घर के रसीले आम compleet
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Re: घर के रसीले आम
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए हरिया की नज़रो को अपनी चूत को घूरते पाकर, देखा बेटा कुछ दिखा क्या
हरिया- अपनी नज़रे मतकते हुए उसके तलवो पर हाथ फेरते हुए, देख रहा हू काकी कही नज़र तो आ नही रहा है
चंदा- थोड़ा दबा कर देखने की कोशिश कर बेटा, दर्द होगा तो पता चल जाएगा कहाँ पर लगा है और फिर चंदा अपनी दोनो जाँघो को और अच्छे से फैला कर अपने घाघरे को थोड़ा और उठा देती है और उसका भारी भरकम गदराया भोसड़ा पूरा खुल कर हरिया की आँखो के सामने आ जाता है और चंदा काकी का रसीला भोसड़ा देख कर हरिया की नज़रे बस उसकी मस्तानी चूत पर ही टिक जाती है
चंदा- नाटक करते हुए, थोड़ा गुस्से मे, हरिया क्या देख रहा था तू
हरिया- एक दम से थोड़ा डर कर कुछ भी नही काकी
चंदा का घाघरा अभी भी उसकी जाँघो तक चढ़ा हुआ था और हरिया उसकी टांग छोड़कर खड़ा हो गया था
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर वही अपने पैरो के पास बैठा लेती है और, सच-सच बता हरिया तू मेरे घाघरे के अंदर क्या देख रहा था
हरिया- घबराते हुए अपने सूखे होंठो पर जीभ फेर कर, नही काकी मे कुछ भी नही देख रहा था,
चंदा- मन ही मन मुस्कुराते हुए, पक्का तू मेरे घाघरे के अंदर नही झाँक रहा था ना
हरिया- नही काकी बिल्कुल नही
चंदा- चल ठीक है अब ज़रा अच्छे से काँटा देख कहाँ लगा है और चंदा फिर से अपनी एक टांग उठा कर हरिया के कंधे की और रख देती है और उसकी पूरी चूत खुल कर हरिया के मुँह के सामने आ जाती है, हरिया उसके तलवो को देखता है फिर भी उसकी फूली हुई चूत उसके सामने आ जाती है और वह चंदा काकी की चूत को देखे बिना नही रह पाता है,
चंदा- हरिया तुझे शरम नही आती अपनी काकी की चूत को इस तरह खा जाने वाली नज़रो से देख रहा है,
हरिया- थोड़ा हिम्मत करते हुए, क्या करू काकी जब मे तुम्हारे पैरो के तलवो को देखता हू तो तुम्हारी वो भी नज़र आ जाती है,
चंदा- तो क्या तू अपनी काकी की चूत को देखेगा
हरिया- डरते हुए नही काकी मे देखना नही चाहता हू पर आपका पेर देखते हुए वह दिख जाती है,
चंदा- क्या देखना नही चाहता है तू
हरिया- अपनी नज़रे नीचे से उसकी चूत की ओर करते हुए, आपकी चूत
चंदा- क्यो तुझे मेरी चूत देखना अच्छा नही लगता है क्या,
हरिया- कोई जवाब नही दे पाता है
चंदा- अच्छा चल देख ले पर काँटा भी जल्दी से ढूँढ कहाँ लगा है, और चंदा अपना घाघरा इस बार कमर तक चढ़ा कर अपनी पूरी चूत हरिया के सामने खोल देती है, यह नज़ारा देख कर हरिया का मान करता है कि अभी अपनी काकी की चूत मे मुँह डाल कर चूस डाले,
चंदा- हरिया का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खीच लेती है और मुस्कुरकर हरिया को देख कर, ऐसे क्या देख रहा है बेटा क्या खा जाएगा मेरी चूत को, सच-सच बता तुझे मेरी चूत कैसी लगती है,
हरिया- थोड़ा शरमाते हुए, अच्छी है काकी,
चंदा- च्छू कर देखेगा
उसकी बात सुन कर हरिया कोई जवाब नही देता है, तब चंदा उसे अपने पास खीच कर उसके गालो को चूमती हुई, अच्छा सच-सच बता तूने और किस-किस को नंगी देखा है,
हरिया- किसी को नही काकी
चंदा- झूठ मत बोल, अगर सच-सच बताएगा तो मैं तुझे अपनी चूत च्छू कर देखने दूँगी
हरिया- मे सच कह रहा हू काकी मैने आज से पहले कभी चूत नही देखी,
चंदा-अच्छा तू सच नही बताएगा, अच्छा ये तो बता गाँव मे कौन सी औरत को नंगी देखने का सबसे ज़्यादा मन करता है तेरा,
हरिया- मुझे क्या पता काकी मैने थोड़े किसी को नंगी देखा है,
चंदा की नज़रे हरिया के लूँगी मे फूले हुए लंड पर थी और वह आज उस लंड का स्वाद चखने के लिए बेचैन हो उठी थी और उसे पता था कि उसके पास हरिया की दुखती रग का राज भी है, वह समझ गई थी कि हरिया के दिलो दिमाग़ मे क्या चलता रहता है, इसीलिए यह दिन भर अपने घर मे ही घुसा रहता है,
चंदा- हरिया को अपने पास सटा कर, अच्छा हरिया तुझे पता है अपने पूरे गाँव मे सबसे ज़्यादा उठी हुई और गदराई औरत कौन है
हरिया- कौन है
चंदा- उसके लंड की और देख कर, तेरी मम्मी और कौन
अपनी मम्मी का नाम सुनते ही हरिया का लंड झटका मारने लगा और चंदा को उसका एहसास उसकी लूँगी के उपर से हो गया,
चंदा- मालूम है तेरी मम्मी के भारी भरकम चुतडो ने पूरे गाँव को पागल कर रखा है, हर कोई तेरी मम्मी को खूब कस-कस कर चोदना चाहता है
हरिया- यह तुम क्या कह रही हो काकी
चंदा- सच कह रही हू बेटे, तेरी मम्मी की गदराई जवानी उसकी मोटी-मोटी जंघे और फैले हुए भारी भरकम गान्ड देख-देख कर लोगो के लंड खड़े हो जाते है,
तेरा भी लंड अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना
हरिया- ये क्या कह रही हो काकी, मे भला ऐसा क्यो करूँगा
चंदा उसके मोटे लंड को लूँगी के उपर से एक दम से पकड़ लेती है और हरिया आह करके चंदा से सत जाता है, और उसकी गदराई जाँघो को अपने हाथ के पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
चंदा- उसके लंड को सहलाते हुए, सच बोल हरिया तेरा लंड भी अपनी मम्मी को देख कर खड़ा हो जाता है ना,
