आंटी ने कुछ याद करते हुए कहा “अच्छा तो ये वो टीचर है जिस ने ललिता को चोदा था”(ललिता आंटी की फ्रेंड की बेटी भी थी) लालो ने कहा “हाँ” तो आंटी ने बड़े सेक्सी अंदाज़ मे कहा “तुम फिकर मत करो ललिता तो बच्ची थी मुझे बहुत मज़ा आए गा” फिर हम राजू के घर आ गये रास्ते मे सब लोग आंटी को देख-2 कर ठंडी आहें भर रहे थे राजू अकेला ही रहता था हम ने उस के घर की बेल बजाई तो उस ने दरवाज़ा खोला ओर हम तीनो को देखने लगा फिर आंटी पर उस की नज़र टिक गई ओर घूर-2 कर आंटी को देखने लगा तो आंटी ने कहा “हम अंदर आ सकते हैं” राजू ने कहा “हाँ क्यूँ नहीं ज़रूर आएँ” ओर आगे से हट कर हमे रास्ता दिया हम अंदर चले गये उस के घर मे दो कमरे थे एक बॅड रूम ओर एक ड्राइंग रूम, उस ने हमे ड्राइंग रूम मे बिठाया ओर हमारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाया ओर हम तीनो को दे कर सामने सोफे पर बैठ गया तो आंटी ने अपनी सारी का पल्लू एक साइड पर डालते हुए बात सुरू की “राजू जी हम आप के पास एक काम से आए हैं” तो राजू ने कहा “आप हुकम करे मे आप की क्या सहायता कर सकता हू” तो आंटी ने मुस्कराते हुए कहा “मेरे बच्चो का इंग्लीश का पेपर अच्छा नहीं हुआ ओर अगर ये इंग्लीश के पेपर मे रह गये तो इन का एक साल ज़ाया हो जाए गा इस लिए आप को हमारी हेल्प करनी पड़े गी” आंटी उस से बात कर रही थी ओर उस की नज़र आंटी के बड़े-2 स्तनो पर टिकी हुई थी जो कि रेड कलर के ब्लाउज मे से गोरे-2 दिख रहे थे ओर बहुत ही खोबसूरत लग रहे थे फिर राजू ने ख्यालों मे खुए हुए कहा “इस की आप को कीमत” तो आंटी ने उस की बात काट कर अपने ब्लाउज के हुक खोलते हुए कहा “आप जो माँगेंगे आप को मिले गा बस बच्चो के पेपर क्लियर होने चाहिए” फिर राजू उठा ओर आंटी के दोनो स्तनो को हाथ मे पकड़ कर दबाते हुए कहा “आप फिकर ही मत करे” फिर वो आंटी को ले कर अपने बॅड रूम मे चला गया ओर हम वही बैठ कर उन का वेट करने लगे 5 मिंट बाद आंटी के चीखने की आवाज़ आई तो मे ने लालो को तसल्ली देते हुए कहा “तू फिकर मत कर आंटी को कुछ नहीं हो गा” फिर आंटी की चीखे कम होती गयी ओर सिसकारीओं मे बदल गई 1/2 घंटे बाद आंटी ओर राजू मुस्कराते हुए आए ओर फिर हम घर आ गये आंटी से ठीक से चला नहीं जा रहा था लेकिन आंटी बहुत खुस थी.
1 हफ्ते बाद हमारा रिज़ल्ट आ गया ओर हम अच्छे नम्बरो से पास हो गये आंटी एक दफ़ा फिर राजू को थॅंक्स बोलने के लिया गई ओर फिर उस से अपनी चुदाई करवाई इस दफ़ा मे ने ओर लालो ने भी राजू के साथ मिल कर आंटी को चोदा.
सनडे के दिन मे लालो के घर गया तो उस की मा आँगन बिल्कुल नंगी बैठ कर कपड़े धो रही थी लालो घर मे नहीं था मे भी उन के पास ही कुर्सी रख कर बैठ गया ओर उन से बातें करने लगा थोड़ी देर बाद आंटी की एक फ्रेंड की बेटी शमा जो कि 21 साल की हो गई थी आई तो मे कमरे मे आ गया ओर दरवाज़ा बंद कर लिया मे ने दरवाज़े के एक सुराख से आँख लगा कर देखा तो शमा आंटी के पास ही ज़मीन पेर बैठ गई ओर बाते करने लगी शमा आंटी को देख-2 कर जोश मे आ रही थी ओर बार-2 अपनी चूत को सहला रही थी फिर शमा ने हाथ बढ़ा कर आंटी का स्तन पकड़ लिया ओर दबाने लगी आंटी ने पास पड़ी हुई पानी की बाल्टी उठा कर उस के उपेर गिरा दी तो वो पूरी गीली हो गई ओर हंसते हुए खड़ी हो कर अपनी क़मीज़ ओर सिल्वर उतार दी उस ने नीचे कुछ भी नहीं पहन रखा था फिर वो गई ओर बाथ रूम से पानी की एक बाल्टी ला कर आंटी के उपेर गिरा दी आंटी उठ कर उस के पीछे भागी तो वो भाग कर उस कमरे की तरफ आई जिस मे मे था मे साइड मे हो कर खड़ा हो गया शमा भागती हुए आई ओर दरवाज़ा खोल कर सीधी बेड के उपेर जा कर लेट गई आंटी भी भागती हुई आई ओर उस के उपेर लेट कर उस की चूत मे उंगली करने लगी ओर शमा आंटी के बड़े-2 स्तन दबाने लगी ओर अपनी टाँगे पूरी की पूरी चीर कर खोल दी मे सामने खड़ा हो कर देख रहा था फिर आंटी ने मेरी तरफ देख कर कहा “आओ बेटा आज तुम्हे नया माल खिलाती हू बहुत गर्मी है इस हराम जादि मे” शमा उठने लगी तो आंटी ने उसे पकड़ कर उठने नहीं दिया ओर मुझे कहा “जल्दी से कपड़े उतार कर इस रंडी की चूत की आग ठंडी कर दो” मे ने जल्दी से अपनी पैंट उतारी ओर बेड पर चढ़ कर उस की दोनो टाँगों के दरमियाँ मे आ गया ओर अपने लंड को पकड़ के उस की चूत मे डालने लगा थोड़ा सा अंदर कर के मे ने एक झटका मारा तो शमा के हलक से चीख निकल गई आंटी ने उस के होंठो पर अपने होंठ रख दिए ओर शमा आंटी के बड़े-2 स्तन दबाने लगी मे 5 मिनट तक उसे चोदता रहा अचनिक मेरे पीछे से किसी की आवाज़ आई “ये क्या हो रहा है” हम तीनो ने एक साथ मूड के देखा तो शमा का भाई रामू दरवाज़े मे खड़ा हुआ खूंख्वार नज़रों से हमे देख रहा था शमा रोने लगी ओर आंटी की तरफ इशारा कर के कहा “भाई मेरा कोई क़सूर नहीं है इस ने…..” भाई आंटी के बड़े-2 स्तन देख कर पहले ही जोश मे आया हुआ था आगे बढ़ा ओर आंटी के स्तन पकड़ के दबाने लगा ओर कहा “रंडी तुझ मे ज़्यादा गर्मी है अभी निकालता हू तेरी गर्मी” ओर आंटी के निपल पकड़ के खिचने लगा तो आंटी चिल्लाने लगी फिर उस ने अपनी पैंट उतारी ओर आंटी को लिटा कर अपना लंड आंटी की चूत मे घुसा दिया” आंटी मुझे देख कर शमा की तरफ इशारा करते हुए बोली “तू खड़ा हो के हमे क्या देख रहा है फाड दे इस रंडी की चूत” मे शमा के पास आया ओर उस की टाँगे उठाई ओर एक दफ़ा फिर से अपना लंड उस की चूत मे डाल दिया ओर उसे चोदने लगा थोड़ी ही देर मे मेरा पानी निकल गया ओर मे साइड मे लेट गया रामू आंटी को छोड़ के अपनी बेहन की तरफ मुड़ा ओर कहा “आग ठंडी हुई तेरी मादर चोद तू रुक तेरी चूत तो मे फाड़ता हू” फिर वो उस के बेड पर चढ़ गया ओर उस की टाँगे उठा कर उस की चूत मे लंड डाल दिया ओर झटके पे झटका मारने लगा शमा बहुत चिल्ला रही थी लेकिन उस ने उस की एक भी नहीं सुनी ओर उस की कंवारी चूत फाड के रख दी फिर वो अपनी पैंट पहन के बाहर चला गया शमा बेहोश हो गई थी ओर उस की चूत से खून निकल रहा था आंटी ने मुझ से कहा “राज बेटा ज़रा डॉक्टर को तो ले आ ओर उस को बता देना कि चूत फट गई है समान ले के आए” मे भागते हुए उस डॉक्टर के पास गया जिस ने आंटी को चोदा था ओर उससे कहा “आंटी की एक फ्रेंड की चूत फट गई है आंटी ने आप को बुलाया है” जब मे डॉक्टर को ले कर पहुचा तो लालो भी आ गया था ओर आंटी के साथ मिल के शमा को होश मे लाने की कॉसिश कर रहा था आंटी अभी भी नंगी थी डॉक्टर ने आंटी ओर लालो को पीछे किया ओर शमा की चूत को देखने लगा फिर उस ने रूई के साथ एक दवा लगा कर उस की चूत सॉफ की ओर फिर एक ओर दवा उस की चूत पर लगा दी थोड़ी देर मे शमा होश मे आ गई फिर आंटी ओर डॉक्टर दूसरे कमरे मे चले गया मे अपने घर आ गया ओर लालो शमा की देख भाल के लिए उस के पास रुक गया डॉक्टर ने दूसरे कमरे मे आंटी को चोदा ऑर वापिस चला गया.
क्रमशः……………………………
दोस्त की माँ compleet
Re: दोस्त की माँ
दोस्त की माँ--3
गतान्क से आगे………………..
