रंगीन आवारगी

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rajaarkey
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Re: रंगीन आवारगी

Unread post by rajaarkey » 07 Dec 2014 20:42

रंगीन आवारगी - 2

गतान्क से आगे...................

दूसरी गेम में हार हुई शशि की. अवी ने कहा,” विमल यार अब बारी तेरी है. ले लो बदला मेरी बीवी से. मेरी मानो तो इसका पाजामा उतार दो. कम से कम अपनी बेहन की चूत के दर्शन तो कर लो!!” विमल मुस्कुराते हुए उठा,” ठीक है यार अगर तू अपनी बीवी की चूत दिखवाना चाहता है तो देख ही लेते हैं. क्यो शशि, मेरी बहना, कहीं नीचे पॅंटी तो नहीं पहन रखी?” शशि भी बेशरामी से बोली,” भैया, अपनी बेहन की चूत देखने का शौक है तो पाजामा उतार कर ही देखनी होगी. मुझे भी लगता है कि तुम बहुत बरसों से मेरी चूत के दीदार करने के इच्छुक हो, किओं बिंदु से दिल नहीं भरा?”

विमल ने शशि को होंठों पर किस किया और फिर पाजामे का एलास्टिक खींच दिया. जब वो एलास्टिक नीचे सरका रहा था तो उसने जान बुझ कर उंगलियाँ उसकी फूली हुई चूत पर रगड़ डालीं. अवी मुस्कराते हुए बोला”विमल साले तू हरामी का हरामी रहा, साले शशि की चूत स्पर्श करने की इजाज़त तुझे किस ने दी? साले अपनी बेहन की चूत पर हाथ फेरते हुए कैसा लगा?” शशि बोली,” अवी, मैं अपनी चूत पर जिसका हाथ फिराना चाहती हूँ फिरा सकती हूँ, मेरे विमल भैया से शिकायत मत करना, जब तेरी बारी आएगी तो बिंदु पर हाथ सॉफ कर लेना!!”

तीसरी बाज़ी अवी हारा. विमल ने मुझे उसकी पॅंट उतारने को बोला. जब मैने उसकी पॅंट उत्तरी तो वो बोला,” शशि, तेरी सहेली के हाथ से नंगे होना मज़े की बात है,” तभी मेरे हाथ अवी के नंगे लंड से जा टकराए,”उइईए, ये क्या? आपने कच्छा नहीं पहना?” अवी हंस पड़ा,”किओं साली साहिबा, हमारा हथियार पसंद नहीं आया जो चीख मार दी आपने? आपकी सखी तो काफ़ी खुश है इसकी पर्फॉर्मेन्स से!!” उसका लंड किसी नाग देवता की तरह फूँकार रहा था. अवी ने जान बुझ कर पॅंट के नीचे कुच्छ नही पहना था. उसका लंड विमल के लंड से थोड़ा बड़ा था. अगली गेम फिर शशि हार गयी और बिना कुच्छ बोले विमल ने उसकी शर्ट उतार डाली.

शशि के मोटे मोटे मम्मे सब के सामने थे और मेरी सखी मादरजात नंगी हो गयी. विमल ने आगे झुक कर उसके निपल को चूम लिया. “बहनचोड़ विमल, ये फाउल है. मादराचोड़ तेरी बीवी एक भी गेम ना हारी और मेरी को तुम नंगा कर चुके हो और ये ही नहीं साले अपनी बेहन का दूध भी पी रहे हो!!!” विमल बोला” अवी यार हिम्मत है तो मेरी बीवी को हरा दो और कर दो नंगा, मुझे कोई एतराज़ नहीं. मेरिबिवी भी हम सभी के बराबर ही है”

अब की बारी मैं हारी तो सभी बहुत खुश हुए. “साली साहिबा अब आई हमारी बारी. मैं भी तेरी शर्ट उतार कर नंगा करता हूँ तुझे. देखूं तो सही की चुचि पत्नी की अधिक सेक्सी है या साली की?” अवी के हाथों ने पहले तो मेरी चुचि को अच्छी तरह टटोला. मेरी चुचि पत्थर की तरह कड़ी हो गयी. कसम से अवी का हाथ लगते ही मैं पागल हो गयी. मेरी शर्ट उतार कर जब उसने मेरी चुचि को किस किया तो मैं चुदासी हो गयी और चाहती थी कि आज मुझे अवी चोद डाले. मेरी चुचि गुलाबी हो गयी,”ऊऊओह, अवी मत करो, प्लेआस्ीईईई” अवी ने मुझे होंठों पर किस किया और बोला,”साली साहिबा, जब आपने हाथ लगा कर मेरे लंड को दीवाना बनाया था, भूल गई? अभी तो आपकी चूत को नंगा करना बाकी है”

