Meraa man bekaaboo ho gayaa. Maine Kamini kee baah pakad kar use apane upar kheench leeyaa. Usakee dono choochiyaa meree chaatee se chipak gayee. Mai usake chehare ko apanee hatheliyo me lekar usake hotho ko choomane lagaa. Kamini ko meraa yah pyaar shayad samajh me nahee aayaa.Vo kasamasaa kar mujhase alag hote hue bolee. "jeeju ye aap kyaa kar rahe hai? Kamini aaj mujhe mat roko. Aaj mujhe jee bhar kar pyaar karane do. Lekin jeeju, kyaa koee jija apanee saalee ko aise pyaar karataa hai?" , Kamini ne aashcharya se poochaa.sali to adhi ghar wali hoti hai aur jab tumane ghar samhal liya hai to mujhe bhi apana bana lo. Mai auro kee baat nahee jaanataa, par aaj mai tumako har tarah se pyaar karanaa chaahataa hoo. Tumhaare har ek ang ko choomanaa chaahataa hoo. Pleej aaj mujhe mat roko Kamini." Maine anurodh bhare swar me kahaa.magar jeeju, jija saalee ke beech ye sab to paap hai. Kamini ne kahaa. "paap-punya sab bekaar kee baate hain saalee. Jis kaam se dono ko sukh mile aur kisee kaa nuksaan na ho wo paap kaise ho sakataa hai? " maine apanaa tark deeyaa.lekin jeeju, mai to abhee bahut chhotee hoo." Kamini ne apanaa dar jataayaa.vah sab tum mujh par chod do. Mai tumhe koee takaleef nahee hone doongaa." Maine use bharosaa dilaayaa. Kamini kuch der gumasuma see baithee rahee to maine puchaa. "bolo saalee, kyaa kahatee ho?Theek hai jeeju, aap jo chaahe keejiye. Mai sirf aapakee khushee chaahatee hoo." Meree saalee kaa cheharaa sharm se laal ho rahaa thaa. Kamini kee sweekrati milate hee maine usake naajuk badan ko apanee baaho me bheench leeyaa aur usake patale patale gulaabee hontho ko choosane lagaa. Usakaa virodh samaapt ho chukaa thaa. Mai apane ek haath ko usake tee-shart ke andar daal kar usakee chhotee chhotee choochiyo ko halke halke sahalaane lagaa. Fir usake nippl ko chutkee me lekar masalane lagaa. Thodee hee der me Kamini ko bhee majaa aane lagaa aur wo shee....shee. .ee.. Karane lagee.majaa aa rahaa hai jeeju... Aah... Aur keejeeye bahut achchaa lag rahaa hai.Apanee saalee kee mastee ko dekh kar meraa hausalaa aur badh gayaa. Halke virodh ke baavajood maine Kamini kee tee-shart utaar dee aur usakee ek choochee ko muh me lekar choosane lagaa. Doosaree choochee ko mai haatho me lekar dheere dheere dabaa rahaa thaa. Kamini ko ab pooraa majaa aane lagaa thaa. Vah dheere dheere budabudaane lagee. "oh. Aah... Majaa aa raha hai jeeju..aur jor jor se meree choochee ko choosiye.. Aaaah...aapane ye kyaa kar diyaa?... Oh... Jeeju.Apanee saalee ko pooree tarah se mast hotee dekh kar meraa hausalaa badh gayaa. Maine kahaa. Kamini majaa aa rahaa hai naa?Haa jeeju bahut mazaa aa Rahaa hai. Aap bahut achchee taraha se choochee choos rahe hai." Kamini ne mastee me kahaa.ab tum meraa land muh me lekar chooso, aur jyaadaa majaa aayegaa." Maine Kamini se kahaa. Theek hai jeeju. " vo mere land ko muh me lene ke liye apanee gardan ko jhukaane lagee to maine usakee baah pakad kar use is tarah litaa diyaa ki usakaa chehara mere land ke paas aur usake chootad mere chehare kee taraf ho gaye. Vo mere land ko muh me lekar aaisakreem kee tarah maje se choosane lagee. Mere poore shareer me haaee voltaija kaa karant daudne lagaa. Mai mastee me badabadaane lagaa.haa Kamini, haa.. Shaabaash.. Bahut achchaa choos rahee ho, ..aur andar lekar chooso." Kamini aur tejee se land ko muh ke andar baahar karane lagee. Mai mastee me paagal hone lagaa.Maine usakee skirt aur chaddhee dono ko ek saath kheench kar taango se baahar nikaal kar apanee saalee ko pooree tarah nangee kar diyaa aur fir usakee taango ko failaa kar usakee choot ko dekhane lagaa. Vaah! Kyaa choot thee, bilkul makkhan kee tarah chikanee aur mulaayam. Chote chote halke bhure rang ke baal uge the. Maine apanaa cheharaa usakee jaangho ke beech ghusaa diyaa aur uskee nanhee see bur par apanee jeebh pherane lagaa.Choot par meree jeebh kee ragad se Kamini kaa shareer ganaganaa gayaa. Usakaa jism mastee me kaapane lagaa. kramshah...............