दूसरे दिन मे लालो के घर गया तो आंटी अपने गेट मे खड़ी हो के सब्ज़ी ले रही थी ओर आंटी ने ब्लाउज या ब्रा कुछ नहीं पहन रखा था ओर उन का एक स्तन बिल्कुल नंगा हो रहा था जिसे देख-2 कर सब्ज़ी वाले के मूह से राल टपक रही थी मुझे देख कर आंटी मेरी केमर मे बाज़ू डाल कर मुझे अंदर ले गई लालो घर मे नहीं था आंटी ने मुझ से कहा “तेरे अंकल मेरे लिया जो कपड़े ले कर आए हैं वो सिलवाने हैं दर्ज़ी के पास चलोगे” तो मे ने कहा “अगर दर्ज़ी को घर मे बुला लें तो” आंटी ने कहा “जैसा तुम बोलो” फिर मे गया ओर दर्ज़ी को ले कर घर आ गया आंटी कमरे मे थी हम कमरे मे गये तो आंटी ने दर्ज़ी को कपड़े दिए ओर कहा “इन के नये-2 डिज़ाइन के ब्लाउज बनाने हैं” तो दर्ज़ी ने कहा “नाप कॉन सा रखना है” आंटी ने अपना पल्लू साइड मे डाल कर अपना ब्लाउज ओर ब्रा उतार कर साइड मे रख दी ओर दर्ज़ी से कहा “मेरी बॉडी का नाप ले लो सब ब्लाउज तो तंग हैं” दर्ज़ी आंटी के बड़े-2 स्तन देख कर जोश मे आ गया ओर अपने उपेर काबू पाते हुए आंटी के नज़दीक आया ओर इंची टॅप से आंटी की बॉडी नापने लगा साथ मे बहाने-2 से आंटी के स्तनो को छू ता आंटी भी जोश मे आता गया जब दर्ज़ी ने आंटी का एक स्तन पकड़ कर दबाया तो आंटी के मूह से एक सिसकारी निकली दर्ज़ी ने कहा “क्यूँ दर्द हो रहा है” तो आंटी ने कहा “नहीं मज़ा आ रहा है” ओर आंटी ने दर्ज़ी का तना हुआ लंड पकड़ लिया ओर ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी मे कमरे मे ही कुर्सी पेर बैठा हुआ देख रहा था दर्ज़ी ने भी अपना हाथ आंटी की चूत पर रख लिया ओर कपड़े के उपेर से ही आंटी की चूत को सहलाने लगा फिर आंटी खड़ी हुई ओर अपना पेटिकोट भी उतार कर बिल्कुल नंगी हो कर लेट गई दर्ज़ी ने आंटी की टांगे बीच मे से उपेर उठा कर खोली ओर आंटी की चूत को चाटने लगा मे भी आंटी के पास गया ओर अपना लंड आंटी के मूह मे दे दिया ओर आंटी के स्तन दबाने लगा फिर दर्ज़ी ने अपना लंड आंटी की चूत मे डाल दिया ओर आंटी को चोदने लगा आंटी भी ज़ोर-2 से मेरा लंड चूस रही थी फिर दर्ज़ी ने अपना लंड बाहर निकाला ओर उठ कर आंटी को भी उठा दिया फिर मुझे चारपाई पर सीधा लेटा कर आंटी को मेरे लंड के उपेर बैठाया तो मेरा लंड आंटी की चूत मे उतर गया फिर आंटी को झुका कर अपना लंड आंटी की मोटी गान्ड मे घुसा दिया इस तरहा हम दोनो एक साथ आंटी को चोदते रहे फिर दर्ज़ी के लंड से पानी आंटी की गान्ड मे ही छूट गया ओर आंटी मेरे लंड पे तेज़-2 उपेर नीचे होने लगी थोड़ी देर मे मैं भी फारिग हो गया तो आंटी मेरे साथ ही लेट गई, फिर दर्ज़ी ने अपने कपड़े पहने ओर आंटी से कहा “अगर आप इजाज़त दें तो मे अपनी वाइफ को आप के साथ चोदना चाहता हू” तो आंटी ने कहा “हाँ हाँ क्यूँ नहीं तुम अपनी वाइफ को ले आना इस मे इजाज़त की क्या बात है” दर्ज़ी ने कहा “ठीक है मे कल 3:00 बजे आ जाउन्गा” ओर ब्लाओज के कपड़े ले कर चला गया फिर मे ओर आंटी एक साथ नहाने चले गये अभी हम नहा ही रहे थे कि लालो आ गया ओर कहने लगा “मज़े हो रहे हैं” फिर लालो भी कपड़े उतार कर हमारे साथ नहाने लग गया. जब मे घर आ रहा था तो आंटी ने कहा “तुम कल आना नया माल आए गा तुम भी कहना” मे ने कहा “हाँ हाँ क्यूँ नहीं”
दूसरे दिन मे कॉलेज से सीधा लालो के साथ उस के घर चला गया खाना वगेरह कहा कर हम बातें करने लगे 3:00 बजे दर्ज़ी अपनी वाइफ के साथ आया जिस का नाम सुष्मिता था वो एक 23 साल की लड़की थी ओर बहुत ही सुंदर थी पतली सी कमर, उभरी हुए गान्ड, गोले-2 स्तन जो कि उस के सलवार कमीज़ सूट मे से बाहर हो रहे थे मे उसे देख कर सोच रहा था कि जिस की इतनी सुन्दर पत्नी हो वो किसी ओर को क्यो चोदेगा फिर वो हमारे साथ ही बैठ कर बातें करने लगा सुष्मिता बहुत कम बातें कर रही थी ओर मे देख रहा था कि वो बार-2 अपना अंगूठा मूह मे डालती फिर दर्ज़ी की तरफ देख कर निकाल लेती बातों बातों मे दर्ज़ी ने बताया कि “सुष्मिता का दिमाग़ बच्चो वाला है चुदाई या सेक्स क्या होते हैं इस को पता ही नहीं है मे इसे जब भी चोदता हू तो ये रोने लग जाती है मे चाहता हू कि ये सेक्स देखे ओर समझे ता के मे भी अपनी शादी शुदा लाइफ एंजाय कर सकूँ” तो आंटी ने कहा “तुम फिकर ही नहीं करो इस को 2 दिन के लिया मेरे पास छोड़ दो ये खुद तुम से चुद्वाये गी” दर्ज़ी ने कहा “मेरा इस दुनिया मे कोई ओर तो है नहीं मुझे पता था कि आप मेरा दर्द समझेंगी ” फिर आंटी ने ये कह कर दर्ज़ी से कहा “अब तुम जाओ ओर चिंता मत करना तुम 2 दिन बाद आ जाओ” दर्ज़ी सुष्मिता को ये कह कर चला गया कि ” मे 2 दिन के लिया आउट ऑफ सिटी जा रहा हू तुम इन के पास रहो फिर मे तुम्हे यहाँ से ले जाउन्गा” फिर आंटी सुष्मिता को ले कर कमरे मे चली गई ओर हम से कहा “तुम लोग बाहर ही रहो” जब आंटी ओर सुष्मिता अंदर चले गये तो मे ओर लालो विंडो के पास गये ओर एक सुराख से अंदर देखने लगे आंटी ने थोड़ी देर सुष्मिता से इधर उधर की बातें की फिर उस से पूछा “तुम सारी नहीं पहनती” तो सुष्मिता ने कहा “नहीं” आंटी ने कहा “क्यूँ” तो सुष्मिता ने कहा “मुझे सारी नहीं पहननि आती” आंटी ने कहा “मे तुम्हीं सीखा देती हू तुम सारी मे बहुत सुंदर दिखो गी” वो मान गी तो आंटी उसे ले कर अपनी अलमारी के पास गई ओर खोल कर उसे सारीया दिखाते हुए कहा “कॉन सी पहननि है पस्संद कर लो” तो सुष्मिता ने एक ब्लॅक कलर की सारी पे उंगली रखते हुए कहा “ये वाली अच्छी है” फिर आंटी ने कहा “चलो सही है तुम ये कपड़े उतार दो” सुष्मिता ने क़मीज़ उतार दी उस ने ब्रा नहीं पहन रखा था आंटी ने उस के एक स्तन को हाथ मे पकड़ते हुए कहा “तुम्हारे स्तन तो बहुत प्यारे हैं” तो सुष्मिता ने आंटी का हाथ हटते हुए कहा “छी हाथ नहीं लगाएँ मुझे शरम आती है” तो आंटी ने अपनी सारी का पल्लू एक साइड पर गिरा कर ब्लाउज मे से एक स्तन बाहर निकाल कर उसे दिखाते हुए कहा “ये देखो मेरे भी तो हैं ओर तुम से बड़े हैं तुम इन्हें हाथ लगा सकती हो इस मे शरमाने की क्या बात है” तो सुष्मिता आंटी के स्तन को हाथ मे पकड़ कर दबाते हुए बच्चो की तरहा खुश होते हुए बोली “वाह ये तो बहुत अच्छे हैं नरम-2″ फिर आंटी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए ओर बिल्कुल नंगी हो गई तो सुष्मिता आँख फाड़-2 कर आंटी को देखने लगी आंटी ने कहा “शलवार भी उतार दो तुम्हे सारी पहनानी है” तो उस ने चुप कर के अपनी शलवार उतार दी सुष्मिता की चूत बालों से भारी हुई थी आंटी ने उस की चूत देखते हुए कहा “तुम ये बाल नहीं साफ करती” तो उस ने कहा “नहीं मुझे आते ही नहीं हैं” आंटी उसे अपनी चूत दिखाते हुए बोली “ये देखो मेरी चूत पे एक भी बाल नज़र आ रहा है” तो सुष्मिता आंटी की चूत को छुते हुए बोली “ये तो बहुत सुन्दर लग रही है” आंटी ने कहा “तुम्हारी चूत भी सुन्दर हो जाए गी अगर तुम बाल हटा कर इसे साफ करो गी तो” सुष्मिता ने कहा “आप कर दो ना मुझे नहीं आता” तो आंटी ने कहा “चलो मे कर देती हू” आंटी ने हमे आवाज़ दी तो हम अंदर चले गये आंटी ने लालो से कहा “तुम बाज़ार से सविंग क्रीम ओर रेज़ेर ले कर आ जाओ ओर मुझे कहा कि “तुम बाथ रूम मे से टब मे पानी ले आओ” लालो बाहर चला गया ओर मे बाथ रूम मे से पानी ले अंदर गया तो आंटी ने सुष्मिता को कुर्सी पे लेटने के स्टाइल मे बैठाया तो उस की चूत उभर के सामने आ गई फिर आंटी ने मुझ से टब ले कर उस के पावं के बीच उस की चूत के नीचे रख दिया ओर पानी से हाथ गीला कर के उस की चूत के बालों मे फाड्ने लगी ओर बालों को गीला करने लगी इतने मे लालो सविंग क्रीम ओर रेज़ेर ले कर आ गया. आंटी ने सविंग क्रीम अपनी उंगलियों पे लगा कर उस की झान्टो मे लगाई ओर पाँचो उंगलियाँ मिला के मसल-2 के झाग बनाने लगी अब सुष्मिता भी एंजाय करने लगी थी जब खूब सारी झाग बन गई तो आंटी रेज़ेर से उस के बाल उतारने लगी हम दोनो कोने मे खड़े हो कर देख रहे थे जब उस के सारे बाल उतर गये तो आंटी ने एक दफ़ा फिर सविंग क्रीम लगाई ओर फिर से रेज़ेर चलाने लगी.