फिर हारा अवी और विमल ने मुझे कहा, बिंदु, डार्लिंग, अब अपने जीजा को कर दो पूरा नंगा. उतार दो इसकी कमीज़ भी” मैने वैसे ही किया. अवी का सीना काले बालों से ढाका हुआ था और जब उसने मुझे अपने सीने से लगाया तो मेरी कड़क चुचि उसके स्पर्श से फटने को आ गयी. अवी ने एक हाथ मेरे पाजामे में डाल कर मेरी चूत को स्पर्श किया तो मेरी सिसकारी निकल गयी. मेरी चूत से पानी की धारा बह रही थी. “साली साहिबा, आपकी चूत तो पागल हुई जा रही है. किओं ना इसका इलाज मैं अपने लंड से कर दूं? विमल यार आज मेरी बात मान लो, प्लीज़. तुम शशि को चोदो और मुझे बिंदु को चोद लेने दो.

इतनी गरम चुदासी मैने आज तक नहीं देखी. अगर किसी को एतराज़ है तो अभी बोल दे” विमल और शशि ने हाँ बोल दी. वो हैरान हुए जब मैने कहा,”मुझे एतराज़ है, जीज़्जा जी! मुझे आज की पार्ट्नर्स बदलने की स्कीम पर एतराज़ है. अगर करना ही है तो फ़ैसला हो जाए कि ये अरेंज,मेंट हमेशा के लिए होगा. हम चारों आपस में किसी के साथ भी, जब चाहें जो करना हो कर सकते हैं. अगर मंज़ूर है तो बोलो. अवी ने मेरी चुचि को चूमते हुए कहा” साली साहिबा, आपने तो मेरे मन की बात कर डाली. लेकिन शायद विमल को रोज़ रोज़ अपनी बेहन चोदना पसंद ना आए” विमल ने शशि को अपनी गोदी में उठाते हुए कहा,” अगर तुम्हारा ये प्रोग्राम अच्छा है तो फिर इस मे कोई एतराज़ क्यो? चलो एक पेग और बनायो हमारे इस नये रिश्ते के लिए. आज पता चल जाएगा कि घर की चूत कितनी स्वाद होती है”

शशि उठी और पेग बना कर ले आई. अवी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और शशि विमल की गोद में जा बैठी. विमल के सिवा हम सभी नंगे थे. अवी का लंड मेरी गांद में घुसने की कोशिश कर रहा था. जब मैने देखा तो विमल शशि की चूत को हाथों से रगड़ रहा था और जब उसके ग्लास से कुच्छ शराब शशि की चुचि पर गिरी तो विमल उसको चाटने लगा,” ऑश मेरे भाई…ये क्या कर रहे हो…मैं तो कब से जल रही हूँ…चूस लो मेरी चुचि…आआहह..चूसो भैया,,,है…मैं मर गयी…मेरी चूत एक शोला बनी हुई है…..बस करो भैया…अब नहीं रहा जाता….पेल डालो अपना पापी लंड अपनी बेहन की चूत में….मैं मारीईईईई…..उउउफफफफफफ्फ़..भैय्ा

आआआअ चोद डालो मुझे…ऊऊओ भेन्चोद्द्द्द्द्द”

अवी ने अब शराब अपने लंड के सूपदे पर गिरा डाली और मुझे चाटने को बोला. उसका सूपड़ा उठक बैठक कर रहा था और जब में उसको चाटने के लिए झुकी तो उसने लंड मेरी मुह्न में डाल दिया. मैने आँखें बंद कर के लंड चूसना शुरू कर दिया और उसके अंडकोष हाथों में ले कर मसल्ने लगी.

अवी मेरे मुख को किसी चूत की तरह चोदने लगा,”ओह भेन्चोद बिंदु….बिल्कुल रांड़ है तू….मेरी पत्नी जैसी रांड़ है तू जो अपने भाई से चुदवाने को तड़प रही है…आआअहह….रुक जाओ वरना मैं झाड़ जाउन्गा….तेरी मा की चूत साली बस कर!!!” मैं भी अवी को झड़ने नहीं देना चाहती थी. इस लिए रुक गयी. विमल हम को हमारे डबल बेड पर जा कर एक साथ चुदाई शुरू करनी चाहिए. वहाँ मैं तुझे अपनी बेहन को चोद्ते देखना चाहता हू, चाहे वो मेरी बीवी ही है!!”

