ये कैसा परिवार !!!!!!!!!--paart --3
गतांक से आगे .........................................
सुरेश के मोबाइल से आती रिंग से रत्ना की आँख खुली ...घड़ी देखा तो
9 बज रहे थे ...उफ्फ आज इतनी देर तक कैसे सो. रह गई रत्ना..शायद
कल रात का खुमार एसा था कि देर तक सोती रह गई रत्ना उसने सुरेश को
देखा सुरेश का "पप्पू" अभी जगा था ..शायद सुबह के नाश्ते का वेट
कर रहा था .. यू तो रत्ना को सुबह के वक़्त ये सब पसंद न्ही था लेकिन
कल के आक्षन से वो "कामुक शेरनी" बन गई थी जिसे अब केवल लंड
चाहिए था और शेरनी ने ताज़ा शिकार देख लिया था उसने धीरे से
सुरेश के अंडरवेर के उपेर से पप्पू को सहलाया जैसे कह रही हो "आज
तुझे भी नाश्ता दूँगी" लेकिन वो उठी और टाय्लेट चली गई वाहा उसने
जाकर पेशाब करने के लिए बैठा. की सोच. ही थी कि पीछे से सुरेश भाद्बाड़ा. कर
पहुच गया और बैठे बैठे ही दबोच लिया रत्ना को और कोई दिन होता
तो रत्ना इनकार कर देती लेकिन सुरेश के पप्पू के निमंत्रण को स्वीकार
करके बाथरूम मैं ही ठोकने का मन ब्ना लिए था रत्ना के बाथ रूम का
कोमोड़े वेस्टर्न स्टाइल का था लेकिन रत्ना उस पर देसी स्टाइल से ही बैठी
थी ब्तानने. की ज़रूरत न्ही है कि कैसे बैठी होगी. सुरेश ने उसे
टाय्लेट के कोमोड़े पर बैठा दिया और बाथरूम के फर्श पर खुद बैठ
गया फिर उसने रत्ना से कहा
सुरेश: रत्ना अब तुम पेशाब करो
रत्ना: मुझे शरम आती है
सुरेश: मुझसे ? शरम ????? क्या कह रही हो !!! अरे मेरी जान तुम्हारे
बाप से माँग कर लाया हूँ तुम्हे चोदने के लिए
रत्ना जो इस बातों की आदि हो चुकी थी इसलिए ध्यान दिए बिना बोली
"इससे तुम्हे क्या मज़ा आएगा"
सुरेश: जब लड़की की चूत से पेशाब निकलता है जो सीन देखने के
लिए मैं पागल रहता हूँ
रत्ना : कितनी लड़कियों की चूत देख चुके हो इस तरह
सुरेश : गुस्सओगि तो न्ही ना
रत्ना: पहले ब्ताओ तो
सुरेश : न्ही मैं बिना मतलब की महाभारत न्ही चाहता ?
रत्ना को भी एसी बात मैं मज़ा आने लगा था इसलिए बोली "न्ही गुस्सौन्गि
तुम ब्ताओ"
सुरेश : मैने तुम्हारी मम्मी , तुम्हारी छ्होटी बहन शिल्पा और शिव
की शालि विभा को पेशाब करते हुए देखा है
रत्ना की आँखें अस्चर्य से फटी रह गई वो समझ न्ही पा रही थी
सामने सुरेश है या कोई शैतान !!
रत्ना: क्या अंट शॅंट बोल रहे हो होश मैं न्ही हो क्या
पेशाब की सीटी {मूतने की आवाज़} को सुनकर मस्त सुरेश बोला "हाँ मेरी जा
ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
Re: ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
मैं सच कह रहा हूँ
रत्ना ; लेकिन कब , कैसे, कहा,?
सुरेश: सब ब्ताउन्गा ..
रत्ना: तो ज़रूर तुमने अप्प्नि मम्मी और बहिन की भी देखी होगी?
क्वेस्चन सुनकर थोड़ी देर के लिए सुरेश सन्नाटे मैं आ गया........
सुरेश को सूझ ही न्ही रहा था कि क्या कहे . क्या अप्प्ने गुनाहो को कबूल कर ले या फिर उन्हे मानव इच्छाओ का नाम देकर अप्प्नि ग़लतियों को छुपा जाए लेकिन ज़्यादा देर तक चुप रहना भी मुमकिन न्ही था क्योंकि उत्तेजित रत्ना के प्रश्नो का ज्वाब देना उसके लिए पहाड़ साबित हो रा था.
