Chanchal choot चंचल चूत compleet

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raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:35

यह घटना उस टाइम की है जब मैं ब.कॉम के फर्स्ट एअर को क्लियर कर के सेकेंड एअर मे आया था. गर्मी बोहोत पड़ रही थी. चंचल की मा कोमल अपने किसी फरन्ड के पास मिलने गई हुई थी. घर का काम काज करने वेल लड़कियाँ अपने अपने काम मे लगी हुई थी.

जैसा के पहले बता चुक्का हू के घर बोहोत ही बड़ा है और उसके अंदर कमरे भी बोहोत हैं. थोड़े से ही कमरे इस्तेमाल मे आते है बाकी के कमरे किसी भी गेस्ट वाघहैरा के लिए रेडी रहते हैं. किसी कमरे को स्टोर बनाया हुआ है. किसी को किसी की खबर नही होती के कौन कहा है और किस कमरे मे जा रहा है या कमरे के अंदर क्या कर रहा है या कमरे के अंदर क्या हो रहा है..

मैं बहेर से घर के अंदर आया और अपने कमरे मे जाने ही वाला था के मुझे फर्स्ट फ्लोर से ऐसी आवाज़ आई जैसे कोई बोहोत पेन से कराह रहा हो. आअहह ऊऊऊफफफफफफफफफ्फ़ ईईईहह जैसी आवाज़ें आ रही थी. मैं दबे पाँव ऊपेर जाने लगा. अभी थोड़ी सी ही सीढ़ियाँ ऊपेर चढ़ा था के मुझे फर्स्ट फ्लोर के हॉल मे जो डिज़ाइन्स बने हुए है खूबसूरती के लिए जहाँ हवा के लिए गॅप्स बने हुए हैं उस मे से दिखाई दिया के चंचल सोफे के एड्ज पे बैठी है, उसकी टाँगें फैली हुई हैं, आस यूषुयल छोटा सा स्कर्ट पहने हुए है, और अपनी चूत का मसाज कर रही है..

काम करने वाली लड़कियाँ नीचे ही अपने अपने काम मे बिज़ी थी और ऊपेर चंचल अकेली थी. उसकी आँखें मस्ती मे बंद थी और अपनी उंगली को ज़ोर ज़ोर से चला रही थी लगता था के उसका मसाज फाइनल स्टेज मे है. वो अपने चूतड़ उछाल उछाल के मज़े ले रही थी. मुझे इतना क्लियर नही दिख रहा था के उसने

अपनी चूत के सुराख मे उंगली डाली हुई है या ऐसे ही अपनी चूत के दाने (क्लाइटॉरिस ) का मसाज कर रही है.

उसकी उंगली फुल स्पीड से चल रही थी और सडन्ली उसके मूह से आअगघह उूुउऊहह आआआआअहह की आवाज़ें निकली और वो शांत हो गई. थोड़ी देर तक उसकी आँखें बंद ही रही और वो गहरी गेँरी साँसे लेने लगी और फिर सोफे पे ऐसे पड़ी रही जैसे बदन मे जान ही नही हो.

मेरा लौदा फिर से अकड़ गया अब तो मन कर रहा था के तुरंत ऊपेर जाउ और उसकी चूत मे अपना लौदा घुसेड के उसकी ब्रांड न्यू चूत को चोद चोद के फाड़ डालूं. मैं ने फिर से अपने आप को कंट्रोल किया और नीचे आ गया. इस टाइम चंचल को पता नही चला के मैं ने उसको देख लिया है. सारा दिन मुझे चंचल कुछ अलग अलग सी लगी. कुछ नया था उसके चेहरे पे मुझे समझ नही आ रहा था के क्या नया है लैकिन कुछ है ज़रूर.

उसी दिन शाम को जब मैं कोमल को लेने के लिए उसके फ्रेंड के घर जाने वाला था तो चंचल ने कहा के वो भी आएगी. मैं ने कहा चलो. फिर हम दोनो मारुति मे बैठ के चंचल की मम्मी को लेने चले गये.

वापस आने के टाइम पे रास्ते मे चंचल ने कहा के वो भी कार चलाना सीखना चाहती है. मैं ने तो कुछ नही कहा पर कोमल बोली के चल अभी तू बोहोत छोटी है जब थोड़ी और बड़ी हो जाएगी तो सीख लेना. बॅस मना क्या करना था के चंचल की चंचलता मचल गई और उसने ज़िद करनी शुरू कर्दिआ के वो तो सीखेगी.