विमल ने शशि का नंगा जिस्म बाहों में उठा लिया और उसको बेड पर ले गया. अवी ने मुझे उठा लिया और मैं और शशि साथ साथ नंगी बेड पर लेट गयी. दोनो मर्द लोगों के लंड रोड की तरह खड़े थे.” साली साहिबा मैं तुझे घोड़ी बना कर चोदना चाहता हूँ किओं कि आपकी गांद मुझे बहुत सेक्सी लगती है. मैं अपना लंड पीछे से आपकी चूत में जाता हुआ देखना चाहता हूँ” मैं अपने मर्द के हूकम की पालना करती हुई घोड़ी बन कर हाथों और घुटनो पर झुक गयी.

“हाँ मेरे हरामी पति देव मैं जानती थी तू यही करेगा!! अब मेरी सहेली की गांद भी चाट ले किओं के तुझे उसकी गांद में भी घुसना है थोड़ी देर बाद!!!” शशि बोली और फिर विमल की तरफ मूडी,' मुझे क्या हूकम है भैया? मुझे भी घोड़ी बनायोगे क्या? अगर घोड़ी बनायोगे तो भी ठीक है किओं कि कम से कम भेन्चोद बनते वक्त भेन की शकल नहीं देख पाओगे!!” शशि बोली.

विमल ने कहा, 'बहना, भेन्चोद रोज़ रोज़ तो बना नहीं जाता. कब से तमन्ना थी तुझे चोदने की. पहली बार तो देखना चाहता हूँ कि मेरी बहना भी चुदाई के लिए तैयार है अपने भैया से? मेरी लाडो बहना, मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे उप्पेर चढ़ कर मुझे भेन्चोद बनायो. मैं अपनी बेहन की चूत में अपना लंड जाता हुआ देखना चाहता हूँ. लेकिन पहले एक बार अपनी चूत मेरे मुख से लगा कर अपनी नमकीन चूत का स्वाद तो चखा दो मेरी बहना, अपनी चूत को मेरी ज़ुबान पर रख दो, प्लीज़” विमल लेट गया और शशि उसके उप्पेर चढ़ करपनी चूत चटवाने लगी.

अवी ने पीच्छे जा कर एक उंगली शशि की गांद में डाल दी और चोदने लगा उसको उंगली से.”अवी मदेर्चोद, हट जा…साले तुझे बिंदु जैसी हसीन औरत मिली है और तू हम भाई भेन को आराम से चुदाई नहीं करने दे रहे. लगता है किसी दिन भैया से तेरी गांद मर्वानी पड़ेगी मुझे” शशि की गांद तेज़ी से उप्पेर नीचे हो रही थी.

असल चुदाई की स्टेज सज चुकी थी. अवी मेरे पीच्छे झुका और अपनी ज़ुबान को मेरी गांद में घुसा कर चाटने लगा. मेरी गांद आज तक कुँवारी थी. एक नया आनंद मेरे बदन को आ रहा था. उधर शशि अब उठी और अपनी दोनो जांघों को फैला कर विमल के लंड पर सवार होने लगी. विमल ने अपने हाथ उसकी चुचि पर कस दिए और शशि ने उसका लंड हाथ में पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और नीचे होने लगी.

अवी ने भी अब गांद चाटना बंद कर दिया और मेरे उप्पेर चढ़ गया. अवी का सूपड़ा किसी आग के शोले जैसा गरम था. उसने मेरे नितंभ को फैलाया और जांघों के बीच से लंड मेरी चूत मे पेल दिया.'आआआआ….भैय्ाआआअ….अंदर जा रहा है तेरा लंड…ऊऊओह बेह्न्चोद बन गये तुम विमल भैया..तेरी बेहन चुद रही है तुझ से आज….शाबाश मेरे भाई!!”

लगता था कि विमल का लंड शशि किचूत की जड़ तक समा गया था. अवी का सूपड़ा भी मेरे अंदर जा चुका था और मैं आनंद सागर में गोते लगा रही थी,” उर्र्ररज्ग्घह…….डाल दो जीजा…चोद लो अपनी साली को…..मदेर्चोद एक ही बार में घुसा दो जीजा…मत रोको…पेलो मुझे….उउउस्स्सिईईई …मर गाइ मेरी मा….आआआआ…पेलो जीज्ज़ज़ज्ज्जाआा!!” अवी ने अब एक ही झटके में पूरा लंड पेल दिया. उसका लंड मेरी चूत में बुरी तरह फिट हो गया और वो मुझे कुतिया की तरह चोदने लगा. मैं भी अपनी कमर उचका कर अपनी गांद उसके लंड पर मारने लगी.

