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Re: RajSharma stories मुझे कुच्छ कुच्छ होता है
मैने दिल की झूठी कसम नहीं खाई. सच कह दिया कि वाकई मेरा मन नहीं भरा है. मेरी बात सुना-ने के बाद वो और भी ज़िद्द करने लगा. कहने लगा कि प्लीज़ मान जाओ ना ! बड़ा मज़ा आएगा. सारी रात रंगीन हो जाएगी.”
मैं सोचने लगी. वैसे तो मैं रात को अपनी सहेलियों के पास कयी बार रुक चुकी थी मगर उसके लिए मैं मम्मी को पहले से ही बता देती थी. इस प्रकार आईं मौके पर मैने कभी रात भर बाहर रहने का प्रोग्राम नहीं बनाया था. सोचते सोचते ही मैने एका एक प्रोग्राम बना लिया. मगर बोली, “सवाल यह है कि हम लोग रात भर रहेंगे कहाँ? होटेल में?”
“होटेल में रहना मुश्किल है. ख़तरा भी है. क्योंकि तुम अभी कमसिन हो. मेरे दोस्त अजय का एक बंग्लो खाली है. मैं उसे फोन कर दूँगा तो वो हमारे पहुँचने से पहले सफाई वगेरह करवा देगा.”
उसकी बात मुझे पसंद तो आ रही थी मगर दिल गवारा नहीं कर रहा था. एका एक उसने मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और बोला, “घर के बारे में नहीं, इसके बारे में सोचो. यह तुम्हारी चूत और गांद का दीवाना है. और तुम्हारी चूत मारने को उतावला हो रहा है.”
उसके लंड को पकड़ने के बाद मेरा मन फिर उसके लंड की ओर मुड़ने लगा. उसे मैं सहलाने लगी. फिर मैने हां कह दिया. उसके लंड को जैसे ही मैने हाथ में लिया था, उसमें उत्तेजना आने लगी. वो बोला, “देखो फिर खड़ा हो रहा है. अगर मन कर रहा है तो बताओ चलते चलते एक बार और चुदाई का मज़ा ले लिया जाए.”
यह कहते हुए उसने लंड को आगे बढ़ा कर चूत से सटा दिया. उस वक़्त मैने जीन्स और पॅंटी नहीं पहनी थी. वो चूत पर लंड को रगड़ने लगा. उसके रगड़ने से मेरी चूत पानी छ्चोड़ने लगी, मेर मन में चुदाई का विचार आने लगा था. मगर मैने अपनी भावनाओं पर काबू पाने का प्रयास किया. उसने मेरी चूत में लंड घुसाने के लिए हल्का सा धक्का मारा. मगर लंड एक ओर फिसल गया. मैने जल्दी से लंड को दोनो हाथो से पकड़ लिया, और बोली, “चूत में मत डालो. जब रात रंगीन करने का मन बना ही लिया है तो फिर इतना बेताब क्यों हो रहे हो. या तो इसे ठंडा कर लो या फिर मैं किसी और तरीके से इसे ठंडा कर देती हूँ.”
“तुम किसी और तरीके से ठंडा कर दो. क्योंकि ये खुद तो ठंडा होने वाला
नहीं है.”
मैं उसके लंड को पकड़ कर दो पल सोचती रही फिर उस पर तेज़ी से हाथ फिराने लगी. वो बोला, “क्या कर रही हो?”
“मैने एक सहेली से सुना है कि लड़के लोग इस तरह झटका देकर मूठ मारते
हैं और झाड़ जाते हैं.”
वो मेरी बात सुनकर मुस्कुरा कर बोला, “ऐसे चुदाई का मज़ा तो लिया जाता है मगर तब, जब कोइ प्रेमिका ना हो. जब तुम मेरे पास हो तो मुझे मूठ मारने की क्या ज़रूरत है?”
“समझो की मैं नहीं हूँ?”
“ये कैसे समझ लूं. तुम तो मेरी बाहों में हो.” कह कर वो मुझे बाहो में लेने लगा. मैने मना किया तो उसने छ्चोड़ दिया. वो बोला, “कुच्छ भी करो. अगर चूत में नहीं तो गांद में…….” कह कर वो मुस्कुराने लगा. मैं शर्मा कर बोली, “धात”.