हरिया- चंदा की मोटी जाँघो को सहलाता हुआ, नही काकी यह तुमसे किसने कह दिया,
चंदा- उसके लंड को कस कर दबाते हुए तो फिर अपनी मम्मी को नंगी नहाते हुए क्यो देख रहा था,
उसकी बात सुनते ही हरिया के होश उड़ जाते है और उसके हाथ की पकड़ चंदा की जाँघो से ढीली पड़ जाती है,
चंदा- उसका हाथ पकड़ कर अपनी दोनो जाँघो को फैला कर अपनी फूली हुई चूत के उपर रख लेती है और, अरे डरता क्यो है बेटे मे किसी से कहने थोड़े ही जा रही हू, मुझे मालूम है तुझे अपनी मम्मी को पूरी नंगी देखने का कितना मन करता है, तू क्या तेरी जगह कोई भी बेटा होता जिसकी ऐसी गदराई और जवान मम्मी होती वह उसे पूरी नंगी करके ज़रूर चोदना चाहता,
चंदा की बाते सुन कर हरिया का लंड पूरे ताव मे आ जाता है और वह चंदा की चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगता है,
चंदा- सीसियते हुए उसके मोटे लंड को लूँगी से बाहर निकाल कर देखती है और पागल हो जाती है और हरिया के मोटे लंड को झुक कर अपने मुँह मे भर कर पागलो की तरह खूब कस-कस कर चूसने लगती है, हरिया मानो आसमान मे उड़ने लग जाता है, वह चंदा काकी की दोनो मोटी जाँघो और पूरी फूली हुई चूत को पागलो की तरह दबोच-दबोच कर मसल्ने लगता है, चंदा हरिया के लंड को खूब कस-कस कर तब तक चुस्ती है जब तक की उसका सारा पानी चंदा पी नही जाती है, हरिया चंदा काकी की चूत को खूब मसल-मसल कर लाल कर देता है और अपने लंड का सारा पानी चंदा काकी के मुँह मे छोड़ देता है जिसे चंदा काकी पूरा चाट-चाट कर चूस लेती है,
चंदा- हरिया को चूमते हुए, अब बता बेटा सच-सच तू अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके चोदना चाहता है ना
हरिया का मोटा लंड फिर से खड़ा होने लगता है और वह चंदा काकी के होंठो को चूमते हुए उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को दबाते हुए, हा काकी मुझे अपनी मम्मी बहुत अच्छी लगती है, मे उसे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदना चाहता हू, जब तुम मम्मी की तेल मालिश करती हो तब मे उसका पूरा भोसड़ा देख चुका हू वह मुझे बहुत अच्छी लगती है,
चंदा- हरिया को रंग मे आता देख उसे उठ कर झोपड़ी के अंदर चलने को कहती है और फिर दोनो झोपड़ी के अंदर चले जाते है ज़मीन पर चंदा एक चटाई डाल कर उसे पकड़ कर नीचे बैठा लेती है और फिर हरिया के मोटे लंड को दोनो हाथो से पकड़ कर सहलाते हुए, हा बेटा अब बता तेरा क्या-क्या मन करता है अपनी मम्मी के साथ करने को,
हरिया- चंदा काकी की चूत को अपने हाथो मे भर कर खूब कस कर दबोचते हुए, हे काकी मेरा दिल करता है कि मे अपनी मम्मी की खूब गान्ड और चूत को चतु उसकी चूत की फांको को फैला-फैला कर खूब उसकी फूली हुई चूत का रस पी जाउ, उसे पूरी नंगी करके अपने लंड पर बैठा कर खूब कस-कस कर चोदु, उसकी खूब मोटी-मोटी गान्ड को खूब जी भर कर गहराई तक चोदु,
चंदा- उसके लंड के टोपे को सहलाती हुई, अपनी काकी को चोदेगा?
हरिया- हाँ काकी क्यो नही और फिर हरिया अपना मोटा लंड अपनी काकी की दोनो जाँघो के बीच बैठ कर उसकी दोनो जाँघो को उपर तक उठा कर उसके घुटनो को मोड़ देता है और मोटे लंड को उसकी फूली हुई चूत की गदराई फांको को हटा कर कस कर एक ही झटके मे जड़ तक पेल देता है और चंदा आह..आह करके सीसीयाने लगती है, हाय हरिया कितना मोटा लंड है रे तेरा ओह मा मर गई, उसकी ऐसी आवाज़ सुन कर हरिया उसकी दोनो मोटी जाँघो को और कस कर फैलाते हुए खूब कस-कस कर उसकी फूली चूत मे अपने मोटे लंड को बिल्कुल जड़ तक पेलना शुरू कर देता है और चंदा आह आह करती हुई अपने मोटे-मोटे चुतडो को हरिया के लंड पर मारने लगती है, हरिया खूब हुमच-हुमच कर चंदा काकी को चोदना शुरू कर देता है, कुछ देर बाद हरिया चंदा काकी को घोड़ी बना कर पीछे से उसकी मोटी-मोटी गोरी गान्ड और एक बित्ते की लंबी और चौड़ी चूत को खूब कस-कस कर चाटने लगता है और चंदा आह आह करती हुई खूब सीसीयाने लगती है,
चंदा- हाय हरिया ये सब चोदने की कलाबाजी कहाँ से सीखा है रे तू तो बहुत अच्छा चोदता है, तेरी मम्मी अगर एक बार तुझसे अपनी चूत मरवा ले तो वह तो तेरे मोटे लंड की
दीवानी हो जाएगी, तू नही जानता हरिया तेरी मम्मी की चूत कितनी चुदासी है वह तो मोटे-मोटे लंड खाने के लिए तड़पति रहती है,
हरिया- सच काकी तुम सच कह रही हो, मैने तो मम्मी की चूत दूर से देखी है पर तुमने तो उसे च्छू कर भी देखा है कैसी लगती है मेरी मम्मी की चूत और फिर हरिया पीछे से चंदा की गान्ड और चूत को लंबी-लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है,
चंदा- आह आह हाय हरिया तेरी मम्मी की चूत तो बहुत फूली हुई और चिकनी है रे वह जब तेरे मुँह मे अपनी चूत खोल कर बैठेगी तब तुझे पता चलेगा कितना मस्त भोसड़ा है तेरी मम्मी का, सारे गाँव के मोटे लंड उसकी फूली हुई चूत मे घुसना चाहते है और मुझे आज पता चला कि उसकी चूत मे घुसने के लिए उसके अपने बेटे का मोटा लंड कितना उतावला है, बोल चोदेगा अपनी मम्मी को
क्रमशः......................
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Re: घर के रसीले आम
गतान्क से आगे..................