कमरा फॅक फॅक की आवाज़ों से गूँज उठा. एक बेड पर हम चार लोग जन्नत की सैर कर रहे थे. विमल ने अपनी बेहन के कूल्हे जाकड़ लिए और नीचे से चोदने लगा. अवी भी अब एक कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. 'अवी मदेर्चोद थक गये? देखो मेरा पति कैसे चोद रहा है तेरी पत्नी को? तुझ में दम नहीं है क्या? साले चोद अपनी साली साहिबा को ज़ोर से…ज़ोर से….अंदर तक पेल अपना लंड जीज़्ज़ाआाअ!!!”

अवी ने मेरे बाल पकड़ लिए और घोड़े की लगाम की तरह खींच कर मुझे चोदने लगा. अब उसका लंड मेरी कोख से टकराने लगा. बाज़ू में अपनी सहेली और अपने पति को देख कर मेरी उतेज्ना की कोई सीमा ना रही और मैं झरने लगी.'ओह्ह्ह ज़ोर से चोदो…मैं झदीए…अवी चोद मुझे…आआहह….मैं झार रही हूऊऊ.!!!” अवी ने भी धक्के तेज़ कर दिए.

मुझे लगा कि वो भी मंज़िल के नज़दीक है. अचानक लंड रस की गरम धारा मेरी चूत में गिरने लगी और मेरा चूत रस अवी जीज़्जा के लंड रस से मिल गया. उधर शशि ने एक चीख मारी और विमल पर ढेर हो गयी. चारों झाड़ चुके थे.

दोस्तो ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा




rajaarkey
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Re: रंगीन आवारगी

Unread post by rajaarkey » 07 Dec 2014 20:47

Rangeen Awaargi - 2

gataank se aage...................

Dusri game mein haar hui Shashi ki. Avi ne kaha,” Vimal yaar ab bari teri hai. Le lo badla meri biwi se. Meri mano to isska pajama uttar do. Kam se kam apni behan ki chut ke darshan to kar lo!!” Vimal muskurate huye utha,” Theek hai yaar agar tu apni biwi ki chut dikhwana chahta hai to dekh hi lete hain. Kian Shashi, meri behna, kahin neechey panty to nahin pehan rakhi?” Shashi bhi besharami se boli,” Bhaiya, apni behan ki chut dekhne ka shauk hai to pajama uttar kar hi dekhni hogi. Mujhe bhi lagata hai ki tum bahut barson se meri chut ke didar karne ke ichhuk ho, kion Bindi se dil nahin bhara?”

Vimal ne Shashi ko honthon par kiss kia aur fir pajame ka elastic kheench diya. Jab vo elastic neechey sarka raha tha to ussne jan bujh kar unglian usski phuli hui chut par ragad dalin. Avi muskrate huye bola”Vimal sale tu harami ka harami raha, sale Shashi ki chut sparsh karne ki ijazat tujhe kiss ne di? Sale apni behan ki chut par hath ferte huye kaisa laga?” Shashi boli,” Avi, main apni chut par jisska haath firana chahti hoon fira sakti hoon, mere Vimal Bhaiya se shikayat mat karna, jab teri bari aayegi to Bindu par haath saaf kar lena!!”

Teesri bazi Avi hara. Vimal ne mujhe usski pant uttarne ko bola. Jab maine usski pant uttari to vo bola,” Sahashi, teri saheli ke haath se nange hona maze ki baat hai,” Tabhi mere haath Avi ke nange lund se ja takraye,”Uiieee, ye kia? Aapne kachha nahin pehna?” Avi hans pada,”Kion sali sahiba, hamara hathiyar pasand nahin aaya jo cheekh mar dee aapne? Aapki sakhi to kafi khush hai isski performance se!!” Usska lund kissi naag devta ki tarah funkar raha tha. Avi ne jan bujh kar pant ke neechey kuchh na pehna tha. Usska lund Vimal ke lund se thoda bada tha. Agli game fir Shashi har gayi aur bina kuchh bole Vimal ne usski shirt uttar dali.