लास्ट मे पानी से उस की चूत को धोया ओर लालो से लोशन मंगवा कर सुष्मिता की चूत पे लगाया वो आँख बंद कर के मज़े से लेटी हुई थी लोशन लगा कर आंटी ने आराम से उस की चूत मे एक उंगली डाली तो वो एक दम चौंक के बैठ गई ओर कहा “ये क्या कर रही हैं आप मुझे गुदगुदी हो रही है” तो आंटी ने कहा “ये देखो बाल साफ हो गया हैं अब कितनी सुंदर लग रही है” वो अपनी ही चूत को आँख फाड-2 के देखने लगी फिर उस पे हाथ फेरने लगी ओर खुशी से झूम ही उठी फिर आंटी उसे ले के बाथ रूम मे घुस गई ओर उसे खूब नहलाया फिर कमरे मे ले जा कर उस का जिस्म खुसक किया ओर उसे लेटा कर उस की चूत पे दोबारा से लोशन लगाया ओर एक उंगली उस की चूत मे डाल दी अब उस ने मना नहीं किया ओर आँख बंद कर के लेट गई आंटी अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगी थोड़ी देर बाद वो जोश मे आने लगी ओर अपने स्तनो पे हाथ रख लिया तो आंटी ने अपनी स्पीड तेज़ कर ली फिर पता नहीं सुष्मिता को क्या हुआ कि वो ज़ोर-2 से चीखने लगी आंटी ने अपनी उंगली निकाली ओर सुष्मिता से पूछा “क्या हुआ जान” तो वो बोली “मुझे बहुत डर लग रहा है” आंटी ने कहा “इस मे डरने की क्या बात है जान तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा” तो सुष्मिता ने आंटी के गले लगते हुए कहा “मज़ा तो आ रहा है लेकिन डर लग रहा है” आंटी ने लालो से पानी मंगवा कर उसे पिलाया ओर कहा “तुम थोड़ा रिलॅक्स कर लो” फिर मुझे आंटी ने अपने पास बुलाया ओर मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को सुष्मिता के सामने पकड़ के सहलाने लगी फिर अपने मूह मे ले कर चूसने लगी सुष्मिता कोने मे बैठी हुए आँख फाड-2 के हमे देख रही थी फिर आंटी टाँगे खोल कर बेड पे लेट गई ओर मे आंटी की चूत चाटने लगा आंटी ने लालो को बुलाया ओर उस का हाथ ले कर अपने स्तनो पर रखा तो वो आंटी के स्तन दबाने लगा थोड़ी देर बाद मे ने आंटी की चूत मे लंड डाला ओर आंटी को चोदने लगा आंटी ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी सुष्मिता हमे आँख फाड-2 के देखने लगी ओर हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी मे ने आंटी से कहा “आंटी जी! सुष्मिता भी जोश मे आ रही है जाउ उस के पास” तो आंटी ने कहा “अभी रुक जाओ ओर जल्दी जल्दी मुझे चोदो” मे ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी जब मे फारिग होने लगा तो मे ने अपना लंड बाहर निकाला ओर आंटी के मूह मे दे दिया मेरा सारा पानी आंटी पी गई फिर आंटी टी बना के ले आई ओर हम सब ने मिलके टी पी मे, सुष्मिता ओर आंटी अभी भी नंगे थे टी पी के आंटी ने सुष्मिता से पूछा “अब तुम्हे कैसा फील हो रहा है डर तो नहीं लग रहा” तो उस ने कहा “नहीं ये अभी आप लोग क्या कर रहे थे” आंटी ने कहा “ये एक मर्द ओर औरत के लिए ज़रूरी होता है” तो उस ने आंटी से पूछा “आप को दर्द नहीं होता” आंटी ने कहा “शुरू-2 मे होता था लेकिन अब बहुत मज़ा आता है तुम भी कर के देखना बहुत मज़ा आता है” तो उस ने कहा “नहीं नहीं मुझे डर लगता है” आंटी ने कहा “जान डरने की क्या बात है मे हू ना तुम्हारे साथ तुम्हारे सामने अभी मे ने भी तो किया है” तो वो मान गई तो आंटी ने उसे अपनी बाँहो मे ले कर फ्रॅंच किस करने लगी ओर उस के स्तन दबाने लगी फिर आंटी ने सुष्मिता को बेड पे लेटा दिया ओर उस के घुटने उठा कर टांगे खोल दी ओर उस की चूत पे हाथ फेरने लगी ओर आहिस्ता-2 अपनी ऐक उंगली उस की चूत मे डालने लगी, सुष्मिता ने अपनी आँख बंद कर ली थी ओर सिसकारियाँ ले रही थी जब वो सही तरहा जोश मे आ गई तो आंटी ने लालो को बुलाया ओर कहा “इस की चूत को चाटो” लालो बेड पे झुक के उस की चूत चाटने लगा ओर आंटी सुष्मिता के स्तन पकड़ के दबा रही थी मे भी उन के पास जा कर बैठ गया ओर अपना हाथ सुष्मिता के पेट पे फेरने लगा आंटी ने सुष्मिता के हाथ पकड़ के अपने स्तनो पे रखा तो वो उन्हे दबाने लगी मे ने जल्दी से सुष्मिता का निपल अपने मूह मे ले लिया ओर चूसने लगा आंटी ने लालो को इशारा किया तो लालो ने अपनी पैंट उतार दी ओर अपना लंड सुष्मिता की चूत के मूह पे रखा ओर अंदर डालने लगा थोड़ा सा अंदर डाल कर लालो ने एक झटका मारा तो सुष्मिता के मूह से चीख निकल गई आंटी ने लालो को डांटा ओर कहा “इस की चूत सील पॅक है थोड़ा तेल लगा ले ये तेरी मा की चूत नहीं है जो मोटे-2 लंड अंदर ले ले गी” लालो ने अपने लंड पे तेल लगाया तो आंटी ने सुष्मिता की चूत पे भी तेल लगा दिया मे अभी तक कभी सुष्मिता का एक स्तन ओर कभी दूसरा स्तन चूस रहा था फिर मे खड़ा हुआ ओर अपना लंड सुष्मिता के मूह मे दे दिया जिसे वो लोली पोप की तरहा चूसने लगी आंटी ने लालो से कहा “अब आराम-2 से चोदना” तो लालो ने एक दफ़ा फिर सुष्मिता की चूत मे अपना लॅंड डाला ओर आराम-2 से अंदर करने लगा सुष्मिता मेरा लंड ओर तेज़ी से चूसने लगी लालो का अभी आधा लंड ही अंदर गया था ओर वो आधे लंड को ही अंदर बाहर करने लगा ओर बीच-2 मे थोड़ा सा ज़ोर से अंदर करता ऐसे 15 मिंट मे उस का पूरा लंड सुष्मिता की चूत मे घुस गया आंटी सुष्मिता के स्तन दबा रही थी ओर सुष्मिता आंटी के, मेरा लंड एक दफ़ा फिर टाइट खड़ा हो गया थोड़ी देर बाद लालो सुष्मिता की चूत मे ही फारिघ् हो गया जब लालो ने अपना लंड बाहर निकाला तो उस पर खून लगा हुआ था फिर लालो नहाने चला गया मे ने आंटी से कहा “अब मेरा नंबर” तो आंटी ने कहा “अभी रुक जाओ” ओर पानी गर्म कर के ले आई ओर सुष्मिता की चूत की सिकाई करने लगी सुष्मिता अभी भी मेरा लंड चूस रही थी ओर फिर मे सुष्मिता के मूह मे ही फारिघ् हो गया, आंटी ने उस की चूत की सिकाई की ओर मुझे कहा “चलो अब बाहर इसे थोड़ा आराम करने दो” फिर हम कपड़े पहन के बाहर आ गये ओर दरवाज़ा बंद कर लिया.
आंटी ने रात का खाना तैयार किया ओर सुष्मिता को उठा कर निहलाया फिर हम सब ने मिल के खाना खाया आंटी ने सुष्मिता से पूछा “मज़ा आया कि नहीं” सुष्मिता ने कहा “मज़ा आया है लेकिन डर लग रहा है” तो आंटी ने कहा “किस चीज़ से डर लग रहा है” सुष्मिता ने कहा “पता नहीं ऐसे ही कुछ हो गा तो नहीं” तो आंटी ने कहा “कुछ नहीं हो गा मेरी जान ओर अब तुम्हे दर्द भी नहीं हो गा अभी तुम अपने शौहर के साथ भी ये करना तुम्हे बहुत मज़ा आए गा” तो सुष्मिता ने कहा “सही है” फिर खाना खा कर हम कमरे मे गये तो आंटी अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई ओर लालो के कपड़े भी उतार कर उस के लंड को हाथ मे पकड़ के सहलाने लगी मे ओर सुष्मिता एक साइड मे बैठी हुई थी सुष्मिता ने अपना सलवार क़मीज़ वाला सूट पहन रखा था ओर मे सिर्फ़ पैंट मे था आंटी ने लालो के लंड को अपने मुँह मे लिया ओर चूसने लगी मे ने अपनी पैंट उतार दी मुझे देख के सुष्मिता भी अपने कपड़े उतारने लगी ओर बिल्कुल नंगी हो के मेरे साथ बैठ गई सुष्मिता ने अपना हाथ अपनी चूत पे रख लिया ओर सहलाने लगी मे ने उस का दूसरा हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा तो वो उसे सहलाने लगी दूसरी तरफ आंटी अपनी टांगे खोल कर बेड पर लेट गई मे ने अपना हाथ सुष्मिता की चूत पे रखा ओर उसे सहलाने लगा लालो आंटी की चूत चाटने लगा मे ने अपनी एक उंगली सुष्मिता की चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करने लगा वो भी मज़े मे आती गई ओर मेरे लंड पे तेज़-2 हाथ चलाने लगी लालो आंटी की चूत चाटता रहा फिर अपना लंड पकड़ के आंटी की चूत मे घुसा दिया ओर आंटी को चोदने लगा मे ने सुष्मिता को दूसरे बेड पे लिटाया ओर उस की टांगे बीच मे से उठा कर खोल दी ओर झुक के उस की चूत चाटने लगा जब सुष्मिता जोश मे आ गई तो मे ने अपना लंड उस की चूत मे घुसा दिया वो आंटी ओर लालो की तरफ देखते हुए सिसकारियाँ भरने लगी ओर ज़ोर-2 से अपने स्तन दबाने लगी मे आहिस्ता-2 अपना लंड सुष्मिता की चूत मे डालता रहा जब मेरा लंड पूरा सुष्मिता की चूत मे घुस गया तो मे आराम-2 से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा दूसरी तरफ लालो फारिघ् हो गया ओर आंटी उस के लंड को अपने मुँह मे ले के उस का जूस पीने लगी सुष्मिता ने अपनी आँख बंद कर ली थी ओर आहें भर रही थी आंटी ओर लालो कमरे से बाहर चले गये ओर मे ने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी थोड़ी देर बाद मे भी सुष्मिता की चूत मे ही फारिघ् हो गया मे ने अपना लंड बाहर निकाला तो उस पे भी खून लगा हुआ था फिर मे ओर सुष्मिता बाथ रूम मे घुस गये ओर नहाने लगे सुष्मिता अब हमारे साथ काफ़ी खूल गई थी ओर बातों-2 मे हँसती भी थी जो सुष्मिता दर्ज़ी के साथ आई थी उस मे ओर इस सुष्मिता मे जो मेरे साथ नहा रही थी काफ़ी फ़र्क़ था नहाते हुए मे सुष्मिता के स्तन ओर वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी फिर हम बाहर आए ओर कमरे मे जा कर कपड़े पहने तो आंटी टी बना के ले आई हम सब ने मिल के टी पी ओर मे अपने घर आ गया.