हरिया- हा काकी मे अपनी मम्मी को खूब रगड़-रगड़ कर चोदना चाहता हू, जब घर मे चलती है तो दिल करता है उसे जाकर अपनी गोद मे उठा कर खूब प्यार करू, उसका चेहरा इतना भरा हुआ और खूबसूरत है कि दिल करता है उसके गालो होंठो को खूब चुसू और उसकी चूत मे लंड पेलते हुए उसकी जीभ का रस खूब चुसू, मम्मी को जब भी चोदु उसकी रसीली जीभ को चूस्ते हुए उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डालु,
और फिर हरिया चंदा काकी की चूत मे पीछे से अपना मोटा लंड कस कर पेल देता है और सतसट उसकी कमर पकड़ कर धक्के पर धक्के मारने लगता है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी बंद आँखो के सामने उसकी मम्मी की गदराई जवानी नाच रही थी, उसके हर धक्के के साथ उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपनी मम्मी की गान्ड मार रहा है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी कल्पना मे उसकी मम्मी उसके सामने पूरी नंगी होकर अपनी चूत उठा-उठा कर अपने बेटे को दिखाते हुए नाच रही थी, उसने अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब नचा-नचा कर चूत और गान्ड मतकते हुए देखा था, और उसके हर धक्को के साथ उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मम्मी नंगी नाचती हुई उसे अपनी चूत दिखा-दिखा कर कह रही हो ले बेटा चढ़ जा अपनी मा के नंगे बदन पर और खूब कर कर चोद दे मेरी चूत को,
उसके धक्के की रफ़्तार अपनी मम्मी की नंगे बदन की कल्पना से बढ़ती जा रही थी और वह खूब कस-कस कर सतसट अपने मोटे लंड को चंदा काकी को घोड़ी बना कर उसकी चूत मार रहा था, उधर चंदा काकी उस धमाकेदार चुदाई से पूरी तरफ मस्त हो चुकी थी, तभी हरिया की आँखो के सामने कल्पना मे उसकी मम्मी ने अपनी दोनो जाँघो को फैलाकर अपना मदहोश कर देने वाला भोसड़ा दिखाया तो हरिया अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी की मस्त चूत को खूब कस-कस कर चोदता हुआ एक दम से झाड़ गया और उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की फूली हुई चूत ने उसका सारा पानी चंदा काकी की चूत मे गिरवा दिया था,
हरिया से चुदवाने के बाद चंदा अपने पेट के बल अपनी गान्ड उठाए हुए लेटी थी और हरिया उसके भारी भरकम चुतडो की गहरी दरार मे अपनी उंगलिया घुमा रहा था,
हरिया- काकी तुम्हारी मोटी गान्ड और इसका यह भूरा छेद कितना अच्छा लग रहा है,
चंदा- अरे बेटा जब अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार को फैला कर देखेगा तो खड़ा-खड़ा मूत देगा
हरिया- क्यो इतनी मस्त है क्या मम्मी की गान्ड
चंदा- अरे बेटा उसके गोरे-गोरे भारी भरकम चुतडो को चाटने और चोदने के लिए तो पूरा गाँव पागल है पर किसी को उसकी गान्ड की गहराई देखने का मोका नही मिला, तेरी मम्मी की जगह कोई चालू रांड होती तो अब तक सारे गाँव का लंड अपनी गदराई गान्ड मे ले चुकी होती, पर तेरी मम्मी पर हाथ रखने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई और तो और तेरा बाप भी उसे कहाँ ढंग से चोद पाता है, सच कहु उसे तेरे जैसे मोटे लंड की ठुकाई से ही राहत मिलेगी, तेरा मोटा लंड देख कर तो ऐसा लगता है जैसे इसे तेरी मम्मी को चोदने के लिए ही बनाया गया है,
हरिया- अपने दोनो हाथो से चंदा की दोनो गान्ड को फैला कर उसकी गुदा को सूंघ कर आह काकी कितनी मस्त गुदा है तुम्हारी मे अपना लंड एक बार इसमे भी डाल दू
चंदा- एक दम से पलट कर ना बेटा ना, मे अपनी गान्ड नही मरवाउंगी, तुझे ज़्यादा गान्ड मारने का मन कर रहा है तो जा कर अपनी मम्मी की गान्ड मार उसकी गान्ड है भी बहुत मोटी तेरा मोटा लंड सह लेगी, मे तो तेरा ये मूसल अपनी गान्ड मे लेकर मर ही जाउन्गि,
हरिया- पर काकी मम्मी मुझे कहाँ अपनी गान्ड दे देगी तुम ही मार लेने दो ना,
चंदा- नही बेटे तेरा लंड तेरी मम्मी की गान्ड मे ही सही रहेगा, कोशिश करके देख ले शायद तुझसे अपनी चूत और गान्ड मरवाने के लिए राज़ी हो जाए,
हरिया- कुछ सोच कर, तो काकी तुम ही कोई उपाय बताओ ना
चंदा- बेटा मे क्या उपाय बताऊ, फिर भी मे कोशिश करूँगी चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले हमे बहुत देर हो गई है कोई इधर ही ना चला आ रहा हो,
चंदा का शक सही निकला और दूर से कमला आती हुई दोनो को दिखाई देती है, कमला को देख कर चंदा खेतो के बीच मे काम करने पहुच जाती है और हरिया इधर उधर के काम मे लग जाता है,
कुछ देर बाद तीनो पेड़ की छाया मे बैठ कर बाते करने लगते है, हरिया खाना खा कर बैठ जाता है तब कमला उसे कुछ देर झोपड़ी मे आराम करने को कह देती है और फिर जब हरिया झोपड़ी मे चला जाता है तब कमला अपने पल्लू से तेल की छ्होटी सी शीशी निकाल कर चंदा को देते हुए
कमला- ले चंदा पकड़ ये तेल और एक बार और कस कर मेरे पैरो की मालिश कर दे ना जाने क्यो इतना दर्द बना हुआ है उस समय तुझसे मालिश करवाई तो कुछ ठीक हो गया था पर अब तो जाँघो मे भी जकड़न महसूस हो रही है, ले ज़रा अच्छे से कस कर मालिश कर मे यही पेड़ के नीचे लेट जाती हू,
चंदा- मुस्कुराते हुए कमला की साडी को उसकी कमर तक कर देती है,
कमला- अरे क्या कर रही है पूरी नंगी कर दिया तूने कही हरिया बाहर आ गया तो वह देख लेगा
चंदा- अपने हाथो मे तेल भर कर उसकी गदराई जाँघो मे लगा कर मसल्ते हुए, अरे मालकिन देख भी लेगा तो क्या हुआ अब तुम्हारा हरिया भी कोई बच्चा नही रहा अब तो उसे भी तुम्हारे जैसी गदराई औरत को चोदने का मन करता होगा,