रत्ना: बोला मेरी जान क्या तुमने मेरी सासू मा और ननद जी की भी देखी है?
बोलो , बोलो बोलो, बोलो ना राजा क्या हुआ ज़ुबान न्ही है क्या मूह मैं
सुरेश : हाँ देखी है .
शायद इस जवाब की उम्मीद न्ही थी रत्ना को ये सुनकर वो शोक्ड रह गई लेकिन उस वक़्त उत्तेजना का एसा खुमार था कि उल्टसीधा सब सही है. बस बोलते रहो
रत्ना: कैसे देखी और कितने बार
सुरेश: हज़रो बार !!!!!!!!1
रत्ना : क्याआआआअ
सुरेश: हाँ , हज़ारो बार देखी है.
रत्ना: उन लोगो ने कभी देखा न्ही
सुरेश: मैं न्ही जानता लेकिन मैने उन्हे देखने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी
रत्ना: कैसे ?
सुरेश: मैने स्कूल टाइम मैं अप्प्नि पॉकेट मनी बचा कर एक स्पाइ केमरा खरीद रखा था और उसे अप्प्ने घर के टाय्लेट मैं लगा रखा था. सारे दिन की क्लीपिंग उसमे रेकॉर्ड होती थी और मैं रात मैं उन्हे आराम से अप्प्ने कंप्यूटर पर देखता था
रत्ना: मुझे बिलिव न्ही होता . तुम्हे स्पाइ केमरा के बारे मैं पता कैसे चला और कैसे खरीद सके .
सुरेश: तुम तो जानती ही हो कि मैं बचपन से ही कंप्यूटर का खिलाड़ी रहा हूँ जब लोग इंटरनेट का नाम भी बहुत कम जानते थे मैं तब से इसका शौकीन हूँ और पॉर्न साइट देख देख कर बहुत एक्शिटेड हो जाता था उसके बाद मे न्यूज़ साइट ओपन कर लेता था और लाइट ना आने पर नॉवेल्स रेड करता था उसमे भी मुझे सेक्स और स्पाइ एजेंट्स की नॉवेल्स ही अच्छी लगती थी जिसकी वजह से ये केमरा व्गारह के बारे मे मैं जान गया था
रत्ना: ओह माइ गॉड !!!!!!!!1, क्या तुम्हारे पास वो क्लिप्स अभी भी है
सुरेश : शादी के बाद मैने सारी क्लिप्स ख़तम कर दी थी क्योंकि अब मुझे इस सब कोई ज़रूरत न्ही थी
रत्ना: तो तुमने ननद जी की ली भी थी कभी ?
सुरेश: क्या जवाब दूं इस बात का !!!!
रत्ना : तुम्हारे इनकार ना करने को मैं तुम्हारा जवाब मान लूँ
सुरेश: कह सकती हो , लेकिन वो मैने उसे ब्लॅकमेल कर के ली थी
रत्ना: ब्लॅकमेल किस बात के लिए
सुरेश: एक बार मैने उसे अप्प्ने ड्राइवर के साथ बात करते हुए देख लिया था और हमारे घर मैं बात करना ही बहुत होता था. दीदी का क्या हाल होना था ये मैं बहुत अच्छी तरह से जानता था . क्योंकि मेरे दिमाग़ मैं तो बचपन से ही शैतान बसा था इसलिए मैने इस हरकत को भी अपने हक़ मैं इस्तेमाल किया और उसके साथ सेक्स किया .
रत्ना: दीदी ने इनकार न्ही किया ?
सुरेश : पहले तो मना करती रही लेकिन मेरे बहुत ज़ोर डालने पर तैयार ही गई
रत्ना: तुमने कैसे ली
सुरेश: तुम्हे सुननी है पूरी कहानी
रत्ना: हाँ अभी
सुरेश : लेकिन अभी मेरा ऑफीस जाने का टाइम है, रात मैं बात करेंगे
रत्ना: न्ही आज ऑफीस मत जाओ
सुरेश: आज मैं भी इसी मूड मैं हूँ लेकिन तुम जानती हो आज बहुत बड़ी डील होनी है ऑफीस मैं इसलिए मीटिंग मैं मुझे रहना होगा क्योंकि अगर ये डील सक्सेज हो गई तो मेरा सेलेक्षन "बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स" मैं हो जाएगा और 5 लाख मोन्थलि सल्लरी और सारे इन्सेंटीव्स मिलेंगे इसलिए आज प्लीज़ मैं जल्दी से जल्दी आने की कोशिस करूँगा और फिर रात को हम घूमने चलेंगे.