साली ने संभाला
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Re: साली ने संभाला
साली ने संभाला पार्ट--2
गतान्क से आगे.....................
वह बोल उठी. "हाय जीजू.... ये आप क्या कर रहे है... मेरी चूत क्यो चाट रहे है...आ... मैं पागल हो जाऊंगी... ओह.... मेरे अच्छे जीजू... हाय... मुझे ये क्या होता जा रहा है.." कामिनी मस्ती मे अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करते हुए मेरे लॅंड को चूस रही. उसके मूह से थूक निकल कर मेरी जाँघो को गीला कर रहा था. मैने भी चाट-चाट कर उसकी चूत को थूक से तर कर दिया था. करीब 10 मिनट तक हम जीजा- साली ऐसे ही एक दूसरे को चूसते चाटते रहे. हम लोगो का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था. अब मुझसे सहा नही जा रहा था. मैने कहा. " कामिनी साली अब और बर्दाश्त नही होता. टू सीधी होकर, अपनी टांगे फैला कर लेट जा. अब मैं तुम्हारी चूत मे लॅंड घुसा कर तुम्हे चोदना चाहता हू. मेरी इस बात को सुन कर कामिनी डर गयी. उसने अपनी टांगे सिकोड कर अपनी बुर् को छुपा लिया और घबरा कर बोली. "नही जीजू, प्लीज़ा ऐसा मत कीजिए.मेरी चूत अभी बहुत छ्होटी है और आपका लॅंड बहुत लंबा और मोटा है.मेरी बुर फट जाएगी और मैं मर जाऊंगी.
प्लीज़ इस ख़याल को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिए.मैने उसके चेहरे को हाथो मे लेकर उसके होतो पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा. "डरने की कोई बात नही है कामिनी. मैं तुम्हारा जीजा हू और तुम्हे बहुत प्यार करता हू. मेरा विश्वास करो मैं बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदुगा और तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा.लेकिन जीजू, आपका इतना मोटा लॅंड मेरी छ्होटी सी बुर मे कैसे घुसेगा? इसमे तो उंगली भी नही घुस पाती है." कामिनी ने घबराए हुए स्वर मे पूछा.इसकी चिंता तुम छोड़ दो कामिनी और अपने जीजू पर भरोसा रखो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा." मैने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए भरोसा दिलाया.मुझे आप पर पूरा भरोसा है जीजू, फिर भी बहुत डर लग रहा है. पता नही क्या होने वाला है." कामिनी का डर कम नही हो पा रहा था. मैने उसे फिर से धाँढस दिया. "मेरी प्यारी साली, अपने मन से सारा डर निकाल दो और आराम से पीठ के बल लेट जाओ. मैं तुम्हे बहुत प्यार से चोदून्गा. बहुत मज़ा आएगा.ठीक है जीजू, अब मेरी जान आपके हाथो मे है." कामिनी इतना कहकर पलंग पर सीधी होकर लेट गयी लेकिन उसके चेहरे से भय सॉफ झलक रहा था. मैने पास की ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन की शीशी उठाई. फिर उसकी दोनो टाँगो को खींच कर पलंग से बाहर लटका दिया.