कमला- क्या अनब सनब बक रही है मेरे बेटे के बारे मे, चुपचाप मालिश कर आह हाँ यही सबसे ज़्यादा दर्द है
चंदा- मुस्कुराते हुए, मालकिन तुम्हारी मोटी जंघे खूब कस गई है लगता है बहुत समय से इन्हे किसी मर्द ने दबोचा नही है इसलिए खून बँध गया है इनमे,
कमला- अब इस बुढ़ापे मे कौन दबोचेगा मेरी जंघे
तभी चंदा कमला की चूत को सहला देती है और हाय मालकिन तुम्हारी चूत से तो पानी बह रहा है
कमला- थोड़ा शर्मकार मुस्कुराते हुए, हाँ रे जब तू इस तरह छुएगी तो पानी नही तो क्या बहेगा,
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- अपने कभी घोड़े जैसा मोटा और लंबा लंड देखा है,
कमला- नही तो, क्यो तूने किसका देख लिया
चंदा- कुछ नही बस ऐसे ही पुंछ लिया
कमला- अब ज़्यादा नखरा ना छोड़ बता भी किसका देखा है तूने
चंदा हल्के से मुस्कुराते हुए समझ गई थी कि कमला की चूत बहुत चुदासी है उसने धीरे से अपने हाथ मे ढेर सारा तेल लेकर कमला की चूत को खूब फैला कर उसमे भर कर उसकी चिकनी चूत को मसल्ने लगी,
कमला- आह यह क्या कर रही है चंदा, अब बता भी दे तूने किसका मोटा लंड देखा है
चंदा- रहने दो मालकिन आप नाराज़ हो जाओगी
कमला- अरे नही रे मे भला तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू तू तो मुझसे हर तरह की बाते कर लेती है अब बता भी दे
चंदा- आज मैने आपके बेटे हरिया का लंड देखा है, क्या बताऊ मालकिन उसके बराबर तगड़ा और मोटा लंड मैने आज तक नही देखा, जो औरत उसके मोटे लंड से एक बार चुद जाए वह जिंदगी भर उसके लंड की दीवानी रहेगी,
कमला- यह तू क्या कह रही है और तूने कैसे हरिया का लंड देख लिया,
चंदा- सच बताऊ मालकिन, हरिया झोपड़ी के पीछे पेशाब करने गया था और मे झोपड़ी के अंदर थी तब मेरी नज़र अचानक झोपड़ी के एक छेद से पीछे की ओर गई और मैने देखा हरिया अपने लंड से खड़ा-खड़ा खेल रहा था उस समय उसका लंड ढीला था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ मे नही समा रहा था और फिर वह अपने लंड की खाल को कभी आगे कभी पीछे करके सहलाने लगा, वह अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को सहला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी कल्पना मे किसी औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा था धीरे-धीरे उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण करने लगा और फिर हरिया ने अपने लंड को खूब कस-कस कर हिलाया और करीब 5 मिनिट बाद वह झाड़ गया, वह नज़ारा देख कर तो मालकिन मेरी चूत भी गीली हो गई थी,
चंदा की बात सुन कर कमला की साँसे तेज हो गई थी और उसकी गान्ड ज़मीन से रह-रह कर उठ जाती थी और वह अपनी फूली हुई चूत को चंदा के हाथो मे मारने लग गई थी, चंदा ने उसकी दशा देख कर उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे भींच लिया,
हरिया- हा काकी मे अपनी मम्मी को खूब रगड़-रगड़ कर चोदना चाहता हू, जब घर मे चलती है तो दिल करता है उसे जाकर अपनी गोद मे उठा कर खूब प्यार करू, उसका चेहरा इतना भरा हुआ और खूबसूरत है कि दिल करता है उसके गालो होंठो को खूब चुसू और उसकी चूत मे लंड पेलते हुए उसकी जीभ का रस खूब चुसू, मम्मी को जब भी चोदु उसकी रसीली जीभ को चूस्ते हुए उसकी चूत मे अपना मोटा लंड डालु,
और फिर हरिया चंदा काकी की चूत मे पीछे से अपना मोटा लंड कस कर पेल देता है और सतसट उसकी कमर पकड़ कर धक्के पर धक्के मारने लगता है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी बंद आँखो के सामने उसकी मम्मी की गदराई जवानी नाच रही थी, उसके हर धक्के के साथ उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपनी मम्मी की गान्ड मार रहा है, वह चोद चंदा काकी को रहा था लेकिन उसकी कल्पना मे उसकी मम्मी उसके सामने पूरी नंगी होकर अपनी चूत उठा-उठा कर अपने बेटे को दिखाते हुए नाच रही थी, उसने अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके खूब नचा-नचा कर चूत और गान्ड मतकते हुए देखा था, और उसके हर धक्को के साथ उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मम्मी नंगी नाचती हुई उसे अपनी चूत दिखा-दिखा कर कह रही हो ले बेटा चढ़ जा अपनी मा के नंगे बदन पर और खूब कर कर चोद दे मेरी चूत को,
उसके धक्के की रफ़्तार अपनी मम्मी की नंगे बदन की कल्पना से बढ़ती जा रही थी और वह खूब कस-कस कर सतसट अपने मोटे लंड को चंदा काकी को घोड़ी बना कर उसकी चूत मार रहा था, उधर चंदा काकी उस धमाकेदार चुदाई से पूरी तरफ मस्त हो चुकी थी, तभी हरिया की आँखो के सामने कल्पना मे उसकी मम्मी ने अपनी दोनो जाँघो को फैलाकर अपना मदहोश कर देने वाला भोसड़ा दिखाया तो हरिया अपनी कल्पना मे अपनी मम्मी की मस्त चूत को खूब कस-कस कर चोदता हुआ एक दम से झाड़ गया और उसकी आँखो के सामने उसकी मम्मी की फूली हुई चूत ने उसका सारा पानी चंदा काकी की चूत मे गिरवा दिया था,
हरिया से चुदवाने के बाद चंदा अपने पेट के बल अपनी गान्ड उठाए हुए लेटी थी और हरिया उसके भारी भरकम चुतडो की गहरी दरार मे अपनी उंगलिया घुमा रहा था,
हरिया- काकी तुम्हारी मोटी गान्ड और इसका यह भूरा छेद कितना अच्छा लग रहा है,
चंदा- अरे बेटा जब अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और उसकी गान्ड की गहरी दरार को फैला कर देखेगा तो खड़ा-खड़ा मूत देगा