Shashi ke mote mote mammey sab ke samne thay aur meri sakhi madezat nangi ho gayi. Vimal ne aage jhuk kar usske nipple ko chum liya. “Behnchod Vimal, ye foul hai. Madarchod teri biwi ek bhi game na hari aur meri ko tu nanga kar chuke ho aur ye hi nahin sale apni behan ka doodh bhi pee rahe ho!!!” Vimal bola” Avi yaar himmat hai to meri biwi ko hara do aur kar do nanga, mujhe koi etraz nahin. Meribiwi bhi hum sabhi ke barabar hi hai”

Ab ki bari main haari to sabhi bahut khush huye. “Sali sahiba ab aayi hamari bari. Main bhi teri shirt uttar kar nanga karta hoon tujhe. Dekhun to sahi ki chuchi patni ki adhik sexy hai ya sali ki?” Avi ke haathon ne pehle to meri chuchi ko achhi tarah tatola. Meri chuchi pathar ki tarah kadi ho gayi. Kasam se Avi ka haath lagate hi main pagal ho gayi. Meri shirt uttar kar jab ussne meri chuchi ko kiss kia to main chudasi ho gayi aur chahti thee ki aaj mujhe Avi chod dale. Meri chuchi gulabi ho gayi,”ooooohhhhhh, Avi mat karo, pleaseeeeeeee” Avi ne mujhe honthon par kiss kia aur bola,”Sali sahiba, jab aapne haath laga kar mere lund ko diwana banaya tha, bhul gai? Abhi to aapki chut ko nanga karna baki hai”

Fir Hara Avi aur Vimal ne mujhe kaha, Bindu, darling, ab apne jija ko kar do pura nanga. Uttar do isski kameez bhi” Maine vaise hi kia. Avi ka seena kale balon se dhaka hua tha aur jab ussne muhe apne sene se lagaya to meri kadak chuchi usske sparsh se phatne ko aa gayi. Avi ne ek haath mere pajame mein dal kar meri chut ko sparsh kia to meri siskari nikal gayi. Meri chut se pani ki dhara beh rahi thee. “Sali sahiba, aapki chut to pagal hui ja rahi hai. Kion na isska ilaj main pane lund se kar doon? Vimal yaar aaj meri baat man lo, please. Tum Shashi ko chodo aur mujhe Bindu ko chod lene do.

Itni garam chudasi maine aj tak nahin dekhi. Agar kissi ko etraz hai to abhi bol de” Vimal aur Shashi ne han bol dee. Vo hairan huye jab maine kaha,”Mujhe etraz hai, Jijja ji! Mujhe aaj ki partners badalne ki scheme par etraz hai. Agar karna hi hai to faisla ho jaye ki ye arrange,ment hamesha ke liye hoga. Hum charon apas mein kissi ke saath bhi, jab chahen jo karna ho kar sakte hain. Agar manzur hai to bolo. Avi ne meri chuchi ko chumte huye kaha” Sali sahiba, aapne to mere man ki baat kar dali. Lekin shayad Vimal ko roz roz apni behan chodna pasand na aaye” Vimal ne Shashi ko apni godi mein uthate huye kaha,” Agar hara ye program achha hai to fir iss me koi etraz kion? Chalo ek peg aur banayo hamare iss naye rishte ke liye. Aj pata chal jayega ki ghar ki chut kitni swad hoti hai”

Shasi uthi aur peg bana kar le aayi. Avi ne mujhe apni god mein bitha liya aur Shashi Vimal ki god mein ja baithi. Vimal ke siva hum sabhi nange thay. Avi ka lund meri gaand mein ghusne ki koshish kar raha tha. Jab maine dekha to Vimal Shashi ki chut ko haathon se ragad raha tha aur jab usske glass se kuchh sharan Shashi ki chuchi par giri to Vimal ussko chatne laga,” Ohhhh mere bhai…ye kia kar rahe ho…main to kab se jal rahi hoon…chus lo meri chuchi…aaaahhhh..chuso bhaiya,,,hai…main mar gayi…meri chut ek shola bani hui hai…..bas karo bhaiya…ab nahin raha jata….pel dalo apna papi lund apni behan ki chut mein….main mariiiiiiii…..uuufffffff..Bhaiyaaaaaaaaa chod dalo mujhe…ooooo bhenchodddddd”

Avi ne ab sharab apne lund ke supade par gira dali aur mujhe chatne ko bola. Usska supada uthak baithak kar raha tha aur jab mein ussko chatne ke liye jhuki to ussne lund meri muhn mein dali diya. Maine ankhen band kar ke lund chusna shuru kar diya aur usske andkosh haathon mein le kar masalne lagi.

Avi mere mukh ko kissi chut ki tarah chodne laga,”Ohhhhhh bhenchod Bindu….bilkul raand hai tu….meri patni jaisi raand hai tu jo apne bhai se chudwane ko tadap rahi hai…aaaaahhhhhh….ruk jayo varna main jhad jaunga….teri maa ki chut sali bas kar!!!” Main bhi Avi ko jhadne nahin dena chahti thee. Iss liye ruk gayi. Vimal humko hamare double bed par ja kar ek saath chudayi shuru karni chahiye. Vahan main tujhe apni behan ko chodte dekhna chahta hoo, chahe vo meri biwi hi hai!!”