कामिनी डर के मारे अपनी चूत को जाँघो के बीच दबा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी. मैने उन्हे फैला कर चौड़ा कर दिया और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हो गया. अब मेरा तना हुआ लॅंड कामिनी की छ्होटी सी नाज़ुक चूत के करीब हिचकोले मार रहा था. मैने धीरे से वैसलीन लेकर उसकी चूत मे और अपने लॅंड पर चिपोड ली ताकि लॅंड घुसाने मे आसानी हो. सारा मामला सेट हो चुका था. अपनी कमसिन साली की मक्खन जैसी नाज़ुक बुर को चोदने का मेरा बरसो पुराना ख्वाब पूरा होने वाला था. मैं अपने लॅंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. कठोर लॅंड की रगड़ खाकर थोड़ी ही देर मे कामिनी की फुददी (क्लितोरिस) कड़ी हो कर तन गयी. वो मस्ती मे कापने लगी और अपने चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.बहुत अच्छा लग रहा है जीजू....... ओ..ऊ... ओ..ऊओह ..आ बहुत मज़ा आआअरहा है... और रगड़िए जीजू...तेज तेज रगड़िए.... " वो मस्ती से पागल होने लगी थी और अपने ही हाथो से अपनी चूचियो को मसलने लगी थी. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. मैं बोला.मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साली. बस ऐसे ही साथ देती रहो. आज मैं तुम्हे चोदकर पूरी औरत बना दूँगा. " मैं अपना लॅंड वैसे ही लगातार उसकी चूत पर रगड़ता जा रहा था. वो फिर बोलने लगी. "हाय जीजू जी...ये आपने क्या कर दिया...ऊऊओ. .मेरे पूरे बदन मे करंट दौड़ रहा है.......मेरी चूत के अंदर आग लगी हुई है जीजू... अब सहा नही आता.. ऊवू जीजू जी... मेरे अच्छे जीजू.... कुछ कीजिए ना.. मेरे चूत की आग बुझा दीजिए....अपना लॅंड मेरी बर मे घुसा कर चोदिये जीजू...प्लीज़. . जीजू...चोदो मेरी चूत को.लेकिन कामिनी, तुम तो कह रही थी की मेरा लॅंड बहुत मोटा है, तुम्हारी बुर फट जाएगी. अब क्या हो गया?" मैने यू ही प्रश्न किया.ओह जीजू, मुझे क्या मालूम था कि चुदाई मे इतना मज़ा आता है. आआआः अब और बर्दाश्ता नही होता." कामिनी अपनी कमर को उठा-उठा कर पटक रही थी.हाई जीजू.... ऊऊऊः... आग लगी है मेरी चूत के अंदर .. अब देर मत कीजिए.... अब लॅंड घुसा कर चोदिये अपनी साली को... घुसेड दीजीये अपने लॅंड को मेरी बुर के अंदर... फट जाने दीजिए इसको ....कुछ भी हो जाए मगर चोदिये मुझे " कामिनी पागलो की तरह बड़बड़ाने लगी थी. मैं समझ गया, लोहा गरम है इसी समय चोट करना ठीक रहेगा.
गतान्क से आगे.....................
वह बोल उठी. "हाय जीजू.... ये आप क्या कर रहे है... मेरी चूत क्यो चाट रहे है...आ... मैं पागल हो जाऊंगी... ओह.... मेरे अच्छे जीजू... हाय... मुझे ये क्या होता जा रहा है.." कामिनी मस्ती मे अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करते हुए मेरे लॅंड को चूस रही. उसके मूह से थूक निकल कर मेरी जाँघो को गीला कर रहा था. मैने भी चाट-चाट कर उसकी चूत को थूक से तर कर दिया था. करीब 10 मिनट तक हम जीजा- साली ऐसे ही एक दूसरे को चूसते चाटते रहे. हम लोगो का पूरा बदन पसीने से भीग चुका था. अब मुझसे सहा नही जा रहा था. मैने कहा. " कामिनी साली अब और बर्दाश्त नही होता. टू सीधी होकर, अपनी टांगे फैला कर लेट जा. अब मैं तुम्हारी चूत मे लॅंड घुसा कर तुम्हे चोदना चाहता हू. मेरी इस बात को सुन कर कामिनी डर गयी. उसने अपनी टांगे सिकोड कर अपनी बुर् को छुपा लिया और घबरा कर बोली. "नही जीजू, प्लीज़ा ऐसा मत कीजिए.मेरी चूत अभी बहुत छ्होटी है और आपका लॅंड बहुत लंबा और मोटा है.मेरी बुर फट जाएगी और मैं मर जाऊंगी.