“तो फिर मूह से चूस कर मुझे झाड़ दो.”
मैं नहीं नहीं करने लगी. आख़िर में गांद मारना मैने पसंद किया. फिर मैं घोड़ी बनकर गांद उसकी तरफ कर घूम गयी. उसने मेरी गांद पर थोडा सा थूक लगाया और अपने लंड पर भी थोड़ा सा थूक चूपदा और लंड को गांद के छेद पर टीका कर एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना आधा लंड मेरी गांद में घुसा दिया. मेरे मूह से कराह निकल गयी आआआआआईयईईईईईईईई मुंम्म्मममय्ययययययी माआअरररर दियाआआआअ फ़ाआअद्द्द्द्दद्ड डीईईईईईईईईईई बचाआआआअ लूऊऊऊ मुऊऊउुज्ज्ज्झहहीए मेरी गाआान्न्ननन्न्ँद्द्द्द्दद्ड ऊऊऊऊफफफफफफफफ्फ़ उउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म बहुत दर्द कर रहा है.
उसने दो तीन झटको में ही अपना लंड मेरी गांद के आख़िरी कोने तक पहुँचा दिया, ऐसा लगा जैसे उसका लंड मेरी आंतडियों को चीर डाल रहा हो. मैने गांद में लंड डलवाना इसलिए पसंद किया था, कि पिछली बार मैं गांद मरवाने का पूरा आनंद नहीं ले पाई थी और मेरा मन मचलता ही रह गया था, वो झाड़ जो गया था. अब मैं इसका भी मज़ा लूँगी ये सोच कर मैं उसका सपोर्ट करने लगी. गांद को पीछे की ओर धकेलने लगी. वो काफ़ी देर तक तेज़ तेज़ धक्के मारता हुआ मुझे आनंदित करता रहा, मैं खुद ही अपनी 2 उंगलियाँ चूत में डाल कर अंदर बाहर करने लगी, एक तो गांद में लंड का अंदर बाहर होना और दूसरा मेरा उंगलियों से अपनी चूत को कुचलवा दो तरफ़ा आनंद से मैं जल्द ही झड़ने लगी और झाड़ते हुए बड़बड़ाने लगी, आआअहह सस्शहिईीयववववााअम्म्म्ममम मेरे ययययययाआअरर्र्ररर मज़ाआआ आआ गगग्गगाआआयययययाआ चहूऊद्ददडूऊऊओ रर्राआआजजजज्ज्जाअ आआऐईईईईइस्स्स्स्स्स्स्सीई ही चहूऊओद्द्दद्डूऊऊ मुऊऊुज्ज्ज्झहीईए म्म्म्ममीईरीईई
गग्ग्गाआान्न्न्ँदडड़ का ब्ब्ब्बबाआआअजजजज्ज्ज्जाआाआअ ब्ब्ब्बाआज्जजज्जाआाअ
डूऊऊऊओ हहाआऐययईईई कीईईत्त्त्त्त्न्न्न्न्न्नाआआ म्म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़ाआआ
आअरर्ररराआहहााअ हहाआऐययईईईईईईई, कहते हुए मैं झड़ने लगी, वो भी
3-4 तेज़ धक्के मारता हुआ बड़बड़ाता हुआ झड़ने लगा आआआअहह लीई म्म्म्ममीईररर्र्रृिईईई र्रेयेयान्न्नियियीई आआअजजजज्ज्ज टत्ततटूऊओ फफफफफ़ाआअद्द्द्द्दद्ड द्द्द्दोन्न्न्न्न्ग्ग्ग्ग्गाआ त्ट्तीईरीइईईईई गाआअन्न्न्न्द्द्द्द्द्द्द, कयययययाआ एम्मायायायाल्ल्लायाययेयीयियीईयीईयीई हहाआऐययईईईईईईईई तेरी ग्बीन्नन्नन्न्नड्डड्ड आआआहह लंड कैसे कस कस कर जा रहा है म्म्म्मममममममम कहता हुआ वो मेरी पीठ पर ही गिर पड़ा और हाँफने लगा.
क्रमशः...............