रत्ना: ओके
सुरेश: चलो एक बार फिर से मेरे मुँह पर पेशाब करो तुम्हारी अमृत धारा के स्वाद से तर होकर मैं शुभह काम पर निकलता हूँ.
इतना कहकर उसने रत्ना को अप्प्ने होंठ पर बैठा लिया जिससे रत्ना के चूत के लिप्स सुरेश के होठ पर आ टीके और रत्ना ने ज़ोर लगा लेकिन पेशाब तो प्रेशर पर ही निकलता लेकिन 2-4 बूंदे निकल ही आई
रत्ना- तुम्हारे लिए अभी प्रेशर न्ही बन पाया है जानू साम को तुम्हे अमृत धारा का टेस्ट कर्वौन्गि
फिर दोनो तैयार हुए सुरेश ऑफीस चला गया और रत्ना घर के छ्होटे मोटे काम निपटाने लगी.
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रत्ना ; लेकिन कब , कैसे, कहा,?
सुरेश: सब ब्ताउन्गा ..
रत्ना: तो ज़रूर तुमने अप्प्नि मम्मी और बहिन की भी देखी होगी?
क्वेस्चन सुनकर थोड़ी देर के लिए सुरेश सन्नाटे मैं आ गया........
सुरेश को सूझ ही न्ही रहा था कि क्या कहे . क्या अप्प्ने गुनाहो को कबूल कर ले या फिर उन्हे मानव इच्छाओ का नाम देकर अप्प्नि ग़लतियों को छुपा जाए लेकिन ज़्यादा देर तक चुप रहना भी मुमकिन न्ही था क्योंकि उत्तेजित रत्ना के प्रश्नो का ज्वाब देना उसके लिए पहाड़ साबित हो रा था.
रत्ना: बोला मेरी जान क्या तुमने मेरी सासू मा और ननद जी की भी देखी है?
बोलो , बोलो बोलो, बोलो ना राजा क्या हुआ ज़ुबान न्ही है क्या मूह मैं
सुरेश : हाँ देखी है .
शायद इस जवाब की उम्मीद न्ही थी रत्ना को ये सुनकर वो शोक्ड रह गई लेकिन उस वक़्त उत्तेजना का एसा खुमार था कि उल्टसीधा सब सही है. बस बोलते रहो
रत्ना: कैसे देखी और कितने बार
सुरेश: हज़रो बार !!!!!!!!1
रत्ना : क्याआआआअ
सुरेश: हाँ , हज़ारो बार देखी है.
रत्ना: उन लोगो ने कभी देखा न्ही
सुरेश: मैं न्ही जानता लेकिन मैने उन्हे देखने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी
रत्ना: कैसे ?
सुरेश: मैने स्कूल टाइम मैं अप्प्नि पॉकेट मनी बचा कर एक स्पाइ केमरा खरीद रखा था और उसे अप्प्ने घर के टाय्लेट मैं लगा रखा था. सारे दिन की क्लीपिंग उसमे रेकॉर्ड होती थी और मैं रात मैं उन्हे आराम से अप्प्ने कंप्यूटर पर देखता था
रत्ना: मुझे बिलिव न्ही होता . तुम्हे स्पाइ केमरा के बारे मैं पता कैसे चला और कैसे खरीद सके .
सुरेश: तुम तो जानती ही हो कि मैं बचपन से ही कंप्यूटर का खिलाड़ी रहा हूँ जब लोग इंटरनेट का नाम भी बहुत कम जानते थे मैं तब से इसका शौकीन हूँ और पॉर्न साइट देख देख कर बहुत एक्शिटेड हो जाता था उसके बाद मे न्यूज़ साइट ओपन कर लेता था और लाइट ना आने पर नॉवेल्स रेड करता था उसमे भी मुझे सेक्स और स्पाइ एजेंट्स की नॉवेल्स ही अच्छी लगती थी जिसकी वजह से ये केमरा व्गारह के बारे मे मैं जान गया था
रत्ना: ओह माइ गॉड !!!!!!!!1, क्या तुम्हारे पास वो क्लिप्स अभी भी है
सुरेश : शादी के बाद मैने सारी क्लिप्स ख़तम कर दी थी क्योंकि अब मुझे इस सब कोई ज़रूरत न्ही थी
रत्ना: तो तुमने ननद जी की ली भी थी कभी ?