प्लीज़ इस ख़याल को अपने दिमाग़ से निकाल दीजिए.मैने उसके चेहरे को हाथो मे लेकर उसके होतो पर एक प्यार भरा चुंबन जड़ते हुए कहा. "डरने की कोई बात नही है कामिनी. मैं तुम्हारा जीजा हू और तुम्हे बहुत प्यार करता हू. मेरा विश्वास करो मैं बड़े ही प्यार से धीरे धीरे चोदुगा और तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा.लेकिन जीजू, आपका इतना मोटा लॅंड मेरी छ्होटी सी बुर मे कैसे घुसेगा? इसमे तो उंगली भी नही घुस पाती है." कामिनी ने घबराए हुए स्वर मे पूछा.इसकी चिंता तुम छोड़ दो कामिनी और अपने जीजू पर भरोसा रखो. मैं तुम्हे कोई तकलीफ़ नही होने दूँगा." मैने उसके सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए भरोसा दिलाया.मुझे आप पर पूरा भरोसा है जीजू, फिर भी बहुत डर लग रहा है. पता नही क्या होने वाला है." कामिनी का डर कम नही हो पा रहा था. मैने उसे फिर से धाँढस दिया. "मेरी प्यारी साली, अपने मन से सारा डर निकाल दो और आराम से पीठ के बल लेट जाओ. मैं तुम्हे बहुत प्यार से चोदून्गा. बहुत मज़ा आएगा.ठीक है जीजू, अब मेरी जान आपके हाथो मे है." कामिनी इतना कहकर पलंग पर सीधी होकर लेट गयी लेकिन उसके चेहरे से भय सॉफ झलक रहा था. मैने पास की ड्रेसिंग टेबल से वैसलीन की शीशी उठाई. फिर उसकी दोनो टाँगो को खींच कर पलंग से बाहर लटका दिया.
कामिनी डर के मारे अपनी चूत को जाँघो के बीच दबा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी. मैने उन्हे फैला कर चौड़ा कर दिया और उसकी टाँगो के बीच खड़ा हो गया. अब मेरा तना हुआ लॅंड कामिनी की छ्होटी सी नाज़ुक चूत के करीब हिचकोले मार रहा था. मैने धीरे से वैसलीन लेकर उसकी चूत मे और अपने लॅंड पर चिपोड ली ताकि लॅंड घुसाने मे आसानी हो. सारा मामला सेट हो चुका था. अपनी कमसिन साली की मक्खन जैसी नाज़ुक बुर को चोदने का मेरा बरसो पुराना ख्वाब पूरा होने वाला था. मैं अपने लॅंड को हाथ से पकड़ कर उसकी चूत पर रगड़ने लगा. कठोर लॅंड की रगड़ खाकर थोड़ी ही देर मे कामिनी की फुददी (क्लितोरिस) कड़ी हो कर तन गयी. वो मस्ती मे कापने लगी और अपने चूतड़ को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.बहुत अच्छा लग रहा है जीजू....... ओ..ऊ... ओ..ऊओह ..आ बहुत मज़ा आआअरहा है... और रगड़िए जीजू...तेज तेज रगड़िए.... " वो मस्ती से पागल होने लगी थी और अपने ही हाथो से अपनी चूचियो को मसलने लगी थी. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. मैं बोला.मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है साली. बस ऐसे ही साथ देती रहो. आज मैं तुम्हे चोदकर पूरी औरत बना दूँगा. " मैं अपना लॅंड वैसे ही लगातार उसकी चूत पर रगड़ता जा रहा था. वो फिर बोलने लगी. "हाय जीजू जी...ये आपने क्या कर दिया...ऊऊओ. .मेरे पूरे बदन मे करंट दौड़ रहा है.......मेरी चूत के अंदर आग लगी हुई है जीजू... अब सहा नही आता.. ऊवू जीजू जी... मेरे अच्छे जीजू.... कुछ कीजिए ना.. मेरे चूत की आग बुझा दीजिए....अपना लॅंड मेरी बर मे घुसा कर चोदिये जीजू...प्लीज़. . जीजू...चोदो मेरी चूत को.लेकिन कामिनी, तुम तो कह रही थी की मेरा लॅंड बहुत मोटा है, तुम्हारी बुर फट जाएगी. अब क्या हो गया?" मैने यू ही प्रश्न किया.ओह जीजू, मुझे क्या मालूम था कि चुदाई मे इतना मज़ा आता है. आआआः अब और बर्दाश्ता नही होता." कामिनी अपनी कमर को उठा-उठा कर पटक रही थी.हाई जीजू.... ऊऊऊः... आग लगी है मेरी चूत के अंदर .. अब देर मत कीजिए.... अब लॅंड घुसा कर चोदिये अपनी साली को... घुसेड दीजीये अपने लॅंड को मेरी बुर के अंदर... फट जाने दीजिए इसको ....कुछ भी हो जाए मगर चोदिये मुझे " कामिनी पागलो की तरह बड़बड़ाने लगी थी. मैं समझ गया, लोहा गरम है इसी समय चोट करना ठीक रहेगा.