Vimal ne Shashi ka nanga jism bahon mein utha liya aur ussko bed par le gaya. Avi ne mujhe utha liya aur main aur Shashi saath saath nangi bed par let gayi. Dono mard logon ke lund rod ki tarah khade thay.” Sali sahiba main tujhe ghodi bana kar chodna chahta hoon kion ki aapki gaand mujhe bahut sexy lagati hai. Main apna lund peechhey se aapki chut mein jata hua dekhna chahta hoon” Main apne mard ke hukam ki palna karti hui ghodi ban kar haathon autr ghutno par jhuk gayi.

“Han mere harami pati dev main janti thi tu yahi karega!! Ab meri saheli ki gaand bhi chat le kion ke tujhe usski gaand mein bhi ghusna hai thodi der baad!!!” Shashi boli aur fir Vimal ki taraf mudi,' Mujhe kia hukam hai Bhaiya? Mujhe bhi ghodi banayoge kia? Agar ghodi banayoge to bhi theek hai kion ki kam se kam bhenchod bante wakt bhen ki shakal nahin dekh payoge!!” Shashi boli.

Vimal ne kaha, 'Behna, bhenchod roz roz to bana nahin jata. Kab se tamana thee tujhe chodne ki. Pehli bar to dekhna chahta hoon ki meri behna bhi chudayi ke liye taiyar hai apne bhaiya se? Meri lado behna, main chahta hoon ki tum mere upper chadh kar mujhe bhenchod banayo. Main apni behan ki chut mein apna lund jata hua dekhna chahta hoon. Lekin pehle ek bar apni chut mere mukh se laga kar apni namkeen chut ka swad to chakha do meri behna, apni chut ko meri zuban par rakh do, please” Vimal let gaya aur Shashi usske upper chadh karapni chut chatwane lagi.

Avi ne peechhey ja kar ek ungli Shashi ki gaand mein dal dee aur chodne laga ussko ungli se.”Avi maderchod, hat ja…sale tujhe Bindu jaisi hasin aurat mili hai aur tu hum bhai bhen ko aram se chudayi nahin karne de rahe. Lagata ahi kissi din bhaiya se teri gaand marwani padegi mujhe” Shashi ki gaand tezi se upper neechey ho rahi thee.

Asal chudayi ki stage saj chuki thee. Avi mere peechhey jhuka aur apni zuban ko meri gaand mein ghusa kar chatne laga. Meri gaand aaj tak kunwari thee. Ek naya anand mere badan ko aa raha tha. Udhar Shashi ab uthi aur apni dono janghon ko faila kar Vimal ke lund par sawar hone lagi. Vimal ne apne haath usski chuchi par kas diye aur Shashi ne usska lund haath mein pakad kar apni chut par rakh diya aur neechey hone lagi.

Avi ne bhi ab gaand chatna band kar diya aur mere upper chadh gaya. Avi ka supada kissi aag ke shole jaisa garam tha. Ussne mere nitambh ko failaya aur janghon ke beech se lund meri chut emin pel diya.'aaaaaaaa….Bhaiyaaaaaaa….andar ja raha hai tera lund…ooooohhhh behnchod ban gaye tum Vimal bhaiya..teri behan chud rahi hai tujh se aj….shabash mere bhai!!”

Lagat tha ki Vimal ka lund Shashi kichut ki jad tak sama gaya tha. Avi ka supada bhi mere andar ja chuka tha aur main anand sagar mein gote laga rahi thee,” Urrrrggghhhh…….dal do jija…chod lo apni sali ko…..maderchod ek hi bar mein ghusa do Jija…mat roko…pelo mujhe….uuusssiiiii …mar gayiii meri maa….aaaaaaaa…pelo Jijjjjjjaaaaaa!!” Avi ne ab ek hi jhatke mein pura lund pel diya. Usska lund meri chut mein buri tarah fit ho gaya aur vo mujhe kuttia ki tarah chodne laga. Main bhi apni kamar uchka kar apni gaand usske lund par marne lagi.

Kamra fach fach ki awazon se goonj utha. Ek bed par hum char log jannat ki sair kar rahe thay. Vimal ne apni behan ke kulhe jakad liye aur neechey se chodne laga. Avi bhi ab ek kutte ki tarah haanf raha tha. 'Avi maderchod thak gaye? Dekho mera pati kaise chod raha hai teri patni ko? Tujh mein dum nahin hai kia? Sale chod apni sali sahiba ko zor se…zor se….andar tak pel apna lund Jijjaaaaaaa!!!”