सुरेश: क्या जवाब दूं इस बात का !!!!
रत्ना : तुम्हारे इनकार ना करने को मैं तुम्हारा जवाब मान लूँ
सुरेश: कह सकती हो , लेकिन वो मैने उसे ब्लॅकमेल कर के ली थी
रत्ना: ब्लॅकमेल किस बात के लिए
सुरेश: एक बार मैने उसे अप्प्ने ड्राइवर के साथ बात करते हुए देख लिया था और हमारे घर मैं बात करना ही बहुत होता था. दीदी का क्या हाल होना था ये मैं बहुत अच्छी तरह से जानता था . क्योंकि मेरे दिमाग़ मैं तो बचपन से ही शैतान बसा था इसलिए मैने इस हरकत को भी अपने हक़ मैं इस्तेमाल किया और उसके साथ सेक्स किया .
रत्ना: दीदी ने इनकार न्ही किया ?
सुरेश : पहले तो मना करती रही लेकिन मेरे बहुत ज़ोर डालने पर तैयार ही गई
रत्ना: तुमने कैसे ली
सुरेश: तुम्हे सुननी है पूरी कहानी
रत्ना: हाँ अभी
सुरेश : लेकिन अभी मेरा ऑफीस जाने का टाइम है, रात मैं बात करेंगे
रत्ना: न्ही आज ऑफीस मत जाओ
सुरेश: आज मैं भी इसी मूड मैं हूँ लेकिन तुम जानती हो आज बहुत बड़ी डील होनी है ऑफीस मैं इसलिए मीटिंग मैं मुझे रहना होगा क्योंकि अगर ये डील सक्सेज हो गई तो मेरा सेलेक्षन "बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स" मैं हो जाएगा और 5 लाख मोन्थलि सल्लरी और सारे इन्सेंटीव्स मिलेंगे इसलिए आज प्लीज़ मैं जल्दी से जल्दी आने की कोशिस करूँगा और फिर रात को हम घूमने चलेंगे.
रत्ना: ओके
सुरेश: चलो एक बार फिर से मेरे मुँह पर पेशाब करो तुम्हारी अमृत धारा के स्वाद से तर होकर मैं शुभह काम पर निकलता हूँ.
इतना कहकर उसने रत्ना को अप्प्ने होंठ पर बैठा लिया जिससे रत्ना के चूत के लिप्स सुरेश के होठ पर आ टीके और रत्ना ने ज़ोर लगा लेकिन पेशाब तो प्रेशर पर ही निकलता लेकिन 2-4 बूंदे निकल ही आई
रत्ना- तुम्हारे लिए अभी प्रेशर न्ही बन पाया है जानू साम को तुम्हे अमृत धारा का टेस्ट कर्वौन्गि
फिर दोनो तैयार हुए सुरेश ऑफीस चला गया और रत्ना घर के छ्होटे मोटे काम निपटाने लगी.
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Re: ये कैसा परिवार !!!!!!!!!
चलो गुरु देखते है सुरेश की मीटिंग कैसी चल रही है
सुरेश अपपनी कंपनी की सीईओ रीता पटेल के आलीशान कॅबिन मैं पहुचा कॅबिन एसी आंड साउंड प्रूफ था इसलिए सुरेश काफ़ी नर्व्स लग रहा था ....
रीता: प्लीज़ सीट डाउन मिस्टर सुरेश
सुरेश: जी मेडम
रीता: तुम जानते हो मैने किसलिए तुम्हे बुलाया है , मैने 2 हफ्ते पहले भी तुम्हे ऑफर किया था कि ले लो...ले लो.... बोलो क्या कहते हो
सुरेश: मैडम मैं लेना तो चाहता हूँ लेकिन लेना न्ही चाहता
रीता: मैं समझी न्ही कि क्या लेना चाहते हो और क्या लेना न्ही चाहते
सुरेश: मैं प्रमोशन लेना चाहता हूँ लेकिन वो न्ही लेना चाहता जिसके बदले प्रमोशन मिलेगी
रीता: एसी क्या बात है क्या खराबी है मुझमे पैसा है , सुंदरता है सब कुछ तो है और उस बुढ़िया से तो लाख गुना अच्छी हूँ
सुरेश : न्ही मैं आपके साथ वो सब न्ही करना चाहता
रीता: सुरेश तुम मेरी इन्सल्ट कर रहे हो , एक औरत से कह रहे हो एक औरत के लिए दुनिया पागल होती है और तुम इनकार कर रहे हो
सुरेश : हाँ
रीता : लेकिन क्यों ?