हरिया- क्यो इतनी मस्त है क्या मम्मी की गान्ड
चंदा- अरे बेटा उसके गोरे-गोरे भारी भरकम चुतडो को चाटने और चोदने के लिए तो पूरा गाँव पागल है पर किसी को उसकी गान्ड की गहराई देखने का मोका नही मिला, तेरी मम्मी की जगह कोई चालू रांड होती तो अब तक सारे गाँव का लंड अपनी गदराई गान्ड मे ले चुकी होती, पर तेरी मम्मी पर हाथ रखने की हिम्मत किसी ने नही दिखाई और तो और तेरा बाप भी उसे कहाँ ढंग से चोद पाता है, सच कहु उसे तेरे जैसे मोटे लंड की ठुकाई से ही राहत मिलेगी, तेरा मोटा लंड देख कर तो ऐसा लगता है जैसे इसे तेरी मम्मी को चोदने के लिए ही बनाया गया है,
हरिया- अपने दोनो हाथो से चंदा की दोनो गान्ड को फैला कर उसकी गुदा को सूंघ कर आह काकी कितनी मस्त गुदा है तुम्हारी मे अपना लंड एक बार इसमे भी डाल दू
चंदा- एक दम से पलट कर ना बेटा ना, मे अपनी गान्ड नही मरवाउंगी, तुझे ज़्यादा गान्ड मारने का मन कर रहा है तो जा कर अपनी मम्मी की गान्ड मार उसकी गान्ड है भी बहुत मोटी तेरा मोटा लंड सह लेगी, मे तो तेरा ये मूसल अपनी गान्ड मे लेकर मर ही जाउन्गि,
हरिया- पर काकी मम्मी मुझे कहाँ अपनी गान्ड दे देगी तुम ही मार लेने दो ना,
चंदा- नही बेटे तेरा लंड तेरी मम्मी की गान्ड मे ही सही रहेगा, कोशिश करके देख ले शायद तुझसे अपनी चूत और गान्ड मरवाने के लिए राज़ी हो जाए,
हरिया- कुछ सोच कर, तो काकी तुम ही कोई उपाय बताओ ना
चंदा- बेटा मे क्या उपाय बताऊ, फिर भी मे कोशिश करूँगी चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले हमे बहुत देर हो गई है कोई इधर ही ना चला आ रहा हो,
चंदा का शक सही निकला और दूर से कमला आती हुई दोनो को दिखाई देती है, कमला को देख कर चंदा खेतो के बीच मे काम करने पहुच जाती है और हरिया इधर उधर के काम मे लग जाता है,
कुछ देर बाद तीनो पेड़ की छाया मे बैठ कर बाते करने लगते है, हरिया खाना खा कर बैठ जाता है तब कमला उसे कुछ देर झोपड़ी मे आराम करने को कह देती है और फिर जब हरिया झोपड़ी मे चला जाता है तब कमला अपने पल्लू से तेल की छ्होटी सी शीशी निकाल कर चंदा को देते हुए
कमला- ले चंदा पकड़ ये तेल और एक बार और कस कर मेरे पैरो की मालिश कर दे ना जाने क्यो इतना दर्द बना हुआ है उस समय तुझसे मालिश करवाई तो कुछ ठीक हो गया था पर अब तो जाँघो मे भी जकड़न महसूस हो रही है, ले ज़रा अच्छे से कस कर मालिश कर मे यही पेड़ के नीचे लेट जाती हू,
चंदा- मुस्कुराते हुए कमला की साडी को उसकी कमर तक कर देती है,
कमला- अरे क्या कर रही है पूरी नंगी कर दिया तूने कही हरिया बाहर आ गया तो वह देख लेगा
चंदा- अपने हाथो मे तेल भर कर उसकी गदराई जाँघो मे लगा कर मसल्ते हुए, अरे मालकिन देख भी लेगा तो क्या हुआ अब तुम्हारा हरिया भी कोई बच्चा नही रहा अब तो उसे भी तुम्हारे जैसी गदराई औरत को चोदने का मन करता होगा,
कमला- क्या अनब सनब बक रही है मेरे बेटे के बारे मे, चुपचाप मालिश कर आह हाँ यही सबसे ज़्यादा दर्द है
चंदा- मुस्कुराते हुए, मालकिन तुम्हारी मोटी जंघे खूब कस गई है लगता है बहुत समय से इन्हे किसी मर्द ने दबोचा नही है इसलिए खून बँध गया है इनमे,
कमला- अब इस बुढ़ापे मे कौन दबोचेगा मेरी जंघे
तभी चंदा कमला की चूत को सहला देती है और हाय मालकिन तुम्हारी चूत से तो पानी बह रहा है
कमला- थोड़ा शर्मकार मुस्कुराते हुए, हाँ रे जब तू इस तरह छुएगी तो पानी नही तो क्या बहेगा,
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- अपने कभी घोड़े जैसा मोटा और लंबा लंड देखा है,
कमला- नही तो, क्यो तूने किसका देख लिया
चंदा- कुछ नही बस ऐसे ही पुंछ लिया
कमला- अब ज़्यादा नखरा ना छोड़ बता भी किसका देखा है तूने
चंदा हल्के से मुस्कुराते हुए समझ गई थी कि कमला की चूत बहुत चुदासी है उसने धीरे से अपने हाथ मे ढेर सारा तेल लेकर कमला की चूत को खूब फैला कर उसमे भर कर उसकी चिकनी चूत को मसल्ने लगी,
कमला- आह यह क्या कर रही है चंदा, अब बता भी दे तूने किसका मोटा लंड देखा है
चंदा- रहने दो मालकिन आप नाराज़ हो जाओगी
कमला- अरे नही रे मे भला तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू तू तो मुझसे हर तरह की बाते कर लेती है अब बता भी दे
चंदा- आज मैने आपके बेटे हरिया का लंड देखा है, क्या बताऊ मालकिन उसके बराबर तगड़ा और मोटा लंड मैने आज तक नही देखा, जो औरत उसके मोटे लंड से एक बार चुद जाए वह जिंदगी भर उसके लंड की दीवानी रहेगी,
कमला- यह तू क्या कह रही है और तूने कैसे हरिया का लंड देख लिया,
चंदा- सच बताऊ मालकिन, हरिया झोपड़ी के पीछे पेशाब करने गया था और मे झोपड़ी के अंदर थी तब मेरी नज़र अचानक झोपड़ी के एक छेद से पीछे की ओर गई और मैने देखा हरिया अपने लंड से खड़ा-खड़ा खेल रहा था उस समय उसका लंड ढीला था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ मे नही समा रहा था और फिर वह अपने लंड की खाल को कभी आगे कभी पीछे करके सहलाने लगा, वह अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को सहला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी कल्पना मे किसी औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा था धीरे-धीरे उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण करने लगा और फिर हरिया ने अपने लंड को खूब कस-कस कर हिलाया और करीब 5 मिनिट बाद वह झाड़ गया, वह नज़ारा देख कर तो मालकिन मेरी चूत भी गीली हो गई थी,