मुझे रात को सुष्मिता की याद आती रही मे सही से सो भी नहीं सका सुबह नाश्ता कर के मे लालो के घर चल पड़ा लालो ओर सुष्मिता सो रहे थे ओर आंटी नाश्ता बना रही थी मे ने लालो को उठाया तो वो बाथ रूम मे घुस गया फिर मे आंटी के रूम मे आ गया देखा तो सुष्मिता बिल्कुल नंगी हो कर सो रही थी मे उस के पास ही बेड पे बैठ गया सुष्मिता गहरी नींद मे थी मे पहली उसे देखता रहा फिर मे ने अपना हाथ बढ़ा के उस का एक गोले ओर खूबसूरत स्तन पकड़ लिया ओर दबाने लगा वो नींद मे मुस्करा रही थी फिर मे ने उस की उभरी हुई ओर नरम मुलायम गान्ड पे हाथ फेरा तो मुझे मज़ा आ गया उस की गान्ड इतनी चिकनी थी कि हाथ फिसल रहा था मे ने उसे सीधा किया तो उस की नाज़ुक ओर छोटी सी चूत मेरे सामने आ गई मे ने उस पे हाथ फेरा ओर अपनी एक उंगली उस की चूत मे घुसाइ ही थी कि आंटी आ गई ओर कहने लगी “तुम्हे तो कँवारी चूत का बुहात मज़ा आ गया है अपनी आंटी की चूत मे उंगल करने के लिए तो कभी इतनी सुबह-2 नहीं आए” मे आंटी की बात सुन के शर्मिंदा सा हो गया ओर अपनी उंगली निकाल के खड़ा हो गया तो आंटी ने दूसरे बेड पे बैठते हुए कहा “कोई बात नहीं कर लो जब ये नहीं मिले गी तो अपनी आंटी के पास ही आओगे ना” मे आंटी के पास जा कर बैठ गया ओर उन का एक स्तन अपने हाथ मे पकड़ के दबाते हुए कहा “आंटी आप बिज़ी थी इस लिए मे यहाँ आ गया वरना आप मे जो मज़ा है वो किसी ओर मे कहाँ” तो आंटी ने मेरा हाथ हटाते हुए कहा “बस बस ज़्यादा बहाने मत बनाओ” लालो एक दम कमरे मे घुसा ओर आंटी की बात सुन के बोला “कॉन बहाने बना रहा है” तो आंटी ने कहा “कोई नहीं हमारी आपस की बात है” लालो ने कहा “अच्छा…..आप की मर्ज़ी है मत बताएँ” आंटी उठ के सुष्मिता के पास गई ओर उसे जगा के अपने साथ बाथ रूम मे ले गई ओर अपने साथ उसे भी नहलाया फिर सब नाश्ता करने लगे मे भी उन के साथ टेबल पे बैठा लेकिन मे ने सिफ्र टी ही ली सुष्मिता ने एक पिंक कलर का सिलवार क़मीज़ सूट पहन रखा था ओर बिल्कुल परी की माफ़िक़ लग रही थी उस के गीले-2 बाल उस के स्तनो पे बेखरे हुए थे ओर क़मीज़ गीली होने की वजह से निपल्स नज़र आ रहे थे मे ने बड़ी मुस्किल से अपनी टी ख़तम की ओर उन के नाश्ता करने का वेट कर रहा था जब उन्हो ने नाश्ता कर लिया तो आंटी ने बर्तन उठाए ओर आ कर बैठ गई इतने मे बाहर बेल हुई लालो ने जा कर देखा तो डॉक्टर आया था लालो उसे अंदर ले कर आ गया तो आंटी ने डॉक्टर को देख कर पूछा “जनाब आप कैसे इधर का रास्ता भूल गये” डॉक्टर ने कहा “बस इधर से गुज़र रहा था कि आप की याद आ गई तो मिलने आ गया” आंटी ने डॉक्टर को बैठाया ओर टी वग़ैरह पिलाई डॉक्टर ने सुष्मिता को देख कर पूछा “ये बच्ची कॉन है” तो आंटी ने कहा “ये मेरी बहेन की बेटी है गाओं मे रहती है” फिर डॉक्टर ने आंटी से कहा “रात बड़ी मुस्किल से कटी है मेरी वाइफ 3 दिन के लिया मायके अपने घर वालों के पास गई है अगर आप इजाज़त दें तो मे”
क्रमशः……………………………
गतान्क से आगे………………..
दूसरे दिन मे लालो के घर गया तो आंटी अपने गेट मे खड़ी हो के सब्ज़ी ले रही थी ओर आंटी ने ब्लाउज या ब्रा कुछ नहीं पहन रखा था ओर उन का एक स्तन बिल्कुल नंगा हो रहा था जिसे देख-2 कर सब्ज़ी वाले के मूह से राल टपक रही थी मुझे देख कर आंटी मेरी केमर मे बाज़ू डाल कर मुझे अंदर ले गई लालो घर मे नहीं था आंटी ने मुझ से कहा “तेरे अंकल मेरे लिया जो कपड़े ले कर आए हैं वो सिलवाने हैं दर्ज़ी के पास चलोगे” तो मे ने कहा “अगर दर्ज़ी को घर मे बुला लें तो” आंटी ने कहा “जैसा तुम बोलो” फिर मे गया ओर दर्ज़ी को ले कर घर आ गया आंटी कमरे मे थी हम कमरे मे गये तो आंटी ने दर्ज़ी को कपड़े दिए ओर कहा “इन के नये-2 डिज़ाइन के ब्लाउज बनाने हैं” तो दर्ज़ी ने कहा “नाप कॉन सा रखना है” आंटी ने अपना पल्लू साइड मे डाल कर अपना ब्लाउज ओर ब्रा उतार कर साइड मे रख दी ओर दर्ज़ी से कहा “मेरी बॉडी का नाप ले लो सब ब्लाउज तो तंग हैं” दर्ज़ी आंटी के बड़े-2 स्तन देख कर जोश मे आ गया ओर अपने उपेर काबू पाते हुए आंटी के नज़दीक आया ओर इंची टॅप से आंटी की बॉडी नापने लगा साथ मे बहाने-2 से आंटी के स्तनो को छू ता आंटी भी जोश मे आता गया जब दर्ज़ी ने आंटी का एक स्तन पकड़ कर दबाया तो आंटी के मूह से एक सिसकारी निकली दर्ज़ी ने कहा “क्यूँ दर्द हो रहा है” तो आंटी ने कहा “नहीं मज़ा आ रहा है” ओर आंटी ने दर्ज़ी का तना हुआ लंड पकड़ लिया ओर ज़िप खोल कर लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगी मे कमरे मे ही कुर्सी पेर बैठा हुआ देख रहा था दर्ज़ी ने भी अपना हाथ आंटी की चूत पर रख लिया ओर कपड़े के उपेर से ही आंटी की चूत को सहलाने लगा फिर आंटी खड़ी हुई ओर अपना पेटिकोट भी उतार कर बिल्कुल नंगी हो कर लेट गई दर्ज़ी ने आंटी की टांगे बीच मे से उपेर उठा कर खोली ओर आंटी की चूत को चाटने लगा मे भी आंटी के पास गया ओर अपना लंड आंटी के मूह मे दे दिया ओर आंटी के स्तन दबाने लगा फिर दर्ज़ी ने अपना लंड आंटी की चूत मे डाल दिया ओर आंटी को चोदने लगा आंटी भी ज़ोर-2 से मेरा लंड चूस रही थी फिर दर्ज़ी ने अपना लंड बाहर निकाला ओर उठ कर आंटी को भी उठा दिया फिर मुझे चारपाई पर सीधा लेटा कर आंटी को मेरे लंड के उपेर बैठाया तो मेरा लंड आंटी की चूत मे उतर गया फिर आंटी को झुका कर अपना लंड आंटी की मोटी गान्ड मे घुसा दिया इस तरहा हम दोनो एक साथ आंटी को चोदते रहे फिर दर्ज़ी के लंड से पानी आंटी की गान्ड मे ही छूट गया ओर आंटी मेरे लंड पे तेज़-2 उपेर नीचे होने लगी थोड़ी देर मे मैं भी फारिग हो गया तो आंटी मेरे साथ ही लेट गई, फिर दर्ज़ी ने अपने कपड़े पहने ओर आंटी से कहा “अगर आप इजाज़त दें तो मे अपनी वाइफ को आप के साथ चोदना चाहता हू” तो आंटी ने कहा “हाँ हाँ क्यूँ नहीं तुम अपनी वाइफ को ले आना इस मे इजाज़त की क्या बात है” दर्ज़ी ने कहा “ठीक है मे कल 3:00 बजे आ जाउन्गा” ओर ब्लाओज के कपड़े ले कर चला गया फिर मे ओर आंटी एक साथ नहाने चले गये अभी हम नहा ही रहे थे कि लालो आ गया ओर कहने लगा “मज़े हो रहे हैं” फिर लालो भी कपड़े उतार कर हमारे साथ नहाने लग गया. जब मे घर आ रहा था तो आंटी ने कहा “तुम कल आना नया माल आए गा तुम भी कहना” मे ने कहा “हाँ हाँ क्यूँ नहीं”
दूसरे दिन मे कॉलेज से सीधा लालो के साथ उस के घर चला गया खाना वगेरह कहा कर हम बातें करने लगे 3:00 बजे दर्ज़ी अपनी वाइफ के साथ आया जिस का नाम सुष्मिता था वो एक 23 साल की लड़की थी ओर बहुत ही सुंदर थी पतली सी कमर, उभरी हुए गान्ड, गोले-2 स्तन जो कि उस के सलवार कमीज़ सूट मे से बाहर हो रहे थे मे उसे देख कर सोच रहा था कि जिस की इतनी सुन्दर पत्नी हो वो किसी ओर को क्यो चोदेगा फिर वो हमारे साथ ही बैठ कर बातें करने लगा सुष्मिता बहुत कम बातें कर रही थी ओर मे देख रहा था कि वो बार-2 अपना अंगूठा मूह मे डालती फिर दर्ज़ी की तरफ देख कर निकाल लेती बातों बातों मे दर्ज़ी ने बताया कि “सुष्मिता का दिमाग़ बच्चो वाला है चुदाई या सेक्स क्या होते हैं इस को पता ही नहीं है मे इसे जब भी चोदता हू तो ये रोने लग जाती है मे चाहता हू कि ये सेक्स देखे ओर समझे ता के मे भी अपनी शादी शुदा लाइफ एंजाय कर सकूँ” तो आंटी ने कहा “तुम फिकर ही नहीं करो इस को 2 दिन के लिया मेरे पास छोड़ दो ये खुद तुम से चुद्वाये गी” दर्ज़ी ने कहा “मेरा इस दुनिया मे कोई ओर तो है नहीं मुझे पता था कि आप मेरा दर्द समझेंगी ” फिर आंटी ने ये कह कर दर्ज़ी से कहा “अब तुम जाओ ओर चिंता मत करना तुम 2 दिन बाद आ जाओ” दर्ज़ी सुष्मिता को ये कह कर चला गया कि ” मे 2 दिन के लिया आउट ऑफ सिटी जा रहा हू तुम इन के पास रहो फिर मे तुम्हे यहाँ से ले जाउन्गा” फिर आंटी सुष्मिता को ले कर कमरे मे चली गई ओर हम से कहा “तुम लोग बाहर ही रहो” जब आंटी ओर सुष्मिता अंदर चले गये तो मे ओर लालो विंडो के पास गये ओर एक सुराख से अंदर देखने लगे आंटी ने थोड़ी देर सुष्मिता से इधर उधर की बातें की फिर उस से पूछा “तुम सारी नहीं पहनती” तो सुष्मिता ने कहा “नहीं” आंटी ने कहा “क्यूँ” तो सुष्मिता ने कहा “मुझे सारी नहीं पहननि आती” आंटी ने कहा “मे तुम्हीं सीखा देती हू तुम सारी मे बहुत सुंदर दिखो गी” वो मान गी तो आंटी उसे ले कर अपनी अलमारी के पास गई ओर खोल कर उसे सारीया दिखाते हुए कहा “कॉन सी