सुरेश: क्योंकि जो मैं करता हूँ वो तुम्हे पसंद न्ही आएगा
रीता : क्या तुम मूह मे आइ मीन ओरल......
सुरेश : वो भी
रीता : उसके अलावा !!!!!!!!!!!
सुरेश : तुम सोच भी न्ही सकती रीता
रीता : मैं तैयार हूँ प्लीज़ सुरेश मेरी प्यास बुझा दो अब मैं तुम्हारे बिना न्ही रह सकती
सुरेश धीरे धीरे मुस्कुरा रहा था फिर सुरेश धीरे से उठा और रीता की चेर के पीछे जाकर खड़ा हो गया और रीता के कंधे पर हाथ रख दिया . रीता को मानो मन की मुराद मिल गई.. फिर सुरेश ने धीरे हाथ नीचे लाया और हाथ टॉप के अंदर डाल दिया नरम मुलायम बूब्स के स्पर्श से एक बार तो लगा कि वो बहक जाएगा लेकिन उसने खुद को कॉनट्रॉल किया और प्यार से बूब्स दबाने ल्गा ... अप्प्नि उंगली एरॉटिक अंदाज मैं रीता के होंठ पर फिराने लगा ..रीता मदहोश होती जा रही थी फिर उसने रीता को चेर से खड़ा किया और दीवार की तरफमूह करके खड़ा कर दिया रीता मशीनी अंदाज़ मैं सब करती जा र्ही थी जैसी की सुरेश की गुलाम हो.. फिर सुरेश ने लोंग स्कर्ट के उपेर से उसकी योनि महसूस की जो थोडा गरम लग रही थी...फिर उसने नीचे से स्कर्ट मैं हाथ डाला और पॅंटी के उप्पेर हाथ रखा तो हाथ गीला हो गया उसका पतन हो चुका था लेकिन अगले राउंड के लिए वैसे ही तैयार थी फिर उस गीली रसीली योनि को उपेर से महसूस करने के बाद उसने पेट की तरफ से पॅंटी मैं हाथ डाल दिया .उसकी उंगलिया रीता जी झांतो मैं फंसकर रह गई लेकिन किसी तरह हाथ वो अंदर ले गया और दोनो फांको को अलग किया उसकी चूतइतनी गीली थी कि उसने हाथ निकाल कर उंगलियाँ चूस ली फिर पॅंटी उतार दी और रीता को आगे की ओर झुका दिया जिससे उसकी चूत के होंठ खुलकर सामने आ गये थे सुरेश ने अप्प्ने होंठ से उन्हे पाँच मिनूट चूसा ..रीता अब तक पागल हो चुकी थी...सुरेश प्लीज़ डॉल दो जल्दी अब सहन न्ही होता प्ल्ज़्ज़ तुम जो कहोगे मैं करूँगी...
सुरेश: न्ही रीता अभी मुझे जाना है अब कल ही मिलूँगा
रीता: प्ल्ज़ मुझे एसे छ्चोड़ कर मत जाओ मैं मर जाउन्गि
सुरेश: सॉरी रीता मैने कहा था ना कि तुम्हारे साथ न्ही कर पाउन्गा
रीता: प्ल्ज़ आज कर लो बाकी मैं याद रखूँगी
सुरेश: न्ही रीता बाइ..........
इतना कह कर सुरेश बाहर निकल गया और रीता ने जल्दी से ड्रॉयर मैं पड़े वाइब्रटर को निकाल कर योनि द्वार पर रखा और सत्त्त से नोक अंदर और स्विच ऑन करने के साथ ही रीता का काम हो गया....शांत हो कर रीता सोचने लगी
सुरेश अपपनी कंपनी की सीईओ रीता पटेल के आलीशान कॅबिन मैं पहुचा कॅबिन एसी आंड साउंड प्रूफ था इसलिए सुरेश काफ़ी नर्व्स लग रहा था ....