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Re: साली ने संभाला
मैने अपने फनफनाए हुए कठोर लॅंड को उसकी चूत के छोटे से छेद पर अच्छी तरह सेट किया. उसकी टाँगो को अपने पेट से सटा कर अच्छी तरह जाकड़ लिया और एक ज़ोर दार धक्का मारा.अचानक कामिनी के गले से एक तेज चीख निकली. "आआआआआआआः. ..बाप रीईईई... मर गयी मई.... निकालो जीजू..बहुत दर्द हो रहा है....बस करो जीजू... नही चुदवाना है मुझे....मेरी चूत फट गयी जीजू... छोड़ दीजिए मुझे अब...मेरी जान निकल रही है." कामिनी दर्द से बहाल होकर रोने लगी थी. मैने देखा, मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत को फाड़ कर अंदर घुस गया था. और अंदर से खून भी निकल रहा था. अपनी दुलारी साली को दर्द से बिलबिलाते देख कर मुझे दया तो बहुत आई लेकिन मैने सोचा अगर इस हालत मे मे उसे छोड़ दूँगा तो वो दुबारा फिर कभी इसके लिए राज़ी नही होगी. मैने उसे हौसला देते हुए कहा. " बस साली थोड़ा और दर्द सह लो. पहली बार चुदवाने मे दर्द तो सहना ही पड़ता है. एक बार रास्ता खुल गया तो फिर मज़ा ही मज़ा है" मैं कामिनी को धीरज देने की कोशिश कर रहा था मगर वो दर्द से छटपटा रही थी.मैं मर जाऊंगी जीजू... प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए...बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है.. प्लीज़ जीजू..निकाल लीजिए अपना लॅंड." कामिनी ने गिड़गिदाते हुए अनुरोध किया. लेकिन मेरे लिए ऐसा करना मुमकिन नही था. मेरी साली कामिनी दर्द से रोटी बिलखती रही और मैं उसकी टाँगो को कस कर पकड़े हुए अपने लॅंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता रहा. थोड़ी थोड़ी देर पर मे लॅंड का दबाव थोड़ा बढ़ा देता था ताकि वो थोड़ा और अंदर चला जाए. इस तरह से कामिनी तकरीबन 15 मिनट तक तड़पती रही और मैं लगातार धक्के लगाता रहा.
कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वा अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकालने लगी थी. मैने पूछा. "क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?हा जीजू, अब थोडा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखाता है." कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा. वह बहुत ज़्यादा लस्त पस्त हो चुकी थी.ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा." मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी.मेरा लॅंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा. हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी. मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था. कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी. वो बोल रही थी.अब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू..ऐसे ही चोदते रहिए. और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू..आ आपका लंड बहुत मस्त है जीजू जी. बहुत सुख दे रहा है. कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी.मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था. मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लॅंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.हाई कामिनी.मेरी प्यारी साली.मेरी जान..आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है..हा..साली..तुम्हारी चूत बहुत टाइट है..बहुत मस्त है..तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है.ओह्ह.बहुत मज़ा आ रहा है. कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.
तभी कामिनी चिल्लाई.जीजू.. मुझे कुछ हो रहा है..आ हह.जीजू.. मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है..ऊहह..जीजू..मज़ा आ गया..ह..उई..माअं.. कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लॅंड को अपनी बुर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी. मैं समझ गया की मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है. वह झाड़ रही थी. मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था. मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये. बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया. मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया. कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया. कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे. जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होठ पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा. "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?" मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया. "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी जीजी को चोद्कर कभी नही मिला. तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया." वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंद होता है. वह मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था. मैने साली से कहा मेरा लंड को पकड़ कर रखो.