घर पोहोच्ते ही उसने अपने डॅडी को फोन किया और कहा के वो कार चलाना सीखाना चाहती है. फिर दोनो मे क्या बातें हुई मुझे नही पता और फिर चंचल ने तुरंत फोन मेरे हाथ मे थमा दिया. सेठ साहिब कह रहे थे के अरे राजा !!! चंचल को फिलहाल थोड़ा सा स्टियरिंग संभालना ही सीखा दो बाद मे ड्राइव करना सीख लेगी. सेठ साहेब ने खुद ही सुझाओ दिया के शाम को टाउन से बहेर निकल जाओ वाहा ट्रॅफिक नही होती खुली स्ट्रेट सड़क है और बड़ी बड़ी खुली जगह भी है वही सीखा देना. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. मैं ने कहा ठीक है सेठ साहेब आप कहते है तो आज ही ले जाता हू. वो बोले के हा ठीक है अभी शाम बाकी है एक आध घंटा घुमा के ले आओ. मैं ने कहा ठीक है और फिर चंचल से कहा के चाइ पी के चलते है. वो रसोई मे गई और लड़की को चाइ निकालने का कह के आ गई. थोड़ी देर मे चाइ टेबल पे लग

चुकी थी.

raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:36

कोमल भी फ्रेश हो के आ गई थी मैं भी अपने रूम मे जा के फ्रेश हो गया और टेबल पा आ गया. सब ने चाइ पी साथ मे फिर मैं ने कोमल से कहा के सेठ साहेब ने कहा है के चंचल को स्टियरिंग संभालना ही सिखा दू पहले. कोमल ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है जाओ मैं क्या कह सकती हू यह है ना अपने पापा की लाडली मना लिया होगा अपने पापा को.

शाम का समय था, मौसम थोड़ा सा अछा हो गया था. दोपेहेर जितनी गर्मी नही थी और हल्की हल्की सी ठंडी हवा भी चल रही थी. मैं बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहेन के आया चंचल एज यूषुयल अपने मस्ताने ड्रेस मे थी वोही छोटा सा स्कर्ट और ब्लाउस टाइप का टॉप.

मैं और चंचल दोनो कार मे थे और कार को टाउन से बहेर निकल के एक गाओं को जाने वाली छोटी रोड पे टर्न कर लिया जहा कोई कार या ट्रक नही चलते थे. सुनसान सी सड़क थी. वाहा से हार्ड्ली को कार गुज़र जाती. अपने टाउन से जब लग भग 4 - 5 किलोमेटेर बहेर निकल गये तो मैं ने चंचल से कहा के मेरे नज़दीक आ जाओ और ट्राइ करो. वो मेरे पास खिसक के आ गई. मारुति मे बकेट टाइप सीट्स होने की वजह से उसे क्रॉस हो के बैठना पड़ रहा था तो मैं ने कार के बूट मे से एक कुशन निकाल लिया जिसको दोनो सीट्स के बीच मे रख के बैठने की जगह बना ली.

अब चंचल मेरे बोहोत करीब बैठी थी और मैं भी और थोड़ा सा कार के डोर की तरफ खिसक गया ता क उसको अछी ग्रिप मिल जाए. पर उसके लिए फिर भी मुश्किल हो रही थी तो उसने कहा के राजा मुझे अपने गोदी मे बिठा लो ना. इस तरह से मैं स्ट्रेट बैठ सकुगी और रोड भी क्लियर नज़र आएगी. मैं उसके प्रपोज़ल को सुन के दंग रह गया और कुछ नही बोला तो शाएद उसने समझा के मैं उसकी बात से सहमत हू तो वो अपनी एक टांग मेरे ऊपेर से डाल के दूसरी तरफ कर के मेरी गोदी मे बैठ गई. उसके बैठ ते ही मेरे बदन मे जैसे करेंट लगा और करेंट डाइरेक्ट लंड मे घुसा और लंड मे हल चल शुरूहो गई.

कार बोहोत धीमी गति से चल रही थी. चंचल को भी अछी पोज़िशन मिल गई थी और वो मेरी गोदी मे ईज़ी बैठी थी.

वो तो ईज़ी बैठी थी पर मेरे लंड का बुरा हाल था. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स के अंदर अकड़ गया था; पता नही चंचल को महसूस हो रहा था या उसका ध्यान रोड और स्टियरिंग पे था. मेरी साँसें तेज़ी से चलने लगी. दिल चाह रहा था के कार रोक के चंचल को बॅक सीट पे लिटा के को खूब चोदु चोद्ते चोद्ते उसकी छोटी सी चूत को फाड़ डालु.