चंदा की बात सुन कर कमला की साँसे तेज हो गई थी और उसकी गान्ड ज़मीन से रह-रह कर उठ जाती थी और वह अपनी फूली हुई चूत को चंदा के हाथो मे मारने लग गई थी, चंदा ने उसकी दशा देख कर उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे भींच लिया,
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Re: घर के रसीले आम
कमला- क्या सचमुच हरिया का लंड बहुत बड़ा है
चंदा- हाँ मालकिन मैने तो आज तक ऐसा मोटा लंड नही देखा, और फिर चंदा अपनी मालकिन की चूत मे सॅट से दो उंगलिया पेल देती है और फिर
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- कमला की चूत मे उंगली पेलते हुए, आपके बेटे के लंड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे बस एक ही चूत है मालकिन
कमला- किसकी चूत
चंदा- आपकी मालकिन
कमला- सीसियते हुए, ये तू क्या कह रही है चंदा
चंदा- सच कह रही हू मालकिन आपके बेटे का लंड और आपकी गदराई हुई फूली चूत को देख कर ऐसा लगता है जैसे वह मोटा लंड आपको चोदने के लिए ही बना हो सच मालकिन अगर वह मोटा लंड आपकी इस फूली चूत मे घुस जाए तो आपको एक दम मस्त कर देगा. और फिर चंदा अपनी तीन उंगलिया ज़ोर-ज़ोर से कमला की फूली हुई चिकनी चूत मे चलाने लगती है,
चंदा- और वैसे भी मालकिन आज कल के जो लड़के होते है ना वह बहुत अच्छे तरीके से चोदते है, वह औरतो के बिना कहे ही उनकी सारी इच्छाए पूरी कर देते है
कमला- मतलब
चंदा- मतलब यह कि मालकिन आज कल के जवान लड़के सबसे ज़्यादा औरतो की गान्ड और चूत को चाटना और चूसना पसंद करते है,
कमाल- आह यह क्या कह रही है तू चंदा, भला तुझे कैसे पता कि आज कल के लड़के औरतो की चूत और गान्ड चाटना चाहते है
चंदा- मैने खुद हरिया को अपनी आँखे बंद करके मूठ मारते हुए यह कहते सुना है
कमला- अपनी जाँघो को पूरी तरह खोल कर फिला देती है और चंदा उसकी चूत को खूब कस-कस कर सहलाने लगती है,
कमला- क्या कह रहा था मेरा बेटा
चंदा- अरे मैने ठीक से नही सुना पर वह अपना लंड मसल्ते हुए इतना ज़रूर बड़बड़ा रहा था कि मे तुम्हारी पूरी चूत पी जाना चाहता हू मे तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाटना चाहता हू
कमला- पर तूने यह नही सुना वह किसकी बात कर रहा था
चंदा- नही मे यह तो नही सुन पाई पर मुझे तो लगता है वह तुम्ही को अपने ख्यालो मे नंगी करके चोद रहा था मालकिन
कमला- चुप कर बेशरम, भला यह कभी हो सकता है कि वह अपनी मम्मी को ही चोदने के बारे मे सोचेगा
चंदा- मुझे ऐसा लगा इसलिए मैने कह दिया
कमला- पर तुझे ऐसा ही क्यो लगा
चंदा- वो मुझे इसलिए लगा क्योकि एक दो बार उसने अपना लंड हिलाते हुए ओह मम्मी शब्द कहा था
कमला- कुछ सोच कर, यह भी तो हो सकता है कि उसे दर्द हो रहा हो और वह उसी दर्द के कारण उसके मुँह से मम्मी शब्द निकला हो जैसे अक्सर लोगो के मुँह से निकल जाता है
चंदा- अरे मालकिन लंड हिलाने मे कौन सा दर्द होता है उसमे तो और मज़ा आता है और वह मज़े मे अपनी मम्मी को याद कर रहा था मतलब ज़रूर वह तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा होगा,
कमला- उठ कर बैठते हुए, चल बेशरम अब चुप हो जा और यह बात तू किसी से कहना नही, लोग बेकार मे मेरे बेटे को बदनाम कर देंगे
चंदा- अरे नही मालकिन मे किसी से क्यो कहने लगी, वैसे भी आज तक मैने यह सब बाते आपके अलावा किसी से नही की है, अच्छा मालकिन आप कहो तो मे अब जाउ सबेरे से ही खेत मे हू ज़रा घर की ओर भी झाँक आउ,
कमला- ठीक है जा और वह लकड़ी का गट्टा घर पर रखती हुई चली जाना,
चंदा के जाने के बाद कमला खड़ी होकर चंदा की बातो को सोचने लगती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है, वह दबे पाँव झोपड़ी के अंदर जाती है जहा हरिया नीचे चटाई मे लेटा हुआ था,
कमला भी उसके बगल मे जाकर लेट जाती है, वह कुछ सोचती उससे पहले ही हरिया एक अंगड़ाई लेकर अपने एक पेर को अपनी मम्मी की कमर मे डाल कर उससे चिपक जाता है, उसका मोटा लंड सपने मे भी अपनी मम्मी को चोद रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह लूँगी से बाहर निकल कर उसकी मम्मी की मोटी गान्ड मे ठोकर मार रहा था,
हरिया थका था इसलिए उसकी नींद गहरी थी लेकिन उसका लंड बराबर तना हुआ उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड मे चुभ रहा था, और जिसके कारण कमला का दिल जोरो से काँपने लगा था और वह ना चाहते हुए भी चुपचाप अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के मोटी लंड से सताए हुए पड़ी थी, कुछ देर बाद कमला ने हरिया का हाथ अपने उपर से हटा कर अपना मुँह उसकी ओर कर लिया और जब उसकी नज़र अपने बेटे के मोटे लंड पर पड़ी तो उसका दिल धाक्क करके रह गया, उसे चंदा की बात सच लगी वाकई उसके बेटे का लंड उसके मस्त भोस्डे को चोदने के लायक था,
कमला काफ़ी देर तक अपने बेटे के मोटे लंड को देखती रही और फिर जब उसने देखा कि हरिया गहरी नींद मे है तो उसने वही लेट कर अपने बेटे के लंड को धीरे से पकड़ कर सहलाया और उसकी चूत का दाना कूदने लगा और उसकी चूत से खूब चिपचिपा पानी बहने लगा, कमला को ज़रा भी एहसास नही था कि उसके हाथ का दबाव उसके बेटे के लंड पर बढ़ता जा रहा था और एक वक़्त ऐसा आया कि कमला ने अपने बेटे के लंड को अपने दोनो हाथो मे भर कर खूब कस कर भींच दिया और हरिया एक दम से कसमसा कर दूसरी और करवट ले कर सो गया.