कुछ देर बाद मैने महसूस किया की मेरी साली का दर्द कुच्छ कम हो रहा था. दर्द के साथ साथ अब उसे मज़ा भी आने लगा था क्योकि अब वा अपने चूतड़ को बड़े ही लय-ताल मे उपर नीचे करने लगी थी.उसके मूह से अब कराह के साथ साथ सिसकारी भी निकालने लगी थी. मैने पूछा. "क्यो साली, अब कैसा लग रहा है? क्या दर्द कुछ कम हुआ?हा जीजू, अब थोडा थोड़ा अच्छा लग रहा है. बस धीरे धीरे धक्के लगाते रहिए. ज़्यादा अंदर मत घुसाईएगा. बहुत दुखाता है." कामिनी ने हान्फ्ते हुए स्वर मे कहा. वह बहुत ज़्यादा लस्त पस्त हो चुकी थी.ठीक है साली, तुम अब चिंता छोड़ दो. अब चुदाई का असली मज़ा आएगा." मैं हौले हौले धक्के लगाता रहा. कुछ ही देर बाद कामिनी की चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी.मेरा लॅंड भी अब कुछ आराम से अंदर बाहर होने लगा. हर धक्के के साथ फॅक-फॅक की आवाज़ आनी शुरू हो गयी. मुझे भी अब ज़्यादा मज़ा मिलने लगा था. कामिनी भी मस्त हो कर चुदाई मे मेरा सहयोग देने लगी थी. वो बोल रही थी.अब अच्छा लग रहा है जीजू, अब मज़ा आ रहा है.ओह जीजू..ऐसे ही चोदते रहिए. और अंदर घुसा कर चोदिये जीजू..आ आपका लंड बहुत मस्त है जीजू जी. बहुत सुख दे रहा है. कामिनी मस्ती मे बड़बदाए जा रही थी.मुझे भी बहुत आराम मिल रहा था. मैने भी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. तेज़ी से धक्के लगाने लगा. अब मेरा लगभग पूरा लॅंड कामिनी की चूत मे जा रहा था मैं भी मस्ती के सातवे आसमान पर पहुच गया और मेरे मूह से मस्ती के शब्द फूटने लगे.हाई कामिनी.मेरी प्यारी साली.मेरी जान..आज तुमने मुझ से चुदवा कर बहुत बड़ा उपकार किया है..हा..साली..तुम्हारी चूत बहुत टाइट है..बहुत मस्त है..तुम्हारी चूची भी बहुत कसी कसी है.ओह्ह.बहुत मज़ा आ रहा है. कामिनी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चुदाई मे मेरी मदद कर रही थी. हम दोनो जीजा साली मस्ती की बुलंदियो को छू रहे थे.
तभी कामिनी चिल्लाई.जीजू.. मुझे कुछ हो रहा है..आ हह.जीजू.. मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है..ऊहह..जीजू..मज़ा आ गया..ह..उई..माअं.. कामिनी अपनी कमर उठा कर मेरे पूरे लॅंड को अपनी बुर के अंदर समा लेने की कोशिश करने लगी. मैं समझ गया की मेरी साली का क्लाइमॅक्स आ गया है. वह झाड़ रही थी. मुझ से भी अब और सहना मुश्किल हो रहा था. मैं खूब तेज-तेज धक्के मार कर उसे चोदने लगा और थोड़ी ही देर मे हम जीजा साली एक साथ स्खलित हो गये. बरसो से ईकात्ठा मेरा ढेर सारा वीर्य कामिनी की चूत मे पिचकारी की तरह निकल कर भर गया. मैं उसके उपर लेट कर चिपक गया. कामिनी ने मुझे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ लिया. कुछ देर तक हम दोनो जीजा-साली ऐसे ही एक दूसरे के नंगे बदन से चिपके हान्फ्ते रहे. जब साँसे कुछ काबू मे हुई तो कामिनी ने मेरे होठ पर एक प्यार भर चुंबन लेकर पूछा. "जीजू, आज आपने अपनी साली को वो सुख दिया है जिसके बारे मे मैं बिल्कुल अंजान थी. अब मुझे इसी तरह रोज चोदियेगा. ठीक है ना जीजू?" मैने उसकी चूचियो को चूमते हुए जबाब दिया. "आज तुम्हे चोद्कर जो सुख मिला है वो तुम्हारी जीजी को चोद्कर कभी नही मिला. तुमने आज अपने जीजू को तृप्त कर दिया." वह भी बड़ी खुश हुई और कहने लगी आप ने मुझे आज बता दिया कि औरत और मर्द का क्या संबंद होता है. वह मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मैं उसके रेशमी ज़ुल्फो से खेल रहा था. मैने साली से कहा मेरा लंड को पकड़ कर रखो.