पहननि है पस्संद कर लो” तो सुष्मिता ने एक ब्लॅक कलर की सारी पे उंगली रखते हुए कहा “ये वाली अच्छी है” फिर आंटी ने कहा “चलो सही है तुम ये कपड़े उतार दो” सुष्मिता ने क़मीज़ उतार दी उस ने ब्रा नहीं पहन रखा था आंटी ने उस के एक स्तन को हाथ मे पकड़ते हुए कहा “तुम्हारे स्तन तो बहुत प्यारे हैं” तो सुष्मिता ने आंटी का हाथ हटते हुए कहा “छी हाथ नहीं लगाएँ मुझे शरम आती है” तो आंटी ने अपनी सारी का पल्लू एक साइड पर गिरा कर ब्लाउज मे से एक स्तन बाहर निकाल कर उसे दिखाते हुए कहा “ये देखो मेरे भी तो हैं ओर तुम से बड़े हैं तुम इन्हें हाथ लगा सकती हो इस मे शरमाने की क्या बात है” तो सुष्मिता आंटी के स्तन को हाथ मे पकड़ कर दबाते हुए बच्चो की तरहा खुश होते हुए बोली “वाह ये तो बहुत अच्छे हैं नरम-2″ फिर आंटी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए ओर बिल्कुल नंगी हो गई तो सुष्मिता आँख फाड़-2 कर आंटी को देखने लगी आंटी ने कहा “शलवार भी उतार दो तुम्हे सारी पहनानी है” तो उस ने चुप कर के अपनी शलवार उतार दी सुष्मिता की चूत बालों से भारी हुई थी आंटी ने उस की चूत देखते हुए कहा “तुम ये बाल नहीं साफ करती” तो उस ने कहा “नहीं मुझे आते ही नहीं हैं” आंटी उसे अपनी चूत दिखाते हुए बोली “ये देखो मेरी चूत पे एक भी बाल नज़र आ रहा है” तो सुष्मिता आंटी की चूत को छुते हुए बोली “ये तो बहुत सुन्दर लग रही है” आंटी ने कहा “तुम्हारी चूत भी सुन्दर हो जाए गी अगर तुम बाल हटा कर इसे साफ करो गी तो” सुष्मिता ने कहा “आप कर दो ना मुझे नहीं आता” तो आंटी ने कहा “चलो मे कर देती हू” आंटी ने हमे आवाज़ दी तो हम अंदर चले गये आंटी ने लालो से कहा “तुम बाज़ार से सविंग क्रीम ओर रेज़ेर ले कर आ जाओ ओर मुझे कहा कि “तुम बाथ रूम मे से टब मे पानी ले आओ” लालो बाहर चला गया ओर मे बाथ रूम मे से पानी ले अंदर गया तो आंटी ने सुष्मिता को कुर्सी पे लेटने के स्टाइल मे बैठाया तो उस की चूत उभर के सामने आ गई फिर आंटी ने मुझ से टब ले कर उस के पावं के बीच उस की चूत के नीचे रख दिया ओर पानी से हाथ गीला कर के उस की चूत के बालों मे फाड्ने लगी ओर बालों को गीला करने लगी इतने मे लालो सविंग क्रीम ओर रेज़ेर ले कर आ गया. आंटी ने सविंग क्रीम अपनी उंगलियों पे लगा कर उस की झान्टो मे लगाई ओर पाँचो उंगलियाँ मिला के मसल-2 के झाग बनाने लगी अब सुष्मिता भी एंजाय करने लगी थी जब खूब सारी झाग बन गई तो आंटी रेज़ेर से उस के बाल उतारने लगी हम दोनो कोने मे खड़े हो कर देख रहे थे जब उस के सारे बाल उतर गये तो आंटी ने एक दफ़ा फिर सविंग क्रीम लगाई ओर फिर से रेज़ेर चलाने लगी.
लास्ट मे पानी से उस की चूत को धोया ओर लालो से लोशन मंगवा कर सुष्मिता की चूत पे लगाया वो आँख बंद कर के मज़े से लेटी हुई थी लोशन लगा कर आंटी ने आराम से उस की चूत मे एक उंगली डाली तो वो एक दम चौंक के बैठ गई ओर कहा “ये क्या कर रही हैं आप मुझे गुदगुदी हो रही है” तो आंटी ने कहा “ये देखो बाल साफ हो गया हैं अब कितनी सुंदर लग रही है” वो अपनी ही चूत को आँख फाड-2 के देखने लगी फिर उस पे हाथ फेरने लगी ओर खुशी से झूम ही उठी फिर आंटी उसे ले के बाथ रूम मे घुस गई ओर उसे खूब नहलाया फिर कमरे मे ले जा कर उस का जिस्म खुसक किया ओर उसे लेटा कर उस की चूत पे दोबारा से लोशन लगाया ओर एक उंगली उस की चूत मे डाल दी अब उस ने मना नहीं किया ओर आँख बंद कर के लेट गई आंटी अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगी थोड़ी देर बाद वो जोश मे आने लगी ओर अपने स्तनो पे हाथ रख लिया तो आंटी ने अपनी स्पीड तेज़ कर ली फिर पता नहीं सुष्मिता को क्या हुआ कि वो ज़ोर-2 से चीखने लगी आंटी ने अपनी उंगली निकाली ओर सुष्मिता से पूछा “क्या हुआ जान” तो वो बोली “मुझे बहुत डर लग रहा है” आंटी ने कहा “इस मे डरने की क्या बात है जान तुम्हे मज़ा नहीं आ रहा” तो सुष्मिता ने आंटी के गले लगते हुए कहा “मज़ा तो आ रहा है लेकिन डर लग रहा है” आंटी ने लालो से पानी मंगवा कर उसे पिलाया ओर कहा “तुम थोड़ा रिलॅक्स कर लो” फिर मुझे आंटी ने अपने पास बुलाया ओर मेरी पैंट उतार कर मेरे लंड को सुष्मिता के सामने पकड़ के सहलाने लगी फिर अपने मूह मे ले कर चूसने लगी सुष्मिता कोने मे बैठी हुए आँख फाड-2 के हमे देख रही थी फिर आंटी टाँगे खोल कर बेड पे लेट गई ओर मे आंटी की चूत चाटने लगा आंटी ने लालो को बुलाया ओर उस का हाथ ले कर अपने स्तनो पर रखा तो वो आंटी के स्तन दबाने लगा थोड़ी देर बाद मे ने आंटी की चूत मे लंड डाला ओर आंटी को चोदने लगा आंटी ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी सुष्मिता हमे आँख फाड-2 के देखने लगी ओर हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी मे ने आंटी से कहा “आंटी जी! सुष्मिता भी जोश मे आ रही है जाउ उस के पास” तो आंटी ने कहा “अभी रुक जाओ ओर जल्दी जल्दी मुझे चोदो” मे ने अपनी स्पीड तेज़ कर दी जब मे फारिग होने लगा तो मे ने अपना लंड बाहर निकाला ओर आंटी के मूह मे दे दिया मेरा सारा पानी आंटी पी गई फिर आंटी टी बना के ले आई ओर हम सब ने मिलके टी पी मे, सुष्मिता ओर आंटी अभी भी नंगे थे टी पी के आंटी ने सुष्मिता से पूछा “अब तुम्हे कैसा फील हो रहा है डर तो नहीं लग रहा” तो उस ने कहा “नहीं ये अभी आप लोग क्या कर रहे थे” आंटी ने कहा “ये एक मर्द ओर औरत के लिए ज़रूरी होता है” तो उस ने आंटी से पूछा “आप को दर्द नहीं होता” आंटी ने कहा “शुरू-2 मे होता था लेकिन अब बहुत मज़ा आता है तुम भी कर के देखना बहुत मज़ा आता है” तो उस ने कहा “नहीं नहीं मुझे डर लगता है” आंटी ने कहा “जान डरने की क्या बात है मे हू ना तुम्हारे साथ तुम्हारे सामने अभी मे ने भी तो किया है” तो वो मान गई तो आंटी ने उसे अपनी बाँहो मे ले कर फ्रॅंच किस करने लगी ओर उस के स्तन दबाने लगी फिर आंटी ने सुष्मिता को बेड पे लेटा दिया ओर उस के घुटने उठा कर टांगे खोल दी ओर उस की चूत पे हाथ फेरने लगी ओर आहिस्ता-2 अपनी ऐक उंगली उस की चूत मे डालने लगी, सुष्मिता ने अपनी आँख बंद कर ली थी ओर सिसकारियाँ ले रही थी जब वो सही तरहा जोश मे आ गई तो आंटी ने लालो को बुलाया ओर कहा “इस की चूत को चाटो” लालो बेड पे झुक के उस की चूत चाटने लगा ओर आंटी सुष्मिता के स्तन पकड़ के दबा रही थी मे भी उन के पास जा कर बैठ गया ओर अपना हाथ सुष्मिता के पेट पे फेरने लगा आंटी ने सुष्मिता के हाथ पकड़ के अपने स्तनो पे रखा तो वो उन्हे दबाने लगी मे ने जल्दी से सुष्मिता का निपल अपने मूह मे ले लिया ओर चूसने लगा आंटी ने लालो को इशारा किया तो लालो ने अपनी पैंट उतार दी ओर अपना लंड सुष्मिता की चूत के मूह पे रखा ओर अंदर डालने लगा थोड़ा सा अंदर डाल कर लालो ने एक झटका मारा तो सुष्मिता के मूह से चीख निकल गई आंटी ने लालो को डांटा ओर कहा “इस की चूत सील पॅक है थोड़ा तेल लगा ले ये तेरी मा की चूत नहीं है जो मोटे-2 लंड अंदर ले ले गी” लालो ने अपने लंड पे तेल लगाया तो आंटी ने सुष्मिता की चूत पे भी तेल लगा दिया मे अभी तक कभी सुष्मिता का एक स्तन ओर कभी दूसरा स्तन चूस रहा था फिर मे खड़ा हुआ ओर अपना लंड सुष्मिता के मूह मे दे दिया जिसे वो लोली पोप की तरहा चूसने लगी आंटी ने लालो से कहा “अब आराम-2 से चोदना” तो लालो ने एक दफ़ा फिर सुष्मिता की चूत मे अपना लॅंड डाला ओर आराम-2 से अंदर करने लगा सुष्मिता मेरा लंड ओर तेज़ी से चूसने लगी लालो का अभी आधा लंड ही अंदर गया था ओर वो आधे लंड को ही अंदर बाहर करने लगा ओर बीच-2 मे थोड़ा सा ज़ोर से अंदर करता ऐसे 15 मिंट मे उस का पूरा लंड सुष्मिता की चूत मे घुस गया आंटी सुष्मिता के स्तन दबा रही थी ओर सुष्मिता आंटी के, मेरा लंड एक दफ़ा फिर टाइट खड़ा हो गया थोड़ी देर बाद लालो सुष्मिता की चूत मे ही फारिघ् हो गया जब लालो ने अपना लंड बाहर निकाला तो उस पर खून लगा हुआ था फिर लालो नहाने चला गया मे ने आंटी से कहा “अब मेरा नंबर” तो आंटी ने कहा “अभी रुक जाओ” ओर पानी गर्म कर के ले आई ओर सुष्मिता की चूत की सिकाई करने लगी सुष्मिता अभी भी मेरा लंड चूस रही थी ओर फिर मे सुष्मिता के मूह मे ही फारिघ् हो गया, आंटी ने उस की चूत की सिकाई की ओर मुझे कहा “चलो अब बाहर इसे थोड़ा आराम करने दो” फिर हम कपड़े पहन के बाहर आ गये ओर दरवाज़ा बंद कर लिया.