कमला अपनी फूली हुई चूत सहलाती लेटी रही लेकिन उसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी, करीब 1 घंटे बाद हरिया उठा तो उसने देखा उसकी मम्मी उसके बगल मे लेटी हुई है अपनी मम्मी के गदराए भारी भरकम चुतडो को अपनी तरफ उठा देख कर हरिया का लंड फिर से सर उठाने लगा था और उसने अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो पर धीरे से हाथ फेरते हुए एक धीमी आवाज़ लगाई लेकिन कमला जागते हुए भी सोती बनी रही,
हरिया ने जब अपनी मम्मी के गदराए चुतडो को धीरे से सहलाया तो उसे ऐसा मज़ा कभी नही आया और वह वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के उपर अपने हाथ फेरते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त उठी गान्ड के गुदज एहसास का मज़ा लेने लगा, जब उसका हाथ अपनी मम्मी की गान्ड की गहरी दरार मे जाता तो उसका मन करता कि अपना पूरा हाथ वह अपनी मम्मी की गान्ड मे भर दे,
उसने धीरे से अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर अपना मुँह रख कर हल्के से दबाया तो वह यह सोच कर और भी पागल होने लगा कि जब वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को पूरी नंगी करके अपने मुँह को उसकी गान्ड मे भरेगा तब उसे कितना मज़ा आएगा, वह अभी कुछ सोच ही रहा था कि कमला कसमसाने का नाटक करती हुई उठ बैठी और हरिया ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया,
कमला- उठ गया बेटे
हरिया- हाँ मा मे तो कब का जाग चुका था
कमला- अच्छा चल अब घर की ओर चलते है, ये कुछ लकड़ियो का गट्टर पड़ा है इन्हे उठा ले मे वो वाली ले लेती हू और फिर कमला आगे-आगे चलने लगी और हरिया अपनी मम्मी की मटकती मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ आगे बढ़ने लगा, अपनी मम्मी की जबर्दुस्त उठी हुई मोटी गान्ड और उसके भारी चुतडो की थिरकन ने चलते-चलते ही हरिया का लंड खड़ा कर दिया था,
बीच-बीच मे कमला जब पीछे पलट कर हरिया को देखती तो वह इधर उधर देखने लगता लेकिन जब कमला ने उसकी लूँगी की ओर देखा तो वह दंग रह गई, हरिया का लंड पूरी तरह तना हुआ था, वह समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मम्मी के भारी चुतडो को देख-देख कर झटके मार रहा है, वह अपने मन मे सोचने लगी कही हरिया सचमुच मुझे अपने लंड से चोदना तो नही चाहता है, चंदा ठीक ही कह रही थी यह लंड हिलाते हुए आँखे बंद करके मुझे ही नंगी करके चोद रहा होगा, इसका लंड भी कितना मोटा है, सच ऐसे लंड से चुदवाने मे तो मज़ा आ जाता होगा,
बस इतना सब सोचना था कि कमला की चूत भी फूल कर पानी-पानी हो चुकी थी लेकिन अभी तक उसने अपने मन मे अपने बेटे से चुदवाने का ख्याल नही किया था, बस वह यही सब सोचती हुई कब घर पहुच गई उसे पता भी नही चला.
रात को हरिया का बापू खेत पर ही खाट डाल कर सोता था और हरिया उसे वही खाना दे कर आ जाता था, रात को कमला आँगन के चूल्हे मे रोटिया सेक रही थी और आग की गर्मी से वह बहाल थी उपर से बिजली भी काफ़ी देर से गई हुई थी, कमला का साडी का पल्लू उसके जाँघो पर गिरा था और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ पूरी तरह से नज़र आ रहे थे और उसकी साडी दोनो घुटनो के उपर तक चढ़ि हुई थी,
क्रमशः......................
चंदा- हाँ मालकिन मैने तो आज तक ऐसा मोटा लंड नही देखा, और फिर चंदा अपनी मालकिन की चूत मे सॅट से दो उंगलिया पेल देती है और फिर
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- कमला की चूत मे उंगली पेलते हुए, आपके बेटे के लंड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे बस एक ही चूत है मालकिन
कमला- किसकी चूत
चंदा- आपकी मालकिन
कमला- सीसियते हुए, ये तू क्या कह रही है चंदा
चंदा- सच कह रही हू मालकिन आपके बेटे का लंड और आपकी गदराई हुई फूली चूत को देख कर ऐसा लगता है जैसे वह मोटा लंड आपको चोदने के लिए ही बना हो सच मालकिन अगर वह मोटा लंड आपकी इस फूली चूत मे घुस जाए तो आपको एक दम मस्त कर देगा. और फिर चंदा अपनी तीन उंगलिया ज़ोर-ज़ोर से कमला की फूली हुई चिकनी चूत मे चलाने लगती है,
चंदा- और वैसे भी मालकिन आज कल के जो लड़के होते है ना वह बहुत अच्छे तरीके से चोदते है, वह औरतो के बिना कहे ही उनकी सारी इच्छाए पूरी कर देते है
कमला- मतलब
चंदा- मतलब यह कि मालकिन आज कल के जवान लड़के सबसे ज़्यादा औरतो की गान्ड और चूत को चाटना और चूसना पसंद करते है,
कमाल- आह यह क्या कह रही है तू चंदा, भला तुझे कैसे पता कि आज कल के लड़के औरतो की चूत और गान्ड चाटना चाहते है
चंदा- मैने खुद हरिया को अपनी आँखे बंद करके मूठ मारते हुए यह कहते सुना है
कमला- अपनी जाँघो को पूरी तरह खोल कर फिला देती है और चंदा उसकी चूत को खूब कस-कस कर सहलाने लगती है,
कमला- क्या कह रहा था मेरा बेटा
चंदा- अरे मैने ठीक से नही सुना पर वह अपना लंड मसल्ते हुए इतना ज़रूर बड़बड़ा रहा था कि मे तुम्हारी पूरी चूत पी जाना चाहता हू मे तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाटना चाहता हू
कमला- पर तूने यह नही सुना वह किसकी बात कर रहा था
चंदा- नही मे यह तो नही सुन पाई पर मुझे तो लगता है वह तुम्ही को अपने ख्यालो मे नंगी करके चोद रहा था मालकिन
कमला- चुप कर बेशरम, भला यह कभी हो सकता है कि वह अपनी मम्मी को ही चोदने के बारे मे सोचेगा
चंदा- मुझे ऐसा लगा इसलिए मैने कह दिया
कमला- पर तुझे ऐसा ही क्यो लगा
चंदा- वो मुझे इसलिए लगा क्योकि एक दो बार उसने अपना लंड हिलाते हुए ओह मम्मी शब्द कहा था
कमला- कुछ सोच कर, यह भी तो हो सकता है कि उसे दर्द हो रहा हो और वह उसी दर्द के कारण उसके मुँह से मम्मी शब्द निकला हो जैसे अक्सर लोगो के मुँह से निकल जाता है