रीता: प्लीज़ सीट डाउन मिस्टर सुरेश
सुरेश: जी मेडम
रीता: तुम जानते हो मैने किसलिए तुम्हे बुलाया है , मैने 2 हफ्ते पहले भी तुम्हे ऑफर किया था कि ले लो...ले लो.... बोलो क्या कहते हो
सुरेश: मैडम मैं लेना तो चाहता हूँ लेकिन लेना न्ही चाहता
रीता: मैं समझी न्ही कि क्या लेना चाहते हो और क्या लेना न्ही चाहते
सुरेश: मैं प्रमोशन लेना चाहता हूँ लेकिन वो न्ही लेना चाहता जिसके बदले प्रमोशन मिलेगी
रीता: एसी क्या बात है क्या खराबी है मुझमे पैसा है , सुंदरता है सब कुछ तो है और उस बुढ़िया से तो लाख गुना अच्छी हूँ
सुरेश : न्ही मैं आपके साथ वो सब न्ही करना चाहता
रीता: सुरेश तुम मेरी इन्सल्ट कर रहे हो , एक औरत से कह रहे हो एक औरत के लिए दुनिया पागल होती है और तुम इनकार कर रहे हो
सुरेश : हाँ
रीता : लेकिन क्यों ?
सुरेश: क्योंकि जो मैं करता हूँ वो तुम्हे पसंद न्ही आएगा
रीता : क्या तुम मूह मे आइ मीन ओरल......
सुरेश : वो भी
रीता : उसके अलावा !!!!!!!!!!!
सुरेश : तुम सोच भी न्ही सकती रीता
रीता : मैं तैयार हूँ प्लीज़ सुरेश मेरी प्यास बुझा दो अब मैं तुम्हारे बिना न्ही रह सकती
सुरेश धीरे धीरे मुस्कुरा रहा था फिर सुरेश धीरे से उठा और रीता की चेर के पीछे जाकर खड़ा हो गया और रीता के कंधे पर हाथ रख दिया . रीता को मानो मन की मुराद मिल गई.. फिर सुरेश ने धीरे हाथ नीचे लाया और हाथ टॉप के अंदर डाल दिया नरम मुलायम बूब्स के स्पर्श से एक बार तो लगा कि वो बहक जाएगा लेकिन उसने खुद को कॉनट्रॉल किया और प्यार से बूब्स दबाने ल्गा ... अप्प्नि उंगली एरॉटिक अंदाज मैं रीता के होंठ पर फिराने लगा ..रीता मदहोश होती जा रही थी फिर उसने रीता को चेर से खड़ा किया और दीवार की तरफमूह करके खड़ा कर दिया रीता मशीनी अंदाज़ मैं सब करती जा र्ही थी जैसी की सुरेश की गुलाम हो.. फिर सुरेश ने लोंग स्कर्ट के उपेर से उसकी योनि महसूस की जो थोडा गरम लग रही थी...फिर उसने नीचे से स्कर्ट मैं हाथ डाला और पॅंटी के उप्पेर हाथ रखा तो हाथ गीला हो गया उसका पतन हो चुका था लेकिन अगले राउंड के लिए वैसे ही तैयार थी फिर उस गीली रसीली योनि को उपेर से महसूस करने के बाद उसने पेट की तरफ से पॅंटी मैं हाथ डाल दिया .उसकी उंगलिया रीता जी झांतो मैं फंसकर रह गई लेकिन किसी तरह हाथ वो अंदर ले गया और दोनो फांको को अलग किया उसकी चूतइतनी गीली थी कि उसने हाथ निकाल कर उंगलियाँ चूस ली फिर पॅंटी उतार दी और रीता को आगे की ओर झुका दिया जिससे उसकी चूत के होंठ खुलकर सामने आ गये थे सुरेश ने अप्प्ने होंठ से उन्हे पाँच मिनूट चूसा ..रीता अब तक पागल हो चुकी थी...सुरेश प्लीज़ डॉल दो जल्दी अब सहन न्ही होता प्ल्ज़्ज़ तुम जो कहोगे मैं करूँगी...
सुरेश: न्ही रीता अभी मुझे जाना है अब कल ही मिलूँगा
रीता: प्ल्ज़ मुझे एसे छ्चोड़ कर मत जाओ मैं मर जाउन्गि
सुरेश: सॉरी रीता मैने कहा था ना कि तुम्हारे साथ न्ही कर पाउन्गा
रीता: प्ल्ज़ आज कर लो बाकी मैं याद रखूँगी
सुरेश: न्ही रीता बाइ..........
इतना कह कर सुरेश बाहर निकल गया और रीता ने जल्दी से ड्रॉयर मैं पड़े वाइब्रटर को निकाल कर योनि द्वार पर रखा और सत्त्त से नोक अंदर और स्विच ऑन करने के साथ ही रीता का काम हो गया....शांत हो कर रीता सोचने लगी