Avi ne mere bal pakad liye aur ghode ki lagam ki tarah kheench kar mujhe chodne laga. Ab usska lund meri kokh se takrane laga. Bazu mein apni saheli aur apne pati ko dekh kar meri utejna ki koi seema na rahi aur main jharne lagi.'Ohhh jor se chodo…main jhadeee…Avi chod mujhe…aaaahhhh….main jhar rahi hoooooo.!!!” Avi ne bhi dhake tez kar diye.

Mujhe laga ki vo bhi manzil ke nazdeek hai. Achanak lund ras ki garam dhara meri chut mein girne lagi aur mera chut ras Avi jijja ke lund ras se mil gaya. Udhar Shashi ne ek cheekh mari aur Vimal par dher ho gayi. Charon jhad chukey thay.

kramashah..................

rajaarkey
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Re: रंगीन आवारगी

Unread post by rajaarkey » 07 Dec 2014 20:53

रंगीन आवारगी - 3

गतान्क से आगे...................

मैं और शशि अपने शाहर चल पड़ी. सफ़र के कारण हम ने स्कर्ट्स और टॉप्स पहन ली थी. अवी की चुदाई मुझे भूल नही रही थी. शशि बार बार अपने यारों के साथ मुझे चुदाई के मज़े लेने की बात कर रही थी और मैं उत्तेजित हो रही थी. इस बारी मेरे साथ ना जाने क्या होने जा रहा था.

हम ने घर पर फोन कर दिया था कि हम आ रहे हैं. संजय ने बताया कि वो दोपहर के बाद घर पहुचे गा क्यो कि उसका मॅच है. मैं और शशि 11 बजे घर पहुचे. पहले घर शशि का आता था इस लिए मैं वहीं थोड़ी देर के लिए रुक गयी. मोना कॉलेज जा रही थी और जिम्मी का कोई पता नही था. घर आते ही शशि बोली,"बोल बिंदु रानी आज शाम को दिखाए तुझे अपने शहर का जलवा. मेरे यारों की मंडाली तो वेट कर रही होगी चोदने के लिए मुझे. कहो तो तेरा भी टांका भिड़वा दूं? साली दो दो मर्दों से एक साथ चुदवाओ गी तो सब कुच्छ भूल जाओगी, मेरी बन्नो.

एक लंड चूसोगी तो दूसरा तेरे गालों पर सैर करेगा. एक यार तेरी चूत चाते गा और दूसरा तेरी गांद चुसेगा. अब यहाँ किसी का डर भी नही है. शाहिद का फार्महाउस है वहीं प्रोग्राम बना लेंगे, क्यो ठीक है ना?" शशि ने मुझे आलिंगन मे ले लिया था और साली मेरे साथ चिपक रही थी. मुझे याद आ रहा था कि उसके यार ग्रूप मे उसको चोदते हैं और उनके लंड बहुत बड़े हैं. मुझे उत्तेजना होने लगी और ऊपर से शशि के हाथ मेरे जिस्म पर रेंगने लगे. हम दोनो उस वक्त लंबी स्कर्ट्स और कॉटन की टॉप्स पहने हुई थी. शशि मुझ से लिपटती हुई सोफे पर ले गयी.

जैसे ही मैं सोफे पर बैठी तो शशि ने मेरी स्कर्ट्स को ऊपर उठा कर मेरी जाँघो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. साली के हाथ मुझे करेंट मार रहे थे. उसके बड़े बड़े मम्मे मेरे मुख के सामने थे और उसकी मनमोहक सुगंध मेरे नाक मे घुस रही थी. मैने देखा कि शशि की आँखों मे वासना के लाल लाल डोरे तेर रहे थे. "शशि, साली बेह्न्चोद, अब मुझे तो छ्चोड़ दे. मैं कोई लड़का हूँ?

जब तेरे यार मिलेंगे तो चुदवा लेना अपनी चूत साली" लेकिन शशि पर तो और ही भूत सवार था. उसकी साँस मुश्किल से चल रही थी और उसका हाथ मेरी पॅंटी के अंदर घुस रहा था. मेरी उत्तेजना भी बढ़ रही थी. "क्या शशि साली एक लेज़्बीयन है?" ये सवाल मेरे दिमाग़ मे कौंधा. लेकिन वो लेज़्बीयन थी या नही, मेरी चूत भीग गयी थी अपनी सहेली के स्पर्श से."ओह बिंदु मेरी जान तू तो पहले ही प्यासी है, साली तेरी चूत तो पानी छ्चोड़ रही है. घर खाली है, बेह्न्चोद इसका फयडा उठाते हैं.