आंटी ने रात का खाना तैयार किया ओर सुष्मिता को उठा कर निहलाया फिर हम सब ने मिल के खाना खाया आंटी ने सुष्मिता से पूछा “मज़ा आया कि नहीं” सुष्मिता ने कहा “मज़ा आया है लेकिन डर लग रहा है” तो आंटी ने कहा “किस चीज़ से डर लग रहा है” सुष्मिता ने कहा “पता नहीं ऐसे ही कुछ हो गा तो नहीं” तो आंटी ने कहा “कुछ नहीं हो गा मेरी जान ओर अब तुम्हे दर्द भी नहीं हो गा अभी तुम अपने शौहर के साथ भी ये करना तुम्हे बहुत मज़ा आए गा” तो सुष्मिता ने कहा “सही है” फिर खाना खा कर हम कमरे मे गये तो आंटी अपने कपड़े उतार के नंगी हो गई ओर लालो के कपड़े भी उतार कर उस के लंड को हाथ मे पकड़ के सहलाने लगी मे ओर सुष्मिता एक साइड मे बैठी हुई थी सुष्मिता ने अपना सलवार क़मीज़ वाला सूट पहन रखा था ओर मे सिर्फ़ पैंट मे था आंटी ने लालो के लंड को अपने मुँह मे लिया ओर चूसने लगी मे ने अपनी पैंट उतार दी मुझे देख के सुष्मिता भी अपने कपड़े उतारने लगी ओर बिल्कुल नंगी हो के मेरे साथ बैठ गई सुष्मिता ने अपना हाथ अपनी चूत पे रख लिया ओर सहलाने लगी मे ने उस का दूसरा हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा तो वो उसे सहलाने लगी दूसरी तरफ आंटी अपनी टांगे खोल कर बेड पर लेट गई मे ने अपना हाथ सुष्मिता की चूत पे रखा ओर उसे सहलाने लगा लालो आंटी की चूत चाटने लगा मे ने अपनी एक उंगली सुष्मिता की चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करने लगा वो भी मज़े मे आती गई ओर मेरे लंड पे तेज़-2 हाथ चलाने लगी लालो आंटी की चूत चाटता रहा फिर अपना लंड पकड़ के आंटी की चूत मे घुसा दिया ओर आंटी को चोदने लगा मे ने सुष्मिता को दूसरे बेड पे लिटाया ओर उस की टांगे बीच मे से उठा कर खोल दी ओर झुक के उस की चूत चाटने लगा जब सुष्मिता जोश मे आ गई तो मे ने अपना लंड उस की चूत मे घुसा दिया वो आंटी ओर लालो की तरफ देखते हुए सिसकारियाँ भरने लगी ओर ज़ोर-2 से अपने स्तन दबाने लगी मे आहिस्ता-2 अपना लंड सुष्मिता की चूत मे डालता रहा जब मेरा लंड पूरा सुष्मिता की चूत मे घुस गया तो मे आराम-2 से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा दूसरी तरफ लालो फारिघ् हो गया ओर आंटी उस के लंड को अपने मुँह मे ले के उस का जूस पीने लगी सुष्मिता ने अपनी आँख बंद कर ली थी ओर आहें भर रही थी आंटी ओर लालो कमरे से बाहर चले गये ओर मे ने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी थोड़ी देर बाद मे भी सुष्मिता की चूत मे ही फारिघ् हो गया मे ने अपना लंड बाहर निकाला तो उस पे भी खून लगा हुआ था फिर मे ओर सुष्मिता बाथ रूम मे घुस गये ओर नहाने लगे सुष्मिता अब हमारे साथ काफ़ी खूल गई थी ओर बातों-2 मे हँसती भी थी जो सुष्मिता दर्ज़ी के साथ आई थी उस मे ओर इस सुष्मिता मे जो मेरे साथ नहा रही थी काफ़ी फ़र्क़ था नहाते हुए मे सुष्मिता के स्तन ओर वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी फिर हम बाहर आए ओर कमरे मे जा कर कपड़े पहने तो आंटी टी बना के ले आई हम सब ने मिल के टी पी ओर मे अपने घर आ गया.
मुझे रात को सुष्मिता की याद आती रही मे सही से सो भी नहीं सका सुबह नाश्ता कर के मे लालो के घर चल पड़ा लालो ओर सुष्मिता सो रहे थे ओर आंटी नाश्ता बना रही थी मे ने लालो को उठाया तो वो बाथ रूम मे घुस गया फिर मे आंटी के रूम मे आ गया देखा तो सुष्मिता बिल्कुल नंगी हो कर सो रही थी मे उस के पास ही बेड पे बैठ गया सुष्मिता गहरी नींद मे थी मे पहली उसे देखता रहा फिर मे ने अपना हाथ बढ़ा के उस का एक गोले ओर खूबसूरत स्तन पकड़ लिया ओर दबाने लगा वो नींद मे मुस्करा रही थी फिर मे ने उस की उभरी हुई ओर नरम मुलायम गान्ड पे हाथ फेरा तो मुझे मज़ा आ गया उस की गान्ड इतनी चिकनी थी कि हाथ फिसल रहा था मे ने उसे सीधा किया तो उस की नाज़ुक ओर छोटी सी चूत मेरे सामने आ गई मे ने उस पे हाथ फेरा ओर अपनी एक उंगली उस की चूत मे घुसाइ ही थी कि आंटी आ गई ओर कहने लगी “तुम्हे तो कँवारी चूत का बुहात मज़ा आ गया है अपनी आंटी की चूत मे उंगल करने के लिए तो कभी इतनी सुबह-2 नहीं आए” मे आंटी की बात सुन के शर्मिंदा सा हो गया ओर अपनी उंगली निकाल के खड़ा हो गया तो आंटी ने दूसरे बेड पे बैठते हुए कहा “कोई बात नहीं कर लो जब ये नहीं मिले गी तो अपनी आंटी के पास ही आओगे ना” मे आंटी के पास जा कर बैठ गया ओर उन का एक स्तन अपने हाथ मे पकड़ के दबाते हुए कहा “आंटी आप बिज़ी थी इस लिए मे यहाँ आ गया वरना आप मे जो मज़ा है वो किसी ओर मे कहाँ” तो आंटी ने मेरा हाथ हटाते हुए कहा “बस बस ज़्यादा बहाने मत बनाओ” लालो एक दम कमरे मे घुसा ओर आंटी की बात सुन के बोला “कॉन बहाने बना रहा है” तो आंटी ने कहा “कोई नहीं हमारी आपस की बात है” लालो ने कहा “अच्छा…..आप की मर्ज़ी है मत बताएँ” आंटी उठ के सुष्मिता के पास गई ओर उसे जगा के अपने साथ बाथ रूम मे ले गई ओर अपने साथ उसे भी नहलाया फिर सब नाश्ता करने लगे मे भी उन के साथ टेबल पे बैठा लेकिन मे ने सिफ्र टी ही ली सुष्मिता ने एक पिंक कलर का सिलवार क़मीज़ सूट पहन रखा था ओर बिल्कुल परी की माफ़िक़ लग रही थी उस के गीले-2 बाल उस के स्तनो पे बेखरे हुए थे ओर क़मीज़ गीली होने की वजह से निपल्स नज़र आ रहे थे मे ने बड़ी मुस्किल से अपनी टी ख़तम की ओर उन के नाश्ता करने का वेट कर रहा था जब उन्हो ने नाश्ता कर लिया तो आंटी ने बर्तन उठाए ओर आ कर बैठ गई इतने मे बाहर बेल हुई लालो ने जा कर देखा तो डॉक्टर आया था लालो उसे अंदर ले कर आ गया तो आंटी ने डॉक्टर को देख कर पूछा “जनाब आप कैसे इधर का रास्ता भूल गये” डॉक्टर ने कहा “बस इधर से गुज़र रहा था कि आप की याद आ गई तो मिलने आ गया” आंटी ने डॉक्टर को बैठाया ओर टी वग़ैरह पिलाई डॉक्टर ने सुष्मिता को देख कर पूछा “ये बच्ची कॉन है” तो आंटी ने कहा “ये मेरी बहेन की बेटी है गाओं मे रहती है” फिर डॉक्टर ने आंटी से कहा “रात बड़ी मुस्किल से कटी है मेरी वाइफ 3 दिन के लिया मायके अपने घर वालों के पास गई है अगर आप इजाज़त दें तो मे”
क्रमशः……………………………
Re: दोस्त की माँ
दोस्त की माँ--4
गतान्क से आगे………………..
डॉक्टर की बात सुन के आंटी ने कहा “तो इस तरह बोलो ना कि आप मेरे लिए आए हैं बहाने बनाने की क्या ज़रूरत है” फिर आंटी ने लालो से कहा “तुम जाओ ओर दर्ज़ी से कहना “रात को 7:00 बजे आ के सुष्मिता को ले जाए” लालो चला गया तो हम कमरे मे आ गये आंटी ने अपनी सारे कपड़े उतार दिए ओर बेड पे लेट गई डॉक्टर आंटी की टांगे बीच मे से उपेर कर के उन की चूत चाटने लगा मे ओर सुष्मिता दूसरे बेड पे बैठे थे डॉक्टर ने आंटी की चूत चाट कर अपनी पैंट उतारी ओर अपना लंड आंटी की चूत मे डाल दिया ओर आंटी को चोदने लगा आंटी सिसकारियाँ भरने लगी सुष्मिता भी जोश मे आ रही थी ओर अपनी चूत को सहला रही थी मे ने अपने कपड़े उतारे तो सुष्मिता भी कपड़े उतारने लगी ओर नंगी हो के मेरे पास हे बैठ गई मे ने अपना हाथ सुष्मिता की चूत पे रखा तो उस ने खुद ही मेरा लंड पकड़ लिया ओर सहलाने लगी मे ने अपनी उंगली सुष्मिता की चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करने लगा सुष्मिता भी मेरे लंड पे तेज़-2 हाथ चलाने लगी दूसरी तरफ डॉक्टर आंटी के स्तन हाथो मे पकड़ के दबाते हुए आंटी को चोद रहा था मे ने भी सुष्मिता को लेटा के उस की चूत चाटना सुरू कर दी ओर वो अपने स्तन दबाने लगी फिर मे ने उस की टांगे उठा के अपने कंधो पे रखी ओर अपना लंड उस की चूत मे घुसा दिया ओर उसे चोदने लगा 5 मिंट बाद मे ने उसे उठाया ओर खुद लेट के उसे अपने लंड के उपेर बैठा दिया इस तरह मेरा लंड उस की चूत मे घुसने लगा फिर वो उपेर नीचे होने लगी दूसरी तरफ डॉक्टर आंटी को घोड़ी बना के उस के उपेर चढ़ गया ओर आंटी की गान्ड मारने लगा जब सुष्मिता की उपेर नीचे होने की रफ़्तार कम हुई तो मे ने फिर सुष्मिता को लिटाया ओर उस की टांगे घुटनो के बल उपेर उठाई ओर एक दफ़ा फिर उस की चूत मे लंड घुसा दिया ओर उसे चोदने लगा लालो भी आ गया डॉक्टर अब भी आंटी की गान्ड मार रहा था लालो ने अपने कपड़े उतार दिए ओर अपना लंड सुष्मिता के मुँह मे दे दिया ओर उसे छूसाने लगा 5 मिंट मे मे फारिघ् हो गया सुष्मिता का जोश अभी ठंडा नहीं हुआ था इस लिए मे हट गया फिर लालो सुष्मिता को चोदने लगा मे आंटी के पास गया ओर नीचे बैठ के आंटी के स्तन दबाने लगा थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने आंटी को सीधा कर के लिटाया ओर आंटी की एक टाँग सीधी उठा के अपने कंधे के साथ लगा दी ओर अपना लंड आंटी की चूत मे घुसा दिया मेरा हाथ आंटी के स्तनो पे था ओर मे आंटी के होंठ चूस रहा था 20 मिंट बाद लालो ओर डॉक्टर एक साथ फारिघ् हुए फिर डॉक्टर कपड़े पहन कर आंटी को सुक्रिया बोल के चला गया ओर हम सब मिल के नहाने लगे नहाने के बाद मे एक्स मूवीस की सी डी लाया ओर हम सब मिल के देखने लगे मूवी देखते हुए हमे अंदाज़ा हो गया कि अब सुष्मिता रेडी है मूवी देख कर हम ने खाना खाया ओर सो गये.