मेरे हाथ उसके हाथ के ऊपेर थे और उसके चुचिओ को भी थोड़ा थोड़ा टच कर रहे थे. मैं कभी कभी अपने हाथ स्टियरिंग से हटा लेता ता के वो खुद भी कंट्रोल कर सके. ऐसे समय मे मैं अपने हाथ उसके थाइस पे रख लेता था. अफ क्या बताऊं कितने चिकने मक्खन जैसे थाइस है उसके. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. आज पहली बार उसके थाइस को हाथ लगाने का मौका मिला था और हाथ लगते ही मेरे लंड का तो बुरा हाल हो गया. शॉर्ट्स के अंदर मचलने लगा और लंड का सूपड़ा शॉर्ट्स के सामने से बहेर निकल पड़ा और नेकेड सूपड़ा भी उसकी चूत के करीब ही थाइस के पोर्षन मे टच करने लगा.

raj..
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Re: Chanchal choot चंचल चूत

Unread post by raj.. » 23 Dec 2014 06:36

मैं ने धीरे धीरे से अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाना शुरू किया. पहले तो उसका ध्यान मेरे लंड पे नही गया पर जल्दी ही उसको महसूस हो गया के मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के पास है और उसको मेरे हाथ का टच भी फील हुआ तो ऑटोमॅटिकली उस ने अपने टाँगें और फैला दी. ऐसा लगा के जैसे चूत और लंड मे कोई सीक्रेट कनेक्षन हो और लंड के स्वागत मे चूत रेडी हो. मैं थोड़ा सा और आगे खिसक गया तो वो भी अपने चूतदों को थोड़ा सा उठा के अपने आप को मेरी गोदी मे अड्जस्ट कर लिया ऐसे के मेरा लंड उसकी चूत के सामने और दोनो टाँगों के बीच मे हो गया. अब मेरा ध्यान उसको कार सिखाने मे कम और चोदने मे ज़ियादा हो गया. पर डर भी लग रहा था के अभी वो इतनी छोटी है अगर कुछ हो गया तो बोहोत मुश्किल हो जाएगी पर क्या करू आकड़ा हुआ लंड और बेचैन दिल दोनो मचल रहे थे.

चंचल ने अपना एक हाथ स्टियरिंग से हटा के अपनी जाँघ पे लगाया तो उसे मेरे लंड का सूपड़ा हाथ लगा. उसने पूछा राजा यह क्या है. मैं कुछ नही बोला और चुप रहा तो वो शरारत से हास पड़ी और मेरे लंड के सूपदे को दबा दिया. मैं समझ गया के अब मैं कुछ और खेल खेल सकता हू तो मैं ने अपना हाथ उसकी थाइस पे घुमाते घुमाते उसके चूत पे लगा दिया. मेरा हाथ लगते ही तुरंत उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई तभी उसने अपनी टाँगों को और खोल दिया ताके मैं उसकी चूत की मालिश अछी तरह से कर साकु. यह कहानी थे ग्रेट वॉरईयर की लिखी हुई है. मैं उसकी चूत की मालिश कर रहा था और एक हाथ उसके ब्लाउस मे डाल के उसकी मस्त चुचिओ को पकड़ लिया. हाई क्या वंडरफुल चुचियाँ थी उसकी. बहेर से देखने मे उतनी बड़ी नही लगती थी उसकी चुचियाँ मगर अंदर हाथ डाल के जब पकड़ा तो पता चला के चुचियाँ और उसका कंप्लीट एरिया मिला के तो वो मेरे हाथ मे भर गई थी. वाउ. इतनी लव्ली चुचियाँ बोहोत सख़्त जैसे कोई छोटा सा कच्चा आम हो. बड़ा आनंद आ

रहा था उसकी चुचियाँ दबाने मे.वो भी मज़े ले रही थी आँखें बंद कर के.

दोनो की साँसें गहरी हो गई थी. उसका हाथ मेरे लंड पे था और मेरी उंगली उसकी चूत की मसाज कर रही थी कभी उसकी चूत के दाने का मसाज तो कभी चूत के अंदर लिप्स का.

मैं ने कार को सड़क से नीचे उतार लिया और बड़े बड़े पेड़ों (ट्रीस) की आड़ मे रोक दिया.

शाम ज़ियादा हो गई थी और हल्की हल्की डार्कनेस होने लगी थी.


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