चंदा- अरे मालकिन लंड हिलाने मे कौन सा दर्द होता है उसमे तो और मज़ा आता है और वह मज़े मे अपनी मम्मी को याद कर रहा था मतलब ज़रूर वह तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा होगा,
कमला- उठ कर बैठते हुए, चल बेशरम अब चुप हो जा और यह बात तू किसी से कहना नही, लोग बेकार मे मेरे बेटे को बदनाम कर देंगे
चंदा- अरे नही मालकिन मे किसी से क्यो कहने लगी, वैसे भी आज तक मैने यह सब बाते आपके अलावा किसी से नही की है, अच्छा मालकिन आप कहो तो मे अब जाउ सबेरे से ही खेत मे हू ज़रा घर की ओर भी झाँक आउ,
कमला- ठीक है जा और वह लकड़ी का गट्टा घर पर रखती हुई चली जाना,
चंदा के जाने के बाद कमला खड़ी होकर चंदा की बातो को सोचने लगती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है, वह दबे पाँव झोपड़ी के अंदर जाती है जहा हरिया नीचे चटाई मे लेटा हुआ था,
कमला भी उसके बगल मे जाकर लेट जाती है, वह कुछ सोचती उससे पहले ही हरिया एक अंगड़ाई लेकर अपने एक पेर को अपनी मम्मी की कमर मे डाल कर उससे चिपक जाता है, उसका मोटा लंड सपने मे भी अपनी मम्मी को चोद रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह लूँगी से बाहर निकल कर उसकी मम्मी की मोटी गान्ड मे ठोकर मार रहा था,
हरिया थका था इसलिए उसकी नींद गहरी थी लेकिन उसका लंड बराबर तना हुआ उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड मे चुभ रहा था, और जिसके कारण कमला का दिल जोरो से काँपने लगा था और वह ना चाहते हुए भी चुपचाप अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के मोटी लंड से सताए हुए पड़ी थी, कुछ देर बाद कमला ने हरिया का हाथ अपने उपर से हटा कर अपना मुँह उसकी ओर कर लिया और जब उसकी नज़र अपने बेटे के मोटे लंड पर पड़ी तो उसका दिल धाक्क करके रह गया, उसे चंदा की बात सच लगी वाकई उसके बेटे का लंड उसके मस्त भोस्डे को चोदने के लायक था,
कमला काफ़ी देर तक अपने बेटे के मोटे लंड को देखती रही और फिर जब उसने देखा कि हरिया गहरी नींद मे है तो उसने वही लेट कर अपने बेटे के लंड को धीरे से पकड़ कर सहलाया और उसकी चूत का दाना कूदने लगा और उसकी चूत से खूब चिपचिपा पानी बहने लगा, कमला को ज़रा भी एहसास नही था कि उसके हाथ का दबाव उसके बेटे के लंड पर बढ़ता जा रहा था और एक वक़्त ऐसा आया कि कमला ने अपने बेटे के लंड को अपने दोनो हाथो मे भर कर खूब कस कर भींच दिया और हरिया एक दम से कसमसा कर दूसरी और करवट ले कर सो गया.
कमला अपनी फूली हुई चूत सहलाती लेटी रही लेकिन उसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी, करीब 1 घंटे बाद हरिया उठा तो उसने देखा उसकी मम्मी उसके बगल मे लेटी हुई है अपनी मम्मी के गदराए भारी भरकम चुतडो को अपनी तरफ उठा देख कर हरिया का लंड फिर से सर उठाने लगा था और उसने अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो पर धीरे से हाथ फेरते हुए एक धीमी आवाज़ लगाई लेकिन कमला जागते हुए भी सोती बनी रही,
हरिया ने जब अपनी मम्मी के गदराए चुतडो को धीरे से सहलाया तो उसे ऐसा मज़ा कभी नही आया और वह वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के उपर अपने हाथ फेरते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त उठी गान्ड के गुदज एहसास का मज़ा लेने लगा, जब उसका हाथ अपनी मम्मी की गान्ड की गहरी दरार मे जाता तो उसका मन करता कि अपना पूरा हाथ वह अपनी मम्मी की गान्ड मे भर दे,
उसने धीरे से अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर अपना मुँह रख कर हल्के से दबाया तो वह यह सोच कर और भी पागल होने लगा कि जब वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को पूरी नंगी करके अपने मुँह को उसकी गान्ड मे भरेगा तब उसे कितना मज़ा आएगा, वह अभी कुछ सोच ही रहा था कि कमला कसमसाने का नाटक करती हुई उठ बैठी और हरिया ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया,
कमला- उठ गया बेटे
हरिया- हाँ मा मे तो कब का जाग चुका था
कमला- अच्छा चल अब घर की ओर चलते है, ये कुछ लकड़ियो का गट्टर पड़ा है इन्हे उठा ले मे वो वाली ले लेती हू और फिर कमला आगे-आगे चलने लगी और हरिया अपनी मम्मी की मटकती मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ आगे बढ़ने लगा, अपनी मम्मी की जबर्दुस्त उठी हुई मोटी गान्ड और उसके भारी चुतडो की थिरकन ने चलते-चलते ही हरिया का लंड खड़ा कर दिया था,
बीच-बीच मे कमला जब पीछे पलट कर हरिया को देखती तो वह इधर उधर देखने लगता लेकिन जब कमला ने उसकी लूँगी की ओर देखा तो वह दंग रह गई, हरिया का लंड पूरी तरह तना हुआ था, वह समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मम्मी के भारी चुतडो को देख-देख कर झटके मार रहा है, वह अपने मन मे सोचने लगी कही हरिया सचमुच मुझे अपने लंड से चोदना तो नही चाहता है, चंदा ठीक ही कह रही थी यह लंड हिलाते हुए आँखे बंद करके मुझे ही नंगी करके चोद रहा होगा, इसका लंड भी कितना मोटा है, सच ऐसे लंड से चुदवाने मे तो मज़ा आ जाता होगा,
बस इतना सब सोचना था कि कमला की चूत भी फूल कर पानी-पानी हो चुकी थी लेकिन अभी तक उसने अपने मन मे अपने बेटे से चुदवाने का ख्याल नही किया था, बस वह यही सब सोचती हुई कब घर पहुच गई उसे पता भी नही चला.
रात को हरिया का बापू खेत पर ही खाट डाल कर सोता था और हरिया उसे वही खाना दे कर आ जाता था, रात को कमला आँगन के चूल्हे मे रोटिया सेक रही थी और आग की गर्मी से वह बहाल थी उपर से बिजली भी काफ़ी देर से गई हुई थी, कमला का साडी का पल्लू उसके जाँघो पर गिरा था और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ पूरी तरह से नज़र आ रहे थे और उसकी साडी दोनो घुटनो के उपर तक चढ़ि हुई थी,
क्रमशः......................