शाम को 6:00 बजे उठे नहाने के बाद टी पे रहे थे कि दर्ज़ी आ गया आंटी ने दर्ज़ी को टी दी ओर खुश खबरी सुनाई कि तुम्हारी वाइफ अब रेडी है दर्ज़ी बहुत खुश हुआ ओर खुशी से आंटी को अपने गले लगा कर आंटी कर शुक्रिया बोलने लगा फिर हम सब अंदर कमरे मे गये तो आंटी ने अपनी सारी उतार दी फिर बेड पर लेट के मुझे ओर लालो को कहा “आ जाओ मेरे चाँद ओर तारे” मे ओर लालो आंटी के पास गया ओर मे आंटी की टॅंगो के बीच बैठ के आंटी की चूत पे हाथ फेरने लगा ओर लालो आंटी के स्तन दबाने लगा हमे देख कर सुष्मिता भी जोश मे आ गई ओर अपने कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी हो गई ओर दर्ज़ी के पास बैठ के उस का हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रख लिया ओर खुद उस का लंड पैंट के उपेर से ही पकड़ के सहलाने लगी दर्ज़ी बहुत हेरान हुआ फिर सुष्मिता की चूत पे हाथ फेरने लगा ओर अपनी एक उंगली सुष्मिता की चूत मे डाल के अंदर बाहर करने लगा मे ने अपनी 3 उंगलियाँ आंटी की चूत मे घुसाइ हुई थी ओर अंदर बाहर कर रहा था फिर मे ने अपने कपड़े उतारे ओर लंड को पकड़ के आंटी की चूत मे डालने लगा थोड़ा सा अंदर कर के मे ने झटका मारा तो मेरा पूरा लंड आंटी की चूत मे घुस गया फिर मे अंदर बाहर करने लगा लालो ने भी अपने कपड़े उतार दिए ओर अपना लंड आंटी के मुँह मे डाल के आंटी को चूसने लगा सुष्मिता ने दर्ज़ी की ज़िप खोली ओर उस का लंड निकाल के अपने मुँह मे ले लिया ओर चूसने लगी दर्ज़ी अपना हाथ सुष्मिता की उभरी हुई गान्ड पे फेरने लगा ओर उस की गान्ड दबाने लगा मे अपना लंड आंटी की चूत मे तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था ओर लालो भी ज़ोर-2 से आंटी के स्तन दबा रहा था पूरा कमरा आंटी की सिसकारीओं से गूँज रहा था दर्ज़ी का लंड चूसने के बाद सुष्मिता बेड पे लेट गई तो दर्ज़ी ने उस की टांगे खोल के बीच मे से उपेर उठा दी ओर सुष्मिता की चूत चाटने लगा वो अभी सुष्मिता की चूत ही चाट रहा था कि मे आंटी की चूत मे ही फारिघ् हो गया फिर लालो मेरी जगह आ गया ओर आंटी को चोदने लगा मे आंटी के साथ ही लेटे हुए सुष्मिता ओर दर्ज़ी को देख रहा था ओर सोच रहा था कि काश सुष्मिता मेरी बीबी होती मे रोज़ रात को इस की चूत चाट्ता ओर इसे चोदता दर्ज़ी पहली दफ़ा सुष्मिता की चूत को चाट रहा था थोड़ी देर बाद सुष्मिता ने दर्ज़ी से कहा “अपना लंड मेरी चूत मे डालो ना” तो दर्ज़ी खुशी से झूम ही उठा ओर फॉरन ही अपना लंड सुष्मिता की चूत मे डालने लगा जब उस का पूरा लंड सुष्मिता की चूत मे घुस गया तो वो खूब मज़े से उस की चुदाई करने लगा मे भी उठा ओर आंटी के बड़े-2 स्तन पकड़ के ज़ोर-2 से दबाने लगा कि आंटी की चीख ही निकल गई ओर आंटी ने मुझे कहा “आराम-2 से दबाओ मुझे लगता है तुझे सुष्मिता के जाने का ज़्यादा ही रोग लग गया है” तो मे ने मुस्कराते हुए कहा “कुछ ऐसा ही समझ लें” आंटी ने कहा “फिक़ार मत करो अब तो वो आती ही रहे गी” तो मे खुश हो गया ओर प्यार प्यार से आंटी के स्तन दबाने लगा दूसरी तफर दर्ज़ी सुष्मिता को ओर लालो आंटी को चोद रहे थे मे ने अपने होंठ आंटी के हौंटो पे रख दिए ओर आंटी के होंठ चूसने लगा फिर सुष्मिता के पास गया ओर उस के गोले-2 स्तन पकड़ के दबाने लगा दर्ज़ी मुझे देख के मुस्कुराया ओर पोज़ चेंज कर के सुष्मिता की चुदाई करने लगा थोड़ी देर बाद लालो ओर दर्ज़ी एक साथ ही फारिघ् हुए फिर हम सब मिल के बरांडे मे ही नहाने लग गये क्यूँ कि बाथ रूम तो छोटा था हम सब वहाँ पुर नहीं आ रहे थे नहाते हुए दर्ज़ी ने आंटी से कहा “आप ने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है मे आप का सुक्रिया किस मुँह से अदा करूँ” तो आंटी ने कहा “इस की कोई ज़रूरत नहीं है सुष्मिता मेरी बेटी की तरह है” फिर हम सब ने कपड़े पहने ओर दर्ज़ी अपने घर जाने लगा तो आंटी ने कहा “तुम कभी-2 सुबह काम पे जाते हुए इसे हमारे घर छोड़ जाया करो रात मे वापिस ले कर चले जाया करना” दर्ज़ी ने कहा “अच्छा” ओर वो चला गया फिर मे भी अपने घर आ गया.
दूसरे दिन लालो ने कॉलेज मे बताया कि “पापा की तबीयत खराब थी इस लिए पापा अपना टूर कैंसिल कर के रात को अपने 2 फ्रेंड्स के साथ वापिस आ गये हैं” लालो की बात सुन के मे ने कहा “यानी कि अब चुदाई का मौका नहीं मिले गा” तो लालो ने कहा “हाँ लेकिन पापा की तबीयत ठीक हो जाए गी तो वो चले जाएँगे उस के बाद मौका ही मौका है” मे ने कहा “चलो इंतिज़ार कर लेते हैं”
लालो रोज़ मुझे कॉलेज मे अपनी मा ओर पापा के फ्रेंड्स की चुदाई की स्टोरीस सुनाता रहता था मेरा मन भी उन को चोदने को करता था लेकिन मे लालो के घर नहीं जाता था क्यूँ कि वहाँ लालो की मा का असल हक़दार जो था तक़रीबन 1 मंथ के बाद लालो के पापा अपने फ्रेंड के साथ आउट ऑफ कंटरी चले गये तो मे लालो के घर गया तो लालो की मा मुझे देख कर बहुत खुश हुई ओर मुझ से पूछा “इतने दिन से कहाँ थे तबीयत तो ठीक थी ना तुम्हारी” मे ने कहा “जी आंटी बस ऐसे ही वो अंकल आए हुए थे ना तो मे ने सोचा आप बिज़ी हो गयी इस लिए” तो आंटी ने कहा “अरे तो क्या हुआ तुम्हारे अंकल मुझे अपने बेटे से मिलने को मना तो नहीं करते ना” फिर हम सब ने मिल के टी पी तो आंटी ने पूछा “अब क्या ख़याल है” मे ने पूछा “किस बारे मे” तो आंटी ने कहा “चुदाई के बारे मे” मे कैसे इनकार कर सकता था फिर लालो तो चला गया मे ने जम के आंटी की चुदाई की फिर मे अपने घर आ गया.
अब मे एक कंपनी मे जॉब करता हू ओर लालो भी अपने पापा के साथ ही काम करने लग गया है ओर ज़्यादा तर आउट ऑफ सिटी ही रहता है मे कभी-2 ही लालो के घर जाता हू ओर आंटी की चुदाई करता हू कभी कभार आंटी सुष्मिता को बुला लेती तो मे सुष्मिता को भी चोदता फिर 3 साल बाद लालो ने शादी कर ली लालो की वाइफ बहुत खूबसूरत है लालो ने उसे कह दिया है कि राज मेरा जिगरी दोस्त है ओर तेरा हक़ बनता है कि तू इसे खुश रखा कर पहले तो वो मुझ से चुदाई पे अग्री नहीं हुई लेकिन धीरे-2 वो अग्री होती गई ओर मे लालो के घर जा कर उस की मा ओर वाइफ दोनो को चोदता हू ओर शर्तिया कहता हू कि “लालो जैसा दोस्त किसी का नहीं हो गा” तो दोस्तो ये कहानी ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त
गतान्क से आगे………………..