मुझे अपने जिस्म के हर उस हिस्से को चूम लेने दे जिस को मेरे विमल भैया ने चूमा है. ओह मदर्चोद तेरी चूत तो किसी आग की भट्टी की तरह तप रही है!!! मुझे अपने साथ मस्ती करने दे और खुद भी मेरे साथ मस्ती कर ले. वा क्या मस्त मम्मे हैं तेरे!! कैसे कड़े हो गये हैं शशि का हाथ लगते ही!!! जल्दी से अपने कपड़े उतार डाल रानी और ले ले मज़े ज़िंदगी के!!"

शशि ने अब तब मेरी पॅंटी एक तरफ खींच कर दो उंगलियाँ मेरी चूत मे घुसा डाली थी और मुझे हैरानी इस बात की थी कि मेरी चूत और माँग रही थी. मेरे हाथ अपने आप शशि की चुचि पर चले गये और मैं उसको दबाने लगी. इस बिगड़ी हुई औरत ने मुझे अपने वश मे कर लिया था. मेरी सहेली मुझे मंतर मुग्ध कर चुकी थी. उसकी हर बात मेरे अंदर की औरत का एक नया भाग नंगा कर रही थी, एक नयी उमंग जागृत कर रही थी. अब मैं इस चालू शशि के नग्न जिस्म से लिपट जाना चाहती थी, उसकी जिस्म के उभारों को स्पर्श करना चाहती थी और उसकी हर गहराई को चूम लेना चाहती थी.

मैं अपने आप अपने कपड़े उतारने लगी और उधर शशि भी नंगी होने लगी. जब मैने अपनी स्कर्ट उतार डाली और टॉप भी उत्तर फेंका तो मेरी पॅंटी का चूत के सामने वाला हिसा गीला हो चुका था. शशि का जिस्म भी गर्मी और उत्तेजना के कारण पसीने से भीग गया था."शशि, तू लेज़्बीयन हो क्या? ये कैसी आग लगा दी है तुमने मेरे अंदर की मैं तुझ से लिपटना चाहती हूँ, चूमना चाहती हू....ओह्ह्ह्ह भगवान मैं तुझे प्यार करना चाहती हूँ....ऐसी आग तो तेरे भैया ने भी नही लगाई थी जब उसके सामने नंगी हुई थी मैं...मैं तेरे अंदर समा जाना चाहती हूँ, तेरे हाथ, तेरी ज़ुबान अपने मचलते हुए जिस्म पर महसूस करना चाहती हूँ.....

हे शशि मुझे संभाल मैं बहक रही हूँ!!" कहते हुए मेरे होंठ उसके पसीने से भीगी गर्दन पर चले गये और मैं उसकी गर्दन को चूमने लगी, चाटने लगी. ऐसा प्यार का अनुभव मुझे ज़िंदगी मे पहली बार हो रहा था.

"उफफफफफफ्फ़....उई.....आअहह....

आाअगगगगगगग!!! हां मेरी बन्नो.....तू ठीक कह रही है....शशि एक चालू लड़की है....एक गश्ती है...लेकिन केवल मज़े लेने के लिए चालू बनी है शशि!!! मैं ज़िंदगी का हर मज़ा लेना चाहती हूँ...हर मज़ा लिया है मैने...जिस्म का हर मज़ा...बिंदु मेरी जान जो आनंद औरत दूसरी औरत को दे सकती है वो शायद एक मर्द भी नही दे सकता.....एक औरत की सेक्स की सुगंध दूसरी औरत ही सूंघ सकती है..आज हम एक हो जाएँ.....तुझ पर मेरा भी उतना ही अधिकार हो जितना विमल भैया का है...रानी अपना पति तो पहले ही सौंप चुकी हूँ तुझ को....बहुत सुंदर है तू मेरी रानी....ये तेरी चूत का रस तो चमक रहा है तेरी पॅंटी पर चाट लेना चाहती हूँ मे मेरी रानी! विमल भैया के साथ सुहागरात मनाई थी तुमने, मेरी रानी आज अपनी सहेली के साथ लेज़्बीयन दिन मना ले.....मेरी लेज़्बीयन प्रेमिका बन जाओ मेरी रानी!!!" शशि भी उत्तेजना की सीमा पर कर चुकी थी और मेरी पॅंटी को नीचे खींच रही थी. उसकी उंगलियाँ मे एक अजीब बेचैनी थी. उत्तेजना मे मैने भी उसकी गर्दन को काट खाया.

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