डॉक्टर की बात सुन के आंटी ने कहा “तो इस तरह बोलो ना कि आप मेरे लिए आए हैं बहाने बनाने की क्या ज़रूरत है” फिर आंटी ने लालो से कहा “तुम जाओ ओर दर्ज़ी से कहना “रात को 7:00 बजे आ के सुष्मिता को ले जाए” लालो चला गया तो हम कमरे मे आ गये आंटी ने अपनी सारे कपड़े उतार दिए ओर बेड पे लेट गई डॉक्टर आंटी की टांगे बीच मे से उपेर कर के उन की चूत चाटने लगा मे ओर सुष्मिता दूसरे बेड पे बैठे थे डॉक्टर ने आंटी की चूत चाट कर अपनी पैंट उतारी ओर अपना लंड आंटी की चूत मे डाल दिया ओर आंटी को चोदने लगा आंटी सिसकारियाँ भरने लगी सुष्मिता भी जोश मे आ रही थी ओर अपनी चूत को सहला रही थी मे ने अपने कपड़े उतारे तो सुष्मिता भी कपड़े उतारने लगी ओर नंगी हो के मेरे पास हे बैठ गई मे ने अपना हाथ सुष्मिता की चूत पे रखा तो उस ने खुद ही मेरा लंड पकड़ लिया ओर सहलाने लगी मे ने अपनी उंगली सुष्मिता की चूत मे घुसा दी ओर अंदर बाहर करने लगा सुष्मिता भी मेरे लंड पे तेज़-2 हाथ चलाने लगी दूसरी तरफ डॉक्टर आंटी के स्तन हाथो मे पकड़ के दबाते हुए आंटी को चोद रहा था मे ने भी सुष्मिता को लेटा के उस की चूत चाटना सुरू कर दी ओर वो अपने स्तन दबाने लगी फिर मे ने उस की टांगे उठा के अपने कंधो पे रखी ओर अपना लंड उस की चूत मे घुसा दिया ओर उसे चोदने लगा 5 मिंट बाद मे ने उसे उठाया ओर खुद लेट के उसे अपने लंड के उपेर बैठा दिया इस तरह मेरा लंड उस की चूत मे घुसने लगा फिर वो उपेर नीचे होने लगी दूसरी तरफ डॉक्टर आंटी को घोड़ी बना के उस के उपेर चढ़ गया ओर आंटी की गान्ड मारने लगा जब सुष्मिता की उपेर नीचे होने की रफ़्तार कम हुई तो मे ने फिर सुष्मिता को लिटाया ओर उस की टांगे घुटनो के बल उपेर उठाई ओर एक दफ़ा फिर उस की चूत मे लंड घुसा दिया ओर उसे चोदने लगा लालो भी आ गया डॉक्टर अब भी आंटी की गान्ड मार रहा था लालो ने अपने कपड़े उतार दिए ओर अपना लंड सुष्मिता के मुँह मे दे दिया ओर उसे छूसाने लगा 5 मिंट मे मे फारिघ् हो गया सुष्मिता का जोश अभी ठंडा नहीं हुआ था इस लिए मे हट गया फिर लालो सुष्मिता को चोदने लगा मे आंटी के पास गया ओर नीचे बैठ के आंटी के स्तन दबाने लगा थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने आंटी को सीधा कर के लिटाया ओर आंटी की एक टाँग सीधी उठा के अपने कंधे के साथ लगा दी ओर अपना लंड आंटी की चूत मे घुसा दिया मेरा हाथ आंटी के स्तनो पे था ओर मे आंटी के होंठ चूस रहा था 20 मिंट बाद लालो ओर डॉक्टर एक साथ फारिघ् हुए फिर डॉक्टर कपड़े पहन कर आंटी को सुक्रिया बोल के चला गया ओर हम सब मिल के नहाने लगे नहाने के बाद मे एक्स मूवीस की सी डी लाया ओर हम सब मिल के देखने लगे मूवी देखते हुए हमे अंदाज़ा हो गया कि अब सुष्मिता रेडी है मूवी देख कर हम ने खाना खाया ओर सो गये.
शाम को 6:00 बजे उठे नहाने के बाद टी पे रहे थे कि दर्ज़ी आ गया आंटी ने दर्ज़ी को टी दी ओर खुश खबरी सुनाई कि तुम्हारी वाइफ अब रेडी है दर्ज़ी बहुत खुश हुआ ओर खुशी से आंटी को अपने गले लगा कर आंटी कर शुक्रिया बोलने लगा फिर हम सब अंदर कमरे मे गये तो आंटी ने अपनी सारी उतार दी फिर बेड पर लेट के मुझे ओर लालो को कहा “आ जाओ मेरे चाँद ओर तारे” मे ओर लालो आंटी के पास गया ओर मे आंटी की टॅंगो के बीच बैठ के आंटी की चूत पे हाथ फेरने लगा ओर लालो आंटी के स्तन दबाने लगा हमे देख कर सुष्मिता भी जोश मे आ गई ओर अपने कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगी हो गई ओर दर्ज़ी के पास बैठ के उस का हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रख लिया ओर खुद उस का लंड पैंट के उपेर से ही पकड़ के सहलाने लगी दर्ज़ी बहुत हेरान हुआ फिर सुष्मिता की चूत पे हाथ फेरने लगा ओर अपनी एक उंगली सुष्मिता की चूत मे डाल के अंदर बाहर करने लगा मे ने अपनी 3 उंगलियाँ आंटी की चूत मे घुसाइ हुई थी ओर अंदर बाहर कर रहा था फिर मे ने अपने कपड़े उतारे ओर लंड को पकड़ के आंटी की चूत मे डालने लगा थोड़ा सा अंदर कर के मे ने झटका मारा तो मेरा पूरा लंड आंटी की चूत मे घुस गया फिर मे अंदर बाहर करने लगा लालो ने भी अपने कपड़े उतार दिए ओर अपना लंड आंटी के मुँह मे डाल के आंटी को चूसने लगा सुष्मिता ने दर्ज़ी की ज़िप खोली ओर उस का लंड निकाल के अपने मुँह मे ले लिया ओर चूसने लगी दर्ज़ी अपना हाथ सुष्मिता की उभरी हुई गान्ड पे फेरने लगा ओर उस की गान्ड दबाने लगा मे अपना लंड आंटी की चूत मे तेज़ी से अंदर बाहर कर रहा था ओर लालो भी ज़ोर-2 से आंटी के स्तन दबा रहा था पूरा कमरा आंटी की सिसकारीओं से गूँज रहा था दर्ज़ी का लंड चूसने के बाद सुष्मिता बेड पे लेट गई तो दर्ज़ी ने उस की टांगे खोल के बीच मे से उपेर उठा दी ओर सुष्मिता की चूत चाटने लगा वो अभी सुष्मिता की चूत ही चाट रहा था कि मे आंटी की चूत मे ही फारिघ् हो गया फिर लालो मेरी जगह आ गया ओर आंटी को चोदने लगा मे आंटी के साथ ही लेटे हुए सुष्मिता ओर दर्ज़ी को देख रहा था ओर सोच रहा था कि काश सुष्मिता मेरी बीबी होती मे रोज़ रात को इस की चूत चाट्ता ओर इसे चोदता दर्ज़ी पहली दफ़ा सुष्मिता की चूत को चाट रहा था थोड़ी देर बाद सुष्मिता ने दर्ज़ी से कहा “अपना लंड मेरी चूत मे डालो ना” तो दर्ज़ी खुशी से झूम ही उठा ओर फॉरन ही अपना लंड सुष्मिता की चूत मे डालने लगा जब उस का पूरा लंड सुष्मिता की चूत मे घुस गया तो वो खूब मज़े से उस की चुदाई करने लगा मे भी उठा ओर आंटी के बड़े-2 स्तन पकड़ के ज़ोर-2 से दबाने लगा कि आंटी की चीख ही निकल गई ओर आंटी ने मुझे कहा “आराम-2 से दबाओ मुझे लगता है तुझे सुष्मिता के जाने का ज़्यादा ही रोग लग गया है” तो मे ने मुस्कराते हुए कहा “कुछ ऐसा ही समझ लें” आंटी ने कहा “फिक़ार मत करो अब तो वो आती ही रहे गी” तो मे खुश हो गया ओर प्यार प्यार से आंटी के स्तन दबाने लगा दूसरी तफर दर्ज़ी सुष्मिता को ओर लालो आंटी को चोद रहे थे मे ने अपने होंठ आंटी के हौंटो पे रख दिए ओर आंटी के होंठ चूसने लगा फिर सुष्मिता के पास गया ओर उस के गोले-2 स्तन पकड़ के दबाने लगा दर्ज़ी मुझे देख के मुस्कुराया ओर पोज़ चेंज कर के सुष्मिता की चुदाई करने लगा थोड़ी देर बाद लालो ओर दर्ज़ी एक साथ ही फारिघ् हुए फिर हम सब मिल के बरांडे मे ही नहाने लग गये क्यूँ कि बाथ रूम तो छोटा था हम सब वहाँ पुर नहीं आ रहे थे नहाते हुए दर्ज़ी ने आंटी से कहा “आप ने मुझ पर बहुत बड़ा अहसान किया है मे आप का सुक्रिया किस मुँह से अदा करूँ” तो आंटी ने कहा “इस की कोई ज़रूरत नहीं है सुष्मिता मेरी बेटी की तरह है” फिर हम सब ने कपड़े पहने ओर दर्ज़ी अपने घर जाने लगा तो आंटी ने कहा “तुम कभी-2 सुबह काम पे जाते हुए इसे हमारे घर छोड़ जाया करो रात मे वापिस ले कर चले जाया करना” दर्ज़ी ने कहा “अच्छा” ओर वो चला गया फिर मे भी अपने घर आ गया.
दूसरे दिन लालो ने कॉलेज मे बताया कि “पापा की तबीयत खराब थी इस लिए पापा अपना टूर कैंसिल कर के रात को अपने 2 फ्रेंड्स के साथ वापिस आ गये हैं” लालो की बात सुन के मे ने कहा “यानी कि अब चुदाई का मौका नहीं मिले गा” तो लालो ने कहा “हाँ लेकिन पापा की तबीयत ठीक हो जाए गी तो वो चले जाएँगे उस के बाद मौका ही मौका है” मे ने कहा “चलो इंतिज़ार कर लेते हैं”
लालो रोज़ मुझे कॉलेज मे अपनी मा ओर पापा के फ्रेंड्स की चुदाई की स्टोरीस सुनाता रहता था मेरा मन भी उन को चोदने को करता था लेकिन मे लालो के घर नहीं जाता था क्यूँ कि वहाँ लालो की मा का असल हक़दार जो था तक़रीबन 1 मंथ के बाद लालो के पापा अपने फ्रेंड के साथ आउट ऑफ कंटरी चले गये तो मे लालो के घर गया तो लालो की मा मुझे देख कर बहुत खुश हुई ओर मुझ से पूछा “इतने दिन से कहाँ थे तबीयत तो ठीक थी ना तुम्हारी” मे ने कहा “जी आंटी बस ऐसे ही वो अंकल आए हुए थे ना तो मे ने सोचा आप बिज़ी हो गयी इस लिए” तो आंटी ने कहा “अरे तो क्या हुआ तुम्हारे अंकल मुझे अपने बेटे से मिलने को मना तो नहीं करते ना” फिर हम सब ने मिल के टी पी तो आंटी ने पूछा “अब क्या ख़याल है” मे ने पूछा “किस बारे मे” तो आंटी ने कहा “चुदाई के बारे मे” मे कैसे इनकार कर सकता था फिर लालो तो चला गया मे ने जम के आंटी की चुदाई की फिर मे अपने घर आ गया.
अब मे एक कंपनी मे जॉब करता हू ओर लालो भी अपने पापा के साथ ही काम करने लग गया है ओर ज़्यादा तर आउट ऑफ सिटी ही रहता है मे कभी-2 ही लालो के घर जाता हू ओर आंटी की चुदाई करता हू कभी कभार आंटी सुष्मिता को बुला लेती तो मे सुष्मिता को भी चोदता फिर 3 साल बाद लालो ने शादी कर ली लालो की वाइफ बहुत खूबसूरत है लालो ने उसे कह दिया है कि राज मेरा जिगरी दोस्त है ओर तेरा हक़ बनता है कि तू इसे खुश रखा कर पहले तो वो मुझ से चुदाई पे अग्री नहीं हुई लेकिन धीरे-2 वो अग्री होती गई ओर मे लालो के घर जा कर उस की मा ओर वाइफ दोनो को चोदता हू ओर शर्तिया कहता हू कि “लालो जैसा दोस्त किसी का नहीं हो गा” तो दोस्तो ये कहानी ख़तम होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त